Assalamu Alaikum warahmatUllah wabarakatuhu Alhamdulillah Surah Muminun JAZALLAHU ANNA Muhammadan Sallalahu Alaihi Wassallam Ma HUWA AHLUHU Jazak Allah khairan kaseer Ya Allah please bless all those who have sincerely served Islam ameen with success in both the lives, accept all their good deeds and beneficial dua ameen Assalamu Alaikum warahmatUllah wabarakatuhu
23:84 (हे नबी!) उनसे कहोः किसकी है धरती और जो उसमें है, यदि तुम जानते हो? - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:85 वे कहेंगे कि अल्लाह की। आप कहिएः फिर तुम क्यों शिक्षा ग्रहण नहीं करते? - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:86 आप पूछिए कि कौन है सातों आकाशों का स्वामी तथा महा सिंहासन का स्वामी? - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:87 वे कहेंगेः अल्लाह है। आप कहिएः फिर तुम उससे डरते क्यों नहीं हो? - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:88 आप उनसे कहिए कि किसके हाथ में है, प्रत्येक वस्तु का अधिकार? और वह शरण देता है और उसे कोई शरण नहीं दे सकता, यदि तुम ज्ञान रखते हो? - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:89 वे अवश्य कहेंगे कि (ये सब गुण) अल्लाह ही के हैं। आप कहिएः फिर तुमपर कहाँ से जादू[ हो जाता है? - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:90 बल्कि हमने उन्हें सत्य पहुँचा दिया है और निश्चय यही मिथ्यावादी हैं। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:91 अल्लाह ने नहीं बनाया है अपनी कोई संतान और न उसके साथ कोई अन्य पूज्य है। यदि ऐसा होता, तो प्रत्येक पूज्य अलग हो जाता अपनी उत्पत्ति को लेकर और एक-दूसरे पर चढ़ दौड़ता। पवित्र है अल्लाह उन बातों से, जो ये सब लोग बनाते हैं। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:92 वह परोक्ष (छुपे) तथा प्रत्यक्ष (खुले) का ज्ञानी है तथा उच्च है, उस शिर्क से, जो वे करते हैं। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:93 (हे नबी!) आप प्रार्थना करें कि हे मेरे पालनहार! यदि तू मुझे वह दिखाये, जिसकी उन्हें धमकी दी जा रही है। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:94 तो मेरे पालनहार! मुझे इन अत्याचारियों में सम्मिलित न करना। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:95 तथा वास्तव में, हम आपको उसे दिखाने पर, जिसकी उन्हें धमकी दी जा रही है, अवश्य सामर्थ्यवान हैं। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:96 (हे नबी!) आप दूर करें उस (व्यवहार) से जो उत्तम हो, बुराई को। हम भली-भाँति अवगत हैं, उन बातों से जो वे बनाते हैं। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:97 तथा आप प्रार्थना करें कि हे मेरे पालनहार! मैं तेरी शरण माँगता हूँ, शैतानों की शंकाओं से। