🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 आओ मानव मानवी । चलें धर्म के पंथ । इस पथ चलते सत्पुरुष । इस पथ चलते संत । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 आओ मानव मानवी ,चलना सीखो ,धर्म के रास्ते पर, धर्म के पथ पर , इस पथ पर ,इस रास्ते पर , इस पथ पर ,धर्म पथ पर इस पथ पर ,धर्म के रास्ते पर ,और जो धर्म के रास्ते पर चलता हैं ,वो चलते चलते बन जाते हैं सत्पुरुष संत। सत्य ज्ञान की जोत। 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरुजी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 अपना भी होवे भला भला सभी का होए, जिससे सबका हो भला शुद्ध धर्म है सोए । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 अपना भी भला हो, मंगल हो ,और सभी का भला हो, मंगल हो ,जिससे सबका भला हो, मंगल हो , वो ही शुद्ध धर्म हैं । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 सबका मंगल होए 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 काया कर्म सुधार ले वाचक कर्म सुधार, मन के करम सुधर ले यही धरम का सार । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 कया (शरीर)के कर्म सुधरो , वाणी के कर्म सुधरो और मन के कर्म सुधरो ,ये ही धर्म हैं ,ये ही धर्म का सार हैं ,ये ही धर्म की धार हैं । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 सबका मंगल होए 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जागो लोगों जगत के । बीती काली रात, हुआ उजाला धर्म का । मंगल हुआ प्रभात । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जो बिहोश हैं ,अपनी बिहोशी मिटाओ ,जागो लोगो जगत के ,और जब बिहोशी मीट जायेगी, तो तुम जाग जाओगे ,और जब जाग जाओगे, तो जो ये काली रात हैं, मन का अंधेरा ,मीट जायेगा ,और उजाला हो जायेगा, और मन का अंधेरा मीट जाने के बाद ,उजाला हो जायेगा और जब उजाला हो जायेगा ,तो मंगल हो जायेगा । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जगे धर्म-संवेग जब, देख दुखी संसार । जन-जन के प्रति जग उठे, सेवा करुणा प्यार ॥ 🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏 जब किसी को धर्म प्राप्त होता हैं तो वो देखता हैं संसार तो दुखी हैं ।तो उसके मन में एक संवेग जागता हैं सबके प्रति ,सेवा से करुणा प्यार जागता हैं सेवा करोगे तो करुणा और प्रेम जागेगा।और सेवा करोगे तो अहंकार भी दूर होगा और जब अहंकार दूर होगा तो मन की शुद्धि भी होगी । 🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏 नमो बुद्ध शिव 🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏 जय गुरु जी 🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏 साधु साधु साधु
निर्धन या धनवान हो अनपढ़ या विद्वान, जिसने मन मैला किया उसके व्याकुल प्राण । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 गरीब हो ,या अमीर हो ,पड़ालिखा हो ,या पड़ालिखा नही हो ,जिसने अपने मन मेला किया ,उसका मन अशांत हो गया । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरुजी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 तीन बात बंधन बंधे राग द्वेष अभ्हिमान, तीन बात बंधन खुले शील समाधी ज्ञान । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 मन में बंधन बन जाते हैं राग से ,राग होते हैं, मन के मैल ,और ,द्वेष होता हैं ,नफरत ,जो किसी से नफरत करता हैं या करती हैं ,बंधन बन जाते हैं, मन में ,और अभ्हिमान होता हैं ,अंहकार ,अगर किसी को, अंहकार आगया, तो बंधन बन जाते हैं ,मन में । और बंधन, शील (पंचसिक्खा) से और समाधी से और ज्ञान (प्रज्ञा) से बंधन खुलने लगते हैं ।ये ही धर्म हैं । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 सबका मंगल हो 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
यह तो वाणी धर्म की बुद्धि, ज्ञान की ज्योत, अक्षर अक्षर में भरा मंगल ओत प्रोत 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 ये वाणी धर्म की हैं, बुद्धि ज्ञान हैं ,और धर्म ज्ञान की जोत हैं ,धर्म के सारे अक्षर (word) ,मैं भरा, मंगल ही मंगल हैं ,जो धर्म वाणी सुनता हैं ,और बोलता हैं, या लिखता हैं ,या पड़ता हैं ,उसका मंगल ही मंगल हैं और जो धर्म के रास्ते पर चलता हैं ,उसका भी मंगल ही मंगल हैं । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 यह ऋत है यह नियम है सब पर लागु होए धर्म धार सुखिया रहे छूटे व्याकुल होए | 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 ये ही सत्य हैं, ये ही नियम हैं ,ये ही कानून ,जो सब पर लागू होता हैं , धर्म धार बनी रहनी चाहिए, अगर धर्म धार छोड़ी, तो मन अशांत हो गया ,अगर मन अशांत हो गया, तो परेशान हो गया ,परेशान हो गई ,व्याकुल हो गया, व्याकुल होगई, ,ये ही नियम हैं ,ये कानून हैं ,धर्म धार बनी रहनी चाहिए ।अगर धर्म धार बनी रही ,तो मन अशांत नही होगा ,परेशान नहीं होगा, व्याकुल नही होगा ।मन की शुद्धता ,मन को शुद्ध करना हैं ।ये ही धर्म हैं । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
