निर्भीक एवं निष्पक्ष विवेचना की है। इतिहास विश्लेषण भी तर्कसंगत प्रतीत होती है। बड़ी ज़रूरत थी इस वर्ण एवं जाति विश्लेषण तथा व्याख्या के इतिहास वर्णन की। मानसिक शोध का कच्चा माल दे दिया धन्यवाद।
अंगेजो के समय कितनी जाती थी और अब कितनी है। ये ही contradict है। बाबा साहेब, जगजीवन राम की बेटी। रामविलास पासवान आदि जाती प्रथा का विरोध करते करते शादी ब्राह्मण से की
🙏Ram Puniyani sir, and the Satya channel anchor we salute your programe, because of uprooting the social activities which was hidden and untold about the social practices of the communities. Thank you 🙏carry on🙏.
@@Mk-el8cd अच्छा इसका मतलब है कि तुम्हरे देवी देवता पिछले 1000 सालो में पैदा लिए है अगर इस मूर्ति कि भी जाँच हो जाए या इस मंदिर कि भी खुदाई हो जाए तो बुद्द ही निकलेगे | वैसे तुम्हारे ब्राह्मण समाज में मूर्तिकला कब और कौन सी थी
सच का सामना प्रोग्राम मुझे कभी पसंद नहीं आया क्योंकि मेरे ख्याल से वह एकतरफा होता था लेकिन यह प्रोग्राम इतना अच्छा लगा कि कई बार सुना। पुनयानी साहब के कुछ शब्द तो हीरे मोतियों जैसे बेशकीमती हैं। उत्कृष्ट।
@@prathameshwankhade8988 विश्व में सभी लोग अपने जान पहचान गुट ट्राइब के लोगो में ही विवाह करते है , सबको अपनी पुत्री की चिंता होती है ,नहीं तो फ्रिज या सूटकेस में बंद मिलेगी पुत्री
@@sushilsen4078 क्यों ? एक जाती में विवाह करने से उस परिवार के बारे में पता चतला है , दूसरे गाँव में अपनी जाती में विवाह करने से पूरे परिवार और पुत्री के बारे में समाचार मिलता रहता है , नहीं तो पुत्री फ्रिज सूटकेस में मिलती है , हमें कुछ बदलने की जरूरत नहीं है , हमारी व्यवस्था दस हज़ार बर्षो से चलती आ रही है , आक्रांताओ के आने के बाद साद गड़बड़ शुरू हुआ ,
सर, जब वर्ण व्यवस्था के अनुसर शूद्र पैरों से पैदा हुआ तब ही तो नीव पड़ गई थी जाति व्यवस्था की। क्योंकि छोटा और मैला ढोने का काम को निचला पायदान मिला, वर्ण तो केवल शब्द मात्र रह जाता है...
तुमको अभी और समझना है दोस्त, बात यहां ख़त्म नहीं होती है। मेरे अनुसर हिंदू धर्म उठाईगीरी का धर्म है तभी वह कोई नाम नहीं दे पाते हैं, सोचना@@sanilmore4715
I use to love major gaurav arya but he's basterd I'm came to this basterd same thing muslim are bad but major gaurav arya doing very bad and he's making Sikhs away from hindus3
छोड दो यार अतीत को आज दुनिया और देश का वर्तमान इन्सान बनकर इन्सानियत के बागोसे भरा पडा है. क्यो खोद रहे हो कबर अतीत कि उसमे मुडदा मरा पडा है और यहा चांद तरो को छुनेवाला इन्सान खडा है. 🇮🇳🙏
Hum bhi chodna chahte hai lekin maa bahene surakshit nahi hai aur shiksha ka aadhikaar maangna agar dwaesh hai to batao haq maangna swabhimaan se jeena mehnat ka paisa milna chaiye to dikkat kya hai
Usi same logic se ye baat unko bhi samjh Leni chahiye ki koi chand chabdev nahi hai ek gola hai koi insan nahi jo ki kuch fictional story mai moon ko ek insan jaise dekhaya geye un kathvachak bhi ko gyan de dia karo ham to jahte hai uper universe mai na koi chandr dev na koi Surya Dev na unko koi bandar kha sakte hai samjha it a knowledge unko bhi hai jo chand pe nahi gey aur jo jakar abhi geye phir bhi andbhakt ho hai
माननीय पंचम वर्ण झूठ है जबकि वर्ण व्यवस्था में केवल चार वर्णों हीं है जिसे आज भी ब्राह्मण मानता है आप पांचवां वर्ण बताकर एक अंतर विरोध पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं
केवल भारत में नहीं, दुनियाभर में। चर्च कालों और गोरों के, मस्जिद शिया और सुन्नी के, गुरुद्वारे दलितों के, और इजराइल के यहूदी यूरोप और अफ्रीका के अलहदा हैं।
Guru Govind Singh ji was the main person who tried to abolish the caste system. He chose 5 brave persons from different castes l, called 5 pyraras, made amrit, and asked them to drink from the same jug. He gave lots of respect to people from lower castes. He has a number of soldiers from lower castes.
Aaj ye bhee jativad se garasat ho gye hai,kyoki Sindhu border ki ghatna yad hogi,kitab ke hath lagane matar se hi uski jan le Lee jaty hai,ab khulkar jativad dekhne ko milta hai,
बहुत अजीब बात है कि अच्छे खासे अमीर पढ़े-लिखे S C / ST रिजर्वेशन छोड़ नही रहे हैं जबकि बहुत गरीब SC ST को रिजवेशन का लाभ उठाने नही दे रहे ये देखकर बहुत दुःख होता है कॉन्वेट एजूकेटेड लोग रिजर्वेशन ले रहे है खुद के समाज के गरीबो को भी लाभ नही लेने देते। पावर मिलने पर सभी खुद लाभ पाना चाहते है। दूसरो को दोष देने से पहले खुद को देखना चाहिए |
यदि हम श्रीराम और श्रीकृष्ण के अस्तित्व को मानते हैं तो आर्य बाहर से आए यह उचित नहीं होगा। सनातन में वर्ण व्यवस्था थीं जी मद्य काल में जाति व्यवस्था में परिवर्तित कर गया जो बहुत बड़ा षड्यंत्र था।
Tu apne pariwar ke ladkiyo ki intercaste marriage karwaado Maan jaunga. Warna ye PAKHAND band karo. Waise bhi pakhandi dharm me bas 10% log rahenge future me. Baki Mera dharm insaniyat hain.
संस्कृत भाषा का इतिहास भी अभी तक नहीं समझा जा सका है॥ संस्कृत पाली प्राकृत का refined form है, पाणिनि बोध भिक्षु थे, मतलब संस्कृत कोई पौराणिक भाषा नहीं है॥ देवनागरी लिपि में लिखि जाती है। मगर दुष्प्रचार किया जाता है संस्कृत पुरानी है ।॥
Very important information. Jati ki utpatti ka Karn chahey koi bhi ho, bt yeh sachchai hai ki Bharat ki yeh bahut hi jatil aur purani smasiya hai jb tk iska sampooran hl nhi kia gayia tb tk desh ka biksit hona mushkil sa lagta hai. Iss smasiya ko national debate priority pr rakhkr sthai hl nikalna chahiye desh ki khush Hali k liye.
