मैं बस्तर का आदिवासी हूं और गोंडी जानता हूं ( दांत को गोंडी में पल बोला जाता है और इसका बहुवचन पल्क/ पल्क पेरेक होता है हड़प्पा काल में जो दांत के लिए शब्द इस्तेमाल होता था (पेरू ) जो कि गोंडी द्रविड़ भाषा मैं काफी समानता है
@@rmx400 gond , koya ki up jaatiya kai hai. Mujhe pata hai ap jharkhand ke aadivasi hai. Aur kuduk boli me bahut se gondi shabd milte hai jaise ,, ekra bara kuduk / ee vara gondi ,, (dono ka arth yaha aao hota hai )eska matlab aap samjhiye . Gondo ka vibhajan kitna hua hoga. Hm sab aadivasi ek hain ..but problem is ...mera bada jaat , tera bada jaat . Esi me uljhe hai . Ab samay aa gaya aage ki sochne ki.
सर जी आप का जानकारी बहुत अच्छा लगा...चुँकि इस लिपि को कापी हद तक डा. मोतिरावेन कँगाली जी ने गोँडी लिपि या गोँडी भाषा को माध्यम बना कर पढा गया है ।और यही सच है चूँकि गोडी भाषा एक आदिवासी भाषा है इस लिये डा. मोतिरावेन कँगाली जी के दावे को नकारा जा रहा है...... हमे नहीं भुलना चाहिए की भारत का प्राचीन क्षेत्र गोँडवाना क्षेत्र रह..
सिंधु लिपि का अनुवाद कर लिया गया है। महाराष्ट्र के द्रविण गोंडी भाषा के जानकार एवं शोधकर्ता 'मोतीरावेन कंगाली' द्वारा। करीब 719 शब्दों को पढ़ा गया जिसपर एक किताब भी प्रकाशित है। youtube पर उनका interview भी है। कैसे पढ़ और लिख सकते हैं, ये भी बोर्ड में समझाकर बताया गया है।
11:57 Yog "Hindi" shabd hain!? 🤐🙏🏾 Doordarshan- TV was Invented in India 🙄 Hindi Mughalia Urdu main Awadhi ko ghusedkay banaya gaya khichdi hain. Amir Khusrou is the father of Hindi. Hunnu-Ghora allies ke saath bath karne ke liye Mughalia/Mongholia masters ne ise banaya thaa. Which is why Pakistanis (Islamic Hunnu-Ghori) can understand you better than South Indians! Even Deccani/South Indian Urdu ( Trukia ) is different compared to Northern Urdu (Mongholian).
लाखो करोडो वर्षो पुरानी बाते करने वाले सिंधु घटी सब्यता की भाषा नहीं पढे पाए जो महसूस 3.5 हजार वर्ष पुरानी है इस्का मतलाब सिंधु घटी सब्यता के लोग हमारे मूल निवासी है।
@@DheerajKumar-wi3oo kyu tum log sabko hindu bana ne mai lage ho logo ka dharmantr kr ne k liye pani ki tarah paisa baha re ho...taki iss desh ka itihaas Hindu ideology se dekh paye
कौन कहता हैं कि अभी तक सिन्धु लिपी पढ़ी नही जा सकी.? प्रोफ़ेसर डॉ. मोती रावन कंगाली जी ने पढ़ भी लिया है और उसपे एक किताब भी लिखी है " सैंधवी भाषा का गोंडी मे उद्वाचन"
ललंटोप से निवेदन है एक बार सिंधुघाटी सभ्यता के संबंध मे डॉ. मोति रावण कंगाली साहब के टीम मिल लेना चाहिए क्योंकि यह हमेशा से ही डॉक्टर मोती रावण कंगाली साहब और उनके टीम सिंधुघाटी सभ्यता के लिपि को पढ़ने की दावा करते रहे है। आपको मोती रावण कंगाली साहब की पूरी जानकारी यूट्यूब के माध्यम से मिल जायेगी।
Bhai sab log bharat ko jodne ka prayash kar rahe hai or aap log ye sab propogenda phailane ka prayash kar rahe hain , yaar agar Aryan Invision sahi bhi hai to kya , ham lad kar jaye , ab to ham ek ho jayen
Bhai ye bat kisi ko alag krne ki nhi hai jo sahi hai history ujagar krne ki hai isme galat kya hai or rahi bat Aryan invasion theory ki wo sahi hai to hai or galat hai to hai hume sirf sach Jana hai baki kuch nhi e@@shubhamtripathi9767
@@dewendrapratapsingh2803 Kitne tym purana h ye . Padha ja chuka h .. Abhi tk check hi kr rhe h vo Hamare sanskriti m bhi h pato m bhi h .. Sb pta chlta h ki vo sabhyata aadiwasiyo ki h ... Lekin ni manenge 🙂 Koi or decode krna to 🙂 Abhi tk official decode ho jata .. Is video m jo bhi bol ra h sb hamari gondi lipi s mil ra h bt ni manenge
स्व.मोती राम कंगाली ने सैन्धवि भाषा का गोंडी भाषा में मिलान किया है ।दोनों भाषाओं में बहुत हद तक समरसता है । फिर भी पश्चिमी भाषा विद इसका संज्ञान नहीं ले रहे है क्योंकि गोंडी आज की आदिवासी संस्कृति मानी जाती है ।संकृत के भाषा विज्ञ तो संस्कृत के अलावा अन्य किसी भाषा या संस्कृति के अस्तित्व को मानने को तैयार ही नहीं। इससे उनकी प्राचीनता पर प्रश्रचिन्ह जो लगता है ..
Isi lallantop ne bataya tha ki tamil aur sanskrit se bhi purani bhasha bharat me sindhu ghati sabhyata me mili hai...aur yeh lalantop video shayad hata liya gaya hai.shayda kisi ko raas nhi aaya hoga
पर संकृत का सबूत के नाम पर एक ढेला नही मिल रहा। जिस भाषा को आप सब से पुरानी साबित करने पर तुले हो उसका ऑफिशल सबूत भारत सरकार ने यूनेस्को को जो दिया है वो 1464 का एक भोजपत्र दिया है।
@@humanityfirst2870 hamare bahot sare vedic texts , manatras sanskrit me likhe hue hai . Rig ved i.e world 's oldest religious texts were written in vedic Sanskrit.
@@divyanshsingh9138 सिर्फ बाते। इसको मान्यतावादी सबूत बोलते है। बस हम मनाते है तुम भी मान लो। पर कोई उत्खनन सबूत कोई शिलालेख कुछ नही वो कुछ नही मिला हम बोलते है यही सबूत है। 😀😀😀😀
Puri duniya k researchers usko nahi padh paa rahe hai... Jinke pass harr technology aur knowledge hai... Aur tere uss gand vidvaan ne usko padh liya 😂 wahhh
@@72hooren67 एक व्यक्ति जिसका नाम बाबा साहेब...तुम जैसी नीची सोच रखने वाले लोगो ने इतना परेशान किया इतना परेशान किया की...उन्होंने तुम जैसे लोगो के पिछवाड़े मे ऐसा गाजर दे दिया की आज भी तुम लोगो को दर्द कर रहा है 😂😂😂😂😂
Motiravan kangali and dr salame (historians) already tried to decode it with the help of gondi language... Other historians need to come forward to took their work forward.... But no media attention they get till now...
@@rahultekam2307 that's already been done long ago, even with Dravidian languages as well. But no one got any success decoding the language for a century. There were no signs of war as well, so invasion is wrong theory. If Aryans really came here then they would have described their rivers, mountains of Europe, etc. in Rig Veda. But such is not the case. Everything has been tried but it still remain mystery.
सेवा सेवा सभी दर्शक गण,जिज्ञासू शोध कर्ता,अध्ययन कर्ता गण 👏👏 सूचित कीया जाता है की विश्व ऐतिहासिक का दिवस साक्षी था सन 2002 में महाराष्ट्र के नागपूरमें हिंदी साहित्य संमेलन भवन में गोंडवाना के एक ऐतिहासिक महान गण्ड जीवआचार्य एवं लिंगो आचार्य यह परम उपाधी प्राप्त मोतीरावेन कंगा ली जी द्वारा परम संशोधित खोज ग्रन्थ "सैंधवी लिपि का गोंडी में उद्वाचन " इस का प्रकाशन हुवा था. द्रविडपूर्व गोंडी भाषा के मूल रुपग्राम ( Root morphemme ) की सहायता से हडप्पन चित्रलिपी गोंडी भाषा में पढी मोती रावेन कंगाली जी द्वारा अर्थ पुर्ण ढंग से पढी ग ई. हम भी इस प्रकाशन रसम में साक्षी थे. कालांतर में सन 2012 की 22 ऑगस्ट को नागपूर दूरदर्शन में हमे मो.छ.कंगाली जी की ऐतिहासिक अजरामर मुलकात लेने का सौभाग्य प्राप्त हुवा है. यही मुलकात महाराष्ट्र की सह्याद्री दूरदर्शन वाहिनी ने पुन :प्रसारण तारीख 29 ऑगस्ट 2012 को की थी. तिरु माल मोती रावेन कंगाली जी ने हडप्पन चित्रलिपी पढणे के लिए अथक प्रयास करे.यह वैश्विक पहेली हडप्पन चित्रलिपी पढना आसान भी नहीं था. उन्होने इसके पूर्व गोंडी भाषा शब्द कोष भाग -1 और भाषा 2,गोंडी भाषा रचना और व्याकरण,और हिंदी से गोंडी शब्द कोष,गोंडी सिखिए लिपि बद्ध कर प्रकाशित किए थे ,. उनकी बृहत गोंडवाना की संपूर्ण संपदा ग्रन्थ " पारी कुपार लिंगो गोंडी पुनेम दर्शन " जिसमे गोंड समुदाय के सामाजिक,धार्मिक सांस्कृतिक मुल्ल्ये अधिक गह राई पूर्वक समाहीत किए है गोंडवाना का सांस्कृतिक इतिहास,गोंड समुदाय का मूलनिवास स्थल परिचय आदि 25 से भी ज्यादा ग्रन्थ संपदा लिपिबद्ध है. दिनांक 30 ऑक्टॉबर 2015 को वे इस दुनिया से प्रचंड गोंडी साहित्य छोड कर चले ग ए. उन्ही का कार्य आगे बढाने का जिम्मा हमने लिए उनका वारसा उपलब्धी दुनिया में शहर शहर ग्राम ग्राम में.. उनकी समस्त गोंडी साहित्त्य संपदा ग्रन्थ हमारे पास उपलब्ध है बिक्री हेतू जिज्ञासू कृपया हमारा व्हाट्सअप मोबाईल नंबर 9922475025 पर संपर्क करे. मो.छ. कंगाली द्वारा हडप्पन चित्रलिपी गोंडी में उद्वाचन के विश्लेषक एवं प्रचार की भूमिका में हम वर्तमान में कार्यरत है. जय सेवा प्रकाश नामदेवराव लिलाबाई सलामे उमोदाई कोट जिसे वर्तमान अमरावती जिला मुख्यालय कहते है. संक्षिप्त आलेख पढणे के लिए बहुत बहुत सेवा सेवा धन्यवाद. दर्शक गण हमसे जुडकर रहे संवाद करे 👏👏💐💐💥💥 🤝✍🏿👏👍👑
3500-4000 वर्ष पूर्व की सिंधु - हड्डप्पन घाटी सभ्यता की भाषा पढ़ने में क्या परेशानी है और अभी तक क्यों नही पढ़ी जा सकी, वो तो संस्कृत होगी ना? संस्कृत तो बहुत पहले से है जिसमे वेद, पुराण, रामायण और महाभारत लिखे गए, ऐसा लोग कहते हैं, तो सिंधु घाटी सभ्यता की भाषा पढ़ी क्यों नही जा सकी? तब कोई संस्कृत थी ही नही। भारत की सबसे पुरानी भाषा जो अभी तक खोजी गई, वो पाली ही है, जिससे संस्कृत बनी।
are bhai jo abhi jo sanskrit language hai wo devanagari lipi me likha jata hai usse pahle brahmi lipi me likha jata tha, usse pehle kisi or dusre lipi me likha jata hoga. abhi mai kaise hindi Roman lipi me likh raha hu..
