LIVE बातचीत में पहली बार भड़के अभय दुबे, मोदी-शाह का कच्चा चिट्ठा खोल दिया ॥ Modi ॥ Shah

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  • Опубликовано: 18 дек 2024

Комментарии •

  • @hrdefender9439
    @hrdefender9439 7 часов назад +52

    दूबे जी बिल्कुल सत्य कह रहे हैं

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 часа назад

      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

  • @girishkumar8320
    @girishkumar8320 7 часов назад +55

    अंबेडकर जी मेरे भगवान हैं ।

    • @manchikantimurty7375
      @manchikantimurty7375 6 часов назад

      Non Brahmins Sages / Saints: according to Vajrasuchikopanishad, Rishyasringa belonged to deer, buck rearing caste, Kausika to grass cutting class, Jambooka maharishi belonged to fox tearing class, Valmiki to Kirathaka caste, Vyasa to fishermen caste , Gautama to hare rearing class, Vasistha born to a prostitute, and his son Shakti married a lower caste lady, Parasara married a lower caste lady Matsyagandhi and got a son Vyasa Maharshi, Agastya born in an earthen vessel, Matanga was a son of lower caste , Itareya maharishi was son of a kirathaka (present SC and ST category), Ilusha Rishi born to a Dasi.

  • @maheshtiwari-k3m
    @maheshtiwari-k3m 8 часов назад +108

    कौन-कौन चाहता है कि राहुल गांधी भारत के प्रधानमंत्री बने

    • @satinderkahlon7919
      @satinderkahlon7919 8 часов назад

      Kabi nhi

    • @Lingbabar
      @Lingbabar 7 часов назад +2

      @@maheshtiwari-k3m koi nhi

    • @ramkakade9619
      @ramkakade9619 6 часов назад +3

      तो साब... अमित शहा को बना दो ओर हिंदू राष्ट्र घोषित करो l

    • @nabinbanik6664
      @nabinbanik6664 6 часов назад

      ​@@satinderkahlon7919 tu gaddar nikla. 😂😂😂😂

    • @user-wo8ob4ws3o
      @user-wo8ob4ws3o 6 часов назад

      Jb tak Rahul h wo om nahi ban sakta or nahi congress kabhi jeet sakti hai

  • @gargidev07
    @gargidev07 6 часов назад +95

    बाबासाहेब के अपमान पर भी अगर विपक्ष विरोध मे कुछ न कर पाया तो ऐसा विपक्ष देश हित मे नही है।

    • @nandlalyadav9185
      @nandlalyadav9185 3 часа назад +5

      पिछड़े व दलित के मसीहा बाबा साहब काअपमान से पूरा समाज आहत है

    • @sunilsanuuikey9398
      @sunilsanuuikey9398 3 часа назад +2

      Right

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 часа назад

      @@nandlalyadav9185
      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

  • @rajvishwakarma7284
    @rajvishwakarma7284 5 часов назад +20

    अमित शाह जी के बयान के ऊपर कानूनी कार्रवाई करने की आवश्यकता है

  • @mohammadharunkhan3740
    @mohammadharunkhan3740 2 часа назад +5

    बाबा साहब आंबेडकर भारत के सारे मानव भगवानों से महान हैं क्योंकि बाबा साहब ने जितने दबे कुचले लोगों को सिर उठाने का हक़ दिया उतना कोई भी महापुरुष बीसवीं, इक्कीसवीं शताब्दियों में नहीं कर सका।

  • @BhimChaudhary-g7s
    @BhimChaudhary-g7s 7 часов назад +45

    अमित शाह इस्तीफा दो 😡😡😡😡

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 часа назад

      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

  • @satishsaroha8331
    @satishsaroha8331 7 часов назад +33

    हम बाबा साहब अम्बेडकर से बड़ा किसी भगवान को नहीं मानते। हमारे लिए बाबा साहब अम्बेडकर ही भगवान हैं।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 часа назад

