The Incredible Science Behind Chidambaram Temple | Sadhguru Exclusive

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  • Опубликовано: 17 янв 2025

Комментарии • 20

  • @Zeeshan-bv7mo
    @Zeeshan-bv7mo 11 месяцев назад +3

    Beautiful... 🕉️

  • @deepthiguttikonda9336
    @deepthiguttikonda9336 8 месяцев назад +2

    Thank you Sadhguru 🙏🤍 Ever grateful for your presence on the planet - your integrity is 🙏

  • @robindranathrobindranath7191
    @robindranathrobindranath7191 3 года назад +3

    Om nama shiva

  • @AshaLimbu-u9u
    @AshaLimbu-u9u Год назад

    Om Namah Shivay 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @nirvanar7894
    @nirvanar7894 Год назад +1

    HARA HARA MAHADEVA SHAMBO SHANKARA

  • @Servant_of_1111
    @Servant_of_1111 2 дня назад

    🧘‍♂️🙏🏽🤗🐣💛

  • @shashankgujjar6942
    @shashankgujjar6942 Год назад

    ❤❤❤❤

  • @RAJENDRATAK-le9ke
    @RAJENDRATAK-le9ke Год назад

    भगवान श्री राम जी त्रेता में लंका पर विजय प्राप्त करके लौट आए थे और अयोध्या के राजा बन शासन किया। भगवान श्रीकृष्ण जी द्वापर में महाभारत करवा कर द्वारिका पुरी में जाकर द्वारिकाधीश बन शासन किया। भगवान कृष्ण जी के पश्चात महात्मा शाक्य मुनि महामुनि भगवान बुद्ध आए उन्होंने मन पर विजय प्राप्त करके मानवतावाद क्या होती हैं सारे विश्व को समझाया व शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाया फिर भी नकारात्मकता का पाठ पढ़ना अधिकांश मनुष्यों ने जारी रखा। भक्तों के प्रयास से कलियुग से सतयुग की प्राप्ति हेतु बड़ा कार्य भी होने जा रहा हैं ऐसे में कलियुग को व नकारात्मकता को समाप्त करने एवं सतयुग को लाने का काफी बड़ा कार्य हैं पंचमहाभूतों से निर्मित सृष्टि जिसमें 33 करोड़ मनुष्य और जलचर, नभचर, कीट-पतंगों एवं कई प्रकार के मनुष्यों के दृश्यमान व अदृश्य जीवों का पेड़-पौधों का शेष रह जाना ही हैं बाकि सब समाप्त होना यह भी कार्य सम्पन्न होने जा रहा हैं। यह सब भक्तों के विश्वास का ही परिणाम हैं जिसमें भक्तों और भगवान का अटूट रिश्ता सृष्टि के आरम्भ से ही हैं । सृष्टिगत कार्यों को गतिमान बनाए रखने एवं मानव जीवन को महामानव जीवन बनाए की सतत् प्रक्रिया में वैदिक सनातन धर्म की महत्वपूर्ण भूमिका ने वसुधैव कुटुम्ब का निर्माण कर समस्त जगत और ब्रह्मांड में महत्वपूर्ण भूमिका ही नहीं निभाई अपितु कालचक्र में सभी धर्मों को जोड़कर महाकाल चक्र के युग-युगांतर, कल्प-कल्पान्तर को भी बड़ी सहजता से प्रकट किया हैं जिसमें सप्तऋषियों का जप तप योग ध्यानबल, ग्रहों-नक्षत्रों व समस्त साधकों द्वारा लगातार कार्य किए जाने मंत्र आहूत किए जाते रहे हैं । उत्तरीध्रुव के शीर्ष पर महादेवजी परिवार का निवास दक्षिणीध्रुव में सुक्ष्मरूप से क्षीरसागर सफेद बर्फ का सागर दूधिया रूप में शैषनाग शैया पर विराजमान भगवान श्री हरि विष्णु व मध्य में ब्रह्मलोक तीर्थगुरू पुष्कराजजी व महाकाल उज्जैन आज जो नगर उज्जैन नाम से जाना जाता है वह अतीत में अवंतिका, उज्जयिनी, विशाला, प्रतिकल्पा, कुमुदवती, स्वर्णशृंगा, अमरावती आदि अनेक नामों से अभिहित रहा। मानव सभ्यता के प्रारंभ से यह भारत के एक महान तीर्थ-स्थल के रूप में विकसित हुआ। पुण्य सलिला क्षिप्रा के दाहिने तट पर बसे इस नगर को भारत की मोक्षदायक सप्तपुरियों में एक माना गया हैं।तीर्थगुरू तीर्थराज पुष्कराज जी से ब्रह्माजी द्वारा सृष्टियज्ञ आरम्भ करके सृष्टि की रचना करी गई। उच्चलोकों व धरती के परिप्रेक्ष्य में सुक्ष्म जगत में धरती पर विष्णु भगवान सृष्टि के मनुष्यों के पालनकर्ता धरती के ऊपर ब्रह्मलोक से सृष्टिकर्ता व उससे भी ऊपर सत्यलोक शिवलोक जंहा से असत्य का नाश यानि की कलियुग का नाश संहारकर्ता महादेवजी व महाकाली जी के द्वारा किया जाता हैं। सतयुग में जाने हेतू भक्तों द्वारा बांधा गया सेतु जिसमें अष्ट चिरंजीवियों का गुप्त रूप से रहकर कार्य करना भला इस योगदान को अनदेखा कैसे किया जा सकता हैं वो भी अपना कार्य पूर्ण कर उच्च लोकों में प्रस्थान करेंगे सतयुग पश्चात पुनः त्रेता में भगवान श्री रामजी के साथ पुनः चिरंजीवियों का आगमन होगा । सतयुग को पुनः त्रिदेव-त्रिदेवी, सप्तॠषि, ग्रह-नक्षत्र, देवी-देवता अपने शिष्यों सहित मनुष्यों की सृष्टि में गतिमान महाकाल चक्र को आगे की और बढ़ाएंगे जिसको ब्रह्मांडीय चक्र समस्त ब्रह्मांडों से ही जाना जाता हैं। कल्कि दशमअवतार भगवान श्रीहरिविष्णु महानारायण 🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢⚖️🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔🎉🎉🎉🎉

