Subhanallah masallah Alhamdulillah allahwakbar labbaik ya Rasollah labbaik ya Rasollah ya Allah Allama saiyad hasmi Miya ki hifajt farma amin summa amin
@@WonderfulIslandVacation-gm6bx *سچے صحابی کون؟* اصحاب کون ہیں یہ سنو ہم سے دوستوں.. ہر حکم پر جو چلتے تھے میرے نبی کے ساتھ... وہ جنگ ہو صلح ہو یا پھر وقت آخری۔۔۔ لبیک بولتے رہے حکم نبی کے ساتھ۔۔۔ اصحاب سچے وہ ہیں فقط دوسرا نہیں۔۔ بادِ نبی جو رہ گئے آلِ نبی کے ساتھ۔۔ ایسے صحابیوں پہ میری جان ہے نثار۔۔ بادِ نبی جو مر گئے آلِ نبی کے ساتھ۔۔ صلح و پہ شک جو کرتے ہیں اور جنگ سے فرار۔۔ کیوں کہتے ہو تم ان کو کی وہ تھے نبی کے ساتھ ۔۔ کا غز قلم کو مانگے نبی اور جو نہ دے۔۔ قرآن کے وہ خلاف تھے نہ تھے نبی کے ساتھ۔۔ صفین میں، جمل میں،نہروان میں لڑے۔۔ دشمن علی کے ہو نہیں سکتے نبی کے ساتھ۔۔ جو کہتے ہیں نبی کرو روکیں تو پھر رکو۔۔ حکمِ قرآن مانو، اگر ہو نبی کے ساتھ۔۔ پرکھو قرآن پر کی صحابی تے سچے کون۔۔ بکواس مت کرو کہ سبھی تھے نبی کے ساتھ۔۔ سچے عقیدے والوں کا سچا ہے یہ اصول۔۔ سچے صحابی رہتے تھے آلِ نبی کے ساتھ۔۔
ये शेर माविया के लिए है जिसने हजरत अली पर कतले उस्मान का बोहतान लगा कर अली को कत्ल करने और उनकी हुकूमत गिराने के लिए अली से जंगे सिफ़्फ़ीन की थी। *बोहतां अली पे बांधा जो उस्मां के कत्ल का..* *दोजख में वो कुत्तों की गिज़ा खुद ही बन गया...* (शौकत भारती)
@@quadrim.a.2816 @ParveezAlam-ei9ke माविया दुश्मने अली था अली से जंग करने और अली को गलियां देने वाला था मूनाफिक था इसलाम का बागी और जहन्नम की तरफ बुलाने वाले इस्लाम के बागी गिरोह का सरदार था सुलह हसन तोड़ कर यजीद को खलीफा बनाने और l जन्नत के सरदार इमाम हुसैन को शहीद करवाने और रसूल अल्लाह का खानदान कर्बला में बर्बाद करवाने वाला था इमाम हसन को जहर दिलवाने और उनके जनाजे पर तीर चलवाने वाला था मगर काला हजरत जैसे इस्लाम दुश्मन मुल्लाओं ने उसे सहाबी और जन्नती बना दिया। *मवियाई मुल्ला काला हज़रत* झूठ और फ़ितने का बाज़ार थे काला हज़रत तफ़्रक़ा बाज़ों के सरदार थे काला हज़रत काम उम्मत का है बिगड़ा हुआ उनके दम से पुर ख़राबी थे,ग़लतकार थे काला हज़रत जिसने मीज़ाने सहाबा पे थी खैंची तलवार उस मुनाफ़िक़ के तरफ़दार थे काला हज़रत क्या बताये कोई ऐसे में ठिकाना उनका पैरवे क़ातिले अम्मार थे काला हज़रत अहले हक़ जानते हैं एक ज़माने से ये बात हक़ था इस पार तो उस पार थे काला हज़रत दीनदारों का कलेजा न चबाते कैसे इब्ने हिंदा के रज़ाकार थे काला हज़रत मरते दम तक रहा छाया हुआ उन पर ये नशा माविया भक्ती में सरशार थे काला हज़रत कभी मुँह से न कहा लानती था शामी यज़ीद इस क़दर लानती किरदार थे काला हज़रत जिस अबू जेह्ल के जैसा कोई जाहिल न हुआ उस अबू जेह्ल का अंबार थे काला हज़रत कुफ़्र के फ़त्वों पे चलता रहा उनका मसलक इस तिजारत में लगातार थे काला हज़रत
ये शेर माविया के लिए है जिसने हजरत अली पर कतले उस्मान का बोहतान लगा कर अली को कत्ल करने और उनकी हुकूमत गिराने के लिए अली से जंगे सिफ़्फ़ीन की थी। *बोहतां अली पे बांधा जो उस्मां के कत्ल का..* *दोजख में वो कुत्तों की गिज़ा खुद ही बन गया...* (शौकत भारती)
Shere ahle sunnat, shahanshahe khitabat Ghazi e millat allama saiued muhammad hashmi ashrafi jeelani sajjadahnasheen Astana e muhaddise azam al hind Zindabad Zindabad
ये शेर माविया के लिए है जिसने हजरत अली पर कतले उस्मान का बोहतान लगा कर अली को कत्ल करने और उनकी हुकूमत गिराने के लिए अली से जंगे सिफ़्फ़ीन की थी। *बोहतां अली पे बांधा जो उस्मां के कत्ल का..* *दोजख में वो कुत्तों की गिज़ा खुद ही बन गया...* (शौकत भारती)
Allahtala Iblees ki auladon se ummat ki hifazat kare.inke naqshe qadam par nahi chalna chahiye balki rasool ke naqshe qadam par chalne me duniya aur aakhirat ki kamyabi hai. Yeh log 72 jahannumi firqe se taluq rakhte.
