ठीक से याद कीजिए , लालू यादव के शासन काल में नही बल्कि जगन्नाथ मिश्र के शासन काल में केंद्रीय वेतनमान स्वीकृत हुआ था। जिसे लालू यादव काल में 1994-99 तक लागू रखा गया लेकिन नियोजनवाद भी लालू यादव जी के काल में ही आया था... 2003 में इस नियोजनवाद का बीजारोपण लालू यादव जी ने ही किया था।।।
पूरे बिहार का शिक्षक कल से 10 से 4 हाजरी बनाए वेतन कटे तब तो यहां तो बहुत काबिल शिक्षक हैं जो 8 बजे ही पहुंच कर हाजरी बना लेते है और दलाली में जुट जाते हैं। इसलिए ये संभव नहीं है
घंटा कुछ नहीं होगा ये भौ भौ करता हैं। स्कूल टाईमिंग 10-4 हुआ क्या। पाठक जी चले फिर भी नहीं किया। मुख्यमंत्री का बात नहीं माने तो इनके बातों पर कोई भरोसा नहीं हैं।
सरकार हमें विशिष्ट कहना चाहती है तो कहे मगर हमें नियोजित पर ही गर्व है हमारी निम्नलिखित मांगें है @स्नातक ग्रेड में पदोन्नति @राज्य कर्मी का दर्जा @पूर्ण वेतनमान @पुरानी पेंशन का लाभ @ऐच्छिक स्थानांतरण विशिष्ट शिक्षक बनाने की सूरत में @ऐच्छिक स्थानांतरण @वेतन संरक्षण @सेवा निरंतरता
संतोष जी इनसे पूछा जाय कि इन्होंने अपने मुखार बिंद से कहा था कि सदन में माननीय मुख्यमंत्री जी ने जो कह दिया वह ब्रह्म लकीर हो गया कि विद्यालय 10 बजे से 4 बजे तक ही चलेगा तो चलेगा। माननीय मुख्यमंत्री का ब्रह्म लकीर मिट कैसे गया।
संतोषजी, अपने शिक्षकों की खामियां, खूबियां, प्रताड़ना- इन सभी पहलुओं का मुद्दा समान रूप से उठाते रहें हैं। आशा करते हैं नियोजित शिक्षकों को मानवीय न्याय दिलाने में आप सफल रहेंगे।
संतोष जी आपने हर बात को दमदारी से रखा है मेरी भी बात सुनिए मेरी पत्नी भी बक्सर में शिक्षक है और मैं 300 किलोमीटर दूर दरभंगा में हूं मेरे माता पिता जी बूढ़े हो गए हैं मेरे बड़े भाई अब नहीं रहे इसलिए उनके परिवार को भी मुझे ही देखना है लेकिन ट्रांसफर में पुरुष होने के नाते कोई वरीयता नहीं मिल रही है जबकि मेरा घर भी बक्सर जिले के पास ।
इसी सरकार ने हमलोगों को नौकरी दिया है और माननीय मुख्यमंत्री जी बार बार भरोसा दिलाया है कि यही सरकार नियोजित शिक्षकों के लिए आगे भी बेहतरी के लिए कार्य करेगा। लेकिन उनके अधिकारी आज शिक्षकों को रोज रोज प्रताड़ित कर रहे हैं। जबरदस्ती नियोजित शिक्षकों अपने घर परिवार से दूर एक जिला से दूसरे जिलों स्थानांतरण कर रहे हैं। माननीय नीरज बाबू शिक्षकों के दर्द को समझें और माननीय मुख्यमंत्री को इसमें हस्तक्षेप करने को कहें।
आप के बात का कोई भरोसा नहीं।नीरज आपकी सरकार है आप प्रवक्ता भी है। फिर हम शिक्षकों को वेवकुफ बना रहे हैं संतोष सर ये नेता बुलाकर अपनी चुनाव बचानें की कोशिश है
चुनाव नजदीक है इसलिए जो कह रहे नीरज भैया मान लीजिए फिर ढाक के तीन पात ही होंगे । बीपीएससी धांधली पर भी कुछ जानकारी दीजिए । कोर्ट का निर्देश भी शिक्षा विभाग कूड़ादान में रखती है ।
1. सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों की वेतन विसंगति आज तक दूर नहीं हो पाई। 2.त्यागपत्र देकर विशिष्ट शिक्षक बनना आत्मघाती है। 3.सेवा निरंतरता और वेतन संरक्षण अवश्य ही मिलना चाहिए।
नीरज बाबू, आप तो बहुत ही अच्छे शिक्षाविद हैं और मुख्यमंत्री बिहार से आपका अच्छा बनता भी है तो फिर आप को शिक्षकों के लिए अपनी बातों को रखना चाहिए, और हमलोग विश्वास करते हैं कि आप ऐसा करेंगे।
आशा करता हूं बिहार सरकार शिक्षक के हित में निर्णय ले, ऐच्छिक स्थानांतरण दे, शिक्षक मानसिक रूप से परेशान हैं जन स्वराज के आशुतोष जी का आभार बिहार में आप ही एक पत्रकार हैं जो शिक्षकों के मूद्दे पर बात कर रहे हैं 🙏
बिहार में जब मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार बोले गए शब्दों को कोई नहीं सुनता है तो। कुत्ता बिल्ली को कौन सुनेगा। ..... विधानसभा में 10-4 विधालय संचालन करने का मुख्यमंत्री जिक्र किया लेकिन कुछ नहीं हुआ। ..... इसी लिए जो होता है होने दो महोदय
इनकी बातों को कोई भी गंभीरता से नहीं लेता है,इनका काम सिर्फ बक बक करना है जब विधान मंडल में मुख्यमंत्री के द्वारा कहा गया बात अभी तक लागू नहीं हुआ है तो नीरज सिंह के कही गई बातों का कोई मोल नहीं है ।सीधी बात है कि विधायिका पर कार्यपालिका हावी है।कार्यपालिका हमेशा ही विधायिका को औकात बताते रहा है।
संतोष जी नमस्कार आपका कैसे शुक्रिया अदा किया जाय कि आप शिक्षकों के प्रति इतना उदार हृदय से शिक्षक की लड़ाई लड़ रहे हैं टाइमस आफ़ स्वराज को देखकर और चैनल वाले का मुंह खोल रहा है
चचा शिक्षकों के हक की हकमारी कर रही है क्योंकि वो जानते हैं कि अगर इनकी मांग को पूरा किया जाए तो प्रशिक्षण की तिथि से सब कुछ देना पड़ेगा।। ऐच्छिक स्थानांतरण और सेवा निरंतरता तथा पे प्रोटेक्शन का लाभ मिलना चाहिए
Now-a-days journalists are so afraid to ask questions from government representatives. You have a real guts of journalist. You ask questions fearlessly.
जो नियोजित शिक्षक बीपीएससी परीक्षा पास है और दूसरे जिले में ज्वाइनिंग नहीं किया वैसे महिला एवं दिव्यांग को उनके मूल प्रखंड में पोस्टिंग देना चाहिए इसके लिए आप आवाज उठाएं
पत्रकारिता इसे कहते है। बाकि तो नेता के मुँह देखकर सवाल करता है। संतोष सर को एक सैल्युट तो बनता है। धन्यवाद संतोष सर!
Thankyou Santosh ji
Sir mehnt aise hi kar dijeye 10 din
Santosh bhaiya ko salyut Dil se
संतोष बाबू को बहुत बहुत साधुबाद।शिक्षकों के असली मुद्दों को आपने उठाना शुरू किया है thanks
लालू यादव जी BPSC से शिक्षक बहाली में केन्द्रीय वेतनमान मिलता था।आज क्लर्क वाले वेतनमान मिलता है
Laloo ji ke Shasan kal ko NDA ke log jungle Raj kahte hain. Usse zyada bhyawah sthiti abhi hai. Is kal ko kya kaha jaye.
