हनुमान जी की चेतावनी | द्वित वानर का भक्तों पर प्रकोप |श्री कृष्ण महिमा
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- Опубликовано: 7 фев 2025
- "हनुमान जी पोंड्रक की नगरी के ऊपर से गुजर रहे थे तो वो वहाँ श्री राम भजन करते हुए लोगों को देखते हैं और भेष बदल उनके साथ राम जी की कथा करने के लिए रुक जाते हैं। कथा समाप्त होने के बाद हनुमान जी को वहाँ एक बालक मिलता है जो हनुमान जी से मिलने की प्रतीक्षा करते हुए हमेशा राम कथा सुनने आता है। हनुमान जी उस बालक से पूछते हैं की तुम उनसे क्यों मिलना चाहते हो तो वह बालक बताता है की मैं हनुमान जी का भक्त हूँ और मैं उनकी उस पूँछ को देखना चाहता हूँ जिस से उन्होंने लंका को जलाया था। हनुमान जी उस बालक से प्रसन्न होकर अपना असली रूप उसे देखा देते हैं। हनुमान जी उस बालक को अपनी पूँछ से पकड़ कर सैर कराते हैं। पोंड्रक के सैनिक बस्ती वालों पर हमला करते हैं और उन्हें लूटने के लिए आते हैं क्योंकि उन्होंने पोंड्रक की पूजा ना करके दूसरे भगवान की पूजा की थी। बस्ती में कोहराम मच जाता है और हनुमान जी पास एक लड़की भागते हुए आती है तो हनुमान जी के पास जो बालक था वह बालक अनुमान जी को कहता है की मेरी बहन की रक्षा करो। हनुमान जी भेष बदल लेते हैं और राजा पोंड्रक के सेनापति को रोकते हैं। जब हनुमान जी के रोकने पर भी वो नहीं मानते और हनुमान जी पर हमला करते हैं तो हनुमान जी उन सैनिकों से युद्ध करके उन्हें मार देते हैं जैसे ही सेनापति हनुमान जी को मारने के लिए तलवार निकलता है तो हनुमान जी अपने असली रूप में आकर उस सेनापति को आसमान में उठा कर ले जाते हैं और नीचे फेंक देते हैं। वह सेनापति आसमान में ही राक्षस रूप में आ जाता है और हनुमान पर हमला करता है लेकिन हनुमान जी उसे मार देते हैं और वह राजा पोंड्रक के महल में जाकर गिरता है। सेनापति की लाश को राजा पोंड्रक के पास लाया जाता है। राजा पोंड्रक सेनापति के हत्यारे को मारने के लिए उसे मारने के लिए आदेश देता है। हनुमान जी ब्राह्मण भेष में राजा पोंड्रक की राज सभा में आ जाते हैं और बताते हैं कि मैंने ही तुम्हारे सेनापति का वध किया है। पोंड्रक हनुमान जी को निर्बल समझ उन पर हमला करने का आदेश देता है। हनुमान जी उसे सैनिकों को मार देते हैं। हनुमान जी पोंड्रक को उसके अहंकार के बारे में बताते हैं की तुम वासुदेव बन कर बैठे हो और तुम्हारे ये चापलूस सैनिक और साथी तुम्हारी इस ग़लत कार्य में साथ दे रहे हैं। हनुमान जी पोंड्रक को चेतावनी देते हैं की ये नाटक समाप्त कर दे वरना मैं ये सब ख़त्म कर दूँगा। रानी तारा की प्रार्थना पर अपना परिचय देते हैं और बताते हैं की मैं हनुमान हूँ। रानी तारा हनुमान जी को प्रणाम करती हैं। लेकिन पोंड्रक हनुमान जी को मायावी बहरूपिया बताते हैं और जब हनुमान जी वहाँ से जाने लगते हैं तो पोंड्रक उन पर अपने चक्र से हमला करता है जिसे हनुमान जी अपने हाथ से पकड़ लेते हैं। पोंड्रक जब हनुमान जी पर चक्र से हमला करता है तो हनुमान जी अपने हाथ से चक्र को पकड़ लेते हैं और वापस पोंड्रक के पास भेज देते हैं। हनुमान जी पोंड्रक को चेतावनी देकर चले जाते हैं।
पोंड्रक हनुमान जी को ब्राह्मण रूप में देखने के बाद उन्हें असली हनुमान जी स्वीकार करने से मना कर देता है और उनसे बदला लेने के लिए अपने मित्र द्वित वानर को बुलाता है और उसे हनुमान जी को मारने के लिए भेजता है।द्वित वानर दूसरे देवताओं के लिए यज्ञ कर रहे ब्राह्मणों के यज्ञ को भंग कर देता है। पोंड्रक की सेना के अत्याचार से डर कर ब्राह्मण भागते हुए बलराम के पास आ जाते हैं। ब्राह्मण बलराम से रक्षा की गुहार लगाते हैं। बलराम उन सैनिकों को रोकते हैं और जब सैनिक बलराम को भी पकड़ कर ले जाने आते हैं तो बलराम एक पैर से धरती को फाड़ कर सारी सेना को धरती में समा देते हैं। पोंड्रक का सेनापति बलराम पर हमला करता है बलराम को घायल करने पर बलराम उस सेनापति को मार देते हैं। बलराम के ज़ख्मों पर श्री कृष्ण मरहम लगाते हैं। जो पोंड्रक को भगवान नहीं मानते द्वित वानर उन सभी जगहों पर जाकर सभी लोगों को दंड देता है।
श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे सर्वप्रथम दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित 1993 को किया गया था जो 1996 तक चला, 221 एपिसोड का यह धारावाहिक बाद में दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर टेलीकास्ट हुआ, रामायण व महाभारत के बाद इसने टी आर पी के मामले में इसने दोनों धारावाहिकों को पीछे छोड़ दिया था,इसका पुनः जनता की मांग पर प्रसारण कोरोना महामारी 2020 में लॉकडाउन के दौरान रामायण श्रृंखला समाप्त होने के बाद ०३ मई से डीडी नेशनल पर किया जा रहा है, TRP के मामले में २१ वें हफ्ते तक यह सीरियल नम्बर १ पर कायम रहा।
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❤ Shri Krishna Govind ji ❤
Love from Assam
🌹💐श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी है नाथ नारायण वासुदेव राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे पित मात स्वामी सखा हमारे है नाथ नारायण वासुदेव 🌹🌷💐
Radha Radha ji
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जय श्री राम l❤❤❤❤❤❤
Jay shree krishna
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Jay Shri Ram
Jay Shri Ram Sita Ram Jay Shri Krishna Radhe Shyam
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Bolo Jay Shree Krishna 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Wo bhi kya din the yaar
Jay shree Ram ❤❤