सीमंधर भगवान स्तुति
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- Опубликовано: 18 сен 2024
- सीमंधर भगवान
जी मैं चरणां शीश नमाऊं,
जी मैं दर्शन किण विध पाऊं।
जी म्हारी वीनतड़ी अवधारो, जी मोहे तारो पार उतारो ।
जी संसार लगै छै खारो, जी वैराग्य लगै छै प्यारो।
जी म्हारा आवागमन निवारो, जी सीमंधर भगवान ॥
सीमंधर प्रभुजी नै प्रणमुं, चरणा शीश नमाय,
आप तणां गुण मुख स्यूं गायां,म्हारा भव-भव रा दुःख जाय,
स्वाम म्हारा भव-भव रा दुःख जाय, जी मैं चरणां....॥ १ ॥
चौतीस अतिशय अती शोभता, वाणी गुण पैंतीस,
एक सहंस अठ लखण विराजै, जीत्या राग न रीष ॥२॥
काया ऊंची धनुष पांच सौ सूतर में विस्तार,
स्फटिक सिंहासन आप विराज्या, थाप्या तीरथ च्यार ॥३॥
झिगमिग ज्योत झीगामिग दीपै, कंचन वरणी काय,
चौंसठ इन्द्र करै थांरी सेवा, सुर नर लागै पाय ॥४॥
हीवड़े में तो हूंस घणी छै, दर्शण करूं तिहां आय,
आड़ा पर्वत बहती नदियां, आयो किणविध जाय ॥५॥
देव मित्र इसड़ो नहीं म्हारै, विमान में बैसाय,
शक्ति नहीं मैं किणविध आऊं, लब्धि न फोड़ी जाय ॥६॥
इह भव में तो आय नहिं सकूं, करूं जो कोड़ उपाय,
सूतर मांही वचन आप रा, चालू निर्मल न्याय ॥७॥
शील रथे ऊपर बेसी नै, धर्म ध्वजा फहराय,
समकित ज्योत करी अगवाणी, करण जोग चित्त ल्याय ॥८॥
ज्ञान कटारी कस कर बांधू, तप रूपी तलवार,
राग द्वेष दोय पतला, पाडूं, करद्यूं खेवो पार ॥६॥
सूत्र वचन परमाण करी नै, च्यार कषाय निवार,
अरिहंत सिद्ध तणां गुण गाऊं, इम उतरूं भव पार ॥१०॥
जी मैं चरणां शीश.....
is adbhut geet ki lyrics kisne likhi hai?
Prachin geet hai
Correct spelling in title its सीमंधर otherwise it might confuse others
Done thank you 👍