An intelligent and thought-provoking analysis deliberated by a learned professer. Amazing that a comparison could possible between two opposite schools of thought and that too in a very simple manner is beyond our imagination. We salute you, Sir.
महाभारत मेँ वेद व्यास जी का यह अमर वाक्य है़ कि ...गुह्यं ब्रह्म तदिदं ब्रविमि न हि मानुषात् श्रेष्ठतरं हि किंचित् अर्थात् मैं तुम्हें गूढ रहस्य बताता हूं कि मनुष्य सर्व श्रेष्ट है़ l यह भगवद्गीता मेँ नहीं किंतु महाभारत मेँ कही अन्यत्र लिखित है़ और गीता भी महाभारत का अभिन्न अंग है़
Long time back in 1992 I had the fortune to read his book and his scholarship shines through. It is a rare insight into the comparative of the two opposed ideologies but which in fact is shown by the author that Gita transcends the dichotomy suffered in communism and it becomes apparent that Dr.H.S Sinha brought out the gems of wisdom for the lay man to understand. Dr.H.S.Sinha deserves our gratitude. Can somebody share a copy of this gem? I have the pdf downloaded but would value a hard copy immensely.
I want to thank Prof HS Sinha sir for sharing his enlightening ideas about philosophy, religion and ethics. Also want to thank Mr Ashok for mediating his ideas through this RUclips channel. Please provide more such videos on prof Sinha's works. Also thank you for the pdf. I am reading this work.
माक्स ने भारतीय संस्कृति को भारत के प्राचीन वैसे मनुष्य जिन्होंने समाज में प्रेम का संदेश दिया और वह भगवान राम ,शिव कृष्ण, बुद्ध, महावीर, को लेकर बहुत सामान्य प्रकट किया है प्राचीन वैदिक भारत के सामाजिक सरोकार और शासन व्यवस्था पर और युरोपीयन सामाजिक सरोकार में भारतीय मूल्य को महान् माना है भगवान बुद्ध को महान सामाजिक नेता माने हैं
"न वै राज्यं न राजासीत् न दण्डो न च दाण्डिकः| धर्मणऐव प्रजाः सर्वा रक्षन्ति स्म परस्परं || "राजन!शाकद्वीप के मंक,मशक ,मानस मदंग नामक जनपद में न कोई राजा है, न दण्ड है और न दण्डदेनेवाला है| वहाँ के लोग धर्म के ज्ञाता हैं और स्वधर्म पालन के ही प्रभाव से एक दुसरे की रक्षा करते हैं||" (महाभारत शांतिपर्व ५९.१४ )
Gyan ke application ke liye apko charo class ke logo ko apas me mil ke kam karna padta h. Akele gyani ke bas ki koi bat nahi hoti h to gyani ko uncha aur baki sabko nicha bolna bhi Gita, Sanatan aur Communism ke patan ka karan h.
पश्चिमी देशों में ज्यादातर पूंजीपति लूट के खजाने की उपज हैं जिस कारण विकृत मानसिकता वाले हैं, वहां कोई भामाशाह नहीं पैदा हुआ , इसीलिए मार्क्स को पूंजीपति वर्ग का विरोधी भी कहा जा सकता है ।
आप का ये श्लोक कि न राजा न राज्यमासीत अर्थात तब ना राजा और न ही राज्य था ..न दंड था न दंड्य था इत्यादि .. उद्धृत कर रहे हो वे गीता मेँ नहीं है़ ..अवश्य ही यह महाभारत के अन्य स्थल पर है़ ..यह श्लोक शांतिपर्व मेँ भीष्म जी युधिष्ठिर को सुनाया
मार्क्सिज्म अगर इतना ही अच्छा है तो क्यूबा चाइना रसिया और अदर कंट्री और जहां भी कभी communism था या है वहां पर इतनी हालत खराब क्यों है और अमरीका यूरोप में इतना अच्छा क्यों है
I am disappointed to see that a scholar like Dr Himmat Sinha is misquoting and saying that it is written in the Gita that there is no higher religion than humanity and he is quoting a sanskrit line in the beginning of this lecture. This line is not found anywhere in the Gita. It may be true that humanity is underlying philosophy or religion of the Gita but why does he misquote a sanskrit sloka which is not in the Gita?
