वेदों में धर्म का अर्थ ??? by Acharya Harishankar Agnihotri.

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  • Опубликовано: 21 ноя 2024

Комментарии • 3

  • @RiteshJoshi-do3un
    @RiteshJoshi-do3un 12 дней назад +1

    आचार्य हरिशंकर जी आर्य नमस्ते। असली और नकली धर्म का अन्तर बहुत अच्छा बताया। आपकी जय हो विजय हो। स्वामी दयानंद जी सरस्वती अमर रहे। आर्य समाज मिशन जिन्दाबाद। ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ................

  • @NareshDevi-qn6dk
    @NareshDevi-qn6dk 3 месяца назад +3

    OmNamaste Aacharya Ji

  • @munnalal-ui6lb
    @munnalal-ui6lb 2 месяца назад

    ओउम नाम परमात्मा का नहीं है। ओउम तीन गुणों से बना है अकार उकार मकार सतोगुण रजोगुण तमोगुण ब्रह्मा विष्णु महेश।
    लेकिन पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड तिरगुणा तीत है वेद कहते हैं उसे ही जानो।
    उद्धव ने गोपियों के दिल को तोड़ा था आर्य समाज ने सनातन धर्म के दिल को तोड़ा है पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद श्री कृष्ण की बज लीला को काल्पनिक बता दिया। पूर्ण ब्रह्म की लीला को सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी भी नहीं समझ सके तो आर्य समाज कैसे समझ सकता है? सनातन धर्म इन्हें कभी माफ नहीं करेगा।❤❤