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:98 तथा मैं तेरी शरण माँगता हूँ, मेरे पालनहार! कि वे मेरे पास आयें। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:99 यहाँतक कि जब उनमें किसी की मौत आने लगे, तो कहता हैः मेरे पालनहार! मुझे (संसार में) वापस कर दे[। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:100 संभवतः, मैं अच्छा कर्म करूँगा, उस (संसार में) जिसे छोड़ आया हूँ! कदापि ऐसा नहीं होगा! वह केवल एक कथन है, जिसे वह कह रहा[ है और उनके पीछे एक आड़ है, उनके पुनः जीवित किये जाने के दिन तक। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:101 तो जब नरसिंघा में फूँक दिया जायेगा, तो कोई संबन्ध नहीं होगा, उनके बीच, उस[ दिन और न वे एक-दूसरे को पूछेंगे। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:102 फिर जिसके पलड़े भारी होंगे, वही सफल होने वाले हैं। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:103 और जिसके पलड़े हल्क होंगे, तो उन्होंने ही स्वयं को क्षतिग्रस्त कर लिया, (तथा वे) नरक में सदावासी होंगे। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:104 झुलसा देगी उनके चेहरों को अग्नि तथा उसमें उनके जबड़े (झुलसकर) बाहर निकले होंगे। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:105 (उनसे कहा जायेगाः) क्या जब मेरी आयतें तुम्हें सुनाई जाती थीं, तो तुम उनको झुठलाते नहीं थे? - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:106 वे कहेंगेःहमारे पालनहार! हमरा दुर्भाग्य हमपर छा गया[ और वास्तव में, हम कुपथ थे। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:107 हमारे पालनहार! हमें इससे निकाल दे, यदि अब हम ऐसा करें, तो निश्चय हम अत्याचारी होंगे। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:108 वह (अल्लाह) कहेगाः इसीमें अपमानित होकर पड़े रहो और मुझसे बात न करो। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:109 मेरे भक्तों में एक समुदाय था, जो कहता था कि हमारे पालनहार! हम ईमान लाये। तू हमें क्षमा कर दे और हमपर दया कर और तू सब दयावानों से उत्तम है। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:110 तो तुमने उनका उपहास किया, यहाँ तक कि उन्होंने तुम्हें मेरी याद भुला दी और तुम उनपर हँसते रहे। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:111 मैंने उन्हें आज बदला (प्रतिफल) दे दिया है उनके धैर्य का, वास्तव में, वही सफल हैं। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:112 (अल्लाह) उनसे कहेगाः तुम धरती में कितने वर्ष रहे? - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:113 वे कहेंगेः हम एक दिन या दिन के कुछ भाग रहे। तो गणना करने वालों से पूछ लें। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:114 वह कहेगाः तुम नहीं रहे, परन्तु बहुत कम। क्या ही अच्छा होता कि तुमने (पहले ही) जान लिया[ होता। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:115 क्या तुमने समझ रखा है कि हमने तुम्हें व्यर्थ पैदा किया है और तुम हमारी ओर फिर नहीं लाये[ जाओगे? - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:116 तो सर्वोच्च है अल्लाह वास्तविक अधिपति। नहीं है कोई सच्चा पूज्य, परन्तु वही महिमावान अर्श (सिंहासन) का स्वामी। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:117 और जो (भी) पुकारेगा अल्लाह के साथ किसी अन्य पूज्य को, जिसके लिए उसके पास कोई प्रमाण नहीं, तो उसका ह़िसाब केवल उसके पालनहार के पास है, वास्तव में, काफ़िर सफव नहीं[ होंगे। - Maulana Azizul Haque al-Umari 23:118 तथा आप प्रार्थना करें कि मेरे पालनहार! तू क्षमा कर तथा दया कर और तू ही सब दयावानों से उत्तम (दयावान्) है। - Maulana Azizul Haque al-Umari
I love makkah
23:84
قُل لِّمَنِ ٱلْأَرْضُ وَمَن فِيهَآ إِن كُنتُمْ تَعْلَمُونَ
23:85
سَيَقُولُونَ لِلَّهِ ۚ قُلْ أَفَلَا تَذَكَّرُونَ
23:86
قُلْ مَن رَّبُّ ٱلسَّمَـٰوَٰتِ ٱلسَّبْعِ وَرَبُّ ٱلْعَرْشِ ٱلْعَظِيمِ
23:87
سَيَقُولُونَ لِلَّهِ ۚ قُلْ أَفَلَا تَتَّقُونَ
23:88
قُلْ مَنۢ بِيَدِهِۦ مَلَكُوتُ كُلِّ شَىْءٍ وَهُوَ يُجِيرُ وَلَا يُجَارُ عَلَيْهِ إِن كُنتُمْ تَعْلَمُونَ
23:89
سَيَقُولُونَ لِلَّهِ ۚ قُلْ فَأَنَّىٰ تُسْحَرُونَ
23:90
بَلْ أَتَيْنَـٰهُم بِٱلْحَقِّ وَإِنَّهُمْ لَكَـٰذِبُونَ
23:91
مَا ٱتَّخَذَ ٱللَّهُ مِن وَلَدٍ وَمَا كَانَ مَعَهُۥ مِنْ إِلَـٰهٍ ۚ إِذًا لَّذَهَبَ كُلُّ إِلَـٰهٍۭ بِمَا خَلَقَ وَلَعَلَا بَعْضُهُمْ عَلَىٰ بَعْضٍ ۚ سُبْحَـٰنَ ٱللَّهِ عَمَّا يَصِفُونَ
23:92
عَـٰلِمِ ٱلْغَيْبِ وَٱلشَّهَـٰدَةِ فَتَعَـٰلَىٰ عَمَّا يُشْرِكُونَ
23:93
قُل رَّبِّ إِمَّا تُرِيَنِّى مَا يُوعَدُونَ
23:94
رَبِّ فَلَا تَجْعَلْنِى فِى ٱلْقَوْمِ ٱلظَّـٰلِمِينَ
23:95
وَإِنَّا عَلَىٰٓ أَن نُّرِيَكَ مَا نَعِدُهُمْ لَقَـٰدِرُونَ
23:96
ٱدْفَعْ بِٱلَّتِى هِىَ أَحْسَنُ ٱلسَّيِّئَةَ ۚ نَحْنُ أَعْلَمُ بِمَا يَصِفُونَ
23:97
وَقُل رَّبِّ أَعُوذُ بِكَ مِنْ هَمَزَٰتِ ٱلشَّيَـٰطِينِ
23:98
وَأَعُوذُ بِكَ رَبِّ أَن يَحْضُرُونِ
23:99
حَتَّىٰٓ إِذَا جَآءَ أَحَدَهُمُ ٱلْمَوْتُ قَالَ رَبِّ ٱرْجِعُونِ
23:100
لَعَلِّىٓ أَعْمَلُ صَـٰلِحًا فِيمَا تَرَكْتُ ۚ كَلَّآ ۚ إِنَّهَا كَلِمَةٌ هُوَ قَآئِلُهَا ۖ وَمِن وَرَآئِهِم بَرْزَخٌ إِلَىٰ يَوْمِ يُبْعَثُونَ
23:101
فَإِذَا نُفِخَ فِى ٱلصُّورِ فَلَآ أَنسَابَ بَيْنَهُمْ يَوْمَئِذٍ وَلَا يَتَسَآءَلُونَ
23:102
فَمَن ثَقُلَتْ مَوَٰزِينُهُۥ فَأُو۟لَـٰٓئِكَ هُمُ ٱلْمُفْلِحُونَ
23:103
وَمَنْ خَفَّتْ مَوَٰزِينُهُۥ فَأُو۟لَـٰٓئِكَ ٱلَّذِينَ خَسِرُوٓا۟ أَنفُسَهُمْ فِى جَهَنَّمَ خَـٰلِدُونَ