"जिसने अली से जंग की,उसने रसूल अल्लाह से जंग की,जिसने अली को गाली दी, उसने रसूल अल्लाह को गाली दी," इस प्रकार की हदीसें इस्लामी साहित्य मुख्यतः *सुनन तिर्मिज़ी* (Hadith 3736) में पाई जाती है। **सुनन इब्न माजा** *मुस्नद अहमद** سنن ترمذی میں حدیث نمبر 3736 " مشہور حدیث **"من كنت مولاه فعلي مولاه"** بیان کی گئی ہے۔ 1. **مسند احمد** (حدیث 950) 2. **المستدرک للحاکم** (جلد 3، صفحہ 121) 3. **سنن نسائی** (فضائل الصحابة) ان احادیث میں یہ واضح کیا گیا ہے کہ حضرت علی (رضی اللہ عنہ) سے دشمنی اور جنگ کو نبی کریم ﷺ سے دشمنی کے مترادف قرار دیا گیا ہے، اور حضرت علی (رضی اللہ عنہ) کے مقام و مرتبے کو بیان کیا گیا ہے۔ "جس نے علی کو گالی دی، اس نے نبی کو گالی دی" کے مفہوم کی حدیث حضرت ام سلمہ (رضی اللہ عنہا) سے روایت کی گئی ہے۔ یہ حدیث حضرت علی (رضی اللہ عنہ) کی فضیلت اور ان سے دشمنی یا بدزبانی کرنے کے سخت انجام کو بیان کرتی ہے۔ یہ حدیث **المستدر للحاکم** (جلد 3، صفحہ 121) اور **مسند احمد** میں بھی مذکور ہے۔ حضرت ام سلمہ (رضی اللہ عنہا) فرماتی ہیں کہ رسول اللہ ﷺ نے فرمایا: **"من سب عليا فقد سبني"** ترجمہ: "جس نے علی کو گالی دی، اس نے مجھے گالی دی۔" یہ حدیث حضرت علی (رضی اللہ عنہ) کی عظمت اور ان کی رسول اللہ ﷺ سے قربت کو ظاہر کرتی ہے۔ ان احادیث کا مقصد یہ ہے کہ حضرت علی (رضی اللہ عنہ) سے دشمنی یا ناپسندیدگی کو نبی کریم ﷺ سے دشمنی کے مترادف سمجھا جائے، اور اس بات کی اہمیت کو اجاگر کیا جائے کہ اہلِ بیت کا احترام لازم ہے۔ حضرت علی (رضی اللہ عنہ) کو منبروں سے گالی دینے کا ذکر مختلف تاریخی اور حدیث کی کتب میں ملتا ہے۔ یہ واقعہ خاص طور پر حضرت معاویہ بن ابی سفیان کے دور خلافت کے حوالے سے ذکر کیا جاتا ہے، جب حضرت علی (رضی اللہ عنہ) کے خلاف کچھ لوگوں کو منبروں سے بدکلامی کرنے پر مجبور کیا گیا تھا۔ ایک حدیث جو اس موضوع پر روشنی ڈالتی ہے وہ **صحیح مسلم** میں ہے۔ اس میں حضرت سعد بن ابی وقاص (رضی اللہ عنہ) سے روایت ہے: حضرت معاویہ نے حضرت سعد سے کہا: **"تم علی کو گالی کیوں نہیں دیتے؟"** حضرت سعد نے جواب دیا: **"میں اس شخص کو کیوں گالی دوں جس کے بارے میں رسول اللہ ﷺ نے فرمایا: 'جس کا میں مولا ہوں، علی اس کا مولا ہے'؟"** (صحیح مسلم: حدیث 2408) حضرت علی (رضی اللہ عنہ) کو کچھ لوگوں نے اپنی سیاست اور نظریاتی اختلافات کی بنا پر بدنام کرنے کی کوشش کی۔ **تاریخ طبری** اور **البدایہ والنہایہ**، جن میں حضرت علی (رضی اللہ عنہ) کے خلاف منبروں سے گالی گلوچ کی روایت کا ذکر ہے۔ اوپر دیے گئے ریفرنس نے ثابت کر دیا کی جس نے علی سے جنگ کی اُسنے رسول اللہ سے جنگ کی،جس نے علی کو گالی دی اُسنے رسول اللہ کو گالی دی۔ان دونوں حدیثوں سے ثابت ہو چکا تھا کی معاویہ رسول اللہ سے جنگ کرنے اور رسول اللہ کو گالیاں دینے والا تھا۔لیکن اسکے بعد بھی احمد رضا خان معاویہ کو رضی اللہ کہتے تھے معاویہ کی توہین حرام سمجھتے تھے کیا کو شخص رسول اللہ کو گالیاں دے رسول اللہ سے جنگ کرے اسکی عزت کرنے والا عاشق رسول کہلائے گا یا پھر منافق کیوں کی جورسول اللہ کو گالی دینے والے اور رسول اللہ سے جنگ کرنے والے کو منافق نہ سمجھے وہ بھی منافق ہے میں کافر اس لیے نہیں کہتا کیوں کی کافر کی سزا کم ہے اور منافق بڑا مجرم ہے اور اسکے لیے جہنّم کا آخری طبقہ ہے جسمیں سب سے زیادہ عذاب ہے۔ اب آپ خود معاویہ کے وکیل احمد رضا خان کی منافقت دیکھیے۔ احمد رضا خان بریلویؒ کا یہ فتوی ہے کہ "جس نے شیخین (حضرت ابوبکر صدیقؓ اور حضرت عمر فاروقؓ) کو گالی دی، وہ کافر ہے" فقہ اسلامی کے اصولوں کے مطابق ہے۔ شیخین کا مقام اسلام میں بہت اعلیٰ ہے، اور ان کے خلاف زبان درازی کو گستاخی اور توہین صحابہ سمجھا جاتا ہے۔ توہین صحابہ کو کفر کے زمرے میں شامل کیا جاتا ہے کیونکہ یہ دین کے بنیادی عقائد اور صحابہ کرام کے احترام کے منافی ہے۔ نوٹ: احمد رضا خان بریلویؒ نے بغیر کسی حدیث یہ آیت قرآنی پیش کیے شیخین کو گالی دینے والے کو اپنا فتویٰ دے کر کافر کہ دیا اور جو ایسے لوگوں کو کافر نہ مانے اُسے بھی کافر کہ دیا۔ مگر افسوس علی مسلسل کو گالیاں دینے اور قتل کرنے کی کوشش کرنے والے حرامی اور منافق معاویہ کو جنّتی اور صحابی بتاتا تھا۔خود ہی فیصلہ کیجی کی یہ کالا حضرت کتنا حرامی تھا اور علی کے دشمن معاویہ کا کتنا بڑا وفادار کتا تھا اور معاویہ معاویہ بولنے والے ہندا کے بندر کیسے معاویہ کی تعریف کرتے رہتے ہیں۔جبکہ سب جانتے ہیں کی معاویہ کو رسول اللہ نے اسلام کا باغی اور جہنّم کی طرف بلانے والے گینگ کا سردار اور منافق کہا تھا۔
Ahle bait aur Quran dono me se agar kisi ka bhi daman chhoda to Huzoor ka farman h wo gumrah h aur jo Huzoor ki Aulaad se bugz rakhe uska Hashra kya hoga wo to gumraah ho gya
Ek SAYED HOKAR PATHAN KI DALALI KARTE HUE SARM NAHI ATA. ABE EK MOLVI TUMHRE NAJAR ME ALA HAJRAT HE. TO FIR HAMARE NAJAR ME KHAWJA GARIB NAWAJ KON HE BOL.
*माविया और उसके खानदान का कड़वा सच* *पार्ट 2* अब्दुल्लाह इब्ने जुबेर मक्का भाग गए मदीने में बचे अकेले इमाम हुसैन और उनके घर वाले इमाम हुसैन से माविया के गवर्नर ने मदीने में यजीद की बैयत या सर मांगा इमाम हुसैन ने यजीद की बैयत से खुल कर इंकार कर दिया मगर कोई भी सहाबी या सहाबी की औलाद मदीने में ये कहने को तैयार नहीं हुई की इमाम हुसैन हम आपके साथ हैं किसकी मजाल है की आप जैसे जन्नत के सरदार से यजीद की बैयत ले सके या आपका सर काट सके जब यजीद के खौफ से मदीने वाले इमाम हुसैन के साथ खड़े नहीं हुए तो इमाम हुसैन ने अपने खानदान के साथ मादीना छोड़ दिया और मक्के आ गए मक्के में भी यजीद के सिपाही हाजियों के भेस में इमाम हुसैन को कत्ल करने आ गए इमाम हुसैन को कूफे वालों ने खत लिखा था इस लिए वो उधर जाने लगे मक्के में हाजियों का सैलाब था मगर जब इमाम हुसैन हज से 2 दिन पहले मक्का छोड़ने लगे तो यजीद के खौफ से किसी ने इमाम हुसैन से नहीं कहा की आप यही रुकिए हम सब आपके साथ हैं इमाम हुसैन अपने खानदान के साथ कूफे की तरफ बढ़ रहे थे की रास्ते में ही यजीद की फ़ौज ने उन्हे रोक लिया इमाम हुसैन कूफे न जा कर दूसरी तरफ बढ़ने लगे और कर्बला में उन्हे यजीद की फौज ने घेर कर उनके 71 साथियों के साथ भूख प्यासा शहीद कर डाला लाशों पर घोड़े दौड़ाए गए शहीदों के सरों को काट कर नेजों पर चढ़ाया गया और खानदाने रसूल की औरतों बच्चों को कैदी बना कर मारते पीटते हुए यजीद के दरबार में पेश किया गया और ये सब देख कर यजीद ने अपने बाप मविया दादा अबू सूफियान दादी हिन्दा और अपने खानदान को याद करते हुए अशआर पढ़े काश ये लोग जिंदा होते तो ये सब देख का बहुत खुश होते क्यों की बद्र और ओहद में मारे जाने वाले अपने खानदान वालों का बदला मोहम्मद स.व के खानदान वालों से ले लिया न कोई वही आई थी और न कोई रसूल था बल्कि मोहम्मद ने हुकूमत हासिल करने के लिए एक ढोंग रचा था। यजीद के इन अशआर ने ये साबित कर दिया की मविया ने क्यों यजीद को खलीफा बनाया था। यजीद ने कर्बला के बाद वाक्याते हुर्रा करवाया मदीने पर हमला करवाया खूब कत्ल और गार्त गरी की मस्जिदे नबी को जानवरो का स्तबल बना दिया तीन दिन तक मदीने में रेप करवाया जिसके नतीजे में 1000 क्वारी लड़कियों ने नजायेज बच्चे जाने उसके बाद यजीद ने वाकियाते मक्का किया वहां कत्ल आम किया au खानए काबा को जलवा दिया गया ये तमाम दहशत गर्दी इस्लामी हकीम बन कर मविया का बनाया