क्या गौतम बुद्ध को हुआ 'साक्षात्कार' (Enlightenment) भी बस एक भ्रम था?

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  • Опубликовано: 10 ноя 2024

Комментарии • 1,4 тыс.

  • @bankujoshi
    @bankujoshi 4 месяца назад +59

    महोदय आपके बहुत सारे वीडियो देखे सभी का निर्णय यही समझ में आ रहा है कि पूरी दुनियाँ भ्रम है। विश्व के सारे महा पुरूष आज तक भ्रम में ही पैदा हुए पूरी जिंदगी भ्रम में ही जिए और भ्रम में ही मर गए। पूरे विश्व में आप श्री ही पूर्ण ज्ञानी हैं। कोटि कोटि प्रणाम है आपको।
    आश्चर्य तो तब हो रहा है जब आप खुद ही स्वीकार कर रहे हैं कि आप स्वयं भूत बाधा से ग्रस्त थे और किसी झाड़ फूंक वाले ने आपका भूत उतार दिया आप स्वस्थ हो गए। दुनिया को समझा रहे हैं भूत प्रेत कुछ नहीं है।
    रही भगवान् बुद्ध की कि उन्हें आत्म साक्षात्कार प्राप्त हुआ था की नहीं यह इतना महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आज संपूर्ण मानव जाति को बचाने के लिए भगवान बुद्ध के उपदेशों पर चलने की नितांत आवश्यकता है।

    • @manohar9004
      @manohar9004 Месяц назад

      Apa bhut sahi bol rahe ho

    • @prafullpandhare9943
      @prafullpandhare9943 27 дней назад +1

      ....स्वयं बुध्द ने कभी भगवान को माना है ना कभी खुदको भगवान कहा है, कुछ घटिया लोग उनको भगवान नाम देतै है l

    • @urmilamarandi5790
      @urmilamarandi5790 14 дней назад

      Sahi bola aapne , Buddh ne Shanti , Ahinsha , or dukh , jivan mirtu pr jo vachan diya hai wo mahatwapurn hai

    • @NanawithKhushi
      @NanawithKhushi 10 дней назад

      पागल हे ये😅😅

  • @Sangharaj358
    @Sangharaj358 2 года назад +185

    भ. बुद्ध किं बातों को ज्ञान से नहीं बल्की अनुभव सें ही जाना जा सकता है। धम्म अनुभव कि बात है ।

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад +5

      100 प्रतिशत सत्य वचन।
      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

    • @ratnaprabha8259
      @ratnaprabha8259 7 месяцев назад +4

      भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध दोनो अलग है

    • @rashmitkamble2
      @rashmitkamble2 3 месяца назад

      Koi course Kiya hai kya.....😂😂​@@ratnaprabha8259

    • @sundeutsch
      @sundeutsch 28 дней назад

      मगर उस अनुभव की भी एक सीमा होती है। उस वक्त तक दुनिया में और आसपास जितना ज्ञान संचित है उसीके आधार पर अनुभव भी होता है।
      चार हजार साल पहले किसी को अनुभव नहीं हुआ होगा कि DNA क्या होता है, प्लान कैसे उड़ेगा, तीन कैसे चलेगी, गैस स्टोव कैसे काम करेगा।

  • @dr.virendrakumar2361
    @dr.virendrakumar2361 Год назад +120

    बुद्ध ने तो आत्मा को ही नकार दिया था। और वे 80 वर्ष जिए थे।

    • @mithileshchoudhary9
      @mithileshchoudhary9 Год назад +1

      Fake guru

    • @ridhamatri9447
      @ridhamatri9447 7 месяцев назад

      Lekin Rebirth to hota hai.

    • @ShrikantKharat-p7f
      @ShrikantKharat-p7f 7 месяцев назад

      ​@@ridhamatri9447chaman chutiye rebirth mtlhbh agar aam ke pedh se aam koh todkar kayoge aur uska bij fek donge...toh kuch dino badh vha pedh nikal aayega isko kha ta unone rebirth isko botik sidhant khte hai ..

    • @rohitshaha108
      @rohitshaha108 3 месяца назад +1

      Boudh dharm guru agle guru ka pahle bata dete hai ki kaha punarjanm hoga .to aatma aur punarjanm to Aya be . Bharat ka boudha dharm bs anti hindu hai .

    • @ASFACT2805
      @ASFACT2805 3 месяца назад

      कब नकारा तुम्हारे सामने nakra dr hoke unscientific bate kr rha hai बुद्ध। के ग्रंथ से बोल रहा तो सारी बाते मान जो लिखी adhi kyu Maan Raha hai

  • @deepaksalvi310
    @deepaksalvi310 Год назад +54

    sir तुम्ही गौतम बुध्दांच्या जिवनाचा आणि त्यांनी मिळवलेल्या ज्ञानाचा अभ्यास करावा ही विनंती.

    • @Bondjohn007
      @Bondjohn007 7 месяцев назад +2

      Yes you are right.

    • @Sandeshbhawar-k5d
      @Sandeshbhawar-k5d 3 месяца назад

      वय झाल की काही तरी सुचत उमापति आणी काही नाही 🙏

    • @SahdevGawai
      @SahdevGawai 3 месяца назад

      मी तर म्हणतो यांनी बुद्ध धम्म श्वीकारावा

  • @munindraoholkar3248
    @munindraoholkar3248 2 года назад +202

    ईश्वर है या नाही , आत्मा है या नाही ऐसी बातोमे बुध्द उलझाते नाही l वो जो सत्य बताते वो है
    1. दुःख है
    2 दुःख का कारण है
    3 उसे दूर किया जा सकता है
    4 इसका रास्ता है , जो बुध्द बाताते
    यही सत्य जो बुध्द को मिला ओर समझाया

    • @shubhamsonune2608
      @shubhamsonune2608 Год назад +8

      Ekdam sahi bat batai bhai apne ye dr.b.r ambedkarji ke book me hai budha and his Dhamma

    • @Dontwastetime_Ok
      @Dontwastetime_Ok Год назад +2

      Buddh honest tha

    • @Ashwajitpalande9162
      @Ashwajitpalande9162 Год назад +1

      Yes

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад

      100 प्रतिशत सत्य वचन।
      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

    • @Infinite_power_galexy
      @Infinite_power_galexy 7 месяцев назад +1

      Moha dukha ka karan hai

  • @rajatkhobragade6613
    @rajatkhobragade6613 3 месяца назад +28

    एवढा मोठा राजपुत्र जो सगळ वैभव,धन, सुख संपत्ती सोडून सहा वर्ष पिंपळाच्या झाडाखाली बसून दुःख शोधण्याचा प्रयत्न करतो
    बुध्द ह्यांना ज्ञानप्राप्ती झाली होती. त्यांचा धम्म हा विज्ञानवादी होता. आपणास बुध्द धम्माच्या सखोल संशोधन आणि अभ्यास करण्याची गरज आहे .

    • @fiber2156
      @fiber2156 2 месяца назад +1

      संस्कृत आता नहीं था और विज्ञान कहां से आयेगा। हमारे ऋषियों ने आयुर्वेद, ज्योतिषशास्त्र, गणित, शास्त्रीय संगीत कका निर्माण किया,