23:104
تَلْفَحُ وُجُوهَهُمُ ٱلنَّارُ وَهُمْ فِيهَا كَـٰلِحُونَ
23:105
أَلَمْ تَكُنْ ءَايَـٰتِى تُتْلَىٰ عَلَيْكُمْ فَكُنتُم بِهَا تُكَذِّبُونَ
23:106
قَالُوا۟ رَبَّنَا غَلَبَتْ عَلَيْنَا شِقْوَتُنَا وَكُنَّا قَوْمًا ضَآلِّينَ
23:107
رَبَّنَآ أَخْرِجْنَا مِنْهَا فَإِنْ عُدْنَا فَإِنَّا ظَـٰلِمُونَ
23:108
قَالَ ٱخْسَـُٔوا۟ فِيهَا وَلَا تُكَلِّمُونِ
23:109
إِنَّهُۥ كَانَ فَرِيقٌ مِّنْ عِبَادِى يَقُولُونَ رَبَّنَآ ءَامَنَّا فَٱغْفِرْ لَنَا وَٱرْحَمْنَا وَأَنتَ خَيْرُ ٱلرَّٰحِمِينَ
23:110
فَٱتَّخَذْتُمُوهُمْ سِخْرِيًّا حَتَّىٰٓ أَنسَوْكُمْ ذِكْرِى وَكُنتُم مِّنْهُمْ تَضْحَكُونَ
23:111
إِنِّى جَزَيْتُهُمُ ٱلْيَوْمَ بِمَا صَبَرُوٓا۟ أَنَّهُمْ هُمُ ٱلْفَآئِزُونَ
23:112
قَـٰلَ كَمْ لَبِثْتُمْ فِى ٱلْأَرْضِ عَدَدَ سِنِينَ
23:113
قَالُوا۟ لَبِثْنَا يَوْمًا أَوْ بَعْضَ يَوْمٍ فَسْـَٔلِ ٱلْعَآدِّينَ
23:114
قَـٰلَ إِن لَّبِثْتُمْ إِلَّا قَلِيلًا ۖ لَّوْ أَنَّكُمْ كُنتُمْ تَعْلَمُونَ
23:115
أَفَحَسِبْتُمْ أَنَّمَا خَلَقْنَـٰكُمْ عَبَثًا وَأَنَّكُمْ إِلَيْنَا لَا تُرْجَعُونَ
23:116
فَتَعَـٰلَى ٱللَّهُ ٱلْمَلِكُ ٱلْحَقُّ ۖ لَآ إِلَـٰهَ إِلَّا هُوَ رَبُّ ٱلْعَرْشِ ٱلْكَرِيمِ
23:117
وَمَن يَدْعُ مَعَ ٱللَّهِ إِلَـٰهًا ءَاخَرَ لَا بُرْهَـٰنَ لَهُۥ بِهِۦ فَإِنَّمَا حِسَابُهُۥ عِندَ رَبِّهِۦٓ ۚ إِنَّهُۥ لَا يُفْلِحُ ٱلْكَـٰفِرُونَ
23:118
وَقُل رَّبِّ ٱغْفِرْ وَٱرْحَمْ وَأَنتَ خَيْرُ ٱلرَّٰحِمِينَ
Yaa ALLAH caafiimaad Sii110% kulighood Faadlaan Ameeeen 🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱
ماشاءاللہ
🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️Health is very expensive we need to look after insha'Allah 🏨🏥🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️
Surah mu'minun (84-118)
❤❤❤❤❤۔میری۔پسندکا۔قاری۔
Mashallah
MASHA'ALLAH 🥰♥️🥰♥️🤲🥰
MashaAllah❤
SubhanAllah.paradise voice..
ماشاء الله
Shekh Mua'kkali in fajar....after a long time❤
📿 Allahuma Caaafiiihuuum🏥🏨❄️❄️❄️❄️❄️❄️
Mashaallah. 👍 great
Assalamu Alaikum warahmatUllah wabarakatuhu
Alhamdulillah
Surah Muminun
JAZALLAHU ANNA Muhammadan Sallalahu Alaihi Wassallam Ma HUWA AHLUHU
Jazak Allah khairan kaseer
Ya Allah please bless all those who have sincerely served Islam ameen with success in both the lives, accept all their good deeds and beneficial dua ameen
Assalamu Alaikum warahmatUllah wabarakatuhu
Allah pak ham sabko hamare walidain ke saath haramain sahrifain me namaz-e Fajr padhna naseeb farma....❤❤❤❤❤❤❤
الحمد الله
মাশাআল্লাহ
Mashaallah....❤❤❤❤❤❤❤
23:84
(हे नबी!) उनसे कहोः किसकी है धरती और जो उसमें है, यदि तुम जानते हो?