@@DheerajKumar-wi3oo अच्छा? संस्कृत तो बहुत पहले से है क्योंकि वेद, पुराण, रामायण और महाभारत भी संस्कृत में लिखे गए हैं तो तब की संस्कृत लिखने का भी कोई प्रमाण होगा। और ये जितने भी किताबें हैं वो तो हिंद धर्म के अनुसार सिंधू सभ्यता के समय से भी पहले लिखे जा चुके हैं जिसमे वेद तो 1 अरब 96 करोड़ साल पहले लिखे जा चुके हैं। तो तब की किताबें संस्कृत में थी, तो ये लिपि क्यों नही पढ़ी जा रही? ये लिपि भी तो संस्कृत में होगी, नही? असल में संस्कृत पाली और प्राकृत भाषा का ही संशोधित रूप है। और ये संस्कृत भी 1000-1500 साल पहले ही चलन में आई, तभी ये सारी किताबें लिखी गई।
@𝙜𝙖𝙙𝙝𝙫𝙞 अपने नाम की तरह ही मनगढ़ंत बातों पर विश्वास करने वाला तू गं डुआ है गं डवी । इंडो आर्यन , क्या लॉजिक है। इंडो आर्यन कोन था भाई? सना टुन्नी लोगों के चैनल देख कर तुम लॉजिक की बात करते हो। संस्कृत से पाली बनी है, अच्छा? तो जितने भी अभिलेख आज तक archeological survey में मिले हैं, उसमें पाली भाषा ही मिलती है, संस्कृत क्यों नही? और बुद्ध की तो मैने बात ही नही की। वैसे अब तूने बात की ही है टुन्नी, तो एक बात बता, बुद्ध के समयकाल के दौरान और उनके पश्चात पाली भाषा में ही अभिलेख मिले हैं तो तब संस्कृत कहां थी और क्यों प्रयोग नही की गई? संस्कृत का कोई प्रमाण 3500-4000 साल पहले का या उससे बाद का भी 2600-3000 साल पहले का क्यों नही मिलता, जबकि पाली प्राकृत भाषा का तो मिलता है। और तेरे सबसे पुराने वेद जो गेंडु धर्म के अनुसार 1 अरब 96 करोड़ साल पहले लिखे गए हैं, यूनेस्को में जिसे तू सबूत कह रहा है कि यूनेस्को ने माना है, यूनेस्को ने उसे certified नही किया है, समझता नही होगा अंग्रेजी तो, मै बताता हूं। अब ज़रा थोड़ा सा पढ़ा लिखा होगा तो जाकर रिसर्च चैक करना। ये जो वेद की प्रतिलिपि दी गई थी यूनेस्को को, वो भारत से दो लोगों ने ये दावा करके भेजा था कि "ये हजारों करोड़ो साल पुरानी है, सबसे पुरानी लिपि है"। तो यूनेस्को ने उसे claim लिस्ट में डाल दिया, certified नही किया। और जब चैक किया, carbon dating technology समझता है कुछ? कैसे समझेगा, तेरे वेद पुराण में तो इसी जिक्र ही नही है। जब यूनेस्को ने चैक किया तो वो प्रतिलिपि 1464 AD पुरानी निकली। क्या गजब बेज्जती। अब ये मत कहना कि AD का मतलब तो बहुत पुराना है। वैसे टुन्नी ससुर जी, आपके धर्म का नाम क्या है?? 😂
@@DheerajKumar-wi3oo ye khud videsi hai bro , Jo angrejon ne bola usko yah Satya Man kar unko ye Papa papa bolane Lag Gaye Inko Apne Itihaas per Garv Nahin Hota Sab yehi ke hai , Jaise bolte hai ye khud videsi hai
Arr bhai pagal na bano ,khana roz khaoge ,toh healty rahoge ek hi din 4 din ka khaoge toh nikal loge 😁😁😁,coz agar roz do uplaod hone lage toh log koi na koi ek episode chod denge and also looses There interest 👍👍👍😂😂😂
संस्कृत भाषा की उत्पत्ति दक्षिण मध्य युरोपीयन देश से हुई है इसलिए वहां की अनेक भाषाओं में संस्कृत जेसे शब्द पाते जाते हैं। सम्राट अशोक के शिलालेख में भी संस्कृत पायी नहीं जाती। मतलब सिंधु घाटी की सभ्यता और संस्कृत का भी कोई संबंध पाया नहीं जाता इससे यह स्पष्ट होता है कि संस्कृत भाषा आर्य लोग के साथ भारत में आई। आज भी डीएनए संशोधन में केवल १९% लगभग भारतीयो में ही आर्य डीएनए पाया जाता है। शायद सिंधु घाटी के शिलालेख समझ मे आते हैं तो और बातें समझ में आ सकती है।
@@Kavliya ek suvyabasthit nagriya sabhyta ke baad ek gramin vyabastha kese aa sakti hai ye baat mere samjh me nhi aa rhi hai.insan samay ke sath aage badta hai tarraki karta hai nayi technology sikhta hai lekin yha to ek dum ulta ho gya hai.esa lag rha hai kisi ne time ko reverse gear me dal diya ho.
Aryan invasion theory is fake🗣️🗣️🗣️🗣️ ........South Indian kale hai.... But... Jab Maine unko Dekha.... face structure Acha tha and hair bhi... sirf Kale hone se Nahi Ho Jaate.... But respect Africa Puri Duniya Ke Log Africa bana ha....iAryan invasion theory is fake🗣️🗣️🗣️
@@Kavliya according to the research Aryan invasion theory is true. Historians know more than you. I would believe a historian who publishes his research rather than believe a propaganda propagated by a political party.
'Sandhvi lipi ka gondi mein udvachan' book padho. Ab tak jitne logon ne try kiya hai koi Na koi sandhavi lipi ka symbol galat interpret kar dete the ya pura nahi padh paye. Lekin is Book mein sare symbol cover kiye gaye hai aur vah bhi sahi meaning ke sath. Jyada prachar na hone ki vajah se logon ko pata hi nahi ki sandhavi lipi ke symbol Puri tarah se gondi bhasha mein padhi ja chuki hai.
@@bhadwamodi8294 'सैनधवी लिपि का गोंडी में उद्वाचन' (decipherment of indus script in gondi) यह बुक हिंदी और कन्नड़ में प्रकाशित हो चुकी है। कोल्डवेल, जूल ब्लॉख, ग्रियर्सन आदि भाषाविदो ने गोंडी भाषा का अध्ययन कर यह प्रतिपादन किया है की गोंडी यह द्रविड़ परिवार की भाषा होने के बावजूद भी उसमें जो स्वरभेद प्रत्यय और मूल रूपग्राम पाए जाते हैं वे अन्य द्रविडियन भाषाओं से भिन्न है। इसीलिए वह सभी द्रविडियन भाषा की जननी है ऐसा न्यायमूर्ति रानाडे और कोल्डवेल का मत है। सिंधु सभ्यता और उनकी भाषा , द्रविड़ पूर्व भाषा थी। ऐसा डॉक्टर जॉन मार्शल, फादर हेनरी हेरास, जूल ब्लॉख, कोल्डवेल, कोस्केनीएमि, आस्को परपोला, क्नोरोझावा, ए.आर.के झिडे आदि सभी भाषाविदों एवं पुरातत्वविदो का अभिमत है। क्योंकि सिंधु सभ्यता के उत्खनन से पाए गए मोहरो में अंकित पाठों में जिस प्रकार के स्वरभेद चिन्हों का प्रयोग किया जा चुका है, वह मात्र द्रविड़ परिवार की भाषाओं में ही पाया जाता है। गोंडी भाषा द्रविडियन भाषा की जननी थी और कई भाषाविदों ने ये बताया है की सिंधु सभ्यता और उसकी भाषा द्रविड़ पूर्व भाषा थी इसलिए गोंडी भाषा में सैनधवी लिपि का अध्ययन हो पाया।
I like this episode ❤ its very important to decode the Sindhu language because this is most ancient civilizations of indian region. This proves this language is most ancient than Sanskrit the Vedas Geetha are not ancient then mohanjodaro civilization.
