Aapne galat Mahabharat dekhi hai karn ne bhale ke liye nahi mara tha Abhimanyu ko! Vo Duryodhan ke har paap me barabar ka sharik tha! Isliye BR Chopra ki Mahabharat dekho jo at least 80% book ke hisab se banai hai!
BR COPRA MAHABHARAT ME 10% HI SEHI DIKHAYA GAYA HA YE BAAT TO APNE BILKUL SEHI KAHA KI BR COPRA MAHABHARAT DEKHNA CHAIYE KUKI AJ TAK KISHI BHI TV SERIAL MAHABHARAT NE THODA SA BHI SEHI MAHABHARAT NEHI DIKHAYA। ORR TO ORR BR COPRA MAHABHARAT NE BHI KARN KI TODHA SA PRASANGSHA DIKHAYA HAI JO BILKUL GALAT HAI, KARN PURA TARIKHA SE HI ADHARMI THA।
There are some legendary battles in our history like Karna vs Arjuna antim yuddha , Rama vs Ravana antim yuddha, Lakshman vs Meghnad, Parashuram vs Bheesma, Parashuram vs kartiveerya Arjuna, Jalandhar vs Mahadeva, Rama vs Mahadeva, Shri krishna vs Mahadeva, Hanuman vs veerabhadra, Durga vs Mahishasura etc.
Parshurama vs Kartiveerya arjuna This fight was very fierce with. Parashuram ji was just playing and was not even serious, on top of that, 8 Vasus were in support of Bhisma.
Ye hai proof ki Karn ko first round me Yudhishthir ji almost maar daale the par baksh diye the Arjun ki pratigya yaad karke, Yudhishthir ke maar se Karn adhmara hogaya tha: Book - Mahabharat, Karn Parv, Adhyaay 49, Shlok 10 se 22 tak me yahi likha hai ↓ Yudhishthir bhi bahot shaktishali the, serials ne unka kirdar sahi se nahi dikhaya.. ve to dyut khelne ke bhi khilaf the shuru se Dhritarashtra ko baar baar mana bhi kiye, Yudhishthir kirdar ko kafi galat dikhaya hai serials ne ततो युधिष्ठिरः कर्णमदूरस्थं निवारितम् । अब्रवीत् परवीरघ्नं क्रोधसंरक्तलोचनः ।। १० ।। उस समय युधिष्ठिर ने क्रोध से लाल आँखें करके शत्रुवीरों का संहार करने वाले कर्ण से जो पास ही रोक दिया गया था, इस प्रकार कहा- ।। १० ।। कर्ण कर्ण वृथादृष्टे सूतपुत्र वचः शृणु । सदा स्पर्धसि संग्रामे फाल्गुनेन तरस्विना ।। ११ ।। तथास्मान् बाधसे नित्यं धार्तराष्ट्रमते स्थितः । सम्राट युधिष्ठिर- ‘कर्ण! कर्ण! मिथ्यादर्शी सूतपुत्र! मेरी बात सुनो। तुम संग्राम में वेगशाली वीर अर्जुन के साथ सदा डाह रखते और दुर्योधन के मत में रहकर सर्वदा हमें बाधा पहुँचाते हो ।। ११ ।। यद् बलं यच्च ते वीर्यं प्रद्वेषो यस्तु पाण्डुषु ।। १२ ।। तत् सर्वं दर्शयस्वाद्य पौरुषं महदास्थितः । युद्धश्रद्धां च तेऽद्याहं विनेष्यामि महाहवे ।। १३ ।। ‘परंतु आज तुम्हारे पास जितना बल हो, जो पराक्रम हो तथा पाण्डवों के प्रति तुम्हारे मन में जो विद्वेष हो, वह सब महान् पुरुषार्थ का आश्रय लेकर दिखाओ। आज महासमर में मैं तुम्हारा युद्ध का हौसला मिटा दूँगा’ ।। १२-१३ ।। एवमुक्त्वा महाराज कर्णं पाण्डुसुतस्तदा । सुवर्णपुङ्खैर्दशभिर्विव्याधायस्मयैः शरैः ।। १४ ।। ऐसा कहकर पाण्डुपुत्र युधिष्ठिर ने लोहे के बने हुए सुवर्णपंखयुक्त दस बाणों द्वारा कर्ण को बींध डाला ।। १४ ।। तं सूतपुत्रो दशभिः प्रत्यविद्ध्यदरिंदमः । वत्सदन्तैर्महेष्वासः प्रहसन्निव भारत ।। १५ ।। तब शत्रुओं का दमन करने वाले सूतपुत्र ने हँसते हुए-से वत्सदन्त नामक दस बाणों द्वारा युधिष्ठिर को घायल कर दिया ।। १५ ।। सोऽवज्ञाय तु निर्विद्धः सूतपुत्रेण मारिष । प्रजज्वाल ततः क्रोधाद्धविषेव हुताशनः ।। १६ ।। सूतपुत्र के द्वारा अवज्ञापूर्वक घायल किये जाने पर फिर राजा युधिष्ठिर घी की आहुति से प्रज्वलित हुई अग्नि के समान क्रोध से जल उठे ।। १६ ।। ततो विस्फार्य सुमहच्चापं हेमपरिष्कृतम् । समाधत्त शितं बाणं गिरीणामपि दारणम् ।। १८ ।। तदनन्तर युधिष्ठिर ने अपने सुवर्णभूषित