  • @avinashianantar3427
    @avinashianantar3427 Год назад +92

    जिस प्रकार आप भ्रम की व्याख्या कर रहे हो, ऐसे तो सारा संसार ही भ्रम है,क्या गारंटी है कि जिस बात को आपका दिमाग आपको सच के रूप में दिखा रहा है वह असल में वह हो ही नहीं,जब तक मनुष्य पूर्ण ज्ञान को प्राप्त नहीं कर लेता,इसकी कोई भी वैज्ञानिक खोज पूर्ण प्रमाणिक नहीं है,क्योंकि विज्ञान जिसे आज सच मानता है वह नई खोजो के बाद असत्य हो जाता है,क्वांटम जगत में अभी तक विज्ञान को कोई विशेष सफलता नहीं मिली है,जिस आधार पर पूरा जगत निर्मित है,तो विज्ञान का ज्ञान अभी सतही काम चलाऊ है,वह कब भ्रम बन जाय नहीं कहा जा सकता,पर साक्षात्कार या भूत प्रेत आदि का अस्तित्व नहीं है या इल्लूजन है यह कहना भी एकदम गलत है,क्योंकि आप सबकुछ नहीं जानते, न ही आपका विज्ञान ही सबकुछ जान चुका,मेरा खुद का अनुभव जो कि केवल मेरे लिए प्रमाणिक है कोई भी कभी भी भौतिक तल पर सब कुछ नहीं जान पाएगा,पर एक अन्य आयाम भी मौजूद है जिसकी अभी तक खोज की शुरुवात तक नहीं हो सकी है,वह है ऊर्जा का अदृश्य आयाम जो इन आंखों के लिए कभी दृश्य नहीं हो सकता,ओर बिना उसे जाने आप लोग भी हेल्यूजिनेशन में ही जी रहे हो,डार्क मैटर ,डार्क एनर्जी की क्या व्याख्या है विज्ञान के पास,कुछ भी नहीं,पर प्रभाव जरूर दृष्टिगोचर है,विशाल अनंत ब्रह्मांड की कोई ठोस व्याख्या नहीं,पदार्थ की कोई अंतिम व्याख्या नहीं, अपदार्थ का कोई पता नहीं,तो किन प्रमाणों के आधार पर विज्ञान की पूंछ पकड़कर हम लोग चल रहे है,जो समझ n आया उसे चमत्कार कह दिया,या फिर हेल्यूसिनेशन नाम दे दिया,क्योंकि चुप रह नही सकते अहंकार जो है,तो प्रभु जी घोषणा मत करो बस यह कह सकते हो मैं नहीं जानता,या इतना जान पाया हूं पर अंतिम नहीं

    • @rajkumarsisodiyarajkumar1834
      @rajkumarsisodiyarajkumar1834 Год назад +1

      👍👌

    • @chandrakalathavre7631
      @chandrakalathavre7631 9 месяцев назад

      Jo marg bhagwan budda ne bataya usaka manan karo, aapke liye etna hi kaphi hai. Jyada vivechna n kare.

    • @shankarjadhav7603
      @shankarjadhav7603 7 месяцев назад +1

      आपका Evolution शायद नहीं हुआ है इसलिए यह बात आपके समझ के बाहर की है |

    • @vikasmeena2085
      @vikasmeena2085 7 месяцев назад

      aapke vichar soch bilkul sahi he

    • @dineshlandge4095
      @dineshlandge4095 7 месяцев назад

      Sir bahut hi Acchha reply hai.
      Sach me

  • @creativeman1733
    @creativeman1733 11 месяцев назад +31

    बुद्ध कधी चमत्कार केले नाहीत त्यांनी फॉलअर्स ना चमत्कार करू दिले नाहीत. अनुभवांती जीवनाची सत्य सांगितलेत.

    • @patils5410
      @patils5410 7 месяцев назад +1

      Kyu jhoot bol rahe ho , kabhi unki kitabe pado wo aur unke followers udkar jatte the , kya tum hawa me ud sakte ho

  • @pradipbhosale9950
    @pradipbhosale9950 2 года назад +325

    बुद्ध ने कब कहा की मुझे साक्षात्कार प्राप्त हुए,,, बुद्ध तो विज्ञान वादी थे,, उनोने आत्मा, भगवान , चमत्कार को कभी नहीं माना

    • @rameshwardayal9345
      @rameshwardayal9345 2 года назад +26

      बुद्ध भगवान ने यह सिद्ध किया था कि आत्मा और भगवान नहीं होते हैं।

    • @njbharadia
      @njbharadia 2 года назад +9

      Right

    • @prashanttayde4405
      @prashanttayde4405 Год назад +6

      बरोबर

    • @heartwarmingromantic
      @heartwarmingromantic Год назад

      Bodhi per k niche ..chutiye

    • @ajaymolpariya4950
      @ajaymolpariya4950 Год назад +24

      बुद्ध एक अच्छे शिक्षक हे जिनसे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं

  • @Arvindsingh-nl8zy
    @Arvindsingh-nl8zy 2 года назад +31

    बुद्ध तो हर चीज को अनित्य कहा तो आत्मा का अस्तित्व ही नहीं

  • @madangopaldass794
    @madangopaldass794 3 месяца назад +20

    श्याम मानव गुरुजी एक आप ही की कसर थी महा मूर्खों का शतक पूरा करने में। पावन धरा धन्य हो गई आप के आगमन से।

  • @adityaadhav7836
    @adityaadhav7836 7 месяцев назад +5

    बुद्ध खुद कहते है मेरा जो अनुभव है वो तुम्हारा नही हो सकता तुम्हारा अनुभव तुम्हारा है मेरा अनुभव मेरा है मै तुम्हे दिश्या दिखा सकता हु चलना तुम्हे पड़ेगा अनुभव तुम्हे लेना पड़ेगा जो मेरे लिए enlightment है वो तुम्हारे लिए नही हो सकता 😊

  • @WarGaming_India
    @WarGaming_India 2 года назад +36

    निर्वाण अचानक होने वाली घटना नहीं है। यह तो अपने जीवन के ही अनुभव होते है जो हमें परिस्थितियों से मिलते हैं नहीं तो फिर बच्चों को भी निर्वाण प्राप्त हो जाता जन्म लेते ही।

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад +2

      100 प्रतिशत सत्य वचन।
      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

  • @dayaramkhandare2066
    @dayaramkhandare2066 2 года назад +64

    भ, बुद्ध को सत्य का साक्षत्कार (कल्पना का नही )हुआ l शाम मानव तेरे समझ से ये बात परे है l

  • @tejasdude4494
    @tejasdude4494 10 месяцев назад +20

    एखाद्या गोष्टीचा अनुभव नसताना आणि ज्ञान नसताना केलेले वचन याला मी अंधविश्वास मानतो. 👍
    हा स्वतःच्याच विचारानंबद्दल असलेला अंधविश्वास आहे. सर स्वतःच्याच विचारांवर अंधविश्वास ठेवणं सोडून दया.
    सर्वच विषयावर आपल्याला असलेच पाहिजे हा अहंकार कशाला हवा 👍

  • @dineshnimal8851
    @dineshnimal8851 2 года назад +22

    जिस ने दुनया ने उनीस वी सदी का भाषाकार
    वह ओशो है
    दुनया जिस का आदर करती है
    वह वव्यक्ति आप को ज़ुटा लगता है
    धन्य है शाम मानव

    • @dineshnimal8851
      @dineshnimal8851 2 года назад +2

      वो व्यक्ति आप को जुट लगता है

    • @shobharamtandi592
      @shobharamtandi592 3 месяца назад

      Truth-less person criticize Buddha and OSHO to entangle the people with untruth.

    • @anilsarvaiya01
      @anilsarvaiya01 3 месяца назад

      मुजे मेरे गुरु की मयाँदाका पालन करना है दोस्त
      नही तो मनके मेढको को रोज आइना दीखाता ।
      तुम ए बतावो यह कहने का कारन क्या ?
      तुम्हारे मनका खेल मात्र है ।

    • @rudrapratapsingh9140
      @rudrapratapsingh9140 3 месяца назад

      Osho was greatest philspher of the world

  • @dr.virendrakumar2361
    @dr.virendrakumar2361 Год назад +13

    बुद्ध ने चिंतन मनन किया था और अनित्यवाद और प्रतीत्यसमुत्पाद नामक सिंद्धान्तों की खोज की।

    • @sundeutsch
      @sundeutsch 28 дней назад

      जो भी किया हो। मगर एक जमाना था जब दर्शन की जांच लोजिक से होती थी और आज विज्ञान से होती है।

  • @Fluffycomfort
    @Fluffycomfort Год назад +58

    Sir, With all due respect 🙏
    I Would like to add that First of all, the meaning of Enlightenment is gaining knowledge. Enlightenment is a state of mind when you are completely in peace with yourself and with the rest of the world. It is not sakshatkar or meeting some supernatural being in your mind.
    Buddha could not have sakshatkar because he did not believe in any God. He was the one who gave the technique of meditation and taught that through continuous practice, one can be the master of his/her own mind.
    It is a simple science and very different from hallucination or sakshatkar. Buddha must have worked extremely hard to reach this state. It is disheartening to hear that buddha had hallucinations.
    You are doing a tremendous work sir. I appreciate and salute your continuous effort to eradicate superstition.🙂

    • @DharmrajBhalerao-f1z
      @DharmrajBhalerao-f1z Год назад +1

      Your thinking is totally foolish the ground is was and will be empty to got sakshatkar without budhdha all says there is god but no one prove it and that's all.

    • @JaipalNehra
      @JaipalNehra Год назад +1

      Enlightenment को हिन्दी में हम ज्ञानवान बनना कह सकते हैं।

    • @kumarraj-kn2ni
      @kumarraj-kn2ni 11 месяцев назад +1

      Sir nice and knowledgable comments.