हुआ खलीफा अंजाम देता रहा और इसी बीच यजीद मर गया यजीद ने इतना जुल्म किया की उसके बाद जैसे ही उसके बेटे को खलीफा बनाया गया तो उसने चंद दिनों के अंदर ये कह कर के मेरी खिलाफत के पर रसूल अल्लाह के खानदान के खून में डूबे हुए है मेरे बाप दादा और खानदान वालों ने जो जुल्म किए वो उन्हे मुबारक और ये कह कर उसने तख्ते खिलफत् पर ठोकर मार दी मगर आज देखिए की यजीद, माविया,अबू सूफियान और कलेजा चबाने और झंडा लगा कर जिना कराने वाली हिंदा की नजायेज औलादें माविया के जुल्म को खताए इज्तेहादी बता रहे हैं।
@@ShaukatAbidi main Hussaini hone ke saarh saath hassani bhi hu, Mere Imam ne Hazrat Muawiya ke saath suleh kar li toh unki khataon ka zikr karna mere Imam ke ilm ki gustakhi hai
नबी के सुन्नत इस्लाम कुरान हदीस के मुनकिर मुशरिक और बिद्अती बरैलवी रजाई मजहब के लोग बाबों के मजारों पर उर्स मेला चादर गागर हलवा मुर्गा बकरा मिठाई धागा फुल माला नाच गाना ढोल नगाड़ा डाँस और किसी के मौत के बाद तीजा दसवाँ बीसवाँ चालीसा बरसी दो बरसी करते कराते हैं जेब और तोंद दोनों भरने के लिए। और खुदको सुन्नी बताकर अवाम को खुलेआम बेवकूफ बनाकर गुमराह कर के जहन्नम भेजने का काम करते हैं।
@@Tajusshariyaofficial Bhai a log Qayamat Tak Munajra me kabhi Jeet nahi Sakte 😡. (Allah ta ala ka Farman hai k jo Gustak k Rasool, Gustak k Ahele bait, Sahabi, Gouse e paak, aur Kul Auliya allah ko b) sach ko Aanch nahi hota.... Maslak e Ahala Hazrath Zindabad, Moulana Hashmimiya Ashrafi Zindabad ❤
ماشاءاللہ ماشاءاللہ ماشاءاللہ اللہ پاک آ پ کو سلامت رکھے آمین بہت اچھی تاریخ بیان فرمائی ہیں
@@jilan817
Aameen
Subhanallah masallah Alhamdulillah allahwakbar labbaik ya Rasollah labbaik ya Rasollah ya Allah Allama saiyad hasmi Miya ki hifajt farma amin summa amin
@@WonderfulIslandVacation-gm6bx
Jazakallahu Khaira
@@WonderfulIslandVacation-gm6bx *سچے صحابی کون؟*
اصحاب کون ہیں یہ سنو ہم سے دوستوں..
ہر حکم پر جو چلتے تھے میرے نبی کے ساتھ...
وہ جنگ ہو صلح ہو یا پھر وقت آخری۔۔۔
لبیک بولتے رہے حکم نبی کے ساتھ۔۔۔
اصحاب سچے وہ ہیں فقط دوسرا نہیں۔۔
بادِ نبی جو رہ گئے آلِ نبی کے ساتھ۔۔
ایسے صحابیوں پہ میری جان ہے نثار۔۔
بادِ نبی جو مر گئے آلِ نبی کے ساتھ۔۔
صلح و پہ شک جو کرتے ہیں اور جنگ سے فرار۔۔
کیوں کہتے ہو تم ان کو کی وہ تھے نبی کے ساتھ ۔۔
کا غز قلم کو مانگے نبی اور جو نہ دے۔۔
قرآن کے وہ خلاف تھے نہ تھے نبی کے ساتھ۔۔
صفین میں، جمل میں،نہروان میں لڑے۔۔
دشمن علی کے ہو نہیں سکتے نبی کے ساتھ۔۔
جو کہتے ہیں نبی کرو روکیں تو پھر رکو۔۔
حکمِ قرآن مانو، اگر ہو نبی کے ساتھ۔۔
پرکھو قرآن پر کی صحابی تے سچے کون۔۔
بکواس مت کرو کہ سبھی تھے نبی کے ساتھ۔۔
سچے عقیدے والوں کا سچا ہے یہ اصول۔۔
سچے صحابی رہتے تھے آلِ نبی کے ساتھ۔۔
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ماشاءاللہ 🌿 سبحان اللہ 🌷۔ ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Gazi e millat one of the best Sufi scholar❤
Of course
Jazakallahu Khaira
Faizan e shaikhul Islam wal muslimeen Zindabad Zindabad
ये शेर माविया के लिए है जिसने हजरत अली पर कतले उस्मान का बोहतान लगा कर अली को कत्ल करने और उनकी हुकूमत गिराने के लिए अली से जंगे सिफ़्फ़ीन की थी।
*बोहतां अली पे बांधा जो उस्मां के कत्ल का..*
*दोजख में वो कुत्तों की गिज़ा खुद ही बन गया...*
(शौकत भारती)
❤ Mashallah Mashallah Mashallah Mashallah Mashallah Mashallah Mashallah Mashallah Mashallah Mashallah Mashallah ❤
