महाराव शेखाजी की वंश परम्परा मै जन्मे शेखावत कुल शिरोमणी शाहपुरा दरबार राव साहब राजेन्द्र सिंह जी से यही उम्मीद करते है की वह पूर्वजो के पद चिन्हो पर चलते हुऐ अपना निष्काम कर्म करे। जय गोपीनाथ जी की सा 🙏☀️🚩
लेकिन सर अब हमने ब्राह्मण को केवल एक जाति के रूप में मान लिया जो गलत है दरअसल ब्राह्मण एक साधक की स्थिति हैं जो ब्रह्म में विलय की योग्यता पाने वाला है वह ब्राह्मण है यह गीता कहती है गीता के अनुसार ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र साधकों की अवस्थाएं है ना की जातियां
यदि धर्म शास्त्र को मानते हैं तो फिर संविधान को तिलान्जली दे दें और यदि संविधान को मानते हैं तो फिर आप धर्म और धर्म शास्त्र को तिलांजली दे दें .... दोगला चरित्र को उजागर करने से किसी का भी कल्याण नहीं हो सकता ........ धर्म उसे कहते हैं जो सत्य को उजागर करता है स्वीकार करता है और संविधान उसे कहते हैं जो दुसरें का हक अधिकार को छिन्न कर तिसरें को देता है एक पक्षीय कार्यवाही करने के लिए सुविधाए देता है एक जाति पाति पर आरक्षण को स्थापित करता है और बिना देखे ही झूठी गवाही पर न्याय देता है न्याय सत्य के आधार पर किया जाता है ग्वाह के आधार पर नहीं मैं, भारतीय संविधान से सहमत नहीं हूं ... साफ बात है
जय श्री राजपूताना श्रीमान राव राजा राजेन्द्र सिंह जी साहब को कोटि कोटि वंदन श्रीमान जी के उज्ज्वल भविष्य और दिर्घायु की हार्दिक कामनाएं
👏जय मा भवानी
हुकम आपसे बहुत कुछ सीखने मिला
Dhanyawad शोर्य गर्जना टीम को
जय श्री राजपुताना
,
शानदार वक्ता 🎉
महाराव शेखाजी की वंश परम्परा मै जन्मे शेखावत कुल शिरोमणी शाहपुरा दरबार राव साहब राजेन्द्र सिंह जी से यही उम्मीद करते है की वह पूर्वजो के पद चिन्हो पर चलते हुऐ अपना निष्काम कर्म करे। जय गोपीनाथ जी की सा 🙏☀️🚩
Veer bhumi shekhawati
पवन शर्मा शाहपुरा
yah hota h kshatriya ❤
superb speech
Jay mata de hokm
जय जय ,
Thanks for sar hukum saa
Sikar ke rao raja kalayan singh ji
Om
🙏🙏
लेकिन सर अब हमने ब्राह्मण को केवल एक जाति के रूप में मान लिया जो गलत है दरअसल ब्राह्मण एक साधक की स्थिति हैं जो ब्रह्म में विलय की योग्यता पाने वाला है वह ब्राह्मण है यह गीता कहती है गीता के अनुसार ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र साधकों की अवस्थाएं है ना की जातियां
यदि धर्म शास्त्र को मानते हैं तो फिर संविधान को तिलान्जली दे दें और यदि संविधान को मानते हैं तो फिर आप धर्म और धर्म शास्त्र को तिलांजली दे दें .... दोगला चरित्र को उजागर करने से किसी का भी कल्याण नहीं हो सकता ........ धर्म उसे कहते हैं जो सत्य को उजागर करता है स्वीकार करता है और संविधान उसे कहते हैं जो दुसरें का हक अधिकार को छिन्न कर तिसरें को देता है एक पक्षीय कार्यवाही करने के लिए सुविधाए देता है एक जाति पाति पर आरक्षण को स्थापित करता है और बिना देखे ही झूठी गवाही पर न्याय देता है न्याय सत्य के आधार पर किया जाता है ग्वाह के आधार पर नहीं मैं, भारतीय संविधान से सहमत नहीं हूं ... साफ बात है