सबसे पहले 7वीं सदी के अपने उन पूर्वजों से करबद्ध क्षमा प्रार्थना, उनकी कुबानियों को अब तक न्याय नहीं मिला, हम एक जैन राष्ट्र/शहर की 1300 ,बाद भी स्थापना नहीं कर पाए..मरते मरते उन्होन ने भी मन में प्रार्थना की होगी काश हमारा भी राष्ट्र होता.!!. दुनिया के 200 देशों में एक भी जैन देश या दुबई / सिंगापुर जैसा जैन शहर तक नहीं है... . जिसको देख के बाकी दुनिया कहे के अहिंसा से भी जिया जा सकता है और उसका परिनाम है आज के युद्ध 🙏 ~ हमें अपने अगले कल्याण मुनी का इंतज़ार है , उने चरणों में अभी से कोटी कोटी वंदन... जो जैन परंपरा को आने आले पीढ़ियों के लिए अगले 300-400 साल् के लिये सुरक्षित करेंगे 🙏🙏 namostu gurudev
सबसे पहले 7वीं सदी के अपने उन पूर्वजों से करबद्ध क्षमा प्रार्थना, उनकी कुबानियों को अब तक न्याय नहीं मिला, हम एक जैन राष्ट्र/शहर की 1300 ,बाद भी स्थापना नहीं कर पाए..मरते मरते उन्होन ने भी मन में प्रार्थना की होगी काश हमारा भी राष्ट्र होता.!!. दुनिया के 200 देशों में एक भी जैन देश या दुबई / सिंगापुर जैसा जैन शहर तक नहीं है... . जिसको देख के बाकी दुनिया कहे के अहिंसा से भी जिया जा सकता है और उसका परिनाम है आज के युद्ध 🙏 ~ हमें अपने अगले कल्याण मुनी का इंतज़ार है , उने चरणों में अभी से कोटी कोटी वंदन... जो जैन परंपरा को आने आले पीढ़ियों के लिए अगले 300-400 साल् के लिये सुरक्षित करेंगे 🙏🙏 namostu gurudev