आओ प्राणी विश्व के सुनो धर्म का ज्ञान, इसमें सुख है शांति है मुक्ति मोक्ष निर्वाण । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 आओ और चलो मानव मानवी विश्व के, सुना करो धर्म का ज्ञान, और जब सुनोगे तभी तो मिलेगा धर्म का ज्ञान,और सुनोगे नहीं ,तो धर्म का ज्ञान कैसे मिलेगा ,और धर्म के रास्ते पर चलोगे तभी तो मिलेगा धर्म का ज्ञान ,और धर्म के रास्ते पर नही चलोगे तो धर्म का ज्ञान कैसे मिलेगा , और जब धर्म का ज्ञान सुनोगे और चलोगे ,धर्म के रास्ते पर चलोगे ,तभी तो सुख मिलेगा और शांति मिलेगी । और धर्म के रास्ते पर चलोगे और सुनोगे तभी तो मुक्ति मिलेगी ,मोक्ष मिलेगा , निर्वाण मिलेगा । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 मैं भी दुखिया न रहूँ जगत न दुखिया होए जीवन जीने की कला सत्य धर्म है सोए । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 मैं भी दुखी नही रहु,तुम भी दुखी नही रहो ,जगत भी दुखी नही रहे ,।जीवन जीना सीखो ,सत्य के रास्ते पर चलो ,और जीवन जीना आजाएगा ,और जो सत्य के रास्ते पर चलता हैं, उसको जीवन जीना आ जाता हैं ,उसको कला आजती हैं, जीवन जीने की । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्धांकर 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
दुखियारों से जग भरा, सुखिया दिखे न कोय। सुखिया उसको मानिये, समद्रष्टा जो होय ॥ 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 सारा जगत दुखो से भरा हुआ हैं ।सुखी कोई दिख ही नही रहा ।पैसे वाले भी दुखी हैं और जिनके पास पैसा नहीं हैं वो भी दुखी हैं ।सुखी बस वो हैं , जिसके पास सम्यक दृष्टि हैं । 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 धन्य होयें माता पिता धन्य होयें कुल गोत्र, धर्म पुरुष जन्मे जहाँ लिए ज्ञान की ज्योत । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जहा धर्म पुत्र या पुत्री का जन्म होता हैं उसके माता पिता धन्य हो जाते हैं उनका कुल और गोत्र भी धन्य हो जाता हैं जहा धर्म पुत्र या पुत्री का जन्म होता हैं ज्ञान की जोत लेकर जन्म लेते हैं । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 सबका मंगल होए 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 यही धर्म की परख है यही धर्म का माप, जन जन का मंगल करे दूर करे संताप । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 धर्म की परख ,और धर्म का माप , जो जन जन का मंगल करे ,सबका मंगल करे ,और जो सबके ,दुखो को दूर करता हैं , वो ही धर्म हैं । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 सबका मंगल होए 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय भीम नमो बुद्धा 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 सदाचरण ही धर्म है दुराचरण ही पाप, सदाचरण से सुख जगे दुराचरण दुःख पाप । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जब कोई किसी से अच्छा आचरण करता हैं, तो मन शुद्ध हो जाता हैं, मन सुखी हो जाता हैं ,और जब कोई किसी से बुरा आचरण करता हैं, तो मन दुखी हो जाता हैं । सदाचरण ही सुख हैं, अच्छा वेवहार ,दुराचरण ही पाप हैं ,बुरा वेवहार ,ये ही धर्म हैं 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जाति वरण का गोत्र का जहां भेद न होय, जो सबका सबके लिए धर्म शुद्ध है सोए । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जहा पर जाति और गोत्र का भेद भाव होता हैं, ये और वहा धर्म नही हैं ,जहा जाति और गोत्र का भेद भाव नही होता हैं ,ये और वहा ,धर्म हैं ,जहा सब एक साथ रहते नही हैं ,एक साथ भोजन नही करते हैं ,ये और वहा ,धर्म नही हैं, जहा सारी जाति सब एक साथ रहती हैं ,सारी जाति एक साथ भोजन करती हैं ,वहा धर्म हैं ,जहा सब जाति एक समान हैं, चाहे वो कोई सी भी जाति हो ,और कोई सा भी गोत्र हो ,वहा धर्म हैं । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 धर्म न हिन्दू बौद्ध है सिख न मुस्लिम जैन, धर्म चित्त की शुद्धता धर्म शांति सुख चैन । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 धर्म ना हिन्दू हैं ।धर्म ना बौद्ध हैं ।धर्म ना सिख हैं। धर्म ना मुस्लिम हैं ।धर्म ना जैन हैं। धर्म मन की शुद्धता हैं ।अपने मन को शुद्ध करना हैं। और जब मन शुद्ध हो जाता हैं उसको शांति, सुख, चैन ,प्राप्त हो जाते हैं । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्धाय नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 मानव जीवन रत्न सा किया व्यर्थ बर्बाद, चर्चा करली धर्म की चाख न पाया स्वाद। 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 मानव और मानवी का जीवन मिला ,रत्न हैं जीवन , बर्बाद नहीं करना चाहिए । मानव और मानवी का जीवन मिला, इतना सब देखने का मोका मिला ,ऐसा भी कुछ हैं ,जीवन ,ऐसा भी जहा हैं , उसको अच्छे ढंग से जीना चाहिए ।ये ही धर्म हैं चर्चा ही करते रह गए ,धर्म की ,चाख न पाया स्वाद। स्वाद नही चखा। और जब धर्म चखोगे ,तभी तो आयेगा स्वाद ।धर्म के रास्ते पर चलना पड़ेगा, मन की शुद्धता ,अपने मन को शुद्ध करना पड़ेगा तभी तो आयेगा स्वाद। 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 सबका मंगल हो 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 धर्म धर्म तो सब कहें पर समझे न कोए, निर्मल मन काया चरण शुद्ध धर्म है सोए । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 सब धर्म धर्म ही बोलते रहते हैं ,लेकिन चलता नही कोई ,धर्म के रास्ते पर ,अपना मन निर्मल बनाओ, कया (शरीर )के कर्म सुधरो ,अपने मन को शुद्ध करो और अपने मन को शुद्ध करना सीखो ,धर्म सो रहा है अभी, जगा ही नहीं हैं । जब धर्म के रास्ते पर चलोगे तभी तो धर्म जागेगा । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 बाहर-बाहर भटकते, बीती उम्र तमाम । अब तो भीतर झांक रे, देख शांति का धाम ॥ 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 बाहर भटकते भटकते,मंदिरो मैं ,मस्जिद में ,गुरुद्वारो में,चर्चो मैं ,बीत गई उमर अब तो अंदर झांक रे ,ध्यान कर ले ,और जब ध्यान कर लोगे तो ,तब शांति मिल जायेगी ,मन शुद्ध हो जायेगा ,जब मन शुद्ध हो जायेगा ,तब धाम का भी पता चल जायेगा । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
समप्रदाय ना धर्म हैं । धर्म ना बने दीवार । धर्म सिखाये एकता । धर्म सिखये प्यार । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 समाज जातियों में बटा हुआ हैं ,धर्म दीवार नहीं बन सकता हैं, क्योंकि धर्म सिखाता हैं एकता, जो जातियां हैं, उसको एक करना ,आपस में मिलजुल कर रहना, प्रेम से रहना ।अगर सामने कोई दीवार हैं, तो वो जाति हैं । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹 नमो बुद्धांकर 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
मीठी वाणी धर्म की मिसरी के से बोल, कल्याणी मंगलमयी भरा अमृत रस घोल । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 धर्म वाणी मीठी हैं ,सुनकर ,पड़कर, बोलकर, एक अलग ही अनुभव प्राप्त होता हैं, मिसरी जैसे बोल हैं, और जो सुनता हैं ,पड़ता हैं ,बोलता हैं, धर्म वाणी, उसका भला हो जाता हैं, कल्याण हो जाता हैं, मंगल हो जाता हैं ,ऐसा अनुभव होता हैं ,जैसे कोई अमृत जैसा अनुभव होता हैं ,और जो धर्म प्राप्त कर जाते हैं उनको अमृत प्राप्त हो जाता हैं, जैसे कोई अमृत घोल रहा हैं, धर्म वाणी सुनाकर, बोलकर पड़कर, सुनकर, पढ़ाकर जो पड़ा रहा हैं, सुना रहा हैं ,बोल रहा हैं ,अमृत घोल रहा हैं , धर्म वाणी पड़ा कर, सुना कर और बता कर । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 वर्ण रंग से मानवी ऊंच नींच न होए, काली गोरी गाय का दूध एक सा होए । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जितने भी वर्ण और जितने भी रंग के मानव मानवी हैं ,ऊंच नींच नही करनी चाहिए, भेद भाव नही करना चाहिए, चाहे वो काला हो ,गोरा हो, या काली हो ,या गोरी हो , काली गाय और गोरी गाय का दूध, दोनो का एक सा ही होता हैं ,सफेद होता हैं। 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
Page 1🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹Mala Mantr Gyan, chakra Gyan, jaap Gyan Mantr aur jaap karte wakt agar dhyan shareer main jaha jaha lag raha hain, waha kuch sidh ho jata hain ,agar waha cough ho to cough cancer bhi ban sakta hain,cough sidh ho jata hain , jaha jaha dhyan lagta chala gayega waha waha kuch create hota chala jayega , agar bimari sidh ho jati hain, aur agar Mann main jo kirya chal rahi us samye jab jaap kar rahe hote hain , jaise ghabrahat, krodh, agni ,garmi etc,ye bhi sidh ho jayegi aur jab tak hati nahi jo sidh hua hain create hua hain, agr ghabrahat sidh hue hain, to ghabrahat hi lagti rahegi, aur agni garmi sidh hue hain ,create hue hain ,to garmi lagti rahegi,jab tak wo jo sidh hua hain create hua hain hati nahi ,jaise ghabrahat, garmi ,agni,agr ye sab sidh ho gai ,create ho gai to ghabrahat ,garmi ,hi lagti rahegi ,agar jo sidh hua hain aur agar Jada jaap kar jaye to shareer k upar parat aajati hain, hatana muskil ho jata hain ,agr jaap karte vakt brain par dhyan lag jaye ,to brain main bimari ho jayegi ,aur chakr humari body ko santulit rakhte hain, jaise sahasrara chakra, brain ko santulit rakhta hain ,agya chakra humari eyes ko santulit rakhta hain, aur agya chakra ka jo jaha jaha connect hain us part ko bhi santulit rakhta, hain page2🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏,vishuddha chakra humare kounth ko santulit rakhta hain, aur charka ka jo part hain usko bhi ,anahat chakra humare heart lungs ko santulit rakhta hain, aur anahat chakra jaha jaha connect hain usko bhi ,manipura chakra Nabi ko santulit rakhta hain ,aur charka ka jo part hain jaha jaha connect hain ,usko bhi santulit rakhta hain ,swadhisthana chakra bhi jaha jaha chakra ka part hain aur chakra jaha jaha connect hain us porshion ko santulit rakhta hain ,muladhara chakra humare legs k porshion ko santulit rakhta hain aur jaha jaha muladhar connect hain ,chakra ka jo part hain usko bhi santulit rakhta hain, agar jaap kiye aur chakra band ho jaya to us porshion par bimari ho jayegi, sare chakr shareer ko santulit rakhte hain agar ek bhi chakra