They Vedas were when they originated passed down through hymns and chants. The written form of Vedas were dated much later. This proves that Sanskrit as a language originated much earlier than the date of the written form of Vedas. As such one cannot conclude that Sindhu language originated earlier than Sanskrit simply because we don't have enough evidence to show otherwise.
Pl. avoid sentiments while historical truth is analysed and truth given. Very ancient Sindhus civilisation than your language Sanskrit which was improved as a language with borrowing and adopting so many native language aspects after settling in India. Sanskrit means cooked well or gathered and made.
Sindhu lipi ko pada ja chuka hai. Dada moti raven kangali ji ne gondi bhasha me pada hai aur iske bare me unhone likha bhi hai. Sindhu lipi ko sirf gondi bhasha me hi pada ja sakta hai.
Great explanation sir..I am your regular viewer sir...your vedios are very knowledgeable and factual ...and your whole lallantop team have great storytelling technique...
Jis trah aashish sir social list episode m bhut ache se btate h manoranjan krate hue , same aap bhi bhut ache se feel krate ho ye tarikh episode , but aap thode serious hoke btate ho jo history smjhane k liye bhut acha h ❤️❤️ Ese he ache shows bnaye sir ❤️. Or pls regular upload Krna 😅 , chahe uss din kch na bhi hua ho to , ab ye thodi na h ki jis din kch hua h past m to usi din bnaye kch 😅. Mera mtlb ye ki sir daily video post kro ❤️ , kyuki history ache lgne lgi h ab 😅, or esi bahane meri gk bhi strong ho jayegi competition exam k liye 😅
It should be similar to proto Hebrew and middle Egyptian hieroglyphs. All the civilisation used similar symbols to allow traders to read so I’m sure it’s super easy to sort that out. A bull or bail in Hindi is considered to be the alphabet a
*Toxic naam se hi malum padta hai, vish ki bhari matra mein tumhare panch indriyon ke upar asar pada hoga. Turant koi doctor ke pass jana aur ilaj kar vavo.*
Aryan invasion theory is fake🗣️🗣️🗣️🗣️ ........South Indian kale hai.... But... Jab Maine unko Dekha.... face structure Acha tha and hair bhi... sirf Kale hone se Nahi Ho Jaate.... But respect Africa Puri Duniya Ke Log Africa bana ha....iAryan invasion theory is fake🗣️🗣️🗣️
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In today's generation it is an good option to record things either in binary or byte code so that future computers can interpret it. And this won't get changed because computer will always work on electricity and they only understand and will only only understand difference in Voltages i.e binary
@@bhanupratap91 sorry sir you lost the bet. You think we will use quantum computer to store data? Pathetic isn't it. Do you think its easy to keep a quantum computer in superposition? And in reality these computers are nothing in close to use right now. We don't have hardware design. We don't have algorithm for problems. It's actual real life use is 30 years away.
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I don't agree with Nikhil Wath one side inclined journalism, but no doubt he is awesome narrator. I always watch Tarikh episode and share it in family group.
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पुरातत्व सर्वेक्षण एक अद्यतन तकनीकि है जो मात्र लगभग 200वर्ष पुराना है, खुदाई एक सामान्य तकनीकि है,भविष्य में अन्य तकनीकियों के आने से और भी रहस्योद्घाटन होने की सम्भावना है....
Sindhu lipi ko pada ja chuka hai. Dada moti raven kangali ji ne gondi bhasha me pada hai aur iske bare me unhone unki research me likha bhi hai. Iss lipi ko right to left pada aur likha jata hai. Yeh lipi sign language hai ( Chinh lipi ) kyuki uss samay me gondi bhasha Puri tharah se vikasit nhi hua tha par bola jarur jata tha aur samjha jata tha. Sindhu lipi ko sirf gondi bhasha me hi pada ja sakta hai kyuki vo gondi bhasha ka purana version hai aur isse hamare log hi pad sakte hai kyuki vo asal me gondi sabhyata hai jo ki india ki sabse pheli sabhyata hai. Seva Johar
पुरानी द्रविड़ एवं आदिवासी गोंडी लिपि की सहायता से सिंधु लिपि को डिकोड किया जा सकता है इन दोनों लिपियों के शब्दों में सिंधु घाटी लिपि के शब्दों से काफी हद तक समानता है कई शब्द पुरे एक जैसे ही है
@@Bhatti_Saab_7773 ज्यादा लंबे या बड़े लेख नही मिलने की वजह से पूरी तरह समझने में दिक्कतें है कई शब्दो व वाक्यों को कई भाषा ज्ञानियों द्वारा डिकोड किया जा चुका है एवं दो लोगो के द्वारा लगभग पूरी तरह से सिंधु लिपि को इन दो भाषाओं की सहायता से डिकोड किया जा चुका है परंतु कई भाषा ज्ञानियों को उनके अर्थ व उच्चारण स्वीकार नही है मतभेद है
@@nishankbhati3188 अफ्रीका से जो खंड अलग पड़ा है उसे गोंडवाना लेंड ही कहा गया है भाई... और सिंधुगाटी मे एक सील मिला है जिसे पशुपतिनाथ कहकर भ्रमित करते है पर वू गोंडीयों का सरदार था क्योंकि उसने अपने सर पे सिगमोहर पहनता है... सिगमोहर क्या होता है वू जानना है तो गूगल पे सिगमोहर लिख के सर्च करलो मालूम पद जायेगा.....
Thankd for video on Sindhu ghati civilisation.But reason of destruction of Sindhughati civilisation may give light on its script-meaning. In one Veda, it is written Indradev destroyed enemies of Devtas.Was this civilisation without king-hood i.e. Democracy/ peoples' rule? Hope decypher of script will be possible shortly.
Nikhil Sir, Can you please these undeciphered insriptions/seals in document format?? I know that it may not be cup of my tea. But I want to try this. I have done M.A. History. You may be laugh after reading this comment
If any one wants to decode it then study old Tamil , Vedic Sanskrit, old Persian and Gondi language . Indus valley civilization language was related to this language . This statement is based on some scientific research like culture , area , and genetic similarity
मेरा मानना यह है कि सिंधु घाटी सभ्यता बहुत सीमित लोगो के बीच थी। इसलिए मोहरों पर लोगो ने वस्तु विनिमय प्रणाली का वर्णन किया होगा। जैसे 3 मछली के बदले इतना अनाज 1 भैंस के बदले इतनी चीजे इस तरह उन्होने जो देखा उसे अंकित किया। ये उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि ये आज की भाषाओं की तरह विकसित होगी
Sir sindu घाटी की सभ्यता की written inscription kuch kuch गोंडा adivasi yo की inscription se mail khata hai aur buddha period se kuch kuch मेल खाता हैं
किसी पण्डित जी से पूछ लो जिन्हें स्वर्ग नर्क की पूरी जानकारी है आज चाँद ओर शनि ने क्या खाया और कोनसा ग्रह किस दशा में है और किसका भविष्य क्या है तो लिपि भी पड़ सकते होंगे😄😄
Tabhi xhutiyo tum log vhi k vhi ho jaise tmhre baap dada the etne reservation k bad bhi...anuvanshikta padha hoga to pta chalega kyu tum log aaj bhi gobar hi ho..🤪🤪
Austric language! Read the book "the austric civilization of India" by Nityananda Hembram. I hope it will be clarified very soon by Indigenous scholars 👍👍
@DEVVRAT MISHRA The research paper in the journal "Cell" on the genetic findings of the Rakhigarhi site sample says: "We report an ancient genome from the Indus Valley Civilization (IVC). The individual we sequenced fits as a mixture of people related to ancient Iranians (the largest component) and Southeast Asian hunter-gatherers, a unique profile that matches ancient DNA from 11 genetic outliers from sites in Iran and Turkmenistan in cultural communication with the IVC. These individuals had little if any Steppe pastoralist-derived ancestry, showing that it was not ubiquitous in north-west South Asia during the IVC as it is today. The Iranian-related ancestry in the IVC derives from a lineage leading to early Iranian farmers, herders, and hunter-gatherers before their ancestors separated, contradicting the hypothesis that the shared ancestry between early Iranians and South Asians reflects a large-scale spread of western Iranian farmers east. Instead, sampled ancient genomes from the Iranian plateau and IVC descend from different groups of hunter-gatherers who began farming without being connected by substantial movement of people."
@DEVVRAT MISHRA The paper says Ancient Iranians, not Caucasian hunter gatherers. Those two are different gene pools. The paper also says that the IVC sample had no Steppe ancestry that is seen in present-day people of Northwest South Asia.
@@sailendradewan More reliable than that research paper is scientific DNA report published in the nature science magazine in which samples from different castes were collected and scientists from Brahmin caste were also involved in research and all of them confirmed by DNA report that Brahmin thakur and Vysya castes are foreigners their DNA is 99% foreign and their DNA doesn't match with women of their own homes indigenous peoples of Indian subcontinent are only Dravidian Naga women and tribes are according to DNA report because nobody can change DNA of their body
@@amarkhadse4965 The paper in the journal "Science" titled "The formation of human populations in South and Central Asia" states: "The main population of the BMAC carried no ancestry from Steppe pastoralists and did not contribute substantially to later South Asians. However, Steppe pastoralist ancestry appeared in outlier individuals at BMAC sites by the turn of the second millennium BCE around the same time as it appeared on the southern Steppe. Using data from ancient individuals from the Swat Valley of northernmost South Asia, we show that Steppe ancestry then integrated further south in the first half of the second millennium BCE, contributing up to 30% of the ancestry of modern groups in South Asia. The Steppe ancestry in South Asia has the same profile as that in Bronze Age Eastern Europe, tracking a movement of people that affected both regions and that likely spread the unique features shared between Indo-Iranian and Balto-Slavic languages. The primary ancestral population of modern South Asians is a mixture of people related to early Holocene populations of Iran and South Asia that we detect in outlier individuals from two sites in cultural contact with the Indus Valley Civilization (IVC), making it plausible that it was characteristic of the IVC. After the IVC’s decline, this population mixed with northwestern groups with Steppe ancestry to form the “Ancestral North Indians” (ANI) and also mixed with southeastern groups to form the “Ancestral South Indians” (ASI), whose direct descendants today live in tribal groups in southern India. Mixtures of these two post-IVC groups-the ANI and ASI-drive the main gradient of genetic variation in South Asia today." Note: The Bactria Margiana Archaeological Complex (BMAC) lies in modern-day Iran and Turkmenistan.
