वर्ण व्यवस्था की सही जानकारी के लिए आपका धन्यवाद । आज हम इस भाग दौड़ वाली जीवन मे इतने खो से गये हैं कि जैसे ही धर्म का नाम सुनते हैं, हमें लगता है कि यह धरम-वरम तो सब व्यर्थ की बाते हैं, हम सोचने लगते हैं कि समाज मे जितनी भी कुरीतियां हैं वो सब धर्म के कारण ही आयी है और कुछ पोप-पंडो/प्रवचन कर्ताओं की बातों से ऐसा प्रतीत भी होता है कि अन्धविश्वास तो धर्म के कारण ही पनपता है | . किन्तु समस्या यहाँ हो जाती है कि हमने कभी धर्म की वास्तविकता को न ही अच्छे से समझा और न ही समझने हेतु उचित प्रयास किया और जैसा प्रवचन कर्ताओं ने कहा उसे ईश्वर कि वाणी समझ के मान लिया | उदाहरण के लिए *छुआ-छूत* को कुछ लोग शास्त्र सम्मत कहते हैं | . 'कुछ व्यक्ति कहते हैं कि शास्त्रों मे तो शुद्रो को नीच बताया गया है, . क्या वेद सुनने मात्र से शुद्रो के कानो मे शीशा डाल देना चाहिए और छोटी-छोटी गलतियों मे भी उन्हें मृत्यु दण्ड दे देना चाहिए ? क्या ऐसी बाते शास्त्रों मे लिखी हुई है ? . क्या विदेशी आक्रान्ताओं ने हहांरे धर्म ग्रंथों मे मिलावट किया, इसलिए हम लम्बे काल तक गुलाम बने रहे और आज भी मानसिक गुलाम बने हुए हैं ? . क्या हमारे ही घर के कुछ कुटील व्यक्तियों ने अपने वंश को लाभ पहुंचाने के लिए शास्त्रों मे प्रक्षेप किया ? इस video मे *ब्राह्मण*, *क्षत्रिय*, *वैश्य*, *शुद्र* विषय मे सटीक जानकारी दी गयी है और वो भी *विशुद्ध मनुस्मृति* के अनुसार, जिसके द्वारा इस विषय से संबंधित लगभग सभी प्रकार कि शंकाओं का समाधान सभी को मिल सकता है | Team s anshu foundation in RUclips
जाति जन्म के आधार पर है ही नहीं अगर जाति जन्म के आधार पर है तो जन्म कुंडली में वर्ण शब्द क्यों है और जाति शब्द क्यों नहीं और जाति जन्म के आधार पर 1500 साल के बाद आई है गुलामी के समय Thanks Bharat Rahul Arya vedio मै मैं आर्य समाज से हूँ.
यदि कुछ व्यक्ति मिलकर engineer को एक समाज /जाति का नाम देदे लेकिन engineering तो ज्ञान है कर्म है इस ज्ञान को कोई भी व्यक्ति प्राप्त कर सकता है और इस कर्म को कर सकता है । लोगों की अभिव्यक्ति है अपने समाज का नाम रखने का ।
Pandit Ji 2021 chal raha hai Jhooth bolna band kar den kabhi kisi aadami ke Munh Se Koi Paida Hota Hai Kya aap apne aap Socho kya aapane ya aapke Baap Dada Ne kabhi Dekha Hai Ki Munh se Paida Hua Maine to Aurat ke pet Se Nikalte Hue Dekhe Hain bacche
जब तक समाज मे एकता , समानता , आपसी प्रेम और भाईचारा नही होगा तब तक किसी समस्या का कोई समाधान नही हो सकता .... वर्तमान सवैधानिक व्यवस्था में कोई सफाईकर्मी तभी तक सफाईकर्मी है , जब वह सफाई करने अपने कार्य पर निकलता है , उसके कार्य 8 घण्टे समाप्त हो जाने पर वह केवल भारतीय है , भारत का एक नागरिक मेरी और आपकी ही तरह ..... कोई भेदभव व उच्च नीच नही .... धार्मिक व्यवस्था में भी यही होना चाहिये था ..... वर्ण व्यवस्था में दोष यह है कि वर्ण के नाम पर किसी के कार्य से उसकी पहचान को जोड़कर उसे जीवन भर के लिये शुद्र बना देना , वह दिन के 24 घण्टे सप्ताह के सातों दिन साल के 365 दिन सिर्फ शुद्र है उसका कार्य सफाई करना या बाकी तीनो वर्णों की सेवा करना ही है , वह केवल अपने कार्य के समय ही केवल शुद्र नही है , वह खाते , पीते , सोते , उठते , बैठते , यहाँ तक कि रिश्ते नाते निभाते हुए भी शुद्र है , ऐसे में एक बंद वर्ग अपने आप निर्मित हो जाता है ..... यही जातिवाद है ......
