जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज सत्संग में शास्त्रों के गूढ़ रहस्यों को उजागर करते हैं। तथा सम्पूर्ण ज्ञान एवं सृष्टि रचना की जानकारी प्रमाण सहित बताते हैं।
वर्तमान समयमा पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज हुनुहुन्छ उहाँले शास्त्रमा प्रमाणित ज्ञान बताउनु हुन्छ र शास्त्र अनुकूल साधना दिनु हुन्छ तब मात्र जीव मुक्त हुन्छ ।
सतगुरु सत्य कबीर है यह चारों युग प्रमाण कबीर साहेब के सिवा कोई सद्गुरु नही है बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो गुरु और गुरुवा तो बहुत है पर सतगुरु केवल बन्दी छोड़ कबीर साहब ही है 🌺सत साहेब🌺🙏 नहीं है
गुरु बड़े गोविंद से मन में देख विचार। हरी सुमरे सो रह गए गुरु सुमरे हुए पार।। तीर्थ न्हाये एक फल, संत मिले फल चार। सतगुरु मिले तो अनंत फल, कहे कबीर विचार।। किसी तत्व दर्शी संत से नाम दीक्षा लेकर कल्याण कराएं।
पृथ्वी लोक पर प्रत्येक जीव दुःखी है। सतलोक सुख का सागर है। वहां दुख नाम की कोई चीज़ नहीं। जन्म-मृत्यु नहीं है। बुढ़ापा नहीं है। 🌸🌸🌸 👉Must watch Sadhna TV 7:30 pm
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे नाम उपदेश प्राप्त करके जुड़ने के बाद जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे। सत्संग से मनुष्य को जीवन के मूल कर्त्तव्य का ज्ञान होता है, मनुष्य सारे विकार त्याग देता है। उसके जीवन में सुखों की बहार आ जाती है, किसी भी प्रकार का दुःख नहीं रहता।
One can go to Satlok via a True spiritual leader, or a complete saint or "True guru"(SatGuru) who imparts the true Mantra. That True Guru is Spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj. Take refuge in Him.
भगवान् ऋषभदेव प्रथ्वी पर लोगों को रहना, खाना, विवाह, युद्ध, शिक्षा सभी प्रकार की शिक्षा दी, भगवान् ऋषभदेव, उनके पुत्र भरत और बहुवाली आदि हज़ारो राजाओं के साथ जैन मुनि दीक्षा लेकर मोक्ष् चले गए.. उनके पोते मरीचि ने भी मुनि दीक्षा लेकर तप किया लेकिन सहन न होने के कारण मार्ग से हट गए और 363 मत चलाये उसके पाप के कारण मारीचि के जीव को अनेक योनियो मे भटकना पड़ा उसके बाद पाप काटकर 24 तीर्थकर के रूप मे जन्म हुआ और मोक्ष् प्राप्त किया,,
🏡काल लोक/पृथ्वी लोक में सुविधाजनक वस्तुएं होने के बावजूद यहां कोई भी सुखी नहीं है। यहां हर पल मौत का तांडव होता है। यहां हर व्यक्ति के मन में रोग तथा मृत्यु का भय हर पल रहता है। सतलोक में ना रोग का, ना मौत का भय। वहां किसी वस्तु का अभाव नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति का नूरी शरीर है।
परमात्मा कहते हैं - पृथ्वी ऊपर पग जो धारे, करोड़ जीव एक दिन में मारे। ये काल का लोक है यहाँ पल भर में न जाने कितने पाप कराता है ये काल। जबकि सतलोक में कोई पाप/ जीव हिंसा नहीं होती। सतलोक सुख सागर है।
श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 15 श्लोक 1 - 4, 16, 17 में कहा गया है जो संत इस संसार रूपी उल्टे लटके हुए वृक्ष के सभी विभाग बता देगा वह पूर्ण गुरु/सच्चा सद्गुरु है। यह तत्वज्ञान केवल संत रामपाल जी महाराज ही बता रहे हैं।
🔹जैन धर्म के प्रवर्तक ऋषभदेव वाली आत्मा बाबा आदम बने, उनको स्वर्ग में भी चैन नहीं। कबीर परमात्मा कहते हैं:- ब्रह्मण्ड इक्कीसों आग लगी है। फिर अन्य जैन साधक कैसे सुख प्राप्त कर सकते हैं?
