जय श्री राम राजा सरकार मम त्वम् शरणं 🙏🙏🙏 कोटि-कोटि दण्डवत प्रणाम करता हूं प्रभु 🙏🙏🙏 हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे 🙏🙏🙏🙏🙏अति उत्तम धन्यवाद प्रभु 🙏
*ओम शांति 13.02.2022 ★【परमात्म शिक्षाएं】★ 1) सरलता एक बहुत बड़ा गुण है। जो सरल होगा, वह इंसान easy रहेगा internally ... सरल इंसान, patience भी रख सकता है। क्योंकि वो easy gonig होता है, वह हर चीज़ को easily लेता है, पर साथ ही साथ जागरूक भी रहता है, सोई हुई आत्मा नहीं होती वो...। 2) अहंकार का मोटा रूप अर्थात् ... जब हमें धन का अहंकार हो जाता है, अपने सुन्दर शरीर का, कोई वस्तु, वैभवों का, चीज़ों का अहंकार हो जाता है। जब पैसा, पाॅवर, position आ जाती है और इंसान की जुबान ही खराब हो जाती है, वो जैसे फिर किसी को कुछ समझना ही बंद कर देता, अपने को बहुत बड़ा और दूसरों को तुच्छ समझने लगता है...! अहंकार का सूक्षम रूप अर्थात् ... हमें अपनी बुद्धि का, अपनी अच्छाईयों का, जो भी दान-पुण्य का काज हम करते हैं, तो हम उसका भी अभिमान कर बैठते हैं...! ज्ञान का, अपनी तपस्या का, सेवाओं का, अपने त्याग एवं धारणाओं का भी आत्मा को अभिमान हो जाता है। 3) शिवबाबा कहते हैं - हल्के रहो, खुश रहो ... कोई भी बात आती है, तो उस पर ज्यादा विचार मत करो। उसे या तो accept करो, या परमात्मा पिता को दिल से समर्पण कर दो। 4) जिस आत्मा की समर्पण बुद्धि होती है, तो उसकी सारी इच्छाएँ भी समर्पण हो जाती हैं परमात्मा बाप के आगे...! वह अगर कुछ भी, बड़ी से बड़ी इच्छा पर भी ज़ोर देकर बैठा हो, तब भी वह समर्पण कर देता है। और जितनी समर्पणता बढ़ती है, उतनी ही हमारी मन की स्थिति भी light होती जाती है। 5) स्वतंत्रता जो है, वह real खुशी है। क्योंकि बंधा हुआ इंसान खुश रह ही नहीं सकता, चाहे उसे कितने ही सुख-सुविधा इत्यादि, क्यों ना दे दी जाए...। क्योंकि बंधन हमें भारी कर देता है और स्वतंत्रता हमें हल्का बना देती है, हमारे अंदर उमंग-उत्साह को बढ़ा देती है।❤️❤️❤️❤️❤️❤️
माता सीता की यह रोचक लोककथा आपका दिल जीत लेगी, धन के भंडार भर देगी... इस कहानी को सीता माता कहती थी और श्रीराम सुना करते थे। एक दिन श्रीराम भगवान को किसी काम के लिए बाहर जाना पड़ गया तो सीता माता कहने लगी कि भगवान मेरा तो बारह वर्ष का नितनेम (नित्य नियम) है। अब आप बाहर जाएंगे तो मैं अपनी कहानी किसे सुनाऊंगी? श्रीराम ने कहा कि तुम कुएं की पाल पर जाकर बैठ जाना और वहां जो औरतें पानी भरने आएंगी उन्हें अपनी कहानी सुना देना। सीता माता कुएं की पाल पर जाकर बैठ जाती हैं। एक स्त्री आई उसने रेशम की जरी की साड़ी पहन रखी थी और सोने का घड़ा ले रखा था। सीता माता उसे देख कहती हैं कि बहन मेरा बारह वर्ष का नितनेम सुन लो। पर वह स्त्री बोली कि मैं तुम्हारा नितनेम सुनूंगीं तो मुझे घर जाने में देर हो जाएगी और मेरी सास मुझसे लड़ेगी। उसने कहानी नहीं सुनी और चली गई। उसकी