yes itni si bat logo ko samj nhi ati or kuch log jankar bhi anjan bane rhna chahte hai .. sanatani ka structure hi varna vevastha hai but muslimo ke dar se hindu idiology ko lana chahte hai hindu idiology me bhagva flag ke niche sabhi caste ke log but hindu idiology fail hai ....sanatani hee hinduism hai
जाति व्यवस्था ब्राह्मणों द्वारा खुद को सामाजिक पदानुक्रम की सबसे ऊंची सीढ़ी पर रखने के लिए बनाई गई एक चतुराईपूर्ण युक्ति है। डॉ. घुर्ये कहते हैं, "जाति भारतीय-आर्य संस्कृति की ब्राह्मणवादी संतान है जिसे गंगा की भूमि में पाला गया और फिर भारत के अन्य भागों में स्थानांतरित कर दिया गया।"
भारत में जातिवाद का मुख्य कारण क्या है?भारत में जाति की समस्या क्या है? भारत में, जाति व्यवस्था के कारण लोगों के साथ भेदभाव किया जाता है। भेदभाव जन्म पर आधारित है, उदाहरण के लिए, समाज में किसी व्यक्ति की स्थिति उसकी जाति से निर्धारित होती है, जिसमें वह पैदा हुआ है, और यही उसकी सामाजिक स्थिति स्थापित करने का एकमात्र मानदंड है। जाति प्रथा का अंत क्यों अनिवार्य है? “जाति व्यवस्था को तोड़ने का उद्देश्य अंतरजातीय भोज और अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देना नहीं था, बल्कि उन धार्मिक धारणाओं को नष्ट करना था जिन पर जाति आधारित थी।” "चातुर्वर्ण्य से अधिक अपमानजनक सामाजिक संगठन की कोई व्यवस्था नहीं हो सकती। यह वह व्यवस्था है जो लोगों को सहायक गतिविधियों से वंचित, पंगु और अपंग बना देती है।"
जाति प्रथा समाज को कैसे बर्बाद कर रही है? इसके कारण संकीर्णना की भावना का प्रसार होता है और सामाजिक , राष्ट्रिय एकता मे बाधा आती है जो कि राष्ट्रिय और आर्थिक प्रगति के लिए आवश्यक है। बङे पेमाने के उद्योग श्रमिको के अभाव मे लाभ प्राप्त नही कर सकते। जाति प्रथा में बेटा पिता के व्यवसाय को अपनाता है , इस व्यवस्था मे पेशे के परिवर्तन की सन्भावना बहुत कम हो जाती है। भारत में जाति व्यवस्था - जातिवाद किसने बनाया?, जाति व्यवस्था ब्राह्मणों द्वारा खुद को सामाजिक पदानुक्रम की सबसे ऊंची सीढ़ी पर रखने के लिए बनाई गई एक चतुराईपूर्ण युक्ति है। डॉ. घुर्ये कहते हैं, "जाति भारतीय-आर्य संस्कृति की ब्राह्मणवादी संतान है जिसे गंगा की भूमि में पाला गया और फिर भारत के अन्य भागों में स्थानांतरित कर दिया गया।
Jay Shree Ganesh bhagwan ki jay jay Shree har har mahadev jay Shree parvti mata ki jay jay Shree Hari vishnu bhagwan ki jay jay Shree mahalxmi mata ki jay jay Shree brahma dev ki jay jay Shree saraswati mata ki jay jay Shree Ram jay Shree hanuman ki jay jay Shree radhe Radhe jay Shree krishan bhagwan ki jay jay Shree shani maharaj ki jay jay Shree Gurudeo Datta maharaj ki jay jay Shree mataji ki jay jay Shree Ram krishan Hari Vittal keshava 👌👌👌👌⚘️🌹🌷🌹🌷🌹👌🙏🙏🙏🙏🙏
Mayank Shah Bharti Sanskriti alag hai aur Veda ka Hindu religion alag hai...kuch logon nay Sanskriti Ko Hindu religion ka part Bana diya.... --------------------+++ Kyun Kay ladki Ko cchedna, tease karna Bharti Sanskriti hai, Krishna nay start Kiya tha.....jaise nahati hui ladkiyon ko cchedna, makkhan churana, Vivah say pahle Prem karna, nangay insaano ki Pooja karna......yeh Bharti Sanskriti hai....Dhyan Rahe ye sab Hindu religion jo Veda nay bataya hain usmay nahi hai balke Baad main kucch logon nay isay religion main daal diya
Janm patrika ya horoscope me jo Varn likha jata hai oj kya hai? Agar dhyan se dekha jaye to muze lagata hai varn vyavstha janm ke samay jo usaka varn hai , usake pure life time me usake kary ya kaam karane ki natural tendency usake varn ke anusar honge.
