साधना जैन,,, आत्मा का स्वरूप समझाते हुए,,, गुरुजी ने हमें क्या गजब गजब की बात बताई,,,❤❤ आत्मा क्षमा स्वभावी है,,, आत्माज्ञान स्वभावी है,,, आत्मा सरल स्वभावी है,,, आत्मा अपने आप में परिपूर्ण है,,,, गुरुजी ने और भी गजब की बात कही,,,❤❤ जो परिणीति बाहर की तरफ जाएगी,,, संयोग की तरफ जाएगी,,, क्रोध से भर जाएगी,,, कषाय से,, लोभ से,, अथवा मान से भर जाएगी,,, जो परिणीति अंदर की तरफ जाएगी,,, वह क्षमा से भर जाएगी,,, आनंद से भर जाएगी,,, गुरुजी ने कहा,,,❤ हम क्रोध को क्रोध से शांत नहीं कर सकते,,, सारे जगत के झगड़े केवल आत्मा अनुभव,,, से ही शांत हो सकते हैं,,,🙏🙏🙏
Jinendra
Bahut sundar 👌👌🙏🏼
साधना जैन,,, आत्मा का स्वरूप समझाते हुए,,, गुरुजी ने हमें क्या गजब गजब की बात बताई,,,❤❤ आत्मा क्षमा स्वभावी है,,, आत्माज्ञान स्वभावी है,,, आत्मा सरल स्वभावी है,,, आत्मा अपने आप में परिपूर्ण है,,,, गुरुजी ने और भी गजब की बात कही,,,❤❤ जो परिणीति बाहर की तरफ जाएगी,,, संयोग की तरफ जाएगी,,, क्रोध से भर जाएगी,,, कषाय से,, लोभ से,, अथवा मान से भर जाएगी,,, जो परिणीति अंदर की तरफ जाएगी,,, वह क्षमा से भर जाएगी,,, आनंद से भर जाएगी,,, गुरुजी ने कहा,,,❤ हम क्रोध को क्रोध से शांत नहीं कर सकते,,, सारे जगत के झगड़े केवल आत्मा अनुभव,,, से ही शांत हो सकते हैं,,,🙏🙏🙏
Mumbai - JAI JINANDRA🙏🙏🙏
SunitaJani 8:46
👌👌🙏🏼
आदरणीय पण्डित जी साहब सादर जय जिनैंद्र 🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
Thank you very very much Dr. VIVEK JI . Aap ke Gyaan ki bahut bahut anumodna . 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 .
बहुत बहुत आभार
👌🙏🙏🙏
Bhut Sundar भेद ज्ञान बताया🎉
Jai Jinendra 🙏🏼
जय जिनेंद्र पुणे
क्रमबद्ध पर्याय का कार्य निज आत्मा से दोस्ती करना है । यही परम सत्य है।
निर्भार और निर्भय होने का अचूक मंत्र है।
✅️✅️
घ्यान की विधि
25 to 35.
Don't miss it.
निज आत्मा से दोस्ती करने का उपाय को एक अच्छे उदाहरण से समझाया है ।
जरूर सुने।
Jaijinendra SN Dharmaprasad Shuddhatma Bangalore Karnataka
सभी परम पावन आत्माओं को सादर अभिवादन जय जिनेन्द्र नरेंद्र कुमार जैन जयपुर 🙏🙏🙏
घ्यान की विधि
25 to 35.
Don't miss it.
Jai jinendra dahod