      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

  • @abdullahansari5276
    @abdullahansari5276 4 часа назад +4

    True Facts and Analysis
    Jai Bhim Jai Bharat

  • @PrabhatSingh-ti5vm
    @PrabhatSingh-ti5vm 5 часов назад +4

    Thanks 4p m

  • @zsdodwaldodwal5656
    @zsdodwaldodwal5656 6 часов назад +21

    बाबा साहेब ने इस धरती पर,इस देश मे ,इस समाज मे,स्वर्ग बना दिया,भगवान ने स्वर्ग नर्क बनाया है वो किसने देखा जहां बताने के लिए जिन्दा जा नही सकता,और मृतक वापस आ नही सकता ।

  • @anilmulay2839
    @anilmulay2839 7 часов назад +58

    जबतक ईव्हीएम है,तबतक कोई कीतनाभी विरोध करे सत्ता पक्ष कुछभी करे इनको फर्क नहीं पडेगा।मतोंकी जरुरतही नहीं है।संविधान, लोकतंत्र, मानतेही नहीं।

    • @user-wo8ob4ws3o
      @user-wo8ob4ws3o 6 часов назад

      Jharkhand me evm thik hai Mumbai me khrb

    • @Hanumandkind
      @Hanumandkind 5 часов назад +1

      सुषमा स्वराजजी की बिटिया के चुनाव की एवं ठीक है या नहीं?

    • @lasteye4959
      @lasteye4959 3 часа назад

      ​@@user-wo8ob4ws3ojharkhand mai evm nhi hoti to 10 bhi nhi aati BJP ki...EVM + Election officers sabka dose milkar chunav manage hota hai..Baaki ELON musk ne challenge kiya hai evm ko, Election commission ko ek machine musk ko bhejkar challenge accept kare..uske pass team hai scientist ki..

    • @nandlalyadav9185
      @nandlalyadav9185 3 часа назад

      इन सब बातो को नजरअन्दाज करते हुये सभी अम्बेडकर वादी को खुल कर विरोध में आना चाहिये

    • @vinubhaisolankii34
      @vinubhaisolankii34 3 часа назад

      Tumhari samaj se pare hai​@@user-wo8ob4ws3o

  • @manojsolanki7652
    @manojsolanki7652 7 часов назад +30

    आप दोनों को कोटि कोटि नमन 🙏👍❤

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 часа назад

      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

  • @jaibirkhicher8179
    @jaibirkhicher8179 3 часа назад +3

    Salute sir

  • @RajuMaikan
    @RajuMaikan 6 часов назад +5

    Super thanks sir

  • @DalpatChhibubhai
    @DalpatChhibubhai 5 часов назад +31

    संजय जी अभय दुबे जी आप के शो में जरुर बुला लिया करो अभय दुबे जी से बहुत कुछ जानना मिलता है सिखाना मिलता है
    अभय दुबे जी आपकों प्रणाम सर

    • @vikastaya4382
      @vikastaya4382 5 часов назад +1

      Please support abhay dubey for prime minister of India. He is better than rahul gandhi

    • @gopaalpande7167
      @gopaalpande7167 4 часа назад

      ​@@vikastaya4382to yhst bas...d , never, frustrated dala

    • @lasteye4959
      @lasteye4959 3 часа назад

      ​@@vikastaya4382kaise support kare wo chunav hee nhi ladte .😂

    • @netrapalsingh566
      @netrapalsingh566 3 часа назад

      Knowledge rich in analysis

  • @dhanjibhaivrathod504
    @dhanjibhaivrathod504 7 часов назад +21

    जय भीम जय संविधान जय बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर। 💙💙💙💙💙 🙏🙏🙏🙏🙏 💙💙💙💙💙

  • @kantmeshram8133
    @kantmeshram8133 4 часа назад +8

    बाबा साहेब ने सभी समाज के लिए काम किया है।
    शर्मा जी आपको ये बात बोलनी चाहिए।

  • @BhimChaudhary-g7s
    @BhimChaudhary-g7s 7 часов назад +15

    जय भीम जय संविधान जय भीम आर्मी चंद्रशेखर भाई जिंदाबाद 💪💪💪🙏🙏🙏🙏💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙

  • @haribhaibarad2703
    @haribhaibarad2703 3 часа назад +3

    Right sir

  • @surendrakumarsingh4921
    @surendrakumarsingh4921 6 часов назад +17

    सिर्फ दलित ही नहीं वास्तविक बुद्धिजीवी, राष्ट्र के संदर्भ में सही सोच रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति अमित शाह के नीच वक्तव्य से पीड़ित है।

  • @saudansingh1885
    @saudansingh1885 4 часа назад +4

    उत्तम चर्चा!👍👍👌

  • @mehmoodsamre2639
    @mehmoodsamre2639 6 часов назад +24

    संजय शर्मा जी आपकी बेबाक ईमानदार पत्रकारिता को सलाम।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 часа назад

      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

  • @Suresh-x3w
    @Suresh-x3w 4 часа назад +5

    🇮🇳बाबा साहेब आंबेडकर जी हर सच्चे भारतीय और हमारे विचारों की जान है📘🫡⚖️🙏

  • @anwaralam6454
    @anwaralam6454 3 часа назад +4

    Very deep analysis by Dr Abhay Dubey. His analysis and comments prove his deep knowledge. ❤

  • @bhargavvora9687
    @bhargavvora9687 4 часа назад +10

    शर्मा जी, जो दिल में होता हैं वह जबान पर आ जाते हैं... आज अमित शाह ने बता दिया.....

  • @PrabhatSingh-ti5vm
    @PrabhatSingh-ti5vm 5 часов назад +3

    Thanks 4p m 24:14

  • @pushpendrabhaskar3813
    @pushpendrabhaskar3813 5 часов назад +3

    Very good analysis.

  • @dr.a.k.saptarshi524
    @dr.a.k.saptarshi524 3 часа назад +3

    श्रेष्ठ विश्लेषण

  • @rajugoutam4401
    @rajugoutam4401 6 часов назад +9

    भगवानों के भगवान हैं हमारे भगवान बाबा साहब भीम राव आंबेडकर साहब 🔥🔥💙💙💪🏽

  • @netrapalsingh566
    @netrapalsingh566 3 часа назад +2

    Significant discussion

  • @b.spareek
    @b.spareek 7 часов назад +46

    शर्मा जी बीजेपी को शाह के बयान से कोई हानि नहीं होगी क्योंकि मुस्लिम विरोध से खुश होने वाली जनता बीजेपी की सारी गलतीया माफ कर देती हैं I

    • @lasteye4959
      @lasteye4959 3 часа назад

      Muslim virodh se sirf andhbhakto ko dose diya jata hai, taaki wo bhatak na jae..

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 часа назад

      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

  • @errajkumar1282
    @errajkumar1282 6 часов назад +9

    खेत विके चाहे कमरा
    वोट न पाये चमरा
    येसा नारा भी चलता था। अंदर ही अंदर
    ये वात १००% सच है वाल्मीकि समाज अंबेडकर विचारधारा को नहीं मानता है। वो मनुबाद के चंगुल में आज भी है।

  • @RanjitGavandi-i4m
    @RanjitGavandi-i4m 7 часов назад +15

    वैसे भी कुछ लोग अकलके दुष्मण होते है लेकिन लकिर के फकिर भी होते है !

  • @suwalalawasiya1897
    @suwalalawasiya1897 7 часов назад +11

    Abhay dubey ji and Sanjay sarma ji ko 🙏🏻salute 🙏🏻

  • @birbalpti3477
    @birbalpti3477 5 часов назад +2

    Thanks Mr Sanjay Sharma ji and Mr.Abya Dubey ji.Jai Bhim Jai Bharat.❤

  • @SunilKumar-nt8wg
    @SunilKumar-nt8wg 3 часа назад +4

    अभय जी आपकी विश्लेषण क्षमता को कोटि-कोटि नमन अद्भुत अकल्पनीय अविश्वसनीय है लेकिन एक बात समझ लें ईवीएम सरकार के नियंत्रण में है अतः इन लोगों को चुनाव में हारने का डर नहीं है इसलिए आपकी सारी माथापच्ची व्यर्थ है।

  • @mpkumar7786
    @mpkumar7786 2 часа назад +1

    Excellent Analysis.

