नमस्ते जी। निराहार योगिनी की बड़ी ही आश्चर्यजनक व्यक्तित्व से परिचय करवाने पर बहुत-बहुत धन्यवाद। यह तो बहुत ही विलक्षण है कि करीब 56 साल से निराहार योगिनी को पाक कला में ना केवल रुचि थी, बल्कि भोजन से सत्कार करने की उत्कंठा भी थी। बेशक से उनको ईश्वर के प्रकाश से जीवित रहने का अनुष्ठान करवाया गया, फिर भी संकल्पशक्ति कितनी अद्भुत है। यह बहुत ही अच्छा लगा कि लोगों को निराहार रहने की कला किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए नहीं सिखाई गई। स्वामी जी, बहुत ही अच्छा होता यदि आप हमें भी उस योगिनी के चित्रों से रू ब रू करवा देते। सादर अभिवादन
Jai guru ji maharaj 🙏🌹🦋
Jay Gurudev 🙏🙏🙏💐💐💐
नमस्ते जी। निराहार योगिनी की बड़ी ही आश्चर्यजनक व्यक्तित्व से परिचय करवाने पर बहुत-बहुत धन्यवाद।
यह तो बहुत ही विलक्षण है कि करीब 56 साल से निराहार योगिनी को पाक कला में ना केवल रुचि थी, बल्कि भोजन से सत्कार करने की उत्कंठा भी थी।
बेशक से उनको ईश्वर के प्रकाश से जीवित रहने का अनुष्ठान करवाया गया, फिर भी संकल्पशक्ति कितनी अद्भुत है।
यह बहुत ही अच्छा लगा कि लोगों को निराहार रहने की कला किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए नहीं सिखाई गई।
स्वामी जी, बहुत ही अच्छा होता यदि आप हमें भी उस योगिनी के चित्रों से रू ब रू करवा देते।
सादर अभिवादन
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Guru Kripa hi kebalam
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