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Jazakallahu Khaira
❤ Mashallah Mashallah Mashallah ❤
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@@quadrim.a.2816 @ParveezAlam-ei9ke
माविया दुश्मने अली था अली से जंग करने और अली को गलियां देने वाला था मूनाफिक था इसलाम का बागी और जहन्नम की तरफ बुलाने वाले इस्लाम के बागी गिरोह का सरदार था सुलह हसन तोड़ कर यजीद को खलीफा बनाने और l जन्नत के सरदार इमाम हुसैन को शहीद करवाने और रसूल अल्लाह का खानदान कर्बला में बर्बाद करवाने वाला था इमाम हसन को जहर दिलवाने और उनके जनाजे पर तीर चलवाने वाला था मगर काला हजरत जैसे इस्लाम दुश्मन मुल्लाओं ने उसे सहाबी और जन्नती बना दिया।
*मवियाई मुल्ला काला हज़रत*
झूठ और फ़ितने का बाज़ार थे काला हज़रत
तफ़्रक़ा बाज़ों के सरदार थे काला हज़रत
काम उम्मत का है बिगड़ा हुआ उनके दम से
पुर ख़राबी थे,ग़लतकार थे काला हज़रत
जिसने मीज़ाने सहाबा पे थी खैंची तलवार
उस मुनाफ़िक़ के तरफ़दार थे काला हज़रत
क्या बताये कोई ऐसे में ठिकाना उनका
पैरवे क़ातिले अम्मार थे काला हज़रत
अहले हक़ जानते हैं एक ज़माने से ये बात
हक़ था इस पार तो उस पार थे काला हज़रत
दीनदारों का कलेजा न चबाते कैसे
इब्ने हिंदा के रज़ाकार थे काला हज़रत
मरते दम तक रहा छाया हुआ उन पर ये नशा
माविया भक्ती में सरशार थे काला हज़रत
कभी मुँह से न कहा लानती था शामी यज़ीद
इस क़दर लानती किरदार थे काला हज़रत
जिस अबू जेह्ल के जैसा कोई जाहिल न हुआ
उस अबू जेह्ल का अंबार थे काला हज़रत
कुफ़्र के फ़त्वों पे चलता रहा उनका मसलक
इस तिजारत में लगातार थे काला हज़रत
ماشاءاللہ ماشاءاللہ ماشاءاللہ
سبحان الله سبحان الله سبحان الله
❤ Mashallah Alhamadullillah ❤
Subhan Allah Masha Allah Tajdar e Khitabat Zindabad
ये शेर माविया के लिए है जिसने हजरत अली पर कतले उस्मान का बोहतान लगा कर अली को कत्ल करने और उनकी हुकूमत गिराने के लिए अली से जंगे सिफ़्फ़ीन की थी।
*बोहतां अली पे बांधा जो उस्मां के कत्ल का..*
*दोजख में वो कुत्तों की गिज़ा खुद ही बन गया...*
(शौकत भारती)
Bahut khub Masha allah❤❤❤
Jazakallahu Khaira
❤ Subhanallah Alhamdulillah ❤
❤❤❤❤❤
Jazakallahu Khaira
Mashallah mashallah mashallah mashallah mashallah mashallah
Subhan Allah Mash Allah Syed Hashmi Miyan Zindabad ❤️
Lekin😢Ahle sunnat Wal jamaat Punjab mein kyon nahin Hai Hazrat 😔😢
Ma sha allah
Bahut aala 🎉
Jazakallahu Khaira
Subhanallah
❤May not be and never be terminated ❤
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
❤ Mujjadid e Azam Madni Miyan Madni Miyan Madni Miyan ❤
❤❤❤❤❤
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Zindabad Zindabaad Zindabad
Zindabad zindabad
Masha Allah
فیضان اعلیحضرت ۔۔غضب یوگی حضرت
Bemisaal bayan
Khitab e laasaani
Mohammad
Shere ahle sunnat, shahanshahe khitabat Ghazi e millat allama saiued muhammad hashmi ashrafi jeelani sajjadahnasheen Astana e muhaddise azam al hind Zindabad Zindabad
ये शेर माविया के लिए है जिसने हजरत अली पर कतले उस्मान का बोहतान लगा कर अली को कत्ल करने और उनकी हुकूमत गिराने के लिए अली से जंगे सिफ़्फ़ीन की थी।
*बोहतां अली पे बांधा जो उस्मां के कत्ल का..*
*दोजख में वो कुत्तों की गिज़ा खुद ही बन गया...*
(शौकत भारती)
Shanshae khitabat Ahle sunnat❤
Syyed Hashmi miya Ashrafi ul Jilani ❤
My best Sunni Scholars.
Mai milna chayta hoo Hazrat se
Beshak haq farmaya
Ji zaroor mile, in Shaa Allah
سب نیچے سے ہی بنتے ہین۔
Laffazi karlo ek din ajal dapochegi tab haqiqat...kholega...