  • @SubhashKumar-je2ex
    @SubhashKumar-je2ex 7 часов назад +17

    अब आगे होगा यह कि बाबा साहब पर अमित शाह द्वारा बयानबाजी की बात ठंडी पड़ी तो मोदी -शाह तुरंत बाबा साहब को "भारतरत्न" से नवाज़ने की घोषणा करके डेमेज कंट्रोल करने की कोशिश करेंगे, बेशक आर एस एस, बीजेपी कभी भी बाबा साहब की प्रशंसक या हितैषी नहीं रही

    • @rameshailawadi2627
      @rameshailawadi2627 6 часов назад +1

      Bhaiya jee
      Baba Ji ko already Bharat Ratan mil chuka hai 1990 maen.
      Issee liye bola jaata hai Bharat Ratan Dr. Bhim Rao Ambedkar Ji.

    • @ramkakade9619
      @ramkakade9619 6 часов назад +1

      भारत रत्न अंबेडकरजीको ऑलरेडी मिला है l

  • @sunilsanuuikey9398
    @sunilsanuuikey9398 3 часа назад +2

    Great analysis Abhay sir ji Baba Saheb Dr Ambedkar ji ke bare me

  • @sandeeppunia3853
    @sandeeppunia3853 3 часа назад +5

    बाबा साहेब विश्व रत्न है उन्हें ना भाजपा की जरूरत है ना कांग्रेस की, बाबा साहेब के करोड़ों समर्थक उन्हें हमेशा अपने दिल में रखेंगे

  • @ramsawroop8589
    @ramsawroop8589 6 часов назад +11

    ❤ संजय जी,अभय दुबे जी प्रणाम 🇮🇳🇮🇳🙏🌹🌹❤️ मोदी, शाह, बीजेपी की मन की सच्चाई, देश के सामने आ गई, कहते है अगर इन्सान चौबीस घंटे झूठ बोलें, एक बार सच्च बोल ही जाता है,चार सौ पार, संविधान बदलना, ये सब इनकी मन की बात देशवासियों के सामने आ गई है, बीजेपी एसटी, ओबीसी विरोधी झुंड है, झूठ, जुमले, बेईमानी, हेराफेरी, लूटघूसट इनके ख़ून में भरा हुआ है, बीजेपी, ईवीएम हटाओ, भारतवर्ष को बचाओ, इंडिया गठबंधन ज़िंदाबाद 🇮🇳🙏🌹 इंडिया ज़िंदाबाद 🇮🇳🙏🌹 डां बाबा साहेब अम्बेडकर जी ज़िंदाबाद, ज़िंदाबाद 🇮🇳🇮🇳 श्री राहुल गांधी जी, खड़कें जी, अखिलेश जी ज़िंदाबाद 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🌹

  • @DineshBansod-k3n
    @DineshBansod-k3n 2 часа назад +1

    4pm ko salam

  • @jabbarsb6100
    @jabbarsb6100 5 часов назад +7

    अंबेडकर एक विचारधारा का नाम हैं।इस धारा में आप बह न जाएं।

  • @kailashchandmeena704
    @kailashchandmeena704 3 часа назад +15

    प्रोफेसर दुबे साहब जी के यथार्थ विश्लेषण एवं ऐताहासिक सत्यता का बेवाक व्याख्यान के लिए कोटि-कोटि साभार एवं नमन ❤❤❤

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 часа назад

      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

  • @DineshBansod-k3n
    @DineshBansod-k3n 2 часа назад +1

    Baba Saheb jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad

  • @ManojKumar-ji8sl
    @ManojKumar-ji8sl 7 часов назад +11

    बीजेपी पार्टी जब बाबासाहेब विचारों में विश्वास नहीं रखते बदलितों को मान सम्मान क्या देंगे यह तो दलितों के नेता को अपने चुनावी फायदा के लिए मिला के रखते हैं मनोज रजक आरजेडी बख्तियारपुर

  • @naveenchandra4306
    @naveenchandra4306 5 часов назад +1

    डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी महान थे महान है और हमेशा हिन्दुस्तान के लिए महान रहेंगे। 🙏

