Ranakpur Jain Tirth :- राणकपुर तीर्थ की घटना जिनके साथ हुई जानिये उनकी जुबानी...
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- Опубликовано: 15 сен 2024
- राणकपुर तीर्थ की घटना जिनके साथ हुई जानिये उनकी जुबानी...
Video Credits :- Samyag Darshan | Prasham Shah
Social Media Manage :- Shruti Shah
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Big salute to this man. What a beautiful way he has explained all the scene.
Ranakpur is such a beautiful tirth but the way the people there handling the tirth is very sad.😢 I wish some people take a good effort .
Same thing happened with me 12 - 13 years back. They are behaving like gundas. Pedi people are completely in their side. Serious action is needed to save our great heritage. Great courage shown by Maharshi bhai & family.🙏🏻
उपर का video📷 राणकपुर तीर्थ की एक सत्य घटना जिनके साथ हुई, महर्षिभाई, जानिए उनकी जुबानी सूरेशभाइ चेन्नई के साथ
Pls Share and Forward this FACT and Be aware...
जागो जैनो जागो... देव द्रव्य बचाओ
2 मिनिट का समय निकालने से आपकी ऑंखे खुल जाएंगी...
Date:- 23-June 2023
नाम :- महर्षि शाह
अहमदाबाद
9825880028
नाम और नंबर इस लिए दिया गया है कि ये कहानी नही है.. हकीकत है
सिर्फ 15 दिन पहले की घटना है..। हमारा परिवार राणकपुर तीर्थ में गया था। भगवान की पूजा करके हमने चैत्यवंदन चालू किया । पाटले पर ₹200 रखा था। चैत्यवंदन खत्म हुआ , जब हम देरासर में दाखिल हुए थे तब आनंदजी कल्याणजी की पेढ़ी पर एक बोर्ड पढ़ा था की देरासर का भंडार पेढ़ी में रखा है पैसे भंडार में डालना । हमने चैत्यवंदन करके पैसे लिए पुजारी ने बोला:- के यहां थाली में रख दो.. हमने बोला :- कि नहीं यह पैसे पेढ़ी के भंडार में जाएगा ।
वहां से झगड़े की शुरुआत हुई थोड़ा झगड़ा करने के बाद पुजारी जी बोले:- कि मैं आपके साथ पेढ़ी पर चलता हूं ।वह हमारे साथ पेढ़ी पर आए। पेढ़ी से बात किया :- उन्होंने बोला :- आप मुझे पैसे दोगे तो मैं पहुंच बनाऊंगा आपको जो करना है वह करो।
पुजारी जी ने बोला :- "यहां पर पाटले पर जो भी पैसा रखा जाता है वह हमारे हक का है। चाहे आप भगवान को सोने का सेट भी चढ़ाओंगे तो वहभी हमारा रहेगा।"
हमने बोला :- "हमने एक पैसाभी आपको नहीं चढ़ाया है.. भगवान को चढ़ाया है और वह आपको नहीं मिल सकता है।"
पुजारी जी बोले :- "600 साल से यहां हमारा परिवार ही काम कर रहा है और धरना सा सेठ (जिन्होंने राणकपुर तीर्थका निर्माण किया है) ने हमें तब से बोला है कि यहां पर कोई मंदिर में जो भी रखता है वह आपका ही होगा।"
हमने बोला कि "तब आप थे ?"
वह बोले "उन्होंने हमको ताम्रपत्र पर लिख कर दिया है।"
हमने बोला:- "आप हमें दिखाइए"
वे बोले:- "यहां पेढ़ी भी देखने के लिए बैठी है.. लेकिन हम किसी को नहीं दिखाएंगे और हमारे साथ ज्यादा माथाकूट मत करो यहां पर आपके जैसे बहुत सारे लोग, ट्रस्टी और अनेक गच्छाधिपति भी आ चुके है.. हम शास्त्र और शस्त्र दोनो जानते हैं। आप यहां से बाहर भी नहीं जा पाएंगे।"
उस तरह से उन लोगों की *धमकियां शुरु हो गई और शस्त्र की धमकी भी देने लगे।
हमने बोला:- "भाई आपको जो करना है वह कर लो.. लेकिन आप अपनी 600 साल की परंपरा बता रहे हो हम ऋषभदेव परमात्मा से चली आई व्यवस्था बता रहे हैं। शास्त्र में लिखा है कि भगवान को रखा गया रुपया देव द्रव्य में ही जाता है.. हम यह रुपया भंडार में ही रखेंगे। और रही बात मरने की तो शास्त्र के लिए हम अपना सर भी कटवा सकते हैं।"
तकरीबन 2 घंटे तक यह लंबा झगड़ा चला बहुत सारी धमकियां भी दी गई और हम अपने फैसले पर अटल रहे आखिर में हमने वह पैसा भंडार में ही रखा।
लेकिन यह सोचने की बात है कि शायद हम उनकी धमकियों से डर गए होते या हमने झगड़ा करना मुनासिब नहीं समझा होता तो यह रुपया भी पुजारी जी को ही जाता। तो हमको देव द्रव्य का रक्षण नहीं करने का कितना बड़ा पाप लगता .....???
तभी मुनीमजीने पुजारीजी के जाने के बाद बताया " मैं 3 साल से यहां हूं यह दिनों में कितने झगड़े हुए आज कोई पहली बार पुजारीजी के सामने ही भंडार में रुपए रखकर जाते हैं।"
हमारी कायरता और बेवकूफी ने हमको कहां लाकर खड़ा रख दिया है कि आज पूरे मंदिर पर पुजारीजी अपना हक जता रहे हैं और इतने सारे जैन लोग मिलकर भी हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं....
