काग़ज़ के दो पंख लेके, उड़ा चला जाए रे

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  • Опубликовано: 1 окт 2024
  • फिल्म: लूटेरा
    गीत: अमिताभ भट्टाचार्य
    संगीत: अमित त्रिवेदी
    गायक: स्वानंद किरकिरे
    यहां गाया विजय पारेख
    काग़ज़ के दो पंख लेके, उड़ा चला जाए रे
    जहां नहीं जाना था, ये वहीं चला हाए रे
    उमर का ये ताना-बाना समझ ना पाए रे
    जुबां पे जो मोहमाया नमक लगाए रे
    के देखे ना, भाले ना, जाने ना दायरे
    दिशा हारा केमोन बोका मोंटा रे
    फतेह करे किले सारे, भेद जाए दिवारे
    प्रेम कोई सेंध लागे
    अगर मगर, बारी बारी, जिया को यूँ उछाले
    जिया कोई गेंद लागे
    माटी को चंदन सा, माथे पे सजाये रे
    जुबां पे जो मोहमाया नमक लगाए रे
    के देखे ना, भाले ना, जाने ना दायरे
    दिशा हारा केमोन बोका मोंटा रे

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