1) 20 तारीख को चुनाव था । २) 19 तारीख को सिविल सूट फाईल होता है उसी दिन कोर्ट में सुनवाई भी हो जाती है, सर्वे के लिए Ex-party आदेश भी हो जाता है, आदेश की प्रशासन कापी भी ले लेता है, सर्वे कमिश्नर भी नियुक्त हो जाता है जो फाईल में नोट पर स्वीकृति के बाद ही नियुक्त हुआ होगा, कोर्ट कमिश्नर उसी समय सर्वे के लिए चलभी देता है, साथ ही पुलिस बल भी तैनाती के लिए उपलब्ध हो जाता है । इतनी तत्परता तो शायद देश की सेना युद्ध के समय भी नहीं करती होगी जितनी तत्तपरता उस प्रशासन ने की जिसके कान पर अपराधों की 300 शिकायतों के बावजूद सालों तक जूं तक नहीं रैंगती । इस देश में कोई भी बताये कि मस्जिद का सर्वे करने की कौन सी इमरजेन्सी थी ? क्या अदालत मालूम नही था कि शाही मस्जिद संरक्षित इमारत है ? क्या जज को 1991 के कानून की भी जानकारी नहीं थी? क्या जज राजनेताओं की चमचागीरी करना ही अपना कर्तव्य मानता है? अब गुनहगार ढूंढे जा रहे है जबकि गुनहगार वह है जिन्होंने बेमतलब आग भडकाई। पहला गुनाहगार जज है, दूसरा DM है, तीसरा SSP है, चौथा CO है । इन सबका जो बाप परदे के पीछे है वह महा गुनहगार है। प्रशासन स्वयं हमला करने वाला है जबाब में हमला अपनी सम्पत्ति व जान की रक्षा का है। कोई किसी हिन्दू मंदिर को तोडने का सडयंत्र रचेगा तो क्या हिन्दू मूक दर्शक बने रहेंगे ? मक्कार गोदी मीडिया हर मामले में सबसे बडा गुनाहगार है, जो अपनी इकतरफा थ्यौरी चलाता रहता है ।
Bangladesm me jo horaha hai wo nindaniye hai aur jo Bharat me horaha hai wo bhi sahe nahe ye Desh sabhi ka bara bar ka haque hai ise koi apna baap ka na samjhe
1) 20 तारीख को चुनाव था ।
२) 19 तारीख को सिविल सूट फाईल होता है उसी दिन कोर्ट में सुनवाई भी हो जाती है, सर्वे के लिए Ex-party आदेश भी हो जाता है, आदेश की प्रशासन कापी भी ले लेता है, सर्वे कमिश्नर भी नियुक्त हो जाता है जो फाईल में नोट पर स्वीकृति के बाद ही नियुक्त हुआ होगा, कोर्ट कमिश्नर उसी समय सर्वे के लिए चलभी देता है, साथ ही पुलिस बल भी तैनाती के लिए उपलब्ध हो जाता है । इतनी तत्परता तो शायद देश की सेना युद्ध के समय भी नहीं करती होगी जितनी तत्तपरता उस प्रशासन ने की जिसके कान पर अपराधों की 300 शिकायतों के बावजूद सालों तक जूं तक नहीं रैंगती । इस देश में कोई भी बताये कि मस्जिद का सर्वे करने की कौन सी इमरजेन्सी थी ? क्या अदालत मालूम नही था कि शाही मस्जिद संरक्षित इमारत है ? क्या जज को 1991 के कानून की भी जानकारी नहीं थी? क्या जज राजनेताओं की चमचागीरी करना ही अपना कर्तव्य मानता है?
अब गुनहगार ढूंढे जा रहे है जबकि गुनहगार वह है जिन्होंने बेमतलब आग भडकाई। पहला गुनाहगार जज है, दूसरा DM है, तीसरा SSP है, चौथा CO है । इन सबका जो बाप परदे के पीछे है वह महा गुनहगार है। प्रशासन स्वयं हमला करने वाला है जबाब में हमला अपनी सम्पत्ति व जान की रक्षा का है। कोई किसी हिन्दू मंदिर को तोडने का सडयंत्र रचेगा तो क्या हिन्दू मूक दर्शक बने रहेंगे ?
मक्कार गोदी मीडिया हर मामले में सबसे बडा गुनाहगार है, जो अपनी इकतरफा थ्यौरी चलाता रहता है ।
कोर्ट और पुलिस की इतनी जल्दबाजी क्या थी। देश में और भी बहुत से मुद्दे हैं जिस पर शासन और प्रशासन को काम करने की जरूरत है।
Bangladesh kabsakaro ab sahi samay please BHARAT MATAKI JAI JAI NARENDRA MODI 🚩🚩🕉🕉🇮🇳🇮🇳🙏
Bangladesm me jo horaha hai wo nindaniye hai aur jo Bharat me horaha hai wo bhi sahe nahe ye Desh sabhi ka bara bar ka haque hai ise koi apna baap ka na samjhe
Jo log maregaiye un logoko muafja dia jay jo abtak sarkar koi decleration nahe kia