विशाल धनुष को फैलाकर उसपर पर्वतों को भी विदीर्ण कर देनेवाले तीखे बाण का संधान किया ।। १८ ।। ततः पूर्णायतोत्कृष्टं यमदण्डनिभं शरम् । मुमोच त्वरितो राजा सूतपुत्रजिघांसया ।। १९ ।। तत्पश्चात् राजा युधिष्ठिर ने सूतपुत्र को मार डालने की इच्छासे तुरंत ही धनुष को पूर्णरूप से खींचकर वह यमदण्ड के समान बाण उसके ऊपर छोड़ दिया ।। १९ ।। स तु वेगवता मुक्तो बाणो वज्राशनिस्वनः । विवेश सहसा कर्णं सव्ये पार्श्वे महारथम् ।। २० ।। वेगवान् युधिष्ठिर का छोड़ा हुआ वज्र और बिजली के समान शब्द करने वाला वह बाण सहसा महारथी कर्ण की बायीं पसली में घुस गया ।। २० ।। स तु तेन प्रहारेण पीडितः प्रमुमोह वै । स्रस्तगात्रो महाबाहुर्धनुरुत्सृज्य स्यन्दने ।। २१ ।। उस प्रहार से पीड़ित हो महाबाहु कर्ण धनुष छोड़कर रथपर ही मूर्च्छित हो गया। उसका सारा शरीर शिथिल हो गया था ।। २१ ।। गतासुरिव निश्चेताः शल्यस्याभिमुखोऽपतत् । राजापि भूयो नाजघ्ने कर्णं पार्थहितेप्सया ।। २२ ।। वह सारथी मद्रराज शल्य के सामने ही अचेत होकर ऐसे गिर पड़ा, मानो उसके प्राण निकल गये हों। राजा युधिष्ठिर ने अर्जुन के हित (प्रतिज्ञा पूर्ति) की इच्छा से कर्ण पर पुनः प्रहार नहीं किया ।। २२ ।।
@Pallavi bharti aapne sahi kaha . Karna Mahabharat ke yudh mai Arjun se haara tha aur maara gaya . Aur haa ye rath piche jaane waali baat jhuth hai . Aisa real Mahabharat book mai nahi hai
11:32 arjun samne nhi aye the karn dhund dhundke unke samne gya tha....or bhot hi tuff fight hui thi ye bali...poori duniya do grps me devide hogyi thi..suryadev or indradev b dekhne aye the ye fight Karna❤❤❤
@indraneelsarkar8590 in logo ne vedio me bola ki karn sbko hrate huye jara tha bt arjun smne aagye to kam khrab hogya...to mene bhi correct kiya ki karn ka samna dhoke se nhi hua arjun se blki bo khud dhunra tha usko
@indraneelsarkar85902bhai kya aap short mai bata sakte ho last fight mai kya hua tha . Karn aur Arjun ke bich . Kya karna ka rath fasa tha aur karn rath ka paiya nikalte mara Gaya ya Arjun ne karn ko fairly haraya ?? Please bata do
Galat dikhaye hai yahan, Yudhishthir ke teero se Karn behosh hogaya tha aur almost marne wala tha, aakhir vaar karne se Yudhishthir khudko roke Arjun ki pratigya/kasam yaad karke varna ek last vaar se Karn Yudhishthir ke hatho maara ja raha tha Mahabharat book ke hisab se, uske baad Yudhishthir ko ghera Karn aur baki log tab ye part hua tha jahan Yudhishthir par Karn haavi hua second round me.... Nakul, Satyaki se bhi Karn haara tha aur Bheem ke prahaar se Karn behosh hogaya tha fir uska sarthi/driver Raja Shalya usey bhaga le gaye..... Fir Arjun se saamna hua aur Arjun ne gala kaata Karn ka
@indraneelsarkar8590 yes he was but in the second round, at first Yudhishthir ji defeated Karn and almost killed him, spared him for Arjun.. wait I'll get you the shloks with the adhyay and shlok sankhya
@indraneelsarkar8590 Ye hai proof ki Karn ko first round me Yudhishthir ji almost maar daale the par baksh diye the : कर्ण पर्व, (४९) एकोनपञ्चाशत्तमोऽध्यायः, श्लोक संख्या १० से २२ तक ततो युधिष्ठिरः कर्णमदूरस्थं निवारितम् । अब्रवीत् परवीरघ्नं क्रोधसंरक्तलोचनः ।। १० ।। उस समय युधिष्ठिर ने क्रोध से लाल आँखें करके शत्रुवीरों का संहार करने वाले कर्ण से जो पास ही रोक दिया गया था, इस प्रकार कहा- ।। १० ।। कर्ण कर्ण वृथादृष्टे सूतपुत्र वचः शृणु । सदा स्पर्धसि संग्रामे फाल्गुनेन तरस्विना ।। ११ ।। तथास्मान् बाधसे नित्यं