सिन्हा साहब का कोई कोई ऊचारण समझ में नहीं आया उसमें उसका कोई दोष नहीं है ।इस उम्र में मुंह में दांत नहीं होने से ऐसा उच्चारण होता है। फ़िर भी समझाने का अच्छा प्रयास है।उसकी प्रशंसा होनी चाहिए। तत्व ज्ञान का उन्हें गहरा अभ्यास है। कहीं भी अतिरेक नहीं किया।जय हिन्द वन्देमातरम।
@@pawanseem5695 ठीक कहा आपने,,, लेकिन केवल गीता ही नहीं समझना है, सारी महान कृतियों को समझने का प्रयास करना चाहिए,,,तभी तो आचार्य प्रशांत गीता के साथ कबीर नानक, उपनिषद,बुद्ध, महावीर सब की बात करते हैं। नमस्कार
Class to bana diye per class ko govern karne ke niyam to banaye nahi jiski wajah se jab communist ko power milti h to unka acharan bhi punjipatio ki tarah nirankush aur ahankari ho jata h. Wo apni power ko banaye rakhne ke liye charo class pe julm karte h aur un charo class ko garibi ke daldal me jhok dete h.
Islie gita ne to sabse pehle vrittyio par prahar kia... bhogvaad ko hi asur kaha hai gita...classless society ke lie rajpaksh ko nahi pehle spiritual knowledge ka democratization karna padhega....Free spiritual education for all from very beginning...Power ko samhalne ke lie adhyatmik man hona zaroori sabse pehle .
गुरुजी लहुसे लथपथ मार्क्सवाद कि गीताजी से तुलना करना क्या बुद्धि हिनता नहि? सनातनमे धनको मां लक्ष्मी कहके, धनकि आराधना करना कहा है, भगवान श्रीकृष्ण ने राजा जनक को अपनी विभूति कहि है, समाज में धन उत्पन करने वाले को मारके कोनसा विकास या कहो क्रान्ति होगी? यह करने से मात्र ओर मात्र गरीब और ग़रीबी बढ़ेगी. गुरुजी भारत का धर्म को चर्च से तूलना अर्थ हिन है.
So much energy & sharpness in age of 92...salute 👌👍
Aaj se me Dr H S Sinha ko
"The Great Daddu" ka title de raha hoon..😇
इस इस पवित्र ज्ञानकुंड का ह्रदय से आभार जिसमे से मैं भी अपनी अंजुलि भर रहा हूं!
नमः गुरुदेव!!
Wahh....Guru ho toh aisa👏...
The Quest ko to national television par ana chaiye ❤️❤️❤️
What a great explaination. He ia such a learned man and a great teacher. 🙏🙏🙏🙏
True
@@dr.shardakusum9293
Really immense knowledge.
Guru ji you are ocean of knowledge like OSHO. Pranam🙏
An intelligent and thought-provoking analysis deliberated by a learned professer. Amazing that a comparison could possible between two opposite schools of thought and that too in a very simple manner is beyond our imagination.
We salute you, Sir.
Ek ek bat Satya hai aapki kyuki Geeta sach me Aisa hi khti hai kyuki Maine Geeta padhi hai lekin marxs ko nhi padha
Dr. Sinha is the real guru...koti koti charan sparsh. may god bless him with healthy life
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️
Very delighted to hear thought provoking nd deliberate analysis. Tysm guru g nd om shanti. Tysm vikas g also.❤❤❤🙏
Thanks
अद्भुत विश्लेषण, अनुगृहीत हूं।
Aap to sakshaat gyan hi hain. Aapko naman.
Mahatman ko bahut dhanyawan maargdarshan dene ke liye.
