महाराज जी सागर जैसी गहराई है आपके सत्संग में अभी यह पूरा वीडियो देखा अब मैं पूरा एक एक वीडियो देखूंगा जब भी समय मिलेगा जीवन परिवर्तन वाला ज्ञान है आपके सत्संग में
पदार्थ जो हमारे सुख का माध्यम हो जाता है तो उससे आसक्ति हो जाती है! जैसे कार आदि। अब शरीर से सुख लेना हम बंद करें तभी इस शरीर को ज्यादा गहराई से पदार्थ समझ सकेंगे!सुख की लालसा ही खास बाधा है जो "मैं हूं" पर केंद्रित रहने से धीरे धीरे गलेगी। इसका मतलब कि सुख बाहर से लेना ही दुरबुद्धि है!शास्वत सुख का उद्गम स्रोत तो अंतर्मुखी होने में ही है! हम तभी वर्तमान में मौजूद हो सकेंगे जब "में हूं" में ठहर सकें!
❤आपको कोटि कोटि प्रणाम।दस व्यक्तियों वाली कहानी सुन रखी थी लेकिन इसका वास्तविक सत्य आज आपका यह सत्संग सुनकर पता चला है।आप सत्संग में जो सिद्धान्त समझाते हो वो बहुत ही अनमोल हैं।आपका समझाने का तरीका बहुत अच्छा है।पुनः आपको हृदय से प्रणाम।❤❤❤
Eska seedha matlav ki har 1-2minutes me ,"main hoon!" Ka khayal jagrat rahna chahiye! Tab yahi Bhajan/dhyan ho jayega agar lagatar dhere dhere ,"Main hoon," ka gahra khayal bina prayatn ho jaay!
प्रणाम महाराज जी,, मैंने आपकी बहुत सारे वीडियोदेखें हैं जो सचमुच बहुत अद्भुत और बहुत ज्ञान प्रदान करने वाले हैं, क्या श्री महाराज हसानंद जी का कोई फोटो उपलब्ध है क्या हम इनके दर्शन कर सकते हैं 🙏🙏🕉️🕉️🙏🙏
प्रणाम! वीडियो देखने के लिए धन्यवाद। कृपया अपने प्रश्न और सुझाव हमें नीचे दिए गए ईमेल पते पर भेजें ताकि हम महाराज जी द्वारा आपको विस्तृत समुचित उत्तर उपलब्ध करवा सके: ईमेल आईडी: satya_ki_aur@yahoo.com सत्य की ओर - हंसानंद जी महाराज
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Ye dehati bhaiya se poochhna parega ki aapka khayal Kahan hai? Man ka khayal Jahan hai to wahin maujudgi of consciousness Hui.....yesa batane se ye shayad samajh jayenge!
प्रणाम! वीडियो देखने के लिए धन्यवाद। कृपया अपने प्रश्न और सुझाव हमें नीचे दिए गए ईमेल पते पर भेजें ताकि हम महाराज जी द्वारा आपको विस्तृत समुचित उत्तर उपलब्ध करवा सके: ईमेल आईडी: satya_ki_aur@yahoo.com सत्य की ओर - हंसानंद जी महाराज
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प्रणाम! जागतिक दृष्टि से अर्थात जगत वस्तुत: 'है ' इस दृष्टि से देखा जाए तो जगत के होने का ज्ञान दृष्टा एवं दृश्य के भेद पर टिका है जोकि द्वैत भाव है। परंतु तात्विक दृष्टि से देखा जाए दृष्टा अर्थात संसार को जानने वाला और दृश्य अर्थात जगत/ संसार ये दो नहीं है एक ही है। तात्विक दृष्टि ही सत्य दृष्टि है। इसीलिए भगवान बुद्ध ने भी कहा था कि संसार और निर्वाण एक है! - सत्य की ओर - हंसानंद जी महाराज
🌹स्वामी जी को प्रणाम 🙏 इसमें जो विश्लेषण किया गया है वह विषय या स्थिति का है, इसका अभ्यास कैसे किया जाय? कृपा कर इसका प्रैक्टिकल अभ्यास बताने की कृपा करें 🙏 धन्यवाद 🌹
प्रणाम! वीडियो देखने के लिए धन्यवाद। कृपया अपने प्रश्न और सुझाव हमें नीचे दिए गए ईमेल पते पर भेजें ताकि हम महाराज जी द्वारा आपको विस्तृत समुचित उत्तर उपलब्ध करवा सके: ईमेल आईडी: satya_ki_aur@yahoo.com सत्य की ओर - हंसानंद जी महाराज
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महाराज जी सागर जैसी गहराई है आपके सत्संग में अभी यह पूरा वीडियो देखा अब मैं पूरा एक एक वीडियो देखूंगा जब भी समय मिलेगा जीवन परिवर्तन वाला ज्ञान है आपके सत्संग में
Pranaam Prabhu
धन्यवाद गुरूदेव धन्यवाद बहुत बहुत धन्यवाद.
🙏🌹🙏
पदार्थ जो हमारे सुख का माध्यम हो जाता है तो उससे आसक्ति हो जाती है! जैसे कार आदि। अब शरीर से सुख लेना हम बंद करें तभी इस शरीर को ज्यादा गहराई से पदार्थ समझ सकेंगे!सुख की लालसा ही खास बाधा है जो "मैं हूं" पर केंद्रित रहने से धीरे धीरे गलेगी।
इसका मतलब कि सुख बाहर से लेना ही दुरबुद्धि है!शास्वत सुख का उद्गम स्रोत तो अंतर्मुखी होने में ही है!
हम तभी वर्तमान में मौजूद हो सकेंगे जब "में हूं" में ठहर सकें!