  • @RAJENDRATAK-le9ke
    @RAJENDRATAK-le9ke Год назад

    🪔🕉सृष्टिकर्ता व 🕉🐚✌️🦚पालनकर्ता के नेत्रों में अश्रु तब आए जब 🕉⚖️🔱⚔️👣संहारकर्ता ने मनुष्यों की सृष्टि के साथ-साथ उनकी भी सृष्टि का संहार कर दिया फिर भी उन्होनें उन अश्रुओं को धरती पर नहीं गिरने दिए अन्यथा कुछ भी नहीं बचता।🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢⚖️🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔

  • @akshatbhandari4779
    @akshatbhandari4779 Месяц назад

    Lol. It's Vishnu and shiv coming togther as Guru. Guru controls the highest ether. Vishnu and Shiv are one.

  • @Aws1962
    @Aws1962 3 месяца назад

    Magnetic equator is an imaginery line passes through Thirivananthapuram (Kerala) and Tamilnadu. In TN it passes thru Thirunelveli (Nellai), Tuticorin districts.
    Both Thumba Rocket launching station in Thiuvananthapuram and Tirunelveli Magnetic Observatory near Nellai lie (same latitide) under the magnetic equator.
    The megnetic equator does not pass thru Chidambaram. Only blind bakhts believe such false claim. Its a farce.

    • @govardhanravi7502
      @govardhanravi7502 3 месяца назад +1

      Why should we believe you brother?

    • @Aws1962
      @Aws1962 3 месяца назад

      @@govardhanravi7502
      Whether you believe it or not, it doesn't make any difference to the fact.
      You can verify thru either google or ChatGPT

    • @indosanct-rn9sr
      @indosanct-rn9sr 2 месяца назад

      Why do u comment if u don’t believe mind ur own business

    • @Aws1962
      @Aws1962 2 месяца назад

      @@govardhanravi7502
      Don't believe me. Believe the science.

    • @Aws1962
      @Aws1962 2 месяца назад

      @@govardhanravi7502
      This is what ChatGPT says 👇
      The idea that the Chidambaram Temple sits precisely on the magnetic equator is indeed speculative and not definitively proven. This concept largely stems from local beliefs and interpretations rather than verified scientific evidence.
      The magnetic equator itself is a theoretical line that does shift gradually over time due to changes in Earth's magnetic field, which means any fixed structure, such as a temple, would only align with it temporarily (if at all). In light of this, it’s more accurate to say that some believe the temple aligns with the magnetic equator, but there is no conclusive scientific data proving this.