धार्तराष्ट्रमते स्थितः । सम्राट युधिष्ठिर- ‘कर्ण! कर्ण! मिथ्यादर्शी सूतपुत्र! मेरी बात सुनो। तुम संग्राम में वेगशाली वीर अर्जुन के साथ सदा डाह रखते और दुर्योधन के मत में रहकर सर्वदा हमें बाधा पहुँचाते हो ।। ११ ।। यद् बलं यच्च ते वीर्यं प्रद्वेषो यस्तु पाण्डुषु ।। १२ ।। तत् सर्वं दर्शयस्वाद्य पौरुषं महदास्थितः । युद्धश्रद्धां च तेऽद्याहं विनेष्यामि महाहवे ।। १३ ।। ‘परंतु आज तुम्हारे पास जितना बल हो, जो पराक्रम हो तथा पाण्डवों के प्रति तुम्हारे मन में जो विद्वेष हो, वह सब महान् पुरुषार्थ का आश्रय लेकर दिखाओ। आज महासमर में मैं तुम्हारा युद्ध का हौसला मिटा दूँगा’ ।। १२-१३ ।। एवमुक्त्वा महाराज कर्णं पाण्डुसुतस्तदा । सुवर्णपुङ्खैर्दशभिर्विव्याधायस्मयैः शरैः ।। १४ ।। ऐसा कहकर पाण्डुपुत्र युधिष्ठिर ने लोहे के बने हुए सुवर्णपंखयुक्त दस बाणों द्वारा कर्ण को बींध डाला ।। १४ ।। तं सूतपुत्रो दशभिः प्रत्यविद्ध्यदरिंदमः । वत्सदन्तैर्महेष्वासः प्रहसन्निव भारत ।। १५ ।। तब शत्रुओं का दमन करने वाले सूतपुत्र ने हँसते हुए-से वत्सदन्त नामक दस बाणों द्वारा युधिष्ठिर को घायल कर दिया ।। १५ ।। सोऽवज्ञाय तु निर्विद्धः सूतपुत्रेण मारिष । प्रजज्वाल ततः क्रोधाद्धविषेव हुताशनः ।। १६ ।। सूतपुत्र के द्वारा अवज्ञापूर्वक घायल किये जाने पर फिर राजा युधिष्ठिर घी की आहुति से प्रज्वलित हुई अग्नि के समान क्रोध से जल उठे ।। १६ ।। ततो विस्फार्य सुमहच्चापं हेमपरिष्कृतम् । समाधत्त शितं बाणं गिरीणामपि दारणम् ।। १८ ।। तदनन्तर युधिष्ठिर ने अपने सुवर्णभूषित विशाल धनुष को फैलाकर उसपर पर्वतों को भी विदीर्ण कर देनेवाले तीखे बाण का संधान किया ।। १८ ।। ततः पूर्णायतोत्कृष्टं यमदण्डनिभं शरम् । मुमोच त्वरितो राजा सूतपुत्रजिघांसया ।। १९ ।। तत्पश्चात् राजा युधिष्ठिर ने सूतपुत्र को मार डालने की इच्छासे तुरंत ही धनुष को पूर्णरूप से खींचकर वह यमदण्ड के समान बाण उसके ऊपर छोड़ दिया ।। १९ ।। स तु वेगवता मुक्तो बाणो वज्राशनिस्वनः । विवेश सहसा कर्णं सव्ये पार्श्वे महारथम् ।। २० ।। वेगवान् युधिष्ठिर का छोड़ा हुआ वज्र और बिजली के समान शब्द करने वाला वह बाण सहसा महारथी कर्ण की बायीं पसली में घुस गया ।। २० ।। स तु तेन प्रहारेण पीडितः प्रमुमोह वै । स्रस्तगात्रो महाबाहुर्धनुरुत्सृज्य स्यन्दने ।। २१ ।। उस प्रहार से पीड़ित हो महाबाहु कर्ण धनुष छोड़कर रथपर ही मूर्च्छित हो गया। उसका सारा शरीर शिथिल हो गया था ।। २१ ।। गतासुरिव निश्चेताः शल्यस्याभिमुखोऽपतत् । राजापि भूयो नाजघ्ने कर्णं पार्थहितेप्सया ।। २२ ।। वह सारथी मद्रराज शल्य के सामने ही अचेत होकर ऐसे गिर पड़ा, मानो उसके प्राण निकल गये हों। राजा युधिष्ठिर ने अर्जुन के हित (प्रतिज्ञा पूर्ति) की इच्छा से कर्ण पर पुनः प्रहार नहीं किया ।। २२ ।।
Aap ek baar ,ramanand ji Sagar ki old ramayan episode ka wo part dikhaiye jisme ,,meghnad ki maut or uske Yagya ko banar sena ne khtam kiya tha ,,,ye episode dikhaiye thousand views, like, or comments aayenge sure
Mahabharata koi film ya series nahi hai ye hinduwo ka itihaash hai Mahabharata such me huwa thaa nasa ke scientists vhi maan gaye hai ki Mahabharata huwa tha❤❤ Jay sree Krishna❤❤❤
Karan ko uski man Ne Bata diya tha ki tum mere ladke ho aur vah Tere Chhote bhai Hain To unhone man se kaha ki main Arjun ko marunga Baki Kisi Ko Nahin marunga isliye vah Sab Kuchh Hota Raha
@indraneelsarkar8590 Yes, Ashwatthama was also very powerful, even Arjun could not face his Narayana Astra.. And hail to Lord Krishna, who protects Arjun from Karna's sarpmukh ban..and bhagdatt's vaishnavastra..so that arjun can fight on 17th day..
