Dekhte Hue Dekhna Nahi Hai-BK Rini USA
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- Опубликовано: 11 окт 2024
- Practical Application Of SM 10.10.24
यहाँ की कोई भी वस्तु से दिल नहीं लगानी है। इनको तो देखते हुए देखना नहीं है, आंखें खुली होते हुए भी जैसे कि नींद हो, परन्तु वह हिम्मत, वह अवस्था चाहिए। यह तो निश्चय है कि यह पुरानी दुनिया होगी ही नहीं।
To me each episode from sister is an exciting event! What will she say today??
ओम शांति दीदी जी सारा खेल मन में चल रहा है आत्मा में ही मन है मन में सारा खेल चल रहा है आत्मा बिल्कुल शांत साइलेंस में है शुक्रिया बाबा शुक्रिया दीदी जी ओम शांति
Omshanti mithe baba shukriya sister
Thanks Babaji ❤️🙏🏻
Thank you didi ji❤
Om Shanti ❤
Thanks...
Om shanti baba and didi thanks
Om Shanti didi
Om shanti mithe baba shukriya sister
❤❤🎉🎉
Om shanti didi ❤
Hollywood ki Lucy movie mai bahut kuch isse related dikhaya hai
Ji baba 🙏
Om Shanti baba
🎉🎉🎉🎉🎉❤😊
Thank you
❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉
Om Shanti Baba and Didi From Maharashtra
अपने बाबा दवारा अपने बाबानूसार एक फरीसते के माधयम से--- नीराकार आतमा को यह समझ ह- के यह सरीर परकास का बदला हूआ रूप ह---
नीराकार आतमा नयारा ह- व परकास रूप सरीर नयारा ह- ऐसे ही बाबा के देखने का नीयम या वीधी अलग ह- इस एक फरीसते के माधयम से परकास का बदला हूआ परतयेक रूप सथूल में- दीखते हूए भी परकास के रूप में- दीखता व अनूभव होता ह---
सब कूछ दूनीया की जेसे- दीखते भी समज(या समझ)परकास होने से- आकरसन से बेहद नयारे हं- व बेहद का सभी समझाना- अपने बाबा अपने आप करते हं- व हद अधीनता के समझाने के लीए---
इस एक फरीसते के- पीछले परकास रूप सरीर लेखराज में- नीराकार आतमा को सथीत कर देते हं- या इसके साथ कीसी हद अधीनता के नीराकार आतमा को सहयोग के रूप में माधयम लेते हं ---
हद अधीनता के कोइ भी जानकारी अपने बाबा को नहीं ह-
Didi ji m bahut time se gyan sun rahi hu samajh m to aa raha h phir bhi bahut ques. Hote h jo puchna h to plz mujhe bhi join kr lo is group m kaise join karo pkz aap batao na
To join the live classes Please check the description box n email on the given link
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अपने बाबा दवारा अपने बाबानूसार एक फरीसते के माधयम से--- अपने बाबा के समज(या समझ)जीस समय नहीं मीला होता उस समय भी हम कहीं भी जाते हं -
गारी(या गाड़ी)या हवाइ जहाज से- लेकीन यह नहीं कहते के गारी या हवाइ जहाज गया ह- यह कहते हं के हम गए-
असल में- हवाइ जहाज या गारी को जाने के जरूरत नहीं ह- जाना हमें होता ह- ऐसे ही अपने बाबा के समझ परकासनूसार--- नीराकार आतमा ने सरीर इसलीए लीया ह- ताकी यह गारी के रूप में परयोग हो-लेकीन इस परकास रूप सरीर को जाने के जरूरत नहीं---
लेकीन सरीर लेने के बाद आने जाने का सभी कारय नीराकार आतमा दवारा परकास रूप सरीर के माधयम से होता ह- जब तक सरीर ह---
सरीर के छोड़ने के बाद नीराकार आतमा को दूसरे सरीर तक अपने आप जाना होता ह- इसके बाद आतमा को चलने के जरूरत नहीं--- अपने बाबा ने यही समझाया व अनूभव कराया ह- इस एक फरीसते को-