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18 के अनुसार पूर्ण परमात्मा कविर्देव का निजधाम तीसरा मुक्ति धाम "सतलोक" में है। जहाँ जाने के बाद मनुष्य का जन्म मरण नहीं होता है। जबकि पृथ्वी लोक / काल लोक पर जन्म - मरण का चक्र चलता ही रहता है।
पवित्र गीता जी के अनुसार व्रत नहीं करना चाहिए। गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में लिखा है कि जो व्यक्ति शास्त्र विधि को छोड़ कर मनमानी पूजा करते हैं उनको मोक्ष प्राप्त नहीं होता है इसलिए महाशिवरात्रि के व्रत करने से कोई लाभ नहीं है।
पुस्तक *'आओ जैन धर्म को जाने'* लेखक हैं प्रवीण चंद्र जैन, एम ए शास्त्री, जम्मू द्वीप शास्त्री। पृष्ठ 154 पर। इस पुस्तक में इस बात का प्रमाण हैं कि ऋषभ देव जी की आत्मा का जन्म बाद में आदिनाथ / बाबा आदम के रूप में हुआ, जिन्हें आदि पुरुष/पहले व्यक्ति और मुसलमानों, ईसाइयों और यहूदियों के पैगंबर माना जाता है। आइए हम उस पुस्तक के संवाद पढ़ते हैं जिसमें ऋषभ देव जी के आदम बाबा के रूप में पुनर्जन्म की व्याख्या की गई है। *प्रश्न- अन्य सभी धर्मों में कौन से तीर्थंकरों की पूजा की जाती है?* Ans - भगवान श्री आदिनाथ अर्थात ऋषभ देव जी *प्रश्न- इस्लाम धर्म में भगवान आदिनाथ को क्या माना गया है?* Ans - आदम बाबा नोट: ऋषभदेव जी जिन्होंने जैन धर्म की शुरुआत की, अपनी मृत्यु के बाद बाबा आदम के रूप में आये। इसका मतलब पुनर्जन्म होता है। ऋषभदेव जो साधना करते थे उनका मोक्ष नहीं हुआ फिर से जन्म में आई , जैन धर्म और इस्लाम धर्म के अनुयायी पुनर्जन्म में विश्वास नहीं करते हैं। जबकि पूर्वोक्त सिद्ध करता है कि ऋषभ देव जी का फिर से जन्म हुआ था और उन्हें भगवान आदिनाथ/ अदम बाबा कहा जाता था।
जैन धर्म को बदनाम करने की कोशिस मत करो.. जैन धर्म जैसा कोई धर्म नही, और जैनी जैसा कोई पुण्यमयी जीव नही जिसको सबसे ज्यादा लक्ष्मी, सरस्वती, का वरदान है और सबसे ज्यादा सुखी जाती है जैन धर्म भगवान् बनना सिखाता है रामपाल के पास विदेशो से पैसा आ रहा है
पहली बात आपने वीडियो अच्छी तरह नहीं देखी और रही बात उन्होंने आपकी धर्म की पुस्तक में से दिखाया अपनी तरफ से कुछ नहीं बोला उन्होंने बताएं यह साधना गलत है इससे मोक्ष नहीं केवल जन्म मरण है महावीर का जन्म का इतिहास दिखाकर समझाया अपने महावीर जैन का इतिहास देख कर उसको जैन धर्म धर्म का विरोध समझते हो तो फिर आप जैसा परानी कोई नहीं सच्चा जैन धर्मी सच्चाई पर विश्वास करता है और यह सच्चाई आपके जैन धर्म की पुस्तकों नहीं लिखी है
@@addidass550 महावीर के जीव का मतलब ये नही की स्वयं महावीर की पर्याय मे 363 मत चलाये। बालकि उस जीव ने लाखो वर्षो पूर्व ऋषभदेव के समय 363 मत चलाये। तो उस समय वे महावीर नही बालकि मारीची था। कै जन्मो के बाद जब सदज्ञान हुआ तो उसी पुण्य के उदय से वह जीव महावीर नाम से तीर्थंकर हुआ। तब उसने वास्तविक सत्य मार्ग यानि वीतराग मार्ग का उपदेश दिया। वो थे वास्तविक महावीर।
🔹 श्री ऋषभदेव जी जैन धर्म के प्रवर्तक, नेक आत्मा थे। उनको पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब आकर मिले थे। परमेश्वर ने उनको ज्ञान दिया कि आपकी साधना मोक्षदायक नहीं है।
जैन संत जैसे एक दिन भी रहकर देखोगे तो पता चलेगा पेदल चलना बिना लाइट पंखे के एक दिन भी निकाल कर देखो तपस्या उपवास सिर्फ गर्म पानी पीना पैसे का उपयोग नहीं करना।। कर्म करोगे तो भुगतना पड़ेगा किसी भी जन्म भगवान महावीर भगवान राम को भी नहीं छोड़ा कर्म ने भगवान राम को भी वन में जाना पड़ा रामपाल जी महाराज को यहीं जेल जाना पड़ा सब कर्म का खेल सभी को भुगतना है। पुण्य के काम करोगे तो तो पिछले जन्म के कर्म कम होगे यही जैन धर्म का सिद्धांत जियो और जीने दो उसे बुक में यही बताया गया है भगवान महावीर हो भगवान राम को भी कर्म राजा ने नहीं छोड़ा हम तो साधारण मनुष्य है।