@indraneelsarkar8590 shree Krishna toh unki Puri kahani ho gai, aur mujhe puri kahani nahi dekhni mujhe Mahabharat me sarvdaman banergy ka part dekhna hai
Friendship bonding between lord Krishna and Arjuna is superb ❤🎉🥳🥳🌹
Lord nahi parmatma hai woh
Aapne galat Mahabharat dekhi hai karn ne bhale ke liye nahi mara tha Abhimanyu ko! Vo Duryodhan ke har paap me barabar ka sharik tha! Isliye BR Chopra ki Mahabharat dekho jo at least 80% book ke hisab se banai hai!
BR COPRA MAHABHARAT ME 10% HI SEHI DIKHAYA GAYA HA YE BAAT TO APNE BILKUL SEHI KAHA KI BR COPRA MAHABHARAT DEKHNA CHAIYE KUKI AJ TAK KISHI BHI TV SERIAL MAHABHARAT NE THODA SA BHI SEHI MAHABHARAT NEHI DIKHAYA। ORR TO ORR BR COPRA MAHABHARAT NE BHI KARN KI TODHA SA PRASANGSHA DIKHAYA HAI JO BILKUL GALAT HAI, KARN PURA TARIKHA SE HI ADHARMI THA।
@indraneelsarkar8590 ji brother sirf Orr sirf 10 percent hi sehi dikhaya hai.
@indraneelsarkar8590 Karn ke Digvijaya what a joke 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
Hm
Lagta h aapko khud kam jankari h yeh BR chopda ka hi mahabharat h
There are some legendary battles in our history like Karna vs Arjuna antim yuddha , Rama vs Ravana antim yuddha, Lakshman vs Meghnad, Parashuram vs Bheesma, Parashuram vs kartiveerya Arjuna, Jalandhar vs Mahadeva, Rama vs Mahadeva, Shri krishna vs Mahadeva, Hanuman vs veerabhadra, Durga vs Mahishasura etc.
Parshurama vs Kartiveerya arjuna
This fight was very fierce with. Parashuram ji was just playing and was not even serious, on top of that, 8 Vasus were in support of Bhisma.
Hare Krishna ❤❤
Ye hai proof ki Karn ko first round me Yudhishthir ji almost maar daale the par baksh diye the Arjun ki pratigya yaad karke, Yudhishthir ke maar se Karn adhmara hogaya tha:
Book - Mahabharat, Karn Parv, Adhyaay 49, Shlok 10 se 22 tak me yahi likha hai ↓ Yudhishthir bhi bahot shaktishali the, serials ne unka kirdar sahi se nahi dikhaya.. ve to dyut khelne ke bhi khilaf the shuru se Dhritarashtra ko baar baar mana bhi kiye, Yudhishthir kirdar ko kafi galat dikhaya hai serials ne
ततो युधिष्ठिरः कर्णमदूरस्थं निवारितम् । अब्रवीत् परवीरघ्नं क्रोधसंरक्तलोचनः ।। १० ।।
उस समय युधिष्ठिर ने क्रोध से लाल आँखें करके शत्रुवीरों का संहार करने वाले कर्ण से जो पास ही रोक दिया गया था, इस प्रकार कहा- ।। १० ।।
कर्ण कर्ण वृथादृष्टे सूतपुत्र वचः शृणु । सदा स्पर्धसि संग्रामे फाल्गुनेन तरस्विना ।। ११ ।। तथास्मान् बाधसे नित्यं धार्तराष्ट्रमते स्थितः ।
सम्राट युधिष्ठिर- ‘कर्ण! कर्ण! मिथ्यादर्शी सूतपुत्र! मेरी बात सुनो। तुम संग्राम में वेगशाली वीर अर्जुन के साथ सदा डाह रखते और दुर्योधन के मत में रहकर सर्वदा हमें बाधा पहुँचाते हो ।। ११ ।।
यद् बलं यच्च ते वीर्यं प्रद्वेषो यस्तु पाण्डुषु ।। १२ ।। तत् सर्वं दर्शयस्वाद्य पौरुषं महदास्थितः । युद्धश्रद्धां च तेऽद्याहं विनेष्यामि महाहवे ।। १३ ।।
‘परंतु आज तुम्हारे पास जितना बल हो, जो पराक्रम हो तथा पाण्डवों के प्रति तुम्हारे मन में जो विद्वेष हो, वह सब महान् पुरुषार्थ का आश्रय लेकर दिखाओ। आज महासमर में मैं तुम्हारा युद्ध का हौसला मिटा दूँगा’ ।। १२-१३ ।।
एवमुक्त्वा महाराज कर्णं पाण्डुसुतस्तदा । सुवर्णपुङ्खैर्दशभिर्विव्याधायस्मयैः शरैः ।। १४ ।।
ऐसा कहकर पाण्डुपुत्र युधिष्ठिर ने लोहे के बने हुए सुवर्णपंखयुक्त दस बाणों द्वारा कर्ण को बींध डाला ।। १४ ।।
तं सूतपुत्रो दशभिः प्रत्यविद्ध्यदरिंदमः ।
