संथाल परगना क्षेत्र में संथाली और कुड़मी लोग बाहरी दिकू लोग है जिन्हे अंग्रेजों ने 150 साल पहले बाहर से लाकर बसाया था। संथाल छोटा नागपुर पठार के जंगलों में रहते थे और उन पर निर्भर थे। 1832 में, अंग्रेजों ने वर्तमान झारखंड के दामिन-ए-कोह(संथाल परगना) क्षेत्र का सीमांकन किया और संथालों को इस क्षेत्र में बसने के लिए आमंत्रित किया। भूमि और आर्थिक सुविधाओं के वादों के कारण बड़ी संख्या में संथाल उड़ीसा, धालभूम, मानभूम, हजारीबाग, मिदनापुर आदि से बसने के लिए आए। जल्द ही, महाजन और जमींदार, अंग्रेजों द्वारा तैनात कर-संग्रह बिचौलियों के रूप में अर्थव्यवस्था पर हावी हो गए। कई संताल भ्रष्ट धन उधार प्रथाओं के शिकार हो गए। उन्हें अत्यधिक दरों पर पैसा उधार दिया गया था जब वे कभी चुका नहीं सकते थे तो उनकी जमीनों को जबरन ले लिया गया था, उन्हें बंधुआ मजदूरी के लिए मजबूर किया गया था। इससे संताल विद्रोह छिड़ गया।संथाल परगना के प्राचीन निवासी पहाड़िया जनजाति के लोगों ने अंग्रेजो के खिलाफ पहले ही विद्रोह कर दिया था। संथाल और टोटेमिक कुड़मी लोग छोटा नागपुर पठारी क्षेत्र के मूल निवासी हैं। संथाल परगना में जितने भी संथाल लोग और कुर्मी महतो लोग बसे हुए हैं वह लोग उस इलाके के मूल निवासी नहीं है बल्कि बाहर से आकर बसे हैं। इन लोगों को अंग्रेजों ने 1832 में भूमि सेटलमेंट सर्वे होने के बाद बसाया था। संताल परगना की जमीन की बंदोबस्ती के बाद अंग्रेजों ने पहाड़िया जनजाति के विद्रोह के कारण छोटा नागपुर के पठारी क्षेत्र से संथाल और कुर्मी महतो लोगों को संथाल परगना के क्षेत्र में ले जाकर बसाया था। पहाड़िया जनजाति के लोग और अंगिका भाषा और बांग्ला भाषा और खोरठा बोलने वाले लोग इस क्षेत्र के सबसे प्राचीन निवासी हैं। Note:- भौगोलिक रूप से संथाल परगना का क्षेत्र छोटा नागपुर पठार क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता है। यह छोटा नागपुर के पठार से अलग एक भिन्न प्रकार का भौगोलिक क्षेत्र हैं।
17 मई 1983 को राजमहल ओर पाकुड़ से अलग होकर साहिबगंज बना ओर बाद में पाकुड़ बना आप बोले कि पाकुड़ को अलग कर के साहिबगंज बना फिर 1994 में साहिबगंज से अलग होकर पाकुड़ बना इसमे डाउट है sir
Sir u r the best
Thanks sir 🙏🙏🙏🙏🙏
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संथाल परगना क्षेत्र में संथाली और कुड़मी लोग बाहरी दिकू लोग है जिन्हे अंग्रेजों ने 150 साल पहले बाहर से लाकर बसाया था।
संथाल छोटा नागपुर पठार के जंगलों में रहते थे और उन पर निर्भर थे। 1832 में, अंग्रेजों ने वर्तमान झारखंड के दामिन-ए-कोह(संथाल परगना) क्षेत्र का सीमांकन किया और संथालों को इस क्षेत्र में बसने के लिए आमंत्रित किया। भूमि और आर्थिक सुविधाओं के वादों के कारण बड़ी संख्या में संथाल उड़ीसा, धालभूम, मानभूम, हजारीबाग, मिदनापुर आदि से बसने के लिए आए। जल्द ही, महाजन और जमींदार, अंग्रेजों द्वारा तैनात कर-संग्रह बिचौलियों के रूप में अर्थव्यवस्था पर हावी हो गए। कई संताल भ्रष्ट धन उधार प्रथाओं के शिकार हो गए। उन्हें अत्यधिक दरों पर पैसा उधार दिया गया था जब वे कभी चुका नहीं सकते थे तो उनकी जमीनों को जबरन ले लिया गया था, उन्हें बंधुआ मजदूरी के लिए मजबूर किया गया था। इससे संताल विद्रोह छिड़ गया।संथाल परगना के प्राचीन निवासी पहाड़िया जनजाति के लोगों ने अंग्रेजो के खिलाफ पहले ही विद्रोह कर दिया था।