मैं आणंदजी कल्याणजी की पेढ़ी को भी गुजारिश करूंगा की..बोर्ड पर साफ शब्दों में लिखें की :- "यहां पाटले पर रखे पैसे पुजारी जी को ही जाते हैं" तो हम वहां पैसे ही नहीं रखें
और सारे जैन समुदाय को भी गुजारिश करूंगा की हम लोग जब ग्रुप में जाए या अकेले जाए हर बार पाटले पर ही पैसे रखें और बिना डरे, बिना हिचकिचाहट अपने साथ वह पैसे ले जाकर भंडार में रखें।
हां.. मैंने उस झगड़ेमें पुजारी जी को भी एक बात बताई थी वह आपको भी बताना चाहूंगा कि "हमारे से जब काम नहीं होता है हम अपने घर पर आदमी रखते हैं तो क्या हमारी घर की मालिकी वह नौकर की हो जाती है...???? वैसे ही भगवान की पूजा के लिए हम जब पुजारीजी को रखते हैं तो क्या मंदिर में आए सारे पैसों की मालीकी पुजारी की हो जाती है...???
मुझे पता है अहिंसा, दया, धर्म, यह सारी चीज बोलने वाले लोग ऐसा ही बोलेंगे कि हमको झगड़ा नहीं करना चाहिए लेकिन कभी शास्त्र भी पढ़ लेना.. की इसके लिए तो कितने लोगो ने अपने सर कटवाए हैं अपनी जान दे दी है.....
एक और बात, आणंदजी कल्याणजी पेढीका "करोडो" का पगार ठुकराके ये लोग देवद्रव्य भक्षण कर रहे है..
प्रणाम
जैनों के बुजर्ग और बच्चे जो सेवा देना चाहते है उनका आर्थिक सहयोग करे और उनको ही पुजारी बनाये
पू पंडित महाराज इस तीर्थ की रक्षा के लिए सक्रिय है। पेढी अपनी गलतीयो के कारण मालिकी अधिकार खोकर बैठी है। पहेले मालिकीयत अधिकार जैन संघ का करना होगा। फिर सब सोल्यूशन निकलेगा। #ReclaimRanakpur
एकदम सही बात
Sahi baat hai in log se darakar chup Beth nahi sakte
@@hemalshah75055
श्वेतांबर समाज को अब अपनी भूल सुधार लेना चाहिए समाज के ही व्यक्ति को पुजारी बनाये
आवाज उठाने वाले भाई कोबहुत बहुत धंयवाद
अपने बहुत तीर्थ पर यही सिथती हे
આપને ખૂબ ખૂબ ધન્યવાદ મહર્ષિભાઈ, આપની હિંમતને દાદ દેવી પડે, શાસન ધર્મ વિરુદ્ધની આવી ઘટનાઓનો આપણે દરેકે વિરોધ કરવોજ જોઈએ, મહર્ષિભાઈએ અમને એક સરસ ઉદાહરણ, પ્રેરણા પૂરી પાડી છે, Salute Maharshibhai 👌🙏
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
મહર્ષિભાઇ,જય જિનેન્દ્ર 🙏.
તમારી અને તમારા પરીવાર ને ખુબ ખુબ ધન્યવાદ
Jain sasan feel proud of u and fly. We should learn from this incident.
The sad part is Pandit MS is fighting for it single handedly. He is a one man army. Standing against all odds.
उपर का video📷 राणकपुर तीर्थ की एक सत्य घटना जिनके साथ हुई, महर्षिभाई, जानिए उनकी जुबानी सूरेशभाइ चेन्नई के साथ
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जागो जैनो जागो... देव द्रव्य बचाओ
2 मिनिट का समय निकालने से आपकी ऑंखे खुल जाएंगी...
Date:- 23-June 2023
नाम :- महर्षि शाह
अहमदाबाद
9825880028
नाम और नंबर इस लिए दिया गया है कि ये कहानी नही है.. हकीकत है
सिर्फ 15 दिन पहले की घटना है..। हमारा परिवार राणकपुर तीर्थ में गया था। भगवान की पूजा करके हमने चैत्यवंदन चालू किया । पाटले पर ₹200 रखा था। चैत्यवंदन खत्म हुआ , जब हम देरासर में दाखिल हुए थे तब आनंदजी कल्याणजी की पेढ़ी पर एक बोर्ड पढ़ा था की देरासर का भंडार पेढ़ी में रखा है पैसे भंडार में डालना । हमने चैत्यवंदन करके पैसे लिए पुजारी ने बोला:- के यहां थाली में रख दो.. हमने बोला :- कि नहीं यह पैसे पेढ़ी के भंडार में जाएगा ।
वहां से झगड़े की शुरुआत हुई थोड़ा झगड़ा करने के बाद पुजारी जी बोले:- कि मैं आपके साथ पेढ़ी पर चलता हूं ।वह हमारे साथ पेढ़ी पर आए। पेढ़ी से बात किया :- उन्होंने बोला :- आप मुझे पैसे दोगे तो मैं पहुंच बनाऊंगा आपको जो करना है वह करो।
पुजारी जी ने बोला :- "यहां पर पाटले पर जो भी पैसा रखा जाता है वह हमारे हक का है। चाहे आप भगवान को सोने का सेट भी चढ़ाओंगे तो वहभी हमारा रहेगा।"
हमने बोला :- "हमने एक पैसाभी आपको नहीं चढ़ाया है.. भगवान को चढ़ाया है और वह आपको नहीं मिल सकता है।"
पुजारी जी बोले :- "600 साल से यहां हमारा परिवार ही काम कर रहा है और धरना सा सेठ (जिन्होंने राणकपुर तीर्थका निर्माण किया है) ने हमें तब से बोला है कि यहां पर कोई मंदिर में जो भी रखता है वह आपका ही होगा।"
हमने बोला कि "तब आप थे ?"