रेशम जरी की साड़ी फट गई, सोने का घड़ा मिट्टी के घड़े में बदल गया। सास ने देखा तो पूछा कि ये किस का दोष अपने सिर लेकर आ गई है? बहू ने कहा कि कुएं पर एक औरत बैठी थी उसने कहानी सुनने के लिए कहा लेकिन मैने सुनी नही जिसका यह फल मिला। बहू की बात सुनकर अगले दिन वही साड़ी और घड़ा लेकर सास कुएं की पाल पर गई। सास को वहीं माता सीता बैठी मिलीं तो माता सीता ने कहा कि बहन मेरी कहानी सुन लीजिए... सास बोली कि एक बार छोड़, मैं तो चार बार कहानी सुन लूंगी... . राम आए लक्ष्मण आए देश के पुजारी आए नितनेम का नेम लाए आओ राम बैठो राम तपी रसोई जियो राम, माखन मिसरी खाओ राम दूध बताशा पियो राम,सूत के पलका मोठो राम शाल दुशाला पोठो राम, शाल दुशाला ओढ़ो राम जब बोलूं जब राम ही राम, राम संवारें सब के काम खाली घर भंडार भरेंगे सब का बेड़ा पार करेंगे श्री राम जय राम जय-जय राम सास बोली कि बहन कहानी तो बहुत अच्छी लगी। कहानी सुनकर सास घर चली गई और उसकी साड़ी फिर से रेशम जरी की बन गई। मिट्टी का घड़ा फिर सोने के घड़े में बदल गया। बहू कहने लगी सासू मां, आपने ये सब कैसे किया? सास ने कहा कि बहू तू दोष लगा के आई थी और मैं अब दोष उतारकर आ रही हूं. . . बहू ने फिर पूछा कि वह कुएं वाली स्त्री कौन है? सास बोली कि वे सीता माता थीं... वे पुराने से नया कर देती हैं, खाली घर में भंडार भर देती हैं, वह लक्ष्मी जी का वास घर में कर देती हैं, आदमी की जो भी इच्छा हो उसे पूरा कर देती हैं.... बहू बोली कि ऎसी कहानी मुझे भी सुना दो.... सास बोली कि ठीक है तुम भी सुनो और सास ने कहानी शुरु की... राम आए लक्ष्मण आए देश के पुजारी आए नितनेम का नेम लाए आओ राम बैठो राम तपी रसोई जियो राम, माखन मिसरी खाओ राम दूध बताशा पियो राम,सूत के पलका मोठो राम शाल दुशाला पोठो राम, शाल दुशाला ओढ़ो राम जब बोलूं जब राम ही राम, राम संवारें सब के काम खाली घर भंडार भरेंगे सब का बेड़ा पार करेंगे श्री राम जय राम जय-जय राम कहानी सुनकर बहू बोली कि कहानी तो बहुत अच्छी है.. .. सास ने कहा कि ठीक है इस कहानी को रोज कहा करेगें। अब सास-बहू रोज सवेरे उठती, नहाती-धोती और पूजा करने के बाद नितनेम की सीता की कहानी कहती। एक दिन उनके यहां एक पड़ोस की औरत आई और बोली कि बहन जरा सी आंच देना तो वह बोली कि आंच तो अभी हमने जलाई ही नहीं। पड़ोसन ने कहा कि तुम सुबह चार बजे से उठकर क्या कर रही हो फिर? उन्होंने कहा कि सुबह उठकर हम पूजा करते हैं फिर सीता माता की नितनेम की कहानी कहते हैं। पड़ोसन ने उनकी बात सुनकर फिर कहा कि सीता माता की कहानी कहने से तुम्हें क्या मिला? वे बोली कि इनकी कहानी कहने से घर में भंडार भर जाते हैं। सारे काम सिद्ध होते हैं, मन की इच्छा भी पूरी होती है। पड़ोसन कहती है कि बहन ऎसी कहानी तो मुझे भी सुना दो फिर। वह बोली कि ठीक है तुम भी यह कहानी सुन लो... राम आए लक्ष्मण आए देश के पुजारी आए नितनेम का नेम लाए आओ राम बैठो राम …………….. सारी कहानी सुनने के बाद पड़ोसन कहने लगी बहन कहानी तो मुझे बहुत अच्छी लगी। अब वह पड़ोसन भी नितनेम सीता माता की कहानी कहने लगी। कहानी कहने से सीता माता ने पड़ोसन के भी भंडार भर दिए। अब तो पूरे मोहल्ले में नितनेम की कथा चल पड़ी.. हर किसी की मनोकामना पूरी होने लगी... हे सीता माता ! जैसे आपने उनके भंडार भरे, वैसे ही आप हमारे भी भंडार भरना। कहानी सुनने वाले के भी और कहानी कहने वाले के भी। उत्तरप्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में आज भी यह कथा सीता जयंती पर चाव से सुनाई जाती है।*
द्रौपदी का कर्ज"।। अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा महल में झाड़ू लगा रही थी तो द्रौपदी उसके समीप गई उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोली, "पुत्री भविष्य में कभी तुम पर घोर से घोर विपत्ति भी आए तो कभी अपने किसी नाते-रिश्तेदार की शरण में मत जाना। सीधे भगवान की शरण में जाना।" उत्तरा हैरान होते हुए माता द्रौपदी को निहारते हुए बोली, "आप ऐसा क्यों कह रही हैं माता ?" द्रौपदी बोली, "क्योंकि यह बात मेरे ऊपर भी बीत चुकी है। जब मेरे पांचों पति कौरवों के साथ जुआ खेल रहे थे, तो अपना सर्वस्व हारने के बाद मुझे भी दांव पर लगाकर हार गए। फिर कौरव पुत्रों ने भरी सभा में मेरा बहुत अपमान किया। मैंने सहायता के लिए अपने पतियों को पुकारा मगर वो सभी अपना सिर नीचे झुकाए बैठे थे। पितामह भीष्म, द्रोण धृतराष्ट्र सभी को मदद के लिए पुकारती रही मगर किसी ने भी मेरी तरफ नहीं देखा, वह सभी आँखें झुकाए आँसू बहाते रहे। सबसे निराशा होकर मैंने श्रीकृष्ण को पुकारा, "आपके सिवाय मेरा और कोई भी नहीं है, तब श्रीकृष्ण तुरंत आए और मेरी रक्षा की।" जब द्रौपदी पर ऐसी विपत्ति आ रही थी तो द्वारिका में श्री कृष्ण बहुत विचलित होते हैं। क्योंकि उनकी सबसे प्रिय भक्त पर संकट आन पड़ा था। रूकमणि उनसे दुखी होने का कारण पूछती हैं तो वह बताते हैं मेरी सबसे बड़ी भक्त को भरी सभा में नग्न किया जा रहा है। रूकमणि बोलती हैं, "आप जाएँ और उसकी मदद करें।" श्री कृष्ण बोले, "जब तक द्रोपदी मुझे पुकारेगी नहीं मैं कैसे जा सकता हूँ। एक बार वो मुझे पुकार लें तो मैं तुरंत उसके पास जाकर उसकी रक्षा करूँगा। तुम्हें याद होगा जब पाण्डवों ने राजसूर्य यज्ञ करवाया तो शिशुपाल का वध करने के लिए मैंने अपनी उंगली पर चक्र धारण किया तो उससे मेरी उंगली कट गई थी। उस समय "मेरी सभी पत्नियाँ वहीं थी। कोई वैद्य को बुलाने भागी तो कोई औषधि लेने चली गई। मगर उस समय मेरी इस भक्त ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ा और उसे मेरी उंगली पर बाँध दिया। आज उसी का ऋण मुझे चुकाना है, लेकिन जब तक वो मुझे पुकारेगी नहीं मैं जा नहीं सकता।" अत: द्रौपदी ने जैसे ही भगवान कृष्ण को पुकारा प्रभु तुरंत ही दौड़े गए।❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
