चौथी बार झारखंड के CM बनकर हेमंत सोरेन ने रचा इतिहास।जयराम सहित कई दिग्गज नेता रहे मौजूद

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 12 янв 2025

Комментарии • 6

  • @madankumar1915
    @madankumar1915 Месяц назад

    Jay ram dada jindabad Johar taygar

  • @RajSingh-bh7wt
    @RajSingh-bh7wt Месяц назад

    मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि झारखंड में यदि कुर्मी जाति को दलित या आदिवासी वर्ग में शामिल कर दिया जायेगा तो क्या दलित और आदिवासी वर्ग सरकारी नौकरी की प्रतिस्पर्धा में कुर्मी से मुकाबला कर पाएगा। वर्तमान में कुर्मी जाति को BC 1 में रहने से शेष अति पिछड़ी जाति की स्थिति दलित और आदिवासी जैसी ही बनी हुई है। सारी सरकारी नौकरी और सरकारी सुविधा पर एकाधिकार जमाए समृद्ध और ताकतवर जाति कुर्मी को बीसी1 से निकाले बिना शेष अति पिछड़ी जातियों की स्थिति बदतर बनी हुई है इसीलिए
    *कुर्मी को BC-1 से बाहर करो*।
    जब तक कुर्मी को BC-1 (अतिपिछड़ी जातियों) के झुण्ड में रखा जाएगा, झारखण्ड के अन्य अतिपिछड़ी जातियों (BC-1) का विकास नही हो पाएगा।
    जिस तरह ,बकरी के झुण्ड में बाघ के आ जाने से बकरियों के अस्तित्व को खतरा आ जाता है,उसी तरह कुर्मी को BC-1 के अन्य जातियों के साथ रखने से हुआ है।
    अतिपिछड़ा समाज, कुर्मी को BC-1 से बाहर करने की मांग रखता है।