महाभारत मेँ वेद व्यास जी का यह अमर वाक्य है़ कि ...गुह्यं ब्रह्म तदिदं ब्रविमि न हि मानुषात् श्रेष्ठतरं हि किंचित् अर्थात् मैं तुम्हें गूढ रहस्य बताता हूं कि मनुष्य सर्व श्रेष्ट है़ l यह भगवद्गीता मेँ नहीं किंतु महाभारत मेँ कही अन्यत्र लिखित है़ और गीता भी महाभारत का अभिन्न अंग है़
Prabhuji apko bahut bahut dhanyabad.
Wonderful indeed. Thanks for this distilled wisdom.
Pranam Guruji🙏
Long time back in 1992 I had the fortune to read his book and his scholarship shines through. It is a rare insight into the comparative of the two opposed ideologies but which in fact is shown by the author that Gita transcends the dichotomy suffered in communism and it becomes apparent that Dr.H.S Sinha brought out the gems of wisdom for the lay man to understand.
Dr.H.S.Sinha deserves our gratitude. Can somebody share a copy of this gem? I have the pdf downloaded but would value a hard copy immensely.
Please do let me know if you find a copy... would like to purchase one too
@@naincy7277 you can find a free pdf on the net.
Download link is given in description.
I want to thank Prof HS Sinha sir for sharing his enlightening ideas about philosophy, religion and ethics. Also want to thank Mr Ashok for mediating his ideas through this RUclips channel. Please provide more such videos on prof Sinha's works. Also thank you for the pdf. I am reading this work.
Very very interesting topic really I enjoying
Aise vyakti ko sunna janana apne apne me bahut badi baat h 🙏 guru ji
माक्स ने भारतीय संस्कृति को भारत के प्राचीन वैसे मनुष्य जिन्होंने समाज में प्रेम का संदेश दिया और वह भगवान राम ,शिव कृष्ण, बुद्ध, महावीर, को लेकर बहुत सामान्य प्रकट किया है प्राचीन वैदिक भारत के सामाजिक सरोकार और शासन व्यवस्था पर और युरोपीयन सामाजिक सरोकार में भारतीय मूल्य को महान् माना है भगवान बुद्ध को महान सामाजिक नेता माने हैं
Saadev namam dr himmat jii🙏🙏
Pranam gurugi
Parnam guru ji dobara se start ker diye aapke lacture dakhne mene
😊😊
Excellent differentiation an analytical view comes down the theme of Capitalism .Thank you sir .
आप को एक बार में वहुत महान,मानता हू भगवान सव्सतथ रखे
Thank you so much Guru ji 🙏🙏
मनुस्मृति बहुत uchkotti का ग्रन्थ है Dr सुरेंदर कुमार जी कि विशुद्ध मनुस्मृति जरूर पढ़े ।
Soo true
👍👍Very knowledgeable clip👌👌
प्रणाम गुरुजी
Analysis and thoughts should be broadcast though all media. Govt. lead please. 😊
Jai Guru ji
"न वै राज्यं न राजासीत् न दण्डो न च दाण्डिकः| धर्मणऐव प्रजाः सर्वा रक्षन्ति स्म परस्परं ||
"राजन!शाकद्वीप के मंक,मशक ,मानस मदंग नामक जनपद में न कोई राजा है, न दण्ड है और न दण्डदेनेवाला है| वहाँ के लोग धर्म के ज्ञाता हैं और स्वधर्म पालन के ही प्रभाव से एक दुसरे की रक्षा करते हैं||" (महाभारत शांतिपर्व ५९.१४ )
Thanks for uploading videos on youtube 🙏🏻😃
Wah ji
Abhinandan
सुदंर शब्दों में सहज संवाद और धाराप्रवाह विवरण
Gyan ke application ke liye apko charo class ke logo ko apas me mil ke kam karna padta h. Akele gyani ke bas ki koi bat nahi hoti h to gyani ko uncha aur baki sabko nicha bolna bhi Gita, Sanatan aur Communism ke patan ka karan h.
पश्चिमी देशों में ज्यादातर पूंजीपति लूट के खजाने की उपज हैं जिस कारण विकृत मानसिकता वाले हैं, वहां कोई भामाशाह नहीं पैदा हुआ , इसीलिए मार्क्स को पूंजीपति वर्ग का विरोधी भी कहा जा सकता है ।
श्रेष्ठ विवेचन
Awesome..