राधे राधे राधे राधे राधे राधे श्याम महादेव
जय श्री राम राजा सरकार मम त्वम् शरणं 🙏🙏🙏 कोटि-कोटि दण्डवत प्रणाम करता हूं प्रभु 🙏🙏🙏 हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे 🙏🙏🙏🙏🙏अति उत्तम धन्यवाद प्रभु 🙏
सादर जय सियाराम 🙏🙏
Jay. Shree.. 🌹ram🌷siya. Ji. Ki. 🐚Jay🐢hanuman 🐬jiki.🦖jai
*ओम शांति
13.02.2022
★【परमात्म शिक्षाएं】★
1)
सरलता एक बहुत बड़ा गुण है। जो सरल होगा, वह इंसान easy रहेगा internally ... सरल इंसान, patience भी रख सकता है। क्योंकि वो easy gonig होता है, वह हर चीज़ को easily लेता है, पर साथ ही साथ जागरूक भी रहता है, सोई हुई आत्मा नहीं होती वो...।
2)
अहंकार का मोटा रूप अर्थात् ... जब हमें धन का अहंकार हो जाता है, अपने सुन्दर शरीर का, कोई वस्तु, वैभवों का, चीज़ों का अहंकार हो जाता है। जब पैसा, पाॅवर, position आ जाती है और इंसान की जुबान ही खराब हो जाती है, वो जैसे फिर किसी को कुछ समझना ही बंद कर देता, अपने को बहुत बड़ा और दूसरों को तुच्छ समझने लगता है...!
अहंकार का सूक्षम रूप अर्थात् ... हमें अपनी बुद्धि का, अपनी अच्छाईयों का, जो भी दान-पुण्य का काज हम करते हैं, तो हम उसका भी अभिमान कर बैठते हैं...! ज्ञान का, अपनी तपस्या का, सेवाओं का, अपने त्याग एवं धारणाओं का भी आत्मा को अभिमान हो जाता है।
3)
शिवबाबा कहते हैं - हल्के रहो, खुश रहो ... कोई भी बात आती है, तो उस पर ज्यादा विचार मत करो। उसे या तो accept करो, या परमात्मा पिता को दिल से समर्पण कर दो।
4)
जिस आत्मा की समर्पण बुद्धि होती है, तो उसकी सारी इच्छाएँ भी समर्पण हो जाती हैं परमात्मा बाप के आगे...! वह अगर कुछ भी, बड़ी से बड़ी इच्छा पर भी ज़ोर देकर बैठा हो, तब भी वह समर्पण कर देता है। और जितनी समर्पणता बढ़ती है, उतनी ही हमारी मन की स्थिति भी light होती जाती है।
5)
स्वतंत्रता जो है, वह real खुशी है। क्योंकि बंधा हुआ इंसान खुश रह ही नहीं सकता, चाहे उसे कितने ही सुख-सुविधा इत्यादि, क्यों ना दे दी जाए...। क्योंकि बंधन हमें भारी कर देता है और स्वतंत्रता हमें हल्का बना देती है, हमारे अंदर उमंग-उत्साह को बढ़ा देती है।❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Jai Jai shree ram ji 🙏🙏
जय श्री राम 🌸🌹🙇🙏
हर हर महादेव जय मां भवानी जय सियाराम जय हनुमान जी महाराज की जय हो जय हो जय हो
हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे सीता
Ram kahta is very good. So I love you Ram kahta. Thanks
Jai SitaRam ji Jai Hanuman ji Jai saree Ramayan devta ji
सिया सजना के प्रेम से निहारु है सखी जय
देवी जी को शत् शत् नमन राधे राधे
Ram Raja Sarkar Ki Jai 🙏🙏🙏🙏
🚩🏃🌻💐 जय जय श्री राम जी 🌿🍀🍒🍎 जय जय श्री सिया राम जी 🍈🥑🍏🍒🍎 सादर अभिवादन स्वीकार करें प्रभु ❤️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
माता सीता की यह रोचक लोककथा आपका दिल जीत लेगी, धन के भंडार भर देगी...