वर्ण व्यवस्था की सही जानकारी के लिए आपका धन्यवाद ।
आज हम इस भाग दौड़ वाली जीवन मे इतने खो से गये हैं कि जैसे ही धर्म का नाम सुनते हैं, हमें लगता है कि यह धरम-वरम तो सब व्यर्थ की बाते हैं, हम सोचने लगते हैं कि समाज मे जितनी भी कुरीतियां हैं वो सब धर्म के कारण ही आयी है और कुछ पोप-पंडो/प्रवचन कर्ताओं की बातों से ऐसा प्रतीत भी होता है कि अन्धविश्वास तो धर्म के कारण ही पनपता है |
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किन्तु समस्या यहाँ हो जाती है कि हमने कभी धर्म की वास्तविकता को न ही अच्छे से समझा और न ही समझने हेतु उचित प्रयास किया और जैसा प्रवचन कर्ताओं ने कहा उसे ईश्वर कि वाणी समझ के मान लिया |
उदाहरण के लिए *छुआ-छूत* को कुछ लोग शास्त्र सम्मत कहते हैं |
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'कुछ व्यक्ति कहते हैं कि शास्त्रों मे तो शुद्रो को नीच बताया गया है,
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क्या वेद सुनने मात्र से शुद्रो के कानो मे शीशा डाल देना चाहिए और छोटी-छोटी गलतियों मे भी उन्हें मृत्यु दण्ड दे देना चाहिए ?
क्या ऐसी बाते शास्त्रों मे लिखी हुई है ?
.
क्या विदेशी आक्रान्ताओं ने हहांरे धर्म ग्रंथों मे मिलावट किया, इसलिए हम लम्बे काल तक गुलाम बने रहे और आज भी मानसिक गुलाम बने हुए हैं ?
.
क्या हमारे ही घर के कुछ कुटील व्यक्तियों ने अपने वंश को लाभ पहुंचाने के लिए शास्त्रों मे प्रक्षेप किया ?
इस video मे *ब्राह्मण*, *क्षत्रिय*, *वैश्य*, *शुद्र* विषय मे सटीक जानकारी दी गयी है और वो भी *विशुद्ध मनुस्मृति* के अनुसार, जिसके द्वारा इस विषय से संबंधित लगभग सभी प्रकार कि शंकाओं का समाधान सभी को मिल सकता है |
Team s anshu foundation in RUclips
Jute khane ke baad bhi insan soche jute marne vala achha hai
जाति जन्म के आधार पर है ही नहीं अगर जाति जन्म के आधार पर है तो जन्म कुंडली में वर्ण शब्द क्यों है और जाति शब्द क्यों नहीं और जाति जन्म के आधार पर 1500 साल के बाद आई है गुलामी के समय Thanks Bharat Rahul Arya vedio मै मैं आर्य समाज से हूँ.
