Barnaliji 's performance in this episode is simply unparalleled. She is not only the pride of Odisha but also the apple of eye of every devotees of Lord Jagannath in the world. May Lord Jagannath look after her. Jai Jagannath
Our Pranaams to the Servitor of The Lord Jagannaath who brought Sri Jagannath's used Cloth and touched with Barnali. This is the Blessings of the Almighty Lord Jagannaath. Jay Jagannath!
Jeunmane Barnali ku negative comments lekhuchhanti..thare episode dekhiba katha..tanka singing pain Odisha ra parichhaya aji kete ucha sthanare💓 Jai Jagannath 🙏 Thank you Barnali beta❤
She is the daughter of entire Odisha, also a staunch devotee of Lord of the Universe ( Jagannath). Let's all pray before Jagannath that like "Purushottam dev "Lord make Barnali Hota the winner of this show."Bharat ka Amrit Kalash".
Special thanks to Khoka Bhai(Akshay Mohanty) who had composed the music of this episode ❤❤❤❤❤❤❤❤The script was perhaps prepared by the popular lyricist Partha sarathi Mohapatra some 50 years ago. I'm really getting emotional.
ये कहानी है कांची अभियान की। कांची दक्षिण भारत की एक स्थान हैं । जहां की राजकुमारी से ओडिशा के गजपति पुरुषोत्तम देव जी को कांची के राजकुमारी से प्रेम हो गया था और राजकुमारी को भी गजपति पुरुषोत्तम देव प्रेम करती थी। विवाह प्रस्ताव के कारण कांची के नरेश शालव नरसिंह और उनके मंत्री परिषद जगन्नाथजी के रथयात्रा में आमंत्रित थे। जगन्नाथ संस्कृति के परंपरा के अनुसार रथयात्रा में गजपति राजा को रथ के ऊपर झाड़ू मारना रहता है और ये परम्परा सदियों पुराने से चला आ रहा हैं। ये पुराने काल में गजपति महाराजाओं ने एक दिन भगवान जगन्नाथजी की सेवा में चांडाल बनाने का निर्णय लिया हुआ था और भगवान इस सेवा को समर्थ दिए थे और स्वीकार भी करते है। जब पुरुषोत्तम देव, रथ यात्रा के दिन रथपर झाड़ू मार रहे थे। उनका वह चांडाल रूप देखकर। कांची के नरेश और उनके मंत्री परिषद के लोग घृणा करने लगे और कहने लगे ये कैसा राजा है। कांची नरेश साल्व नरसिंह ने अपनी बेटी का ब्याहा गजपति महाराज पुरुषोत्तम देव से करने से मना कर देते हैं और कांची लौट जाते हैं। इस अपमान के कारण गजपति महाराज क्रोधित होते हैं और कांची पर आक्रमण कर देते हैं। गोदावरी नदी के किनारे युद्ध होता है और वह युद्ध में गजपति महाराज परास्त होते हैं। ये अपमान वो सहन नहीं कर पाते और भगवान जगन्नाथ जी के आद्य सेवक होने के नाते । जगन्नाथ जी के सामने रोते है और उनसे कहते हैं ये उत्कल भूखंड का राजा में तो नहीं हूं । राजा तो आप स्वयं ही हो। में तो आपका कार्यभार सेवक हूं। मेरा अपमान का अर्थ है संपूर्ण उत्कल भू भाग का अपमान और उत्कल देश का अपमान का अर्थ है कि स्वयं ब्रह्मांड के मालिक जगन्नाथ जी का अपमान मतलब आपका अपमान । ऐसा बोलकर जगन्नाथजी को अपनी तरफसे युद्ध करने के लिए कहते हैं। जगन्नाथजी के आदेश अनुशार पूरी के राजा गजपति महाराज पुनः कांची पर आक्रमण करते है। उसी समय पुरुषोत्तम देव जी भगवान जगन्नाथ और मां बिमला के एक साथ दर्शन पाकर प्रसन्न होते हैं और शुभ संकेत मानकर युद्ध के लिए प्रस्थान करते है। क्योंकि मां बिमला जी शक्ति का प्रतीक हैं और जगन्नाथ जी सामर्थ्य का प्रतीक है। बलभद्र जी सफेद घोड़े पर और जगन्नाथ जी काले घोड़े पर सवार होकर सेनाओं के आगे चल रहे थे। जैसे ही गजपति की सेना गोदावरी नदी के किनारे पहुंचती हैं। देखती हैं कि कांची के सैन्य घायल और मरे पड़े हैं। कांची के मंत्री और राजा त्राहि त्राहि कर रहे