    • @pankajkumar-np2mf
      @pankajkumar-np2mf 11 месяцев назад +1

      Very good sir
      Budha was enlightened not hallucinated.

    • @hrishikeshkalekinge5825
      @hrishikeshkalekinge5825 7 месяцев назад

      you summarized my exact feelings

  • @Wilderness_Commando_force
    @Wilderness_Commando_force 2 года назад +30

    श्याम जी जब महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून लागू है तो फिर बॉम्बे और नागपुर में यहाँ एमपी का एक पाखंडी बागेश्वर बाबा जाकर अपनी दुकान लगाता है और कोई कार्यवाही नहीं होती क्यों ?

    • @Shankar1962
      @Shankar1962 Год назад +5

      Jai shree Ram 🚩🚩

    • @realaxis25
      @realaxis25 Год назад

      @@Shankar1962 jai shri ram ... Parantu dhongi baba Sanatan Dharm me andhvishwaas faila rahe hain ...

    • @Indian1234P
      @Indian1234P Год назад +5

      जय श्रीराम ❤

    • @narendradewangan5818
      @narendradewangan5818 Год назад

      और जो चर्च वाले चमत्कार करते हैं
      चंगाई शिविर में अंधे देखने लगते हैं लंगड़े बोलने लगते हैं उनके बारे में बोलने में जुबान नहीं चलती
      और ये श्याम मानव उनका विरोध क्यों नहीं करते ना ही FIR करते हैं उनके खिलाफ
      इस श्याम मानव के पाखंड और पक्षपात के बारे में 20 साल पहले ही राजीव दीक्षित जी बता चुके हैं
      सेलेक्टिव नजरिया रख कर सिर्फ हिंदू धर्म और हिंदू संतों के खिलाफ बोलने का ठेका ले रखा है इसने
      बाकियों के लिए मुंह में fevistick लगा रखते हैं
      आप इतने अंधविश्वास विरोधी हो तो उनके बारे में भी बोल के बताओ जो गांव गांव जाकर चमत्कार दिखाकर धर्म परिवर्तन कर रहे हैं
      और बागेश्वर धाम अपने चमत्कार हिंदुओं के बीच दिखाते हैं किसी दूसरे धर्म वालों को नहीं
      और वे लोग कभी अपने धर्म वालों को चमत्कार नहीं दिखाते सिर्फ हिंडन को ही चमत्कार दिखाते हैं धर्म परिवर्तन के लिए
      प्रार्थना करके लोगों को स्वस्थ कर देते हैं क्या ये विज्ञान हैं
      और मदर टेरेसा के चमत्कारों पर भी बोलिए यदि इतने ज्ञानी हो तो

    • @prakashmali415
      @prakashmali415 9 месяцев назад +2

      Aapko unke pass Jake pta lgana chahiye

  • @sudhakarkamble6974
    @sudhakarkamble6974 2 года назад +53

    श्याम मानंव जी आपको सप्रेम जयभिम
    तथागत बुद्ध एक प्रमाणिक व्यक्ती थे !
    तथागत बुद्ध को ग्यान प्राप्ती होने के बादही उन्होने कहाँ कि मै ईश्वर नही हुँ !
    तथागत बुद्ध ने हि लोगो सत्य मार्ग बताया ?
    तथागत बुद्ध ही सम्यकसंम्म बुध्द होणे बाद ८५ साल तक जिये !
    तथागत बुद्ध ने साक्षात्कार होने के बाद लोगो के लिये जिनेका निर्णय लिया !
    तथागत बुद्धनेही इश्वर स्वर्ग नर्क आत्मा को नकारा ललकारा !
    और तथागत बुद्ध ने हि कहाँ कि, मै मार्गदाता हूँ सिर्फ मार्ग दाता बाकी कुच्छ नही, है किसी धर्मगुरू मे इतनी हिम्मत इतना दम .???
    राम कृष्ण आल्ला येशू तथा महावीर भी बुद्ध के सामने कुच्छ नही क्युंकि बुद्ध आत्मपरिक्षण करते थे किसी पे विश्वास नही रखते थे इसलिये उन्होने " प्रतित्यसमुत्यपाद "लिखा है समझाया है ..?? पढना कभी फिर बोलना बुद्ध के बारेमे ?
    जय शिवराय जय भिंम

    • @geetakhemful
      @geetakhemful 2 года назад +5

      Correct. Pachhiso varsh pahele Tathagat Buddha hi sachmane me लोगो की अंधश्रद्धा दूर करते थे ...after enlightenment Buddha ने लोगो को 45years tak ज्ञान दिया meditation Vipassana दी ..and it is scientific.

    • @SunilKushwaha-ov3ys
      @SunilKushwaha-ov3ys Год назад +2

      nice

    • @mayankagnihotri2780
      @mayankagnihotri2780 Год назад +4

      krishna ka marg ghr chodk bhagne nhi sikhta balki grihastha me hi prem Margi the thik h Osho hinduvirodhi the pr unhone b kaha h ki krishna ka dharm hi bhavishya ka dharm h zorba the bhudha shri krishna ki philosophy hi h zorba the bhudha Sakshi ka marg sikhata h jo jaisa usko vaise hi swikar krna

    • @rishabhrawte6829
      @rishabhrawte6829 Год назад +2

      जय शिवराय कह रहे हो और राम भगवान को नहीं मानते पर शिवाजी तो भगवान को मानते थे आराधना करते थे ?

    • @sumanvannobhadant2133
      @sumanvannobhadant2133 Год назад

      है

  • @nilesh6153
    @nilesh6153 2 года назад +109

    Shyam manav- विषय था बुद्ध आप जलन दिखा रहे osho के बारे मे, अगर osho जिंदा होते तो आपमे उतनी हिम्मत ना होती उन्हे challenge करनेकीं , आप unke शिष्य osho shailendraji या फिर सिद्धार्थ औलियाजी से मिले आपको सद्बुद्धी मिलेगी.. osho के पैरो की धुल भी बन गये आप तो धन्य हो जाओगे...

    • @swapnilkodolikar6694
      @swapnilkodolikar6694 2 года назад +10

      निलेश जी बिल्कुल!! अोशो शेलेंद्रजी बहोत तर्कशुध्द अौर सटिक बाते बताते है. उनकी व्हिडीअो देखता हुं. बहोत Great...है वह ।🙏🙏

    • @divalok455
      @divalok455 Год назад +5

      Uske aasram me kya hota tha naablig ladki ke saath me sabko pata h

    • @Change_India
      @Change_India Год назад +2

      We should not insult this great man

    • @sachisummi878
      @sachisummi878 Год назад

      बराबर

    • @Internet_Buddha
      @Internet_Buddha Год назад

      ​@@divalok455 tu khada tha vaha pe?

  • @shankeswartripathi7983
    @shankeswartripathi7983 2 месяца назад +2

    J Krishna Murthy is only person who has covered all topics, critically analyse and given authentic explanation.

    • @manthanguru1921
      @manthanguru1921 2 месяца назад +1

      Jidu Krishna murti really good 👍

  • @rajeshadrekar4986
    @rajeshadrekar4986 2 года назад +41

    Are we discussing whether there is anything called enlightenment at first place?
    One must not forget that Buddha has been portrayed in such a manner which counter revolutionary wanted.
    Buddhism was taken over by ethically and morally deteriorating generations which attributed miracles to the life experiences of Buddha.
    Buddha must have never encountered hallucination at first place. His craving was for much higher and simple goals.
    It is the later generations of scoundrels, the adulterators who have put this idea of enlightenment and distorted it.
    To know that there is no such enlightenment which the later generations have associated it with Buddha would be enlightenment in itself in present context and that happens through mere contemplation.
    Going in trance and enlightenment is different. What hynotism creates is trance and not enlightenment.
    Enlightenment has nothing to do with any light and apprehension of being a soul since the very enlightenment is quite opposite of negating such foolish ideas.
    Whether Buddha proclaimed anything sort of wierd experience at Bodhi tree is a matter of speculation. Or rather what he must have told about his experience would have been greatly misunderstood. So rather than speculating about what Buddha must have felt as enlightenment and told people it is better to judge him on his immense knowledge on human psyche. He was psychiatrist but none will beleive it. He was capable of differentiating between trance, hynosis and enlightenment. For him enlightenment must be growing awareness of being negligible before this cosmos and one cannot do much but can spread love and peace within own specie and extend it to animals too.
    Please don't ever try to tag Buddha with hallucinations of any sort. His struggle was against all such blunders.
    Namo Buddhaya!