भारतीय संस्कृति एक आदिवासी संस्कृति हैं...आदिवासी ही भारत के मूल निवासी हैं, सिंधु सभ्यता एक आदिवासी सभ्यता है..और हाँ हड़प्पा की लिपि को पड़ा जा चुका है.. डॉ. मोती रावण कंगाली जी द्वारा..
@@ShikharOfficial inke Abbu Angrej Inko Kuchh theory Dekhe gaye hain 😂😂 Jo Kahate Hain Ki Hindu Yahan Ke Nahin Hai Vah theory isliye banaen Kyunki daliton ka conversion karaya Ja sake Christianity mein
Bhai sahab Is Acripts ke kuch shabad toh hum aaj tak use karte hain. Mainey Inhey Diwali aur karvachauth ke calanders, Villages ki door walls par dekha hai Na Keval North but South ke gharon me bhi....
Bhut acchey aap ney bhut sahi tarikey sey present kiya or Kamal ney bhut acha likha waise history boring lgti hai but yaha pr suna interesting hai .thanks
Reason- Politics and biased agendas. There are many site in central and eastern Indian which are not being researched but has some sort of relation to the IVC.
no the extent of IVC was not until far East India, if there was such sites then it would've been easily exposed by common ppl through social media, yes I know the politics and all, but we are living in India not North Korea, no body is stopping anyone to spread the information on various social media platform's
@@positivelife7633 there are sites and people have pointed it but those sites are seeing the wrath of nature and even the govt is not paying attention or may be neglecting it. Not all sites have to have buildings protruting through earth. There are megaliths in jharkhand claimed to be related to the IVC letf to see the wrath of nature but no one is paying heed not even ASI.
@@kamalkumar7978 I don't agree with this statement of yours if there is a site at least there should be somethings which will not get damaged so easily their top surface might get eroded but I don't think that it will all completely vanish, and merely megalith can't suggest there was IVC there, there could be a settlement of humans in that period, but how would you know that settlement is part of IVC until you don't have any features matching with IVC
मैं बस्तर का आदिवासी हूं और गोंडी जानता हूं ( दांत को गोंडी में पल बोला जाता है और इसका बहुवचन पल्क/ पल्क पेरेक होता है हड़प्पा काल में जो दांत के लिए शब्द इस्तेमाल होता था (पेरू ) जो कि गोंडी द्रविड़ भाषा मैं काफी समानता है
Bastar kaha hai
apki bato mein dam hai
Chhattisgarh
@@rmx400 gond , koya ki up jaatiya kai hai. Mujhe pata hai ap jharkhand ke aadivasi hai. Aur kuduk boli me bahut se gondi shabd milte hai jaise ,, ekra bara kuduk / ee vara gondi ,, (dono ka arth yaha aao hota hai )eska matlab aap samjhiye . Gondo ka vibhajan kitna hua hoga. Hm sab aadivasi ek hain ..but problem is ...mera bada jaat , tera bada jaat . Esi me uljhe hai . Ab samay aa gaya aage ki sochne ki.
यह सभ्यता मूलत गोंडवाना के गोंडो का है हमारे पूर्वज कोयतूर ही इस संस्कृति का सरांकसक थे
जय गोंडवाना
सर जी आप का जानकारी बहुत अच्छा लगा...चुँकि इस लिपि को कापी हद तक डा. मोतिरावेन कँगाली जी ने गोँडी लिपि या गोँडी भाषा को माध्यम बना कर पढा गया है ।और यही सच है चूँकि गोडी भाषा एक आदिवासी भाषा है इस लिये डा. मोतिरावेन कँगाली जी के दावे को नकारा जा रहा है...... हमे नहीं भुलना चाहिए की भारत का प्राचीन क्षेत्र गोँडवाना क्षेत्र रह..
सिंधु लिपि का अनुवाद कर लिया गया है। महाराष्ट्र के द्रविण गोंडी भाषा के जानकार एवं शोधकर्ता 'मोतीरावेन कंगाली' द्वारा। करीब 719 शब्दों को पढ़ा गया जिसपर एक किताब भी प्रकाशित है। youtube पर उनका interview भी है। कैसे पढ़ और लिख सकते हैं, ये भी बोर्ड में समझाकर बताया गया है।
सही कहा
भाई उस वीडियो का लिंक या नाम दो
उनका शोध किसी ने मान्य नहीं किया
तारीख मेरा सबसे पसंदीदा कार्यक्रम है आपके बहुत ही आसान और कम शब्दों में अधिक जानकारी प्राप्त होती है, धन्यवाद।
गोंडी लिपि में सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि को 70-80% तक पढ़ा जा चुका है,
ऐसा मैने सुना है।
Ye gondi lipi kon si hai mene to ajj tak nahi dekhi
@@harishkundal Google Kar lo bhaisab
Falatu bakwas na karo, gondi lipi kya hoti hai? World ke scientist jhoojh gaye ,
ना
@@harishkundal ऐसी कोई लिपी ही नही, 2008 से ये चुतीयापा चालू किया है छत्तीसगड के भटको ने
तथ्यों का बहुत ही अच्छा विश्लेषण करते हैं आप ‘निखिल’ भाई, 💯💯🔥👌। “सौरभ सर” जी के बाद आपके ही videos ज्यादा देखता हूं। अद्भुत जानकारी 👌👌👌👌💕 जय हिन्द
ruclips.net/video/EpHJtc0n6Fs/видео.html
आप दिव्यांशी जी को भूल गए महोदय😊
Bohot accha explanation kiya
11:57 Yog "Hindi" shabd hain!? 🤐🙏🏾
Doordarshan- TV was Invented in India 🙄
Hindi Mughalia Urdu main Awadhi ko ghusedkay banaya gaya khichdi hain.
Amir Khusrou is the father of Hindi.
Hunnu-Ghora allies ke saath bath karne ke liye Mughalia/Mongholia masters ne ise banaya thaa.
Which is why Pakistanis (Islamic Hunnu-Ghori) can understand you better than South Indians!
Even Deccani/South Indian Urdu ( Trukia ) is different compared to Northern Urdu (Mongholian).
Chhattisgarh Bihar Jharkhand Odisha ...these people are black...but racist you call me South Indian
लाखो करोडो वर्षो पुरानी बाते करने वाले सिंधु घटी सब्यता की भाषा नहीं पढे पाए जो महसूस 3.5 हजार वर्ष पुरानी है इस्का मतलाब सिंधु घटी सब्यता के लोग हमारे मूल निवासी है।
Steppe Wale Arya log
Kuch nhi hoga unse
are tum to mulnivashi ho phir tum kyun nahi padh paye
@@DheerajKumar-wi3oo kyuki tum logo ne mulnivasi ko padhne ka adhikar nahi diya, nich banakar hazaro saal tak unka shosan kiya,
@@DheerajKumar-wi3oo kyu tum log sabko hindu bana ne mai lage ho logo ka dharmantr kr ne k liye pani ki tarah paisa baha re ho...taki iss desh ka itihaas Hindu ideology se dekh paye
@@SEVA750 kisi ko hindu banane ki zarurat nahi hai, waise bhi jo hind kush pahari se idhar rahte hai wo sab hindu hai...
कौन कहता हैं कि अभी तक सिन्धु लिपी पढ़ी नही जा सकी.? प्रोफ़ेसर डॉ. मोती रावन कंगाली जी ने पढ़ भी लिया है और उसपे एक किताब भी लिखी है " सैंधवी भाषा का गोंडी मे उद्वाचन"
True
ललंटोप से निवेदन है एक बार सिंधुघाटी सभ्यता के संबंध मे डॉ. मोति रावण कंगाली साहब के टीम मिल लेना चाहिए क्योंकि यह हमेशा से ही डॉक्टर मोती रावण कंगाली साहब और उनके टीम सिंधुघाटी सभ्यता के लिपि को पढ़ने की दावा करते रहे है। आपको मोती रावण कंगाली साहब की पूरी जानकारी यूट्यूब के माध्यम से मिल जायेगी।
Bhai sab log bharat ko jodne ka prayash kar rahe hai or aap log ye sab propogenda phailane ka prayash kar rahe hain , yaar agar Aryan Invision sahi bhi hai to kya , ham lad kar jaye , ab to ham ek ho jayen
Bhai ye bat kisi ko alag krne ki nhi hai jo sahi hai history ujagar krne ki hai isme galat kya hai or rahi bat Aryan invasion theory ki wo sahi hai to hai or galat hai to hai hume sirf sach Jana hai baki kuch nhi e@@shubhamtripathi9767
Sir ,डाः मोतिरावेन कंगाली जी ने अपनी लिखि किताब 'सैंधवी लिपि का गोंडी भाषा में उद्वाचन.' में सिंधुघाटी की लिपिया पढके दिखाया है
ruclips.net/video/xrRp-XlME50/видео.html
Right
Right sir
Jabtak videshi/vam ise man nahi le pramanik nahi mana ja sakta.
@@dewendrapratapsingh2803
Kitne tym purana h ye .
Padha ja chuka h ..
Abhi tk check hi kr rhe h vo
Hamare sanskriti m bhi h pato m bhi h ..
Sb pta chlta h ki vo sabhyata aadiwasiyo ki h ...
Lekin ni manenge 🙂
Koi or decode krna to 🙂
Abhi tk official decode ho jata ..