चपरासी वाला
ठीक से याद कीजिए , लालू यादव के शासन काल में नही बल्कि जगन्नाथ मिश्र के शासन काल में केंद्रीय वेतनमान स्वीकृत हुआ था। जिसे लालू यादव काल में 1994-99 तक लागू रखा गया लेकिन नियोजनवाद भी लालू यादव जी के काल में ही आया था... 2003 में इस नियोजनवाद का बीजारोपण लालू यादव जी ने ही किया था।।।
Paisa h n khn sa dega ... Paisa
@SANTOSHKUMAR-qn7zo Paise ki bywastha Sarkar ko karni padti hai, Sir.
यही नीरज जी ने कहा था ना कि मुख्यमंत्री का कहा ब्रम्हा की लकीर है, विद्यालय 10 से 4 होकर रहेगा। क्या हुआ?
इनकी बात पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
Neta ji bahot mitha bol bolte rahte hai
Ye v ek ques. Banta tha Jo puch na chahiye tha abhi, or sadan me utha ye ge ye bato ko talna hua
Santosh ji jb CM ke bat ka koe value nhi h to en netao ka kya value h buerocrates ke samne
Iska koi value h bhau bhau singh ka
पूरे बिहार का शिक्षक कल से 10 से 4 हाजरी बनाए वेतन कटे तब तो यहां तो बहुत काबिल शिक्षक हैं जो 8 बजे ही पहुंच कर हाजरी बना लेते है और दलाली में जुट जाते हैं।
इसलिए ये संभव नहीं है
संतोष जी आप टीचर के लिए काफी प्रयास कर रहे है, धन्यवाद
संतोष जी आप नियोजित शिक्षक का मजाक उड़ा रहे हैं।
नियोजित शिक्षक खुद को मजाक का पात्र बना रहा है ।
संतोष बाबू आपके परिश्रम और लगाव को शिक्षक समाज कभी नहीं भूलेगा
माननीय नीरज जी 2005 में भी प्रशिक्षित शिक्षक बेरोजगार थे आप की सरकार ने सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए पंचायत शिक्षक और प्रखण्ड शिक्षक बनाया
कबाड़ से जोगाड़, कहने को तो छात्र एवं शिक्षक अनुपात में बिहार नंबर वन का डंका पीटना,पर ओरिजनल वेतनमान एवं सुविधा देने में फिसड्डी
Yes.
दस से चार बजे करा लिए जिसका सदन में बोला हुआ आज तक लागू नही हुआ।वो क्या राज्य चलायेगा।शर्म है तो स्तीफा दें।
घंटा कुछ नहीं होगा ये भौ भौ करता हैं। स्कूल टाईमिंग 10-4 हुआ क्या। पाठक जी चले फिर भी नहीं किया। मुख्यमंत्री का बात नहीं माने तो इनके बातों पर कोई भरोसा नहीं हैं।
Santosh jee आप एक इमानदार पत्रकार हैं. आपको सैल्यूट l
अनुमंडल हटाओ
जिला के अंदर 10 option दो।
सेवा निरंतरता दो
Aap bilkul sahi hain
Aap ghalat bol rahe hain
Nitish kumar ka toh k k Pathak ne chalne hi nahi diya
बिलकुल
Sir Divyang teacher ko to kam se kam home panchayat milna chahiye tha
संतोष सर अभी वर्तमान समय में आप शिक्षकों के तारणहार है।
