पहला कदम संभाला की ओर आंखों में सपने दिल में जोर
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- Опубликовано: 8 фев 2025
- पहला कदम संभाला की ओर आंखों में सपने दिल में जोर अंधकार और डर का सामना साथ है तो ना कोई हि चिक जाना हवा में उठते जैसे परिंदे हमारे हौसले हैं फौलादी बंदे रास्ते कठिन है लेकिन सच्चे हम बनेंगे कहानी के नायक झके मोर पर सुपाई कर रा दिल में छुपा अंग नकला आवाज आशाओं का कारवा साथ चले हम सफर की अंतिम बात हवा में