।।कविता।।जब मै था तब तू नही, अब तू है मै नाहि। सब भ्रम और भ्रांति मिट गई, जब सारशबद अखण्ड धुन चित्त मे प्रगट समाई।।00।।सत का बांदा परमपिता परमात्मा संत सुजान रुप मे, चारो युगो मे शबद लखावन आया। जिससे कोई कोई विरला ही अखंड सारशबद ले पाया-सतगुरु सतधामी ने ऐसा खेल रचाया-।।00।।सतयुग मे सत सुकृत अवतारा, त्रेता नाम मुनि मुनिन्द्र जी धारा। द्वापर मे करुणांमय स्वामी, कलिकाल मे संत कबीर सुजानी। अब तो साल बीसम बीसा से उनने पहले अपने नांद पुत्र को धरा धाम पर पहुँचाया। साँई अरुण जी शेलार उसका छापक नाम धराया, जिसको सारशब्दी भेद लखाया। अब तो मै खुद विदेही रुप धर घर घर जाकर सारशबद अखण्ड का संतो को बोध कराता हूँ। अंत समय आने पर मेरे सारशब्दी संतो को मेरे सतलोक ले जाता हूँ।।01।।विदेही बेहदी सत कबीर सुजान का आदेश पाकर, साँई अरुण जी महाराज ने यूट्यूब और फैश बुक पर रोज रोज सतसंग सुनाय रहे। सत साहेब कबीर सुजान का दिया पुराना गुरुवचन निभाय रहे। जागो जागो भाई बहनो अब आई जागन की बार, फिर क्या जागेगा ऊंघता जब जग सोवेगा पैर पसार। कै जागेगा कोई रोगी भोगी, कै जागे नर चोर। कै जागे कोई संत सूरमा, जिन लागि परमपिता से शबद गुरु की डोर-।।02।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी,,7898158018-🙏🏻🌹
सतनाम साहेब कबीर 🙏🙏🙏🙏🙏
Dip guruji ko pranam🎉
Satguru saheb bandagi ❤
त्रजय हो परमपिता प्रमेश्वरजी आप के चरण कमलो मे कोटि कोटि प्रणाम🙏🏻🌹🙏🏻
Hu y😢tv mo
Bangi saheb
Jay Shri Krishna guruji main aapke video hamesha dekhti rahti mujhe bahut achcha lagta hai Guru ji namaste
गुरुजी परनाम गुरदेव आप महान हो हुकमनाथ जोधपुर से
Saheb ji aapko Dekhte hi lagta hai ki aap ek Mahan Purush hai
🎉
01 nambar guru ji sahab bandagi sat nam bhurelal suryawanshi
।।कविता।।जब मै था तब तू नही, अब तू है मै नाहि। सब भ्रम और भ्रांति मिट गई, जब सारशबद अखण्ड धुन चित्त मे प्रगट समाई।।00।।सत का बांदा परमपिता परमात्मा संत सुजान रुप मे, चारो युगो मे शबद लखावन आया। जिससे कोई कोई विरला ही अखंड सारशबद ले पाया-सतगुरु सतधामी ने ऐसा खेल रचाया-।।00।।सतयुग मे सत सुकृत अवतारा, त्रेता नाम मुनि मुनिन्द्र जी धारा। द्वापर मे करुणांमय स्वामी, कलिकाल मे संत कबीर सुजानी। अब तो साल बीसम बीसा से उनने पहले अपने नांद पुत्र को धरा धाम पर पहुँचाया। साँई अरुण जी शेलार उसका छापक नाम धराया, जिसको सारशब्दी भेद लखाया। अब तो मै खुद विदेही रुप धर घर घर जाकर सारशबद अखण्ड का संतो को बोध कराता हूँ। अंत समय आने पर मेरे सारशब्दी संतो को मेरे सतलोक ले जाता हूँ।।01।।विदेही बेहदी सत कबीर सुजान का आदेश पाकर, साँई अरुण जी महाराज ने यूट्यूब और फैश बुक पर रोज रोज सतसंग सुनाय रहे। सत साहेब कबीर सुजान का दिया पुराना गुरुवचन निभाय रहे। जागो जागो भाई बहनो अब आई जागन की बार, फिर क्या जागेगा ऊंघता जब जग सोवेगा पैर पसार। कै जागेगा कोई रोगी भोगी, कै जागे नर चोर। कै जागे कोई संत सूरमा, जिन लागि परमपिता से शबद गुरु की डोर-।।02।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी,,7898158018-🙏🏻🌹
Llo,1
🙏🌹❤🚩❤🌹🙏
🙏👌💐🌷👌🌷💐👌🙏
DEEP GURUJI
AAPKE SHREE CHARNOME KOTI KOTI NAMAM
🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏
❤❤😂😢😢
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👍🙏🙏👍👍
चरखा रोभेद बात दे।।।भजन का अर्थ चाहिए।।कृपा होगी
😅😅😢😅😅😅😅😅
Free fire game
एक ही एक भजन बनाते हो क्या