  • @UsmanKhan-vd5bz
    @UsmanKhan-vd5bz 5 часов назад +3

    ईवीएम हटाओ देश बचाओ ❤❤

  • @dayasingh3309
    @dayasingh3309 6 часов назад +11

    सवाल उन भाजपा के चुने St/St क्य़ा वे भाजपा से बाहर होंगे

  • @NarendraVerma-k5n
    @NarendraVerma-k5n 2 часа назад +1

    बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी जिन्दाबाद जय भीम जय भारत मायावती जी जिन्दाबाद

  • @rkverma1157
    @rkverma1157 6 часов назад +3

    Impressive analysis

  • @ambedkarvishwakarma6802
    @ambedkarvishwakarma6802 6 часов назад +6

    देशका जिम्मेदार व्यक्ति बाबा साहब डाभीमराव . अम्बेडकर का तिरस्कार करता है जबकि देशको चलने का हक ऐसे व्यक्ति को कोई हक नहीं बनता है।

  • @mrsonumumar4024
    @mrsonumumar4024 3 часа назад +2

    ❤❤❤

  • @MDIBRAHIM2-z6s
    @MDIBRAHIM2-z6s 2 часа назад +2

    JAAGO INDIA JAAGO ❤❤

  • @muksehkumarshark
    @muksehkumarshark 5 часов назад +1

    संजय जी आपने बाबा साहेब को सिर्फ दलित तक ही सीमित कर दिया। जबकि बाबा साहेब ने पूरा बहुजनों का महिलाओं का कमजोर तबकों का सबकों अधिकार दिलाया। वो सबके लिए पूजनीय है। जय भीम जय भारत जय संविधान।

  • @PradipKumar-wz9os
    @PradipKumar-wz9os 5 часов назад +1

    बहुत सही विश्लेषण अभय दुबे जी ने अभय जी जब तक ईवीएम नहीं हटेगी तब तक बीजेपी का दिमाग नहीं सही होगा क्योंकि बीजेपी को जब ईवीएम से चुनाव जीतना है तो जनता से क्या मतलब

  • @madhosingh6637
    @madhosingh6637 4 часа назад +4

    राहुल गांधी जी की नजर देश के उच्च पदों पर बैठे लोगों पर है । वह कहते भी है उच्च पदों पर कोई भी बहुजन समाज का व्यक्ति नहीं बैठा है इसलिए उच्च पदों के लोग बहुजन समाज के अनुरूप प्रगति के रास्ते नहीं बनाते हैं।

  • @ghanisheikh5550
    @ghanisheikh5550 4 часа назад +1

    सामाजिक न्याय की लड़ाई अपने आर्थिक तत्व में बड़ी समता की मांग करता है जो दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और पिछड़े मुसलमानों को एक साथ समेटता है इसको आगे बढाना चाहिए। इसमें दक्षिणपंथी सांप्रदायिक विचार और हितों की मौत है।

  • @rameshkumarchaudhary8860
    @rameshkumarchaudhary8860 8 часов назад +6

    Good question sir 💖

  • @SatyendraSingh-qc8fi
    @SatyendraSingh-qc8fi 6 часов назад +3

    Expert patrakar saheb bahut khus hai

  • @KamrulHabib-l5u
    @KamrulHabib-l5u 5 часов назад +1

    Good 👍👍 discussion sir

  • @abhayanandpathak9250
    @abhayanandpathak9250 7 часов назад +10

    तिरस्कार भाव प्रकट करता है साह जी का वक्तव्य।

  • @Vishnu-hh2nn
    @Vishnu-hh2nn 3 часа назад +2

    Ab time aa gaya hai SC ST OBC sansad ko rejayan kerna chahiya pura desh ki inper najar h kon kon neta baba Sahab ky sath h

  • @mamchandgautam8077
    @mamchandgautam8077 3 часа назад +1

    Jai Bhim jai Savidhaan... बीजेपी ki सच्ची बात samne आ गई

  • @anandmayekar1513
    @anandmayekar1513 Час назад +1

    Jai Bhim Jai Sanvidhaan 🙏

  • @inderjeet3008
    @inderjeet3008 3 часа назад +1

    जब दलित शुद्र
    दरिंदगी की जिंदगी जी रहे थे
    जब कोई भगवान नहीं आया था
    हमारे लिए बाबा साहब इन सबसे बढ़कर है
    जय भीम

  • @hansrajbanga73
    @hansrajbanga73 4 часа назад +1

    We request all the Ambedkari MP, s MLA, s in satadhari please come out in favour of Baba sahib ji.