आपके लिए एक सैल्यूट तो बनता ही है। दिल की गहराइयों से धन्यवाद।🙋
आदरणीय नीरज बाबू को तुरंत मुख्यमंत्री से मिलकर वार्ता करनी चाहिए
सरकार हमें विशिष्ट कहना चाहती है तो कहे मगर हमें नियोजित पर ही गर्व है
हमारी निम्नलिखित मांगें है
@स्नातक ग्रेड में पदोन्नति
@राज्य कर्मी का दर्जा
@पूर्ण वेतनमान
@पुरानी पेंशन का लाभ
@ऐच्छिक स्थानांतरण
विशिष्ट शिक्षक बनाने की सूरत में
@ऐच्छिक स्थानांतरण
@वेतन संरक्षण
@सेवा निरंतरता
शिक्षक हित को ध्यान में रखकर स्वैच्छिक स्थानांतरण दिया जाए चाहे bpsc हो या नियोजित। जिसको ट्रांसफर चाहिए उन्हें भी इस व्यवस्था से लाभ होगा
बहुत खुशी की बात है संतोष सर की इस तरह की क्वेश्चन अपने की थैंक यू सर
कानून का राज होता तो नियोजन शिक्षकों से त्यागपत्र नहीं लिया जाता है।
संतोष जी आपके जैसा कोई सही मार्गदर्शन नहीं करता है और अपने स्तर से काफी प्रयास भी कर रहें है आपको बहुत -बहुत धन्यवाद
नीरज जी सिर्फ लंबा भाषण देते हैं।अभी तक स्कूल 10-4 हुआ ही नहीं तो ये तबादला नीति क्या बदलेंगे।
Sab ko samajh aa raha hai. E sab argent hai
नीरज कुमार जी के बातों पर कोई भरोसा नहीं है ये सरकार में है और इनको कोई बात मालूम नहीं है ताज्जुब की बात है ।जय हो बिहार और जय हो बिहार की सरकार
नीरज जी पर बिल्कुल भरोसा नहीं है इनकी बात का कोई महत्व नहीं है
सही बात है।
ये तो सत्ता मे रहकर भी बोल रहे है लेकिन ललुआ के पार्टी विपक्ष मे होकर भी कुछ नहीं बोल रहा है जब सत्ता मे था तब तो लाठी चलवाया ही था ।
@@Ak-oo3hwmithi mithi bol kar bihari medha ko bpsc farji teachar ghotal ke rup me badalne mujhe aata he ji 😅
संतोष बाबू हमलोगों से सक्षमता राज्यकर्मी के लिए लिया गया था न कि तबादला या पोस्टिंग के लिए।
कृपया इस पर चर्चा कीजिए
@@Ak-oo3hwTu ja ke bol tere ko Koi roka hai
The great lier,
इसकी बातका कोई मतलब नहीं।
नितश के भोंपू है।झूठा नेता
जिया हो संतोष भैया, प्रतिनिधि साब के आईना दिखावे के लेल .......
जिंदाबाद।
संतोष जी आप जैसे पत्रकार धन्य हैँ कोशिश आप बहुत जादे कररहे हैँ टीचरों ke लिए
ई मर्दे कबहु कबहुं भूल जाला की ई सरकार में बारन।
नीरज जी के बात का भरोसा कौन करेगा आजतक विद्यालय 10 से 4 नहीं हुआ।
लगता हैं यह अमेरिका के सदन के सदस्य है,,, आखिर सरकार किसकी है और यह बेतुका नीति लाया कौन है,,कह दीजिए आप भी यह नेहरू या लालू ने कराया है 😂😂😂😂
Aise hi jalebi chhap netaon ke karan Bihar aur bihari pure desh me badnaam hai.
