जब अल्लाह की तरफ से बकरी या जानवर अपनी मौत मरता है तो उसे खाना हराम है तो क्या अल्लाह ने जिस मख्लूक़(प्राणी,जानवर,बकरी,मुर्गी)को बनाया है उसे उसकी प्राकृतिक मौत के बिना मार के खाना जायज़ है..??यह मज़हब नहीं साहूलियत है ज़नाब।
जब अल्लाह की तरफ से बकरी या जानवर अपनी मौत मरता है तो उसे खाना हराम है तो क्या अल्लाह ने जिस मख्लूक़(प्राणी,जानवर,बकरी,मुर्गी)को बनाया है उसे उसकी प्राकृतिक मौत के बिना मार के खाना जायज़ है..??यह मज़हब नहीं साहूलियत है ज़नाब।
Great session...what an explanation n infornation
اللّٰہ آپ پر رحمت نازل فرمائیں ❤
thanx n jazakAllah qairun
Positive image of Islam because of persons like you. Thanks a lot.
जब अल्लाह की तरफ से बकरी या जानवर अपनी मौत मरता है तो उसे खाना हराम है तो क्या अल्लाह ने जिस मख्लूक़(प्राणी,जानवर,बकरी,मुर्गी)को बनाया है उसे उसकी प्राकृतिक मौत के बिना मार के खाना जायज़ है..??यह मज़हब नहीं साहूलियत है ज़नाब।
Dr Saheb, I heard someone said: "Religion without Science, Science without Religion is incomplete" is this true?
🇩🇪💖🇩🇪
eye opener.. now the govt officials should take it into consideration, and stop hate education at school level to innocent kids...
जब अल्लाह की तरफ से बकरी या जानवर अपनी मौत मरता है तो उसे खाना हराम है तो क्या अल्लाह ने जिस मख्लूक़(प्राणी,जानवर,बकरी,मुर्गी)को बनाया है उसे उसकी प्राकृतिक मौत के बिना मार के खाना जायज़ है..??यह मज़हब नहीं साहूलियत है ज़नाब।
Kia ghair muslims ko shrab bechna halal hai ????
फिर जन्नत में क्यों उपलब्ध है