वत्सदन्तैर्महेष्वासः प्रहसन्निव भारत ।। १५ ।।
तब शत्रुओं का दमन करने वाले सूतपुत्र ने हँसते हुए-से वत्सदन्त नामक दस बाणों द्वारा युधिष्ठिर को घायल कर दिया ।। १५ ।।
सोऽवज्ञाय तु निर्विद्धः सूतपुत्रेण मारिष । प्रजज्वाल ततः क्रोधाद्धविषेव हुताशनः ।। १६ ।।
सूतपुत्र के द्वारा अवज्ञापूर्वक घायल किये जाने पर फिर राजा युधिष्ठिर घी की आहुति से प्रज्वलित हुई अग्नि के समान क्रोध से जल उठे ।। १६ ।।
ततो विस्फार्य सुमहच्चापं हेमपरिष्कृतम् । समाधत्त शितं बाणं गिरीणामपि दारणम् ।। १८ ।।
तदनन्तर युधिष्ठिर ने अपने सुवर्णभूषित विशाल धनुष को फैलाकर उसपर पर्वतों को भी विदीर्ण कर देनेवाले तीखे बाण का संधान किया ।। १८ ।।
ततः पूर्णायतोत्कृष्टं यमदण्डनिभं शरम् । मुमोच त्वरितो राजा सूतपुत्रजिघांसया ।। १९ ।।
तत्पश्चात् राजा युधिष्ठिर ने सूतपुत्र को मार डालने की इच्छासे तुरंत ही धनुष को पूर्णरूप से खींचकर वह यमदण्ड के समान बाण उसके ऊपर छोड़ दिया ।। १९ ।।
स तु वेगवता मुक्तो बाणो वज्राशनिस्वनः । विवेश सहसा कर्णं सव्ये पार्श्वे महारथम् ।। २० ।।
वेगवान् युधिष्ठिर का छोड़ा हुआ वज्र और बिजली के समान शब्द करने वाला वह बाण सहसा महारथी कर्ण की बायीं पसली में घुस गया ।। २० ।।
स तु तेन प्रहारेण पीडितः प्रमुमोह वै । स्रस्तगात्रो महाबाहुर्धनुरुत्सृज्य स्यन्दने ।। २१ ।।
उस प्रहार से पीड़ित हो महाबाहु कर्ण धनुष छोड़कर रथपर ही मूर्च्छित हो गया। उसका सारा शरीर शिथिल हो गया था ।। २१ ।।
गतासुरिव निश्चेताः शल्यस्याभिमुखोऽपतत् । राजापि भूयो नाजघ्ने कर्णं पार्थहितेप्सया ।। २२ ।।
वह सारथी मद्रराज शल्य के सामने ही अचेत होकर ऐसे गिर पड़ा, मानो उसके प्राण निकल गये हों। राजा युधिष्ठिर ने अर्जुन के हित (प्रतिज्ञा पूर्ति) की इच्छा से कर्ण पर पुनः प्रहार नहीं किया ।। २२ ।।
गजब भाई
Starplus putra arjun 😂😂😂
Best scene Mahabharat
Ye Virat yudh nhi hai,,,ye to Mahabharat yudh hai
Pahale'hi virat judh' part'pe reaction' de chuke he;
Arjun to arjun h ❤❤
10:41 Vo Pada Adharmi ka Sar Zameen parr🙂🙂
Bhagwan "Karn Fan Ki Atma ko Shantti De"😂❤
Pata ni inko kon Recommend karta hai ye video Moorkh Karn ki Baja ke Rakh di😂😂
@@Sachingarg-uj7xwBR Chopra ki Mahabharata Karn ke Hard Core fan pasand nhi karte, Lekin Still Vo dekhte hai 😂
@@Anmol_Singhaniyaise hi kehte hai sacchi Andhbhakti🤣
@@Sachingarg-uj7xwAbsolutely,True😂🎉
Kyu faltu me hate falirahahe
Here Krishna hare ram
Bhai aapka reaction bilkul sahi hai ❤❤❤❤❤ love you 😘😘💕 Biro
Karn vs arjun mat karo dono great the jab yodha 19 20 hote hai to kai bar kareebi mamle bante hai
Mahabharat book padhiye, "Karn bhi great tha" wali galat-fehmi hatt jaegi aapki
@Pallavi bharti aapne sahi kaha . Karna Mahabharat ke yudh mai Arjun se haara tha aur maara gaya . Aur haa ye rath piche jaane waali baat jhuth hai . Aisa real Mahabharat book mai nahi hai
Kya baat h
Iss Mahabharata se bhagvad geeta suno
BR chopra k mahabharat p reaction k liye like and commnet
After mahadev please watch full old Mahabharat
Please react on karn vs bheem fight in br chopra mahabharat
Aap Pakistan se dikhate mein bahut Achcha lagta hai aur donon deshon Mein Pyar badhega Ravindra Gurjar Suryavanshi Delhi
Karan Ko asli yodhha sabit karne ke liye Krishna ji ne Lila Rachi thi
Warna Karan har Jata or uske sath
Fir usko wo saman kabhi nahi milta
Karn vs arjun mat karo dono great the jab yodha 19 20 hote hai to kai bar kareebi mamle bante hai
That means your arjun boi was also strong because of your Krishna!