जाति वर्ण व्यवस्था बौद्ध के जन्म से पहले से प्रचलित है शाक्य मुनि शुद्धोधन क्षत्रिय वर्ण के थे फिर मौर्य कोइरी सेनी शाक्य कुशवाहा और भी अन्य जातियां और चारों वर्ण बौद्ध ग्रंथ महावंश लिखा है इससे पता चलता है आर्य भी भारत के मूलनिवासी है या फिर तुम आर्यो पर जाति वर्ण व्यवस्था जबरदस्ती थोप रहे हो
"माननीय प्रोफेसर मुकेश कुमार जी, माननीय प्रोफेसर राम पुनयानी जी जय बाबा साहब" आपने जाति के बारे में विस्तार से समझाया इसके लिए आपका बेहद शुक्रिया अदा करता हूं, ब्राह्मण या सवर्ण को पीढ़ी दर पीढ़ी हराम का खाने की आदत पड़ी हुई है इसलिए ये जाति को कभी भी खत्म नहीं होने देंगे, बहुजन समाज को खुद जाति खत्म करनी होगी । "जय भीम -जय संविधान-जय विज्ञान"
@@saurabhtyagi8213 मेहनत और योग्यता से लिए गए 120 अंक भी काफी होते हैं,नकल, सिफारिश,जाति की गुंडागर्दी से बनाई गई 180 अंक वाली नकली मैरिट भी कुछ नहीं होती,EWS सुदामा आरक्षण वाले मैरिटधारी तुम्हारी मैरिट SC, ST, OBC से भी नीचे रहती है, 2000 सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी जाति का 100 फीसदी आरक्षण खाने वाले भाई साहब अपने गिरेबान में झांक कर देख लें ताकि हकीकत का पता लग जाए ।
@@Pakhshiva बहुजन का मतलब है जो संख्या में ज्यादा हो उसे बहुजन कहते हैं,तुम ऐसे वर्ग से हो, ये वर्ग जिस थाली में खाता है उसी में छेद करता है, बाबा साहब, संविधान का दिया सबकुछ खाता है लेकिन गुलामी ब्राह्मण हरामखोरों की करता है इसलिए तुम दो मुहें सांप हो ।
जाति व्यवस्था कभी मिट नही सकती है.आज जाति आधारित आरक्षण मिल रहा है.जाति के आधार पर संगठन बने हुए हैं.सवर्ण की बात छोङिये यदि कोई शूद्र या पिछङे जाति का लङका पिछङी जाति या शूद्र की लङकी से जो उसकी जाति का नही है शादी नही होने देते हैं.हरियाणा में तो गोत्र के बाहर शादी करने पर सजा मिलती है.जाति आधारित मानसिकता सिर्फ सामान्य लोंगों मे नही है बल्कि ऊंचे पद पर बैठे अधिकारियों और राजनेताओ में भी है जाति के आधार पर पारोटियां बनी हुई हैं और यदि वह पार्टी सत्ता में आती है तो सबसे ज्यादा फायदा उन्ही जातियों को मिलता है.जो पार्टी जाति आधारित नही है वह जाति और धर्म का कार्ड खेलती है.सभी जातियों को पता है कि हमारी पार्टी कौन है?लेकिन कुछ जातियां बिना पार्टियों के हैं और ये जातियां फ्लोटिंग में रहती हैं और जो पार्टी थोङा लालच दे देती है वो उधर चली जाती हैं.हमारी जाती की कोई पारोटी नही है और इसलिए हमारी जाति सबको वोट देती है.एक ही जाति के गांव में सभी पार्टियों के वोटर हैं.
Very helpful information. I teach intercultural communication in Canada and sometimes some students from other countries ask me about caste system. I agree with Baba saheb that caste system is so seeped in our DNA that it can not be eliminated. All the social reformers tried and failed.
Caste system is not going because low castes people don't want to let it go because of reservations . Different dalits also discriminate each other, Karmali don't like Chamar ,Chamar don't like Dom etc . Industrialization and real education can definitely eradicate it . Hate only begets hate .
It was slowly slowly disappearing from the surface but since 1990 s the rise of the right wing RSS Hindutwa political movement brings it back track, because of its suits their brahmanical agendas. But social resistance should continue….against this ugly criminal anti human brahmanical caste system.
yes its just like class system and loyalty to the British Crown in Canada and discriminating against Indigenous Brown and yellow people..Hope you learnt about that too inc Canada teacher...hopefully you didnt need any funding to learn that?
Why doesn't your host mention the name of swami Dayanand saraswati,a brahmin ,who brought forward the misinterpretation of caste system in Hinduism n who preached 'Back to Vedas '
अन्य धर्मों में जाति व्यवस्था केवल भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचलित है । उल्लेखनीय है कि अरब मुल्कों में ऐसा दिखाई नहीं देता । अफ्रीकी मुल्कों के ईसाइयों में भी जाति व्यवस्था नहीं पाई जाती है ।
नमस्कार आदरणीय कृपया इस बात का इतिहास बताने की कोशिश करीयगा कि पंजाब में जमीन की मालकी सिर्फ एक जाती के पास कैसे आई, जिस जाती की आबादी पंजाब की कुल आबादी का सिर्फ 20% है। पंजाब की बाकी 80% आबादी कैसे जमीन की मालकी का अधिकार प्राप्त करने से वंचित रह गई? । आपका आभारी रहूंगा। 🙏
ये दोनो दलित विमर्श या मार्क्सवादी इतिहास कार है इसीलिए इनका सारा विश्लेषण इस तरह का होता है। इनकी बताईं गयी बाते सच्चाई से ज्यादा एक खास दृष्टिकोण को प्रेरित करने के लिए ज्यादा है । जो कि बिना सेंसर मीडिया youtube का फायदा उठा रहे है और लोगो की अज्ञानता का ।
Dalit hone ka aap kya yah matlab nikaal rahe hain ki inka vishleshanrn ek tarfa hai, biased hai, mujhe to aisa nahin lagaa. Manusmriti ko pardh ke dekh lo, Brahamsootr, Puraanrn, aadi grantho ko pardh ke dekh lo, bahut bahut discriminatory aur heen baatein likhi hain Anaaryau logon ke baare mein. 'Anaaryau Adham' jaese shabd likhe hain, kya vaesa bhedbhaav aap sahi samjhate ho??? Anaaryau logon ko hee 'Shoodron' mein rakhaa Aaryau logon ne. Bhedbhaav kiya, spasht dikhta hai shaastron mein. Aap usse bhee to analyse karo. Maana Mughals ne Muslims ne daman kiya logon ka convert kiya talvaar kee dhaar par, lekin Muslims ko Hindu Dharam Shaastron mein milaavat kar paana itna aasaan nahin tha. Kehne ka matlab, jab Manusmriti rachi gayi aaj se 1300 varshon ke dauraan, jab punnah praacheen Vaedik Dharam ko Poaraanrnik Dharam ke roop mein sthaapit karne ke prayaas huye aaj se 1300 varshon poorv ke yug mein (Buddhism ke decline ke baad) to shaastron mein biased, derogatory aur discriminatory baatein likh daaliin gayiin. Varnrnvyauvastha ko rigid kar diya gayaa. Vaedik Kaal mein jaateeyaan thiin, jaatiparak bhedbhaav nahin tha. Poaraanrnik Kaal mein vah rigid huaa jo aaj hum dekhte hain samaaj ke ander mein.