aasantulit ho jaye chakra band ho jaye to us porshion par bimari ho jati hain, jaha chakra ka part hain, jaha jaha chakra connect hain jaise muladhaar chakra legs aur jaha jaha connect hain muladhaar us porshion ko santulit rakhta hain ,agar muladhaar aasantulit ho gaya to use porshion par bimari ho jati hain ,chakra humari body ko santulit rakhte hain, aur chakra ka santulan bighar jaye, jaise jaap karte vakt dhyan Nabi par lag jaye to Nabi chakra manipura aasantulit ho jayega, aur agr manipura chakra aasantulit ho gaya to jo chakra ka jo kaam hain, wo bhi aasantulit ho jayega, agar manipura chakra par jaap karte vakt dhyan laga hua hain ,aur jaap karrahe ho to waha bhi kuch create ho jata hai, chakra band ho jata hain aur agar chakra band ho jaya to jaha jaha chakro ka jo kaam hain wo bhi band ho jata hain aasantulit ho jata hain aur jaap to Jeep toungh se hote hain agar jaap kar rahe ho to tounth chaka band ho jata hain mala jaap se usko bolne main problem hone lagti hain bol nahi pata aur chakra ka jo part hain wo bhi band hota chala jata hain aur ek time aisa ata hain wo mala Mantra jaap karte hain unko hospital Jana padta hain Namo budh shivo 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹jai guru ji 🌹
हिन्दू हो या बौद्ध हो मुस्लिम हो या जैन, जब जब मन मैला करे तब तब हो बैचैन । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 हिंदू हो या बौद्ध हो या मुस्लिम हो या जैन हो या सिख हो । जिस समय अपने मन को मैला किया ,तभी बैचैन हो गया, हो गई ,अगर उसने अपने मन को मैला नही किया ,तो बैचैन नही हुआ, नही हुई ,मन में क्रोध जगा, क्रोध नही किया ,तो बैचैन नही हुआ, बैचैन नही हुई , क्रोध आया ,क्रोध करके ,प्रतिक्रिया कर दी ,क्रोध करके ,पाल्हे तो उसने ,अपनी हानि की, क्रोध करके, और जिसके उपर क्रोध किया ,उसकी भी हानि करदी ,क्रोध करके , करम बन गया ,करम बन गए ।,क्रोध करके अगर क्रोध आया ,क्रोध नही किया ,तो जो पिछला करम हैं ,क्रोध का , वो कर्म हटा ,मन की शुद्धि हुई मन शुद्ध हुआ । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नितिन दास जी पहले तो सत्संग करना सीखो कौन सी बात कब करनीहै बिना हाथ पैर की बातें करने से काम नहीं चलेगा ध्यान और सिमरन में अंतर होता है क्या हम परमात्मा का ध्यान करेंगे तभी तो सिमरन करेंगे आज का युग पढ़ा लिखा है अच्छे से ग्रंथ पढ़ो और समझो उसके बाद में पब्लिक को समझा ओ संत रामपाल जी महाराज का सत्संग सुनो कुछ ज्ञान हो जाएगा सात साहेब जी
हम शास्त्र प्रमाण बातें करते हैं बिना हाथपैर की नहीं यूट्यूब चैनल से इंसान महान नहीं होता यूट्यूब से तो पैसे की कमाई होती है जो आपको जरूरत है हम तो अपने मेहनत करके काम के खाते हैं
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 तीन बात बंधन बंधे राग द्वेष अभ्हिमान, तीन बात बंधन खुले शील समाधी ज्ञान । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 मन में बंधन बन जाते हैं राग से ,राग होते हैं, मन के मैल ,और ,द्वेष होता हैं ,नफरत ,जो किसी से नफरत करता हैं या करती हैं ,बंधन बन जाते हैं, मन में ,और अभ्हिमान होता हैं ,अंहकार ,अगर किसी को, अंहकार आगया, तो बंधन बन जाते हैं ,मन में । और बंधन, शील (पंचसिक्खा) से और समाधी से और ज्ञान (प्रज्ञा) से बंधन खुलने लगते हैं ।ये ही धर्म हैं । 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 नमो बुद्ध शिव 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 जय गुरु जी 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 साधु साधु साधु 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 सबका मंगल हो 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
भेदी सतगुरू नितिनदास जी साहेबजी प्रणाम जी सत् कबीर जी साहेबजी बंदीछोड मालिक का सदा सदा जय जय कार हो मेरे मालिक साहेब बंदगी सतनाम गुरूजी
Saheb Bandgi Satnaam
साहेब बंदगी सतनाम जी सतगुरु नितीन साहेब जी के चरन कमलोंमे कोटी बंदगी कोटी कोटी प्रनाम 🌹🤲🤲🤲🌹🙏🙇🙆👏
🌹🙏🌹sat saheb ji bandagi ji satnam ji jay satnam ji sat Guru ji Nitin das baba saheb ji app ki sada hi jay ji 🌹🙏🌹
Sahib bandagi satnaam ji 🌹🌹🙏🙏
Sahib bandgi satnam guru ji 🙏
🙏सतनाम साहेब महात्मा जी 🙏
मूल ज्ञान दाता महात्मा जी को प्रेमदास का कोटी कोटी प्रणाम 🙏🙏🙏
जय सतनाम जी
साहेब बंदगी सतनाम जी
🙏🙏गुरु भाई जी 🙏🙏
जय हो परमात्मा सब्द गुरु देव जी की सदा सदा ही जय हो
🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹
🌺🕹साहेब बंदगी सतनाम 🕹🌺
सतनाम साहेब बंदगी साहेब जी🌹👏🌹
साहेब बंदगी सतनाम गुरूजी जी
साहेब बंदगी सतनाम गुरू जी 🌹🌹🙏🙏
Guruji bandagi
जय सतनाम साहेब बंदगी सतनाम गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम किया
Satnam Saheb bandgi Nitin das guru ji aap ki kripa Jo sabad ved khole hi
जय गुरुदेव बाबा नितिन को कोटि कोटि प्रणाम
saheb bandgi satnaam ji
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