یوگی کے رنگ مین لباس
😂😂andhbhakt
😮نانے ابا😅😂😂😊😊😊😅😅😅😮😮😮😂😂😂😂
बेशक सुबहान अल्लाह फैजाने आलाहजरत जिन्दाबाद
Zindabad zindabad
Ye taqreer kitni purani
Yeh takeir kafi purani h
Ji
آر یس یس کی طرح نفرت باز۔۔۔ کویء محبت کی بات نہیں۔
Jo ghalat hai usko bura lagta hai
Allahtala Iblees ki auladon se ummat ki hifazat kare.inke naqshe qadam par nahi chalna chahiye balki rasool ke naqshe qadam par chalne me duniya aur aakhirat ki kamyabi hai. Yeh log 72 jahannumi firqe se taluq rakhte.
"जिसने अली से जंग की,उसने रसूल अल्लाह से जंग की,जिसने अली को गाली दी, उसने रसूल अल्लाह को गाली दी," इस प्रकार की हदीसें इस्लामी साहित्य मुख्यतः *सुनन तिर्मिज़ी* (Hadith 3736) में पाई जाती है। **सुनन इब्न माजा** *मुस्नद अहमद**
سنن ترمذی میں حدیث نمبر 3736 " مشہور حدیث **"من كنت مولاه فعلي مولاه"** بیان کی گئی ہے۔
1. **مسند احمد** (حدیث 950)
2. **المستدرک للحاکم** (جلد 3، صفحہ 121)
3. **سنن نسائی** (فضائل الصحابة)
ان احادیث میں یہ واضح کیا گیا ہے کہ حضرت علی (رضی اللہ عنہ) سے دشمنی اور جنگ کو نبی کریم ﷺ سے دشمنی کے مترادف قرار دیا گیا ہے، اور حضرت علی (رضی اللہ عنہ) کے مقام و مرتبے کو بیان کیا گیا ہے۔
"جس نے علی کو گالی دی، اس نے نبی کو گالی دی" کے مفہوم کی حدیث حضرت ام سلمہ (رضی اللہ عنہا) سے روایت کی گئی ہے۔ یہ حدیث حضرت علی (رضی اللہ عنہ) کی فضیلت اور ان سے دشمنی یا بدزبانی کرنے کے سخت انجام کو بیان کرتی ہے۔
یہ حدیث **المستدر للحاکم** (جلد 3، صفحہ 121) اور **مسند احمد** میں بھی مذکور ہے۔ حضرت ام سلمہ (رضی اللہ عنہا) فرماتی ہیں کہ رسول اللہ ﷺ نے فرمایا:
**"من سب عليا فقد سبني"**
ترجمہ: "جس نے علی کو گالی دی، اس نے مجھے گالی دی۔"
یہ حدیث حضرت علی (رضی اللہ عنہ) کی عظمت اور ان کی رسول اللہ ﷺ سے قربت کو ظاہر کرتی ہے۔ ان احادیث کا مقصد یہ ہے کہ حضرت علی (رضی اللہ عنہ) سے دشمنی یا ناپسندیدگی کو نبی کریم ﷺ سے دشمنی کے مترادف سمجھا جائے، اور اس بات کی اہمیت کو اجاگر کیا جائے کہ اہلِ بیت کا احترام لازم ہے۔
حضرت علی (رضی اللہ عنہ) کو منبروں سے گالی دینے کا ذکر مختلف تاریخی اور حدیث کی کتب میں ملتا ہے۔ یہ واقعہ خاص طور پر حضرت معاویہ بن ابی سفیان کے دور خلافت کے حوالے سے ذکر کیا جاتا ہے، جب حضرت علی (رضی اللہ عنہ) کے خلاف کچھ لوگوں کو منبروں سے بدکلامی کرنے پر مجبور کیا گیا تھا۔
ایک حدیث جو اس موضوع پر روشنی ڈالتی ہے وہ **صحیح مسلم** میں ہے۔ اس میں حضرت سعد بن ابی وقاص (رضی اللہ عنہ) سے روایت ہے:
حضرت معاویہ نے حضرت سعد سے کہا:
**"تم علی کو گالی کیوں نہیں دیتے؟"**
حضرت سعد نے جواب دیا:
**"میں اس شخص کو کیوں گالی دوں جس کے بارے میں رسول اللہ ﷺ نے فرمایا: 'جس کا میں مولا ہوں، علی اس کا مولا ہے'؟"** (صحیح مسلم: حدیث 2408)
حضرت علی (رضی اللہ عنہ) کو کچھ لوگوں نے اپنی سیاست اور نظریاتی اختلافات کی بنا پر بدنام کرنے کی کوشش کی۔
**تاریخ طبری** اور **البدایہ والنہایہ**، جن میں حضرت علی (رضی اللہ عنہ) کے خلاف منبروں سے گالی گلوچ کی روایت کا ذکر ہے۔
اوپر دیے گئے ریفرنس نے ثابت کر دیا کی جس نے علی سے جنگ کی اُسنے رسول اللہ سے جنگ کی،جس نے علی کو گالی دی اُسنے رسول اللہ کو گالی دی۔ان دونوں حدیثوں سے ثابت ہو چکا تھا کی معاویہ رسول اللہ سے جنگ کرنے اور رسول اللہ کو گالیاں دینے والا تھا۔لیکن اسکے بعد بھی احمد رضا خان معاویہ کو رضی اللہ کہتے تھے معاویہ کی توہین حرام سمجھتے تھے کیا کو شخص رسول اللہ کو گالیاں دے رسول اللہ سے جنگ کرے اسکی عزت کرنے والا عاشق رسول کہلائے گا یا پھر منافق کیوں کی جورسول اللہ کو گالی دینے والے اور رسول اللہ سے جنگ کرنے والے کو منافق نہ سمجھے وہ بھی منافق ہے میں کافر اس لیے نہیں کہتا کیوں کی کافر کی سزا کم ہے اور منافق بڑا مجرم ہے اور اسکے لیے جہنّم کا آخری طبقہ ہے جسمیں سب سے زیادہ عذاب ہے۔