Mukesh sir daily ek vdo hum logo ke liye laya kare. Brahmani media dekhna band kiya pa abhi utube me bhi inhi brahmano bharmar hai. Ap aur puniyani sir ko sunte hai to kuch gyan zaroor milta hai jo purna rup se sach hai.dhanyabad
ये राम पुमनियानी एक घोषित वामपंथी है। जो धर्म को नहीं मानता। लेकिन बात जाती और धर्म पे करना है। इसिको पाखंड बोलते है। वैसे भी इन वामपंथियों की पोल अब खुल चुकी
Thum kone ho ? Maanuwadi ya Chamar ? Maanuwadi khud ko ooncha samajthay hain . Ore bollthay hain : Garv say bollo :Meh Hindus hain . Brahmin baap appni beti Chamar kay beta ko kabhi nrhi dhayga . Besharam bolltha hai , ham Hindu hain .
सबसे पहले महाप्रतापी राजा जिसपर महापुराण चवर पुराण है जो 18 पुराणों में एक ही मानव समाज के प्रतापी राजा थे तभी तो चवर पुराण लिखा गया, इतने बड़े प्रतापी राजा जरूर श्रेष्ठ जाति के होंगे , तो इतने प्रतापी राजा चमार कैसे हो सकते हैं। उस चंवर राजा के राज में ब्राह्मण सर्वश्रेष्ठ जाति ही नहीं सकते। इस वर्णव्यवस्था पर कोई सोचने वाला कोई नहीं है अभी।
दलित समाज के लोग शिक्षित होकर आरक्षण का लाभ लेकर सरकारी नौकरियों में ऊंचे पदों पर बैठने के बाद अपने आप को ऊंची जाति का बताने लगते है l इनकी संताने अपने नाम के साथ दुबे, तिवारी, पाण्डेय, खरे , राय , सक्सेना लगाते हैं l
Koi nahi bata deta hai sanjha ne aur surname pe kisa copyright naho hote vaise to dalit sikh bhi sing lagte hai to kya tumhare jahil logic se vo log bhi upper caste banna ki koshish karte hai afican log English name rakhte hai apne to kya unko gora banna hai logic kaha lagte ho tumlog aur dusro baat vo reservation ki faihde unko ki milega na muslim ko separate country di gai usi logic se sc st reservation hai desh mai seedha baat separate electorate chodke unko reservation hai kyu na le vo
Thanks Mukesh ji and Puniani ji for delivering good questions and good answers over harmful division of indian humans by harmful selfice divisive forces. No outer is responsible for the merciful state of India. If it was invaded and plundered, it was due to the bewqoofi of learned classes of India who propagated themselves above the others. Truly, brahmins are by and large responsible for it. Still, they are carrying out self goals. They therefore responsible for bigotry and fanaticism, to which you can call hindutatva. And it is envy of liberty and the liberal. That is why, Punjab is pinching needle for them and thus they keep it boiling. Even, demarcated it suitably. Eg, no punjabi can by land in Himachal which was its part. Entry in it also entails fee. Yes, Dr. Ambedkar seems to me more intelligent than MDKC Gandhi in view of India should be progressive. We can see it through Hindu Code Bill HCB. Otherwise, where were the Indian women and Dalits, RBI, Bhakhrha Nangal dam, industry. Hats off to Dr. Ambedkar Sahib. He is truly the India framer and producer. We as true india will always owe him. Very wise indian in the world. He is akin to slap on Vern & caste producers and propagators. Lot of thanks 🙏 of both of you. You are really sepoy of social army which is indispensable and acutely desired & required.
प्रो पुनिया क्या कह रहे है, गौतम बुद्ध ने जाति का विरोध किया था? क्या बुद्ध के समय हिंदू धर्म और उसकी जाति व्यवस्था होने का सबूत मिला है। अप्रतेक्ष प्रो पुनिया तो हिंदू धर्म और जाति वेवस्था बुद्ध से पहिले होने का दावा कर रहे है
I agree with sir puniyani ji's opinion on caste system and how with the advent of britishers along with their modern institutions, caste system suffered a major setback in the subcontinent. With the establishment of modern institutions, industries, plantations and english based education, they introduced the class system of stratification making caste system insignificant in urban areas. The places where forces of modernisation failed to influence the society, especially in the backward regions such as villages and smaller towns, caste system wasn't replaced by the class sytem of stratification and remained in continuance. The reason why Ambedkar was in support of modernisation and rapid industrialization of indian society and considered villages as hotbeds or epicenter of caste system. The popular right wing agenda of blaming britishers for the introduction of caste system and caste based discriminations come from their vague explanation of european based feudalism which also functioned as a hierarchy of different groups associated with land and surplus generation and extraction. But, a type of feudalism or samanthwaad giving rise to consolidation of caste system emerged first under the Brahmin rulers of Gupta dynasty. Such diversification in caste system was witnessed a long time ago even before the advent of Islam into this subcontinent. Asiatic mode of production was one of the major components for the maintenance of this rigidity in the caste system although considered a controversial aspect by many prominent historians till date.
प्रोफेसर साहब आप कह रहे हो वर्ण व्यवस्था बुद्ध के समय था तो इसका अर्थ हुआ मनु स्मृति या वेद बुद्ध के पहले रहा होगा?? जो की सत प्रतिशत लगत लग रहा है। क्योंकि आज से हजार, 12 सौ साल के आस पास देव नागरीय लिपि में ऋ क्ष त्र वर्ण ही नही थे??
Sirs, caste system is the basis of hindu identity and social stability. Has any hindu in india or elsewhere has erased their caste surname with exceptions like Mr Mukesh , Mr Ashutosh and some others. Even some converted muslims and pakistani/ bangladeshis carry their caste names.
ब्राम्हण्यवाद अलग है और हिंदुधर्म अलग है. हिंदुस्थान यह भौगोलिक स्थान दर्शक शब्द है. सिंधू नदीके आसपास रहणें वाले लोगोंकौ हिंदु खहा गया. भारत का हर आदमी हिंदुस्थानी है, इंडियन है, भारतीय है. ब्राम्हण्यवाद ने अपणे स्वार्थ के लिए ब्राम्हण्यवाद को हिंदुधर्म बना दिया. हम सब, अपणे अपणें संप्रदायोंको धर्म समझ रहे है. यही सबसे बडी समस्या है.
जाति व्यवस्था को पोपुलेशन जैनेटिक्स के आधार पर ज़्यादा तार्किकता से समझा जा सकता है। मनुस्मृति या अन्य सिद्धांत कोई वैज्ञानिक धारणा प्रस्तुत नहीं करते। हम तो जैनेटिक आधार को ही तरजीह देंगे।
@@RahulSharma-wt1vy MATLAB bhosdike likh to diya ab baar baar kya bolu tujhko corona mai sab Hindu ek dusre Hindu ko loot rahe the aur pvt hospital ne room block kar diye Jo paisa dega WO zinda rahega health insurance rakhe reh gaye koi claim nahi mila Jo log rent par reh rahe the unko house owner ne nikal diya aur unka samaan rakh liya kiraye ke badle to last mai insaan desh chodkar Hindu ekta chodkar aapni jaati ke support karunga chahe mujhko iske liye dusri caste ke logo ki hatya karni pade
पहली बात फुले, अंबेडकर, पेरियार की किताबो मैं 1860 से पहले का कही कोई प्रमाण नहीं है शोषण, छुआछूत का। दूसरी बात अंबेडकर, पेरियार, शाहू ने बहिष्कृत महासभा बनाई थी शुद्र महासभा या दलित महासभा नही बनाई थी
Accha to phir Kabir das ravidas ki doge mai jati kaise a jati hai batna zara gurur nanak ki bhi jati thi kis duniya mai ho tum aur suno dalit ko untohnbles bolte hai kuch dimag laga liya karo saboot nahi aa jata hai saboot kya realty hai monarch system tha pehle to phir usme to gareeb class ki shoshan hina bilkul sahi baat thi kyoki Raja mahraj raaj ka chahte tha sako common sense laga liya karo
हिंदू केवल एक जन्म को नही मानता ,पूर्वकृत कर्मों के अनुसार सत्व, रज और तम के तारतम्य से इस जन्म में सत्व प्रधान शरीर ब्राह्मण , सत्व कम और रज ज्यादा होने से क्षत्रिय , रज और तम से वैश्य और तम प्रधान होने से अंत्यज (शुद्र) , इसमें कोई भेदभाव नहीं है , पूर्व जन्म के अनुसार जो स्वाभाविक गुण हुए है जन्म से वही जाति हैं (जाति शब्द मतलब ही जन्म होता है)! मनु जी सबके पूर्वज है,इसलिए इसके लिए मनु स्मृति प्रमाण हैं !