हैं। कांची नरेश अपनी परास्त की स्वीकार करते हैं । गजपति महाराज पद्मावती को अपने साथ ले आते हैं और साथ कांची के इष्ट कांची के गणेश की मूर्ति अपने विजय प्रतीक के रूप में पूरी मंदिर के आते हैं और स्थापित करते है। गजपति महाराज क्रोध से ये आदेश देते है कि कांची की राजकुमारी को बंदी बना लिया जाए और आज से एक वर्ष के भीतर ही उन्हें उत्कल के सबसे बड़े चांडाल से दंड स्वरूप विवाह करा दिया जाएगा। ये सुनकर पद्मावती दुःखी और हताश हो जाती हैं। कांची के राजा और रानी भी ये सुनकर शौकाकुल हो जाते है। गजपति महाराज सबसे बड़े चांडाल ढूंढने का काम अपने मंत्री को देते है। एक वर्ष के बाद पुनः रथ यात्रा आया था और राजा के आदेश अनुशार मंत्री को सबसे बड़ा चांडाल ढूंढ कर पद्मावती का विवाह करना था। जो काम करने में मंत्री अब तक असमर्थ रहा है। इतने दिनों में पद्मावती भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना और भक्ति करती थी और प्राथना करती थी कि राजा का मन और यह नारायण कैसे बदल दी जाए। रथयात्रा के समय सहसा मंत्री के मन में विचार आता है। इस उत्कल भूखंड में राजा ही सबसे श्रेष्ठ है और उनकी सेवा जगन्नाथ की सबसे बड़ी सेवा है। जगन्नाथजी सबसे बड़े हैं और सबसे बड़ा व्यक्ति सबसे बड़े भगवान की सबसे छोटी सेवा अर्थात चांडाल सेवा करेगा तो राजा ही सबसे बड़े चांडाल है । तो राजा ही पद्मावती से विवाह करने के लिए योग्य हैं। ये बात मंत्री ने अपने मंत्री मंडल में रखा और तर्क वितर्क और ज्ञान लगाया गया कि बात तो सही है। और जगन्नाथ जी की इच्छा ही यही है तो ये बात गणपति पुरुषोत्तम देवजी को बताई गई। जिसमें राजा भी असमंजस में पड़ गए और मंत्रियों की तार्किक बुद्धि से खुश हुए । इसे जगन्नाथ जी का आदेश और अनुग्रह मानकर गजपति महाराज से राजकुमारी पद्मावती का पानी ग्रहण संस्कार स्वीकार किया। जय जगन्नाथ। जय मां बिमला
Goosebumps asigala satare barnali hota mam🎉❤🥵
Jagannaath presented His Love and Grace to Barnali Hota. We love you Dear Sister Barnali!
Proud of you barnali didi👌👌👌i am very proud for my state and also my lord jagannath 🙏❤️
Barnaliji 's performance in this episode is simply unparalleled. She is not only the pride of Odisha but also the apple of eye of every devotees of Lord Jagannath in the world. May Lord Jagannath look after her. Jai Jagannath
Our Pranaams to the Servitor of The Lord Jagannaath who brought Sri Jagannath's used Cloth and touched with Barnali.
This is the Blessings of the Almighty Lord Jagannaath.
Jay Jagannath!
ଗୀତ ମଝିରେ ମାଣିକ ଗୈଡଣୀ କଥା missing achi ଯଦି ଥାନ୍ତା ଗୀତ ଟି ଆହୁରି ମଜାଦାର ଲାଗିଥାନ୍ତା 😊
Very nice 👍 song 🎉❤😮❤❤❤...
Akshaya mahantinka ahi Gita ti pura heart touching ❤❤❤
Au tumarabi❤❤❤
Jai Jagannath
More power to Her
Goosebumps ❤
Jabar dast❤😮🎉🎉🎉🎉
Matrubhasa re sundar 🎉
Jai jagannath Swami
Love you dear Barnali ❤❤ from Bargarh
Jay Jagannath
Really awesome Barnali
Fantastic carry on
Great song
ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ 🙏 Beautiful Performance
ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ ! Jay Jagannath !
Congratulations Dear Sister Barnali Hota!
ଅତିସୁନ୍ଦର 💐🙏🙏🙏💐
Super se upar performance
Jay Jagannatha 💐🙏💐🙏💐🙏
Jeunmane Barnali ku negative comments lekhuchhanti..thare episode dekhiba katha..tanka singing pain Odisha ra parichhaya aji kete ucha sthanare💓
Jai Jagannath 🙏
Thank you Barnali beta❤
Jay jagarnnath 🙏🙏🙏
Jay jagannath
Jay Jagannath!