इस कहानी को सीता माता कहती थी और श्रीराम
सुना करते थे। एक दिन श्रीराम भगवान को किसी काम के लिए बाहर जाना पड़ गया तो सीता माता कहने लगी कि भगवान मेरा तो बारह वर्ष का नितनेम (नित्य नियम) है। अब आप बाहर जाएंगे तो मैं अपनी कहानी किसे सुनाऊंगी? श्रीराम ने कहा कि तुम कुएं की पाल पर जाकर बैठ जाना और वहां जो औरतें पानी भरने आएंगी उन्हें अपनी कहानी सुना देना।
सीता माता कुएं की पाल पर जाकर बैठ जाती हैं। एक स्त्री आई उसने रेशम की जरी की साड़ी पहन रखी थी और सोने का घड़ा ले रखा था। सीता माता उसे देख कहती हैं कि बहन मेरा बारह वर्ष का नितनेम सुन लो। पर वह स्त्री बोली कि मैं तुम्हारा नितनेम सुनूंगीं तो मुझे घर जाने में देर हो जाएगी और मेरी सास मुझसे लड़ेगी। उसने कहानी नहीं सुनी और चली गई। उसकी रेशम जरी की साड़ी फट गई, सोने का घड़ा मिट्टी के घड़े में बदल गया।
सास ने देखा तो पूछा कि ये किस का दोष अपने सिर लेकर आ गई है? बहू ने कहा कि कुएं पर एक औरत बैठी थी उसने कहानी सुनने के लिए कहा लेकिन मैने सुनी नही जिसका यह फल मिला।
बहू की बात सुनकर अगले दिन वही साड़ी और घड़ा लेकर सास कुएं की पाल पर गई। सास को वहीं माता सीता बैठी मिलीं तो माता सीता ने कहा कि बहन मेरी कहानी सुन लीजिए... सास बोली कि एक बार छोड़, मैं तो चार बार कहानी सुन लूंगी... .
राम आए लक्ष्मण आए देश के पुजारी आए
नितनेम का नेम लाए आओ राम बैठो राम
तपी रसोई जियो राम, माखन मिसरी खाओ राम
दूध बताशा पियो राम,सूत के पलका मोठो राम
शाल दुशाला पोठो राम, शाल दुशाला ओढ़ो राम
जब बोलूं जब राम ही राम, राम संवारें सब के काम
खाली घर भंडार भरेंगे सब का बेड़ा पार करेंगे
श्री राम जय राम जय-जय राम
सास बोली कि बहन कहानी तो बहुत अच्छी लगी। कहानी सुनकर सास घर चली गई और उसकी साड़ी फिर से रेशम जरी की बन गई। मिट्टी का घड़ा फिर सोने के घड़े में बदल गया। बहू कहने लगी सासू मां, आपने ये सब कैसे किया? सास ने कहा कि बहू तू दोष लगा के आई थी और मैं अब दोष उतारकर आ रही हूं. . . बहू ने फिर पूछा कि वह कुएं वाली स्त्री कौन है? सास बोली कि वे सीता माता थीं... वे पुराने से नया कर देती हैं, खाली घर में भंडार भर देती हैं, वह लक्ष्मी जी का वास घर में कर देती हैं, आदमी की जो भी इच्छा हो उसे पूरा कर देती हैं.... बहू बोली कि ऎसी कहानी मुझे भी सुना दो.... सास बोली कि ठीक है तुम भी सुनो और सास ने कहानी शुरु की...