हिंदू धर्म कब बना?? हिन्दू शब्द किस भाषा का शब्द है किस ने कहां हिंदू ?? पंडित दयानन्द सरस्वती, पंडित बाल गंगा धर्म तिलक आदि बरहमनों में अपने आप को हिंदू कहने से इंकार क्यों किया??
निर्भीक एवं निष्पक्ष विवेचना की है। इतिहास विश्लेषण भी तर्कसंगत प्रतीत होती है। बड़ी ज़रूरत थी इस वर्ण एवं जाति विश्लेषण तथा व्याख्या के इतिहास वर्णन की। मानसिक शोध का कच्चा माल दे दिया धन्यवाद।
जाति व्यवस्था भारत के मूल निवासियों को आर्यों द्वारा गुलाम बनाए जाने के बाद समाज पर एक क्षत्र राज करने के लिए बनाई गई मनु द्वारा।यही सत्य है।
अंगेजो के समय कितनी जाती थी और अब कितनी है। ये ही contradict है। बाबा साहेब, जगजीवन राम की बेटी। रामविलास पासवान आदि जाती प्रथा का विरोध करते करते शादी ब्राह्मण से की
अच्छा विश्लेषण, वापस जातीय व्यवस्था को रोक लगानी चाहीए |
🙏Ram Puniyani sir, and the Satya channel anchor we salute your programe, because of uprooting the social activities which was hidden and untold about the social practices of the communities. Thank you 🙏carry on🙏.
अशोक सम्राट के समय तक जाति का विवरण नहीं है ।12वी सदी तक एक ही स्थान पर जैन बौद्ध शिव राम कृष्ण सभी की मुर्तिया पायी गयी हैं
अच्छा बारहवी सदी कि शिव राम कृष्ण कि कौन सी मूर्ति मिली है ज़रा शेयर करो हम भी देख |
@@ramkumar-qm5el pasupatinath ki murtii
@@Mk-el8cd अच्छा इसका मतलब है कि तुम्हरे देवी देवता पिछले 1000 सालो में पैदा लिए है अगर इस मूर्ति कि भी जाँच हो जाए या इस मंदिर कि भी खुदाई हो जाए तो बुद्द ही निकलेगे | वैसे तुम्हारे ब्राह्मण समाज में मूर्तिकला कब और कौन सी थी
@@ramkumar-qm5el kuch bhi
@@ramkumar-qm5el पशुपतिनाथ की मूर्ति 4700 वर्ष पुरानी है। जो कि सिन्धु घाटी सभ्यता स्थल से पायी गयी थी।
बहुत सुंदर चर्चा।
सच का सामना प्रोग्राम मुझे कभी पसंद नहीं आया क्योंकि मेरे ख्याल से वह एकतरफा होता था लेकिन यह प्रोग्राम इतना अच्छा लगा कि कई बार सुना। पुनयानी साहब के कुछ शब्द तो हीरे मोतियों जैसे बेशकीमती हैं। उत्कृष्ट।
जातिवाद इस देश की सबसे बड़ी समस्या है, जाति जन्म से होती है, करम से नहीं, जो बोलता है जाति करम से होती है है वो दुनिया का सबसे बड़ा झूठा है
Very interesting and enlightening discussion. 👏👏 thanks
अंतर्जातीय विवाह वरीयता सरकार देना शुरू करे तो जातीय व्यवस्था को खत्म करने का सफल प्रयास होगा।
अंतर जातीय विवाह से विवाह में संबंध विच्छेद, घरेलू झगड़ा बढ़ जायेगा,
@@deepakkumr to phir ek din ghatiya dharm khatam ho jayega.
@@prathameshwankhade8988 विश्व में सभी लोग अपने जान पहचान गुट ट्राइब के लोगो में ही विवाह करते है , सबको अपनी पुत्री की चिंता होती है ,नहीं तो फ्रिज या सूटकेस में बंद मिलेगी पुत्री
Sabse pahle apne bahan ki saddi dusre jati me karo
@@sushilsen4078 क्यों ? एक जाती में विवाह करने से उस परिवार के बारे में पता चतला है , दूसरे गाँव में अपनी जाती में विवाह करने से पूरे परिवार और पुत्री के बारे में समाचार मिलता रहता है , नहीं तो पुत्री फ्रिज सूटकेस में मिलती है , हमें कुछ बदलने की जरूरत नहीं है , हमारी व्यवस्था दस हज़ार बर्षो से चलती आ रही है , आक्रांताओ के आने के बाद साद गड़बड़ शुरू हुआ ,
क्षत्रिय मतलब राजाओं के पीछे छतरी लेकर चलने वाले।
100 % absolute honest factual truthful right analysis by Dr.Ram Puniyani ji......beautiful factual truthful discourse 👌💐❤️
सर, जब वर्ण व्यवस्था के अनुसर शूद्र पैरों से पैदा हुआ तब ही तो नीव पड़ गई थी जाति व्यवस्था की। क्योंकि छोटा और मैला ढोने का काम को निचला पायदान मिला, वर्ण तो केवल शब्द मात्र रह जाता है...
शुद्र यानी आछुत नही शुद्र यानी आजके ओबीसी यानी जिनका जनेऊ संस्कार नही होता है वह शुद्र अछूत और अदिवासी तो वर्ण बाह्य है यानी अतिशुद्र
तुमको अभी और समझना है दोस्त, बात यहां ख़त्म नहीं होती है। मेरे अनुसर हिंदू धर्म उठाईगीरी का धर्म है तभी वह कोई नाम नहीं दे पाते हैं, सोचना@@sanilmore4715
प्रिय आदरणीय सर आपका निर्भीकता निष्पक्षता,सत्यता ही आपको महान बनाता है।
रामपुरिया जी आप बहुत ज्ञानी है मुस्लिम समुदाय के बारे मैं बताए 😢😢😢😢😢😢😢 डर लगता है 😢😢😢फटू रामजी 😢😢
I use to love major gaurav arya but he's basterd I'm came to this basterd same thing muslim are bad but major gaurav arya doing very bad and he's making Sikhs away from hindus3
फट के फ्लावर हो जाती है
छोड दो यार अतीत को आज दुनिया और देश का वर्तमान इन्सान बनकर इन्सानियत के बागोसे भरा पडा है.