महावीर जी ने तपस्या करने के बाद अपने अनुभव से 363 पाखण्ड मत (शास्त्र विरुद्ध मनमानी साधना) चलाए जिसको गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 में व्यर्थ बताया है। वर्तमान में यही मनमानी क्रिया जैन धर्म में प्रचलित हैं। तो विचार करें इससे क्या लाभ होगा? Sant Rampal Ji Maharaj RUclips चैनल।
अरे नादान, वो 363 मत मारीच ने चलाये थे महावीर ने नही। वो महावीर के ही जीव का बहुत पूर्व का भव था ऋषभदेव के समय का😁 बाद मे कई जन्मो के दुख के बाद उस जीव को सद्ज्ञान हुआ तब कही जाकर उसे पुण्य के फलस्वरुप तीर्थंकर का जन्म मिला जहा उसने वास्तविक मार्ग यानि वीतराग विज्ञान का उपदेश जीवो को दिया। जो आज का जैन धर्म है। यानि जैन धर्म से अलग सब वही 363 वाले हैं। क्योकि सब मे राग और द्वेष की बाते हैं। सिवा जैन धर्म के। जैन धर्म मे वीतराग की बात है। तो बेहतर हम जानते हैं महाबीर के बारे मे। वो किताब जैन धर्म की ही है जिसे रामपाल जी पढ़ तो लिये पर समझ ना सके। क्योकि वे अभि जैन दर्शन के आधारभूत सिद्धांत से ही परिचित नही तो समझ कहा से सकेंगे।
🔹राजा नाभिराज के पुत्र श्री ऋषभ देव हुए जो पवित्र जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर माने जाते हैं। उन्होंने 84 लाख योनियों का कष्ट भोगा। जब उनका मोक्ष नहीं हुआ तो अन्य जैन साधकों के कैसे संभव है।
किसने कहा? 84 लाख योनियो के बाद अंत मे मोक्ष हुआ। तभी वे पूज्य बने। अगर मोक्ष नही होता तो पूज्य नही होते। इसलिये थोड़ा समझे बात को।😁 क्या सुन रहे और क्या समझ रहे हो भाई?
अपने आपको संत कहते हो और हिंदी पढ़ना नहीं आता। आप जानते क्या हो जैन धर्म के बारे में कुछ नही जब प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव जी ने मरीचि को बताया की तुम आगे जैन धर्म के तीर्थंकर बनोगे तो सिर्फ इस बात के घमण्ड के कारण उनकी दुर्गति हुई। बात को जानें बिना अनावश्यक भ्रम नहीं फैलाया करो। पहले हमारे किसी मुनि जी से सस्त्रार्थ करके धर्म के बारे में जान लो उसके बाद वीडियो बना कर डाला करो।
महावीर जैन के द्वारा चलाये गए 363 पाखंड मतों के अनुसार भक्ति करने से मोक्ष संभव नहीं है। भगवद्गीता जी में लिखा है कि शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करने से कोई लाभ नहीं मिलता।
शास्त्र विधि कौन बनाया?😂 सबसे पहले सच्चे शास्त्र का निर्णय करो। शास्त्रो मे तो वही लिखा है जो भगवान महावीर ने किया। वही विधि लिखी है। तो तुम कौन सा शात्र पढ़ आये महोदय?😁
🔹महावीर जैन के द्वारा चलाये गए 363 पाखंड मतों के अनुसार भक्ति करने से मोक्ष संभव नहीं है। भगवद्गीता जी में लिखा है कि शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करने से कोई लाभ नहीं मिलता।
पंडितों ने तीन युग निकल गए कभी भी अपने यजमान को शास्त्रों दिखाकर का ज्ञान नहीं कराया।जब जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज ने दिखाना चालू किया।इनके अज्ञान का पूरा भंडाफोड़ हो गया।
Yeh rampal logo ko galat bata raha hai Puri baat nhi bata raha hai Kuchh bate bata kar jain sanskriti ko thes pohchaha raha hai in bato se aap log dur rahe 🤬🤬🤬🤬
Bhai Rampal aur uske anuyaiyo tumhari samajh mei nahi aane ka jain dharam.. is Rampal baba ko khud court ne murder ka aaropi maankar aajeevan umar kaid ki saza sunayi hai ... Ise kehte hain durgati... Jab tak ye bahar tha.. iske follower isko doodh mei nehlake us doodh ko prasad ke roop mei pee jaate thei.. aur us doodh mei iske shareer ke kuchh ango se nikal ke jo baal aa jaate honge.. usko kya biscuit samajh ke khaa jaate thei.. ? Is Rampal baba ke according nirvan kaise milta hai? Murder kar ke ? Ya jhaant ke baal doodh mei bhigo ke khaane se.. ?? 😂😂😂