नीरज सर शिक्षक त्राहिमाम है शिक्षक को बचाइए ,नीरज सर एवं संतोष सर आप ही पर भरोसा है।
Santosh sir आप का बहुत बहुत धन्यवाद।इस मुद्दे पर नीरज जी से बात करने के लिए
कोई फायदा नहीं।
संतोष सर आज आपने तीर बिल्कुल सही निशाने पर लगाया है
सेवा निरंतरता का लाभ शिक्षकों को मिलना ही चाहिए
ई सब भरवा नेता हैं जिसका अधिकारी कोई बात नहीं सुनता
संतोष जी
इनसे पूछा जाय कि इन्होंने अपने मुखार बिंद से कहा था कि सदन में माननीय मुख्यमंत्री जी ने जो कह दिया वह ब्रह्म लकीर हो गया कि विद्यालय 10 बजे से 4 बजे तक ही चलेगा तो चलेगा। माननीय मुख्यमंत्री का ब्रह्म लकीर मिट कैसे गया।
संतोष बाबू का प्रयास अत्यंत सराहनीय है।
आपके पत्रकारिता को सलाम सर बहुत-बहुत धन्यवाद सर हमलोगो का आवाज उठाने के लिए
नीरज जी आपकी बातों से नियोजित टीचरों को बहुत अच्छा लगता होगl लेकिन आपसे कुछ नहीं होगा। धन्यवाद
संतोष जी को कोटि कोटि नमन
नियोजित को वास्तविक खुशी तभी मिलेगी जब पदस्थापित विद्यालय में राज्यकर्मी बनेंगे
बिल्कुल सही कहा आपने।
संतोषजी, अपने शिक्षकों की खामियां, खूबियां, प्रताड़ना- इन सभी पहलुओं का मुद्दा समान रूप से उठाते रहें हैं।
आशा करते हैं नियोजित शिक्षकों को मानवीय न्याय दिलाने में आप सफल रहेंगे।
बड़ी बेबाकी से हम शिक्षकों की बात और मुद्दे उठाने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 💐
सेवा निरंतरता, इंडेक्स प्रोटेक्शन, प्रमोशन, स्थानांतरण में प्रखंड के विद्यालय का आप्शन मिलना न्यायपूर्ण होगा।
संतोष जी आपका यह संघर्ष हम शिक्षकों के हित में रंग लाए-हमारी बहुत बहुत शुभकामनाएं।
सभी शिक्षक mlc को चुनाव में सबक सिखाना जरूरी है ।
संतोष जी आपने हर बात को दमदारी से रखा है मेरी भी बात सुनिए मेरी पत्नी भी बक्सर में शिक्षक है और मैं 300 किलोमीटर दूर दरभंगा में हूं मेरे माता पिता जी बूढ़े हो गए हैं मेरे बड़े भाई अब नहीं रहे इसलिए उनके परिवार को भी मुझे ही देखना है लेकिन ट्रांसफर में पुरुष होने के नाते कोई वरीयता नहीं मिल रही है जबकि मेरा घर भी बक्सर जिले के पास ।
इसी सरकार ने हमलोगों को नौकरी दिया है और माननीय मुख्यमंत्री जी बार बार भरोसा दिलाया है कि यही सरकार नियोजित शिक्षकों के लिए आगे भी बेहतरी के लिए कार्य करेगा। लेकिन उनके अधिकारी आज शिक्षकों को रोज रोज प्रताड़ित कर रहे हैं। जबरदस्ती नियोजित शिक्षकों अपने घर परिवार से दूर एक जिला से दूसरे जिलों स्थानांतरण कर रहे हैं। माननीय नीरज बाबू शिक्षकों के दर्द को समझें और माननीय मुख्यमंत्री को इसमें हस्तक्षेप करने को कहें।
पत्रकार ऐसे हैं जो कहते हैं 4000/- से 50000/- तक पहुंच दिया। जैसे बहुत बड़ा ऐहसास कर दिया। खुद नेता लोग बगैर किसी काम के कितना तनख्वाह लेते हैं।
बिहार के नेता का IAS के सामने जीरो वैल्यू है
संतोष जी आपके इस शिक्षकों के स्वाभिमान संरक्षण में अविष्मरणीय योगदान को शिक्षक समाज कभी नहीं भूलेगा।
शिक्षकों की आवाजको सदन तक पहुंचाने के लिए संतोष सर आपको नमन करता हूं
माननीय नीरज जी सरकार तो आप की ही है।आप मुख्यमंत्री से मिलकर बात कहें।
संतोष सर, बहुत बहुत धन्यवाद ,आपका ही प्रयास है जो नियोजित को कुछ मिल जाए
नेता सदन के सदन के पटल से घोषणा के बावजूद समय में परिवर्तन आज तक नहीं हुआ तो ये टर्र टर्राते रहे नौकरशाहों के सामने इनकी क्या हैसियत है जग ज़ाहिर है
संतोष जी को हम सभी शिक्षकों के तरफ से सेवा निरंतरता की मुद्दा उठाने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद l
शिक्षकों का इस सरकार पे विश्वास नही है।
शिक्षक भर्ती में आरक्षण रोस्टर का धज्जियां उडा कर यह बेशर्म बोलता है कि हमारी सरकार महिलाओं को खूब नौकरी दिया है।
बहुत ही अच्छा विश्लेषण है धन्यवाद🎉🎉
बिलकुल झूठा आदमी है नीरज जी। इनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता।
ई नेता जी फुसफुसाया है ऐसे भी MLC सब का कोई वैल्यू नहीं है।10 से 4 वाली बात मुर्गा छाप फुस।
इनकी बात कितनी सही है, भगवान मालिक है
संतोष sir आप ही सब की आवाज हैं और आप ही सभी शिक्षक की रहनुमा हैं।
एक्छिक स्थानांतरण हो। और सेवा निरंतरता का लाभ मिलना चाहिए।
Santosh G jo kuch ho aapke prayas ki jitani sarahana ki jay kam hai. Lots of thanks.