क्यो खोद रहे हो कबर अतीत कि उसमे मुडदा मरा पडा है और यहा चांद तरो को छुनेवाला इन्सान खडा है. 🇮🇳🙏
Hum bhi chodna chahte hai lekin maa bahene surakshit nahi hai aur shiksha ka aadhikaar maangna agar dwaesh hai to batao haq maangna swabhimaan se jeena mehnat ka paisa milna chaiye to dikkat kya hai
Usi same logic se ye baat unko bhi samjh Leni chahiye ki koi chand chabdev nahi hai ek gola hai koi insan nahi jo ki kuch fictional story mai moon ko ek insan jaise dekhaya geye un kathvachak bhi ko gyan de dia karo ham to jahte hai uper universe mai na koi chandr dev na koi Surya Dev na unko koi bandar kha sakte hai samjha it a knowledge unko bhi hai jo chand pe nahi gey aur jo jakar abhi geye phir bhi andbhakt ho hai
Totally agree with you
क्या आज जाति व्यवस्था कहा हो गईं जातियों में उच्च निम्न की भावना खत्म हो गई है?
माननीय पंचम वर्ण झूठ है जबकि वर्ण व्यवस्था में केवल चार वर्णों हीं है जिसे आज भी ब्राह्मण मानता है आप पांचवां वर्ण बताकर एक अंतर विरोध पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं
बहुत अच्छा काम हो रहा है सत्य हिंदी द्वारा
बहुत बहुत आभार 🙏
Sir, you have only Rampuniyani as your history expert.great.Leftist nobel prize to Rampuniyani a medoco
केवल भारत में नहीं, दुनियाभर में। चर्च कालों और गोरों के, मस्जिद शिया और सुन्नी के, गुरुद्वारे दलितों के, और इजराइल के यहूदी यूरोप और अफ्रीका के अलहदा हैं।
Bhaisaheb, vahaa sab bedbhaav me 2 ya 3 category ke hai..India me minimum 10,000 jaatiya hai
Guru Govind Singh ji was the main person who tried to abolish the caste system. He chose 5 brave persons from different castes l, called 5 pyraras, made amrit, and asked them to drink from the same jug. He gave lots of respect to people from lower castes. He has a number of soldiers from lower castes.
Aaj ye bhee jativad se garasat ho gye hai,kyoki Sindhu border ki ghatna yad hogi,kitab ke hath lagane matar se hi uski jan le Lee jaty hai,ab khulkar jativad dekhne ko milta hai,
बहुत अजीब बात है कि अच्छे खासे अमीर पढ़े-लिखे S C / ST रिजर्वेशन छोड़ नही रहे हैं जबकि बहुत गरीब SC ST को रिजवेशन का लाभ उठाने नही दे रहे ये देखकर बहुत दुःख होता है कॉन्वेट एजूकेटेड लोग रिजर्वेशन ले रहे है खुद के समाज के गरीबो को भी लाभ नही लेने देते।
पावर मिलने पर सभी खुद लाभ पाना चाहते है।
दूसरो को दोष देने से पहले खुद को देखना चाहिए |
@pakhi_pihu10 that's true'
@@shardasaar-motivation1045I am not agree with you, aapne jo kaha ki amir sc st garib ko rok rahe hai bilkul bebuniyadi hai
इतना प्यार अभी क्यो umad रहा है क्यो की sc st के पाढे लिखे आपके जिजू बन रहे हैं इतना दर्द जब achut banaya tabhi सुदामा कोटा lete समय kahaa मर गया ?
Useful informations
Thank you
यदि हम श्रीराम और श्रीकृष्ण के अस्तित्व को मानते हैं तो आर्य बाहर से आए यह उचित नहीं होगा। सनातन में वर्ण व्यवस्था थीं जी मद्य काल में जाति व्यवस्था में परिवर्तित कर गया जो बहुत बड़ा षड्यंत्र था।
Tu apne pariwar ke ladkiyo ki intercaste marriage karwaado Maan jaunga.
Warna ye PAKHAND band karo.
Waise bhi pakhandi dharm me bas 10% log rahenge future me.
Baki Mera dharm insaniyat hain.
लगता है आपने सच्ची रामायण पर 1976 में आए सुप्रीम कोट के आदेश को नही जाना है।।
रामायण महाभारत महाकाव्य है न की इतिहास
Very nice explanation, Sir
पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती गुरू घंटाल है। 😢
संस्कृत भाषा का इतिहास भी अभी तक नहीं समझा जा सका है॥ संस्कृत पाली प्राकृत का refined form है, पाणिनि बोध भिक्षु थे, मतलब संस्कृत कोई पौराणिक भाषा नहीं है॥ देवनागरी लिपि में लिखि जाती है। मगर दुष्प्रचार किया जाता है संस्कृत पुरानी है ।॥
😮
संस्कृत भाषा पारसी धर्म की झुनदी भाषा की नकल है हिन्दू धर्म नहीं ऐक
पंथ है हिन्दू धर्म रिलीजन है,,
Ji बिलकुल पाली प्राकृत भाषा को ही संस्कारित करके संस्कृत भाषा का उदय हुआ
Prof Punyani is false intellectual. He should first read them start teaching.
Very important information. Jati ki utpatti ka Karn chahey koi bhi ho, bt yeh sachchai hai ki Bharat ki yeh bahut hi jatil aur purani smasiya hai jb tk iska sampooran hl nhi kia gayia tb tk desh ka biksit hona mushkil sa lagta hai. Iss smasiya ko national debate priority pr rakhkr sthai hl nikalna chahiye desh ki khush Hali k liye.
जाति वर्ण व्यवस्था बौद्ध के जन्म से पहले से प्रचलित है शाक्य मुनि शुद्धोधन क्षत्रिय वर्ण के थे फिर मौर्य कोइरी सेनी शाक्य कुशवाहा और भी अन्य जातियां और चारों वर्ण बौद्ध ग्रंथ महावंश लिखा है इससे पता चलता है आर्य भी भारत के मूलनिवासी है या फिर तुम आर्यो पर जाति वर्ण व्यवस्था जबरदस्ती थोप रहे हो
बिल्कुल सही विश्लेषण किया गया है 🇮🇳🤗❤❤❤
बहुत सार्थक चर्चा। 🙏
मनु से पहले जैनों ने यह कहा-- जन्मना जाति नहीं होती, कर्मणा होती हैं। इतिहास पर फिर सोचिए।
"माननीय प्रोफेसर मुकेश कुमार जी, माननीय प्रोफेसर राम पुनयानी जी जय बाबा साहब" आपने जाति के बारे में विस्तार से समझाया इसके लिए आपका बेहद शुक्रिया अदा करता हूं, ब्राह्मण या सवर्ण को पीढ़ी दर पीढ़ी हराम का खाने की आदत पड़ी हुई है इसलिए ये जाति को कभी भी खत्म नहीं होने देंगे, बहुजन समाज को खुद जाति खत्म करनी होगी ।
"जय भीम -जय संविधान-जय विज्ञान"
200 m s 180 number laakar bhi select n ho pana.
Aur doosra 120 p hi select ho kar naukri pa leta h.
Haram ko kaun kha rha soche bhai saab.
@@saurabhtyagi8213 मेहनत और योग्यता से लिए गए 120 अंक भी काफी होते हैं,नकल, सिफारिश,जाति की गुंडागर्दी से बनाई गई 180 अंक वाली नकली मैरिट भी कुछ नहीं होती,EWS सुदामा आरक्षण वाले मैरिटधारी तुम्हारी मैरिट SC, ST, OBC से भी नीचे रहती है, 2000 सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी जाति का 100 फीसदी आरक्षण खाने वाले भाई साहब अपने गिरेबान में झांक कर देख लें ताकि हकीकत का पता लग जाए ।
@@Pakhshiva बहुजन का मतलब है जो संख्या में ज्यादा हो उसे बहुजन कहते हैं,तुम ऐसे वर्ग से हो, ये वर्ग जिस थाली में खाता है उसी में छेद करता है, बाबा साहब, संविधान का दिया सबकुछ खाता है लेकिन गुलामी ब्राह्मण हरामखोरों की करता है इसलिए तुम दो मुहें सांप हो ।
अंग्रेजों के पहले कितना जातियां था भारत में?
