शिक्षिका सशक्तिकरण संगोष्ठी व सम्मान समारोह 2024 clips 1 :ऊषा खींची

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  • Опубликовано: 19 ноя 2024
  • "शिक्षिका सशक्तिकरण संगोष्ठी सम्मान समारोह" में 50 शिक्षिकाओं/प्रधानाध्यापिकाओ/प्रधानाचार्याओ/ शिक्षा अधिकारियों को शिक्षा और शिक्षिका सशक्तिकरण के क्षेत्र में योगदान के लिए अनेक पुरस्कारो और प्रशस्ति प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया। संगोष्ठी में शैक्षणिक और शिक्षिका सशक्तिकरण विचारों के आदान प्रदान के साथ रंगा रंग गीत संगीत कविताओं के जोशीले उद्घोष से समारोह को यादगार और शानदार तरीके से संचालन करते हुए
    समारोह संयोजिका श्रीमति ऊषा खींची ने भारत की प्रथम शिक्षिका माता सावित्री बाई फुले को समर्पित याद करते हुए बताय कि “हवाओं ने बहुत कोशिश की, मगर चिराग आंधियों में भी जलते रहे, हम सब जानते है माता सावित्री बाई फुले के संघर्ष के कारण करोड़ो लड़कियों को भी पढ़ने को मौका मिला।”
    इच्छाओं के अनुरुप जीने के लिए जुनून चाहिए, वरना परिस्थितियाँ तो सदा ही विपरीत रहती है।।
    मुख्य अतिथि श्रीमति ऊमा गौतम, जिला शिक्षा अधिकारी एसोसिएट प्रोफेसर (सीमेट) द्वारा सभी शिक्षिकाओं को मंच से पुरस्कार और प्रशस्ति प्रमाण-पत्र से सम्मानित करते हुए शिक्षिका का शिक्षा और समाज में योगदान के लिए सभी की प्रशंसा की और इसी प्रकार सेवा भाव से आगे भी संगठित रहने और राष्ट्र निर्माण में कार्य करने की संदेश देते हुए बताया कि विचार क्रांति अभियान ही युग क्रांति का सूत्रधार होता है, समाज में रह गए गेप को पहचानना और कमी पूर्ति करना हम सभी शिक्षिकाओं ज़िम्मेदारी है।
    सभी का स्वागत-सत्कार श्रीमति मोहिनी सिंधी सुमन नागर गायत्री खड़ेलवाल, सुनीता चंदेल, रजनी बिंवाल, अनीता मीना, ममता वर्मा, अनीता जोनवाल, मीना शर्मा, अनीता दायमा, सरोज बसवाल शिक्षिकाओं ने किया और स्वागत-गान श्रीमती अनीता महामना प्रिन्सिपल और म्यूजिक टीचर स्मृति ने समारोह को रोचक बना दिया।
    “ हम शिक्षक है हम शिक्षा की तस्वीर बदल देंगे” गीत गाते हुए श्रीमती सुनीता वर्मा अध्यापिका संगीतमय महोल से शिक्षा का शानदार संदेश दिया।
    श्रीमती मीना शर्मा द्वारा प्रस्तुत कविता “उठो गगन में पक्षी बनकर अपनी ताकत को पहचानो, अबला नहीं सुंदर नहीं, सशक्त बनो, फूल नहीं फूलन बनो..” ने सबको ऊर्जावान होने का संदेश दिया। शिक्षा और नारीशक्ति पर श्रीमती जसबीर कौर वरिष्ठ अध्यापिका तथा कोमल है कमज़ोर नहीं श्रीमती मीरा सक्सेना, प्रिंसिपल, श्रीमती संतोष मीणा प्रिन्सिपल और शिक्षिकाओं ने संगीत साथ मंच पर प्रस्तुति दी।
    धन्यवाद भाषण में प्रिन्सिपल श्रीमती शालिनी अंकोदिया और श्रीमती संतोष मीणा, प्रिंसिपल श्रीमती राधा शर्मा प्रिन्सिपल, डॉ. राज शर्मा प्रिन्सिपल द्वारा नारी शक्ति को समाज और राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए संगठित रहते हुए ऐसी संगोष्ठियाँ में सभी शिक्षिकाओं की भागीदारी को उपयोगी और सार्थक बताया। संयोजिका श्रीमती ऊषा खींची ने संगोष्ठी को सफल और यादगार बनाने में सभी शिक्षिकाओं का सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
    जय भारत।
    संयोजिका श्रीमति ऊषा खींची

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