Great odisha great song great odisha Jagannath
Jay jagannath swamy 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
❤❤❤❤❤❤❤❤apka darsan❤bada❤durlabh❤sir❤आपको कोटी कोटी नमन❤love❤you❤
Very good Folk Song in Odia sung by Barnali Hota.
Jay jagannath ❤
Excellent presentation.
Jay jagannath 🙏🏼🙏🏼
Excellent barnali keep it up
ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ 👍👍👍
jay jaganath jay odisha ❤❤❤
Jai jagannath 🙏🙏🙏
Barnali Hota sings very nicely.
Jai Jagannatha
Good voice God bless U
Jaya Sree Jagannath Swami Jaya
Jay Jagannath Swami
Jay jagannath kailash kherji
Jay jagannath ❤ mahaprabhu
ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ 👏👏
Nice song ❤
Excellent barnali
Awesome
Jay Jagannath🙏
Jay jaganath AA
Jay Jagannath University
Jay Jagannath ❤🙏🙏
ଭାରତୀୟ ଝିଅ ତୁମେ ଜଗନ୍ନାଥଙ୍କ ଦର୍ଶନରେ ଯାଉଛ ତୁମେ କୁ ଶ୍ରୀ ଜଗନ୍ନାଥ ସ୍ବାମୀ ତୁମର ମଙ୍ଗଳ କରନ୍ତୁ ମା
Really appreciate
Nice singing by branali
❤ Barnali ❤
👌👌👌👌👌
Jay jagannath,
Good 😊❤
Outstanding performance
Jay Jagannath! Heart-touching Story. Thanks to Barnali Hota for the description.
She is the daughter of entire Odisha, also a staunch devotee of Lord of the Universe ( Jagannath). Let's all pray before Jagannath that like "Purushottam dev "Lord make Barnali Hota the winner of this show."Bharat ka Amrit Kalash".
Very nice
❤❤❤❤❤❤u barnali
❤❤❤❤❤
Special thanks to Khoka Bhai(Akshay Mohanty) who had composed the music of this episode ❤❤❤❤❤❤❤❤The script was perhaps prepared by the popular lyricist Partha sarathi Mohapatra some 50 years ago. I'm really getting emotional.
Nice voice..
Love you ❤❤
Barnali listens her praise silently.
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤super duper mind blowing❤❤❤❤❤❤❤❤बरनालि❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤thanks channel❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
ये कहानी है कांची अभियान की। कांची दक्षिण भारत की एक स्थान हैं । जहां की राजकुमारी से ओडिशा के गजपति पुरुषोत्तम देव जी को कांची के राजकुमारी से प्रेम हो गया था और राजकुमारी को भी गजपति पुरुषोत्तम देव प्रेम करती थी। विवाह प्रस्ताव के कारण कांची के नरेश शालव नरसिंह और उनके मंत्री परिषद जगन्नाथजी के रथयात्रा में आमंत्रित थे। जगन्नाथ संस्कृति के परंपरा के अनुसार रथयात्रा में गजपति राजा को रथ के ऊपर झाड़ू मारना रहता है और ये परम्परा सदियों पुराने से चला आ रहा हैं। ये पुराने काल में गजपति महाराजाओं ने एक दिन भगवान जगन्नाथजी की सेवा में चांडाल बनाने का निर्णय लिया हुआ था और भगवान इस सेवा को समर्थ दिए थे और स्वीकार भी करते है। जब पुरुषोत्तम देव, रथ यात्रा के दिन रथपर झाड़ू मार रहे थे। उनका वह चांडाल रूप देखकर। कांची के नरेश और उनके मंत्री परिषद के लोग घृणा करने लगे और कहने लगे ये कैसा राजा है। कांची नरेश साल्व नरसिंह ने अपनी बेटी का ब्याहा गजपति महाराज पुरुषोत्तम देव से करने से मना कर देते हैं और कांची लौट जाते हैं। इस अपमान के कारण गजपति महाराज क्रोधित होते हैं और कांची पर आक्रमण कर देते हैं। गोदावरी नदी के किनारे युद्ध होता है और वह युद्ध में गजपति महाराज परास्त होते हैं। ये अपमान वो