हम सभी रोना रोते हैं कि पहाड़ों में कुछ नही है रोजगार नहीं है इसलिए पलायन हो रहा है लेकिन इन्ही पहाड़ों में करने के लिए बहुत कुछ है बस आपको तय करना है कि आपको करना क्या है छोटा ही सही परंतु कौन सा व्यवसाय करना है यदि हम कुछ करने से पहले ही रोना रो देंगे तो फिर हमसे कभी कुछ नहीं होगा, ये गांव भी एक उदाहरण है कि कैसे हम आय का श्रोत खुद तलाश सकते है❤❤🎉🎉
कुछ उतराखंड के ग्राम वासी बहुत मेहनती और समझदार हैं। अधिकतर लोग यह कहकर अपनी जमीन को बंजर छोड़ रहे हैं कि, कुछ नहीं हो रहा है। अब हम शहर में जायेंगे शायद लोग भूल हे हैं कि, आने वाले समय में शहर में जीवन यापन करना बहुत कठिन होगा। भावनाओं में नहीं बहना चाहिए दूर दृष्टि रखें और अपने पुरखों की दी हुई विरासत को आवाद रखें।
बहुत-बहुत शुक्रिया सर, आपके इन शब्दों और पंतनगर यूनिवर्सिटी की गांव के लोगों तक पहुंचने की कोशिश के लिए आभार। ये शब्द न सिर्फ सेलंग गांव के लोगों के लिए बल्कि मेरी पूरी टीम के लिए भी मोटिवेशन हैं, ताकि हम उत्तराखंड के कई और गांवों की कहानी सामने ला सकें, जो वहीं रहकर कुछ नया करने का प्रयास कर रहे हैं। सादर। सबसे अच्छी बात यह है कि इस गांव की प्रधान एक महिला हैं। नंबर शेयर करता हूं। सादर।
सर्वगुण संपन्न ग्रामसभा, उन्नति के पथ पर अग्रसर, उत्तराखंड की विरासत को अपने गांव में समाये हुए हैं, धन्य है ऐसे ग्राम वासियों के लिए 🫡❤🥰🙏
अर्जुन वाकई बहुत शानदार वीडियो है।
Bahut badiya ji 😊
आपके द्वारा अति महत्वपूर्ण एवम सराहनीय कार्य किया जा रहा है। इससे पूरे उत्तराखण्ड को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरणा मिलेगी। बहुत बहुत धन्यवाद।
वाह, ऐसे ही गांवों को देखकर मजा आता है।
बहुत सुन्दर इनकी मेहनत को प्रणाम मेरग गाँव से❤❤❤
बहुत ही शानदार
ये हम सभी लोगों के लिए एक आदर्श मापदंड प्रस्तुत कर रे है ,आपका ये वीडियो देखने के बाद बहुत से लोग भी स्वरोजगार की ओर आगे आएंगे🙏🙏
बहुत सुंदर दृश्य
पूरी ग्राम सभा को बहुत बहुत शुभकामनाएं ❤
वाऊ कहाँ है यह गाँव जय देब भूमि उत्तराखण्ङ🙏🙏🌹🌹
हम सभी रोना रोते हैं कि पहाड़ों में कुछ नही है रोजगार नहीं है इसलिए पलायन हो रहा है लेकिन इन्ही पहाड़ों में करने के लिए बहुत कुछ है बस आपको तय करना है कि आपको करना क्या है छोटा ही सही परंतु कौन सा व्यवसाय करना है यदि हम कुछ करने से पहले ही रोना रो देंगे तो फिर हमसे कभी कुछ नहीं होगा, ये गांव भी एक उदाहरण है कि कैसे हम आय का श्रोत खुद तलाश सकते है❤❤🎉🎉
🙏🙏🙏🙏
32 ₹ bhut kam jab pure natural es ki kimat kam se kam 50 ₹ tak hona chahiye aur gee 8oo rupeeye hona chahiye
कुछ उतराखंड के ग्राम वासी बहुत मेहनती और समझदार हैं। अधिकतर लोग यह कहकर अपनी जमीन को बंजर छोड़ रहे हैं कि, कुछ नहीं हो रहा है। अब हम शहर में जायेंगे शायद लोग भूल हे हैं कि, आने वाले समय में शहर में जीवन यापन करना बहुत कठिन होगा। भावनाओं में नहीं बहना चाहिए दूर दृष्टि रखें और अपने पुरखों की दी हुई विरासत को आवाद रखें।
बहुत सुंदर लेकिन हमारे पहाड़ों को स्वरोजगार की योजनाओं की आड़ में लूटकर लोगों को कुछ दिनों तक घुमाया जाता है ओर इन योजनाओं का लुफ्त कोई ओर ही उठता है
बस हम सबको मिलकर इस बात का ध्यान रखना है कि हमारे लोगों की मेहनत का फल उन्हीं को मिले। 🙏
भाई गढ़वाली भाषा में बोला करो टॉप फीलिंग आती है
बिल्कुल अगली बार से गढ़वाली में बोलने की कोशिश करूंगा। 🙏
अर्जुन जी यदि आप मुझे इस गांव के प्रधान या मुखिया का फोन नंबर भेज तो मैं पंतनगर विश्वविद्यालय से जोड़कर उनकी मदद करना चाहता हूं।
बहुत-बहुत शुक्रिया सर, आपके इन शब्दों और पंतनगर यूनिवर्सिटी की गांव के लोगों तक पहुंचने की कोशिश के लिए आभार। ये शब्द न सिर्फ सेलंग गांव के लोगों के लिए बल्कि मेरी पूरी टीम के लिए भी मोटिवेशन हैं, ताकि हम उत्तराखंड के कई और गांवों की कहानी सामने ला सकें, जो वहीं रहकर कुछ नया करने का प्रयास कर रहे हैं। सादर। सबसे अच्छी बात यह है कि इस गांव की प्रधान एक महिला हैं। नंबर शेयर करता हूं। सादर।