True Knowledge give only one Sant Rampal Ji Maharaj Whole World
Bandi Chhod Satguru Rampal Ji Maharaj Bhagwan ki jai ho ❤️
पुरे विश्व मे केवल सन्त रामपाल जी महाराज ही ऐसे सन्त है जो सभी शास्त्रो से प्रमाणित सत्य भक्ति बताते है।
Jai Prabhu Mahaveer
सत् भक्ति नगर्नाले महावीर जैनको दुर्गति । तसर्थ सत् भक्ति गरेर यो लोक तथा परलोक सुधारौं ।
सत् साहेब बन्दी की जय हौ गुरु जी भगवान आपके चरणों में रखना मेरे दाता सत् साहेब
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज सत्संग में शास्त्रों के गूढ़ रहस्यों को उजागर करते हैं। तथा सम्पूर्ण ज्ञान एवं सृष्टि रचना की जानकारी प्रमाण सहित बताते हैं।
Bhagwan Mahavir Swami ki jay
यसतोखूलासा।।गरेरबूझा।ऊदापनी।।मानीसले।।बूझदैननहेरनूहोसत।।सतसाहेब।।जयबनदीछोडकी।।संनतरामपालजीकीजयहो।।मचूडामणीदास।हूजी।।सतसाहेब।। 25:08 25:09
शरण पड़े को गुरु संभाले, जान के बालक भोला रे । कहे कबीर तुम चरण चित राखो , ज्यों सूई में डोरा रे।❤
so true spritual knowledge with proof .. very nice
Sat saheb ji malik 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
वर्तमान समयमा पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज हुनुहुन्छ उहाँले शास्त्रमा प्रमाणित ज्ञान बताउनु हुन्छ र शास्त्र अनुकूल साधना दिनु हुन्छ तब मात्र जीव मुक्त हुन्छ ।
Bandi chhod satguru Rampal Ji Maharaj ki Jay ho 🙏
सतगुरु सत्य कबीर है यह चारों युग प्रमाण कबीर साहेब के सिवा कोई सद्गुरु नही है बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो गुरु और गुरुवा तो बहुत है पर सतगुरु केवल बन्दी छोड़ कबीर साहब ही है 🌺सत साहेब🌺🙏 नहीं है
गुरु बड़े गोविंद से मन में देख विचार।
हरी सुमरे सो रह गए गुरु सुमरे हुए पार।।
तीर्थ न्हाये एक फल,
संत मिले फल चार।
सतगुरु मिले तो अनंत फल,
कहे कबीर विचार।।
किसी तत्व दर्शी संत से नाम दीक्षा लेकर कल्याण कराएं।
*🙏बन्दीछोड सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो🙏*
Sat sahe ji
बंदी छोड़ सतगुरुदेव संत रामपाल जी भगवान की जय हो 🙏
पृथ्वी लोक पर प्रत्येक जीव दुःखी है।
सतलोक सुख का सागर है। वहां दुख नाम की कोई चीज़ नहीं। जन्म-मृत्यु नहीं है। बुढ़ापा नहीं है।
🌸🌸🌸
👉Must watch Sadhna TV 7:30 pm
*जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा हिंदू मुस्लिम सिख इसाई धर्म नहीं कोई न्यारा*हम सब एक पिता की संतान है सत ज्ञान द्वारा अपने परम पिता को पहचानना है
जय हो बंदी छोङ सद्गुरु रामपाल जी भगवान जी की जय हो 🙏 🙏 🙏 🙏
सत भक्ती केवल सन्त रामपाल जी माहाराज बाट नाम लिएर भक्ती गर्नु जरुरी छ
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे नाम उपदेश प्राप्त करके जुड़ने के बाद जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे। सत्संग से मनुष्य को जीवन के मूल कर्त्तव्य का ज्ञान होता है,
मनुष्य सारे विकार त्याग देता है। उसके जीवन में सुखों की बहार आ जाती है, किसी भी प्रकार का दुःख
नहीं रहता।
🌹🌹जय हो बंदी छोड़ की💖💖🙇🏻♀️🙇🏻♀️🙇🏻♀️
तेरा एक नाम तारे संसार, मैं ऐसा आस ऐहो आधार।
नानक नीच कहै बिचार, धाणक रूप रहा करतार।।
बहुत अच्छा सत्संग है
गुरु बिन काहू न पाया ज्ञाना ज्यों थोथा भुस छड़े मूड़ किसाना
very nice programme .... ❤❤❤
तीन देव की जो करते भक्ति |
उनकी कभी ना होवे मुक्ति |
Jay bandi chhod Maharaj ki
One can go to Satlok via a True spiritual leader, or a complete saint or "True guru"(SatGuru) who imparts the true Mantra. That True Guru is Spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj.
