मानव साहब सच मे आप Great हो,,,,,। क्योकीं, जीस व्यक्ती की जैसी सोच हो ऊस व्यक्ती को same वैसीही सोच वाला व्यक्ती मील जाये तो वो बेहद खूष होता है, कुछ ऎसा ही हाल मेरा है, आपको सून कर बोहोत खूषी मेहसुस करता हू, बोहोत बोहोत आभारी *श्याम मानव जी*
@@kailashmanavrajasthan sar Ji main bhi Bhakt hun science journey. Rational world .realist Azad .Shyam Manav ji. Aur news national dastak. Ine sabhi channelon ka main bahut bada Bhakt hun. 🇮🇳✍️📘📱💡🔬🩺🌍🙏💐
में आप के वीडियो सुने के साथ कमेंट भी लोगो के पढता हु सब के अपने अपने मत होते है कुछ लोग आप की बातो को सुनकर समझने की कोशिश करते है तो कुछ पुरानी परम्पर के आधार पर अड़े रहते है में आप से बस इतना कहना चाहता हु की जो अड़े रहते है उनके सवालो के जबाब दे । उसके बाद अगर एक भी व्यक्ति को बात समझ आ जाये तो आप का बताना सार्थक हो जायेगा । धन्यवाद
Why hv ladies first ,separate ladies compartments in trains, reserved seats in buses, separate toilets & toiletries...if all are equal by constitution ?? .. So though constitution gives equal rights , society & traditional models provide separate additional security & courtesies extended to females ..honour the difference made by the nature ..
मेरे विचार से प्राकृतिक भिन्नता को समझकर समाज में समानता के व्यवहार या अवसर की बात है.. अब शौचालय की जहाँ तक बात है महिलाओं के शौचालय, पुरूष प्रयोग कर सकते हैं लेकिन पुरूष विशेष के लिए निर्मित शौचालय का प्रयोग महिलाएं नहीं कर पायेंगी| रही बात, परिवहन के साधनों में विशेष कंपार्टमेंट या आरक्षण की बात है तो ये महिलाओं के अतिरिक्त वृद्धजन, विशेष योग्यजन के लिए भी होता है.. पितृसत्तात्मक समाज में कई बार महिलाओं को अवसर की समानता के संवैधानिक अधिकार को भी प्रैक्टिस करने का अवसर नहीं मिल पाता.. सामाजिक कारणों से ही.. कि अकेले नहीं जाना क्योंकि सुरक्षित नहीं है, तो ये अवरोध हैं और सिर्फ सुगमता के लिए यह व्यवस्था की जाती है | आप बेहतर समझ पायेंगे वस्तुस्थिति को अपने परिवार की विभिन्न आयुवर्ग की महिलाओं के संदर्भ में...
दस दिन पहले की ही बात है मंदिर में सफाई चल रही थी वह औरते आपस में यही मंगलसूत्र के फायदे बता रही थी 1ए२ को ब्लड सर्कुलेशन होता है ज्यादा ऑक्सीजन मिलती हैं वैगेरा 😅
सर आपके अकाट्य तर्क होते मैं आपकी बात को नहीं काट रहा हूं। एक बौद्ध साहित्य में मैंने पढ़ा है कि मंगलसूत्र पाली भाषा में जिनको सुत्त कहा जाता है बुद्ध के 38 जीवन उपयोगी या मंगलकारी बातें थी जिनको एक माला में दोनो ओर 19-19 मनके या मोती पहनाए जाते थे जिससे की ये 38 सुत्त्त हमेशा याद रहे तथा जीवन में कुछ गलत करने की भावना से स्त्री बची रहे व अपने बच्चो को भी इन 38 सुत्तो को संखार (संस्कार) के रूप में आगे बढ़ाती रहे।
नारी के सोलह सिंगार की वजह से पुरुष ज्यादा कामुक होता है जितना नारी का सुंदर सिंगार उतना ही ज्यादा पुरुष कामुक संसार में दो ही तो चीजें हैं एक काम दूसरा अर्थ
सिंगार कैसा हो, यह संस्कृति पर निर्भर होता है। ऐसेही सुंदरता की परिभाषा भी सांस्कृतिक है, प्राकृतिक या वैज्ञानिक नहीं है। इसलिए विशिष्ट सिंगार सबको पसंद ही आए, सबको सुन्दर ही लगे ये कहा नहीं जा सकता।
It is stupidity to define equality like this. Not required to say that need to observe hygiene is paramount. Males can achieve it standing but females will spill over their legs etc ..So need to sit down for them is more than males, who hv a projectile to dispose the urine little away from their body .. Wt a way to compare equality ..!!