धन्यवाद् गुरूजी 😊
बहुत अच्छा समझाया आपने
Randomly opened this aur bahut seekhne mila❤
यदि कुछ व्यक्ति मिलकर engineer को एक समाज /जाति का नाम देदे लेकिन engineering तो ज्ञान है कर्म है इस ज्ञान को कोई भी व्यक्ति प्राप्त कर सकता है और इस कर्म को कर सकता है । लोगों की अभिव्यक्ति है अपने समाज का नाम रखने का ।
Pandit Ji Brahma ji mein kaun sa gun Tha Jo apni Patrika ke sath balatkar Kiya Usi ke Mukh Se to aap Paida hue hain
Pandit Ji 2021 chal raha hai Jhooth bolna band kar den kabhi kisi aadami ke Munh Se Koi Paida Hota Hai Kya aap apne aap Socho kya aapane ya aapke Baap Dada Ne kabhi Dekha Hai Ki Munh se Paida Hua Maine to Aurat ke pet Se Nikalte Hue Dekhe Hain bacche
परीक्षा उपयोगी ज्ञान
साधुवाद.....
जब तक समाज मे एकता , समानता , आपसी प्रेम और भाईचारा नही होगा तब तक किसी समस्या का कोई समाधान नही हो सकता ....
वर्तमान सवैधानिक व्यवस्था में कोई सफाईकर्मी तभी तक सफाईकर्मी है , जब वह सफाई करने अपने कार्य पर निकलता है , उसके कार्य 8 घण्टे समाप्त हो जाने पर वह केवल भारतीय है , भारत का एक नागरिक मेरी और आपकी ही तरह ..... कोई भेदभव व उच्च नीच नही .... धार्मिक व्यवस्था में भी यही होना चाहिये था .....
वर्ण व्यवस्था में दोष यह है कि वर्ण के नाम पर किसी के कार्य से उसकी पहचान को जोड़कर उसे जीवन भर के लिये शुद्र बना देना , वह दिन के 24 घण्टे सप्ताह के सातों दिन साल के 365 दिन सिर्फ शुद्र है उसका कार्य सफाई करना या बाकी तीनो वर्णों की सेवा करना ही है , वह केवल अपने कार्य के समय ही केवल शुद्र नही है , वह खाते , पीते , सोते , उठते , बैठते , यहाँ तक कि रिश्ते नाते निभाते हुए भी शुद्र है , ऐसे में एक बंद वर्ग अपने आप निर्मित हो जाता है ..... यही जातिवाद है ......
yes itni si bat logo ko samj nhi ati or kuch log jankar bhi anjan bane rhna chahte hai .. sanatani ka structure hi varna vevastha hai but muslimo ke dar se hindu idiology ko lana chahte hai hindu idiology me bhagva flag ke niche sabhi caste ke log but hindu idiology fail hai ....sanatani hee hinduism hai
Bahut hi achchha byakhya sunneko mila aapko bahut bahut dhanyabad
Apne bahut acche samjha hai thanks to you
Sir kya baat hai kya mast prate ho 😊😊😊😊
Bahot sunndr sir
जाति व्यवस्था ब्राह्मणों द्वारा खुद को सामाजिक पदानुक्रम की सबसे ऊंची सीढ़ी पर रखने के लिए बनाई गई एक चतुराईपूर्ण युक्ति है। डॉ. घुर्ये कहते हैं, "जाति भारतीय-आर्य संस्कृति की ब्राह्मणवादी संतान है जिसे गंगा की भूमि में पाला गया और फिर भारत के अन्य भागों में स्थानांतरित कर दिया गया।"
Bahut अच्छा explain kiye ho aap ❤
Namaste sir your teaching very well done very good
बहुत बढ़िया जानकारी जय श्री राम,🙏🚩
Sir aap bahut badiya samjhate hai,✍️✍️✍️✍️✍️
thank you so much bahooot achhe se aasani se samjh aaya ❤
Sir varna vala explanation thik nhi h baki pura lecture ek dum sahi hai
Bahut badiya samjhaya aapne.thank you sir
Thank you 😊😊😊
शेर जन्म से शेर होता है या कर्म से?
