श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया आत्मा अमर है | महाभारत एक धर्म युद्ध

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  • Опубликовано: 14 окт 2024
  • भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन दो भगवान!
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    श्री कृष्ण अर्जुन को अपनी इंद्रियों के बारे में बताते हैं की कैसे अपनी इंद्रियों को कैसे भोग विलास को त्यागने और उन का सही रूप से भोग करने के शक्ति जागृत करनी चाहिए। अर्जुन सभी बातों को सुन कर श्री कृष्ण से कहता है की मैं ये सब बातें तो समझ रहा हूँ पर में इसे अपना क्यों नहीं पा रहा तो श्री कृष्ण उसे बताते हैं की तुम अभि भी मोह और भावनाओं में फँसा हुआ है। तुम्हें इन सब मोह माया रिश्तेदारी के मोह को त्यागना होगा। अर्जुन फिर भी इन भावनाओं से मुक्त नहीं हो पता। महादेव भी पार्वती माता को श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन के दिए उपदेश को समझाते हैं और धृतराष्ट्र संजय से ये सब होते हुए सुन रहा था। श्री कृष्ण अर्जुन को मोह माया को त्यागने के लिए कहते हैं और सन्यासी बने बिना सन्यासी के कर्मों पर चले और इन भावनाओं को त्याग दे।
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