वह बोले "उन्होंने हमको ताम्रपत्र पर लिख कर दिया है।"
हमने बोला:- "आप हमें दिखाइए"
वे बोले:- "यहां पेढ़ी भी देखने के लिए बैठी है.. लेकिन हम किसी को नहीं दिखाएंगे और हमारे साथ ज्यादा माथाकूट मत करो यहां पर आपके जैसे बहुत सारे लोग, ट्रस्टी और अनेक गच्छाधिपति भी आ चुके है.. हम शास्त्र और शस्त्र दोनो जानते हैं। आप यहां से बाहर भी नहीं जा पाएंगे।"
उस तरह से उन लोगों की *धमकियां शुरु हो गई और शस्त्र की धमकी भी देने लगे।
हमने बोला:- "भाई आपको जो करना है वह कर लो.. लेकिन आप अपनी 600 साल की परंपरा बता रहे हो हम ऋषभदेव परमात्मा से चली आई व्यवस्था बता रहे हैं। शास्त्र में लिखा है कि भगवान को रखा गया रुपया देव द्रव्य में ही जाता है.. हम यह रुपया भंडार में ही रखेंगे। और रही बात मरने की तो शास्त्र के लिए हम अपना सर भी कटवा सकते हैं।"
तकरीबन 2 घंटे तक यह लंबा झगड़ा चला बहुत सारी धमकियां भी दी गई और हम अपने फैसले पर अटल रहे आखिर में हमने वह पैसा भंडार में ही रखा।
लेकिन यह सोचने की बात है कि शायद हम उनकी धमकियों से डर गए होते या हमने झगड़ा करना मुनासिब नहीं समझा होता तो यह रुपया भी पुजारी जी को ही जाता। तो हमको देव द्रव्य का रक्षण नहीं करने का कितना बड़ा पाप लगता .....???
तभी मुनीमजीने पुजारीजी के जाने के बाद बताया " मैं 3 साल से यहां हूं यह दिनों में कितने झगड़े हुए आज कोई पहली बार पुजारीजी के सामने ही भंडार में रुपए रखकर जाते हैं।"
हमारी कायरता और बेवकूफी ने हमको कहां लाकर खड़ा रख दिया है कि आज पूरे मंदिर पर पुजारीजी अपना हक जता रहे हैं और इतने सारे जैन लोग मिलकर भी हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं....
मैं आणंदजी कल्याणजी की पेढ़ी को भी गुजारिश करूंगा की..बोर्ड पर साफ शब्दों में लिखें की :- "यहां पाटले पर रखे पैसे पुजारी जी को ही जाते हैं" तो हम वहां पैसे ही नहीं रखें
और सारे जैन समुदाय को भी गुजारिश करूंगा की हम लोग जब ग्रुप में जाए या अकेले जाए हर बार पाटले पर ही पैसे रखें और बिना डरे, बिना हिचकिचाहट अपने साथ वह पैसे ले जाकर भंडार में रखें।
हां.. मैंने उस झगड़ेमें पुजारी जी को भी एक बात बताई थी वह आपको भी बताना चाहूंगा कि "हमारे से जब काम नहीं होता है हम अपने घर पर आदमी रखते हैं तो क्या हमारी घर की मालिकी वह नौकर की हो जाती है...???? वैसे ही भगवान की पूजा के लिए हम जब पुजारीजी को रखते हैं तो क्या मंदिर में आए सारे पैसों की मालीकी पुजारी की हो जाती है...???
मुझे पता है अहिंसा, दया, धर्म, यह सारी चीज बोलने वाले लोग ऐसा ही बोलेंगे कि हमको झगड़ा नहीं करना चाहिए लेकिन कभी शास्त्र भी पढ़ लेना.. की इसके लिए तो कितने लोगो ने अपने सर कटवाए हैं अपनी जान दे दी है.....
एक और बात, आणंदजी कल्याणजी पेढीका "करोडो" का पगार ठुकराके ये लोग देवद्रव्य भक्षण कर रहे है..
प्रणाम
Dusre bohot M.S lad Kar chor chuke hai
@@hrishitajain8800 Yes but he is still fighting and standing tall. Lets we all Jain support him in Reclaim Ranakpur and bring back ownership rights of this Maha Tirth.
*देवद्रव्य के पैसे पूजारी लेते है, वह गलत बात सबको समजती है।*
*तो पूरे तीर्थ की जमीन(जो देवद्रव्य ही है!) सरकार पेढीकी मंजुरी से जंगल विभाग में ले गई... तो जिनशासन को पू. पंडित मसा की लडत को शाथ देना चाहीये ना ?*
Vo iske khilaf nahi lad rahe,pedhi ke khilaf lad rahe hai 😢
आपने बहुत सही कार्य किया है. पहले व्यवस्था काफी अच्छी थी पहले आज के बीस पचीस साल पहले is तरह की दादागिरी नहीं थी, भोजन की व्यवस्था
भी अच्छी थी, पैठी को भी ध्यान रखना चाहिए 😮
खूब खूब अनुमोदना जिनशासन के सारे भक्तों इनके जैसे ही शासन को समर्पित होंगे तो सारे तीर्थ सुरक्षित रहेंगे
आवाज़ उठाने वाले भाई का खूब खूब धन्यवाद 🙏🙏
खूब खूब अनुमोदना आपकी
Its a very good initiative Mahershi bhai. The Jain samaj is there with you to support & stand by you. ❤❤❤ Jai Jinendra
Jai jinendra...A true Jain...for truth...!
Pandit ms is fighting for ownership of tirth .......
We all must support Pujya pandit ms for tirthraksha
Going to the Root Cause of all such issues,we need to find a Permanent Solution and that’s Getting back the Ownership of Our Tirth. Only if we Own our Tirths we will be able to maintain them as of Jain’s in long run..