@@UdaySingh-nf7tu अंग्रेजों से पहले सभी जातियां थीं भारत में अपने कुकर्मों का ठीकरा अंग्रेजों के सिर फोड़कर सच्चाई को छूपाने की नाकाम कोशिश न करें ।
सुन्दर विश्लेषण।
यह विडियो बोहत अच्छा है।
जाति व्यवस्था कभी मिट नही सकती है.आज जाति आधारित आरक्षण मिल रहा है.जाति के आधार पर संगठन बने हुए हैं.सवर्ण की बात छोङिये यदि कोई शूद्र या पिछङे जाति का लङका पिछङी जाति या शूद्र की लङकी से जो उसकी जाति का नही है शादी नही होने देते हैं.हरियाणा में तो गोत्र के बाहर शादी करने पर सजा मिलती है.जाति आधारित मानसिकता सिर्फ सामान्य लोंगों मे नही है बल्कि ऊंचे पद पर बैठे अधिकारियों और राजनेताओ में भी है जाति के आधार पर पारोटियां बनी हुई हैं और यदि वह पार्टी सत्ता में आती है तो सबसे ज्यादा फायदा उन्ही जातियों को मिलता है.जो पार्टी जाति आधारित नही है वह जाति और धर्म का कार्ड खेलती है.सभी जातियों को पता है कि हमारी पार्टी कौन है?लेकिन कुछ जातियां बिना पार्टियों के हैं और ये जातियां फ्लोटिंग में रहती हैं और जो पार्टी थोङा लालच दे देती है वो उधर चली जाती हैं.हमारी जाती की कोई पारोटी नही है और इसलिए हमारी जाति सबको वोट देती है.एक ही जाति के गांव में सभी पार्टियों के वोटर हैं.
Ha Bhai dalit bhi jatise bahar shadi nahi karte.
Very helpful information. I teach intercultural communication in Canada and sometimes some students from other countries ask me about caste system. I agree with Baba saheb that caste system is so seeped in our DNA that it can not be eliminated. All the social reformers tried and failed.
Caste system is not going because low castes people don't want to let it go because of reservations . Different dalits also discriminate each other, Karmali don't like Chamar ,Chamar don't like Dom etc . Industrialization and real education can definitely eradicate it . Hate only begets hate .
Exactly 💯 they won't let it go because they want reservation@@NemdhariMahto-rw3xi
It was slowly slowly disappearing from the surface but since 1990 s the rise of the right wing RSS Hindutwa political movement brings it back track, because of its suits their brahmanical agendas. But social resistance should continue….against this ugly criminal anti human brahmanical caste system.
Caste system can only be eliminated by promoting intercaste marriage.
yes its just like class system and loyalty to the British Crown in Canada and discriminating against Indigenous Brown and yellow people..Hope you learnt about that too inc Canada teacher...hopefully you didnt need any funding to learn that?
Why doesn't your host mention the name of swami Dayanand saraswati,a brahmin ,who brought forward the misinterpretation of caste system in Hinduism n who preached 'Back to Vedas '
अन्य धर्मों में जाति व्यवस्था केवल भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचलित है । उल्लेखनीय है कि अरब मुल्कों में ऐसा दिखाई नहीं देता ।
अफ्रीकी मुल्कों के ईसाइयों में भी जाति व्यवस्था नहीं पाई जाती है ।
@@tekuvaswani4859 yaman me jati vyvasta paai jati hay
Yaman me bhi jati vyvsta hay.
नमस्कार आदरणीय
कृपया इस बात का इतिहास बताने की कोशिश करीयगा कि पंजाब में जमीन की मालकी सिर्फ एक जाती के पास कैसे आई, जिस जाती की आबादी पंजाब की कुल आबादी का सिर्फ 20% है। पंजाब की बाकी 80% आबादी कैसे जमीन की मालकी का अधिकार प्राप्त करने से वंचित रह गई? ।
आपका आभारी रहूंगा। 🙏
Informative discussion
No any dharm is hindu but way of life...
Very educative👍 thank you Mukesh Kumar Sir 🙏
ये दोनो दलित विमर्श या मार्क्सवादी इतिहास कार है इसीलिए इनका सारा विश्लेषण इस तरह का होता है। इनकी बताईं गयी बाते सच्चाई से ज्यादा एक खास दृष्टिकोण को प्रेरित करने के लिए ज्यादा है । जो कि बिना सेंसर मीडिया youtube का फायदा उठा रहे है और लोगो की अज्ञानता का ।
Dalit hone ka aap kya yah matlab nikaal rahe hain ki inka vishleshanrn ek tarfa hai, biased hai, mujhe to aisa nahin lagaa. Manusmriti ko pardh ke dekh lo, Brahamsootr, Puraanrn, aadi grantho ko pardh ke dekh lo, bahut bahut discriminatory aur heen baatein likhi hain Anaaryau logon ke baare mein. 'Anaaryau Adham' jaese shabd likhe hain, kya vaesa bhedbhaav aap sahi samjhate ho??? Anaaryau logon ko hee 'Shoodron' mein rakhaa Aaryau logon ne. Bhedbhaav kiya, spasht dikhta hai shaastron mein. Aap usse bhee to analyse karo. Maana Mughals ne Muslims ne daman kiya logon ka convert kiya talvaar kee dhaar par, lekin Muslims ko Hindu Dharam Shaastron mein milaavat kar paana itna aasaan nahin tha. Kehne ka matlab, jab Manusmriti rachi gayi aaj se 1300 varshon ke dauraan, jab punnah praacheen Vaedik Dharam ko Poaraanrnik Dharam ke roop mein sthaapit karne ke prayaas huye aaj se 1300 varshon poorv ke yug mein (Buddhism ke decline ke baad) to shaastron mein biased, derogatory aur discriminatory baatein likh daaliin gayiin. Varnrnvyauvastha ko rigid kar diya gayaa. Vaedik Kaal mein jaateeyaan thiin, jaatiparak bhedbhaav nahin tha. Poaraanrnik Kaal mein vah rigid huaa jo aaj hum dekhte hain samaaj ke ander mein.
सर जी ज्ञान मत दो वैदिक काल पढ़ो सब कुछ समझ में आ जाएगा की ये जाति, छुआ छूत आदि भेदभाव कहा से शुरू हुआ। ठीक है।
आपके अनुसार वेद पुराण स्मृतिया कब लिखी गईं हैं??
@@PradeepKumar-qe5byजरा बताएं वेद कब लिखे गए कब था वैदिक युग?? आपके ज्ञान के अनुसार??
फिर आपके ज्ञान से रूबरू होंगे हम भी।
Apke anusaar मनुस्मृति sahi hai
Mukesh sir daily ek vdo hum logo ke liye laya kare.
Brahmani media dekhna band kiya pa abhi utube me bhi inhi brahmano bharmar hai.
Ap aur puniyani sir ko sunte hai to kuch gyan zaroor milta hai jo purna rup se sach hai.dhanyabad
Excellent expose'!