11:32 arjun samne nhi aye the karn dhund dhundke unke samne gya tha....or bhot hi tuff fight hui thi ye bali...poori duniya do grps me devide hogyi thi..suryadev or indradev b dekhne aye the ye fight
Karna❤❤❤
@indraneelsarkar8590 in logo ne vedio me bola ki karn sbko hrate huye jara tha bt arjun smne aagye to kam khrab hogya...to mene bhi correct kiya ki karn ka samna dhoke se nhi hua arjun se blki bo khud dhunra tha usko
@indraneelsarkar85902bhai kya aap short mai bata sakte ho last fight mai kya hua tha . Karn aur Arjun ke bich . Kya karna ka rath fasa tha aur karn rath ka paiya nikalte mara Gaya ya Arjun ne karn ko fairly haraya ?? Please bata do
ap old Mahabharat ka shishupal vadh bhi dekhe bhut acha hai
दोनो❤ही❤अपने❤समय❤के❤महान योद्धा ❤बहुत बहुत सैल्यूट ❤
Angraj karn 🤩🤩
Best warrior of Mahabharat by miles ❤🔥😍
@@sparsh__bhardwaj TRUE 🦁
Mohd. you are innocent
Brother karn and Arjun
Karan jaisa yodha koi nahi tha daanveer Karan 😢😢😢 😢😢😢naman karta hu sury putar Karan ko❤
Arjun etna bada yodha ta ki sbhi ko chal se mara 😂😂😂
Dikha toh kaha likha hai. Aur tumhe chhal lagta hai toh sabne unke putra Abhimanyu ke saath jo kiya uska badla tha samjha corona bhakt
Galat dikhaye hai yahan, Yudhishthir ke teero se Karn behosh hogaya tha aur almost marne wala tha, aakhir vaar karne se Yudhishthir khudko roke Arjun ki pratigya/kasam yaad karke varna ek last vaar se Karn Yudhishthir ke hatho maara ja raha tha Mahabharat book ke hisab se, uske baad Yudhishthir ko ghera Karn aur baki log tab ye part hua tha jahan Yudhishthir par Karn haavi hua second round me....
Nakul, Satyaki se bhi Karn haara tha aur Bheem ke prahaar se Karn behosh hogaya tha fir uska sarthi/driver Raja Shalya usey bhaga le gaye..... Fir Arjun se saamna hua aur Arjun ne gala kaata Karn ka
@indraneelsarkar8590 yes he was but in the second round, at first Yudhishthir ji defeated Karn and almost killed him, spared him for Arjun.. wait I'll get you the shloks with the adhyay and shlok sankhya
@indraneelsarkar8590 Ye hai proof ki Karn ko first round me Yudhishthir ji almost maar daale the par baksh diye the :
कर्ण पर्व, (४९) एकोनपञ्चाशत्तमोऽध्यायः, श्लोक संख्या १० से २२ तक
ततो युधिष्ठिरः कर्णमदूरस्थं निवारितम् । अब्रवीत् परवीरघ्नं क्रोधसंरक्तलोचनः ।। १० ।।
उस समय युधिष्ठिर ने क्रोध से लाल आँखें करके शत्रुवीरों का संहार करने वाले कर्ण से जो पास ही रोक दिया गया था, इस प्रकार कहा- ।। १० ।।
कर्ण कर्ण वृथादृष्टे सूतपुत्र वचः शृणु । सदा स्पर्धसि संग्रामे फाल्गुनेन तरस्विना ।। ११ ।। तथास्मान् बाधसे नित्यं धार्तराष्ट्रमते स्थितः ।