Is video m jo bhi bol ra h sb hamari gondi lipi s mil ra h bt ni manenge
ये भारतीय संस्कृति है इतनी आसानी से समझ नहीं आयेगी ।। Deep Culture 🙏🏼
brahmano ko is desh se bhaga do sab kuch purani se purani lipi ko padha ja sakta hai
स्व.मोती राम कंगाली ने सैन्धवि भाषा का गोंडी भाषा में मिलान किया है ।दोनों भाषाओं में बहुत हद तक समरसता है । फिर भी पश्चिमी भाषा विद इसका संज्ञान नहीं ले रहे है क्योंकि गोंडी आज की आदिवासी संस्कृति मानी जाती है ।संकृत के भाषा विज्ञ तो संस्कृत के अलावा अन्य किसी भाषा या संस्कृति के अस्तित्व को मानने को तैयार ही नहीं। इससे उनकी प्राचीनता पर प्रश्रचिन्ह जो लगता है ..
Isi lallantop ne bataya tha ki tamil aur sanskrit se bhi purani bhasha bharat me sindhu ghati sabhyata me mili hai...aur yeh lalantop video shayad hata liya gaya hai.shayda kisi ko raas nhi aaya hoga
पर संकृत का सबूत के नाम पर एक ढेला नही मिल रहा। जिस भाषा को आप सब से पुरानी साबित करने पर तुले हो उसका ऑफिशल सबूत भारत सरकार ने यूनेस्को को जो दिया है वो 1464 का एक भोजपत्र दिया है।
@@humanityfirst2870 hamare bahot sare vedic texts , manatras sanskrit me likhe hue hai . Rig ved i.e world 's oldest religious texts were written in vedic Sanskrit.
@@divyanshsingh9138 सिर्फ बाते। इसको मान्यतावादी सबूत बोलते है। बस हम मनाते है तुम भी मान लो। पर कोई उत्खनन सबूत कोई शिलालेख कुछ नही वो कुछ नही मिला हम बोलते है यही सबूत है। 😀😀😀😀
You are tight prakash sir
लिपी एक गोंड विद्वान ने पढ़ ली है।
लेकिन जनेऊ इस्टाब्लिशमेंट उसे मान नहीं रही क्योंकि वह उसके पक्ष में नहीं।
Reservation Vidhvan ne paddi hoggi
Bheem wale Reservation badane ki
Mang kar rahe hain .🤣😂
हाँ २०१४ से पहले यही लोग थे ना चोंधरमल 😂😂तब तो थे ना तेरे बंधु बांधव ।।
Puri duniya k researchers usko nahi padh paa rahe hai... Jinke pass harr technology aur knowledge hai... Aur tere uss gand vidvaan ne usko padh liya 😂 wahhh
@@72hooren67 एक व्यक्ति जिसका नाम बाबा साहेब...तुम जैसी नीची सोच रखने वाले लोगो ने इतना परेशान किया इतना परेशान किया की...उन्होंने तुम जैसे लोगो के पिछवाड़े मे ऐसा गाजर दे दिया की आज भी तुम लोगो को दर्द कर रहा है 😂😂😂😂😂
@@manishpandey2980 तुम्हारी इतनी गांड क्यों जल गई बेटा तुम लोगो का काल्पनिक देवी देवता और तुम भ्राह्मण विदेशी साबित हो रहे हो इससे इस लिये 😂😂😂😂.
You can decode it with the help of tribal language in India... So many tribal researchers done it but didnt get any media attention
nahi bhaii Dravidian language me mil sakta hai.
I agree karna chahiye
Maine bhi yahi kaha hai ki ak Baar gondian bhasha Ko bhi telly karna chahiye kisi expert Ko sath y
Motiravan kangali and dr salame (historians) already tried to decode it with the help of gondi language... Other historians need to come forward to took their work forward.... But no media attention they get till now...
@@rahultekam2307 that's already been done long ago, even with Dravidian languages as well. But no one got any success decoding the language for a century. There were no signs of war as well, so invasion is wrong theory. If Aryans really came here then they would have described their rivers, mountains of Europe, etc. in Rig Veda. But such is not the case. Everything has been tried but it still remain mystery.
सेवा सेवा सभी दर्शक गण,जिज्ञासू शोध कर्ता,अध्ययन कर्ता गण
👏👏
सूचित कीया जाता है की विश्व ऐतिहासिक का दिवस साक्षी था सन 2002 में महाराष्ट्र के नागपूरमें हिंदी साहित्य संमेलन भवन में गोंडवाना के एक ऐतिहासिक महान गण्ड जीवआचार्य एवं लिंगो आचार्य यह परम उपाधी प्राप्त मोतीरावेन कंगा ली जी द्वारा परम संशोधित खोज ग्रन्थ "सैंधवी लिपि का गोंडी में
उद्वाचन " इस का प्रकाशन हुवा था. द्रविडपूर्व गोंडी भाषा के मूल रुपग्राम ( Root morphemme ) की सहायता से हडप्पन चित्रलिपी गोंडी भाषा में पढी मोती रावेन कंगाली जी द्वारा अर्थ पुर्ण ढंग से पढी ग ई. हम भी इस प्रकाशन रसम में साक्षी थे. कालांतर में सन 2012 की 22 ऑगस्ट को नागपूर दूरदर्शन में हमे मो.छ.कंगाली जी की ऐतिहासिक अजरामर मुलकात लेने का सौभाग्य प्राप्त हुवा है. यही मुलकात महाराष्ट्र की सह्याद्री दूरदर्शन वाहिनी ने पुन :प्रसारण तारीख 29 ऑगस्ट 2012 को की थी. तिरु माल मोती रावेन कंगाली जी ने हडप्पन चित्रलिपी पढणे के लिए अथक प्रयास करे.यह वैश्विक पहेली हडप्पन चित्रलिपी पढना आसान भी नहीं था. उन्होने इसके पूर्व गोंडी भाषा शब्द कोष भाग -1 और भाषा 2,गोंडी भाषा रचना और व्याकरण,और हिंदी से गोंडी शब्द कोष,गोंडी सिखिए लिपि बद्ध कर प्रकाशित किए थे ,.
उनकी बृहत गोंडवाना की संपूर्ण संपदा ग्रन्थ " पारी कुपार लिंगो गोंडी पुनेम दर्शन " जिसमे गोंड समुदाय के सामाजिक,धार्मिक सांस्कृतिक मुल्ल्ये अधिक गह राई पूर्वक समाहीत किए है गोंडवाना का सांस्कृतिक इतिहास,गोंड समुदाय का मूलनिवास स्थल परिचय आदि 25 से भी ज्यादा ग्रन्थ संपदा लिपिबद्ध है.
दिनांक 30 ऑक्टॉबर 2015 को वे इस दुनिया से प्रचंड गोंडी साहित्य छोड कर चले ग ए.
उन्ही का कार्य आगे बढाने का जिम्मा हमने लिए उनका वारसा उपलब्धी दुनिया में शहर शहर ग्राम ग्राम में.. उनकी समस्त गोंडी साहित्त्य संपदा ग्रन्थ हमारे पास उपलब्ध है बिक्री हेतू जिज्ञासू कृपया हमारा व्हाट्सअप मोबाईल नंबर 9922475025 पर संपर्क करे. मो.छ. कंगाली द्वारा हडप्पन चित्रलिपी गोंडी में उद्वाचन के विश्लेषक एवं प्रचार की भूमिका में हम वर्तमान में कार्यरत है.
जय सेवा
प्रकाश नामदेवराव लिलाबाई सलामे
उमोदाई कोट जिसे वर्तमान अमरावती जिला मुख्यालय कहते है. संक्षिप्त आलेख पढणे के लिए बहुत बहुत सेवा सेवा धन्यवाद. दर्शक गण हमसे जुडकर रहे संवाद करे
👏👏💐💐💥💥
🤝✍🏿👏👍👑
I love this show very much 😍
Not a single episode missed. 😊
भारत का पुराना साम्राज्य का इतिहास पर भी विडीयो बनाकर प्रस्तुत करें। जरासंध, समाज अशोक, ह्वेनसांग, फाह्यान आदि के बारे मे भी बताने की कृपा करें।
3500-4000 वर्ष पूर्व की सिंधु - हड्डप्पन घाटी सभ्यता की भाषा पढ़ने में क्या परेशानी है और अभी तक क्यों नही पढ़ी जा सकी, वो तो संस्कृत होगी ना? संस्कृत तो बहुत पहले से है जिसमे वेद, पुराण, रामायण और महाभारत लिखे गए, ऐसा लोग कहते हैं, तो सिंधु घाटी सभ्यता की भाषा पढ़ी क्यों नही जा सकी? तब कोई संस्कृत थी ही नही। भारत की सबसे पुरानी भाषा जो अभी तक खोजी गई, वो पाली ही है, जिससे संस्कृत बनी।
are bhai jo abhi jo sanskrit language hai wo devanagari lipi me likha jata hai usse pahle brahmi lipi me likha jata tha, usse pehle kisi or dusre lipi me likha jata hoga. abhi mai kaise hindi Roman lipi me likh raha hu..