    • @rajeshpagare8889
      @rajeshpagare8889 2 года назад +5

      Thanks for this brief explanation
      Beyond science there is something which cant b explainef by people like manav sir
      Thanks again

    • @rajkumaringle5960
      @rajkumaringle5960 2 года назад +1

      🙏🙏🙏

    • @Fluffycomfort
      @Fluffycomfort Год назад +1

      Namo buddha🙏

    • @ritiknagayach6337
      @ritiknagayach6337 Год назад +3

      Amazing thoughts bro.... Excellent.... You must publish this as an article so that more people can understand... Your explanation is an eye opening for me...

    • @DeepakJAT0007
      @DeepakJAT0007 Год назад

      So goood !

  • @brightman1398
    @brightman1398 3 месяца назад +2

    श्याम मानव हिप्नॉटिक अवस्था में काफी सालों से जी रहा है जिसमे उसे लगता है नकारघण्टा बजाते रहना याने की बहुत बडा ज्ञानी होने का कोई लक्षण है , और उसे यह भी लगता है कि वो जो कुछ भी बता रहा है वह कोई बहुत विशेष ऐसा तर्क है । असल में श्याम मानव बहुत साधारण ज्ञान देते रहता है ।

  • @rameshwardayal9345
    @rameshwardayal9345 2 года назад +95

    बुद्ध पहले ही समझा गये कि आत्मा और भगवान नहीं होते हैं।

    • @meribaat1003
      @meribaat1003 2 года назад +4

      Aatma bhi hai aur bhagwan bhi hai. Lekin hamare dimag ko iss tarah program kiya gaya hai ki wo bas soch sakta hai but dekh nahi sakta. Because according to science hum jo dekh rahe hai wo hamari iksha hai isliye dekh rahe hai.

    • @prashantchikane1430
      @prashantchikane1430 2 года назад +5

      बी के मोदी जी कि गौतम बुद्ध सिरीयल देखो, पता चलेगा ऊसमे भगवान बुद्ध ने कहा है, कि भगवान होते है, और आत्मा भी होती है, जैसे हवा होती है पर वो दिखती नही.

    • @rameshwardayal9345
      @rameshwardayal9345 2 года назад +7

      @@prashantchikane1430 यदि आत्मा और अदृश्य भगवान उस सीरियल में दिखा रहे हैं तो यह भगवान बुद्ध का अपमान है भ-भूमि, ग-गगन, व-वायु, आ-आग, न-नीर इन पांच तत्वों से मिलकर बना है शब्द भगवान।

    • @prashantchikane1430
      @prashantchikane1430 2 года назад

      @@rameshwardayal9345 serial is available on RUclips watch it. Try to identity truth bro. By by have a Good day.

    • @jagdishparik5790
      @jagdishparik5790 2 года назад +4

      3 लोगोको एक जैसे अनुभव आये ये कैसे मुमकिन है।
      भाई शक्ति होती है । Shakti होती है। मैने अनुभव किया हु।

  • @kkabirparihar630
    @kkabirparihar630 3 месяца назад +29

    बेचारा श्याम मानव
    मन के कुएं का मेंढक......
    पागल हो जायेगा सोचते सोचते कभी जान नहीं पायेगा....

    • @abhinavA2582
      @abhinavA2582 3 месяца назад +1

      ये कम्युनिस्ट विचारधारा का आदमी है, इसमें हिम्मत नहीं है इस्लाम के बारे में कुछ बोलने की, सिर्फ हिंदू धर्म और उनसे निकले संप्रदाय को ये निशाना कर सकता है

    • @devanandzanak6179
      @devanandzanak6179 3 месяца назад

      Bauddh. Dhamm. Me No Englighenment

    • @narenderpal2204
      @narenderpal2204 3 месяца назад

      Aap jaan paye

    • @kripatv3815
      @kripatv3815 3 месяца назад

      तुमतो अभी भी वर्तमान में भी पागल हो श्याम मानव तो पहले भी तार्किक बात करता था आज भी तार्किक बात कर रहा है और आगे भी तार्किक बात करता रहेगा
      क्योंकि तार्किक होना कोई आसान कार्य नहीं
      परंतु तुम जैसा मूर्ख होना बहुत ही आसान क्योंकि तुम जैसे लोगों को कोई भी अपनी बुद्धिमत्ता मूर्ख बना सकता है और तुम बनते रहते हो

    • @vrushasendhere2444
      @vrushasendhere2444 3 месяца назад

      @@narenderpal2204 jo jan gaya ho wo youtube pe kyu hoga?

  • @bokozu
    @bokozu 2 года назад +50

    श्याम मानव आप पगला गए हो ,क्या बोल रहे हो बुद्ध ज्ञान प्राप्त होने के बाद कब मरे , 95 सालो के बाद जहरीले मशरूम खाने से हूवी है, अपना ज्ञान दुरुस्त करो, खुद तो आप अंध विस्वास फैला रहे हो,

    • @VKthewinner
      @VKthewinner Год назад +5

      Not by mushroom but by pigs meat lord Buddha died

    • @pawaningle2611
      @pawaningle2611 7 месяцев назад

      जब बुद्ध मरे,तब उनकी उमर ८० साल की थी। और मौत नैसर्गिक तरीके से हुई।। यही सत्य है।

    • @Messupdud
      @Messupdud 4 месяца назад

      ​@@pawaningle2611abey suar ka maas khaya tha

    • @shobharamtandi592
      @shobharamtandi592 3 месяца назад

      Ignorance and arrogance have grapsed to Shyam Manav.

    • @shakil0001
      @shakil0001 2 месяца назад +1

      जब तुम ध्यान से नही सुनोगे तो यही होगा। वीडियो फिर से सुनो।

  • @kuldeepjain8642
    @kuldeepjain8642 3 месяца назад +3

    इसलिए दुनिया में तिरेपन करोड़ बौद्ध हैं। और बुद्ध के करोड़ों मन्दिर हैं।
    😊😊

  • @kunalbihade4603
    @kunalbihade4603 2 года назад +39

    Buddha not was in any enlightenment or he was not a god 💯
    Buddhism is a religion that does not include the belief in a creator deity, or any eternal divine personal being
    Buddha teaches Peace,humanity,and encourage people to be rationalist person so there no place to miracles and enlightenment in Buddhism

    • @rajkumaringle5960
      @rajkumaringle5960 2 года назад +1

      🙏🙏🙏

    • @shrikantpatil7518
      @shrikantpatil7518 7 месяцев назад

      0.00001% true my friend.
      Now you can imagine how much knowledge you have about Buddhism.

  • @AnilKumar-zz8ts
    @AnilKumar-zz8ts Год назад +28

    विज्ञान की अपनी सीमाएं हैं आप जैसे प्रबुद्ध व्यक्ति को हर दृष्टिकोण से सोचने के बाद वक्तव्य देना चाहिए

    • @Ruchi553
      @Ruchi553 Год назад +4

      Tere sochane ki bhi ek sima hai ,usme hi rah

    • @deepeshchaudhary4568
      @deepeshchaudhary4568 Год назад

      Ab gand mai dard hogya😅😅

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад

      100 प्रतिशत सत्य वचन।
      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

    • @tpb1006
      @tpb1006 7 месяцев назад

      science ki seema hai, aur relgion ki nahin???

  • @Namhshiv78
    @Namhshiv78 3 месяца назад +4

    जो नित्य है वही शुद्ध है यह ज्ञान जो बुद्ध- जन ,ऐसा जानते हैं वह ही मुक्त हैं ॥ नित्य, बुद्ध ,शुद्ध, मुक्त ॥

  • @Mysterious_Anatma
    @Mysterious_Anatma 10 месяцев назад +4

    Dr Babasaheb Ambedkar said in Buddha and his dhaama that nirvan is end of fire(चाह) leads to attachment leads to sufferings

  • @jayantdudhe477
    @jayantdudhe477 2 года назад +39

    Nirwan in Buddhism and Sakhsatkar in others are totally different. Nirwan is a developed state of mind and brain. In it the structural changes can be seen. So don't get confused Nirwana with Sakhsatkar.

    • @Fluffycomfort
      @Fluffycomfort Год назад +1

      Yes, Absolutely correct👍

    • @s_caat_c1702
      @s_caat_c1702 Год назад

      Yes, although it is transcending mind

    • @nikkusmile8218
      @nikkusmile8218 Год назад +1

      What Structural changes could be seen? Please explain if you can? Because Buddha was Hallucinating?