Take refuge in Him.
Jai Jinendra 🙏
कबीर एकै साधे सब साधै सब सार्धे सब जाय
माली सीचै मूल कूँ फूले फले अधाय
जय हो बन्दी छोड़ की
Amazing satsang
Jay ho rampalji bhagvanji ki
भगवान् ऋषभदेव प्रथ्वी पर लोगों को रहना, खाना, विवाह, युद्ध, शिक्षा सभी प्रकार की शिक्षा दी, भगवान् ऋषभदेव, उनके पुत्र भरत और बहुवाली आदि हज़ारो राजाओं के साथ जैन मुनि दीक्षा लेकर मोक्ष् चले गए..
उनके पोते मरीचि ने भी मुनि दीक्षा लेकर तप किया लेकिन सहन न होने के कारण मार्ग से हट गए और 363 मत चलाये उसके पाप के कारण मारीचि के जीव को अनेक योनियो मे भटकना पड़ा उसके बाद पाप काटकर 24 तीर्थकर के रूप मे जन्म हुआ और मोक्ष् प्राप्त किया,,
🏡काल लोक/पृथ्वी लोक में सुविधाजनक वस्तुएं होने के बावजूद यहां कोई भी सुखी नहीं है।
यहां हर पल मौत का तांडव होता है।
यहां हर व्यक्ति के मन में रोग तथा मृत्यु का भय हर पल रहता है।
सतलोक में ना रोग का, ना मौत का भय। वहां किसी वस्तु का अभाव नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति का नूरी शरीर है।
Sat sahib
Nice Satsang
परमात्मा कहते हैं -
पृथ्वी ऊपर पग जो धारे, करोड़ जीव एक दिन में मारे।
ये काल का लोक है यहाँ पल भर में न जाने कितने पाप कराता है ये काल।
जबकि सतलोक में कोई पाप/ जीव हिंसा नहीं होती। सतलोक सुख सागर है।
महावीर जैनको साधना शास्त्र विरूद्ध साधना थियो ।
Beautiful gyan
Khoji hue turnt miljawo aekpal ki talash mai kahe Kabir suno bhae sadhu maito hu vishwas Mai 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 15 श्लोक 1 - 4, 16, 17 में कहा गया है जो संत इस संसार रूपी उल्टे लटके हुए वृक्ष के सभी विभाग बता देगा वह पूर्ण गुरु/सच्चा सद्गुरु है।
यह तत्वज्ञान केवल संत रामपाल जी महाराज ही बता रहे हैं।
Anmol satsang
Sat sahib ji ❤
Very Nice Gyan
Real Truth
God gayan pramtma ka
Sat saheb
Great
Great saint
Original gyan
True saint
गुरुदेव मेरे भगवान
Jai Parshuram Prabhu
🔹जैन धर्म के प्रवर्तक ऋषभदेव वाली आत्मा बाबा आदम बने, उनको स्वर्ग में भी चैन नहीं। कबीर परमात्मा कहते हैं:- ब्रह्मण्ड इक्कीसों आग लगी है।
फिर अन्य जैन साधक कैसे सुख प्राप्त कर सकते हैं?