नीतीश ने शिक्षक बहाल किया, नीतीश ही शिक्षक को समाप्त करेगा
दोनों व्यक्ति बहुत ही बेबाक तरह से अपनी अपनी बातों को शिक्षक हित में रखे।
हमें आप एवं मुख्यमंत्री पर पूरा भरोसा है, न्याय जरूर किजिएगा
नीरज जी भरोसा क़े लायक नहीं पर आप संतोष जी हमेशा सत्य क़े साथ होते हैं. शिक्षक क़े साथ हैं.
यह कहता है कि हमारी सरकार ने तो फंसाती है और न ही बचाती है।
इससे पुछो शिक्षक बहाली में इतने धांधली हुई है तो उसे रद्द क्यों नहीं किया।
आप के बात का कोई भरोसा नहीं।नीरज आपकी सरकार है आप प्रवक्ता भी है। फिर हम शिक्षकों को वेवकुफ बना रहे हैं संतोष सर ये नेता बुलाकर अपनी चुनाव बचानें की कोशिश है
चुनाव नजदीक है इसलिए जो कह रहे नीरज भैया मान लीजिए फिर ढाक के तीन पात ही होंगे । बीपीएससी धांधली पर भी कुछ जानकारी दीजिए । कोर्ट का निर्देश भी शिक्षा विभाग कूड़ादान में रखती है ।
आज पहली बार नीरज जी सकारात्मक बात किए हैं
महोदय ऐसे रियेक्ट कर रहे कि विपक्ष में ये हों और सत्ता से सबाल कर रहे हों।
खास कर संतोष बाबू को बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने इस मुद्दे को सरकार को अबगत करा रहे हैं
1. सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों की वेतन विसंगति आज तक दूर नहीं हो पाई।
2.त्यागपत्र देकर विशिष्ट शिक्षक बनना आत्मघाती है।
3.सेवा निरंतरता और वेतन संरक्षण अवश्य ही मिलना चाहिए।
आप बोले थे कि विदा ले रहें हैं और फिर चले आए वही राग अलापने l
Sattye ka saath de rhe hain 🙏🏻🙏🏻
नीरज बाबू, आप तो बहुत ही अच्छे शिक्षाविद हैं और मुख्यमंत्री बिहार से आपका अच्छा बनता भी है तो फिर आप को शिक्षकों के लिए अपनी बातों को रखना चाहिए, और हमलोग विश्वास करते हैं कि आप ऐसा करेंगे।
नीरज के बात पर भरोसा नहीं ।
बेबाक पत्रकारिता के लिए हृदय से आभार।
Paltu 2 hai
Santosh ji aap ko million times Salute aur Shubhkamnayen.
