पाराशरी ज्योतिष पाठशाला || अश्विनी नक्षत्र || Online Class || ज्योतिषाचार्य पचौरी गुरूजी

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  • Опубликовано: 1 июн 2024
  • ‪@AstrologyGuruji‬
    ज्योतिष पाठशाला में पढ़ें।
    तीस महीने में ज्योतिषी बनें।।
    पाठशाला में ज्योतिषज्ञान तीन खण्डों में दिया जायेगा-
    प्रत्येक खण्ड-10 मास का होगा।
    1- प्रथमखण्ड- प्राथमिक ज्योतिष पाठशाला।
    2- द्वितीयखण्ड- माध्यमिक ज्योतिष पाठशाला।
    3- तृतीयखण्ड- उच्चमाध्यमिक ज्योतिष पाठशाला।
    Web : astrologyguruji.in/
    Phone : +91-7906288015 , 7900335697
    प्राथमिक ज्योतिष पाठशाला विषय-
    1- पञ्चाङ्ग का सर्वांङ्गीण अध्ययनज्ञान।
    2- नक्षत्र,नक्षत्रपति तथा राशिस्वरूप का ज्ञान।
    3- सम्वत्,सम्वत्सर,अयन,मास,पक्ष,तिथिफल।
    4- ऋतु,योग,करण,गण तथा योनिफल ज्ञान।
    5- ग्रह,ग्रहपति,राशियों का उच्च-नीच व दिशाफल।
    6- दिग्बल,अयनबलादि षडबल, लग्नराशि अध्ययन।
    7- जन्मकुण्डली,राशिकुण्डली पर गोचरफल कथन।
    8- नवाँशादि षोडशवर्गों का विस्तृत अध्ययन।
    9- ग्रहों की मित्रता-शत्रुता एवं पंचधा-तात्कालिक स्थितवश फल।
    द्वितीयखण्ड-माध्यमिक ज्योतिष पाठशाला के बिषय-
    1- अंशों के आधारपर पुष्कर नवांश और मृत्युभाग फल।
    2- अस्तग्रह,ग्रहाबस्था ज्ञान और अध्ययन तथा फल।
    3- राजयोग,धनयोग कैसे बनते हैं और फलकथन विधि।
    4- ग्रहों,राशियों और भावों के कारक तथा कारकत्व फल।
    5- महादशा,अन्तरदशा,प्रत्यन्तरदशा का नियम तथा फल।
    6- नक्षत्रों का फल कैसे करें और नक्षत्र सिद्धान्त को समझें।
    7- ग्रहों का भावफल,केन्द्र-त्रिकोण के स्वामियों के फल।
    8- ग्रहों की सामान्य और विशेषदृष्टि तथा नीचग्रहों का फल।
    9- इन्दुलग्न,पदलग्न और उपपदलग्न से सटीक फलित।
    तृतीयखण्ड- उच्चमाध्यमिक पाठशाला-
    1- भावात्-भावम् का सिद्धान्त और ग्रहफलों में सटीकता।
    2- राशिपरिवर्तन,परस्पर केन्द्र-त्रिकोण सम्बन्धी फल
    3- अष्टकवर्ग,भिन्नाष्टकवर्ग के सिद्धान्त से सटीक फल।
    4- भावेशों का फल,दृष्टि और युतियों का फल सिद्धान्त।
    5- लग्नकुण्डली तथा नवांशकुण्डली मिलाकर फलादेश।
    6- राशितुल्य नवांश से फल,भाव को लग्नमानकर फलादेश।
    7- ऋषियों के अचूक और गुप्त सूत्रों का प्रयोग कैसे करें।
    8- स्थायी और चरकारकों से फल कैसे करें।
    9- लघुपाराशरी,फलदीपिका और पाराशर होराशास्त्र का
    विशेष अध्ययन।
    10- पचौरी गुरुजी का चालीस बर्षों का ज्ञान और अनुभव
    नोट- प्रत्येक रविवार को रात्रि-9 बजे से 11 बजे के मध्य
    ऑनलाइन अध्ययन करना होगा।स्थान सीमित हैं।
    अस्तु अपना पंजीकरण अवश्य करालें।शेष जानकारी
    मोबाइल सेवा से प्राप्त करें।
    ज्योतिषाचार्य-
    पचौरी गुरुजी
    विशालकृष्ण ज्योतिषी
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Комментарии • 2

  • @sreejithvs-il3my
    @sreejithvs-il3my Месяц назад +1

    Jai sreemahakaal Jai mata di Jai sreeganes guruji

  • @nirmaladhoot5922
    @nirmaladhoot5922 23 дня назад

    भरणी नक्षत्र का फलादेश बताइए