    • @jayantdudhe477
      @jayantdudhe477 Год назад

      @@nikkusmile8218 Lord Buddha is called 1)Bhagwan, 2)Arhata 3) Buddha and 4) Samyak sambuddha
      Bhagwan is defined in pali as bhagg rago,bhagg doso, bhagg moho ti bhagavan. It means who has eradicated the coding of greed , hate and delusion from his DNA in brain. For Arhata he has to eradicate 7 anusayas means emotional centres from his DNA in neurones of brain. For Buddha he has to achieve highest degree in 10 Parmitas means perfection and to know 4 noble truths by experience along with patticha samuppad means dependent origination but he doesn't give knowledge to people's,he makes use for himself only. Samyak sambuddha discovers 4 noble truths and all dhamma principles and achieve 10 magic forces means Bal. Thus his mind becomes purified, developed than common man. All these structural changes takes in his brain. Thus he becomes enlightened. Modern science is not reached yet at that level so can't measure.

  • @tekramkumar2914
    @tekramkumar2914 Год назад +12

    बुद्ध ने कभी नहीं कहा कि ईश्वर का साक्षात्कार हुआ है।

  • @mitawellness
    @mitawellness 2 года назад +11

    Buddha went inside and discovered everything is atoms and vibration and wavelength, 2500 years ago, One scientist did the same with. Bubble experiment, He found same results, He got Nobel award for it, So what is difference? Both found same things. Scientist lived miserable life and died in pain and fear, Buddha live his life blissfully and helped many to live blissfully, Still today people
    Use his technique to
    Come out of misery even after 2500 years, and the discovery of science let to atom bomb that is difference. Hope this helps.

    • @rajkumaringle5960
      @rajkumaringle5960 2 года назад

      🌹🌹🌹🙏🙏🙏

    • @abhaychavan1026
      @abhaychavan1026 2 года назад +1

      Buddha, mahavir sakshatkarantr khup varsh hote, buddha 80varsh aayushya vyatit kele,clear kra he🙏

    • @carname7391
      @carname7391 2 года назад

      True

  • @Antunagrale
    @Antunagrale 7 месяцев назад +14

    ये shyam manav नाम का किडा ही एक भ्रम है ❤❤

  • @ashokkumardehariya2570
    @ashokkumardehariya2570 3 месяца назад +4

    कदाचित आप बुद्ध को पढ़ते तो सत्य कह पाते।
    🙏🙏

    • @RM-xd1pt
      @RM-xd1pt 3 месяца назад

      Mitha mitha ghap ghap kadva kadva thu thu😂😂😂😂

  • @mahendradarbare5857
    @mahendradarbare5857 2 года назад +14

    29 Siddharth leaved home..
    6yrs of studying different ways ....Got enlightened... means at the age of 35 yrs .... Then he went to charitha {telling about dhamm} for 45 yrs.
    And you are saying that budhh died immediately after enlightenment.

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад

      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

  • @sunilsutar1162
    @sunilsutar1162 Год назад +7

    पुरी अस्सल चीज हजम नहीं होती, क्या करे मिलावट का जमाना है, आज सच को भी झुट की झालर रहती है
    इसलिये श्याम मानव जी का पुरा सच सबके गले उतर नही रहा है.

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад

      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

  • @mangalmeshram5010
    @mangalmeshram5010 2 месяца назад +1

    बुद्ध आणि त्याचा धम्म डॉ बाबासाहेब आंबेडकर लिखित याच्यावर अभ्यास करणं खूप गरजेचं आहे साहेब

  • @SanjeetKumar-jo2fc
    @SanjeetKumar-jo2fc Год назад +23

    धर्म सिर्फ मान लो यही सीखाता है, लेकिन साइंस तर्क करना सीखाता है।

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад

      100 प्रतिशत सत्य वचन।
      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

  • @Shubham-cr4lw
    @Shubham-cr4lw 2 года назад +10

    Buddhism is best 🙏

  • @MICROVISIONDETECTIONS
    @MICROVISIONDETECTIONS Год назад +9

    बुध्द को ज्ञानप्राप्ती हो गयी थी, जैसे मनुष्य के जीवन में दुःख है, उसका कारण है और उससे निकलने का सही मार्ग भी होता है कोई साक्षात्कार / चमत्कार नहीं ये फरक समजना चाहिए. microMan 😎

    • @Shows...90340
      @Shows...90340 10 месяцев назад

      Not agree with you, you have to study spirituality....

  • @madangopaldass794
    @madangopaldass794 3 месяца назад +1

    आज तक मुझे इतना ही समझ आया है कि जिसे जीवन में कुछ वास्तविक प्राप्त होता है वो शांत होता है वा अहंकार से कुछ हद तक मुक्त होता है परंतु श्याम मानव गुरु जी तो क्रोध और अहंकार की साक्षात मूर्ति है। चार महीने ओशो के पास जाने से ये खुद को ओशो से ऊपर समझने लगे।

  • @Armylover-fj7tl
    @Armylover-fj7tl 11 месяцев назад +3

    मैने कभी पडा नही बुध्द को साक्षातकार हुवा बुध्द तो वास्तविकवाद पडाते हैं. जादू टोना ब्रम्ह आत्मा ईश्वर् यज्ञ आहुती यह् बुद्ध कें धम्म् कें मार्गदर्शन मे नही आता .. अरहंत निर्वाण प्रात्प बुद्ध को हि मिलता हैं.

  • @anandsharma9892
    @anandsharma9892 3 месяца назад +1

    भ्रम तो आपको भी भरपूर है मानव जी।
    अध्यात्म पर

  • @premrajkhankhane3662
    @premrajkhankhane3662 Год назад +9

    We appreciate your work on fear andblind faith. The Guatama The Buddha had achieved enlightenment at the age of 35 years old. He lived after enlightenment a long life upto 80 years old. He was against blind faith. His enlightenment is defined in terms of cognitive, emotional and volitional efforts and is related to stages of consciousness. He is regarded as Most Awared.

    • @sukkhuram7818
      @sukkhuram7818 Год назад

      Rightly said

    • @anishringarpure4741
      @anishringarpure4741 Год назад

      Buddha denied soul and god and said truth that was revealed to him is available to all with little effort. It is purely science of body and mind, nothing more where as founders of path think that it happens not to all that is the basic difference

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад +1

      100 प्रतिशत सत्य वचन।
      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

  • @Sann93
    @Sann93 3 месяца назад +3

    अब आत्मज्ञान के बारे मे वो बतायेंगे जिन्हे खुद का अनुभव नही है 😅

  • @ashishjumade4882
    @ashishjumade4882 Год назад +8

    Enlightenment is not just hallucination,When a person starts meditation he develops his mind and can answer solutions properly for different kinds of human solutions.If enlightenment can be achieved by just drugs than all humankind needs such drugs.There are many scientific studies available on meditation effects on our body and brain.

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад

      100 प्रतिशत सत्य वचन।
      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

    • @askme9572
      @askme9572 9 месяцев назад

      ​@@devpadmashali1265
      Kiss kaam meh vishavguru ?
      Andhvishvaas , joot , thagi , be-imaani meh ?

  • @karnatak786
    @karnatak786 7 месяцев назад +6

    आपका ज्ञान सब खोखला है। विज्ञान जहाँ खत्म होता है वही से परम् ज्ञान उदभव होता है।
    आप ने अपनी रोटी सेकने हेतु सही मंच को थाम रखा है।

  • @Success-KK
    @Success-KK 2 года назад +21

    Budh khudko mokshdata nahi margdata kahte hai...aur unone kaha ki meri bat isliye mat mano kyoki mai kah raha hu ..vo bat apne tark pe utaro , vo tark budhi ki kasoti pe na tike to use mat mano...aur Budh ne khud ke enlightenment ke bareme kuch bhi unscientific nahi bola.
    Isliye to Dr.Ambedkar ne sare dharmoka bahot gahra adhyan karke scientific Baudh dharm ko apnaya...🙏🙏

  • @mukeshnargawe6749
    @mukeshnargawe6749 День назад

    बुद्ध को मानना मतलब ज्ञान को मानना और न मानना अज्ञान है।❤❤🎉🎉

  • @shounaknazar7462
    @shounaknazar7462 2 года назад +6

    Everything is nothing but play of neurons sir, therefore enlightenment is also same on one plane. But what makes it different is that it brings inner peace and end of quest.
    By the way what you mentioned about dr Whitley that intoxication brings same experience, same is mentioned by patanjali too. Difference lies in the end result annd not with experience. It ends the quest. That's freedom from the thinking, hence from work and so from results of work. It never ends life pains but it ends the quest within. About Buddha, his quest was not spiritual but was worldly. He gave teachings to irradicate grief but not samadhan. His Nirwana is relief from griefs. It was not for curiosity or to know, but for removal of grief.