नीरज कुमार का किसी भी अधिकारी के समाने कोई औकात नहीं है, कोई नहीं सुनता इनकी। घिघियाते रहे पर आज तक 10 से 4 स्कूल टाइमिंग नहीं हो सका। क्या बोलेंगे ये
आपके पत्रकारिता को सलाम।
देर ही सही,
सुबह का भूला शाम को वापस लौट आए, तो भुला नहीं कहते।
आपके प्रयास का दिल से स्वागत है।
आशा करता हूं बिहार सरकार शिक्षक के हित में निर्णय ले, ऐच्छिक स्थानांतरण दे,
शिक्षक मानसिक रूप से परेशान हैं
जन स्वराज के आशुतोष जी का आभार
बिहार में आप ही एक पत्रकार हैं जो शिक्षकों के मूद्दे पर बात कर रहे हैं 🙏
बिहार में जब मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार बोले गए शब्दों को कोई नहीं सुनता है तो। कुत्ता बिल्ली को कौन सुनेगा। ..... विधानसभा में 10-4 विधालय संचालन करने का मुख्यमंत्री जिक्र किया लेकिन कुछ नहीं हुआ। ..... इसी लिए जो होता है होने दो महोदय
इनकी बातों को कोई भी गंभीरता से नहीं लेता है,इनका काम सिर्फ बक बक करना है जब विधान मंडल में मुख्यमंत्री के द्वारा कहा गया बात अभी तक लागू नहीं हुआ है तो नीरज सिंह के कही गई बातों का कोई मोल नहीं है ।सीधी बात है कि विधायिका पर कार्यपालिका हावी है।कार्यपालिका हमेशा ही विधायिका को औकात बताते रहा है।
नीरज जी जैसे नेताओं पर कोई भरोसा नहीं है केवल बातें करते हैं इन लोगो के बातों का असर शिक्षा विभाग पर नहीं होता है।
संतोष जी नमस्कार आपका कैसे शुक्रिया अदा किया जाय कि आप शिक्षकों के प्रति इतना उदार हृदय से शिक्षक की लड़ाई लड़ रहे हैं टाइमस आफ़ स्वराज को देखकर और चैनल वाले का मुंह खोल रहा है
चचा शिक्षकों के हक की हकमारी कर रही है क्योंकि वो जानते हैं कि अगर इनकी मांग को पूरा किया जाए तो प्रशिक्षण की तिथि से सब कुछ देना पड़ेगा।।
ऐच्छिक स्थानांतरण और सेवा निरंतरता तथा पे प्रोटेक्शन का लाभ मिलना चाहिए
संतोष जी को बहुत बहुत धन्यवाद
Now-a-days journalists are so afraid to ask questions from government representatives.
You have a real guts of journalist. You ask questions fearlessly.
चुनाव होने वाला , वोट के लिए चाहिए न इसलिए इस तरह का बयान आना स्वाभाविक है😍😍😄😄
प्रखंड ही विकल्प होना चाहिए,ट्रांसफर में,सरकार शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना बंद करे,लोग वर्षों से घर से दूर है,उन्हें अब और नही भटकाएं।
ये बात माननीय मुख्यमंत्री जी को समझाने की आवश्यकता है ।
नीरज जी,बहुत ही धन्यवाद, किन्तु आपने ही 10से 4 विद्द्यालय चलेगा बोले थे, उसका क़्या हुआ
जो नियोजित शिक्षक बीपीएससी परीक्षा पास है और दूसरे जिले में ज्वाइनिंग नहीं किया वैसे महिला एवं दिव्यांग को उनके मूल प्रखंड में पोस्टिंग देना चाहिए इसके लिए आप आवाज उठाएं
Shikshakon ka jo bhi hal Ho par Santosh sir aap ek nirbhik aur Swatantra prakar hai
Good luck sirf aap hi hai Jo shikshako ka Mudda utha rahe hair.
बिल्कुल सही प्रश्न है सदन का बात रहता कहा है। मुख्यमंत्री सदन में कहा था कि स्कूल 10 से 04 ही रहेगा फिर भी 9 से 5 चल रहा है।
Santhosh sir ko itni mehant ke liye dhanyawaad teacher ki or se
सिर्फ भौंक रहा है जब सदन में दिया गया मुख्यमंत्री का बयान का कोई मतलब नही है तो इनका क्या कहना।
बिहार में इनके ब्रह्मा की लकीर को किसी ने पैरो तले कुचल दिया तो ये क्या उखाड़ लिए।