❤❤
Jai Rishabh Dev Bhagwan
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳
Nice
🙏🙏
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18 के अनुसार पूर्ण परमात्मा कविर्देव का निजधाम तीसरा मुक्ति धाम "सतलोक" में है। जहाँ जाने के बाद मनुष्य का जन्म मरण नहीं होता है।
जबकि पृथ्वी लोक / काल लोक पर जन्म - मरण का चक्र चलता ही रहता है।
Puran Sant hai
🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
महावीर जैन ने कोई गुरु नहीं बनाया।
कबीर परमात्मा कहते हैं :-
गुरु बिन काहू न पाया ज्ञाना।
ज्यों थोथा भुस, छड़े मूढ़ किसाना।
Jb tk kisi dharm ka pura gyan na ho tb tk us pr koi comment nhi Krna chiye
महावीर जैन नहीं महावीर भगवान और कबीर तो कवि था
Nice knowledge 🙏
Aahinsa Pramod Dharm
कबीर साहेब अल्लाह कबीर है
आसाराम राम रहीम रामपाल यह सब एक ही है। रामपाल इसी जन्म में जेल में गया
सच्चाई को स्वीकार करो आप पढ़ें लिखे हो संत रामपाल जी महाराज कोन है
आज तक किसी भी धर्म गुरु ने हमें हमारे सद ग्रंथ नहीं पढ़ायें क्योंकि वो खुद अज्ञानी थे संत रामपाल जी महाराज एक एक ग्रंथ को खोलकर दिखा रहे हैं
🔹महावीर जैन की जीवनी में लिखा है कि उन्होनें गुरू नहीं बनाया और हठयोग किया। जबकि सद्ग्रन्थ प्रमाणित करते हैं कि गुरु बिन मोक्ष असंभव है।
Apka moksh pkka h lgta h
Rampal to moksh aise baat raha hai jaise toffee ho
आप अपने गुरु की जमानत की व्यवस्था करो वो जेल की रोटी खा रहा है उसने क्या किया इसका पता करो दूसरे धर्म से आपको क्या
पवित्र गीता जी के अनुसार व्रत नहीं करना चाहिए। गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में लिखा है कि जो व्यक्ति शास्त्र विधि को छोड़ कर मनमानी पूजा करते हैं उनको मोक्ष प्राप्त नहीं होता है इसलिए महाशिवरात्रि के व्रत करने से कोई लाभ नहीं है।
जैन धर्म में तीर्थंकर को भगवान माना जाता है। लेकिन वास्तव में भगवान किसे कहते हैं?
अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा।
🔹महावीर जैन ने कोई गुरु नहीं बनाया।
कबीर परमात्मा कहते हैं :-
गुरु बिन काहू न पाया ज्ञाना।
ज्यों थोथा भुस, छड़े मूढ़ किसाना।
कबीर परमात्मा 😂
पुस्तक *'आओ जैन धर्म को जाने'* लेखक हैं प्रवीण चंद्र जैन, एम ए शास्त्री, जम्मू द्वीप शास्त्री। पृष्ठ 154 पर।
इस पुस्तक में इस बात का प्रमाण हैं कि ऋषभ देव जी की आत्मा का जन्म बाद में आदिनाथ / बाबा आदम के रूप में हुआ, जिन्हें आदि पुरुष/पहले व्यक्ति और मुसलमानों, ईसाइयों और यहूदियों के पैगंबर माना जाता है। आइए हम उस पुस्तक के संवाद पढ़ते हैं जिसमें ऋषभ देव जी के आदम बाबा के रूप में पुनर्जन्म की व्याख्या की गई है।
*प्रश्न- अन्य सभी धर्मों में कौन से तीर्थंकरों की पूजा की जाती है?*
Ans - भगवान श्री आदिनाथ अर्थात ऋषभ देव जी
*प्रश्न- इस्लाम धर्म में भगवान आदिनाथ को क्या माना गया है?*
Ans - आदम बाबा
नोट: ऋषभदेव जी जिन्होंने जैन धर्म की शुरुआत की, अपनी मृत्यु के बाद बाबा आदम के रूप में आये। इसका मतलब पुनर्जन्म होता है। ऋषभदेव जो साधना करते थे उनका मोक्ष नहीं हुआ फिर से जन्म में आई , जैन धर्म और इस्लाम धर्म के अनुयायी पुनर्जन्म में विश्वास नहीं करते हैं। जबकि पूर्वोक्त सिद्ध करता है कि ऋषभ देव जी का फिर से जन्म हुआ था और उन्हें भगवान आदिनाथ/ अदम बाबा कहा जाता था।
जैन धर्म को बदनाम करने की कोशिस मत करो..