प्रोफेसर पुण्यानी सर की संस्कृत की शिक्षा कहां तक हुई है !
Very good video. We should tell the truth and correct all our past mistakes. Similarly, please make a video on gender inequalities of other religions.
ये राम पुमनियानी एक घोषित वामपंथी है।
जो धर्म को नहीं मानता।
लेकिन बात जाती और धर्म पे करना है।
इसिको पाखंड बोलते है।
वैसे भी इन वामपंथियों की पोल अब खुल चुकी
Thum kone ho ?
Maanuwadi ya Chamar ?
Maanuwadi khud ko ooncha samajthay hain . Ore bollthay hain : Garv say bollo :Meh Hindus hain .
Brahmin baap appni beti Chamar kay beta ko kabhi nrhi dhayga . Besharam bolltha hai , ham Hindu hain .
Murkho ka ye hi jabab sunne ko milta hai,
Dono pagal ho jati jab koi praman nahi to karam se mana jayega
सबसे पहले महाप्रतापी राजा जिसपर महापुराण चवर पुराण है जो 18 पुराणों में एक ही मानव समाज के प्रतापी राजा थे तभी तो चवर पुराण लिखा गया, इतने बड़े प्रतापी राजा जरूर श्रेष्ठ जाति के होंगे , तो इतने प्रतापी राजा चमार कैसे हो सकते हैं। उस चंवर राजा के राज में ब्राह्मण सर्वश्रेष्ठ जाति ही नहीं सकते। इस वर्णव्यवस्था पर कोई सोचने वाला कोई नहीं है अभी।
आबेडक शाबने ही बनाई जातीं प्रथा इसे पहले कीशीको नहीं पता था
तुलसी की रामचरित मानस पढ़ लो
एक बार
क्यों मूर्खता वाली बात कर दिए
तुलसी ने किनको नीच अधम कहा है??
Very informative discussion
Waise ye so called historian islam ka bdai krte chalta h 😂😂😂
Khatarnaak aadmi h Islam atankwaad ko v ye justify kar deta h buddha😂
Nahi usne sabko bola hai
@@RahulSharma-wt1vyvaise hi jaise tum hindu dhram ki log apne justified kar deta ho angrej bhi milvat ki rona roke ki hindus to doodh ki dhule hai
आज़ भी, नौकरी में चार जातियां हैं जैसे कि 1/2/3/4 क्लास
Wo class hai agar forth grade mai koi rajput ladki hai to hum chod denge
Tobgjstiya dharm mit ke hi rahega beta.
Job badal sakte ho jaati nahi.
अछूत, यह शब्द और यह व्यवस्था बुध्द के समय नहीं थी. यह बुध्द धम्म के बाद उपयुक्त शब्द है.
Prof ram puniyani ji ko ❤dill se salute .ish perkar k biyakhan debate honey chaye
👉 👉 Best Analysis ❤👍🙏🙏
दलित समाज के लोग शिक्षित होकर आरक्षण का लाभ लेकर सरकारी नौकरियों में ऊंचे पदों पर बैठने के बाद अपने आप को ऊंची जाति का बताने लगते है l इनकी संताने अपने नाम के साथ दुबे, तिवारी, पाण्डेय, खरे , राय , सक्सेना लगाते हैं l
Koi nahi bata deta hai sanjha ne aur surname pe kisa copyright naho hote vaise to dalit sikh bhi sing lagte hai to kya tumhare jahil logic se vo log bhi upper caste banna ki koshish karte hai afican log English name rakhte hai apne to kya unko gora banna hai logic kaha lagte ho tumlog aur dusro baat vo reservation ki faihde unko ki milega na muslim ko separate country di gai usi logic se sc st reservation hai desh mai seedha baat separate electorate chodke unko reservation hai kyu na le vo
@@Patr600aur sun ghatiya dharm ke ghatiya log muradabad
Baki OBC SC ST MINORITIES ZINDABAAD
Manuwad murdabad 😈
@@A.H.Sheikh कहां किस जिले में कोई नौकरी पाने के बाद डूबे तिवारी आदि बन गया??
Thanks
In ancient times a clever and opertunists section of people imposed the cast system in bharat. Thanks.
Very informative discussion.
हिना याना बौद्धिजम को मानने वाले को ही अछुत कहलाएं
ये पुण्यांनी बंदा पहेले मिनट मे ही गलती कर बैठा... Aryan Invasion Theory सिरेसे खारीज हो चुकी है... ये वीडियो इन दोनोके prejudices उजागर कर देता है...
सनातन धर्म कि जय
सनातन धर्म क्या होता है?? उसकी कोई किताब बताएं जिसमे आपके धर्म को सनातन धर्म कहा गया है ??
हां धम्म पद में आया है एस धम्मो सनतनो
जो बौद्ध की किताब है
मुकेश जी,शायद एक विषय पर पुन्यानी जी से टिप्पणी लेनी थी,जो सुप्रीम कोर्ट ने जातियों में वर्गीकरण का निर्णय दिया,उस पर उनका क्या कहना है। धन्यवाद
बिना जाति के वर्ण की कल्पना नहीं की जा सकती।
Thanks Mukesh ji and Puniani ji for delivering good questions and good answers over harmful division of indian humans by harmful selfice divisive forces. No outer is responsible for the merciful state of India. If it was invaded and plundered, it was due to the bewqoofi of learned classes of India who propagated themselves above the others. Truly, brahmins are by and large responsible for it. Still, they are carrying out self goals. They therefore responsible for bigotry and fanaticism, to which you can call hindutatva. And it is envy of liberty and the liberal. That is why, Punjab is pinching needle for them and thus they keep it boiling. Even, demarcated it suitably. Eg, no punjabi can by land in Himachal which was its part. Entry in it also entails fee. Yes, Dr. Ambedkar seems to me more intelligent than MDKC Gandhi in view of India should be progressive. We can see it through Hindu Code Bill HCB. Otherwise, where were the Indian women and Dalits, RBI, Bhakhrha Nangal dam, industry. Hats off to Dr. Ambedkar Sahib. He is truly the India framer and producer. We as true india will always owe him. Very wise indian in the world. He is akin to slap on Vern & caste producers and propagators.
Lot of thanks 🙏 of both of you. You are really sepoy of social army which is indispensable and acutely desired & required.
Concept of vedic era has been discarded by modern historian long back. Please interview Prof Rajendra Prasad Singh.
Sabse jaroori mudda thanks sir
Aise hi videos late raho ❤❤
Please have English added in caption in addition to hindi
सबसे ज्यादा अछूत जाति मैला ढोने वाले भंगियों की जाति है इसका कब से शुरू हुआ भारत में। इसका इतिहास बताओ। अगर नहीं मालूम तो मै आपको बताता हूं।
तथ्यों के आलोक में डाक्टर अम्बेडकर शुद्र कौन थे अवलोकन और समिक्षा पढ़कर आओ फिर समझ आएगा?
प्रो पुनिया क्या कह रहे है, गौतम बुद्ध ने जाति का विरोध किया था? क्या बुद्ध के समय हिंदू धर्म और उसकी जाति व्यवस्था होने का सबूत मिला है।
अप्रतेक्ष प्रो पुनिया तो हिंदू धर्म और जाति वेवस्था बुद्ध से पहिले होने का दावा कर रहे है
I agree with sir puniyani ji's opinion on caste system and how with the advent of britishers along with their modern institutions, caste system suffered a major setback in the subcontinent. With the establishment of modern institutions, industries, plantations and english based education, they introduced the class system of stratification making caste system insignificant in urban areas. The places where forces of modernisation failed to influence the society, especially in the backward regions such as villages and smaller towns, caste system wasn't replaced by the class sytem of stratification and remained in continuance. The reason why Ambedkar was in support of modernisation and rapid industrialization of indian society and considered villages as hotbeds or epicenter of caste system.