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:85
वे कहेंगे कि अल्लाह की। आप कहिएः फिर तुम क्यों शिक्षा ग्रहण नहीं करते?
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:86
आप पूछिए कि कौन है सातों आकाशों का स्वामी तथा महा सिंहासन का स्वामी?
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:87
वे कहेंगेः अल्लाह है। आप कहिएः फिर तुम उससे डरते क्यों नहीं हो?
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:88
आप उनसे कहिए कि किसके हाथ में है, प्रत्येक वस्तु का अधिकार? और वह शरण देता है और उसे कोई शरण नहीं दे सकता, यदि तुम ज्ञान रखते हो?
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:89
वे अवश्य कहेंगे कि (ये सब गुण) अल्लाह ही के हैं। आप कहिएः फिर तुमपर कहाँ से जादू[ हो जाता है?
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:90
बल्कि हमने उन्हें सत्य पहुँचा दिया है और निश्चय यही मिथ्यावादी हैं।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:91
अल्लाह ने नहीं बनाया है अपनी कोई संतान और न उसके साथ कोई अन्य पूज्य है। यदि ऐसा होता, तो प्रत्येक पूज्य अलग हो जाता अपनी उत्पत्ति को लेकर और एक-दूसरे पर चढ़ दौड़ता। पवित्र है अल्लाह उन बातों से, जो ये सब लोग बनाते हैं।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:92
वह परोक्ष (छुपे) तथा प्रत्यक्ष (खुले) का ज्ञानी है तथा उच्च है, उस शिर्क से, जो वे करते हैं।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:93
(हे नबी!) आप प्रार्थना करें कि हे मेरे पालनहार! यदि तू मुझे वह दिखाये, जिसकी उन्हें धमकी दी जा रही है।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:94
तो मेरे पालनहार! मुझे इन अत्याचारियों में सम्मिलित न करना।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:95
तथा वास्तव में, हम आपको उसे दिखाने पर, जिसकी उन्हें धमकी दी जा रही है, अवश्य सामर्थ्यवान हैं।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:96
(हे नबी!) आप दूर करें उस (व्यवहार) से जो उत्तम हो, बुराई को। हम भली-भाँति अवगत हैं, उन बातों से जो वे बनाते हैं।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:97
तथा आप प्रार्थना करें कि हे मेरे पालनहार! मैं तेरी शरण माँगता हूँ, शैतानों की शंकाओं से।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:98
तथा मैं तेरी शरण माँगता हूँ, मेरे पालनहार! कि वे मेरे पास आयें।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:99
यहाँतक कि जब उनमें किसी की मौत आने लगे, तो कहता हैः मेरे पालनहार! मुझे (संसार में) वापस कर दे[।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:100
संभवतः, मैं अच्छा कर्म करूँगा, उस (संसार में) जिसे छोड़ आया हूँ! कदापि ऐसा नहीं होगा! वह केवल एक कथन है, जिसे वह कह रहा[ है और उनके पीछे एक आड़ है, उनके पुनः जीवित किये जाने के दिन तक।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:101
तो जब नरसिंघा में फूँक दिया जायेगा, तो कोई संबन्ध नहीं होगा, उनके बीच, उस[ दिन और न वे एक-दूसरे को पूछेंगे।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:102
फिर जिसके पलड़े भारी होंगे, वही सफल होने वाले हैं।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:103
और जिसके पलड़े हल्क होंगे, तो उन्होंने ही स्वयं को क्षतिग्रस्त कर लिया, (तथा वे) नरक में सदावासी होंगे।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:104
झुलसा देगी उनके चेहरों को अग्नि तथा उसमें उनके जबड़े (झुलसकर) बाहर निकले होंगे।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:105
(उनसे कहा जायेगाः) क्या जब मेरी आयतें तुम्हें सुनाई जाती थीं, तो तुम उनको झुठलाते नहीं थे?