जैन धर्म जैसा कोई धर्म नही, और जैनी जैसा कोई पुण्यमयी जीव नही जिसको सबसे ज्यादा लक्ष्मी, सरस्वती, का वरदान है
और सबसे ज्यादा सुखी जाती है जैन धर्म भगवान् बनना सिखाता है
रामपाल के पास विदेशो से पैसा आ रहा है
पहली बात आपने वीडियो अच्छी तरह नहीं देखी और रही बात उन्होंने आपकी धर्म की पुस्तक में से दिखाया अपनी तरफ से कुछ नहीं बोला
उन्होंने बताएं यह साधना गलत है इससे मोक्ष नहीं केवल जन्म मरण है महावीर का जन्म का इतिहास दिखाकर समझाया अपने महावीर जैन का इतिहास देख कर उसको जैन धर्म धर्म का विरोध समझते हो तो फिर आप जैसा परानी कोई नहीं सच्चा जैन धर्मी सच्चाई पर विश्वास करता है और यह सच्चाई आपके जैन धर्म की पुस्तकों नहीं लिखी है
@@addidass550 महावीर के जीव का मतलब ये नही की स्वयं महावीर की पर्याय मे 363 मत चलाये। बालकि उस जीव ने लाखो वर्षो पूर्व ऋषभदेव के समय 363 मत चलाये। तो उस समय वे महावीर नही बालकि मारीची था। कै जन्मो के बाद जब सदज्ञान हुआ तो उसी पुण्य के उदय से वह जीव महावीर नाम से तीर्थंकर हुआ। तब उसने वास्तविक सत्य मार्ग यानि वीतराग मार्ग का उपदेश दिया। वो थे वास्तविक महावीर।
पहले आप अपनी पुस्तक पढ लो ये रामपाल जी महाराज की पुस्तक नहीं आप को अपनी पुस्तकों का ज्ञान नहीं है
आप पढे लिखे हो भगवान ने आप को दिमाग दिया है
🔹गुरु बिन मोक्ष असंभव है। महावीर जैन ने बिना गुरु के साधना की। फिर उनका मोक्ष कैसे हुआ।
🔹 श्री ऋषभदेव जी जैन धर्म के प्रवर्तक, नेक आत्मा थे। उनको पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब आकर मिले थे। परमेश्वर ने उनको ज्ञान दिया कि आपकी साधना मोक्षदायक नहीं है।
जैन संत जैसे एक दिन भी रहकर देखोगे तो पता चलेगा पेदल चलना बिना लाइट पंखे के एक दिन भी निकाल कर देखो तपस्या उपवास सिर्फ गर्म पानी पीना पैसे का उपयोग नहीं करना।। कर्म करोगे तो भुगतना पड़ेगा किसी भी जन्म भगवान महावीर भगवान राम को भी नहीं छोड़ा कर्म ने भगवान राम को भी वन में जाना पड़ा रामपाल जी महाराज को यहीं जेल जाना पड़ा सब कर्म का खेल सभी को भुगतना है। पुण्य के काम करोगे तो तो पिछले जन्म के कर्म कम होगे यही जैन धर्म का सिद्धांत जियो और जीने दो उसे बुक में यही बताया गया है भगवान महावीर हो भगवान राम को भी कर्म राजा ने नहीं छोड़ा हम तो साधारण मनुष्य है।
तीर्थंकर बोलना भी नहीं आता है रामपाल को
🔹महावीर जैन जी की साधना शास्त्र विरुद्ध थी। भागवत गीता में लिखा है कि जो शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करते हैं उनकी न कोई गति होती, न मोक्ष।
वे मोक्ष जा चुके हैं 😁
बाबा आप अपना ध्यान रखो आपका कल्याण कर लो ख़ुद तो जेल में हो ख़ुद का जीवन सुधार लो जैन धर्म के बारे में आपसे जानकारी की ज़रूरत नहीं है
आप आपका देखो 🙏
वर्तमान में जो जैन धर्म में साधना है वह महावीर जैन द्वारा चलाए गए 363 पाखंड मत पर आधारित है। जिससे कोई सुख या गति प्राप्त नहीं होती।
महावीर जी ने तपस्या करने के बाद अपने अनुभव से 363 पाखण्ड मत (शास्त्र विरुद्ध मनमानी साधना) चलाए जिसको गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 में व्यर्थ बताया है। वर्तमान में यही मनमानी क्रिया जैन धर्म में प्रचलित हैं। तो विचार करें इससे क्या लाभ होगा?
Sant Rampal Ji Maharaj RUclips चैनल।
🔹वर्तमान में जो जैन धर्म में साधना है वह महावीर जैन द्वारा चलाए गए 363 पाखंड मत पर आधारित है। जिससे कोई सुख या गति प्राप्त नहीं होती।
अरे नादान, वो 363 मत मारीच ने चलाये थे महावीर ने नही। वो महावीर के ही जीव का बहुत पूर्व का भव था ऋषभदेव के समय का😁
बाद मे कई जन्मो के दुख के बाद उस जीव को सद्ज्ञान हुआ तब कही जाकर उसे पुण्य के फलस्वरुप तीर्थंकर का जन्म मिला जहा उसने वास्तविक मार्ग यानि वीतराग विज्ञान का उपदेश जीवो को दिया। जो आज का जैन धर्म है।
यानि जैन धर्म से अलग सब वही 363 वाले हैं।
क्योकि सब मे राग और द्वेष की बाते हैं। सिवा जैन धर्म के। जैन धर्म मे वीतराग की बात है।
तो बेहतर हम जानते हैं महाबीर के बारे मे। वो किताब जैन धर्म की ही है जिसे रामपाल जी पढ़ तो लिये पर समझ ना सके। क्योकि वे अभि जैन दर्शन के आधारभूत सिद्धांत से ही परिचित नही तो समझ कहा से सकेंगे।
🔹राजा नाभिराज के पुत्र श्री ऋषभ देव हुए जो पवित्र जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर माने जाते हैं। उन्होंने 84 लाख योनियों का कष्ट भोगा। जब उनका मोक्ष नहीं हुआ तो अन्य जैन साधकों के कैसे संभव है।
ये सब बातें आपने कहा से सुनी हैं??
