ओम् (ॐ) क्या है? ओम् से लाभ क्या? ओम् का आदि-अंत क्या? || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2024)
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- Опубликовано: 12 сен 2024
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वीडियो जानकारी: 18.02.24, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
माण्डूक्य उपनिषद्
ओमित्येतदक्षरमिदं सर्वं तस्योपव्याख्यानं
भूतं भवद् भविष्यदिति सर्वमोङ्कार एव।
यच्चान्यत् त्रिकालातीतं तदप्योङ्कार एव ॥1॥
श्लोक सार: ‘ॐ’ यह अक्षर ही सबकुछ है। सब उसकी ही व्याख्या है। भूत, भविष्य, वर्तमान सब ॐकार ही हैं
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सोऽयमात्माध्यक्षरमोङ्कारोऽधिमात्रं पादा मात्रा
मात्राश्च पादा अकार उकारो मकार इति ॥8॥
श्लोक सार: वह आत्मा ॐकार ही है। जिसके चार चरण हैं (अ) अकार, (उ) उकार, (म) मकार, और तुरीय।
जागरितस्थानो वैश्वानरोऽकारः
प्रथमा मात्राऽऽप्तेरादिमत्त्वाद्
वाऽऽप्नोति ह वै सर्वान्
कामानादिश्च भवति य एवं वेद ॥9॥
श्लोक सार: जाग्रत स्थान वाला वैश्वानर ही (अ) अकार है।
स्वप्नस्थानस्तैजस उकारो द्वितीया
मात्रोत्कर्षात् उभयत्वाद्वोत्कर्षति
ह वै ज्ञानसन्ततिं समानश्च भवति
नास्याब्रह्मवित्कुले भवति य एवं वेद ॥10॥
श्लोक सार: स्वप्न स्थान वाला तैजस ही (उ) उकार है।
सुषुप्तस्थानः प्राज्ञो मकार-
स्तृतीया मात्रा मितेरपीतेर्वा
मिनोति ह वा इदं
सर्वमपीतिश्च भवति य एवं वेद ॥11॥
श्लोक सार: सुषुप्ति स्थान वाला प्राज्ञ ही (म) मकार है।
अमात्रश्चतुर्थोऽव्यवहार्यः
प्रपञ्चोपशमः शिवोऽद्वैत
एवमोङ्कार आत्मैव संविशत्यात्मना-
ऽऽत्मानं य एवं वेद ॥12॥
श्लोक सार: ॐ के बाद जो है वह चतुर्थ है। शिव, अद्वैत, ॐकार रूप वह आत्मा है।
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संत कबीर
जीवन थैं मरिबो भलौ, जो मरि जानैं कोइ।
मरनैं पहली जे मरै, तो कलि अजरावर होइ॥
जीते जी मरना अच्छा है, जो असली मृत्यु जानता हो। मरने के पहले जो मर जाता है, वह अजर-अमर हो जाता है।
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अष्टावक्र गीता
नोद्विग्नं न च सन्तुष्टमकर्तृस्पन्दवर्जितम्।
निराशं गतसन्देहं चित्तं मुक्तस्य राजते ॥18.30॥
श्लोक सार - जीवन मुक्त पुरुष के मन में न उद्वेग होता, न संतोष होता। न कर्ताभाव का विष होता, न आशा या संदेह उसे सताते।
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शिव गीता (Chapter 8)
जठरानलसंतप्ताः पित्ताख्यरसविप्रुषः।
गर्भाशये निमग्नं तु दहन्त्यतिभृशं तु माम् ॥8.28॥
श्लोक सार - सबसे पहले प्राणी माँ के गर्भ की अग्नि से पीड़ित होता है।
औदर्यक्रिमिवक्राणि कूटशाल्मलिकण्टकैः।
तुल्यानि च तुदन्त्यार्तंपाश्र्वास्थिक्रकचार्दितम्॥8.29॥