आओ मानव मानवी । चलें धर्म के पंथ ।
इस पथ चलते सत्पुरुष । इस पथ चलते संत ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
आओ मानव मानवी ,चलना सीखो ,धर्म के रास्ते पर, धर्म के पथ पर , इस पथ पर ,इस रास्ते पर , इस पथ पर ,धर्म पथ पर
इस पथ पर ,धर्म के रास्ते पर ,और जो धर्म के रास्ते पर चलता हैं ,वो चलते चलते बन जाते हैं सत्पुरुष संत। सत्य ज्ञान की जोत।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरुजी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साहेब बंदगी सतनाम जी🙏
बहुत सही कह रहे हो महाराजजी आप
Jay satnam saheb ji
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
अपना भी होवे भला भला सभी का होए,
जिससे सबका हो भला शुद्ध धर्म है सोए ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
अपना भी भला हो, मंगल हो ,और सभी का भला हो, मंगल हो ,जिससे सबका भला हो, मंगल हो , वो ही शुद्ध धर्म हैं ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
सबका मंगल होए
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🙏🌹🙏🌹🙏🙏🙏🌹
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
काया कर्म सुधार ले वाचक कर्म सुधार,
मन के करम सुधर ले यही धरम का सार ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
कया (शरीर)के कर्म सुधरो , वाणी के कर्म सुधरो और मन के कर्म सुधरो ,ये ही धर्म हैं ,ये ही धर्म का सार हैं ,ये ही धर्म की धार हैं ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
सबका मंगल होए
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
Such sunne m meja aata h
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जागो लोगों जगत के । बीती काली रात,
हुआ उजाला धर्म का । मंगल हुआ प्रभात ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जो बिहोश हैं ,अपनी बिहोशी मिटाओ ,जागो लोगो जगत के ,और जब बिहोशी मीट जायेगी, तो तुम जाग जाओगे ,और जब जाग जाओगे, तो जो ये काली रात हैं, मन का अंधेरा ,मीट जायेगा ,और उजाला हो जायेगा, और मन का अंधेरा मीट जाने के बाद ,उजाला हो जायेगा और जब उजाला हो जायेगा ,तो मंगल हो जायेगा ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
Pita ji sada dya rakhna kal bhagwan ka lok bhut khatarnak hai har pal dya rakhna pita ji
जगे धर्म-संवेग जब, देख दुखी संसार ।
जन-जन के प्रति जग उठे, सेवा करुणा प्यार ॥
🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏
जब किसी को धर्म प्राप्त होता हैं तो वो देखता हैं संसार तो दुखी हैं ।तो उसके मन में एक संवेग जागता हैं सबके प्रति ,सेवा से करुणा प्यार जागता हैं सेवा करोगे तो करुणा और प्रेम जागेगा।और सेवा करोगे तो अहंकार भी दूर होगा और जब अहंकार दूर होगा तो मन की शुद्धि भी होगी ।
🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏
नमो बुद्ध शिव
🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏
जय गुरु जी
🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏
साधु साधु साधु
निर्धन या धनवान हो अनपढ़ या विद्वान,
जिसने मन मैला किया उसके व्याकुल प्राण ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
गरीब हो ,या अमीर हो ,पड़ालिखा हो ,या पड़ालिखा नही हो ,जिसने अपने मन मेला किया ,उसका मन अशांत हो गया ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरुजी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
तीन बात बंधन बंधे राग द्वेष अभ्हिमान,
तीन बात बंधन खुले शील समाधी ज्ञान ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
मन में बंधन बन जाते हैं राग से ,राग होते हैं, मन के मैल ,और ,द्वेष होता हैं ,नफरत ,जो किसी से नफरत करता हैं या करती हैं ,बंधन बन जाते हैं, मन में ,और अभ्हिमान होता हैं ,अंहकार ,अगर किसी को, अंहकार आगया, तो बंधन बन जाते हैं ,मन में ।
और बंधन, शील (पंचसिक्खा) से और समाधी से और ज्ञान (प्रज्ञा) से बंधन खुलने लगते हैं ।ये ही धर्म हैं ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
सबका मंगल हो
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
यह तो वाणी धर्म की बुद्धि,
ज्ञान की ज्योत, अक्षर अक्षर में भरा मंगल ओत प्रोत
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
ये वाणी धर्म की हैं, बुद्धि ज्ञान हैं ,और धर्म ज्ञान की जोत हैं ,धर्म के सारे अक्षर (word) ,मैं भरा, मंगल ही मंगल हैं ,जो धर्म वाणी सुनता हैं ,और बोलता हैं, या लिखता हैं ,या पड़ता हैं ,उसका मंगल ही मंगल हैं
और जो धर्म के रास्ते पर चलता हैं ,उसका भी मंगल ही मंगल हैं ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
यह ऋत है यह नियम है सब पर लागु होए
धर्म धार सुखिया रहे छूटे व्याकुल होए |
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
ये ही सत्य हैं, ये ही नियम हैं ,ये ही कानून ,जो सब पर लागू होता हैं ,
धर्म धार बनी रहनी चाहिए, अगर धर्म धार छोड़ी, तो मन अशांत हो गया ,अगर मन अशांत हो गया, तो परेशान हो गया ,परेशान हो गई ,व्याकुल हो गया, व्याकुल होगई, ,ये ही नियम हैं ,ये कानून हैं ,धर्म धार बनी रहनी चाहिए ।अगर धर्म धार बनी रही ,तो मन अशांत नही होगा ,परेशान नहीं होगा, व्याकुल नही होगा ।मन की शुद्धता ,मन को शुद्ध करना हैं ।ये ही धर्म हैं ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