Pandit ms is already working on it since a year, let’s Support him and individually in our capacity be active and fight for Ownership of Our various Tirths.
Pujya Pandit Ms has noted all such odds of Ranakpur and trying his best to Convince APK who is looking after it's Management to take Necessary action against such climate in Jain Sangh Tirth. Also the ownership of the land is been transfered in the name of Government which is a very big & Sad news. #ReclaimRanakpur mission is already going on so as to bring things in order.
If this Campaign is supposed by all other Jain Dharma charya and APK act's actively on it soon we can get control over all odds which are there currently.
खास मेरी पूज्य साधू साध्वी जी महाराज साहिब से विनंती ही की आप लोग गुजरात, दक्षिण भारत, महाराष्ट्र का कुछ समय के लिए मोह त्याग कर दिल्ली, यूपी, राजस्थान, बिहार आदि क्षेत्रों में विचरण करे, जिससे वहा मंदिरों की व्यवस्था में सुधार होगा, स्थानीय संघों में जागृति आएगी और अनेकों आत्माएं धर्म से जुड़ेगी
आशीष पालावत
Ye sab jagaho pe suraksha ka bada saval he
इस घटना से ये जाहिर होता है कि हम हमारे पुरातन तीर्थों की व्यवस्था व रक्षा नही कर पा रहे है और जहां देखो नित नए तीर्थ बन रहे है , जहां की व्यवस्था अजैन कर्मचारियो के हाथ में है ।
आज ये हालात हैं ?, तो भविष्य और भी विकट ही होने वाला हैं।
Vinodbhai jainsamaj ko sabi tirth sthano par alagse niyam vyvstha banani hogi or Jain samaj ka paisa tite security me lagana chaiye naito anevalo dinome kuchbi ho saktahe or har ek jain ko thoda strike hone ki avshakta he jyada sant rehnemebi maja naihe abhi sastara ke sath sastra anivarya karna padega kyoki pehle bot kuch kho chukehe ham .
Tg 😮@@bhooshanshah5720aaaaaaaak
આત્મિય સુશ્રાવક મહર્ષિભાઈ,
આપે કરેલ સાહસ ખુબ સરાહનીય છે.. તીર્થમાં વર્ષોથી ચાલતી અવ્યવસ્થા અને અન્યાય સામે આપે જે લડત આપી છે તેની અંતઃકરણથી ખુબ અનુમોદના..
આપના જેવી ખુમારી, શાસનદાઝ અમને પણ મળે, અમે પણ શાસનરક્ષા માટે તત્પર બની શકીએ તેવા શુભાશિષ આપશોજી.. 🙏
आपकी खूब खूब अनुमोदना
आपकी हिम्मत की तारीफ है आपने इस विषय को उजागर किया ।
हमे जागरूकता हेतु जब तक यह स्पष्ट नहीं होता तब तक श्री राणकपुर मंदिरजी में रुपया नही चढ़ाना है ।
इसे जागरूकता बनाकार जन आंदोलन बनाना चाहिए ।
Thank u
For bringing this topic in highlight 🙏
Yeh jinshashan ka parivaar Hai.
Jai jai shree aadinath 🙏🙏
🙏🙏🙏
जैन मंदिरों में सेवा देने वाले पुजारियों के अधिकारों का स्पष्टीकरण होना चाहिए और साथ ही हरेक मंदिर के बाहर और पेढ़ी पर इसका स्पष्ट दिशा निर्देश लिखा होना चाहिए।
Since so long Panditmarasaheb is showing us this picture…Whatever this gentleman went through, so many videos are shared by Jyotindia to alert us for our tirths…but we all are not bothered till we all face the same problem or even worse! It’s time to unite! Also sign the forms of Reclaim Ranakpur to get the ownership back , only then these things will not take place !
Sorry my personal opinion here....Shri Pandit Maharaj is busy fitting with Sheth Anandji Kalyanji Pedhi.
Need knowing even if singke Tirth or small Jinalay saved
Khub khub Dhanyawad
Khub Khub dhanyavad.🙏🏼🙏🏼
सुरेशभाइ मैं तीर्थ बचाने के लिए तन-मन-धन से भोग देने के लिए तैयार हूं। पंडित महाराज साहेब तीर्थ बचाने के लिए महेनत कर रहे है। हमें साथ मिलकर तीर्थ बचाना ही चाहिए। पेढीने लापरवाही से, तीर्थ गंवाए है। तीर्थ बचाने हेतु त्वरित कदम उठाने चाहिए।
आप की खुब खुब अनुमोदना करते है आप के जैसे रत्न जिन शासन में है जो अपनी विरासत को आख उठाकर भी नही देखते है धमकिया से डर जाते है लेकिन आप ने हिम्मत नही हारी
Example
सूरत में लगभग इस साल 2000 (दो हजार) साधु साध्वी जी का चतुर्मास हे
सिर्फ 2000 के 10% युवा साधु साध्वी जी अपने गुरु आज्ञा से उत्तर भारत का पाच साल विचरण करे,
जब वो जाए तो दुर्सरे ग्रुप अपने गुरु आज्ञा से आए
ऐसा क्रम हो 20 से 25 साल भी चला तो
जहा प्रभु ने सबसे ज्यादा विचरण किया , ज्याहा प्रभु ने सबसे ज्यादा चतुर्मास किए वो उत्तर भारत क्षेत्र(राजस्थान, दिल्ली, यूपी, एमपी, बिहार) सब एकदम खिल उठेंगे
आशीष पालावत
We salute you bhai , very brave with faith in Bhagwan Adinath dada. No body can harm you. 🙏
One must get the ownership back of Ranakpur Tirth and Muchhala Mahavir Tirth to solve many such ongoing issues.
