Simaria Dham होगा हरिद्वार से भी सुंदर| देखिए नया सिमरिया धाम की खूबसूरती | Simaria Ghat Begusarai
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- Опубликовано: 6 фев 2025
- Simaria Dham | नया सिमरिया धाम (बेगूसराय, बिहार) का यह सुंदर रूप देखा आपने?
जरूर देखिए, नया सिमरिया धाम की खूबसूरती। लोक आस्था के प्रमुख केंद्र सिमरिया धाम के विकास एवं सौंदर्यीकरण की जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार की योजना का यह कॉन्सेप्ट व्यू (वीडियो) है। करीब 18 महीने बाद सिमरिया में नवनिर्मित गंगा घाट सहित संपूर्ण सिमरिया धाम ठीक ऐसा ही दिखेगा। बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा का कहना है कि नया सिमरिया धाम हरिद्वार स्थित हर की पौड़ी से भी सुंदर बनेगा।
Concept View (video) of New #Simaria Dham, Begusarai, Bihar | Simariya Ghat, Begusarai, Bihar.
उत्तरवाहिनी गंगा तट पर स्थित सिमरिया धाम को वैदिक काल से ही कुंभस्थली एवं कल्पवास के लिए महत्वपूर्ण स्थल होने का गौरव प्राप्त है। यहां कार्तिक मास (अक्टूबर-नवंबर) में प्रति वर्ष कल्पवास मेला लगता है। अपार जन-आस्था को देखते हुए बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2008 में कल्पवास मेले को राजकीय मेला का दर्जा दिया गया। सिमरिया धाम में वर्ष 2011 में अर्द्धकुंभ और वर्ष 2017 में महाकुंभ का भी आयोजन हो चुका है। इस तरह के आयोजन से इस स्थल को व्यापक प्रसिद्धि मिली है। सिमरिया धाम के धार्मिक महत्व के कारण यहां स्नान, मुंडन और धार्मिक अनुष्ठान के लिए श्रद्धालु सालोभर आते रहते हैं। लेकिन, घाट नहीं होने और बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण उन्हें काफी परेशानी होती थी। उक्त स्थल पर गंगा नदी से प्रतिवर्ष कटाव की समस्या भी बनी रहती थी।
वर्ष 2022 में 9 अक्टूबर से शुरू हुए कल्पवास मेले के दौरान गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने पर मेला क्षेत्र में पानी पहुंच गया था। इससे वहां कल्पवास के लिए रह रहे श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इसकी जानकारी मिलने पर तत्कालीन जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने अक्टूबर 2022 में सिमरिया का दौरा किया था और कल्पवास क्षेत्र से पानी की निकासी के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कुछ तात्कालिक व्यवस्था करवाई थी। साथ ही उन्होंने ऐलान किया था कि सिमरिया धाम का नये सिरे से विकास करेंगे और यहां शानदार सीढ़ी घाट एवं रीवर फ्रंट के साथ-साथ अन्य सुविधाओं का का निर्माण कराएंगे। उनके निर्देश पर जल संसाधन विभाग ने इसके लिए एक कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया।
फिर नवंबर 2022 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्कालीन जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा के साथ सिमरिया कल्पवास मेले का दौरा कर वहां श्रद्धालुओं और साधु-संतों का फीडबैक लिया था। साथ ही सिमरिया धाम के विकास के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार कॉन्सेप्ट प्लान की समीक्षा कर विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिये थे। जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार कुल 114.97 करोड़ रुपये की योजना को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 21 मार्च, 2023 को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कर कमलों द्वारा ही 30 मई 2023 को इस योजना का शिलान्यास किया गया। योजना का काम दो फेज में पूरा कराया जाना है। पहले फेज के कार्यों का लोकार्पण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 24 फरवरी 2024 को किया। योजना के दोनों फेज के कार्यों को शिलान्यास से 18 महीने के भीतर पूरा कराने का लक्ष्य था, लेकिन जल संसाधन विभाग अब इसे जून 2024 तक ही पूरा करने का प्रयास कर रहा है। योजना के पहले फेज को 9 महीने से भी कम समय में पूरा कराने में तत्कालीन मंत्री संजय कुमार झा का महत्वपूर्ण योगदान है। इस दौरान मंत्री रहते उन्होंने दस से अधिक बार स्थल निरीक्षण कर कार्यों की प्रगति की समीक्षा की थी।
सिमरिया धाम के विकास की योजना में वर्तमान राजेन्द्र सेतु और निर्माणाधीन छः-लेन सेतु के बीच गंगा नदी के बायें तट पर कुल करीब 550 मीटर लंबाई में सीढ़ी घाट का निर्माण कराया जाना है, जिसमें पहले फेज में करीब 250 मीटर में घाट का निर्माण हो गया है। घाट निर्माण के साथ ही यहां चेंजिंग रूम, धार्मिक अनुष्ठान हेतु मंडप निर्माण, गंगा आरती हेतु विनिर्दिष्ट स्थल, घाट के समानांतर नदी में सुरक्षा घेरा, शेडेड कैनोपी, वाच टावर, श्रद्धालुओं हेतु बैठने की व्यवस्था एवं लैंडस्केपिंग, धर्मशाला परिसर, शौचालय परिसर, पार्किंग, प्रकाशीय व्यवस्था एवं पाथ-वे इत्यादि का भी निर्माण कराया जा रहा है। घाट को कटाव से नुकसान नहीं हो, इसके लिए नदी किनारे स्टील शीट पाइलिंग कराई गई है।
तत्कालीन जल संसाधन मंत्री, मौजूदा राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा का कहना है कि हरिद्वार स्थित हर की पौड़ी गंगा नदी की शाखा के किनारे अवस्थित है, जबकि सिमरिया धाम मुख्य गंगा नदी के किनारे स्थित है। उनका मानना है कि सिमरिया धाम आने वाले वर्षों में धार्मिक पर्यटन का एक बड़ा केंद्र बनेगा, जिससे यहां आसपास के क्षेत्र में होटल, परिवहन एवं अन्य रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास संभव हो सकेगा। उनका कहना है कि स्टील शीट पाइलिंग कराये जाने से नवनिर्मित सीढ़ी घाट कई सौ वर्षों तक सुरक्षित रहेगा।
उल्लेखनीय है कि सिमरिया धाम में हर वर्ष कार्तिक मास में लगने वाले एशिया प्रसिद्ध कल्पवास मेले में बिहार के अलावा कई राज्यों तथा नेपाल तक से श्रद्धालु आते हैं। इनमें महिला श्रद्धालुओं और साधु-संतों की अच्छी संख्या होती है। वे एक माह तक यहां गंगा तट पर पर्णकुटी बना कर रहते हैं, प्रतिदिन गंगा स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं और सांसारिक मोह-माया छोड़ कर दिनभर भजन-कीर्तन में लीन रहते हैं। कहा जाता है कि जब भगवान श्रीराम माता सीता से विवाह कर मिथिला से अयोध्या जा रहे थे, तब सिमरिया में गंगा नदी के किनारे पर्णकुटी बनाकर रात्रि विश्राम किये थे। तभी से यहां कल्पवास की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि सिमरिया में कार्तिक मास में कल्पवास करने से घर-परिवार में सुख-शांति-समृद्धि आती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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अति सुन्दर योजना है
इस तरह का कार्य होने से सिमरिया के आसपास का विकास होगा और वहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी
Bahut sunder
पहले बन तो जाने दे भाई
यकीन मानिए, यह ऐसा ही बनेगा और दो साल के अंदर पूरा होगा
भविष्य में चलने वाली योजना की जानकारी देना बहुत अच्छा प्रयास है