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад

      100 प्रतिशत सत्य वचन।
      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

  • @mukeshnargawe6749
    @mukeshnargawe6749 День назад

    बुद्ध को नकारना पूरे ब्रह्मांड को नकारना है ।हम सब जीव हवा पानी अग्नी आकाश मिट्टी है ये तुम्हे मानना पड़ेगा।❤❤

  • @premkumar-yw3ju
    @premkumar-yw3ju 2 года назад +6

    I agree all your video except this one. The Buddha only has got enlightenment but no body else on the earth. Kindly reconsider your view. Hearty regards

    • @prakashmali415
      @prakashmali415 9 месяцев назад

      This also andh vishwas..no mahaveer no nanak no other only budha

  • @TheLoopTraveller
    @TheLoopTraveller Месяц назад

    Thats beauty of Constitution of India. Freedom of speech !

  • @amolkamble1450
    @amolkamble1450 10 месяцев назад +3

    Budhha ki sadhana ka aadhaar awareness thi to bharm kaise ho sakta hai, 😅🙏 Namo ☸️ budhhay🙏

  • @mysterymystery6082
    @mysterymystery6082 Год назад

    Aap bahot rational ho sachhai ke sath khade ho mai aapki wajah se bahot scientific or rational hua hu Jo mere life ke liye bahot achhi chiz hai

  • @luckyrp9894
    @luckyrp9894 2 года назад +4

    अलग अलग व्यक्तियों को अलग अलग तरीकों से साक्षात्कार होते हैं। ये जरूरी नाही की वे शरीर छोड़ देते हैं। मुझे 2016 में साक्षात्कार हुआ, जो बोहोत बोहोत आनंद को प्राप्त किया था।

    • @luckyrp9894
      @luckyrp9894 Год назад

      @@ajitdada6667 no. Intuition se hua tha. Neend me raat 1:00 am ko hua tha. Kuch dino tak sakshatkar ke bodh hue theyy same time pr.

    • @luckyrp9894
      @luckyrp9894 Год назад

      @@ajitdada6667 koi farak nahi padta. Just sristi, prakriti ke bare me deeply thoda jaan payenge bas.

    • @luckyrp9894
      @luckyrp9894 Год назад

      @oshosays हम सारी बातें तो नहीं लिख सकते। पौधे को जैसे जड़ें होते हैं वैसे हमे भी nervous system होती है। सूर्य, ग्रह, तारें पैदा होते है,फिर मर जाएंगे (विलुप्त) ।हर system physical हो, सोशल हो, scientific हो सारे हमारे शरीर जैसे ही काम करेगा। जैसे कि हमे पानी नदी से pipes ki सहायता से हम तक पोहोंचती है, बिजली भी पाइप लाइन से wires se मिलती है। और हमारे शरीर में भी पाइप्स होती । धरती की मिट्टी से बनी पेड़ पौधे,और हम भी मिट्टी से बनी अनाज, सब्जियां खाकर जीवित रहते हैं। मिट्टी से बनी ईंट से घर बना कर निवास करते हैं। हवा को हम भी जीव जगत भी, वृक्ष जगत भी स्वास के रूप में लेते हैं। स्पेस space bhi लेते हैं सभी, गर्मी भी सूरज से लेकर जीवित रहते हैं। प्रकृति अपनी विश्वरूप दिखाया, समझाया भी। पांच तत्वों के बारे में, ग्रह, तारें, धातु, आदि सब के बारे मे बोध कराया। मानो या ना मानो!

    • @luckyrp9894
      @luckyrp9894 Год назад

      @oshosays 👍🙏🙏

    • @culturalinfo8944
      @culturalinfo8944 4 месяца назад

      Tujhe apana purvajanm yad hai

  • @Voiceoffrealty
    @Voiceoffrealty 4 месяца назад +2

    एक छोटी सी बात की अगर बुद्ध को हेलीजुनेशन हुआ था तो भी वो काम ,क्रोध , मद,लोभ, मोह, माया ,से मुक्त हो गए ।तो अगर इस तरह का भ्रम मुझे भी हो जाए तो भी खुद को धन्य समझेंगे।🫡🫡🫡🫡

    • @VijaySonawane-zd8nc
      @VijaySonawane-zd8nc 3 месяца назад

      Understanding Buddha;s Enlightenment is beyond his comprehension.

  • @bhaidasborse5373
    @bhaidasborse5373 Год назад +4

    भगवान बुध्द ने कभी भी नहीं कहा की मुझे साक्षात्कार हुआ है , तब साक्षात्कार शब्द ही नहीं था ,और आत्मा, परमेश्वर यह तो वह मानते ही नहीं थे । आप सिर्फ गोल गोल घुमा रहे हो , आप लोगों को सीधे क्यों नहीं बताते ।की इस दुनिया मेंमे ईश्वर है ही नही

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад

      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

  • @PankajKumar-ts4sm
    @PankajKumar-ts4sm 3 месяца назад

    Correct
    Meditation is a game of practice
    And enlightenment is not just hallucination but more than that
    Very nice explanation Good One

  • @rajanthadani4785
    @rajanthadani4785 Год назад +6

    कबीर साहिब और गुरु नानक देव के बारे में कोई क्या कह सकता है? कबीर साहब और गुरु नानक देव जी जैसा सच्चा गुरु कोई नहीं हुआ विश्व में, न आगे होगा। वो साक्षात्कार को उस रूप में नहीं समझाते जैसा और लोगों ने समझाया। कबीर साहब तो यहाँ तक कहते हैँ "उत ते कोई न आइया, जाते पूछहूँ जाय। " वो सत्य के अतिरिक्त कुछ नहीं बोलते थे और वो परमात्मा स्वरुप हो गये जिनको भूत वर्तमान और भविष्य सब का ज्ञान प्राप्त था, परन्तु अहंकार शून्य थे वो। तो जो व्यक्ति अहंकार शून्य हो उसे समझो साक्षात्कार हो गया है अन्य किसी को नहीं।

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад

      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

    • @sachinkumar-he5ep
      @sachinkumar-he5ep 4 месяца назад

      Aapki bate 100% satya hai

  • @dpmuneshwar
    @dpmuneshwar 10 месяцев назад +2

    बुद्ध के बारे में साक्षात्कार नहीं बल्कि ज्ञान प्राप्त हुआ ऐसा कहा बोला जाता है, तो उसके बारे में जानकारी दीजिए। जय भीम 🌺 नमो बुद्धाय 🌹

  • @kpbharti9375
    @kpbharti9375 2 года назад +9

    जब ईश्वर ही नहीं तो साक्षात्कार किससे

    • @user-rr1uw5so9v
      @user-rr1uw5so9v Год назад

      Om mani padme hum - ye buddha ka mantra hai.✅
      Om kyu hai ❓ Ye Shiv hindu ka hai. ✅

    • @kesharidesar8619
      @kesharidesar8619 9 месяцев назад +1

      Sachyatkar iswar hone nhone se pharak nahi padta

  • @BhagwanSingh-hq7qv
    @BhagwanSingh-hq7qv 11 месяцев назад +2

    शब्द संपत्ति और उसका प्रयोग आपके तर्कों को प्रभावशाली बना सकतीं है,फिर भी संसार
    में बहुत कुछ रहस्यमई है।

  • @moviefreak4812
    @moviefreak4812 2 года назад +6

    Sham sir just attend the Vipassana for 11 days and then speak the same
    Hum astitwa me hai yahi bada bhram hai

    • @ramcool82
      @ramcool82 2 года назад +1

      Dude, please can you explain what do you mean by we are do not exists?