  • @rajandhawan6760
    @rajandhawan6760 7 часов назад +6

    Ambedkar Desh ke liye bhagwan hee hai

  • @NitinKumar-vq1ro
    @NitinKumar-vq1ro 4 часа назад +1

    Sahi bol rahe Abhay Dube sar

  • @rajvishwakarma7284
    @rajvishwakarma7284 5 часов назад +2

    वोट लेने के एक है तो सेफ है बाद में अमित शाह जी और मोदी जी पिछड़ों की आलोचना करते हैं।

  • @BinaTrivedi-c5n
    @BinaTrivedi-c5n 5 часов назад +1

    Jay guruji shukrana guruji

  • @bhoopsinghbharti3263
    @bhoopsinghbharti3263 3 часа назад +1

    भगवान जैसे नहीं, बल्कि असली के भगवान है डॉ भीमराव अंबेडकर

  • @amanullah4419
    @amanullah4419 6 часов назад +3

    Jay bhim jay bhim Jai bharath jai 🙏 ho jai hind jay samvidhan jay bhim jay ho rss aur bjp sare badalna chathe hain

  • @gyanendrashyamal2437
    @gyanendrashyamal2437 14 минут назад

    अभय दुबे जी का सटीक विश्लेषण सार गर्भित रहा।

  • @DineshBansod-k3n
    @DineshBansod-k3n 2 часа назад +1

    Baba Saheb Amar rahe

  • @HeeralalBhatiya
    @HeeralalBhatiya 5 часов назад +2

    जुट से देश ज्यादा दिनो तक देश विशवास नही करेगा।

  • @IndrajeetTripathi204
    @IndrajeetTripathi204 4 часа назад +2

    ताड़ी पार अमित शाह को बाबा साहेब के अपमान के लिए मंत्री पद तथा सांसद के पद से तत्काल इस्तीफा देकर अज्ञात वास में चले जाना चाहिए l

  • @vaishaliv6265
    @vaishaliv6265 4 часа назад +1

    दुःख की बात है लेकिन इनका अहंकार सब सीमाएं लांघने लगा है शायद I

  • @AjabraoChandekar
    @AjabraoChandekar 2 часа назад +1

    Dr Babasaheb Ambedkar give most Brahman than other people.

  • @RajendraPrasad-lo1oj
    @RajendraPrasad-lo1oj Час назад +1

    ये तो होना ही था, इसका खामियाजा तो बीजेपी को भुगताना ही पड़ेगा।

  • @mastermobeen1954
    @mastermobeen1954 7 часов назад +10

    दलितों के नाराज होने से बीजेपी को कोई फर्क नहीं पड़ता क्या कर लेंगे दलित शोषित वर्ग इनके वोटों से नहीं जीत होती कुछ नहीं कर पाएंगे भाजपा का

  • @girishkumar8320
    @girishkumar8320 7 часов назад +20

    अंबेडकर जी को,अमित शाह जो बोल रहे हैं, वह EVM की ताकत है ।दलित वोट की ऐसी-तैसी ।

  • @gopalsarkar7777
    @gopalsarkar7777 4 часа назад +1

    असल में बाबा साहेब डॉ आम्बेडकर जी हमारे लिए ईश्वर हैं। उन्होंने यह धरती को हमारी स्वर्ग बना दिया। जन्म एक ही बार होया एक बार स्वर्ग मिला। इस लिए कोटि कोटि प्रणाम। वो अंध भक्त ने सेही कहा बाबा कि नाम पुकार करि हमे स्वर्ग मिल गई। ईश्वर कि नाम जब में हमे अत्याचार मिला, शोषण मिला, दासत्व मिला अपमान मिला। आज हम स्वाधीनता मिल गई। कोटि कोटि प्रणाम बाबा साहेब। जय भीम।

  • @harvanshmaravi631
    @harvanshmaravi631 5 часов назад +1

    आरएसएस बाबासाहेब के जीते जी शव यात्रा निकाल दी थी यह नहीं भूलना चाहिए

  • @manshitiwari2993
    @manshitiwari2993 3 часа назад +1

    विपक्ष कुछ नहीं कर पाएगा कुछ न होगा

  • @rajendrakumarwaliya2901
    @rajendrakumarwaliya2901 6 часов назад +1

    ❤🎉 गुडमॉर्निंग संजय शर्मा जी व अभय दुबे जी 🎉❤!