श्लोक सार - गर्भ में रहने का दुख काँटों के चुभने के समान होता है।
गर्भे दुर्गन्धभूयिष्ठे जठराग्निप्रदीपिते।
दुःखं मयाप्तं यत्तस्मात्कनीयः कुम्भपाकजम् ॥8.30॥
श्लोक सार - गर्भ की दुर्गन्ध और अग्नि का दुख, नरक के दुख से भी बढ़कर है।
पूयासृक्छलेष्मपायित्वं वान्ताशित्वं च यद्भवेत्।
अशुचौ कृमिभावश्च तत्प्राप्तं गर्भशायिना ॥8.31॥
श्लोक सार - मल, मूत्रादि में रहने से गर्भ में स्थित प्राणी कीड़ा समान ही हो जाता है।
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~ अ,उ,म के केंद्र में अहम है और अहम सीमित है।
~ ऊँकार अनंंत है और अनंत की कोई सीमा नही होती है।
~ ऊँकार अहम की शांत से अनंत की ओर यात्रा है।
~ ऊँकार का अर्थ है जो कुछ भी भौतिक है उसे पीछे छोड़ते जाना।
~ ऊँ का मतलब है कि तुम्हे जन्म इसलिए नही मिला है कि तुम मृत्यु तक पहुँच जाओ अपितु इसलिए मिला है कि अमरता तक पहुँच जाओ।
ॐ का अर्थ क्या है?
ॐ से होने वाले लाभ क्या हैं?
क्या मात्र ॐ का जाप करने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं?
ॐ का आदि क्या? अंत क्या?
संगीत: मिलिंद दाते
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आचार्य जी को सिर्फ़ धन्यवाद नहीं दे, उन्हें बाहुबल और धनबल भी दे ताकि वो जल्दी से जल्दी इस विनाश को रोक सके 🙏🙏
आचार्य जी इस युग के संत हैं।🙏सभी लोग केवल सुने नहीं,जीवन में भी उतारें,तभी फ़ायदा होगा।
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राम निरंजन न्यारा रे,
अंजन शकल पसारा रे
अंजन उत्पत्ति ओंकार
अंजन मागे सब बिस्तार
अंजन ब्रह्म शंकर इन्द्र
अंजन गोपी संग गोविन्द
राम.......
अंजन वाणी अंजन वेद
अंजन किया नाना भेद
अंजन विद्या पाठ पुराण
अंजन वो घट घटी ज्ञान
राम निरंजन.....
अंजन पाति अंजन देव
अंजन ही करे अंजन सेव
अंजन नाचे अंजन गावे
अंजन भेष अनन्त दिखावे
राम निरंजन......
अंजन कहो कहां लग केता
दान पुणी तप तीरथ जेता
कहे कबीर कोई बिरला जागे
अंजन छाड़ी निरंजन लागे
राम निरंजन.................।।
ऊँ की शुरुआत तो अहम के लिए ऊँ(अ+उ+म) ध्वनि के अंजन से ही होती है लेकिन म के बाद की अवस्था आत्मा, प्रकाश, मौन या तुरीय की है और वही तक जाने के लिए अहम का जन्म हुआ है। धन्यवाद आचार्य जी🙏
🙏🙏
सिर्फ सुने ही नही जीवन मे उतारे तभी फायदा होगा, संस्था से 35 करोड़ से अधिक लोग जुड़ गए है ,आचार्य जी की अमृत वाणी विश्व के और लोगो तक पहुंचे इसके लिए यथासम्भव सहयोग करे,
धन्यवाद।।
3.5 Karod
आचार्य जी समस्त योद्धाओं से निवेदन है कि आचार्य जी की संस्था के अन्य youtube channels को भी subscribe कर लीजिए जिससे संस्था को और अधिक आर्थिक सहयोग मिल सके । धन्यवाद❤🙏😇
हम सब की जीवन में सच्ची खुशियां भरने के लिए धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏
हम सब वेदांत् की ओर आए। मन के शुद्ध होने से प्रकृति भी शुद्ध हो जाती है
ॐ अनंत है - श्लोक सार 'ॐ' ही यह अक्षर ही सबकुछ है सब उसकी ही व्याख्या है l भूत,भविष्य, वर्तमान, सब 'ॐ'कार ही है
❤
ओम ब्रह्म का पर्याय है और आत्मा का ही प्रतीक है 🙏 जय श्री कृष्ण 🙏
हम सभी को मिलकर PAF को 💸आर्थिक सहयोग करते रहना चाहिए।🔥🙏
Aur acharya ji को सहयोग direct website से किया करे 🙏❤️
सत्य और ईमानदारी के रास्ते पे चलना सिखाया, मुझे जीवन जीना सिखाया 🙏🙏
ॐ का आज वास्तविक अर्थ। जान कर आज दिल को बहुत सुकुन , शान्ति,और एक अलग सा आनंद चा गया, इससे पहले अर्थ तो सुने थे, सही अर्थ आज़ पाता चला, धन्यवाद गुरु जी andhare से निकाला कर प्रकाश में लाने के लिए 🙏🙏🙏
🕉/ओंकार
मंडूक्य उपनिषद: श्लोक 1,8,11,12 -> ओम का विवरण
अष्टावक्र गीता- श्लोक 12 -> जीवन मुक्त
शिव गीता- 8.1- 8.32 -> कैसे शिशु अंधेरे, ताप, दर्द में गर्भ में रहता है और फिर वही जन्म लेता है
द्वादश निदान- 10/12 जन्म के पहले को इंगित करते हैं
जीतने भी महत्वपूर्ण मंत्र है सबकी लगातार एक सीरीज चलनी चाहिए ताकि योग्य जनता भी भ्रम में न रहे और किताबे भी सभी मंत्रो पर छपे जैसे हनुमान चालीसा पर छपा
राम राम भाईयों सभी लोग कमेंट और लाइक करें इससे विडियो की रीच बढ़ेगी
कोटि कोटि नमस्कार गुरुजी मैं एक आम इंसान हूँ पहले मैं मंशा खाता था अब सब छोड़ दिया हूँ मेरा अब आचार्य जी को सुनने को मन करता है।
ऊँ की इतनी सुन्दर व्याख्या नहीं पता था। धन्यवाद आचार्य जी ।
Mai khud sunta hu apko आचार्य जी
फिर जीने की kosis karta hu तथ्यों पर
फिर ज्यादा से ज्यादा शेयर करता हु
धन्य वाद आचार्य जी
Thank you प्रशांत sir ❤❤
ॐ शब्द किसको शांति प्रदान करता है...❤️👍
हमारे आचार्य प्रशांत जी आज के बुद्ध, विवेकानंद जी है मेरी उम्र भी इन्हें लग जाए
संजय का तो पता नहीं पर हम सबको तो दिव्यदृष्टि मिल रही है आज।
अंजन उत्पत्ति ओंकार, अंजन मांगे सभी विस्तार 🙏
शत् शत् नमन आचार्य श्री,🙏🙏🙏
🙏🙏🙏, Acharya Jee is Rishi and Krishan of this yug, l wish youth of our country should hear him, that might bring some changes otherwise with current scenarios I feel so disappointed and hopeless at times
: आचार्य जी सत्य से तो अवगत कराते ही हैं , साथ में हिंदी भाषा की इतनी सुंदर अभिव्यक्ति , सशक्त शब्दावली , सुनकर मन शांत और आनंदित हो जाता है l आप आप लगातार हम अज्ञानियों का अज्ञान दूर करके हमें सत्य की दिशा में ले जा रहे हैं l हमें आपके ज्ञान ,आपके मार्ग दर्शन की बहुत जरूरत है l🙏 नमन 🙏❤️
बहुत ही उच्च शिक्षा❤🙏🏼
Sabse jyda subscribers acharya ji ke hone chiye youtube pe kon kon manta hai 🥳🥳🙏 bus jldi se ho jay me to dekh ri roj kitne log jude 👏apne bhut Sudhar Kiya Hai abhi bhut kuch badalna baki hai apka bhut bhut dhanyawad 🙏
