हमारे पास ध्यान भजन के लिए समय नहीं है और काम करने के लिए समय है इसलिए काम करने वाले बाद में रोते है

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 8 фев 2025
  • परम् आराध्य सतगुरु स्वामी जय गुरूबन्दे जी महाराज जी कहतें हैं कि हमलोग इस माया के संसार में इस कदर फंस गए हैं कि अपने जीव के कल्याण के बारे में भी नहीं सोच रहे हैं। सारा समय माया में सुख पाने के लिए गवां दे रहे हैं।
    जबकि भक्ति भजन से ही आनंद और शांति मिलती है और भक्ति भजन से ही जीव का कल्याण होता है लेकिन हमलोग भक्ति भजन को छोड़कर सारे पाप वाले काम कर रहे हैं और काम करने वाले बाद में काम काम करते करते चले जाते हैं और कामी व्यक्ति के जीव की बड़ी दूर्गति होती है।

Комментарии • 50