सनातन में किसी पर कुछ भी जबरदस्ती नहीं थोपा जाता जिसकी जो मर्जी है वो करें क्यूंकि यहाँ सभी को बुरका पहनना जरुरी नहीं है सबकी अपनी मर्जी है आजकल की युवतियाँ कभी भी सिंदूर नहीं भारती बिंदी नहीं लगाती और सभी एक बच्चे से ज्यादा बच्चे पैदा नहीं कर रहे लेकिन जो 10-10 बच्चे पैदा कर रहे है और जिनकी मजबूरी है बुरका पहनना आप कभी उनके विषय पर भी वीडियो बनाइये लेकिन फिर तो आपके खिलाफ फ़तवा जारी कर दिया जायेगा
शाम मानव जी आप को ग्रंथोका अध्ययन करणं जरुरी है. आप जो सोचते हो सपने देखते हो वही लोगोको बताते हो. आप की बिबिने आपको सिकाया होगा की मंगल सूत्र नाही पहिंना .. या आपली बिबी तुम्हारा कुच सूनती नाही होगी. अपणी सोच मत बाताते जाया करो .
Nature has made differences in genders & their strengths & weaknesses.Males r physically strong & females r emotionally strong..Treatment to both the genders ,therefore, cannot be equal. There r females who get exploited/ruined by physical strength of males also there r males who get exploited by female emotional blackmail and undercurrents ..The template must be fixed on suchlike factors.. Male physical domination by natural physical strength & female emotional domination by natural design r to stay, not only in humans but also in animals & birds . The answer is only nature....
बहुत बड़ी बात कर दी आपने महोदय मेरा तो मन बहुत भर आया😭
👍
मानव साहब सच मे आप Great हो,,,,,।
क्योकीं,
जीस व्यक्ती की जैसी सोच हो ऊस व्यक्ती को same वैसीही सोच वाला व्यक्ती मील जाये तो वो बेहद खूष होता है,
कुछ ऎसा ही हाल मेरा है,
आपको सून कर बोहोत खूषी मेहसुस करता हू,
बोहोत बोहोत आभारी *श्याम मानव जी*
Same me
@@kailashmanavrajasthan sar Ji main bhi Bhakt hun science journey. Rational world .realist Azad .Shyam Manav ji. Aur news national dastak.
Ine sabhi channelon ka main bahut bada Bhakt hun. 🇮🇳✍️📘📱💡🔬🩺🌍🙏💐
आभार 🙏🙏आपण स्त्रियांच्या प्रश्नांना वाचा फोडली.मलापण विधवांचे वाईट वाटते.
सर मैं आपकी पोस्ट को बड़े गौर से सुनने एवं समझने की कोशिश करता हूं और आपके पोस्ट हमें बहुत रुचिकर लगते हैं
खुप छान माहिती सर🎉
Perfectly said sir.
Bahut achhi bat bole sir
U R GEAT SIR JI
Thanks
nice bapu
श्याम सर 10 मिनट तक की वीडियो बनाएं आपकी वीडियोज़ लंबी हो जाती हैं
2x स्पीड में देखा करो
Perfect 👍🏼
में आप के वीडियो सुने के साथ कमेंट भी लोगो के पढता हु सब के अपने अपने मत होते है कुछ लोग आप की बातो को सुनकर समझने की कोशिश करते है तो कुछ पुरानी परम्पर के आधार पर अड़े रहते है में आप से बस इतना कहना चाहता हु की जो अड़े रहते है उनके सवालो के जबाब दे । उसके बाद अगर एक भी व्यक्ति को बात समझ आ जाये तो आप का बताना सार्थक हो जायेगा ।
धन्यवाद
Great sar
Sir suhani Shah ji kaise sb kuch batati hai is topik pe video banao
🫡 for your videos aapne sab andhvishwas ki pol khol rakhi hai videos mai
जय अंनिस
Good sir
जय हो
👌
સરસ..્્
Mamawji shiv charcha par kya hakikat hai
Nice
aap ye b bata do ki ye pratha kitne year purani h. to apne aap pata chal jayega iska karan.