RECLAIM RANAKPUR
🙏🙏.. Thanku for sharing this video....
🙏🙏🙏
Strict action should be taken immediately against those pandits,voice should be raised by us all.
*देवद्रव्य के पैसे पूजारी लेते है, वह गलत बात सबको समजती है।*
*तो पूरे तीर्थ की जमीन(जो देवद्रव्य ही है!) सरकार पेढीकी मंजुरी से जंगल विभाग में ले गई... तो जिनशासन को पू. पंडित मसा की लडत को शाथ देना चाहीये ना ?*
Let's unite and fight for our tirth . Pujya pandit m.s. is drawing our attention but we are not listening.
So let's all of us join the fight save Ranakpur
Pandit maharaj pehle se keh rahe the par kuch apsi man mutav se unki baat koi nahi manta hai
Par abhi kuch krna padega
Great act of courage. Highly appreciated.
तीर्थ के मालीकी के बारेमें पू. पंडित मसा को शाथ देना यानी सत्य को शाथ देना। यदी जिनशासन जागृत है... तो कहां है वह जागृत लोग ?
Pandit maharaj agad koi solution che ??
@@sameershah9898CHHEJ NE BHAI... RECLAIM RANAKPUR CAMPAIGN RUN TO KARYU TU.... PAN BAKI SAMUDAYO NO SUPPORT TO JOIYE NE... ULTA NU VIRODH KARE CHHE ANE ENE SANGH ANE SHASHAN VIRODHI JEVA CHIT RAY CHHE AA KETLU YOGYA CHHE...
❤❤❤
good
Maharshi bhai n family ko dhanyavad
You have opened our eyes
Jankari ke liye khoob khoob anumodna
जबतक भगवान को सोने चूक पैसो से मढोगे तब तक ऐसाही होना है।इस से अच्छा है की ध्यान केंद्र बनावे और उस में सीर्फ ध्यान ही हो और साधकोंको अच्छी सुविधा मीले।तब अपने आप यह भ्रष्टाचार कम होगा। भगवान ने राजपाट सब छोडकर जंगलो में जाकर सिर्फ ध्यान करके ही मुक्ती पाई थी।
Aapke himmat ki khub khub Anumodana nd Thanks Mahrshi bhai nd family
Aapko khub khub dhanyvad
🙏🙏🙏
Correct 💯 we have to do something
🙏🙏🙏
देवद्रव्य के पैसे पूजारी लेते है, वह गलत बात सबको समजती है। तो पूरे तीर्थ की जमीन सरकारने पेढीकी मंजुरी से जंगल विभाग में ले गई... तो जिनशासन को *पू. पंडित मसा की लडत को शाथ देना चाहीये ना ?*
🎉🎉
ऐसा मेरे साथ भी हुआ था
रानकपुर में ही
८ या ९ साल पहले
पुजारी जी की पूरी सेटिंग रहती है
फटाफट आ जाते है पूरा ध्यान रखते है कोई भंडार पे या आरती में या अक्षत पूजा में पैसे रखते ही जैसे ही विधि पूरी होती है सब उठाके एक दूसरे को पास करते है
Ek rupaya mat daalo,bhandar me daalo ya bahar jaakar bhikhari ko dedo
Wow wow wow👏
Khub khub Dhanyawad 🤝
Anumodhana🙏
Aapke sahaas k liye,
Ye poore samaj k liye ek msg he, inspiration he
Chalo apna rukh Prachin thirtho ki aur kare, apni virasat ko bachaye
🙏🙏🙏
Woh 5 ya 25 aadmi darra darra kar pure Jain sangh ko side kardete hai kyunki humare leader kamjor hai
Hume koi shaktishali nidar ladne wala leader ya guru chahiye Jo raah dikha sake.
Jo vivaad se bhagte hai woh haqq nahi hasil kar sakte hai
कोई भी किसी भी मंदिर में तीर्थ स्थल पर देखे की पाटले के ऊपर पैसे रखे हुए हैं तो तुरंत उठाकर सीधे भंडार में पुर दे चाहे किसी ने भी रखे हो l
Aur ye haq aapko kisne de diya ?
जैन समाज संगठित नहीं हुआ तो सभी तीर्थों, संस्थाओं, संपत्तियों पर अन्य जातियों वाले कब्जा कर लेंगे
We are all with u ,
Please plz
Initiate any process we all will definitely be there to support.
But we need someone to lead from front 🙏
🙏🙏🙏
Be ready
जैन समाज में कुछ लोग ही है जो हिम्मत वाले है, ज्यादातर देखा गया है कोई गलत का विरोध करता है तो कोई साथ देने को तैयार नहीं होता है, अपने श्रावक के विरुद्ध ही खड़े हो जाते हैं।
Good initiatives by Maharshi bhai and We support him
आवाज उठाने भाईसाबको ❤धन्यवादमंदीर व्यवस्थापन पर कारवाईहोणी आवश्यक समाजने आवाज उठाया चाहिये।
Please spread this matter more and more
🙏🙏🙏
जय जिनेंद्र🙏🏻 रणकपुर जी दर्शन करने वाले सभी श्रद्धालुओं से विनम्र निवेदन है कि परमात्मा के आगे जो थाल रखा हुआ है उसमें रुपये का चढ़ावा ना चढ़ावे, बाहर पेढ़ी के आगे भंडार लगे हुए वहा डालें धन्यवाद🙏🏻
हां, हमारे साथ भी ऐसा ही किया था।वे झगड़ने लगे थे।और भगवान के बाजु में किसी देवी की पूजा वे धुमधाम से करते हैं।
આટલું બધું ખુલ્લેઆમ દાદાગીરી થાય છે.. તો પણ *પૂજારી બાપડા દેરાસર નો કેટલો ખ્યાલ રાખે છે...!!* 😉
લોકોએ *હિંમત રાખી લડત આપવી...* પૂજારીને પૈસા નહીં આપવા.. એમ પેઢીએ બોર્ડ ઉપર લખાવી જાહેરમાં જણાવેલ જ છે... પણ પેઢી કાંઈ એકશન લેશે... તે કેમ બોલાય ?...
