जनता को केवल अपना वोट देने का अधिकार है बाकी सभी अधिकार राजनैतिक दलों को है जो अपने हित में होगा वह उसका ही समर्थन करने को विवश है, जनता तो सबसे बाद में आती है।
ज्ञानी बाबा अब तक जो भी चुनाव हो रहे हैं स्टूडियो में बैठकर हर महीने स्टूडियो के टीआरपी प्रतियोगिता होती है राष्ट्रीय और राज्य की मीडिया टीम का क्या होगा कौन टीवी डिबेट्स को दिखेगा पत्रकारों का क्या होगा देश की जीडीपी की तो बात छोड़ ही दीजिए चुनाव के समय सेंसेक्स का ऊपर नीचे होना जनता की क्रिया प्रतिक्रिया व्यक्त करना सरकार को जिम्मेदार या लापरवाह केवल 4 सालों में निश्चित होगा देश के अर्थव्यवस्था के जानकार से पूछना पड़ेगा देश की मीडिया जनता की आमदनी या फिर अर्थव्यवस्था से संबंधित किसी भी समस्या या समाधान की जिम्मेदारी कौन लेगा उसके लिए भी कानून बना देने से हर स्थिति में जिम्मेदारी और भुगतान के लिए तैयार है सामने वाला ज्ञानी तभी है जब तक उसको उसका प्रतिद्वंदी ना मिले
जनता को केवल अपना वोट देने का अधिकार है बाकी सभी अधिकार राजनैतिक दलों को है जो अपने हित में होगा वह उसका ही समर्थन करने को विवश है, जनता तो सबसे बाद में आती है।
जनता को केवल अपना वोट देने का अधिकार है बाकी सभी अधिकार राजनैतिक दलों को है जो अपने हित में होगा वह उसका ही समर्थन करने को विवश है, जनता तो सबसे बाद में आती है।
जनता को केवल अपना वोट देने का अधिकार है बाकी सभी अधिकार राजनैतिक दलों को है जो अपने हित में होगा वह उसका ही समर्थन करने को विवश है, जनता तो सबसे बाद में आती है।
Bilkul hona chahiye
I support one nation one election.
Ek chunaw hona chahiye
बार बार चुनाव से वोटर भी कुछ उदासीन हो जाते है।
दो बार फिर भी हम विकसित देश इसको प्यार में लोगों को लेकर चिंतित है कयम
Yas 100/100
Ok
ज्ञानी बाबा अब तक जो भी चुनाव हो रहे हैं स्टूडियो में बैठकर हर महीने स्टूडियो के टीआरपी प्रतियोगिता होती है राष्ट्रीय और राज्य की मीडिया टीम का क्या होगा कौन टीवी डिबेट्स को दिखेगा पत्रकारों का क्या होगा देश की जीडीपी की तो बात छोड़ ही दीजिए चुनाव के समय सेंसेक्स का ऊपर नीचे होना जनता की क्रिया प्रतिक्रिया व्यक्त करना सरकार को जिम्मेदार या लापरवाह केवल 4 सालों में निश्चित होगा देश के अर्थव्यवस्था के जानकार से पूछना पड़ेगा देश की मीडिया जनता की आमदनी या फिर अर्थव्यवस्था से संबंधित किसी भी समस्या या समाधान की जिम्मेदारी कौन लेगा उसके लिए भी कानून बना देने से हर स्थिति में जिम्मेदारी और भुगतान के लिए तैयार है सामने वाला ज्ञानी तभी है जब तक उसको उसका प्रतिद्वंदी ना मिले
जनता को केवल अपना वोट देने का अधिकार है बाकी सभी अधिकार राजनैतिक दलों को है जो अपने हित में होगा वह उसका ही समर्थन करने को विवश है, जनता तो सबसे बाद में आती है।
जनता को केवल अपना वोट देने का अधिकार है बाकी सभी अधिकार राजनैतिक दलों को है जो अपने हित में होगा वह उसका ही समर्थन करने को विवश है, जनता तो सबसे बाद में आती है।