    • @moviefreak4812
      @moviefreak4812 2 года назад

      @@ramcool82
      See, with the rise of modern science PROOF became essential part to establish theory.
      So back then very very earlier when they started to find the mind in body they failed measurably, in the name of science they litterly broke the sculls of the hundreds of live breathing humans without anastasiya and analysed the body and brain to find the mind... and failed.
      So if I say I saw Sunny Leone in dream yesterday or any other thing came to my mind... there is no absolute scientific proof of whether am I lying or telling the truth.
      Simply because experience of our mind is so own and intensely personal that we all can not prove its existence to other's. And it remains a very private affair forever
      So as per science mind don't exist and so we :)

    • @satyadevkumarram3691
      @satyadevkumarram3691 3 месяца назад

      😂

    • @moviefreak4812
      @moviefreak4812 3 месяца назад

      @@ramcool82
      I don't say we do not exist I say our thinking of existance is illusion, existance is not illusion itself...
      I know this sounds like mere Wordplay but it is not

  • @rajeev227979
    @rajeev227979 Год назад +2

    बुद्ध ने नहीं कहा कि वो आत्मस्वरुप हो गये ,वो ईश्वर आत्मा परमात्मा का अस्तित्व ही नहीं मानते, अर्हत होने का मतलब है अपनी बुराई को ध्यान द्वारा समाप्त करना और सत्य प्रेम का अंगीकार, नफरत असत्य का त्याग,हर घटना को तर्क़ विज्ञान से देखना

  • @SureshKatade
    @SureshKatade 10 месяцев назад +11

    इसको सुनने से टाईम बरबाद हो गया अच्छा होता आचार्य ओशो को सुनता😢

    • @jacksparrow5687
      @jacksparrow5687 7 месяцев назад +1

      😂😂

    • @er.analysisfacts2998
      @er.analysisfacts2998 2 месяца назад

      सुनने से ज्यादा वो ओशो के आश्रम में गया है , ओशो तार्किक आदमी था ,पर कोई भगवान नहीं।

    • @mannkibaat100takaa
      @mannkibaat100takaa 2 месяца назад

      ​@@er.analysisfacts2998आश्रम में जानें से ज्ञानी नहीं हो जाता कोई, गौर से समझना भी पड़ता है कि बात क्या बताई जा रही है। पूर्वाग्रहों से ग्रसित आदमी बहस ही करते हैं या बात को ऊपर नहीं आने देते अहंकार में।

  • @suryabhanpatil8458
    @suryabhanpatil8458 3 месяца назад

    बुद्ध के बुद्धत्व का सही, सही मतलब : १. आर्य सत्य और आर्य अष्टांगिक मार्ग.
    २. तिलख्खन : दुःख, अनित्य, अनात्म.
    ३. प्रज्ञा, शील और करुणा.
    ४. भवचक्र.
    ५. प्रतित्यसमुत्पाद (कार्यकारण भाव/ Dependent Origination/ Cause & Effect)
    It's only bare Summary of the Buddha's Enlightenment. It's the Buddha's Discovery which No One had watched, perceived, experienced deeply before the Buddha. Now-a-days the people of the World have been trying to know the Buddha's Teachings.
    # नमो बुद्धाय! नमो धम्माय!! नमो संघाय!!!

  • @Madara-zt8pn
    @Madara-zt8pn Год назад +11

    Buddha literally saw past births. He did denied that souls exist but also didn't deny sukshma sharir / subtitle body doesn't exist, which causes rebirth.

    • @bhupendr.choudhary123
      @bhupendr.choudhary123 Год назад

      Kahan se padh liye buddh ko😂😂😂 buddh ne jo kaha spasht kaha h aisi dogli baten unke vishay me nhi milti

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад

      100 प्रतिशत सत्य वचन।
      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

    • @NativeIndian1310
      @NativeIndian1310 7 месяцев назад

      ​@@bhupendr.choudhary123Ramte bus Ramta channel dekhkar har jagah hagte rehte hai woh bhi muu se😂😂😂😂

  • @dhananjaypandey5020
    @dhananjaypandey5020 3 месяца назад +1

    Shyam Manav jindabad aap ne sahi kaha

  • @pratikchauhan885
    @pratikchauhan885 Год назад +3

    मैं सायंस की दृष्टि से कहूं तो आपको भी एक बीमारी है ना मानने की और इसका कोई इलाज ही नहीं है कोई इनलाइटनमेंट नहीं है कोई परमात्मा नहीं है तो फिर तुम क्यों हो इसका ही कारण दे दो तुम कहोगे यह है इसलिए मैं हूं मगर मैं पूछ लूंगा कि वह क्यों है बोल उसका कारण दे दे तुम सिम प्रश्न खड़े कर सकते हो और ऐसा अपने आप को महान समझने वाले बंधुओं के साथ निश्चित तौर पर होता है

    • @yogigorakh3298
      @yogigorakh3298 11 месяцев назад

      Ye admi eek bimari ka sikar huwa hai
      Dukhi atma

  • @vijaymhtpure
    @vijaymhtpure 3 месяца назад

    सूक्ष्म जगत का अनुभव करणा ये, श्याम मानव जैसे लोगोके बस की बात नाही..

  • @karansathe3880
    @karansathe3880 2 года назад +5

    Is duniya me sach bolna bahoot mushkil cheez hai

  • @gajanansawadatkar-cn2xb
    @gajanansawadatkar-cn2xb 7 месяцев назад +1

    आत्मसाक्षात्कार या विषयावर श्याम मानव यांनी बोलू नये. अनुभव घ्यावा.

  • @jayawantraomahire757
    @jayawantraomahire757 2 года назад +2

    There is no place for atma (soul) in Buddha's teachings.Buddha ,Mahavir died immediately after enlightenment is new discovery which is not found in Buddhist scriptures.

  • @pawaningle2611
    @pawaningle2611 7 месяцев назад +1

    साक्षात्कार और ज्ञानप्राप्ति ये दोनो अलग अलग सब्जेक्ट है। साक्षात्कार के लिए किसी प्रमाण की जरूरत नहीं होती लेकिन ज्ञानप्राप्ति प्रमाण की कसौटी पर परख कर सिद्ध होती हैं।
    इसीलिए ज्ञानप्राप्ति और साक्षात्कार में भ्रम पैदा मत किजिए।

  • @spyhzofficial5626
    @spyhzofficial5626 2 года назад +3

    जिस चीज के बारे में पता नही हो तो बोलना भी नही चाहिए

  • @kalpanakhare4824
    @kalpanakhare4824 3 месяца назад +1

    Maine bhi ek baar kuch minutes ke liye apni soul se apni body ko dekha

  • @iosho3473
    @iosho3473 2 года назад +3

    ओशो रजनीश जी को जो आत्मा का ज्ञान हुआ था वह ज्ञान आज कीसी को भी हुआ है तो श्याम मानव साहब को समझा सकता है या सिद्ध कर सकता है ? यदि आज ओशो रजनीश जी होते और कहते कि मैं शरीर नहीं हु, लेकिन मैं अमृत आत्मा हुं तो आज के मनुष्य कंटक या सुई भोकते शरीर पर और सच्चाई जान जाते कि ये शरीर ही है.

  • @avinashkumarsingh6321
    @avinashkumarsingh6321 3 месяца назад +2

    आपने तो मेरी आँखें ही खोल दीं। अब तक कहा थे। इतना ज्ञान? बुद्ध ज्ञान प्राप्त होने के बाद भी 40 साल तक जीवित रहे।

    • @shakil0001
      @shakil0001 2 месяца назад

      अच्छे श्रोता नहीं हो। फिर से सुनो।

    • @deekshanikam9548
      @deekshanikam9548 Месяц назад

      ४५ साल तक

  • @Aaple_gav_Aaple_vlog
    @Aaple_gav_Aaple_vlog 2 года назад +8

    ओशो ने जो अच्छा है ऊ से अच्छा और बुरे को बुरा कहा है अपने जान कि परवा किये बगर, आप तो हर किसीको बुरा ही कहते हो 😄😃 , आप मे भी कोई बुराई होगी और एक बात आपकी ओ मुस्लिम व्यति के साथ रहने की कहानी बहुत बड़ी पूडि है 😃😀

    • @sunilghadge2833
      @sunilghadge2833 3 месяца назад

      Ek jagah bol rahe Osho pramanik the..fir bol rahe Hain zooth bol rahe hain 😂

  • @kuldeepbabare1537
    @kuldeepbabare1537 2 месяца назад +1

    महात्मा बुद्ध ,ईसा मसीह को ज्ञान पराप्त तो पहले ही हो चुका था यानी ईश्वर का अनुभव महात्मा बुद्ध कई साल जीए ईसा मसीह को भी पहले ही ज्ञान प्राप्त हो चुका था तभी ईसा मसीह ने चमत्कार दिखाए थे

  • @Lifeinmumbai746
    @Lifeinmumbai746 Год назад +3

    Sir baki sab 100% true hai ..but meditation is not only hallucinations..