Great job sir 🤝
आप का ये श्लोक कि न राजा न राज्यमासीत अर्थात तब ना राजा और न ही राज्य था ..न दंड था न दंड्य था इत्यादि .. उद्धृत कर रहे हो वे गीता मेँ नहीं है़ ..अवश्य ही यह महाभारत के अन्य स्थल पर है़ ..यह श्लोक शांतिपर्व मेँ भीष्म जी युधिष्ठिर को सुनाया
सही है आपका लेकिन अन्वयार्थ लिया होगा, आपके गीताके ज्ञानको प्रणाम,
Great Hinduism hero 👏
Thanks for the knowledge.
🙏🙏
गुरु is गुरु
sir wish your long & happy life. When the kranti will come.is it possible to stop the inhuman wheel of life?
Can you please explain what did you mean ??♥️♥️🙏🙏
Basic rights and facilities should be given to everyone but after that humans have to take it on diff levels
👏👏
🙏🙏🙏
Nice.....
🙏🏻mei apne dadaji ko aapmei dekhti hu 😃😃🙏🏻🎁🎈
केवल सनातन ही धर्म है, अन्य तो पंथ अथवा संप्रदाय (Religion) है।
Namaskar manniya sinha ji.. apke darshan ka shubhavsar kaise prapt kre. Kripya marg darshan krein bhut saalo se 2 swaal hain🙏🙏
Great
important ,
Professor Ji aap kaa naman !!!
Aap kee communism n Gita hard cover Kaise mileegaa…… !!!
Why could not I download its pdf version!!!
🙏
💐💐💐👏👏👏👏
❤️
परमशांति.ओआरजी देखें।
Ye book kis publisher ne publish ki aur abhi kahan se mil sakti hain.
Please inform. I want to buy and read this book.
मार्क्सिज्म अगर इतना ही अच्छा है तो क्यूबा चाइना रसिया और अदर कंट्री और जहां भी कभी communism था या है वहां पर इतनी हालत खराब क्यों है और अमरीका यूरोप में इतना अच्छा क्यों है
China superpower hai, russia bhi acche condition me hai, also vietnam
Guruji can you give me any link where Marx told about bhagbat gita
हिन्दू धर्म में दान को बहुत ऊँचा स्थान दिया गया है , हमारे यहाँ पूँजी के केन्द्रीकरण को अच्छा नहीं माना
how can I get sir's second book insurgent hinduism the counter attack.....pls help me
try: drive.google.com/file/d/1PJNF...
Please tell us about swadhyaya Karya in India.
विकास जी क्या सिन्हा जी द्वारा लिखी यह पुस्तक हिंदी में भी उपलब्ध है क्या????कृपया बताए
नही
Good to see
क्या यह पुस्तक हिन्दी में उपलब्ध हैं? अगर हैं तो कैसे उपलब्ध हो सकती हैं?
Sir Marx ne kon si book me gita ka zikar kiya h kirpa karke bataeye.
Sir please make video on Das capital chapter wise.🙏🙏🙏
Search for taimur rahman das capital on RUclips
लोकतंत्र की नोटाकी जात ध्रम की नगा नाच पूजीवाद की दूकान है
I am disappointed to see that a scholar like Dr Himmat Sinha is misquoting and saying that it is written in the Gita that there is no higher religion than humanity and he is quoting a sanskrit line in the beginning of this lecture. This line is not found anywhere in the Gita. It may be true that humanity is underlying philosophy or religion of the Gita but why does he misquote a sanskrit sloka which is not in the Gita?
Age factor i think
सिन्हा साहब का कोई कोई ऊचारण समझ में नहीं आया उसमें उसका कोई दोष नहीं है ।इस उम्र में मुंह में दांत नहीं होने से ऐसा उच्चारण होता है। फ़िर भी समझाने का अच्छा प्रयास है।उसकी प्रशंसा होनी चाहिए। तत्व ज्ञान का उन्हें गहरा अभ्यास है। कहीं भी अतिरेक नहीं किया।जय हिन्द वन्देमातरम।
उचारण तो बहुत ही शुद है।
I guess you should go to the doctor for ear check up.