Fantastic explanation
@@shalinigupta8871 जय सतनाम जी
@@shalinigupta8871 शुक्रिया मालिक की मौज
आओ प्राणी विश्व के सुनो धर्म का ज्ञान,
इसमें सुख है शांति है मुक्ति मोक्ष निर्वाण ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
आओ और चलो मानव मानवी विश्व के, सुना करो धर्म का ज्ञान, और जब सुनोगे तभी तो मिलेगा धर्म का ज्ञान,और सुनोगे नहीं ,तो धर्म का ज्ञान कैसे मिलेगा ,और धर्म के रास्ते पर चलोगे तभी तो मिलेगा धर्म का ज्ञान ,और धर्म के रास्ते पर नही चलोगे तो धर्म का ज्ञान कैसे मिलेगा ,
और जब धर्म का ज्ञान सुनोगे और चलोगे ,धर्म के रास्ते पर चलोगे ,तभी तो सुख मिलेगा और शांति मिलेगी । और धर्म के रास्ते पर चलोगे और सुनोगे तभी तो मुक्ति मिलेगी ,मोक्ष मिलेगा , निर्वाण मिलेगा ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
मैं भी दुखिया न रहूँ जगत न दुखिया होए
जीवन जीने की कला सत्य धर्म है सोए ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
मैं भी दुखी नही रहु,तुम भी दुखी नही रहो ,जगत भी दुखी नही रहे ,।जीवन जीना सीखो ,सत्य के रास्ते पर चलो ,और जीवन जीना आजाएगा ,और जो सत्य के रास्ते पर चलता हैं, उसको जीवन जीना आ जाता हैं ,उसको कला आजती हैं, जीवन जीने की ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्धांकर
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
दुखियारों से जग भरा, सुखिया दिखे न कोय।
सुखिया उसको मानिये, समद्रष्टा जो होय ॥
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
सारा जगत दुखो से भरा हुआ हैं ।सुखी कोई दिख ही नही रहा ।पैसे वाले भी दुखी हैं और जिनके पास पैसा नहीं हैं वो भी दुखी हैं ।सुखी बस वो हैं , जिसके पास सम्यक दृष्टि हैं ।
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
धन्य होयें माता पिता धन्य होयें कुल गोत्र,
धर्म पुरुष जन्मे जहाँ लिए ज्ञान की ज्योत ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जहा धर्म पुत्र या पुत्री का जन्म होता हैं उसके माता पिता धन्य हो जाते हैं उनका कुल और गोत्र भी धन्य हो जाता हैं जहा धर्म पुत्र या पुत्री का जन्म होता हैं ज्ञान की जोत लेकर जन्म लेते हैं ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
सबका मंगल होए
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
Hey parmpita parmatma sab samj rhi hai aapki dya se
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
यही धर्म की परख है यही धर्म का माप,
जन जन का मंगल करे दूर करे संताप ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
धर्म की परख ,और धर्म का माप ,
जो जन जन का मंगल करे ,सबका मंगल करे ,और जो सबके ,दुखो को दूर करता हैं , वो ही धर्म हैं ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
सबका मंगल होए
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय भीम नमो बुद्धा
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
Good gyam shev bandgge
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
सदाचरण ही धर्म है दुराचरण ही पाप,
सदाचरण से सुख जगे दुराचरण दुःख पाप ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जब कोई किसी से अच्छा आचरण करता हैं, तो मन शुद्ध हो जाता हैं, मन सुखी हो जाता हैं ,और जब कोई किसी से बुरा आचरण करता हैं, तो मन दुखी हो जाता हैं ।
सदाचरण ही सुख हैं, अच्छा वेवहार ,दुराचरण ही पाप हैं ,बुरा वेवहार ,ये ही धर्म हैं
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जाति वरण का गोत्र का जहां भेद न होय,
जो सबका सबके लिए धर्म शुद्ध है सोए ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जहा पर जाति और गोत्र का भेद भाव होता हैं, ये और वहा धर्म नही हैं ,जहा जाति और गोत्र का भेद भाव नही होता हैं ,ये और वहा ,धर्म हैं ,जहा सब एक साथ रहते नही हैं ,एक साथ भोजन नही करते हैं ,ये और वहा ,धर्म नही हैं, जहा सारी जाति सब एक साथ रहती हैं ,सारी जाति एक साथ भोजन करती हैं ,वहा धर्म हैं ,जहा सब जाति एक समान हैं, चाहे वो कोई सी भी जाति हो ,और कोई सा भी गोत्र हो ,वहा धर्म हैं ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
धर्म न हिन्दू बौद्ध है सिख न मुस्लिम जैन,
धर्म चित्त की शुद्धता धर्म शांति सुख चैन ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
धर्म ना हिन्दू हैं ।धर्म ना बौद्ध हैं ।धर्म ना सिख हैं। धर्म ना मुस्लिम हैं ।धर्म ना जैन हैं।
धर्म मन की शुद्धता हैं ।अपने मन को शुद्ध करना हैं। और जब मन शुद्ध हो जाता हैं उसको शांति, सुख, चैन ,प्राप्त हो जाते हैं ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्धाय नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
Saheb bandagi Satnam Guruji
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
मानव जीवन रत्न सा किया व्यर्थ बर्बाद,
चर्चा करली धर्म की चाख न पाया स्वाद।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