प्रणाम आदरणीय ❤
महाराज जी को सतत् नमन 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
आत्मा का मीनिंग ही है कि जो अपना परम आत्मीय है!
अंतर्मुखी होने की यह सुंदरतम और सरलतम युक्ति है!
महाराज जी आपका सत्संग बहुत अच्छा लगा आपकी चरणों मे कोटि कोटि प्रणाम🙏🙏
प्रणाम महाराज जी | ईश्वर ने आपको हम सब तक वास्तविकता पहुंचाने के लिए प्रेरित किया है।
बहुत बढ़िया, प्रत्येक बिंदु परम और अनंत है।💫💫👍🙏
Pranam Guruji 🙏 🌺
❤आपको कोटि कोटि प्रणाम।दस व्यक्तियों वाली कहानी सुन रखी थी लेकिन इसका वास्तविक सत्य आज आपका यह सत्संग सुनकर पता चला है।आप सत्संग में जो सिद्धान्त समझाते हो वो बहुत ही अनमोल हैं।आपका समझाने का तरीका बहुत अच्छा है।पुनः आपको हृदय से प्रणाम।❤❤❤
Jai jinendra
🙏🙏
All spiritual practice is " tying of donky & untying of donky with imaginary rope ". धन्यवाद गुरू-माऊली धन्यवाद।
🙏🙏
महाराज जी प्रणाम
🌹🌹🙏🙏🙏💥💥
Kot kot Pranam maharaj gee
Aho aho bhav🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹
प्रणाम अलखनिरंजन
Eska seedha matlav ki har 1-2minutes me ,"main hoon!" Ka khayal jagrat rahna chahiye!
Tab yahi Bhajan/dhyan ho jayega agar lagatar dhere dhere ,"Main hoon," ka gahra khayal bina prayatn ho jaay!
Thanks for Maharaj ji to given veluavele knowledge on Aadhyatmik with humanity ❤
Bahut sundar🌹🌹🌹
🎉❤
Dandvat pranam mahaaraaj jee 🙏
🙏🙏
Dhanyawad Maharaj ji❤. Really helpful ❤
Hariom. Guruji
True❤❤
प्रणाम महाराज जी,, मैंने आपकी बहुत सारे वीडियोदेखें हैं जो सचमुच बहुत अद्भुत और बहुत ज्ञान प्रदान करने वाले हैं, क्या श्री महाराज हसानंद जी का कोई फोटो उपलब्ध है क्या हम इनके दर्शन कर सकते हैं 🙏🙏🕉️🕉️🙏🙏
Gurudevpranam kitna vistar se samjhaya apne
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हंसानंद महाराज की जीवनी क्या है ? जानकारी देने का कष्ट करें
Mai kaun hoon? Ye poochhte huy bhi swayam ke mul ki taraf khayal aata hai! Kya yahi Aatm Esmaran hai?
प्रणाम!
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सत्य की ओर - हंसानंद जी महाराज
Guru ji
Namaste 🙏🌹
Aap se bat kerna Chate hai Thora Daya ker ke help kijiye .
Please
प्रणाम!
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सत्य की ओर - हंसानंद जी महाराज
Swayam par hi attention gai! Jab पूछा गया कि क्या मैं मौजूद हूं?
Ye dehati bhaiya se poochhna parega ki aapka khayal Kahan hai? Man ka khayal Jahan hai to wahin maujudgi of consciousness Hui.....yesa batane se ye shayad samajh jayenge!
Nisargdatta Maharaj ( I'm that) and Ramana Maharshi (Who am I) has given the similar sadhana of self remembering as well.
प्रणाम!
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सत्य की ओर - हंसानंद जी महाराज
Jo anubhaw kar Raha hai to us taraf khayal hi kya Aatm Esmaran hai?
प्रणाम!
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सत्य की ओर - हंसानंद जी महाराज
Maharaj ji ye jagat adwet he ya dwet ?
Please reply .
प्रणाम!
जागतिक दृष्टि से अर्थात जगत वस्तुत: 'है ' इस दृष्टि से देखा जाए तो जगत के होने का ज्ञान दृष्टा एवं दृश्य के भेद पर टिका है जोकि द्वैत भाव है। परंतु तात्विक दृष्टि से देखा जाए दृष्टा अर्थात संसार को जानने वाला और दृश्य अर्थात जगत/ संसार ये दो नहीं है एक ही है। तात्विक दृष्टि ही सत्य दृष्टि है। इसीलिए भगवान बुद्ध ने भी कहा था कि संसार और निर्वाण एक है!
- सत्य की ओर - हंसानंद जी महाराज
Kya sadharan saral aur deen dukhiyon se milna bhi sambhav hai ya
Pranaam Dhanyawad
Pranaam Dhanyawad .
🌹स्वामी जी को प्रणाम 🙏
इसमें जो विश्लेषण किया गया है वह विषय या स्थिति का है,
इसका अभ्यास कैसे किया जाय?
कृपा कर इसका प्रैक्टिकल अभ्यास बताने की कृपा करें 🙏
धन्यवाद 🌹
प्रणाम!
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सत्य की ओर - हंसानंद जी महाराज
@@satya_ki_aurपढ़ा सुना कुछ समझ नहीं आ रहा है बैचेनी और अधिक बढ़ी आपसे मिल कर शायद कुछ हो महाराज जी से मिलने का पता दें
Sahib ka no de kha rahte h mujhe milna h m kabeer panth mul gyan se sadhvi hu satnam ji
प्रणाम!
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सत्य की ओर - हंसानंद जी महाराज
Apka Address
प्रणाम!
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टीम - सत्य की ओर
Achchha gyan hai maharaj ji aap ka
प्रणाम आदरणीय ❤
🙏🙏
🙏🙏🙏🙏