किसने कहा? 84 लाख योनियो के बाद अंत मे मोक्ष हुआ। तभी वे पूज्य बने। अगर मोक्ष नही होता तो पूज्य नही होते। इसलिये थोड़ा समझे बात को।😁
क्या सुन रहे और क्या समझ रहे हो भाई?
पहले तीर्थंकर है आदिनाथ ऋषभदेव भगवान ये ज्ञान कहा से लाए
अपने आपको संत कहते हो और हिंदी पढ़ना नहीं आता।
आप जानते क्या हो जैन धर्म के बारे में कुछ नही
जब प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव जी ने मरीचि को बताया की तुम आगे जैन धर्म के तीर्थंकर बनोगे तो सिर्फ इस बात के घमण्ड के कारण उनकी दुर्गति हुई।
बात को जानें बिना अनावश्यक भ्रम नहीं फैलाया करो।
पहले हमारे किसी मुनि जी से सस्त्रार्थ करके धर्म के बारे में जान लो उसके बाद वीडियो बना कर डाला करो।
Just a criminal making conspiracies about lord mahavir swami......
A true Jain believes in the truth of religio, Believes in speaking the truth and you spoke wrong without knowing anything
@@addidass550so, tell me what's the truth?
महावीर जैन के द्वारा चलाये गए 363 पाखंड मतों के अनुसार भक्ति करने से मोक्ष संभव नहीं है। भगवद्गीता जी में लिखा है कि शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करने से कोई लाभ नहीं मिलता।
शास्त्र विधि कौन बनाया?😂
सबसे पहले सच्चे शास्त्र का निर्णय करो।
शास्त्रो मे तो वही लिखा है जो भगवान महावीर ने किया। वही विधि लिखी है। तो तुम कौन सा शात्र पढ़ आये महोदय?😁
ये ऐसा ही बताते रहेंगे इनके पास बताने के लिए कुछ है नहीं।
🔹महावीर जैन के द्वारा चलाये गए 363 पाखंड मतों के अनुसार भक्ति करने से मोक्ष संभव नहीं है। भगवद्गीता जी में लिखा है कि शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करने से कोई लाभ नहीं मिलता।
🔹जैन साधकों के ये विचार गलत है की सृष्टि को बनाने वाला कोई नहीं है। जबकि हमारे शास्त्र बताते हैं कि कबीर परमात्मा सर्व सृष्टि रचनहार है।
पंडितों ने तीन युग निकल गए कभी भी अपने यजमान को शास्त्रों दिखाकर का ज्ञान नहीं कराया।जब जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज ने दिखाना चालू किया।इनके अज्ञान का पूरा भंडाफोड़ हो गया।
इस बाबा को हिन्दी पढ़नी तक नहीं आती है एक बार इनको हिंदी पढ़ना सिखाओ 😅😅😅
Yeh rampal logo ko galat bata raha hai
Puri baat nhi bata raha hai Kuchh bate bata kar jain sanskriti ko thes pohchaha raha hai in bato se aap log dur rahe
🤬🤬🤬🤬
अब कुछ नहीं होने वाला तुम लोगों का क्योंकि आज की टाईम सभी पढ़ें लिखे लोग हैं सद ग्रंथ हमारे पास है
Bhai Rampal aur uske anuyaiyo tumhari samajh mei nahi aane ka jain dharam.. is Rampal baba ko khud court ne murder ka aaropi maankar aajeevan umar kaid ki saza sunayi hai ... Ise kehte hain durgati...
Jab tak ye bahar tha.. iske follower isko doodh mei nehlake us doodh ko prasad ke roop mei pee jaate thei.. aur us doodh mei iske shareer ke kuchh ango se nikal ke jo baal aa jaate honge.. usko kya biscuit samajh ke khaa jaate thei.. ?
Is Rampal baba ke according nirvan kaise milta hai? Murder kar ke ? Ya jhaant ke baal doodh mei bhigo ke khaane se.. ?? 😂😂😂
Bhai inke guru ko samaj nahi ayi to inko ky samaj ayegi
Jai Jinshashan
Bahut sundar satsang