*આનું નિવારણ પબ્લિકે જ કરવું.* પેઢીએ બિચારીએ તો ફક્ત બોર્ડ મૂકી.. પોતાની જવાબદારી પૂર્ણ કરી... 👎🤙🤙🤙
क्या जैन मंदिरों में जैनो को ही पुजारी नही बनाया जा सकता हैं, जो धार्मिक हो, और जिनको रोजगार की भी आवश्यकता हो, अगर ये व्यवस्था शुरू हो जाए तो काफी हद तक ठीक हो सकता है, नही तो धीरे धीरे सभी मंदिरों में ऐसे ही देखने को मिलेगा आज नही तो कल ऐसा होने में देरी नहीं लगेगी , ऐसे कई तीर्थ हाथ से गये है और जा भी रहै है जैसे गिरनार जी, आदि की स्थिति तो आप सब से छुपी नही है, युवाओं को आगे आना चाहिए और अपनी जिन विरासतों के लिए तीर्थ रक्षक सेना का निर्माण करना चाहिए , गलत कहा तो छमा
Excellent sujjestions we should think on this lines
Sahi kaha apne
Maishreyugveer sinhji ka samrthankarta hu
All Jain mandir should appoint only jains as pujari,old age persons should take this responsibility.
जय जिनशासन 🙏
@@manojkumarjain7630 🙏🙏🙏
Tysm for sharing this video sir ji 👍
Koi bhi ek din fix kar ke ek saat bahut log waha chalte he
उपर का video📷 राणकपुर तीर्थ की एक सत्य घटना जिनके साथ हुई, महर्षिभाई, जानिए उनकी जुबानी सूरेशभाइ चेन्नई के साथ
Pls Share and Forward this FACT and Be aware...
जागो जैनो जागो... देव द्रव्य बचाओ
2 मिनिट का समय निकालने से आपकी ऑंखे खुल जाएंगी...
Date:- 23-June 2023
नाम :- महर्षि शाह
अहमदाबाद
9825880028
नाम और नंबर इस लिए दिया गया है कि ये कहानी नही है.. हकीकत है
सिर्फ 15 दिन पहले की घटना है..। हमारा परिवार राणकपुर तीर्थ में गया था। भगवान की पूजा करके हमने चैत्यवंदन चालू किया । पाटले पर ₹200 रखा था। चैत्यवंदन खत्म हुआ , जब हम देरासर में दाखिल हुए थे तब आनंदजी कल्याणजी की पेढ़ी पर एक बोर्ड पढ़ा था की देरासर का भंडार पेढ़ी में रखा है पैसे भंडार में डालना । हमने चैत्यवंदन करके पैसे लिए पुजारी ने बोला:- के यहां थाली में रख दो.. हमने बोला :- कि नहीं यह पैसे पेढ़ी के भंडार में जाएगा ।
वहां से झगड़े की शुरुआत हुई थोड़ा झगड़ा करने के बाद पुजारी जी बोले:- कि मैं आपके साथ पेढ़ी पर चलता हूं ।वह हमारे साथ पेढ़ी पर आए। पेढ़ी से बात किया :- उन्होंने बोला :- आप मुझे पैसे दोगे तो मैं पहुंच बनाऊंगा आपको जो करना है वह करो।
पुजारी जी ने बोला :- "यहां पर पाटले पर जो भी पैसा रखा जाता है वह हमारे हक का है। चाहे आप भगवान को सोने का सेट भी चढ़ाओंगे तो वहभी हमारा रहेगा।"
हमने बोला :- "हमने एक पैसाभी आपको नहीं चढ़ाया है.. भगवान को चढ़ाया है और वह आपको नहीं मिल सकता है।"
पुजारी जी बोले :- "600 साल से यहां हमारा परिवार ही काम कर रहा है और धरना सा सेठ (जिन्होंने राणकपुर तीर्थका निर्माण किया है) ने हमें तब से बोला है कि यहां पर कोई मंदिर में जो भी रखता है वह आपका ही होगा।"
हमने बोला कि "तब आप थे ?"
वह बोले "उन्होंने हमको ताम्रपत्र पर लिख कर दिया है।"
हमने बोला:- "आप हमें दिखाइए"
वे बोले:- "यहां पेढ़ी भी देखने के लिए बैठी है.. लेकिन हम किसी को नहीं दिखाएंगे और हमारे साथ ज्यादा माथाकूट मत करो यहां पर आपके जैसे बहुत सारे लोग, ट्रस्टी और अनेक गच्छाधिपति भी आ चुके है.. हम शास्त्र और शस्त्र दोनो जानते हैं। आप यहां से बाहर भी नहीं जा पाएंगे।"
उस तरह से उन लोगों की *धमकियां शुरु हो गई और शस्त्र की धमकी भी देने लगे।
हमने बोला:- "भाई आपको जो करना है वह कर लो.. लेकिन आप अपनी 600 साल की परंपरा बता रहे हो हम ऋषभदेव परमात्मा से चली आई व्यवस्था बता रहे हैं। शास्त्र में लिखा है कि भगवान को रखा गया रुपया देव द्रव्य में ही जाता है.. हम यह रुपया भंडार में ही रखेंगे। और रही बात मरने की तो शास्त्र के लिए हम अपना सर भी कटवा सकते हैं।"
तकरीबन 2 घंटे तक यह लंबा झगड़ा चला बहुत सारी धमकियां भी दी गई और हम अपने फैसले पर अटल रहे आखिर में हमने वह पैसा भंडार में ही रखा।
लेकिन यह सोचने की बात है कि शायद हम उनकी धमकियों से डर गए होते या हमने झगड़ा करना मुनासिब नहीं समझा होता तो यह रुपया भी पुजारी जी को ही जाता। तो हमको देव द्रव्य का रक्षण नहीं करने का कितना बड़ा पाप लगता .....???