Why hv ladies first ,separate ladies compartments in trains, reserved seats in buses, separate toilets & toiletries...if all are equal by constitution ?? ..
So though constitution gives equal rights , society & traditional models provide separate additional security & courtesies extended to females ..honour the difference made by the nature ..
मेरे विचार से प्राकृतिक भिन्नता को समझकर समाज में समानता के व्यवहार या अवसर की बात है.. अब शौचालय की जहाँ तक बात है महिलाओं के शौचालय, पुरूष प्रयोग कर सकते हैं लेकिन पुरूष विशेष के लिए निर्मित शौचालय का प्रयोग महिलाएं नहीं कर पायेंगी|
रही बात, परिवहन के साधनों में विशेष कंपार्टमेंट या आरक्षण की बात है तो ये महिलाओं के अतिरिक्त वृद्धजन, विशेष योग्यजन के लिए भी होता है..
पितृसत्तात्मक समाज में कई बार महिलाओं को अवसर की समानता के संवैधानिक अधिकार को भी प्रैक्टिस करने का अवसर नहीं मिल पाता.. सामाजिक कारणों से ही.. कि अकेले नहीं जाना क्योंकि सुरक्षित नहीं है, तो ये अवरोध हैं और सिर्फ सुगमता के लिए यह व्यवस्था की जाती है |
आप बेहतर समझ पायेंगे वस्तुस्थिति को अपने परिवार की विभिन्न आयुवर्ग की महिलाओं के संदर्भ में...
दस दिन पहले की ही बात है मंदिर में सफाई चल रही थी वह औरते आपस में यही मंगलसूत्र के फायदे बता रही थी 1ए२ को ब्लड सर्कुलेशन होता है ज्यादा ऑक्सीजन मिलती हैं वैगेरा 😅
😂😂
👍👍👍👌👌👌🙏🙏🙏
Namo budhay sir
Main aapka sabhi vedeo dekh kar kafi badlaw kar liya hu
Ab boddh Dhamm apna lene ki jarurat hai to kya karenge
Aur kaise karen?
कोई आवश्यकता नही है बौद्ध धर्म अपनाने की बिना किसी धर्म बंधन के आसानी से जिया जा सकता है।
@@bahubali100bb
..
What about Muslim 9 marriages...pls clarify
Sone chandi ke abhushan phhne se bimariya thik hoti he ya nhi hoti ye scientific he
नही।चाहे सोना चांदी च्वयनप्राश भी खा लो कोई फायदा नही
@@bahubali100bb लाड़ खा लो, ठीक हो जाएगा।
काश!आपजैसी मानसिकता हरेककी होती.
सर आपके अकाट्य तर्क होते मैं आपकी बात को नहीं काट रहा हूं।
एक बौद्ध साहित्य में मैंने पढ़ा है कि मंगलसूत्र पाली भाषा में जिनको सुत्त कहा जाता है बुद्ध के 38 जीवन उपयोगी या मंगलकारी बातें थी जिनको एक माला में दोनो ओर 19-19 मनके या मोती पहनाए जाते थे जिससे की ये 38 सुत्त्त हमेशा याद रहे तथा जीवन में कुछ गलत करने की भावना से स्त्री बची रहे व अपने बच्चो को भी इन 38 सुत्तो को संखार (संस्कार) के रूप में आगे बढ़ाती रहे।
नारी के सोलह सिंगार की वजह से पुरुष ज्यादा कामुक होता है जितना नारी का सुंदर सिंगार उतना ही ज्यादा पुरुष कामुक संसार में दो ही तो चीजें हैं एक काम दूसरा अर्थ
सिंगार कैसा हो, यह संस्कृति पर निर्भर होता है। ऐसेही सुंदरता की परिभाषा भी सांस्कृतिक है, प्राकृतिक या वैज्ञानिक नहीं है। इसलिए विशिष्ट सिंगार सबको पसंद ही आए, सबको सुन्दर ही लगे ये कहा नहीं जा सकता।
Manav ji Aaj ki ladkiya ladko ki Tarah urine karna chahti hi, infact bht si ladkiya ne chalu v jar Diya hi ,kya ye equality me ata hi
anay das yes it is equality
It is stupidity to define equality like this. Not required to say that need to observe hygiene is paramount. Males can achieve it standing but females will spill over their legs etc ..So need to sit down for them is more than males, who hv a projectile to dispose the urine little away from their body ..