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:106
वे कहेंगेःहमारे पालनहार! हमरा दुर्भाग्य हमपर छा गया[ और वास्तव में, हम कुपथ थे।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:107
हमारे पालनहार! हमें इससे निकाल दे, यदि अब हम ऐसा करें, तो निश्चय हम अत्याचारी होंगे।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:108
वह (अल्लाह) कहेगाः इसीमें अपमानित होकर पड़े रहो और मुझसे बात न करो।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:109
मेरे भक्तों में एक समुदाय था, जो कहता था कि हमारे पालनहार! हम ईमान लाये। तू हमें क्षमा कर दे और हमपर दया कर और तू सब दयावानों से उत्तम है।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:110
तो तुमने उनका उपहास किया, यहाँ तक कि उन्होंने तुम्हें मेरी याद भुला दी और तुम उनपर हँसते रहे।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:111
मैंने उन्हें आज बदला (प्रतिफल) दे दिया है उनके धैर्य का, वास्तव में, वही सफल हैं।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:112
(अल्लाह) उनसे कहेगाः तुम धरती में कितने वर्ष रहे?
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:113
वे कहेंगेः हम एक दिन या दिन के कुछ भाग रहे। तो गणना करने वालों से पूछ लें।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:114
वह कहेगाः तुम नहीं रहे, परन्तु बहुत कम। क्या ही अच्छा होता कि तुमने (पहले ही) जान लिया[ होता।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:115
क्या तुमने समझ रखा है कि हमने तुम्हें व्यर्थ पैदा किया है और तुम हमारी ओर फिर नहीं लाये[ जाओगे?
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:116
तो सर्वोच्च है अल्लाह वास्तविक अधिपति। नहीं है कोई सच्चा पूज्य, परन्तु वही महिमावान अर्श (सिंहासन) का स्वामी।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:117
और जो (भी) पुकारेगा अल्लाह के साथ किसी अन्य पूज्य को, जिसके लिए उसके पास कोई प्रमाण नहीं, तो उसका ह़िसाब केवल उसके पालनहार के पास है, वास्तव में, काफ़िर सफव नहीं[ होंगे।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
23:118
तथा आप प्रार्थना करें कि मेरे पालनहार! तू क्षमा कर तथा दया कर और तू ही सब दयावानों से उत्तम (दयावान्) है।
- Maulana Azizul Haque al-Umari
Allahuma barik lahu fih the Shaikh got a jamil sawt.❤❤❤
Alhamdulillah
BISMILLAH YA ALLAH YA RABB TAHUN DEPAN HAMBA ISTRI DAN ANAK ANAK UMROH YA RABBB
ماشاء الله 😍💛
mashaAllah 🥰🥰🥰 what a beautiful voice
Ya Allah speedy recovery of shekh mahir summa ameen ❤
LAİLAHEİLLALLAH. MUHAMMED ER. RASULAALLAH 🕋🕋☀️☀️🕋🕋☀️☀️🕋🕋AE
SÜBHANALLAHii. VELHAMDÜLİLLAHİ. VELA İLAHA İLLALLAHU. VALLAHU. EKBER 🕋🕋☀️☀️🕋🕋☀️☀️🕋🕋AEEMİN
💖 لا اله الا الله 💖
🌴 سبحان الله والحمد لله ولا اله الا الله والله اكبر 🌴
❤❤❤
MAAŞAALLAH ❤️CUMANIZ. MÜBAREK. OLSUN İNŞAALLAH🕋🕋☀️☀️🕋🕋☀️☀️🕋🕋
🇵🇸🇸🇦
Asalam allykoum Hamdouillah ✨Chokran 🤍
Holy vicar
Assaalam Alaikum Masha ALLAH 🕋🤲 Aameen jUMMA MUBARAK
Good g
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Equilibrium and equilibricum
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