Well done Sir bahot khub mujhe pta nhi tha is bare me jada
अति उत्तम
Acchi video lagi keep it up..😉😉
Bahut hi achhe se aap samjhate hai
Nice video hai sir ji
Thanks
Dob29-08-1991 time-9:30pm place-Amgaon, Gondia, Maharashtra. जय Adhivashi... 👑 🇮🇳🥀 Felling proud shatriya varn, Mesh Rasi, aswni 1 nakshtra, Gan dev...
Thanks sir ji
Baby Gautam
Thank you sir
Thankyou Sir 🙏
Great
Nice sir g thanks 🙏
Thanku sir
Thank u sir
Thank sir
मुझे 1st ग्रैड की तैयारी के लिए सभी वीडियो आपकी क्लास से चाहिए कहाँ पर मिलेंगे या ??
Sky Educare app par dalenge reet exam ke baad se
Mujhe b.a 1st ki tayari karni hai ,?,.aap or video aaise he or video banawo taki humari tayari aache se ho sake.
Good job sir
Thankyou dear sir
bhaut bdia sir ji
Sir mujhe aapki videos achhi lagti hai samjh mein aati hai kya aap ek hindi ki ek video bana denge please sir
aapke karm to Brahmin varn ke hai..... best of luck
Thank you
Nicely Explained
Very nice sir
Thaku sir very nice
Thank you sir very Nice
👌
Thanks sir
Good sirji
Super sir
Super video
वर्ण व्यवस्था अगर कर्म आधारित थी तो मनुस्मृति है।
Bhai nich,thag , dhurat, pakhandi, aadmbari, chhuachhut, aadmbari , dust ,papi ,haramiyo ki bato pr gor mt kro
वर्ण व्यवस्था , intercast marriage
ruclips.net/video/7jLt2eILUEo/видео.html
भारत में जातिवाद का मुख्य कारण क्या है?भारत में जाति की समस्या क्या है?
भारत में, जाति व्यवस्था के कारण लोगों के साथ भेदभाव किया जाता है। भेदभाव जन्म पर आधारित है, उदाहरण के लिए, समाज में किसी व्यक्ति की स्थिति उसकी जाति से निर्धारित होती है, जिसमें वह पैदा हुआ है, और यही उसकी सामाजिक स्थिति स्थापित करने का एकमात्र मानदंड है।
जाति प्रथा का अंत क्यों अनिवार्य है?
“जाति व्यवस्था को तोड़ने का उद्देश्य अंतरजातीय भोज और अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देना नहीं था, बल्कि उन धार्मिक धारणाओं को नष्ट करना था जिन पर जाति आधारित थी।” "चातुर्वर्ण्य से अधिक अपमानजनक सामाजिक संगठन की कोई व्यवस्था नहीं हो सकती। यह वह व्यवस्था है जो लोगों को सहायक गतिविधियों से वंचित, पंगु और अपंग बना देती है।"
जाति प्रथा समाज को कैसे बर्बाद कर रही है?
इसके कारण संकीर्णना की भावना का प्रसार होता है और सामाजिक , राष्ट्रिय एकता मे बाधा आती है जो कि राष्ट्रिय और आर्थिक प्रगति के लिए आवश्यक है। बङे पेमाने के उद्योग श्रमिको के अभाव मे लाभ प्राप्त नही कर सकते। जाति प्रथा में बेटा पिता के व्यवसाय को अपनाता है , इस व्यवस्था मे पेशे के परिवर्तन की सन्भावना बहुत कम हो जाती है।
भारत में जाति व्यवस्था -
जातिवाद किसने बनाया?, जाति व्यवस्था ब्राह्मणों द्वारा खुद को सामाजिक पदानुक्रम की सबसे ऊंची सीढ़ी पर रखने के लिए बनाई गई एक चतुराईपूर्ण युक्ति है। डॉ. घुर्ये कहते हैं, "जाति भारतीय-आर्य संस्कृति की ब्राह्मणवादी संतान है जिसे गंगा की भूमि में पाला गया और फिर भारत के अन्य भागों में स्थानांतरित कर दिया गया।
Me indian army me brigadier hu aur me ek dalit hu
Kese dalit hai bhai tu insan hai ,me ese dharm pr thukta bhi nahi hu
लोहित वर्ण क्षत्रिय में पाया जाता है
👌👌👌👌
ब्राह्राण का सित शुद्र का आसित वर्ण
Sir
Aap ka samjhane ka andaz bhut acha h
Ssc Aspirations vrn bhi hona chaiye 😂
Thank you sir
Pranam sir 🙏 kya aap Hindi ki videos bhi banate hai
Great work 👍👏
Maharishi Vyas ke pitaji dalit se convert hue the.
