वर्तमान में मोमाजी महाराज का जन्मस्थान kakku- bhaggu गांव= कक्कू गांव बीकानेर जिले की नोखा तहसील में है और भग्गू गांव नागौर जिले की नागौर तहसील में है भग्गू गांव को वर्तमान में श्रीबालाजी नाम से जाना जाता हैं श्रीबालाजी(भग्गू) गांव नागौर-बीकानेर रोड़ पर सीमावर्ती गांव है कक्कू और भग्गू गांव के मध्य 15 km की दूरी है ।आज से 450 वर्ष पहले मंडलावत राठौड़ो का सारुंडा पाटवी ठिकाना था जिसमें आस पास के 84 गांव शामिल थे जिनमें कक्कू भग्गू भी शामिल थे । राव जोधाजी के सहोदर भाई मंडलाजी के पुत्र हेमराजजी और हेमराजजी के पिता ठाकुरजी थे और ठाकुरजी के हिस्से कक्कू + भग्गू की सामूहिक जागीर थी कक्कू+भग्गू के ठाकुर ठाकुरदासजी को मां करणीजी के आशीर्वाद से 2 वीर पुत्र ( कही कही पुत्रों की संख्या 7 बताई जाती हैं) प्राप्त हुई । दौलदासजी और गोंगदासजी 52 वीरों में गिने जाते है । बाद में इनके किसी भाभीसा या काकीसा द्वारा तंज कसने से आक्रोशीत होकर दौलजी गोग़जी दोनों भाईयों ने कक्कू भग्गू को छोड़ कर यहां से चले गए साथ ही इनका इनके काका के पुत्र सुंदरदास से भी गांवों को लेकर आपसी झगड़ा भी चल रहा था इन कारणों की वजह से ये वीर युवा योद्धा बिलाड़ा के लाटा लुट कर अपना हठ पूरा किया और अपना निवास स्थान भाद्राजून(जालोर) के आस पास की पहाड़ियों में स्थापित कर लिया। मारवाड़ के कुख्यात डाकू हिलो और हालरियो का भी अंत दौलजी और गोंगजी ने ही किया था । आगे चलकर दौलजी और गोंगजी ने भाद्राजून की पहाड़ियों में रहते हुए जोधपुर दरबार की संयुक्त शाही सेना का विद्रोह ( युद्ध) किया जिस कारण जोधपुर दरबार ने भाद्राजून का पट्टा मंडलावत राठौड़ो से लेकर जोधाओ को दे दिया था। आज ये दोनों भाई लोकदेवता मोमाजी (भोमियाजी) के रूप में पूजे जाते हैं (मोमाजी और भोमियाजी शब्द एक जैसे संदर्भ में लिए जाते है) इनका मुख्य मंदिर धोलेरा में है । इन दोनों भाइयों के वंशज मंडलावत राठौड़ आज भी जालोर जिले के आस पास ही मुख्य 4 जागीर - भवरानी, सराणा, पांणवा और बैरठ में निवास करते हैं।
जय हो
Jay dhoneri veer moma ji❤❤
Jay ho
Jay moma ji 🙏🙏
जय मोमाजी सादासाहायते 🙇🚩 🚩🚩📿🙏
Jay moma ji 🙏
Jai ho mamaji ri sa
Jay momaji dham junjanii ❤
वर्तमान में मोमाजी महाराज का जन्मस्थान kakku- bhaggu गांव= कक्कू गांव बीकानेर जिले की नोखा तहसील में है और भग्गू गांव नागौर जिले की नागौर तहसील में है भग्गू गांव को वर्तमान में श्रीबालाजी नाम से जाना जाता हैं श्रीबालाजी(भग्गू) गांव नागौर-बीकानेर रोड़ पर सीमावर्ती गांव है कक्कू और भग्गू गांव के मध्य 15 km की दूरी है ।आज से 450 वर्ष पहले मंडलावत राठौड़ो का सारुंडा पाटवी ठिकाना था जिसमें आस पास के 84 गांव शामिल थे जिनमें कक्कू भग्गू भी शामिल थे । राव जोधाजी के सहोदर भाई मंडलाजी के पुत्र हेमराजजी और हेमराजजी के पिता ठाकुरजी थे और ठाकुरजी के हिस्से कक्कू + भग्गू की सामूहिक जागीर थी कक्कू+भग्गू के ठाकुर ठाकुरदासजी को मां करणीजी के आशीर्वाद से 2 वीर पुत्र ( कही कही पुत्रों की संख्या 7 बताई जाती हैं) प्राप्त हुई । दौलदासजी और गोंगदासजी 52 वीरों में गिने जाते है । बाद में इनके किसी भाभीसा या काकीसा द्वारा तंज कसने से आक्रोशीत होकर दौलजी गोग़जी दोनों भाईयों ने कक्कू भग्गू को छोड़ कर यहां से चले गए साथ ही इनका इनके काका के पुत्र सुंदरदास से भी गांवों को लेकर आपसी झगड़ा भी चल रहा था इन कारणों की वजह से ये वीर युवा योद्धा बिलाड़ा के लाटा लुट कर अपना हठ पूरा किया और अपना निवास स्थान भाद्राजून(जालोर) के आस पास की पहाड़ियों में स्थापित कर लिया। मारवाड़ के कुख्यात डाकू हिलो और हालरियो का भी अंत दौलजी और गोंगजी ने ही किया था । आगे चलकर दौलजी और गोंगजी ने भाद्राजून की पहाड़ियों में रहते हुए जोधपुर दरबार की संयुक्त शाही सेना का विद्रोह ( युद्ध) किया जिस कारण जोधपुर दरबार ने भाद्राजून का पट्टा मंडलावत राठौड़ो से लेकर जोधाओ को दे दिया था। आज ये दोनों भाई लोकदेवता मोमाजी (भोमियाजी) के रूप में पूजे जाते हैं (मोमाजी और भोमियाजी शब्द एक जैसे संदर्भ में लिए जाते है) इनका मुख्य मंदिर धोलेरा में है । इन दोनों भाइयों के वंशज मंडलावत राठौड़ आज भी जालोर जिले के आस पास ही मुख्य 4 जागीर - भवरानी, सराणा, पांणवा और बैरठ में निवास करते हैं।
Jay momaji ra
जय मोमाजी री हुक्म बावसी
@@भोलारेबारी Jay momaji
सही बात है 🎉🎉🎉
જય હો દાતા વીર મોમાજી
जय श्री मंडला सरकार धोनेरी वीर मामा जी सरकार 🙏🗡️
जय मोमाजी री ❤
🙏🙏🙏🙏🙏
जय मोमाजी री
जय श्री कृष्णा
Jaiho momaji
जय।मोमाजी।री।जहो
🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤
🙏🙏🚩 धोणेरी विर मोमाजी नमः 🚩🙏🙏
जय momaji ri
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जय धोणेरी वीर दाता री 🙏❣️
जातो लणो मोमोजी
Jay ho
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jay momaji ra ki
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🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