श्रीमद्भगवद्गीता के पंद्रहवें अध्याय का महात्म्य।। SRIMADBHAGVAD GITA

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  • Опубликовано: 15 окт 2024
  • श्रीमद्भवादगीता के पंद्रहवे अध्याय का महात्म्य।
    गीता के वचन स्वयम श्री कृष्ण की वाणी है।हर अध्याय का महात्म्य अध्याय की विशिष्टता का बोध कराता है।
    कर्म ही जीवन है हर परिस्थिति में सम रहने वाला ही कृष्ण का प्रिय है।बोलिए ,राधे राधे,जय जय श्री राधे
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