मियां मीर मुहम्मद नौमान बल्कि रहमतउल्लाह अलेहे को कहां भूल गऐ शेख ऐहमद सिर्हिंदी के बाद वह बाकि बिल्लाह रेहमतउललाह के सब से क़रीब थे। आगरा मे थे और शेख सिरहिंदी के पहले खलीफा थे. शेख ने उन्हे बुरहानपुर भेजा लेकिन जहांगीर वहां उनकी फौज मे मक़बूलियत से डर गया था और आगरा बुलाया जहां उन्होने सुकूनत इख्तियार की. आज भी आप का मजा़र आगरा में है और फैज़ जारी है. मीर हाशिम, और बदरुद्दीन सिरहिंदी रेहमतउल्लाह की किताबे पढे और मीर नौमान रहमतउललाह के मरतबे से रूहशनाज़ हों।
अमीर अब्दुल्ला बल्खी़ रहमतउल्लाह अलेहे के मुरीदेन में अहमद सिरहिंदी रहमत उल्लाह अलेहे और मीर मुहम्मद नौमान बल्ख़ी शामिल थे. दोनो पाऐ के बुजुर्ग थे और वाकि बिल्लाह रहमत उल्लाह के मुरीद थे
Subhan'allah ❤
Masha'Allah ❤
Subhanallaha
Subhan Allah
Mashallah
Subhanallah mashalllah alhamdulillah ❤️❤️❤️
سیدنا کریم صلی اللہ علیہ والہ وسلم ❤❤❤❤❤
Aape Kay maa baab ku salaamat rakha
Quda kush rakay
Har Bargha may Mera Salam kehdena
Masha’Allah
MASHALLAH
Assalamualaikum aamin alhamdolilah Dua ki azizana darakhast ilteja iltemase dua
Mai yhi rheta ho❤
Bhai ye khuwaja sil sile se hai
Sahaba r.a nai aise karamatain kiyn nahi kin
मियां मीर मुहम्मद नौमान बल्कि रहमतउल्लाह अलेहे को कहां भूल गऐ शेख ऐहमद सिर्हिंदी के बाद वह बाकि बिल्लाह रेहमतउललाह के सब से क़रीब थे। आगरा मे थे और शेख सिरहिंदी के पहले खलीफा थे. शेख ने उन्हे बुरहानपुर भेजा लेकिन जहांगीर वहां उनकी फौज मे मक़बूलियत से डर गया था और आगरा बुलाया जहां उन्होने सुकूनत इख्तियार की. आज भी आप का मजा़र आगरा में है और फैज़ जारी है. मीर हाशिम, और बदरुद्दीन सिरहिंदी रेहमतउल्लाह की किताबे पढे और मीर नौमान रहमतउललाह के मरतबे से रूहशनाज़ हों।
बल्ख़ी पढा जाऐ
Bhai ab aise karamat kiyn nahi hoti
अमीर अब्दुल्ला बल्खी़ रहमतउल्लाह अलेहे के मुरीदेन में अहमद सिरहिंदी रहमत उल्लाह अलेहे और मीर मुहम्मद नौमान बल्ख़ी शामिल थे. दोनो पाऐ के बुजुर्ग थे और वाकि बिल्लाह रहमत उल्लाह के मुरीद थे
Mashallah
Subhan allah