اب آپ خود معاویہ کے وکیل احمد رضا خان کی منافقت دیکھیے۔
احمد رضا خان بریلویؒ کا یہ فتوی ہے کہ "جس نے شیخین (حضرت ابوبکر صدیقؓ اور حضرت عمر فاروقؓ) کو گالی دی، وہ کافر ہے" فقہ اسلامی کے اصولوں کے مطابق ہے۔ شیخین کا مقام اسلام میں بہت اعلیٰ ہے، اور ان کے خلاف زبان درازی کو گستاخی اور توہین صحابہ سمجھا جاتا ہے۔ توہین صحابہ کو کفر کے زمرے میں شامل کیا جاتا ہے کیونکہ یہ دین کے بنیادی عقائد اور صحابہ کرام کے احترام کے منافی ہے۔
نوٹ:
احمد رضا خان بریلویؒ نے بغیر کسی حدیث یہ آیت قرآنی پیش کیے شیخین کو گالی دینے والے کو اپنا فتویٰ دے کر کافر کہ دیا اور جو ایسے لوگوں کو کافر نہ مانے اُسے بھی کافر کہ دیا۔ مگر افسوس علی مسلسل کو گالیاں دینے اور قتل کرنے کی کوشش کرنے والے حرامی اور منافق معاویہ کو جنّتی اور صحابی بتاتا تھا۔خود ہی فیصلہ کیجی کی یہ کالا حضرت کتنا حرامی تھا اور علی کے دشمن معاویہ کا کتنا بڑا وفادار کتا تھا اور معاویہ معاویہ بولنے والے ہندا کے بندر کیسے معاویہ کی تعریف کرتے رہتے ہیں۔جبکہ سب جانتے ہیں کی معاویہ کو رسول اللہ نے اسلام کا باغی اور جہنّم کی طرف بلانے والے گینگ کا سردار اور منافق کہا تھا۔
😂😂, ALLAH aapko hidayat de
Ahle bait aur Quran dono me se agar kisi ka bhi daman chhoda to Huzoor ka farman h wo gumrah h aur jo Huzoor ki Aulaad se bugz rakhe uska Hashra kya hoga wo to gumraah ho gya
Tajush shàriaya se Apki Duàhmani jhalak ràhi hi Àor Bayan Bazi Bilkul Galat hi
Tumhari kya awkad hai ki tum aulaad e rasool ko nasihat karo
Huzoor Tajushshariya se koi dikkat nahi hai
Ek SAYED HOKAR PATHAN KI DALALI KARTE HUE SARM NAHI ATA.
ABE EK MOLVI TUMHRE NAJAR ME ALA HAJRAT HE.
TO FIR HAMARE NAJAR ME KHAWJA GARIB NAWAJ KON HE BOL.
Are, tum toh samjhe hi nahi
Cs❤😂❤❤😢❤❤😂😢❤😂
Jo bhi yhan par gustakhi krega
*माविया और उसके खानदान का कड़वा सच*
*पार्ट 2*
अब्दुल्लाह इब्ने जुबेर मक्का भाग गए मदीने में बचे अकेले इमाम हुसैन और उनके घर वाले इमाम हुसैन से माविया के गवर्नर ने मदीने में यजीद की बैयत या सर मांगा इमाम हुसैन ने यजीद की बैयत से खुल कर इंकार कर दिया मगर कोई भी सहाबी या सहाबी की औलाद मदीने में ये कहने को तैयार नहीं हुई की इमाम हुसैन हम आपके साथ हैं किसकी मजाल है की आप जैसे जन्नत के सरदार से यजीद की बैयत ले सके या आपका सर काट सके जब यजीद के खौफ से मदीने वाले इमाम हुसैन के साथ खड़े नहीं हुए तो इमाम हुसैन ने अपने खानदान के साथ मादीना छोड़ दिया और मक्के आ गए मक्के में भी यजीद के सिपाही हाजियों के भेस में इमाम हुसैन को कत्ल करने आ गए इमाम हुसैन को कूफे वालों ने खत लिखा था इस लिए वो उधर जाने लगे मक्के में हाजियों का सैलाब था मगर जब इमाम हुसैन हज से 2 दिन पहले मक्का छोड़ने लगे तो यजीद के खौफ से किसी ने इमाम हुसैन से नहीं कहा की आप यही रुकिए हम सब आपके साथ हैं इमाम हुसैन अपने खानदान के साथ कूफे की तरफ बढ़ रहे थे की रास्ते में ही यजीद की फ़ौज ने उन्हे रोक लिया इमाम हुसैन कूफे न जा कर दूसरी तरफ बढ़ने लगे और कर्बला में उन्हे यजीद की फौज ने घेर कर उनके 71 साथियों के साथ भूख प्यासा शहीद कर डाला लाशों पर घोड़े दौड़ाए गए शहीदों के सरों को काट कर नेजों पर चढ़ाया गया और खानदाने रसूल की औरतों बच्चों को कैदी बना कर मारते पीटते हुए यजीद के दरबार में पेश किया गया और ये सब देख कर यजीद ने अपने बाप मविया दादा अबू सूफियान दादी हिन्दा और अपने खानदान को याद करते हुए अशआर पढ़े काश ये लोग जिंदा होते तो ये सब देख का बहुत खुश होते क्यों की बद्र और ओहद में मारे जाने वाले अपने खानदान वालों का बदला मोहम्मद स.