The popular right wing agenda of blaming britishers for the introduction of caste system and caste based discriminations come from their vague explanation of european based feudalism which also functioned as a hierarchy of different groups associated with land and surplus generation and extraction.
But, a type of feudalism or samanthwaad giving rise to consolidation of caste system emerged first under the Brahmin rulers of Gupta dynasty.
Such diversification in caste system was witnessed a long time ago even before the advent of Islam into this subcontinent.
Asiatic mode of production was one of the major components for the maintenance of this rigidity in the caste system although considered a controversial aspect by many prominent historians till date.
It's the same as serfdom in Poland. Same problems.
प्रोफेसर साहब आप कह रहे हो वर्ण व्यवस्था बुद्ध के समय था तो इसका अर्थ हुआ मनु स्मृति या वेद बुद्ध के पहले रहा होगा??
जो की सत प्रतिशत लगत लग रहा है। क्योंकि आज से हजार, 12 सौ साल के आस पास देव नागरीय लिपि में
ऋ क्ष त्र वर्ण ही नही थे??
Sirs, caste system is the basis of hindu identity and social stability.
Has any hindu in india or elsewhere has erased their caste surname with exceptions like Mr Mukesh ,
Mr Ashutosh and some others.
Even some converted muslims
and pakistani/ bangladeshis carry
their caste names.
Only those muslims carry their caste name who converted from upper caste😂.
Majority are converted from low caste they don't do this things.
प्राचीन गढ़ किलों के बारे में भी एक व्याख्यान किया जाए
।
ब्राम्हण्यवाद अलग है और हिंदुधर्म अलग है. हिंदुस्थान यह भौगोलिक स्थान दर्शक शब्द है. सिंधू नदीके आसपास रहणें वाले लोगोंकौ हिंदु खहा गया. भारत का हर आदमी हिंदुस्थानी है, इंडियन है, भारतीय है. ब्राम्हण्यवाद ने अपणे स्वार्थ के लिए ब्राम्हण्यवाद को हिंदुधर्म बना दिया. हम सब, अपणे अपणें संप्रदायोंको धर्म समझ रहे है. यही सबसे बडी समस्या है.
राम पुनियानी जो बता रहे हैं, उस विवरण को कुछ और सरल तरीके से पेश करें तो हम समझ पाएंगे।
❤❤ ❤❤❤ good job sir
Very nice and beautiful
Recent studies of Ancient DNA have proved when it became too much. Also DNA differences of various castes
जाती व्यवस्था कितने साल चलती रही है तो इतने सालो में जाती व्यवस्था क्यूँ टिकी रही है ?
जाति व्यवस्था को पोपुलेशन जैनेटिक्स के आधार पर ज़्यादा तार्किकता से समझा जा सकता है। मनुस्मृति या अन्य सिद्धांत कोई वैज्ञानिक धारणा प्रस्तुत नहीं करते। हम तो जैनेटिक आधार को ही तरजीह देंगे।
तब अलग जातियों के अलग अलग गुरुद्वारे???
Haan to wo itne to samriddh ho gae ke apne gurudwara bna lein
HAPPY DIPAWLI 🙂🙏🌺💝
प्रो पुनियानी सर की इस विषय में कोई पुस्तक हो तो बताने की कृपा करें
वैदिक काल se जाती pratha आया hai
I like you sir and tem
Namo budhay sir
Please make video on burka and quran
😂 not possible agenda fail ho jayega
@@RahulSharma-wt1vyNahi bolte hai mai bolta hu islam hamesha kaum ka saath deta hai ye baat pata hai humko
BJP Ko Vote Diya Tha Bina Jaati Dekhe Sabka Saath Diya Kabhi Virodh Nahi Kiya
@@deepak-maan009 matlab
@@RahulSharma-wt1vy MATLAB bhosdike likh to diya ab baar baar kya bolu tujhko corona mai sab Hindu ek dusre Hindu ko loot rahe the aur pvt hospital ne room block kar diye Jo paisa dega WO zinda rahega health insurance rakhe reh gaye koi claim nahi mila Jo log rent par reh rahe the unko house owner ne nikal diya aur unka samaan rakh liya kiraye ke badle to last mai insaan desh chodkar Hindu ekta chodkar aapni jaati ke support karunga chahe mujhko iske liye dusri caste ke logo ki hatya karni pade
🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣बहुत हसी आती है मुझे जबभी कोई जाती और धर्म की बात करता है.
@@Akindiaindiya पर आज के देशके हालात बडे खराब है. अपने अहंकार की तुष्टीकरण के लीये लोगोंको जानवर के बुद्धिश्रेणीमें ढकेल रहे है. 🙏. अवधूत जोशी
Hansna bhi chaiye...Kyuki Bhagwan ek Chhawla hai aur log Allah aur Ram ke liye fight bhi krte ha...kya jahilpna h
Nice job
पहली बात फुले, अंबेडकर, पेरियार की किताबो मैं 1860 से पहले का कही कोई प्रमाण नहीं है शोषण, छुआछूत का। दूसरी बात अंबेडकर, पेरियार, शाहू ने बहिष्कृत महासभा बनाई थी शुद्र महासभा या दलित महासभा नही बनाई थी
Accha to phir Kabir das ravidas ki doge mai jati kaise a jati hai batna zara gurur nanak ki bhi jati thi kis duniya mai ho tum aur suno dalit ko untohnbles bolte hai kuch dimag laga liya karo saboot nahi aa jata hai saboot kya realty hai monarch system tha pehle to phir usme to gareeb class ki shoshan hina bilkul sahi baat thi kyoki Raja mahraj raaj ka chahte tha sako common sense laga liya karo
Dhayvad sir
हिंदू केवल एक जन्म को नही मानता ,पूर्वकृत कर्मों के अनुसार सत्व, रज और तम के तारतम्य से इस जन्म में सत्व प्रधान शरीर ब्राह्मण , सत्व कम और रज ज्यादा होने से क्षत्रिय , रज और तम से वैश्य और तम प्रधान होने से अंत्यज (शुद्र) , इसमें कोई भेदभाव नहीं है , पूर्व जन्म के अनुसार जो स्वाभाविक गुण हुए है जन्म से वही जाति हैं (जाति शब्द मतलब ही जन्म होता है)!
मनु जी सबके पूर्वज है,इसलिए इसके लिए मनु स्मृति प्रमाण हैं !
To matlab Teri maa bahen shudra hain.
Is true story important information
क्या हिंदू धर्म बौद्ध धर्म w जैन धर्म से पुराना है , ? क्या इसके पुरातात्विक सबूत मिलते हैं ???
हिन्दू जैन बौद्ध का इतिहास दर्शन 50हजार वर्ष से भी अधिक पुराना।क्रिश्चियन 2000व मुस्लिम 1400वर्ष पुराने ।
हिंदू धर्म कब बना??
हिन्दू शब्द किस भाषा का शब्द है किस ने कहां हिंदू ?? पंडित दयानन्द सरस्वती, पंडित बाल गंगा धर्म तिलक आदि बरहमनों में अपने आप को हिंदू कहने से इंकार क्यों किया??
Punia ji jati pratha sahi bykhya nahi kar rahe hai