  • @sunitagupta1217
    @sunitagupta1217 2 часа назад +1

    बीजेपी और अमित शाह जैसे नेताओं का मुखौटा उतर गया। दलित और आंबेडकर जी के प्रति इनका द्वेष झल्लाहट में बाहर निकल कर आ गया।

  • @DineshBansod-k3n
    @DineshBansod-k3n 2 часа назад +1

    Baba Saheb mere God hai.Rahenge.

  • @norbancoelho2060
    @norbancoelho2060 5 часов назад +1

    बी जे पी को लोग क्या सोचेंगे उसका कुछ पडा नही है. EVM जिंदाबाद.
    ED, CBI, IT जिंदाबाद.

  • @shubhangikatti3096
    @shubhangikatti3096 3 часа назад +1

    इस देश की यही शोकांतिका है कि बाबासाहेब आंबेडकर के अपमान का बुरा सब दलितोंकोही लागता है।
    बाकी सबको यह पहा ही नही कि आज अगर वह सुकून की जिंदगी जी रहे है वो उन्ही कि बदैलत है|

  • @sangitashinde9061
    @sangitashinde9061 2 часа назад

    जयभीम बाबा साहेब जी हमारे भगवान् है और मरते दम तक रहेगे जय संविधान 🙏🙏🙏

  • @kishornandankar5785
    @kishornandankar5785 5 часов назад +3

    मोदी मोदी करने वाले कितने लोग स्वर्ग पोहचे इसकी सुची प्रकाशीत करे शाह

    • @bhargavvora9687
      @bhargavvora9687 3 часа назад +2

      आंदोलनकारी साडे सातसो किसानों को तो मोदी जी ने स्वर्ग में भेज दिया है ...बीस महीने से जल रहे मणिपुर में अनगिनत लोग मर रहे हैं...(बीजेपी के भगवान...) मोदी की कृपा से.....

  • @santoshkumar-ee5qt
    @santoshkumar-ee5qt 7 часов назад +14

    अमित शाह जी ! आपको पता होना चाहिए कि सदियों से दलित भगवान का ही नाम लेते रहे और नरक ही भोगते रहे और आज जो भी उनके जीवन में सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सुखद एहसास हुआ वह केवल अंबेडकर और उनके नाम के कारण ही संभव हुआ है। जो भगवान उनकी दुर्गति के लिए जिम्मेदार है वह आपको मुबारक हो दलितों के लिए अंबेडकर ही स्वर्ग का रास्ता है।

    • @kapiljain905
      @kapiljain905 6 часов назад

      भारत का संविधान बनाने में कई महान विभूतियों का योगदान रहा, लेकिन सबसे बड़ी भूमिका तो बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की है। यह बात पूरा देश मानता है, लेकिन काँग्रेस और काँग्रेस के नेता ऐसा नहीं मानते। राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु सैम पित्रोदा, सुधीनद्र कुलकर्णी को कोट करते हुए कहते हैं कि संविधान बनाने में बाबा साहब की नहीं मुख्य भूमिका जवाहर लाल नेहरू की थी।
      फिर योगेंद्र यादव जैसे लोगों के कहने पर कॉंग्रेस की सरकार ने NCERT की स्कूली किताबों में एक ऐसा कार्टून छपवा दिया जिसका संदेश था कि नेहरू जी ने चाबुक मार मार कर भीम राव अंबेडकर जी से संविधान लिखवाया।