तभी मुनीमजीने पुजारीजी के जाने के बाद बताया " मैं 3 साल से यहां हूं यह दिनों में कितने झगड़े हुए आज कोई पहली बार पुजारीजी के सामने ही भंडार में रुपए रखकर जाते हैं।"
हमारी कायरता और बेवकूफी ने हमको कहां लाकर खड़ा रख दिया है कि आज पूरे मंदिर पर पुजारीजी अपना हक जता रहे हैं और इतने सारे जैन लोग मिलकर भी हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं....
मैं आणंदजी कल्याणजी की पेढ़ी को भी गुजारिश करूंगा की..बोर्ड पर साफ शब्दों में लिखें की :- "यहां पाटले पर रखे पैसे पुजारी जी को ही जाते हैं" तो हम वहां पैसे ही नहीं रखें
और सारे जैन समुदाय को भी गुजारिश करूंगा की हम लोग जब ग्रुप में जाए या अकेले जाए हर बार पाटले पर ही पैसे रखें और बिना डरे, बिना हिचकिचाहट अपने साथ वह पैसे ले जाकर भंडार में रखें।
हां.. मैंने उस झगड़ेमें पुजारी जी को भी एक बात बताई थी वह आपको भी बताना चाहूंगा कि "हमारे से जब काम नहीं होता है हम अपने घर पर आदमी रखते हैं तो क्या हमारी घर की मालिकी वह नौकर की हो जाती है...???? वैसे ही भगवान की पूजा के लिए हम जब पुजारीजी को रखते हैं तो क्या मंदिर में आए सारे पैसों की मालीकी पुजारी की हो जाती है...???
मुझे पता है अहिंसा, दया, धर्म, यह सारी चीज बोलने वाले लोग ऐसा ही बोलेंगे कि हमको झगड़ा नहीं करना चाहिए लेकिन कभी शास्त्र भी पढ़ लेना.. की इसके लिए तो कितने लोगो ने अपने सर कटवाए हैं अपनी जान दे दी है.....
एक और बात, आणंदजी कल्याणजी पेढीका "करोडो" का पगार ठुकराके ये लोग देवद्रव्य भक्षण कर रहे है..
प्रणाम
True
🙏🏻🙏🏻 SHRAVAK. BHAI. APKI KHUB KHUB ANUMODNA 🙏🏻🙏🏻
🙏🙏🙏
अपने मंदिर में अपना कार्य के लिए हिम्मत क्यों चाहिए? जो पैसे लेकर पुजारी बनते हैं उनका हक़ सिर्फ़ वेतन तक ही है। अपने मंदिर के अंदर में दूसरे लोग की हिम्मत बढ़ रही है।
प्रणाम।
मुजे जब तक जानकारी है, तब तक अपने संघ के मंदिर में भी, पाटली पर पैसे न रखकर, डायरेक्ट भंडार मैं ही रखना चाहिए।
ये बात सबको बतानी चाहिए।
Superb
Hats off to bhaiya n family
આભાર મહર્ષિભાઈ.એક ભગીરથ કાર્ય કર્યું છે આપે.
🙏🙏🙏
Very good Maharshibhai for your courage
ખૂબ ખૂબ અનુમોદના મહર્ષિ ભાઈ🙏
आप की खुब खुब अनुमोदना . हमें आशातना रोकनी ही होगी.पुरुषार्थ करना ही होगा.
ખુબ ખુબ ઘનયવાદ
Aho jinshanam
🙏🙏🙏
Brave action 🙏🙏🙏
Khub khub anumodna 🙏🙏🙏 , aapne jo sahas dikhakar jo example diya hai vo har jain ko karane ki himmat aayegi 🙏
Jai Jinendra Hum sabhi ko himmat dikhani hai jo Maharshi bhai ne dikhayi hai.Hamare har tirth ke liye
MAHARSHI BHAI APKE SHASAN EVAM DHARM RAKSHA KE SAMYAG PURUSHARTH KO NAMAN...🌹🌻🌻🙏🙏🙏🌻🌻🌹 BAHUT BAHUT ANUMODNA🌻🌻🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌻🌻
Very good sureshbhai
खूब खूब धन्यवाद महर्षिभाई एवं परिवार को शत शत नमन...
एक प्रयोग करने जैसा है।....
सभी यात्रिक अगर बच्चों को खेलने के कागज नकली नोट अपनी भावना अनुसार पाटले पर रखें और बादमे पेढ़ी में उतना मूल्य रशीद या पेढ़ी भंडार में अर्पण करें।
Great effort.....need same effort for general SOCIETY.......will be call THE GREATEST EFFORT
Such ppl r rare . Hats off to u for ur shashan prem. There is also another campaign of reclaim ranakpur going on to solve these issues from their root by reclaiming the tirth ownership..lead by p.p. pandit ms. Lakhs of ppl have joined in . U may also join in through ur channel to solve these frequent sad issues in our jain tirth
What happening it is going more than a year
@@technicalgaming6139 long damages take long time to settle. More and more the support , faster will b the results
Yes please some strong step should be taken to resolve this issue.