@@DheerajKumar-wi3oo अच्छा? संस्कृत तो बहुत पहले से है क्योंकि वेद, पुराण, रामायण और महाभारत भी संस्कृत में लिखे गए हैं तो तब की संस्कृत लिखने का भी कोई प्रमाण होगा। और ये जितने भी किताबें हैं वो तो हिंद धर्म के अनुसार सिंधू सभ्यता के समय से भी पहले लिखे जा चुके हैं जिसमे वेद तो 1 अरब 96 करोड़ साल पहले लिखे जा चुके हैं। तो तब की किताबें संस्कृत में थी, तो ये लिपि क्यों नही पढ़ी जा रही? ये लिपि भी तो संस्कृत में होगी, नही? असल में संस्कृत पाली और प्राकृत भाषा का ही संशोधित रूप है। और ये संस्कृत भी 1000-1500 साल पहले ही चलन में आई, तभी ये सारी किताबें लिखी गई।
@𝙜𝙖𝙙𝙝𝙫𝙞 अपने नाम की तरह ही मनगढ़ंत बातों पर विश्वास करने वाला तू गं डुआ है गं डवी । इंडो आर्यन , क्या लॉजिक है। इंडो आर्यन कोन था भाई? सना टुन्नी लोगों के चैनल देख कर तुम लॉजिक की बात करते हो। संस्कृत से पाली बनी है, अच्छा? तो जितने भी अभिलेख आज तक archeological survey में मिले हैं, उसमें पाली भाषा ही मिलती है, संस्कृत क्यों नही? और बुद्ध की तो मैने बात ही नही की। वैसे अब तूने बात की ही है टुन्नी, तो एक बात बता, बुद्ध के समयकाल के दौरान और उनके पश्चात पाली भाषा में ही अभिलेख मिले हैं तो तब संस्कृत कहां थी और क्यों प्रयोग नही की गई? संस्कृत का कोई प्रमाण 3500-4000 साल पहले का या उससे बाद का भी 2600-3000 साल पहले का क्यों नही मिलता, जबकि पाली प्राकृत भाषा का तो मिलता है। और तेरे सबसे पुराने वेद जो गेंडु धर्म के अनुसार 1 अरब 96 करोड़ साल पहले लिखे गए हैं, यूनेस्को में जिसे तू सबूत कह रहा है कि यूनेस्को ने माना है, यूनेस्को ने उसे certified नही किया है, समझता नही होगा अंग्रेजी तो, मै बताता हूं। अब ज़रा थोड़ा सा पढ़ा लिखा होगा तो जाकर रिसर्च चैक करना। ये जो वेद की प्रतिलिपि दी गई थी यूनेस्को को, वो भारत से दो लोगों ने ये दावा करके भेजा था कि "ये हजारों करोड़ो साल पुरानी है, सबसे पुरानी लिपि है"। तो यूनेस्को ने उसे claim लिस्ट में डाल दिया, certified नही किया। और जब चैक किया, carbon dating technology समझता है कुछ? कैसे समझेगा, तेरे वेद पुराण में तो इसी जिक्र ही नही है। जब यूनेस्को ने चैक किया तो वो प्रतिलिपि 1464 AD पुरानी निकली। क्या गजब बेज्जती। अब ये मत कहना कि AD का मतलब तो बहुत पुराना है। वैसे टुन्नी ससुर जी, आपके धर्म का नाम क्या है?? 😂
@@DheerajKumar-wi3oo aapka kahna thika hai lekin kuch to samajh me aata kon si lipi hai ya nahi।
@@omg2341 wo bahut purani lipi hai or jyadatar symbol me likha hua hai isliye samajhne me mushkil ho rahi ho
बेहतरीन निखिल भाई। तारीख by you is just fabulous..
ऐसे ही उम्दा content और information लाते रहिए।
ruclips.net/video/xrRp-XlME50/видео.html
ruclips.net/video/Z2_CatH3rvI/видео.html do watch and subscribe the channel for weekly current affairs................
सिन्धु घाटी सभयता भारत की मूल सभयता है वैदिक सभयता विदेशी हैं
koi proof
jo indo-aryan theory diya max muller wo khud sure nahi tha wo bola aisa ho sakta hai lekin tumlog sidha judgement hi de dete ho
Sahi kaha
😂😂😂 toda padhai kr le
Bina logica ke gyan
Sindhu logo ke ham santan hai wohi hamare purvaj hai
@@DheerajKumar-wi3oo ye khud videsi hai bro , Jo angrejon ne bola usko yah Satya Man kar unko ye Papa papa bolane Lag Gaye
Inko Apne Itihaas per Garv Nahin Hota
Sab yehi ke hai ,
Jaise bolte hai ye khud videsi hai
I like this tarikh series alot i had listened all the episodes till to the date
I would say you need to upload 2 episodes in a day
Arr bhai pagal na bano ,khana roz khaoge ,toh healty rahoge ek hi din 4 din ka khaoge toh nikal loge 😁😁😁,coz agar roz do uplaod hone lage toh log koi na koi ek episode chod denge and also looses There interest 👍👍👍😂😂😂
संस्कृत भाषा की उत्पत्ति दक्षिण मध्य युरोपीयन देश से हुई है इसलिए वहां की अनेक भाषाओं में संस्कृत जेसे शब्द पाते जाते हैं। सम्राट अशोक के शिलालेख में भी संस्कृत पायी नहीं जाती। मतलब सिंधु घाटी की सभ्यता और संस्कृत का भी कोई संबंध पाया नहीं जाता इससे यह स्पष्ट होता है कि संस्कृत भाषा आर्य लोग के साथ भारत में आई। आज भी डीएनए संशोधन में केवल १९% लगभग भारतीयो में ही आर्य डीएनए पाया जाता है। शायद सिंधु घाटी के शिलालेख समझ मे आते हैं तो और बातें समझ में आ सकती है।
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@@Kavliya ek suvyabasthit nagriya sabhyta ke baad ek gramin vyabastha kese aa sakti hai ye baat mere samjh me nhi aa rhi hai.insan samay ke sath aage badta hai tarraki karta hai nayi technology sikhta hai lekin yha to ek dum ulta ho gya hai.esa lag rha hai kisi ne time ko reverse gear me dal diya ho.
Very informative series and presentation is also commendable
Aryan invasion theory is fake🗣️🗣️🗣️🗣️ ........South Indian kale hai.... But... Jab Maine unko Dekha.... face structure Acha tha and hair bhi... sirf Kale hone se Nahi Ho Jaate.... But respect Africa Puri Duniya Ke Log Africa bana ha....iAryan invasion theory is fake🗣️🗣️🗣️
Chhattisgarh Bihar Jharkhand Odisha ...these people are black...but racist you call me South Indian
@@Kavliya according to the research Aryan invasion theory is true. Historians know more than you. I would believe a historian who publishes his research rather than believe a propaganda propagated by a political party.
Me koi aadiwasi nhi hu lekin Sindhu ghati sabhyata ki language aadiwasio ki bhasha se kafi milti julti thi
Sindhu civilization ke language abi tak de code nhi huwa he bhai to kis adhar pe balra h
70 % decode ho chuka hai brother@@Banjarafitt-u4g
'Sandhvi lipi ka gondi mein udvachan' book padho.
Ab tak jitne logon ne try kiya hai koi Na koi sandhavi lipi ka symbol galat interpret kar dete the ya pura nahi padh paye. Lekin is Book mein sare symbol cover kiye gaye hai aur vah bhi sahi meaning ke sath. Jyada prachar na hone ki vajah se logon ko pata hi nahi ki sandhavi lipi ke symbol Puri tarah se gondi bhasha mein padhi ja chuki hai.
Iska meaning kiya hai
Sandhvi lipi
gondi
udvachan
@@bhadwamodi8294 'सैनधवी लिपि का गोंडी में उद्वाचन' (decipherment of indus script in gondi) यह बुक हिंदी और कन्नड़ में प्रकाशित हो चुकी है।
कोल्डवेल, जूल ब्लॉख, ग्रियर्सन आदि भाषाविदो ने गोंडी भाषा का अध्ययन कर यह प्रतिपादन किया है की गोंडी यह द्रविड़ परिवार की भाषा होने के बावजूद भी उसमें जो स्वरभेद प्रत्यय और मूल रूपग्राम पाए जाते हैं वे अन्य द्रविडियन भाषाओं से भिन्न है। इसीलिए वह सभी द्रविडियन भाषा की जननी है ऐसा न्यायमूर्ति रानाडे और कोल्डवेल का मत है।
सिंधु सभ्यता और उनकी भाषा , द्रविड़ पूर्व भाषा थी। ऐसा डॉक्टर जॉन मार्शल, फादर हेनरी हेरास, जूल ब्लॉख, कोल्डवेल, कोस्केनीएमि, आस्को परपोला, क्नोरोझावा, ए.आर.के झिडे आदि सभी भाषाविदों एवं पुरातत्वविदो का अभिमत है। क्योंकि सिंधु सभ्यता के उत्खनन से पाए गए मोहरो में अंकित पाठों में जिस प्रकार के स्वरभेद चिन्हों का प्रयोग किया जा चुका है, वह मात्र द्रविड़ परिवार की भाषाओं में ही पाया जाता है।
गोंडी भाषा द्रविडियन भाषा की जननी थी और कई भाषाविदों ने ये बताया है की सिंधु सभ्यता और उसकी भाषा द्रविड़ पूर्व भाषा थी इसलिए गोंडी भाषा में सैनधवी लिपि का अध्ययन हो पाया।
सैंधवि लिपि का गोंडी में उद्वाचन
जय गोंडवाना
Bhai iss book ki copy krvake harek school me send kar do
I like this episode ❤ its very important to decode the Sindhu language because this is most ancient civilizations of indian region. This proves this language is most ancient than Sanskrit the Vedas Geetha are not ancient then mohanjodaro civilization.
They Vedas were when they originated passed down through hymns and chants. The written form of Vedas were dated much later. This proves that Sanskrit as a language originated much earlier than the date of the written form of Vedas. As such one cannot conclude that Sindhu language originated earlier than Sanskrit simply because we don't have enough evidence to show otherwise.
@@batmanthedarkknight7213 this applies to other languges also
Pl. avoid sentiments while historical truth is analysed and truth given. Very ancient Sindhus civilisation than your language Sanskrit which was improved as a language with borrowing and adopting so many native language aspects after settling in India. Sanskrit means cooked well or gathered and made.
However Aryans are working hard to revitalise a dead language
बहुत बढीया निखिल भैय्या बहुत अच्छा प्रेझेंटेशन करते हो आप
Sir
Just try to compare with Gond Script. It may useful to find some source to decode Sindhu civilization
Sindhu lipi ko pada ja chuka hai. Dada moti raven kangali ji ne gondi bhasha me pada hai aur iske bare me unhone likha bhi hai. Sindhu lipi ko sirf gondi bhasha me hi pada ja sakta hai.