सम्राट युधिष्ठिर- ‘कर्ण! कर्ण! मिथ्यादर्शी सूतपुत्र! मेरी बात सुनो। तुम संग्राम में वेगशाली वीर अर्जुन के साथ सदा डाह रखते और दुर्योधन के मत में रहकर सर्वदा हमें बाधा पहुँचाते हो ।। ११ ।।
यद् बलं यच्च ते वीर्यं प्रद्वेषो यस्तु पाण्डुषु ।। १२ ।। तत् सर्वं दर्शयस्वाद्य पौरुषं महदास्थितः । युद्धश्रद्धां च तेऽद्याहं विनेष्यामि महाहवे ।। १३ ।।
‘परंतु आज तुम्हारे पास जितना बल हो, जो पराक्रम हो तथा पाण्डवों के प्रति तुम्हारे मन में जो विद्वेष हो, वह सब महान् पुरुषार्थ का आश्रय लेकर दिखाओ। आज महासमर में मैं तुम्हारा युद्ध का हौसला मिटा दूँगा’ ।। १२-१३ ।।
एवमुक्त्वा महाराज कर्णं पाण्डुसुतस्तदा । सुवर्णपुङ्खैर्दशभिर्विव्याधायस्मयैः शरैः ।। १४ ।।
ऐसा कहकर पाण्डुपुत्र युधिष्ठिर ने लोहे के बने हुए सुवर्णपंखयुक्त दस बाणों द्वारा कर्ण को बींध डाला ।। १४ ।।
तं सूतपुत्रो दशभिः प्रत्यविद्ध्यदरिंदमः ।
वत्सदन्तैर्महेष्वासः प्रहसन्निव भारत ।। १५ ।।
तब शत्रुओं का दमन करने वाले सूतपुत्र ने हँसते हुए-से वत्सदन्त नामक दस बाणों द्वारा युधिष्ठिर को घायल कर दिया ।। १५ ।।
सोऽवज्ञाय तु निर्विद्धः सूतपुत्रेण मारिष । प्रजज्वाल ततः क्रोधाद्धविषेव हुताशनः ।। १६ ।।
सूतपुत्र के द्वारा अवज्ञापूर्वक घायल किये जाने पर फिर राजा युधिष्ठिर घी की आहुति से प्रज्वलित हुई अग्नि के समान क्रोध से जल उठे ।। १६ ।।
ततो विस्फार्य सुमहच्चापं हेमपरिष्कृतम् । समाधत्त शितं बाणं गिरीणामपि दारणम् ।। १८ ।।
तदनन्तर युधिष्ठिर ने अपने सुवर्णभूषित विशाल धनुष को फैलाकर उसपर पर्वतों को भी विदीर्ण कर देनेवाले तीखे बाण का संधान किया ।। १८ ।।
ततः पूर्णायतोत्कृष्टं यमदण्डनिभं शरम् । मुमोच त्वरितो राजा सूतपुत्रजिघांसया ।। १९ ।।
तत्पश्चात् राजा युधिष्ठिर ने सूतपुत्र को मार डालने की इच्छासे तुरंत ही धनुष को पूर्णरूप से खींचकर वह यमदण्ड के समान बाण उसके ऊपर छोड़ दिया ।। १९ ।।
स तु वेगवता मुक्तो बाणो वज्राशनिस्वनः । विवेश सहसा कर्णं सव्ये पार्श्वे महारथम् ।। २० ।।
वेगवान् युधिष्ठिर का छोड़ा हुआ वज्र और बिजली के समान शब्द करने वाला वह बाण सहसा महारथी कर्ण की बायीं पसली में घुस गया ।। २० ।।
स तु तेन प्रहारेण पीडितः प्रमुमोह वै । स्रस्तगात्रो महाबाहुर्धनुरुत्सृज्य स्यन्दने ।। २१ ।।
उस प्रहार से पीड़ित हो महाबाहु कर्ण धनुष छोड़कर रथपर ही मूर्च्छित हो गया। उसका सारा शरीर शिथिल हो गया था ।। २१ ।।
गतासुरिव निश्चेताः शल्यस्याभिमुखोऽपतत् । राजापि भूयो नाजघ्ने कर्णं पार्थहितेप्सया ।। २२ ।।
वह सारथी मद्रराज शल्य के सामने ही अचेत होकर ऐसे गिर पड़ा, मानो उसके प्राण निकल गये हों। राजा युधिष्ठिर ने अर्जुन के हित (प्रतिज्ञा पूर्ति) की इच्छा से कर्ण पर पुनः प्रहार नहीं किया ।। २२ ।।
@@pallavi.bharatiYe konsa Mahabharat he jara batana
@@Almighty228 Vedvyas ji rachit Mahabharat jo Geeta Press chaapta hai
@@pallavi.bharatiBori ce interpolated he woh Puri sach nahi he.