राम आए लक्ष्मण आए देश के पुजारी आए
नितनेम का नेम लाए आओ राम बैठो राम
तपी रसोई जियो राम, माखन मिसरी खाओ राम
दूध बताशा पियो राम,सूत के पलका मोठो राम
शाल दुशाला पोठो राम, शाल दुशाला ओढ़ो राम
जब बोलूं जब राम ही राम, राम संवारें सब के काम
खाली घर भंडार भरेंगे सब का बेड़ा पार करेंगे
श्री राम जय राम जय-जय राम
कहानी सुनकर बहू बोली कि कहानी तो बहुत अच्छी है.. .. सास ने कहा कि ठीक है इस कहानी को रोज कहा करेगें। अब सास-बहू रोज सवेरे उठती, नहाती-धोती और पूजा करने के बाद नितनेम की सीता की कहानी कहती। एक दिन उनके यहां एक पड़ोस की औरत आई और बोली कि बहन जरा सी आंच देना तो वह बोली कि आंच तो अभी हमने जलाई ही नहीं।
पड़ोसन ने कहा कि तुम सुबह चार बजे से उठकर क्या कर रही हो फिर? उन्होंने कहा कि सुबह उठकर हम पूजा करते हैं फिर सीता माता की नितनेम की कहानी कहते हैं।
पड़ोसन ने उनकी बात सुनकर फिर कहा कि सीता माता की कहानी कहने से तुम्हें क्या मिला? वे बोली कि इनकी कहानी कहने से घर में भंडार भर जाते हैं। सारे काम सिद्ध होते हैं, मन की इच्छा भी पूरी होती है। पड़ोसन कहती है कि बहन ऎसी कहानी तो मुझे भी सुना दो फिर। वह बोली कि ठीक है तुम भी यह कहानी सुन लो...
राम आए लक्ष्मण आए देश के पुजारी आए
नितनेम का नेम लाए आओ राम बैठो राम ……………..
सारी कहानी सुनने के बाद पड़ोसन कहने लगी बहन कहानी तो मुझे बहुत अच्छी लगी। अब वह पड़ोसन भी नितनेम सीता माता की कहानी कहने लगी। कहानी कहने से सीता माता ने पड़ोसन के भी भंडार भर दिए। अब तो पूरे मोहल्ले में नितनेम की कथा चल पड़ी.. हर किसी की मनोकामना पूरी होने लगी...
हे सीता माता ! जैसे आपने उनके भंडार भरे, वैसे ही आप हमारे भी भंडार भरना। कहानी सुनने वाले के भी और कहानी कहने वाले के भी।
उत्तरप्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में आज भी यह कथा सीता जयंती पर चाव से सुनाई जाती है।*
राम राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम
नारायण सिंह
जय जय श्री सीता राम
Ati sunder ram katha by pujya Devi Chandra Kala ji 👌👌
Jay Siyaram ji 🙏🏻🙏🏻
जय श्री🙏🙏🙏 राम🙏🙏🙏 हरे कृष्ण हरे राम🙏
सीताराम सीताराम दीदी जी
Ati sunder
Door rehkar bhi katha ko sunkar hum to dhanya ho gaye
Jai shri ram 👌
Jai jai Baba karorea Sat sat naman
JAI.SHREE.RAM.
Bahot hi sunder ram Katha jai Sri ram
Ram kathasunna apke mukharbind hame bahut sundar lagti he jay jay shri ramki
Jai shrre sotaram ji jia Shree Bala G
Jay Siyaram Jay Jay Siyaram
Jaiy shir ram sita🙏🙏🙏🙏
जय जय सियाराम 🙏🙏
Jai jai shriram
JAI SHREE SITARAM JI JAI SHREE BALA G
Very Good Prasang
Bahut prabhavi Bhakti katha
Radhe radhe
Jai shree ram ji Jai shree ram
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 सादर चरण स्पर्श गुरुदेव भगवान जी महाराज 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
Jay shree Radhe Radhe
Jai. Shri ram🙏🙏🙏🙏🙏
Ram.ram.jay.shree.ram.pndhit.nirmala.sita.rmn.jay.shree.ram.