@@Expqwerty haa bhai hame ab apni pehchan vapas lani h
This was excellent! So good to see such a thorough and well presented video in Hindi 👌👌👌
Waooo sir u r best lallntop explanation u always explain detail history with easy notes
Lallan top ke sabhi Stop....Ekdam lallantop hai .....Sabki voice ekdam ❤️❤️❤️❤️❤️🤞🤞
सिंधू लिपि चित्र लिपि है जिसे गोंडी लिपि से दाये से बाएं पढ़ी जा सकती है। डॉ. मोती रावेन कंगाली ने सिंधु सभ्यता की लिपि पर एक किताब लिखी है।
Agr students aur desh hit me sochne wale log ke kaam ka koi indian e-media hai to sirf aur sirf the lallantop
Thank u the lallantop team
Great explanation sir..I am your regular viewer sir...your vedios are very knowledgeable and factual ...and your whole lallantop team have great storytelling technique...
Gyanvardhak Jankari mili sir....bahut bahut dhanyawad 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Nice informative video specially for competive exams aspirants there is a high chance of questions coming from topics you cover
ruclips.net/video/Z2_CatH3rvI/видео.html do watch and subscribe the channel for weekly current affairs...................
Jis trah aashish sir social list episode m bhut ache se btate h manoranjan krate hue , same aap bhi bhut ache se feel krate ho ye tarikh episode , but aap thode serious hoke btate ho jo history smjhane k liye bhut acha h ❤️❤️
Ese he ache shows bnaye sir ❤️. Or pls regular upload Krna 😅 , chahe uss din kch na bhi hua ho to , ab ye thodi na h ki jis din kch hua h past m to usi din bnaye kch 😅.
Mera mtlb ye ki sir daily video post kro ❤️ , kyuki history ache lgne lgi h ab 😅, or esi bahane meri gk bhi strong ho jayegi competition exam k liye 😅
It should be similar to proto Hebrew and middle Egyptian hieroglyphs. All the civilisation used similar symbols to allow traders to read so I’m sure it’s super easy to sort that out. A bull or bail in Hindi is considered to be the alphabet a
गोंडी भाषा मे जो कुछ जानकर पढ़ लिए है उनका वीडियो बनाए। या सब ये इंतजार कर रहे ही कि इंग्लिश ,संस्कृत मैं पढ़ा जाएगा तभी मान्यता देंगे।
Yahi to bat hai inhe yahi Krna hai
All episodes of lallantop are worth viewing. It will be interesting to have an episode on famous journalists of the world, and their work.
Chhattisgarh Bihar Jharkhand Odisha ...these people are black...but racist you call me South Indian
news padh k mujhe Mere soch pr vishwas hua he ❤️ q ki is topic pe mene 5-6sal pehle one act play Likha he ..log no mujhe pagal samza
Very good sir👍🏻💯.
Science Journy jindabad 🔥🔥🔥
Sanskrit Wale kidhar hain🤣🤣🤣
*Toxic naam se hi malum padta hai, vish ki bhari matra mein tumhare panch indriyon ke upar asar pada hoga. Turant koi doctor ke pass jana aur ilaj kar vavo.*
@@bvshenoy7259 thank for your kind word's 😊.1 baat puchni thi gobar khane se or gomutra pine se apki indriyan to thik se chal rahi hain naa
Kam vigyan ka h isliye vigyan k bhrose hi chhod dena chahiye... Best line
सिंधु लिपि को गोंडी लिपि के द्वारा डॉ मोतिरावेन कंगाली ने पढ़ कर बताया है।
South Indian languages Gondi font already decode Indus valley lipi ancient language Mr. Mitiraven kangali G .
Amazing episode thank you so much the lallantop top and team 🙏💞
Aryan invasion theory is fake🗣️🗣️🗣️🗣️ ........South Indian kale hai.... But... Jab Maine unko Dekha.... face structure Acha tha and hair bhi... sirf Kale hone se Nahi Ho Jaate.... But respect Africa Puri Duniya Ke Log Africa bana ha....iAryan invasion theory is fake🗣️🗣️🗣️
Chhattisgarh Bihar Jharkhand Odisha ...these people are black...but racist you call me South Indian
@@Kavliya 👍
Best video on this topic is on world of antiquity channel of RUclips 😊😊😊😊
Gondi language similar hai.
Indus valley civilization par koi Masterclass jaisa kuch banaye Saurabhbhai
Great information, You & Saurabh hats off… 👌👌❤️
Aryan invasion theory is fake🗣️🗣️🗣️🗣️ ........South Indian kale hai.... But... Jab Maine unko Dekha.... face structure Acha tha and hair bhi... sirf Kale hone se Nahi Ho Jaate.... But respect Africa Puri Duniya Ke Log Africa bana ha....iAryan invasion theory is fake🗣️🗣️🗣️
In today's generation it is an good option to record things either in binary or byte code so that future computers can interpret it.
And this won't get changed because computer will always work on electricity and they only understand and will only only understand difference in Voltages i.e binary
Have you heard about quantum computers, I bet you have not.
@@bhanupratap91 sorry sir you lost the bet.
You think we will use quantum computer to store data? Pathetic isn't it.
Do you think its easy to keep a quantum computer in superposition?
And in reality these computers are nothing in close to use right now.
We don't have hardware design.
We don't have algorithm for problems.
It's actual real life use is 30 years away.
Aryan invasion theory is fake🗣️🗣️🗣️🗣️ ........South Indian kale hai.... But... Jab Maine unko Dekha.... face structure Acha tha and hair bhi... sirf Kale hone se Nahi Ho Jaate.... But respect Africa Puri Duniya Ke Log Africa bana ha....iAryan invasion theory is fake🗣️🗣️🗣️
Chhattisgarh Bihar Jharkhand Odisha ...these people are black...but racist you call me South Indian
I don't agree with Nikhil Wath one side inclined journalism, but no doubt he is awesome narrator.
I always watch Tarikh episode and share it in family group.
Aryan invasion theory is fake🗣️🗣️🗣️🗣️ ........South Indian kale hai.... But... Jab Maine unko Dekha.... face structure Acha tha and hair bhi... sirf Kale hone se Nahi Ho Jaate.... But respect Africa Puri Duniya Ke Log Africa bana ha....iAryan invasion theory is fake🗣️🗣️🗣️
आपको इस कार्यक्रम पर हार्दिक शुभकामनाएं
Thank you so much for doing this. I had commented the same in the previous video regarding IVC.
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Chhattisgarh Bihar Jharkhand Odisha ...these people are black...but racist you call me South Indian
पुरातत्व सर्वेक्षण एक अद्यतन तकनीकि है जो मात्र लगभग 200वर्ष पुराना है, खुदाई एक सामान्य तकनीकि है,भविष्य में अन्य तकनीकियों के आने से और भी रहस्योद्घाटन होने की सम्भावना है....
Sindhu lipi ko pada ja chuka hai. Dada moti raven kangali ji ne gondi bhasha me pada hai aur iske bare me unhone unki research me likha bhi hai. Iss lipi ko right to left pada aur likha jata hai. Yeh lipi sign language hai ( Chinh lipi ) kyuki uss samay me gondi bhasha Puri tharah se vikasit nhi hua tha par bola jarur jata tha aur samjha jata tha. Sindhu lipi ko sirf gondi bhasha me hi pada ja sakta hai kyuki vo gondi bhasha ka purana version hai aur isse hamare log hi pad sakte hai kyuki vo asal me gondi sabhyata hai jo ki india ki sabse pheli sabhyata hai.
Seva Johar
दादा मोती कंगाली का शोध प्रस्तुत करने की कृपा की जाय। इसका सिंधु लिपि के संबंध मे किए गए शोध से हमसबों को परिचित कराने की कृपा की जाय।
संस्कृत से निकालने वाले कहा गए जो हर भाषा को संस्कृत से निकाल देते हैं जो लाखों साल पुरानी है ❤❤
Please read the Gondi Lipi and Research of Dr. Moti Raven Kangali, Ramtek Nagpur.
Kamal sirf sathi.... Aur jeery dost.... Bahut nainsafi h.
AI tools are likely play an important role in deciphering the language
बहुत बढीया निखिल
सर गोंडी लिपि में पढ़ा जा सकता है शिंधू लिपि को
Aapke dwara di gai jankari bahut rochak hai..bahut gyanvardhak vedio banaya aapne..
हम आदिवासी उराँव का भाषा में दांत को पल्ल कहते हैं सर
I'm also kurukh Dravidian tribe 😂
Gondi bhasha me dat ko pal bola jata hai.
सलाम है आप लोगों की इस खोजी प्रवृत्ति को।
पुरानी द्रविड़ एवं आदिवासी गोंडी लिपि की सहायता से सिंधु लिपि को डिकोड किया जा सकता है इन दोनों लिपियों के शब्दों में सिंधु घाटी लिपि के शब्दों से काफी हद तक समानता है कई शब्द पुरे एक जैसे ही है
Guruji apke jaise bahut se gyani log hai is duniya me .
Apko kya lagta hai unhone koshish nahi ki hogi 😂😂😂
Nahi... Esa kai log pehle bhi kar chuke hai... Lekin koi arth nahi nikla
Gondi lipi khud aadhunik hai, gurumukhi, gujarati ka itihas usse poorana hai 😂😂
@@Bhatti_Saab_7773 ज्यादा लंबे या बड़े लेख नही मिलने की वजह से पूरी तरह समझने में दिक्कतें है कई शब्दो व वाक्यों को कई भाषा ज्ञानियों द्वारा डिकोड किया जा चुका है एवं दो लोगो के द्वारा लगभग पूरी तरह से सिंधु लिपि को इन दो भाषाओं की सहायता से डिकोड किया जा चुका है परंतु कई भाषा ज्ञानियों को उनके अर्थ व उच्चारण स्वीकार नही है मतभेद है
@@nishankbhati3188 अफ्रीका से जो खंड अलग पड़ा है उसे गोंडवाना लेंड ही कहा गया है भाई... और सिंधुगाटी मे एक सील मिला है जिसे पशुपतिनाथ कहकर भ्रमित करते है पर वू गोंडीयों का सरदार था क्योंकि उसने अपने सर पे सिगमोहर पहनता है... सिगमोहर क्या होता है वू जानना है तो गूगल पे सिगमोहर लिख के सर्च करलो मालूम पद जायेगा.....