संथाल और टोटेमिक कुड़मी लोग छोटा नागपुर पठारी क्षेत्र के मूल निवासी हैं। संथाल परगना में जितने भी संथाल लोग और कुर्मी महतो लोग बसे हुए हैं वह लोग उस इलाके के मूल निवासी नहीं है बल्कि बाहर से आकर बसे हैं। इन लोगों को अंग्रेजों ने 1832 में भूमि सेटलमेंट सर्वे होने के बाद बसाया था। संताल परगना की जमीन की बंदोबस्ती के बाद अंग्रेजों ने पहाड़िया जनजाति के विद्रोह के कारण छोटा नागपुर के पठारी क्षेत्र से संथाल और कुर्मी महतो लोगों को संथाल परगना के क्षेत्र में ले जाकर बसाया था। पहाड़िया जनजाति के लोग और अंगिका भाषा और बांग्ला भाषा और खोरठा बोलने वाले लोग इस क्षेत्र के सबसे प्राचीन निवासी हैं।
Note:- भौगोलिक रूप से संथाल परगना का क्षेत्र छोटा नागपुर पठार क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता है। यह छोटा नागपुर के पठार से अलग एक भिन्न प्रकार का भौगोलिक क्षेत्र हैं।
Aj ka class bhut hdbdi m liye sir jee
Good evening sir
Your vidio is very helpful for me
Very useful
Nice
Good
Bht hi achi video h sir thanku so much🙏🙏
Nice sir ji
Must And Sandaar...
Thanks sir
Sir ap jo jharkhand geography study kra rhe ho Uske bad book padhne ki jarurt padegi
Thank you sir
👍
Special branch k liye special class start kijiye sir
बहुत अच्छा पढ़ाते हैं सर आप अब क्यों नहीं पढ़ा रहे हैं सर आपसे हमें ऑनलाइन कोर्स करना है सर
Download jssc Education app aur call on 8809474880
Nice sir
Thanks and welcome
Tq
Mst
Ty sor
Thanks and all the best
Jh bhogol
Thankyou sir
Santhal pargana se Dumka name kab hua
Ok
ठीक है
Thnx
Nice sir.. U r doing really a good job.... Isse advance aur kuch nhi na aayega sir?
Nai ayga aur jo extra hoga objecive questions karay jayga sb topics ka
Hiiii Sir
Santhal pargana and Dumka dono 1855 me bana isme confusion lag raha hai
Sir iska pbf download nai ho rha Hai
*Start@**1:09*
*Notes@**4:12*
Jharkhand me exise inspector ka chayan kon krta hai??? Jssc cgl or JPSC.. I m in doubt sir....
Excise inspector ka form aaj tak dekhe nai h kabi nikla h ye toh excise constable ka h jo jssc kr raha h
@@JsscEducation ok sir thanks... Jssc Cgl ka vacancy kb aayega?
17 मई 1983 को
राजमहल ओर पाकुड़ से अलग होकर साहिबगंज बना
ओर बाद में पाकुड़ बना
आप बोले कि
पाकुड़ को अलग कर के साहिबगंज बना
फिर
1994 में साहिबगंज से अलग होकर पाकुड़ बना
इसमे डाउट है sir
Pakur jo hai sahebganj se bana h
Hiii sir
Whatsapp group ka number kahan hai
aapka 5 no vedio SP sahi se nahi chal raha hai kal se try kar raha hoon
Sir board me clear nhi dikhta h please help kijiye
Net slow hoga disha
@@JsscEducation 🤔
Aadbasi ka aankhe jab khule ga aap kaha, rehega suchiye ga joy aadbasi
Kehna kya chahte ho sir
Goda or dewghar 1981 me bna hai sir
Manish aap kaha se padhe h 1981 ek bar jharkhand govt website aur google v kr lijiye
www.google.com/search?q=godda+district+formation+date&oq=godda+district+formation+date+&aqs=chrome..69i57.6075j0j4&client=ms-android-huawei-rev1&sourceid=chrome-mobile&ie=UTF-8
Santhal pargana jila kyun bolenge ye to division h na🤔
Sir Plz K v kuch words English m v bol diya kigiye jo hard word h mujhe smjhne m Prblm hoti
Sir pdf
Jamsetpur nae h kahi
जमशेदपुर डिस्ट्रिक्ट nai h Subham
Wrong infromation
Kaun sa information wrong mila
Thank you sir
Welcome
Ok