जयरामजीकृपाकरे। ंकथासुंदरूपहैंहनूमानजीजयहो।
💅💅💅💅💅🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹💞💞💞
🙏jai shriraam🙏
Jahi widhi rakhe ram tahi widhi rahiyo
Bar Bar Pranam
Jai shree ram Devi ji
जय जय सियाराम 🙏
राधे राधे राधेश्याम राधे
जय जय सियाराम 🙏
Jai shree ram
मन में बसालो हरि नाम बन जाएगे बीगडे काम
Jai shri ram didi gi 🙏🙏❤️🙏🙏😭😭
जय जय सियाराम 🙏
Sonu Mishra Sonu
Jay sri ram. Jay sri radhe radhe. Har har mahadev
Qq
बहुत अच्छा प्रदर्शन.......
जय श्री राम।।।।।।।
आपका आभार,जय जय सियाराम 🙏
@@DeviChandrakalaJI स्वागतम💐💐जल्द ही हरि चर्चा के लिए आपसे सेवा का अवसर लिया जाएगा!!
@@psDinkarPoetry जी प्रभु की इच्छा हुई तो अवश्य🙏🙏
Jay Siri ram bhot bhot bhooooot hi sundar or mithi ram ktha jivan dhany ho gya aap ji ki mukh vani se ram ktha sun kr jar sita ram jay radhey Saam
द्रौपदी का कर्ज"।।
अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा महल में झाड़ू लगा रही थी तो द्रौपदी उसके समीप गई उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोली, "पुत्री भविष्य में कभी तुम पर घोर से घोर विपत्ति भी आए तो कभी अपने किसी नाते-रिश्तेदार की शरण में मत जाना। सीधे भगवान की शरण में जाना।" उत्तरा हैरान होते हुए माता द्रौपदी को निहारते हुए बोली, "आप ऐसा क्यों कह रही हैं माता ?"
द्रौपदी बोली, "क्योंकि यह बात मेरे ऊपर भी बीत चुकी है। जब मेरे पांचों पति कौरवों के साथ जुआ खेल रहे थे, तो अपना सर्वस्व हारने के बाद मुझे भी दांव पर लगाकर हार गए। फिर कौरव पुत्रों ने भरी सभा में मेरा बहुत अपमान किया। मैंने सहायता के लिए अपने पतियों को पुकारा मगर वो सभी अपना सिर नीचे झुकाए बैठे थे। पितामह भीष्म, द्रोण धृतराष्ट्र सभी को मदद के लिए पुकारती रही मगर किसी ने भी मेरी तरफ नहीं देखा, वह सभी आँखें झुकाए आँसू बहाते रहे। सबसे निराशा होकर मैंने श्रीकृष्ण को पुकारा, "आपके सिवाय मेरा और कोई भी नहीं है, तब श्रीकृष्ण तुरंत आए और मेरी रक्षा की।"
जब द्रौपदी पर ऐसी विपत्ति आ रही थी तो द्वारिका में श्री कृष्ण बहुत विचलित होते हैं। क्योंकि उनकी सबसे प्रिय भक्त पर संकट आन पड़ा था। रूकमणि उनसे दुखी होने का कारण पूछती हैं तो वह बताते हैं मेरी सबसे बड़ी भक्त को भरी सभा में नग्न किया जा रहा है। रूकमणि बोलती हैं, "आप जाएँ और उसकी मदद करें।" श्री कृष्ण बोले, "जब तक द्रोपदी मुझे पुकारेगी नहीं मैं कैसे जा सकता हूँ। एक बार वो मुझे पुकार लें तो मैं तुरंत उसके पास जाकर उसकी रक्षा करूँगा। तुम्हें याद होगा जब पाण्डवों ने राजसूर्य यज्ञ करवाया तो शिशुपाल का वध करने के लिए मैंने अपनी उंगली पर चक्र धारण किया तो उससे मेरी उंगली कट गई थी। उस समय "मेरी सभी पत्नियाँ वहीं थी। कोई वैद्य को बुलाने भागी तो कोई औषधि लेने चली गई। मगर उस समय मेरी इस भक्त ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ा और उसे मेरी उंगली पर बाँध दिया। आज उसी का ऋण मुझे चुकाना है, लेकिन जब तक वो मुझे पुकारेगी नहीं मैं जा नहीं सकता।" अत: द्रौपदी ने जैसे ही भगवान कृष्ण को पुकारा प्रभु तुरंत ही दौड़े गए।❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Good ram Katha