Sarm ki bat hai ki sadri jain sangh me karodpati shravak hai aur ye ankh mund kar baithe hai... Esa Gujarat me hota to pujari ko acche se samja dete... Samaj me viratva ki kami hoti hai vaha esa hal hota hai... Mere sath bhi bahut bada zagda hua tha... Mandir me koi nahi tha aur aarti ho rahi thi... Maine aarti ke liye hath badhaya to unhone unke rishtedar jo jain nahi the unko aarti karne ka bol diya... Main chup raha.. Mangal diva manga to vo bhi unko diya.. aarti ke labharthi jain shravak the jo likha ke gaye the... Aarti me hazir nahi the.. Maine aarti ke bad pucha ki dono aarti unko kyyo dee ? Bola ki jain sheth ne hame bola hai kisko dena hai ya nahi... Matlab paiso ke liye ye pujari jaino ko bhi side me karte hai...logo ko esa batate hai ki ye mandir ko banane wale Dipa jo Mahadev ka bhakt hai unki vajah se taiyar hua... Mandir me hindu ritirivaz se bhairav ki puja karte hai... Unke pas bhi thal rakhte hai... Hamare kuch jaino ki gaddari aur pedhi me koi jain manager na hone ki vajah se pujari belagam ho gaya hai.. bhagwan ke nam par gundagiri kar rahe hai... Pedhi ka vahivat third class hai.. unko ye level par lane ke liye pedhi aur ham sab jimmedar hai
Khub Khub Anumodna Maharishi Bhai 🙏🙏🙏🙏
गुजरात में तीन कल्याणक हुए बाकी 117 कल्याणक कहा हुए?
यूपी और बिहार
पूरे उत्तर भारत में प्राचीन जिनालय ही पर स्थानीय श्रावक श्राविकाएं महात्माओं के आवागमन न होने के कारण धर्म से विमुख हो रहे हे?
यह के ज्ञान भंडार भी अद्भुत हे पर कोई संभाल नहीं हे?
प्रभु से प्रार्थना हे की इन क्षेत्रों में भी साधु साध्वी जी के आवागमन से पुण्य का उदय हो
आशीष पालावत
Khub khub anumodana
@@rameshjain3333 🙏🙏🙏
Good you are very Brave Jainam Jayati Shasanam
Maharshibhai khub khub anumodna.
राजस्थान के जादा तर तीर्थ & धर्मशाला में यात्रियों से गुंडों सा व्यवहार होता है।
किसी भी तीर्थ पर जाओ, तो सिर्फ अक्षत या पुष्प चढाओ....
एक भी पैसा रोकडा ना चढाए, तभी इन पूजारियों की अक्ल व अकड ठिकाने आएगी ।
तीर्थ के लिए जो भी योगदान करना हो, तीर्थ पेढी में भेंट कर रसीद लेनी चाहिए |
Khub khub Anumondan 🙏🙏🙏🙏
Suresh bhai i amagree with you hundred percent
જય જિનેન્દ્ર પ્રણામ ભાઈ આપ ને ખૂબ સરસ કારિયવાહી ખૂબ સરસ છે
Khub khub danyavad 100000000000000000000000000000000000000000000000000.
ખુબ ખુબ અનુમોદન મહર્ષિ ભાઈ આપ ખોટા પ્રવૃતિના સામે ઝૂક્યા નહિ
जिनशासन की रक्षा के लिए आवाज उठाने वालों को धन्यवाद जिन शासन के शेर विरले ही होते है हम सभी को मिलकर कुछ करना होगा नहीं तो रणकपुर मुछाला महावीर गिरीराज की तरह सभी तिरथों पर अजैन लोगो का कब्ज़ा हो जाएगा
Aanand ji kalyan ji pedhi ki sithilta ke karan aaj ye halat hai
❤❤❤❤❤❤❤
हम विरोध करे तो कोई साथ भी नही देता
और ऐसा अनेक प्राचीन और एकांत में जो नूतन तीर्थ हुए है वह pe yahi परिस्थिति हो रही है
चाहे वो शत्रुंजय हो या कोईभी जैन तीर्थ
जैन समाज को चाहिए कि रणकपुर जैन मंदिर के उस पुजारी को हटाकर वहां दूसरा पुजारी नियुक्त करें। जब संपूर्ण जैन समाज एक होकर आवाज उठाएगा तो पुजारी को वहां से जाना ही पड़ेगा। वहां पर दूसरा पुजारी नियुक्त कर देना चाहिए। रणकपुर जैन मंदिर जैनो की धरोहर है।वह किसी पुजारी की निजी सम्पत्ति नहीं है।
पढ़ी मंदिर में सूचना बोर्ड क्यों नहीं लगाती ? साथ ही मंदिर के बाहर भी की भगवान या मंदिर के पैसा पढ़ी में देकर रसीद प्राप्त करे , ये पूरी तरह कानूनन भी है और इसमें कोई विरोध भी नहीं कर सकता
Maharshi bhai aap ko bohot bohot DHANYAVAD...
Khub khub anumodhana.. aise shravako ki zaroorat hai jinshashan ko
Ye Program Banane ke liye khub khub Aabhar🙏
पेढ़ी के प्रशासन मंडल से विनम्र निवेदन है कि इस प्रकार की परिस्थितियों में बड़े विवेक पूर्ण ढंग से स्थितियों का उचित निस्तारण करें ताकि देव तीर्थो की गरिमा अक्षुण्ण बनी रह सके।
पुजारियों से भी विनम्र निवेदन है कि आपके सद्व्यवहार से ही तीर्थ की गरिमा है। अतः तुच्छ स्वार्थ हेतु अपनी सीमाओं का अतिक्रमण नहीं करे।
Rajasthan ke lagbhag tirth me yahi hota hai. Jaisalmer, Mount abu to isme ek number hai. Pujariji wahaan to tourist guide ban gaye hai.
Khub khub dhanyavad
Dhannashah seth