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад

      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

  • @srikantsahoo3504
    @srikantsahoo3504 2 месяца назад +1

    I believe in God.I will always believe him.No one can change my mind❤. Jai Srikrishna 🙏.It is your problem.Don't tell us about it.😂😂😂

  • @khanapuresharan1257
    @khanapuresharan1257 2 года назад +8

    शाम मानव ओशो, बुद्ध, महविर, येशू, मोहम्मद पैगंबर से भी बहुत महान है. बहुत बुद्धिमान है.

    • @swapnilkodolikar6694
      @swapnilkodolikar6694 2 года назад +3

      जी. श्याम मानव जो इतने होशियार है के उनके जैसा दुनिया मे कोई होशियार नही. वह सब पर बोलते है, वह सर्वज्ञ है। उनका शब्द अंतिम है।उसके उपर कुछ भी नही। विश्व के वे एकमेव बुध्दिजीवी है। बाकी संत कुछ भी नही इनके सामने।😂😂

    • @shekhar9223
      @shekhar9223 2 года назад

      Shyam Manav Bharat ka chamatkar hai.Aur we bahut mahan hai.

    • @shekhar9223
      @shekhar9223 2 года назад +2

      Shyam Manav mahan hi nahi balki ek sant aatma hai , kaliyug ke mahan manochikistak hai Jo ki Sigmand froyed se bhi mahan hai . Kash un par koe jara sa dhyan de . Shayam Manav ne aapna naam badalkar sabse mahan Mahan Shyam Manav rakhana chahiye.

  • @SalaamSaif
    @SalaamSaif 6 месяцев назад

    No matter enlightenment is real or not but one cannot deny that Buddha and Osho higher state of wisdom than ordinary person

  • @abcd-rl9yf
    @abcd-rl9yf 3 месяца назад

    आप के मन में जो आता है वही सत्य है । हम लोग वही सुनते हैं । सुनाए आप ।

  • @sudeep2590
    @sudeep2590 2 года назад +5

    Let's understand one thing.
    A so-called Self Realised or Enlightened person cannot say that he or she is Enlightened or Self Realised. Neither can a person "experience" such a state becoz it's supposed to be a thoughtless state.
    If the mind has witnessed this so-called enlightenment, it means that thought process was involved which in turn means the mind was involved. In other words, one cannot be a 'witness'. And witnessing is done by the mind.
    In short, enlightenment or self realisation cannot be experienced by the mind. It's a delusion.
    A truly enlightened person (if this be the case) does not know what enlightenment is.
    For e.g. does a mad man know that he's mad? No!
    Same is the case with this enlightenment nonsense.
    He or she who claims of being a so-called Self Realised person is either in a state of delusion or trying to con people

    • @jagdishparik5790
      @jagdishparik5790 2 года назад +1

      ना सुख है ना दुख है , हु ।

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад

      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

  • @MukeshKumar-lb8vc
    @MukeshKumar-lb8vc Год назад +1

    Acharya prashant has explained what is enlightenment in details in various videos . Crystal clear

    • @devpadmashali1265
      @devpadmashali1265 Год назад

      100 प्रतिशत सत्य वचन।
      मनावजी को थोड़ा करेक्ट करना चाहूंगा,
      साक्षात्कार होना याने अपने विचारों को देखना, पढ़ना, सुनना।
      इसका क्या उपयोग है, अच्छा है तो हम मोक्ष कहते है निर्वाण कहते है, पर विपरीत है तो मनुष्य पागल हो सकता है।
      ये आम बात है, इसे कोई खास बात न करें।
      भारत ही विश्वगुरु था और आज भी भारत ही दुनिया को मार्गदर्शन कर रहा है।
      #mindgymuniverse
      🎉🎉🎉❤❤❤

    • @NativeIndian1310
      @NativeIndian1310 7 месяцев назад

      Lol😂😂😂😂
      Only one who has attained it can explain it.

  • @munindraoholkar3248
    @munindraoholkar3248 2 года назад +5

    सर
    साक्षात्कार झाला किंवा नाही हा प्रश्न नाही,
    बुद्धाने राग ,लोभ व मोह यातून मुक्त झाले की नाही व परिणामतः असीम करुण चित्त झाले झाले की नाही हा प्रश्न आहे . ते कसे हे नंतर

  • @Akosho00
    @Akosho00 3 месяца назад

    आपकी बुद्धि की एक सीमा हैं आपने जितना समझा ओशो को वो आपकी बुद्धि का माप दंड है पर जितना मैंने समझा ओशो को वो पूर्ण हैं और पूर्ण इंसान बे बुझ होता हैं उसको कोई समझ नहीं सकता वो क्षण क्षण जीता हैं धनयवाद 🙏

  • @ravindradavari974
    @ravindradavari974 2 года назад +5

    यदी किसी को आत्मसाक्षात्कार के बारेमें कुछ समझना है.....तो स्वामी विवेकानंद जी की ग्रंथ संपदा, ग्रंथावली से आत्मसाक्षात्कार टौपीक को समझ ले.... साक्षात्कार याने शिवजी को स्वयं में धारण करना....शाम मानव और उनकी संस्था नास्तिक है.... साक्षात्कार शोर्टकटसे नहीं होता भाई....सतत प्रयास के बाद और शुचिर्भूत मन होने के बाद ही साक्षात्कार होता है.....

  • @ajabsingh6778
    @ajabsingh6778 3 месяца назад

    श्याम जी आपकी बात बिल्कुल तारतिक है। सही है।

  • @avinashdhawale2361
    @avinashdhawale2361 7 месяцев назад +5

    ये श्याम मानव कुछ भी बकता रहता है, बाबासाहेब आंबेडकर ने बुद्ध के बारे मे जो लिखा है वही हमे मंजूर है!

  • @Kidsrhymesvideosongs
    @Kidsrhymesvideosongs 7 месяцев назад

    बुद्धा ने कभी नही कहा कि मुझे ज्ञान प्राप्त हुवा है उनोने कहा कि मुझे धम्म का मार्ग मिला है।

  • @dakeshkumar2016
    @dakeshkumar2016 2 года назад +5

    Bhagwan budh to 80year jiye the kam thoda hai

  • @rajeshshah660
    @rajeshshah660 3 месяца назад

    सर्वप्रथम भगवान बुद्ध जी को कोटी कोटी प्रणाम. भगवान बुद्ध जी को जानने के लिये उनके बताये हुवे मार्ग पे चलना पडता है.वो भी लंबे समय तक तब कभी😊

    • @rajeshshah660
      @rajeshshah660 3 месяца назад

      तब कभी हमारा मन विकार मुक्त होता हैं,शुद्ध होता हैं, ओर मन की शुद्धता को ही बुद्ध जी ने धर्म कहा है. जीसका मन निर्मल होता है,शुद्ध होता हैं,उसकी तृष्णा से मुक्ति होती हैं. ओर तृष्णा ही दुखो कारण है. इस मायने मे दुखों से मुक्ति होती है. बस यही तो अनमोल देन है भगवान बुद्धजी की इस दुखियारे संसार को.आदरणीय मानवजी क्या कभी आप चले है बुद्ध ने बाताये मार्ग पर,क्या आपका कूछ अनुभव है इस मार्ग का,नहीं तो कृपया करके बुद्ध जी के बारे मे कुच्छ भी टिप्पणी करके इस दुःखियारे संसार को गुमराह मत किजिये .बुद्ध जी ने बताया मार्ग एकमेव दुःखों से मुक्ति का मार्ग है.मैं कुदरत से प्रार्थ ना करता है आपको भी इस मार्ग का अनुभव मिले ,अपकाभी मंगल हो.भला हो.कल्याण हो.

  • @mayuriejyotish8322
    @mayuriejyotish8322 2 года назад +8

    God has limitless brain.Human being is having most capable brain than any other species in this world.Meditation is a tool to develop the capacity of brain.As soon as the development of brain crosses a particular limit the meditating person becomes enlightened and achieve 'Ishwaratwa'.

    • @gopalarao5843
      @gopalarao5843 Год назад

      You are right

    • @DeepakJAT0007
      @DeepakJAT0007 Год назад +1

      But there is no personified god in Buddhism.

    • @santoshsd1694
      @santoshsd1694 Год назад

      ईसे पागलपण बोलते है

    • @gopalarao5843
      @gopalarao5843 Год назад

      @@santoshsd1694 Kuch bhi bak bak mat

    • @santoshsd1694
      @santoshsd1694 Год назад

      @@gopalarao5843 सिंकोफेनिया कहते है ,अभास होता बाकी सब बकवास है सात्कक्षार