Wt a way to compare equality ..!!
अपनी मां बहन को बोलो बुर चियार के मूते खड़े होकर , तब पक्का इक्वालिटी हो जायेगा ।
मानव जात विचारीु प्राणी आहे विचार केलाच पाहीजे
What about Muslim 9 marriages...pls clerify
तेरी मां चुद ग्यी रे 5 लोगो से 😂😂😂😂
Meaning less custom,
But beneficial for customers ❗
सनातन में किसी पर कुछ भी जबरदस्ती नहीं थोपा जाता जिसकी जो मर्जी है वो करें क्यूंकि यहाँ सभी को बुरका पहनना जरुरी नहीं है सबकी अपनी मर्जी है आजकल की युवतियाँ कभी भी सिंदूर नहीं भारती बिंदी नहीं लगाती और सभी एक बच्चे से ज्यादा बच्चे पैदा नहीं कर रहे लेकिन जो 10-10 बच्चे पैदा कर रहे है और जिनकी मजबूरी है बुरका पहनना आप कभी उनके विषय पर भी वीडियो बनाइये लेकिन फिर तो आपके खिलाफ फ़तवा जारी कर दिया जायेगा
वाह क्या बात कही आपने इन लोगो को क्या दिक्कत है हिंदू धर्म से
.... थोपा नहीं जबरदस्ती की जाती है जो नहीं मानते उसे इनडायरेक्टली बहिष्कृत किया जाता है।
आप शाम मानव जी का पहला विडियो देख रहे हो शायद।
Agar aapke Mataji ke vichar Galat hi Phir v aap manega
Aapki yah dharna vish ne lagti hai
निरूपद्रवी प्रथा-परंपराओपर बहस करना बेकार है !
गलत या सही उसपर बहस होनी ही चाहिए।
अपने आत्म कल्याण के लिये कुछ अध्ययन करो.ये बाते छोड दो जिसको जो करणं हैं ओ करणे दो..
Are ganje uncle tera Sara gyaan Hindu dhrm pr hi hota h ...halala burka ....etc pr bna tb tughe m diler smghunga
गोबरभक्त
Muslim aourat burakha pehnati hai ye pratha sahi hai kya? Ye pavitrata ka lakshan hai kya? Aap asal me mard hai to isake bare me bat kare
शाम मानव जी आप को ग्रंथोका अध्ययन करणं जरुरी है.
आप जो सोचते हो सपने देखते हो वही लोगोको बताते हो.
आप की बिबिने आपको सिकाया होगा की मंगल सूत्र नाही पहिंना .. या आपली बिबी तुम्हारा कुच सूनती नाही होगी.
अपणी सोच मत बाताते जाया करो .
श्रीमान जी आप कोई विचार व्यक्त करने से पहले हमारे धर्म ग्रंथों का अध्ययन करने की कोशिश करें क्योंकि हमारी परम्परा का विज्ञानीक आधार है
... तुम्हें ज्यादा मालूम हो सकता है, ऐसा है तो ऐसे ही विडियो बनाकर यू ट्यूब पर अपलोड कर देना। या मानव जी को चैलेंज देना ।
Bilkul Bakwas
मत देखा करो, कोई जबरदस्ती नहीं है
अब में समझा कि आखिर में ये आदमी गु क्यों खाता है इसका पक्का वासेक्टोमी हुई होगी
Bahut achhi bat bole sir
Nature has made differences in genders & their strengths & weaknesses.Males r physically strong & females r emotionally strong..Treatment to both the genders ,therefore, cannot be equal. There r females who get exploited/ruined by physical strength of males also there r males who get exploited by female emotional blackmail and undercurrents ..The template must be fixed on suchlike factors.. Male physical domination by natural physical strength & female emotional domination by natural design r to stay, not only in humans but also in animals & birds . The answer is only nature....
👍👍👍👌👌👌🙏🙏🙏