सर्व पितृ अमावस्या पर क्या नहीं करना चाहिए | sarv pitru amavasya kab hai 2024 mein | Pitru Paksha |

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  • Опубликовано: 15 ноя 2024

Комментарии • 14

  • @SantoshVerma-tn3he
    @SantoshVerma-tn3he Месяц назад

    Jai Shri Hari Bishnu Maharaj ji jai pitri Maharaj ji ke

  • @ajaydwivedi5026
    @ajaydwivedi5026 Месяц назад

    Om pitra devaay namah 👏👏

  • @PrakashShivhare-zb3sk
    @PrakashShivhare-zb3sk Месяц назад

    Jai Shri Hari.

  • @vandanasakuja3703
    @vandanasakuja3703 Месяц назад

    Jai Shri Hari Vishnu Bhagwan Ji Ki 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹 Jai Shri dada Pitru Dev Maharaj Ji Ki 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹

  • @anitamungrati3995
    @anitamungrati3995 Месяц назад

    Jai sree vishnu bagwan ji ki jai dada pitru dev ji

  • @BhagirathChouhan-t5o
    @BhagirathChouhan-t5o Месяц назад +5

    आप पीतल और तांबे के बर्तन तो है ही नहीं ना मिट्टी के बर्तन है पूरी दुनिया स्टील की हो गई क्या करें😂 ओम पितृ देवता नमः

  • @SanjeevKumar-gi1nl
    @SanjeevKumar-gi1nl Месяц назад

    Jai Shri Hari Vishnu jai dada putra Maharaj 🎉🎉🎉

  • @shanker.bestjundale7559
    @shanker.bestjundale7559 Месяц назад

    🌀श्री विष्णु पुराण के तीसरे अंश में अध्याय 15 श्लोक 55-56 पृष्ठ 153 पर लिखा है कि श्राद्ध के भोज में यदि एक योगी यानी शास्त्रोक्त साधक को भोजन करवाया जाए तो श्राद्ध में आए हजार ब्राह्मणों तथा यजमान के पूरे परिवार सहित सर्व पितरों का उद्धार कर देता है।
    🌀कबीर, भक्ति बीज जो होये हंसा, तारूं तास के एकोत्तर वंशा।

  • @shanker.bestjundale7559
    @shanker.bestjundale7559 Месяц назад

    भूत पूजा तथा पितर पूजा क्या है?
    इन पूजाओं के निषेध का प्रमाण पवित्र गीता शास्त्र के अध्याय 9 श्लोक 25 में लिखा है जो आप जी को पहले वर्णन कर दिया है कि भूत पूजा करने वाले भूत बनकर भूतों के समूह में मृत्यु उपरांत चले जाऐंगे। पितर पूजा करने वाले पितर लोक में पितर योनि प्राप्त करके पितरों के पास चले जाऐंगे। मोक्ष प्राप्त प्राणी सदा के लिए जन्म-मरण से मुक्त हो जाता है।

  • @binduchoudhary6630
    @binduchoudhary6630 Месяц назад +1

    jai sri bishnu bhgwan ji jai prit mhraj ji

  • @shanker.bestjundale7559
    @shanker.bestjundale7559 Месяц назад

    श्राद्ध आदि निकालना शास्त्र विरुद्ध है, सत्य शास्त्रोक्त साधना करने वाले साधक की 101 पीढ़ी पार होती हैं। सत्य शास्त्रानुसार साधना केवल तत्वदर्शी संत दे सकता है जिसकी शरण में जाने के लिए गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में कहा गया है। वर्तमान में वह पूर्ण तत्वदर्शी संत केवल संत रामपाल जी महाराज जी हैं।

  • @jamanaprasad3850
    @jamanaprasad3850 Месяц назад

    Kyon logon ko murkh bana raha hai.