मानव और मानवी का जीवन मिला ,रत्न हैं जीवन , बर्बाद नहीं करना चाहिए । मानव और मानवी का जीवन मिला, इतना सब देखने का मोका मिला ,ऐसा भी कुछ हैं ,जीवन ,ऐसा भी जहा हैं , उसको अच्छे ढंग से जीना चाहिए ।ये ही धर्म हैं
चर्चा ही करते रह गए ,धर्म की ,चाख न पाया स्वाद। स्वाद नही चखा। और जब धर्म चखोगे ,तभी तो आयेगा स्वाद ।धर्म के रास्ते पर चलना पड़ेगा, मन की शुद्धता ,अपने मन को शुद्ध करना पड़ेगा तभी तो आयेगा स्वाद।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
सबका मंगल हो
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
धर्म धर्म तो सब कहें पर समझे न कोए,
निर्मल मन काया चरण शुद्ध धर्म है सोए ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
सब धर्म धर्म ही बोलते रहते हैं ,लेकिन चलता नही कोई ,धर्म के रास्ते पर ,अपना मन निर्मल बनाओ, कया (शरीर )के कर्म सुधरो ,अपने मन को शुद्ध करो और अपने मन को शुद्ध करना सीखो ,धर्म सो रहा है अभी, जगा ही नहीं हैं । जब धर्म के रास्ते पर चलोगे तभी तो धर्म जागेगा ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
बाहर-बाहर भटकते, बीती उम्र तमाम ।
अब तो भीतर झांक रे, देख शांति का धाम ॥
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
बाहर भटकते भटकते,मंदिरो मैं ,मस्जिद में ,गुरुद्वारो में,चर्चो मैं ,बीत गई उमर
अब तो अंदर झांक रे ,ध्यान कर ले ,और जब ध्यान कर लोगे तो ,तब शांति मिल जायेगी ,मन शुद्ध हो जायेगा ,जब मन शुद्ध हो जायेगा ,तब धाम का भी पता चल जायेगा ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
@@nikhilkumar1889 अब ये कोंनसा नया ज्ञान आ गया
समप्रदाय ना धर्म हैं । धर्म ना बने दीवार । धर्म सिखाये एकता । धर्म सिखये प्यार ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
समाज जातियों में बटा हुआ हैं ,धर्म दीवार नहीं बन सकता हैं, क्योंकि धर्म सिखाता हैं एकता, जो जातियां हैं, उसको एक करना ,आपस में मिलजुल कर रहना, प्रेम से रहना ।अगर सामने कोई दीवार हैं, तो वो जाति हैं ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
नमो बुद्धांकर
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
मीठी वाणी धर्म की मिसरी के से बोल,
कल्याणी मंगलमयी भरा अमृत रस घोल ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
धर्म वाणी मीठी हैं ,सुनकर ,पड़कर, बोलकर, एक अलग ही अनुभव प्राप्त होता हैं, मिसरी जैसे बोल हैं,
और जो सुनता हैं ,पड़ता हैं ,बोलता हैं, धर्म वाणी, उसका भला हो जाता हैं, कल्याण हो जाता हैं, मंगल हो जाता हैं ,ऐसा अनुभव होता हैं ,जैसे कोई अमृत जैसा अनुभव होता हैं ,और जो धर्म प्राप्त कर जाते हैं उनको अमृत प्राप्त हो जाता हैं, जैसे कोई अमृत घोल रहा हैं, धर्म वाणी सुनाकर, बोलकर पड़कर, सुनकर, पढ़ाकर
जो पड़ा रहा हैं, सुना रहा हैं ,बोल रहा हैं ,अमृत घोल रहा हैं , धर्म वाणी पड़ा कर, सुना कर और बता कर ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
वर्ण रंग से मानवी ऊंच नींच न होए,
काली गोरी गाय का दूध एक सा होए ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जितने भी वर्ण और जितने भी रंग के मानव मानवी हैं ,ऊंच नींच नही करनी चाहिए, भेद भाव नही करना चाहिए, चाहे वो काला हो ,गोरा हो, या काली हो ,या गोरी हो ,
काली गाय और गोरी गाय का दूध, दोनो का एक सा ही होता हैं ,सफेद होता हैं।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जयबनदी छोड़ की 🙏🙏🌺🤲
Page 1🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹Mala Mantr Gyan, chakra Gyan, jaap Gyan
Mantr aur jaap karte wakt agar dhyan shareer main jaha jaha lag raha hain, waha kuch sidh ho jata hain ,agar waha cough ho to cough cancer bhi ban sakta hain,cough sidh ho jata hain , jaha jaha dhyan lagta chala gayega waha waha kuch create hota chala jayega , agar bimari sidh ho jati hain, aur agar Mann main jo kirya chal rahi us samye jab jaap kar rahe hote hain , jaise ghabrahat, krodh, agni ,garmi etc,ye bhi sidh ho jayegi aur jab tak hati nahi jo sidh hua hain create hua hain, agr ghabrahat sidh hue hain, to ghabrahat hi lagti rahegi, aur agni garmi sidh hue hain ,create hue hain ,to garmi lagti rahegi,jab tak wo jo sidh hua hain create hua hain hati nahi ,jaise ghabrahat, garmi ,agni,agr ye sab sidh ho gai ,create ho gai to ghabrahat ,garmi ,hi lagti rahegi ,agar jo sidh hua hain aur agar Jada jaap kar jaye to shareer k upar parat aajati hain, hatana muskil ho jata hain ,agr jaap karte vakt brain par dhyan lag jaye ,to brain main bimari ho jayegi ,aur chakr humari body ko santulit rakhte hain, jaise sahasrara chakra, brain ko santulit rakhta hain ,agya chakra humari eyes ko santulit rakhta hain, aur agya chakra ka jo jaha jaha connect hain us part ko bhi santulit rakhta, hain page2🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏,vishuddha chakra humare kounth ko santulit rakhta