अधर्म का❤साथ देना महान करण❤का❤सत्यानाश हो❤गया❤
महाभारत के स्टोरी को सुरू से देखोगे तो तो समझ आयेगा आपको कहानी बेटा। नमस्ते।
Karna ❤️❤️, kitne din baad Karna ke darshan hue iss channel mein
aap ke angraj karna ki video aa hi gye,,aaj to aap bhut khush honge 😂, subhratri 🌚
@@saloniSingh19112Shubratri Saloni, and yes, khush hua finally Karna ke upar video 😅😅. Aur bataaiye sab kaisa chal rha
@@sparsh__bhardwaj sab mast chal Raha hai, aur aap bataye aapke kya haal hai😇
@@saloniSingh19112 Mera bhi sab thik, ab toh yrr sab chale hi Gaye comment section se. Koi nhi dikhta old wala
@@sparsh__bhardwaj hmm , ye to hai, mai khud bhut kam aati hu, sabhi log busy ho gye hai ,apne apne kam me
Usame pura gan hai aap ye layo Mahabharat real hai
Karan ko Sharab Laga tha ki Jab aap yuddh Mein Honge aap Vidya Bhul jaaoge isliye vah Vidya ko bhul gaya is vajah se Maharaja Nahin To Nahin Mara Jata
Br chopra mahabharat title song reaction
Aap ek baar ,ramanand ji Sagar ki old ramayan episode ka wo part dikhaiye jisme ,,meghnad ki maut or uske Yagya ko banar sena ne khtam kiya tha ,,,ye episode dikhaiye thousand views, like, or comments aayenge sure
This is not virat yuddh. This is kurukshetra yuddha
Angraj Karna ji Jai ❤❤
Bhai sahab Ramanand Sagar SHRI KRISHN LILA serial par regular reaction season suru karen ❤❤❤
We want br chopra Mahabharat please 🙏🏻
Karan ko pata thaa wo galat side par hai par wo majbur ho gya thaa
Galat side saath dene me
Karan jaisa mahadaani koi nahi
Mahan yodha
Arjun bahut hi bada yidha
Phir kabhi koi yodh aisa janma nahi
Mahabharata koi film ya series nahi hai ye hinduwo ka itihaash hai Mahabharata such me huwa thaa nasa ke scientists vhi maan gaye hai ki Mahabharata huwa tha❤❤
Jay sree Krishna❤❤❤
Karan ko uski man Ne Bata diya tha ki tum mere ladke ho aur vah Tere Chhote bhai Hain To unhone man se kaha ki main Arjun ko marunga Baki Kisi Ko Nahin marunga isliye vah Sab Kuchh Hota Raha
Duryodhana k har paap ka bhaagi tha karn
Vo dost thha uska bahut bda karn thha
Bros. This is Mahabharat war. Not Virat war. You have reacted it already
Iss se accha ramanand sagar ke shree krishna ke sireal me arjun karan ki war best hai 🔥🔥🔥🔥
BR chopra Mahabharata ka bhishma pitama vadh scene par reaction do
Karan pandavon ka sabse bada bhai tha isliye usne Charon bhai Chhod diye the aur Arjun ko hi maarna Chahta tha
Same Bheem aur Yuddhisthir ne bhi chodh diya tha
Mahabhart sachi kani an 6000 vars huva
Karn ne continue 11 bar pratyancha kati thi arjun k gandiv ki 7:03 💪💪power of karna ❤
@indraneelsarkar8590 Yes, Ashwatthama was also very powerful, even Arjun could not face his Narayana Astra.. And hail to Lord Krishna, who protects Arjun from Karna's sarpmukh ban..and bhagdatt's vaishnavastra..so that arjun can fight on 17th day..
To kya hua jitni bar karn Arjun ki pratyancha kata to use pehle Arjun ne speed se fir se pratyancha laga diya tha ar karn ko haraya tha
@@LopamudraJena-vu5ju hua to kuch b nhi bt jo hua bo btaya jyga na..
@@bareillykibarfii2099 matlab tere liye mahabharat galat h🤣
@@bareillykibarfii2099 Arjun se karn kitni bar bhaga h ye pata h tujhe wo bhi without shree Krishna Arjun ne haraya h
Karna toh karna he 🔥🔥🔥🔥🔥 Alpha Male
Aur Arjun bhi Arjun hai ❤
Alpha female😂
First comment 😂
congratulations 🎉🎉🏆🏆🎉😂😂
🏆 ye lo iye award
Ye virat yudh nahi hai
Arjun se bda yodha thaa karan
Karan ko arjun ne nhi mara
Karan ko to sraaf ne mara thaa
Aap log suru se majanhart fekho pure barmaand ka gyan ho jaaygaa
Yar tum log Ramanand Sagar ka Mahabharat shuru nahi kar rahe ho mai , dono chainal ko unsubscribe kar dunga
@indraneelsarkar8590 shree Krishna toh unki Puri kahani ho gai, aur mujhe puri kahani nahi dekhni mujhe Mahabharat me sarvdaman banergy ka part dekhna hai
ruclips.net/video/1cmnAPwiLj4/видео.htmlsi=3hkm21daHuBjqa0r sir ek reaction es video par bhi de old Mahabharat
Yeh thik per mahadev serial continue rikhna
Dont do this shit properly mahadev k episodes p dhyan dijiye
Ye virat yudh ni h .......
Please react on karn vs bheem fight in br chopra mahabharat
Please react on karn vs bheem fight in br chopra mahabharat