😂@@greengrass6845
🥀🙏🙏🙏🥀
Class ki baat karana hi bismta ki janani hai .
सर ना मानुषात श्रेष्ठतम ही किंचित गीता में कहीं भी नहीं है। शायद आप किसी और ग्रंथ की बात कर रहे हैं। 🙏🙏🙏🙏
Book kaise prapt kre??
Sir I want to but this book. Where can I but it from?
You can only download it here
No available in publish house
Guru ji muje original copy kahan se milegi gita ki and vedas
Pdf हिंदी में मिलेगी?
Geeta Ki Baat Kudrat se Milta julta hi marksvad Kudrat ke Niyam ke viprit hai is Karan fail Kar Gaya
Which book you are referring to?. Marx wrote Das Capital but you seem to be referring to some other book.
Where to get this book
You can get it from the given Google link in description
ये हिंदी में भी उपलब्ध है क्या सर??
सनातन हिन्दू धर्म व विदेशी रिलीजन में तुलना नहीं की जा सकती ।
गॉड को भगवान मत कहिए
चर्च को मन्दिर मत कहिए
भोला भाला हिन्दू भ्रमित हो जाएगा
वूद्धा सव सै पहिले आदमी था जिस नै भगवान को छोड कर खुद ही भगवान वन आश्रम की नया व्यवस्था की स्थापना की
क्या इस किताब का हिंदी अनुवाद नहीं है?
गीता समझ लो काफी है !!
आचार्य प्रशांत से समझ लो
@@pawanseem5695 ठीक कहा आपने,,, लेकिन केवल गीता ही नहीं समझना है, सारी महान कृतियों को समझने का प्रयास करना चाहिए,,,तभी तो आचार्य प्रशांत गीता के साथ कबीर नानक, उपनिषद,बुद्ध, महावीर सब की बात करते हैं।
नमस्कार
@@sramshukla शुरुआत के लिए कहा !!
अगर वक़्त हो फिर तो सारे दर्शन समझने चाहिए भाई 🇮🇳🙏
shir ye hindi m nhi h kya
Class to bana diye per class ko govern karne ke niyam to banaye nahi jiski wajah se jab communist ko power milti h to unka acharan bhi punjipatio ki tarah nirankush aur ahankari ho jata h. Wo apni power ko banaye rakhne ke liye charo class pe julm karte h aur un charo class ko garibi ke daldal me jhok dete h.
Islie gita ne to sabse pehle vrittyio par prahar kia... bhogvaad ko hi asur kaha hai gita...classless society ke lie rajpaksh ko nahi pehle spiritual knowledge ka democratization karna padhega....Free spiritual education for all from very beginning...Power ko samhalne ke lie adhyatmik man hona zaroori sabse pehle .
Marks ideas were not practical
Hame aap ka phone no.chahiye.
गुरुजी लहुसे लथपथ मार्क्सवाद कि गीताजी से तुलना करना क्या बुद्धि हिनता नहि?
सनातनमे धनको मां लक्ष्मी कहके, धनकि आराधना करना कहा है,
भगवान श्रीकृष्ण ने राजा जनक को अपनी विभूति कहि है,
समाज में धन उत्पन करने वाले को मारके कोनसा विकास या कहो क्रान्ति होगी?
यह करने से मात्र ओर मात्र गरीब और ग़रीबी बढ़ेगी.
गुरुजी भारत का धर्म को चर्च से तूलना अर्थ हिन है.
Lenin didn't mentioned religion as opium, rather Marx himself mentioned religion as opium. You are confusing people with wrong information.
मनु आज के काल का दानव है।दानव ने सामाजिक नियम भेदभाव पूर्ण बनाये थे।
Sale danav Buddhist the😮😮😮
Ap kitna bhi gyan pel lo agar wo logo ki samajh ke pare ho to issi se hi corruption aur anyay ki niv pad jati h.
🙏🙏🙏