Thankd for video on Sindhu ghati civilisation.But reason of destruction of Sindhughati civilisation may give light on its script-meaning. In one Veda, it is written Indradev destroyed enemies of Devtas.Was this civilisation without king-hood i.e. Democracy/ peoples' rule? Hope decypher of script will be possible shortly.
Nikhil Sir,
Can you please these undeciphered insriptions/seals in document format??
I know that it may not be cup of my tea.
But I want to try this. I have done M.A. History.
You may be laugh after reading this comment
Thanks for your positive attitude
Bahut hi Achcha vishleshan tha aapka
This show is masterpiece by LT.👍♥️
Chhattisgarh Bihar Jharkhand Odisha ...these people are black...but racist you call me South Indian
बहुत ही अच्छा विश्लेषण, तथ्यों का उम्दा समावेश।
Thanks 😊👍🏼 im study of r
Ancient history in Engli
Nm
Maza aata hai yeh videos dekhne may... Is tarh ke informative videos aur banaiyeh
If any one wants to decode it then study old Tamil , Vedic Sanskrit, old Persian and Gondi language . Indus valley civilization language was related to this language .
This statement is based on some scientific research like culture , area , and genetic similarity
Bahot achha episode 🌟👍
मेरा मानना यह है कि सिंधु घाटी सभ्यता बहुत सीमित लोगो के बीच थी।
इसलिए मोहरों पर लोगो ने वस्तु विनिमय प्रणाली का वर्णन किया होगा।
जैसे 3 मछली के बदले इतना अनाज
1 भैंस के बदले इतनी चीजे इस तरह उन्होने जो देखा उसे अंकित किया।
ये उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि ये आज की भाषाओं की तरह विकसित होगी
Indus civilisation ka area kitna tha agar ye pta hota to ye nhi kahte
Lothal was biggest trade centre in world how can you say that bro
महोदय मै एक नया लिपि बना रखा हूं
जिसे लिखने पर मानसिक , शारीरिक विकस होता है
Excellent! No other word can describe this episode better.
ruclips.net/video/Z2_CatH3rvI/видео.html do watch and subscribe the channel for weekly current affairs................
I wish more and more people start watching these good channels rather than ones who spread rumours and religion hate.
It will be helpful if provided with subtitles
Tq
Sir sindu घाटी की सभ्यता की written inscription kuch kuch गोंडा adivasi yo की inscription se mail khata hai aur buddha period se kuch kuch मेल खाता हैं
किसी पण्डित जी से पूछ लो जिन्हें स्वर्ग नर्क की पूरी जानकारी है आज चाँद ओर शनि ने क्या खाया और कोनसा ग्रह किस दशा में है और किसका भविष्य क्या है तो लिपि भी पड़ सकते होंगे😄😄
Sahi kaha bhai🤣 inko to lipi bhi nahi pata
Tabhi xhutiyo tum log vhi k vhi ho jaise tmhre baap dada the etne reservation k bad bhi...anuvanshikta padha hoga to pta chalega kyu tum log aaj bhi gobar hi ho..🤪🤪
@@hakersu4459 in chutio ne to Ashok k Shilalekh tk nhi padh paye jise ek angrej ne padha🤣🤣
@@amandmx lol us angrej ne bhi pehle Sanskrit Brahmins se hi sikhi hogi idiot
पाखंडी भोंसड़ी वाले पंडित ब्राह्मण 😂
निखिल जी तारीख़ कार्यक्रम अच्छा प्रस्तुत करते हैं ।
Great , Thanks a lot for this 🙏🙏
this is the journalism we need
Austric language! Read the book "the austric civilization of India" by Nityananda Hembram. I hope it will be clarified very soon by Indigenous scholars 👍👍
Lallantop friends, are you going to discuss the genetics of the people of Harappan Civilization in future episodes? That would be very interesting.
The dna of rakhigarhi women matches with mixture of iranian farmer and andamanese dna
@DEVVRAT MISHRA
The research paper in the journal "Cell" on the genetic findings of the Rakhigarhi site sample says:
"We report an ancient genome from the Indus Valley
Civilization (IVC). The individual we sequenced fits as
a mixture of people related to ancient Iranians (the largest component) and Southeast Asian hunter-gatherers, a unique profile that matches ancient DNA from
11 genetic outliers from sites in Iran and Turkmenistan
in cultural communication with the IVC. These individuals had little if any Steppe pastoralist-derived
ancestry, showing that it was not ubiquitous in north-west South Asia during the IVC as it is today. The Iranian-related ancestry in the IVC derives from a lineage
leading to early Iranian farmers, herders, and hunter-gatherers before their ancestors separated, contradicting the hypothesis that the shared ancestry between early Iranians and South Asians reflects a large-scale spread of western Iranian farmers east. Instead, sampled ancient genomes from the Iranian
plateau and IVC descend from different groups of
hunter-gatherers who began farming without being
connected by substantial movement of people."
@DEVVRAT MISHRA
The paper says Ancient Iranians, not Caucasian hunter gatherers. Those two are different gene pools.
The paper also says that the IVC sample had no Steppe ancestry that is seen in present-day people of Northwest South Asia.
@@sailendradewan More reliable than that research paper is scientific DNA report published in the nature science magazine in which samples from different castes were collected and scientists from Brahmin caste were also involved in research and all of them confirmed by DNA report that Brahmin thakur and Vysya castes are foreigners their DNA is 99% foreign and their DNA doesn't match with women of their own homes indigenous peoples of Indian subcontinent are only Dravidian Naga women and tribes are according to DNA report because nobody can change DNA of their body
@@amarkhadse4965
The paper in the journal "Science" titled "The formation of human populations in South and Central Asia" states:
"The main population of the BMAC carried no ancestry from Steppe pastoralists and did not contribute substantially to later South Asians. However, Steppe pastoralist ancestry appeared in outlier individuals at BMAC sites by the turn of the second millennium BCE around the same time as it appeared on the southern Steppe. Using data from ancient individuals from the Swat Valley of northernmost South Asia, we show that Steppe ancestry then integrated further south in the first half of the second millennium BCE, contributing up to 30% of the ancestry of modern groups in South Asia. The Steppe ancestry in South Asia has the same profile as that in Bronze Age Eastern Europe, tracking a movement of people that affected both regions and that likely spread the unique features shared between Indo-Iranian and Balto-Slavic languages.
The primary ancestral population of modern South Asians is a mixture of people related to early Holocene populations of Iran and South Asia that we detect in outlier individuals from two sites in cultural contact with the Indus Valley Civilization (IVC), making it plausible that it was characteristic of the IVC. After the IVC’s decline, this population mixed with northwestern groups with Steppe ancestry to form the “Ancestral North Indians” (ANI) and also mixed with southeastern groups to form the “Ancestral South Indians” (ASI), whose direct descendants today live in tribal groups in southern India. Mixtures of these two post-IVC groups-the ANI and ASI-drive the main gradient of genetic variation in South Asia today."
Note: The Bactria Margiana Archaeological Complex (BMAC) lies in modern-day Iran and Turkmenistan.
भारतीय संस्कृति एक आदिवासी संस्कृति हैं...आदिवासी ही भारत के मूल निवासी हैं, सिंधु सभ्यता एक आदिवासी सभ्यता है..और हाँ हड़प्पा की लिपि को पड़ा जा चुका है.. डॉ. मोती रावण कंगाली जी द्वारा..
इस लिपि पड़ा जा चुका है दादा स्व. श्री मोतीरावन कंगाली जी द्वारा।
हिन्दुओं से भी पुरानी सभयता है सिंधु घटी सभयता
@@karanpratapsingh8754 ramto ko to IQ level hi nahi hota hain, gobarbhakt kahi ke🐐💩🤣
Wo hi hindu the , unki ham aulade hai
Yehi sachhai hai
@@ShikharOfficial inke Abbu Angrej Inko Kuchh theory Dekhe gaye hain 😂😂 Jo Kahate Hain Ki Hindu Yahan Ke Nahin Hai
Vah theory isliye banaen Kyunki daliton ka conversion karaya Ja sake Christianity mein
Bhai sahab Is Acripts ke kuch shabad toh hum aaj tak use karte hain. Mainey Inhey Diwali aur karvachauth ke calanders, Villages ki door walls par dekha hai Na Keval North but South ke gharon me bhi....
Great job brother 👍
Bhut acchey aap ney bhut sahi tarikey sey present kiya or Kamal ney bhut acha likha waise history boring lgti hai but yaha pr suna interesting hai .thanks
Reason- Politics and biased agendas.
There are many site in central and eastern Indian which are not being researched but has some sort of relation to the IVC.
Bhai kinki baat kar rahe ho???
Thoda batao...
no the extent of IVC was not until far East India, if there was such sites then it would've been easily exposed by common ppl through social media, yes I know the politics and all, but we are living in India not North Korea, no body is stopping anyone to spread the information on various social media platform's
@@positivelife7633 there are sites and people have pointed it but those sites are seeing the wrath of nature and even the govt is not paying attention or may be neglecting it. Not all sites have to have buildings protruting through earth. There are megaliths in jharkhand claimed to be related to the IVC letf to see the wrath of nature but no one is paying heed not even ASI.
@@kamalkumar7978 I don't agree with this statement of yours if there is a site at least there should be somethings which will not get damaged so easily their top surface might get eroded but I don't think that it will all completely vanish, and merely megalith can't suggest there was IVC there, there could be a settlement of humans in that period, but how would you know that settlement is part of IVC until you don't have any features matching with IVC
like seals, pottery, and bricks matching to that Of IVC
If it is read India will become greatest country on earth.
Modiji should think about deciphering the language .he is the greatest mind on earth.
Adivasi gondi bhasha Dravidian purva bhasha hai.
Ye script ko tribal gondi language me pada jaa sakta h
interesting and informative... thanks.
और भक्त लोग इससे पूर्व के वेदों को पढ़ने पढ़ाने की बात करते हैं।
So why it couldn't able to read in devnagari script if it's related to Sanskrit
Sanskrit is a Indo European language
And also don't forget that Sanskrit did not even had a written script until 1st century onwards
Kamal ji thankyou
Kamal bhaiyya bahut mehnat karte hi