hain, aur charka ka jo part hain usko bhi ,anahat chakra humare heart lungs ko santulit rakhta hain, aur anahat chakra jaha jaha connect hain usko bhi ,manipura chakra Nabi ko santulit rakhta hain ,aur charka ka jo part hain jaha jaha connect hain ,usko bhi santulit rakhta hain ,swadhisthana chakra bhi jaha jaha chakra ka part hain aur chakra jaha jaha connect hain us porshion ko santulit rakhta hain ,muladhara chakra humare legs k porshion ko santulit rakhta hain aur jaha jaha muladhar connect hain ,chakra ka jo part hain usko bhi santulit rakhta hain, agar jaap kiye aur chakra band ho jaya to us porshion par bimari ho jayegi, sare chakr shareer ko santulit rakhte hain agar ek bhi chakra aasantulit ho jaye chakra band ho jaye to us porshion par bimari ho jati hain, jaha chakra ka part hain, jaha jaha chakra connect hain jaise muladhaar chakra legs aur jaha jaha connect hain muladhaar us porshion ko santulit rakhta hain ,agar muladhaar aasantulit ho gaya to use porshion par bimari ho jati hain ,chakra humari body ko santulit rakhte hain, aur chakra ka santulan bighar jaye, jaise jaap karte vakt dhyan Nabi par lag jaye to Nabi chakra manipura aasantulit ho jayega, aur agr manipura chakra aasantulit ho gaya to jo chakra ka jo kaam hain, wo bhi aasantulit ho jayega, agar manipura chakra par jaap karte vakt dhyan laga hua hain ,aur jaap karrahe ho to waha bhi kuch create ho jata hai, chakra band ho jata hain aur agar chakra band ho jaya to jaha jaha chakro ka jo kaam hain wo bhi band ho jata hain aasantulit ho jata hain aur jaap to Jeep toungh se hote hain agar jaap kar rahe ho to tounth chaka band ho jata hain mala jaap se usko bolne main problem hone lagti hain bol nahi pata aur chakra ka jo part hain wo bhi band hota chala jata hain aur ek time aisa ata hain wo mala Mantra jaap karte hain unko hospital Jana padta hain
Namo budh shivo 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹jai guru ji 🌹
साहेब अनुभव ज्ञान किसका है बताओ भेदी गुरु जी
हिन्दू हो या बौद्ध हो मुस्लिम हो या जैन,
जब जब मन मैला करे तब तब हो बैचैन ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
हिंदू हो या बौद्ध हो या मुस्लिम हो या जैन हो या सिख हो ।
जिस समय अपने मन को मैला किया ,तभी बैचैन हो गया, हो गई ,अगर उसने अपने मन को मैला नही किया ,तो बैचैन नही हुआ, नही हुई ,मन में क्रोध जगा, क्रोध नही किया ,तो बैचैन नही हुआ, बैचैन नही हुई ,
क्रोध आया ,क्रोध करके ,प्रतिक्रिया कर दी ,क्रोध करके ,पाल्हे तो उसने ,अपनी हानि की, क्रोध करके, और जिसके उपर क्रोध किया ,उसकी भी हानि करदी ,क्रोध करके , करम बन गया ,करम बन गए ।,क्रोध करके
अगर क्रोध आया ,क्रोध नही किया ,तो जो पिछला करम हैं ,क्रोध का , वो कर्म हटा ,मन की शुद्धि हुई मन शुद्ध हुआ ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
Saheb bandgi saheb ji sorry Anand Aya mja nhi
Parmoddassaheb jianand Aya Meja nhi
@@SunitaSharma-fe1pl 😁
नितिन दास जी पहले तो सत्संग करना सीखो कौन सी बात कब करनीहै बिना हाथ पैर की बातें करने से काम नहीं चलेगा ध्यान और सिमरन में अंतर होता है क्या हम परमात्मा का ध्यान करेंगे तभी तो सिमरन करेंगे आज का युग पढ़ा लिखा है
अच्छे से ग्रंथ पढ़ो और समझो उसके बाद में पब्लिक को समझा ओ संत रामपाल जी महाराज का सत्संग सुनो कुछ ज्ञान हो जाएगा
सात साहेब जी
@@nandsingh3539 आप अपना यूट्यूब चैनल बनाओ और वहां अपनी गुरूजी का ज्ञान दो यहां आपके ज्ञान की जरूरत नही ह
हम शास्त्र प्रमाण बातें करते हैं बिना हाथपैर की नहीं
यूट्यूब चैनल से इंसान महान नहीं होता
यूट्यूब से तो पैसे की कमाई होती है जो आपको जरूरत है
हम तो अपने मेहनत करके काम के खाते हैं
@@Mrs.SahibaMoolgyan सत्संग में संगत काम आती है तो कमाई नहीं हो रही है इस वजह से यूट्यूब से पैसा मिल जाएगा अच्छा कामकिया
सत साहेब जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
तीन बात बंधन बंधे राग द्वेष अभ्हिमान,
तीन बात बंधन खुले शील समाधी ज्ञान ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
मन में बंधन बन जाते हैं राग से ,राग होते हैं, मन के मैल ,और ,द्वेष होता हैं ,नफरत ,जो किसी से नफरत करता हैं या करती हैं ,बंधन बन जाते हैं, मन में ,और अभ्हिमान होता हैं ,अंहकार ,अगर किसी को, अंहकार आगया, तो बंधन बन जाते हैं ,मन में ।
और बंधन, शील (पंचसिक्खा) से और समाधी से और ज्ञान (प्रज्ञा) से बंधन खुलने लगते हैं ।ये ही धर्म हैं ।
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्ध शिव
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय गुरु जी
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
साधु साधु साधु
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
सबका मंगल हो
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