सभी दर्शक को विनंती है आचार्य प्रशांत जी के विङीयो मे जो सिध्दांतीक वाक्य और सुञ गुढ बाते कमेंट मे लिखा करे धन्यवाद
Sahi kaha
राम निरंजन नयारा रे, अंजन सकल पसारा रे❤ 1:35 ❤
शुभ प्रभात आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏
माया की गोद में ही हम बैठे हैँ, उसकी विशालता और सूक्ष्मता एक साथ चलती है| हम पूर्णता मुक्त हो ही नहीं सकते, सांसारिक जीवन में रहते हुए, केवल समायोजन संभव है|
जीवन का एकमात्र उद्देश्य शांति है।
किसी गुरू से, किताब से या किसी काम से
जीवन शांतिपूर्ण बनता है तो अच्छी बात है।
अगर ऐसा नहीं है तो किसी भी बात का कोई मतलब नहीं है।
❤❤❤❤
धन्यवाद ।।
सर, आज ॐ का सच्चा अर्थ समझा।
आपने व्यवहारिक और उपयोगी अर्थ बताया।
❤❤❤
Dhanyawad Maine ab apne se badhe logo se prabhavit hona band kar diya.
Ab sirf Yudhasavya
If you feel benefitted from Acharya Ji, kindly like and share to help other also who are in need.
ऐसी जानकारी शायद ही किसी को पता भी हो,
आचार्य जी आप अथाह ज्ञान के स्रोत हैं।
आभार आपका
जन्म इसलिए नहीं मिला है की मृत्यु तक पहुंच जाओ, जन्म इसलिए मिला है की अमर हो जाओ। ओंकार ये याद दिलाने के लिए है।
आचार्य जी ❤
ओंकार ये याद दिलाने के लिए है कि हम मरने के लिए नहीं अमर्त्य होने के लिए पैदा हुए हैं
एक ओंकार सतनाम
जीवन एक अवसर है मुक्ति पाने का
Just watch with full attention and concentration ye atom bomb hain apne is tithi ke khilaf naman acharya ji ❤❤
जीवन में ऐसे हो जाओ कि खुद के ढूंढे ही ना मिलो.......बिल्कुल जैसे गधे के सिर से सींग गायब।😌
We need more people like acharya prashant ji ❤💯
"Introduction to Mandukya Upanishad" by PAF must read by all
Sadar parnam Acharya ji💐 🙏🏻🙏🏻
ॐ उस परमात्मा का नाम है लेकिन तत्वदर्शी संत महापुरुष की शरण में अधिक जानकारी प्राप्त होगी।
हमारे देश के हर युवा, महिला, विद्यार्थी, व्यस्क आचार्य जी को जरूर सुनना चाहिए 🙏
सुप्रभातम शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏
I love aachary ji aapki baate seedhe dil dimaag ko jhakjho kar rakh deti h🙏🙏❤❤😊😊
आज का सेशन तृप्ति दिया है मुझे प्रणाम आचार्य जी ❤❤❤❤
शत शत नमन गुरु जी ❤🙏🙏
ओम् है शांति से सत्य की ओर यात्रा 🙏🙏🙏 अहम को पीछे छोड़कर आत्मा की ओर बढ़ना 🙏🙏
Acharya ji ko koti koti naman
अ,उ,म् , के केंद्र में अहम है माने जागृति , स्वप्न, सुषुप्ति है अ,उ,म् और फिर मौन, तो (ओम) शांत से शुरुआत हो रही है अहम से अनंत की यात्रा है शुरुआत हो रही है अहम से और अहम मीट जाता है मौन मे तो अ, उ, मू फिर मौन l अ, उ,म् (अहम) और फिर मौन अनंतता उस मौन मे है अ,उ,म् (अहम) मे नहीं है l🙏
~आचार्य प्रशांत