    • @mdishtiyaqueahmad6015
      @mdishtiyaqueahmad6015 6 часов назад

      Hamare bihar mein 90%vote dalit pichhre sab BJP ko dete hain bhai

    • @idyadav5416
      @idyadav5416 5 часов назад

      ​@@kapiljain905जैन साहब! भारत का संविधान भारत के विचार से बनाया गया है, और इस विचार में बुद्ध, महावीर, कबीर, रैदास, समता विचार वाले सन्तों की वाणी,पेरियार, फुले, साहूजी महाराज,इत्यादि समाये हुए हैं. डॉ अम्बेडकर जी ने भारत के विचार को आकार देते हुए समाज में समता, बंधुत्व, न्याय की अवधारणा को संविधान के मूल मे समाहित किया है. यही बात RSS/BjP को अखरती है, जो कि समय समय पर बीजेपी के नेताओं के जबान पर आ ही जाती है .
      जय संविधान! जय भारत!

    • @kapiljain905
      @kapiljain905 5 часов назад

      @@idyadav5416 Akele Baba sahab ne nahi banaya, aur bahut se log the Aur vo isiliye bana paye kyonki ek Brahmin ne unki education kharch uthaya tha, Dogle pan aur Nafrat se bahar niklo Ye Periyar kaha se aa gaya? Kuch pata bhi bhi South ki history ka? Aur itne hi immandaar ho aur unka dil se samman karte ho to ek baar nishpaksh hokar Unki kitabo ka ek ek page you tube channel par live pad doa ur Samidhaan ki Original book lekar aao auy Dikaho ki khud baba sahab ne kiske pictures lagaye the usme.

    • @kapiljain905
      @kapiljain905 5 часов назад

      Ab ye mat bol dena ki ye Maharaj pichde dalit the.
      Chandragupt Maurya ko bhi ek Brahmin Chanakya ne banaya tha.
      अंबेडकर बचपन से ही बहुत होनहार थे लेकिन उनके पास विदेश जान के पैसे नहीं थे। ऐसे में बड़ौदा के तत्कालीन महाराजा सायाजीराव गायकवाड़ तृतीय ने उनकी आर्थिक मदद की। उन्होंने अंबेडकर को कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के लिए छात्रवृत्ति दी। इस तरह आंबेडकर का विदेश में पढ़ने का सपना साकार हुआ। आंबेडकर जब कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद भारत लोटे तो बड़ौदा के महाराजा ने उन्हें बड़ौदा राज्य के लेजिस्लेटिव असेंबली का सदस्य बनाया. बड़ोदा के राजा को उस समय के शासकों में सबसे बड़ा समाज सुधारक माना जाता था. आंबेडकर भी उसका काफी प्रभाव पड़ा. संविधान के निर्माण के समय आंबेडकर की सोच में भी ये नजर आया.
      दरअसल महाराज ने अपने शासनकाल के दौरान राज्य में अनुसूचित जाति के लोगों के चुनाव लड़ने का कानून बनाया. इसके अलावा उन्होंने आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों के साथ-साथ महिलाओं और पिछड़े वर्ग के लिए कई योजनाएं चलाईं.

  • @BantiKumarakela
    @BantiKumarakela 5 часов назад +2

    Bjp हटाओ अमित साह भगाओ जय भीम जय सविंधान जय जोहार जय भारत

  • @anwaralam6454
    @anwaralam6454 3 часа назад +1

    Dr Ambedkar is worshipped by crores of people. His ideologies inspire the people across the world.

  • @ramkeshmeena6952
    @ramkeshmeena6952 8 часов назад +11

    Nmskar,

  • @DineshBansod-k3n
    @DineshBansod-k3n 2 часа назад +1

    Abhay Dubeji Ko Salam

  • @awadheshprasad9125
    @awadheshprasad9125 7 часов назад +6

    Shah ke tippani karoro logon ki bhawna aahat hua hai. Supreme Court me mukadma darj ho.

  • @devrajchaudhary
    @devrajchaudhary 8 часов назад +11

    सौ कुते भौक ले हाथी की चाल पर कोई फ़र्क नही पडता है ऐसा यहा में बाबा साहब के लिए लिख रहा हूं कोई शाह जैसा कुछ भी बोलें देश मे जो बाबा साहब का सम्मान है वो सनातन है