Jio ho
Jay Shri Ram Jay Shri Ram
जय सियाराम 🙏
जय जय
🙏🙏
हे राम जी सदा शरणन में रखना
Jai shree hari
थैंक यू सो मच बहुत सुंदर श्री राम कथा
सभी को राम-राम पहुंचे
Very nice bhajan Jay sri ram Jay sri radhe karsna
Itna Anand to meri vivah me nahi aya
Dhanya ho kathakar Prabhu darshan ke liye
Chandrakala ji ki badi hi Rochak Baba Vrat Katha Hai Jay Siyaram
THANK YOU SO MUCH.....RAM KATHA BAHOOT SUNDER....JAI SHRIRAM
Bahutsunder. Very. Very. Good. Thankugi
Jay shree Ram 🙏🙏🙏🙏🙏
Jai sree ram🙏🙏🙏
Spiritual guru👳🔮
V good
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Arti sunder
"मन और हृदय में पूर्ण समर्पण, शांति, प्रकाश, चेतना और शक्ति की अभीप्सा करें।” श्री अरविंद ❤️❤️❤️
सादर जय सियाराम 🙏🙏
Priyabratamahanta
I was thinking to be drawn in your bhakti sarita
Radhe Radhe 🙏🙏
6th day uploud karen 🙏pleased
This demotionnal speech is liked by me. God bless you
सादर जय सियाराम 🙏🙏
JAI SHRI RAM JAI BAJ RANG BALI GOOD NIGHT ANETHI UP SE
Ka
Very good very fantastic Ram Katha, God bless you deviji.
N65
,,
बि बल म।य
ब को बि बल को बि बि बल
@@pramatmasingh9317
हो जो।
🙏🙏
@@pramatmasingh9317 get. Ft a
Jai Shri Ram
जय श्री राम 🙏🙏
जय सियाराम 🙏
Lllll
Lllll
@@HariKrishna-lh1ym 😂
Shaadi ki bahut bahut badhai Amar Studio Akbarpur
Meea
44:32
Stock
Jaiy shir ram🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत सुन्दर राम कथा साध्वी चंद्रकलाजी बहुत बहुत बधाई
@@dileepsharma4607 kiyamida awaz phl ki apeshame fark hai ye umra ki hai ya rediyo ka hai
@@dhruvkumarpatel2325H the same as 6
जय श्री राम जय श्री राधे कृष्णा कोकिला देवी जी को कोटि-कोटि धन्यवाद 💐🌹🌹🌷🌺🌸🌻❤️🌸💐💐💐💐💐💐💐💐
P
Jai siyaRam.Bal Khula Rakhna Kiya Dharam sangat Hai.or still.aap ka Aachran ka Samaj Nakal karta Hai.
Sonu Mishra Sonu Nigam Shreya you are doing good night
😅😅
Debi ji agar koi galti ho jay mafi kese mage
आपका पश्चाताप ही, आपकी सबसे बड़ी क्षमा है,अपनी भूल का एहसास होना ही प्रभु की बहुत बड़ी कृपा है🙏🙏 जय सियाराम
@@DeviChandrakalaJIआपकी।कथा।बहुत।अद भुत।है। 00⁰⁰⁹
@@DeviChandrakalaJI 0
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कथा के बीच में ऐड देकर कथा में ब्यवधान पैदा करने वाले को भगवान् कभी मांफ नहीं करेंगे,उसे मेरी भीबद्दुवाऐ है।
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Galt mat bolo
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Jay shree Krishna
Jai Shree Ram
Jay shree ram
Jay shri sita ram
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Jai sri ram