सहन नहीं कर पाते और भगवान जगन्नाथ जी के आद्य सेवक होने के नाते । जगन्नाथ जी के सामने रोते है और उनसे कहते हैं ये उत्कल भूखंड का राजा में तो नहीं हूं । राजा तो आप स्वयं ही हो। में तो आपका कार्यभार सेवक हूं। मेरा अपमान का अर्थ है संपूर्ण उत्कल भू भाग का अपमान और उत्कल देश का अपमान का अर्थ है कि स्वयं ब्रह्मांड के मालिक जगन्नाथ जी का अपमान मतलब आपका अपमान । ऐसा बोलकर जगन्नाथजी को अपनी तरफसे युद्ध करने के लिए कहते हैं। जगन्नाथजी के आदेश अनुशार पूरी के राजा गजपति महाराज पुनः कांची पर आक्रमण करते है। उसी समय पुरुषोत्तम देव जी भगवान जगन्नाथ और मां बिमला के एक साथ दर्शन पाकर प्रसन्न होते हैं और शुभ संकेत मानकर युद्ध के लिए प्रस्थान करते है। क्योंकि मां बिमला जी शक्ति का प्रतीक हैं और जगन्नाथ जी सामर्थ्य का प्रतीक है। बलभद्र जी सफेद घोड़े पर और जगन्नाथ जी काले घोड़े पर सवार होकर सेनाओं के आगे चल रहे थे। जैसे ही गजपति की सेना गोदावरी नदी के किनारे पहुंचती हैं। देखती हैं कि कांची के सैन्य घायल और मरे पड़े हैं। कांची के मंत्री और राजा त्राहि त्राहि कर रहे हैं। कांची नरेश अपनी परास्त की स्वीकार करते हैं । गजपति महाराज पद्मावती को अपने साथ ले आते हैं और साथ कांची के इष्ट कांची के गणेश की मूर्ति अपने विजय प्रतीक के रूप में पूरी मंदिर के आते हैं और स्थापित करते है। गजपति महाराज क्रोध से ये आदेश देते है कि कांची की राजकुमारी को बंदी बना लिया जाए और आज से एक वर्ष के भीतर ही उन्हें उत्कल के सबसे बड़े चांडाल से दंड स्वरूप विवाह करा दिया जाएगा। ये सुनकर पद्मावती दुःखी और हताश हो जाती हैं। कांची के राजा और रानी भी ये सुनकर शौकाकुल हो जाते है। गजपति महाराज सबसे बड़े चांडाल ढूंढने का काम अपने मंत्री को देते है। एक वर्ष के बाद पुनः रथ यात्रा आया था और राजा के आदेश अनुशार मंत्री को सबसे बड़ा चांडाल ढूंढ कर पद्मावती का विवाह करना था। जो काम करने में मंत्री अब तक असमर्थ रहा है। इतने दिनों में पद्मावती भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना और भक्ति करती थी और प्राथना करती थी कि राजा का मन और यह नारायण कैसे बदल दी जाए। रथयात्रा के समय सहसा मंत्री के मन में विचार आता है। इस उत्कल भूखंड में राजा ही सबसे श्रेष्ठ है और उनकी सेवा जगन्नाथ की सबसे बड़ी सेवा है। जगन्नाथजी सबसे बड़े हैं और सबसे बड़ा व्यक्ति सबसे बड़े भगवान की सबसे छोटी सेवा अर्थात चांडाल सेवा करेगा तो राजा ही सबसे बड़े चांडाल है । तो राजा ही पद्मावती से विवाह करने के लिए योग्य हैं। ये बात मंत्री ने अपने मंत्री मंडल में रखा और तर्क वितर्क और ज्ञान लगाया गया कि बात तो सही है। और जगन्नाथ जी की इच्छा ही यही है तो ये बात गणपति पुरुषोत्तम देवजी को बताई गई। जिसमें राजा भी असमंजस में पड़ गए और मंत्रियों की तार्किक बुद्धि से खुश हुए । इसे जगन्नाथ जी का आदेश और अनुग्रह मानकर गजपति महाराज से राजकुमारी पद्मावती का पानी ग्रहण संस्कार स्वीकार किया।
जय जगन्नाथ। जय मां बिमला
❤️❤️❤️🙏🙏🙏
Ame Kalia rajar praja
Branali
Super class performance
Music achha nahi hai nahi toh song or bhi achha lagta ❤❤🎉
ଚମତ୍କାର ମନ ମୋହିନେଲା
Sundarodia
❤
Barnali hota
Koti odia nka hruday ra bhasa
F
Diane.o.D.C
Bro u don't know ama rakta rakta re Jagannath basakaranti
What more one needs?
Jai jagannath swami
Jay jagannath 🙏
Jay Jay Jagannath 🙏
Jay Jagannath 🙏