व के खानदान वालों से ले लिया न कोई वही आई थी और न कोई रसूल था बल्कि मोहम्मद ने हुकूमत हासिल करने के लिए एक ढोंग रचा था। यजीद के इन अशआर ने ये साबित कर दिया की मविया ने क्यों यजीद को खलीफा बनाया था। यजीद ने कर्बला के बाद वाक्याते हुर्रा करवाया मदीने पर हमला करवाया खूब कत्ल और गार्त गरी की मस्जिदे नबी को जानवरो का स्तबल बना दिया तीन दिन तक मदीने में रेप करवाया जिसके नतीजे में 1000 क्वारी लड़कियों ने नजायेज बच्चे जाने उसके बाद यजीद ने वाकियाते मक्का किया वहां कत्ल आम किया au खानए काबा को जलवा दिया गया ये तमाम दहशत गर्दी इस्लामी हकीम बन कर मविया का बनाया हुआ खलीफा अंजाम देता रहा और इसी बीच यजीद मर गया यजीद ने इतना जुल्म किया की उसके बाद जैसे ही उसके बेटे को खलीफा बनाया गया तो उसने चंद दिनों के अंदर ये कह कर के मेरी खिलाफत के पर रसूल अल्लाह के खानदान के खून में डूबे हुए है मेरे बाप दादा और खानदान वालों ने जो जुल्म किए वो उन्हे मुबारक और ये कह कर उसने तख्ते खिलफत् पर ठोकर मार दी मगर आज देखिए की यजीद, माविया,अबू सूफियान और कलेजा चबाने और झंडा लगा कर जिना कराने वाली हिंदा की नजायेज औलादें माविया के जुल्म को खताए इज्तेहादी बता रहे हैं।
Beshak bhai , mai Aap ki Baat se Sehmat hu
Chup hoja, tera muqaam toh unse bhi kayi zyaada kam hai
@@wasimsaiyed5788 Are O Farzi Sayyad...
Yaad Rakh Koi Asli Syed Moaviya Ki Tareef Nahi Karta
@@ShaukatAbidi main Hussaini hone ke saarh saath hassani bhi hu, Mere Imam ne Hazrat Muawiya ke saath suleh kar li toh unki khataon ka zikr karna mere Imam ke ilm ki gustakhi hai
Joker ki Laffazi laffazi laffazi laffazi illiterate laffazi illiterate illiterate waste of time😑😂
Khul ke baat kyo nahi karte miya
Ali ka sheer khul ke hi baat karte hai
Who koi aur hai jo chup ke baat kar ta hai
Ye ali ka sheer hai
@@taslimakhtarofficil78692 ulta pulta kar ke baat ho Rahi he esa mehsoos ho raha he
@@rafzikuttedoorrahe7777 tum khud hi ulta pulta ho
@@rafzikuttedoorrahe7777 wali hain ye
Chaat, Raza ki grand
Ye naya bayan? huzur hasmi miya ka umar kam hogya😂
سننے سے مطلب رکھیں اور عمل میں لانے کی کوشش کریں
Laffaji bayan hai haqiquat se bilkul khali hai is taqrir me ana boo aa rahi hai
Galat
Tum jaison ko kahan se samajh aayegi ye sab baaten
Kon bulaya tumko jaise niyat rakhoge waisa hi boo milegi
TU Mohammad ka kesa gulam he ke 1 saiyad ke bare me aisa likh Raha he
Tum se aur jannat se kya matlab wahabi door ho
Hm rasoolallah ki jannat rasoolallah ki.
नबी के सुन्नत इस्लाम कुरान हदीस के मुनकिर मुशरिक और बिद्अती बरैलवी रजाई मजहब के लोग बाबों के मजारों पर उर्स मेला चादर गागर हलवा मुर्गा बकरा मिठाई धागा फुल माला नाच गाना ढोल नगाड़ा डाँस और किसी के मौत के बाद तीजा दसवाँ बीसवाँ चालीसा बरसी दो बरसी करते कराते हैं जेब और तोंद दोनों भरने के लिए। और खुदको सुन्नी बताकर अवाम को खुलेआम बेवकूफ बनाकर गुमराह कर के जहन्नम भेजने का काम करते हैं।
Tum log bahut achche ho to munajra kahe nahi jeet pate ho
Hum rasoolallah ke
jannat rasulullah ki ❤
@@Tajusshariyaofficial Bhai a log Qayamat Tak Munajra me kabhi Jeet nahi Sakte 😡. (Allah ta ala ka Farman hai k jo Gustak k Rasool, Gustak k Ahele bait, Sahabi, Gouse e paak, aur Kul Auliya allah ko b) sach ko Aanch nahi hota.... Maslak e Ahala Hazrath Zindabad, Moulana Hashmimiya Ashrafi Zindabad ❤
SIRF,SAZDO,SE,ALLAH,NAHI,MILTA,AALE,RASUL,SWS,SE,MOHABBAT,JARURI,HE,BHAI