❤❤❤❤ 0:34 Koti Koti Pranam Acharya Jii ❤❤❤❤
Har har mahadev👏❤ प्रणाम आचार्य जी👏
Dhanya bhaag hamare
प्रणाम आचार्य श्री 🙏🌺
शत शत नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
Namaskar aachaya ji 🙏🙏🙏🙏💐💐♥️
इतना बेहतर किसी ने पहले समझाया न था
Ram Niranjan Nyara re❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
प्रणाम आचार्य जी 🇮🇳
Right 🙏 Aacharya ji 🚩🙏❤
राम बुलावा भेजिया।।
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
प्रणव का अर्थ समझाने के लिए आपका बोहोत बोहत धन्यवाद। मैं तो सस्ते मे निपट रहा हूं इस एक मात्र सार्थक ज्ञान के लिए आपको जो राशि मुझे देनी चाहिए थी वो न दें पाने का पाप है मेरे सिर।
544लोग वीडियो देख रहे हैं और लाइक सिर्फ 254 के आसपास किए हैं , अब लाइक करने के लिए इससे बढ़िया ज्ञानपूर्ण वीडियो कहां मिलेगा ,
प्रणाम आचार्य
ॐ अनंत है ❤
The past seamlessly become the future.
सभी से निवेदन है जितने देखें उतने लाइक भी करें व कॉमेंट करें ताकि रीच बढ़ सके. साथ साथ योगदान भी अवश्य करें.
गीता सत्र में जुडिएगा🌱🙏
Bilkul sahi bole
❤❤😊
Sir koi wastu acharya ji ko kaise bheje ?
@@pragyamishra7355आचार्य जी के ऑफलाइन सत्र मे भाग लीजिए वहाँ आप अपने प्रशन पूछ सकते है.
गुरु जी आप चरणों में कोटि कोटि नमन 🙏🚩❤️🕉️
Aaj om ka sahi arth samajh aaya
Sabhi ko Mera namaskar ji
चरण स्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏❤️❤️❤️
❤🙏🌺 Pranam Guru Ji 🙏🌺🥰❤️
🕉 याद दिलाता है कि अमृता तक जाना है 🙏🪔
प्रणाम आचार्य जी।
Jay shree Ram 🙏🙏
अंतः हि आरंभ है
Ram ram ji
नमन गुरुवर 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय गुरुदेव
Parnam acharya ji
Aham ka aarambha hota hai or aham ki seema hoti hai isiliye anant ki suruaat bhi waha se hoti hai jaha se aham hota hai.
* A- akar , U - ukar , M - makar = "AUM".
* Maun hi turiya hai. ( Turiya = aatma)
Mai acharya ji ka har video shuru karne se pahle like kar deta hu... ❤
Naman acharya g
प्रणाम आचार्य श्री।🙏😌❤️
Pranam acharya ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Om ke matlab aaj samajh aaya
💖🙏 प्रणाम आचार्य जी
Aaj Om meaning ke bare me Jo ku6 bhi pata thaa usse aage aur jyada janane samaj ne Mila...
Om ka ant nahi ho saktaa wo kalatit hai..wo Aaj a6e se samaj me aya..
🙏🙏🙏
शायद ही कोई इतनी अच्छी तरह से समझा सकता है, कोई भी नहीं
sara problem mere liye hai …jab apun hi samapat ho gaya sara dukh dard samapt ho jayega. Jinda rahkar yahi achieve karna adhyatm hai aur 💪🏻 Om v
Ram ram
सही अर्थ पाया, अब देखनेका नजरिया बदल गयी
Admiring 😊
Thank u Acharya Prashant sir 🙏
Pranam acharya ji