Happy teachers.day..
Give one example of shudra become Brahmin varna by his work
Valmiki Rushi - Valya koli naam se jaane jaate the , aage unhone Ramayan likha aur Valmiki Rushi ka ashram me adhyan ka kaam unhone kiya tha
VISHWAMITRA🙏
Extramly right...Sir
Nice video sir
Jay Shree Ganesh bhagwan ki jay jay Shree har har mahadev jay Shree parvti mata ki jay jay Shree Hari vishnu bhagwan ki jay jay Shree mahalxmi mata ki jay jay Shree brahma dev ki jay jay Shree saraswati mata ki jay jay Shree Ram jay Shree hanuman ki jay jay Shree radhe Radhe jay Shree krishan bhagwan ki jay jay Shree shani maharaj ki jay jay Shree Gurudeo Datta maharaj ki jay jay Shree mataji ki jay jay Shree Ram krishan Hari Vittal keshava 👌👌👌👌⚘️🌹🌷🌹🌷🌹👌🙏🙏🙏🙏🙏
Thanks sir very nice
अति सुंदरम्
Agar koi sc ias ho to pandit ho jayega
Hm agr uske paas dharmic grantho ka gyaan hoga
varn ko jati me kisne badla
Mnu tha sala vo
Thanku sir btane ke liye 🙏🙏
Jise aj or haj ka pata hi na ho to kya batayega ki barn kya hae pahle aj ok haj ke bare me pata kari tavi to kisi,ko batane ke yog hona
Nice
Mayank Shah
Bharti Sanskriti alag hai aur Veda ka Hindu religion alag hai...kuch logon nay Sanskriti Ko Hindu religion ka part Bana diya....
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Kyun Kay ladki Ko cchedna, tease karna Bharti Sanskriti hai, Krishna nay start Kiya tha.....jaise nahati hui ladkiyon ko cchedna, makkhan churana, Vivah say pahle Prem karna, nangay insaano ki Pooja karna......yeh Bharti Sanskriti hai....Dhyan Rahe ye sab Hindu religion jo Veda nay bataya hain usmay nahi hai balke Baad main kucch logon nay isay religion main daal diya
Bhai bahut acha aapne bataya but ye sab kitabi bate sahi bat to aapne bataya hi nhi
ब्राह्मण आदिवासी
Reproduction by fusion of gametes only
plz share
Nice sir
Ans share also
Kya Sar aap is Baat Se sahmat Hain Ki Kisi Purush se Kisi Ka Janm ho sakta hai
Varna vyavsta ashram
Barna byabastha to hai.ushme chhota bada Kya hai? Barna utpati ke bareme Jo barnan hua hai oh Kya biswas yogya hota hai ? Thanks
Sr varn vyvstha ka ulekh srwprthm kha milta h plz bty
Ek deen phle pd rhi hu kl paper h 😂
Varn ka kya arth hai
इसकी सही जानकारी प्राप्त करें
घन सु शयाम सु ,सु का कया मतलब है sir
kon sa insaan virat purush k kis part se nikla hai ye kaise pta chalega???...
Virat purush ki stree nahi thi to purush ko dilevry karvani padi
गुरु जी गीता का द्वितीया अधयाय का विडियो डालो
189 Rollno.
5 varn hai
Galat bta rha hai
Ise follow hi kyu krna hai apne fayde ke liye bnai gyi hai
Janm patrika ya horoscope me jo Varn likha jata hai oj kya hai?
Agar dhyan se dekha jaye to muze lagata hai varn vyavstha janm ke samay jo usaka varn hai , usake pure life time me usake kary ya kaam karane ki natural tendency usake varn ke anusar honge.
Sir aapaka video Marathi me banaye
Paida hone ka Marg hi Badal diye manu
Manu thag , dhurat, pakhandi, aadmbari andhavisvasi , chhuachhut ,unch nich vala papi hrami tha