BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , कुरान में एक आयत का महफूम है कि " उसकी शान यह है कि वह जब किसी चीज का इरादा करता है कह देता है के हो जा तो वह हो जाता है " = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो गंदा पानी उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , बुराई को छोड़ते हैं अच्छाई पर चलते हैं या नहीं। 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर यह पैगंबर हमारी निस्बत कोई झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता . = > काफिर बना देता है यह कहना - या रसूल अल्लाह , या अली मदद , या मदद अली , या साबिर , या हुसैन कहना ,काफिर बना देता है। या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे या मां मुझे रोटी दे दो । तो मां तुम रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा या मां मुझे रोटी दे दो। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मुझे रोटी दे दो मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । इसी वजह से , 1.) या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , या अली ,भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो अल्लाह के सिवा किसी से भी ना मांगना यहां तक के इंसानों के सामने भी ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना कुफर की तरफ ले जाता है। SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey. and you can check my playlist full quran and SUBSCRIBE for more Check links about what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,........,.......
Allahu Akbar aaiye aaj hum sab aakhirat ke din ek dusre se madad na mangkar aaj hi apne rab se magfirat ki dua talab kare allah rabbul izzat hum tamam musalmano ki magfirat ata farmaye aameeen...,.
LA ILAHA ILLALLAH MUHAMMADUR RASULULLAH🌺 SUBHANALLAHI WA BIHAMDIHI SUBHANALLAHIL~AZEEM ALHAMDULILLAH ALLAHU AKBAR Astaghfirullah Al Azeem🌺 ALLAHUMMA SALLI 'ALA SAYYIDINA MUHAMMADIN WA' ALA ALI SAYYIDINA MUHAMMADIN WA BAARIK WA SALLIM🌺
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , कुरान में एक आयत का महफूम है कि " उसकी शान यह है कि वह जब किसी चीज का इरादा करता है कह देता है के हो जा तो वह हो जाता है " = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो गंदा पानी उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , बुराई को छोड़ते हैं अच्छाई पर चलते हैं या नहीं। 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर यह पैगंबर हमारी निस्बत कोई झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता . = > काफिर बना देता है यह कहना - या रसूल अल्लाह , या अली मदद , या मदद अली , या साबिर , या हुसैन कहना ,काफिर बना देता है। या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे या मां मुझे रोटी दे दो । तो मां तुम रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा या मां मुझे रोटी दे दो। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मुझे रोटी दे दो मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । इसी वजह से , 1.) या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , या अली ,भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो अल्लाह के सिवा किसी से भी ना मांगना यहां तक के इंसानों के सामने भी ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना कुफर की तरफ ले जाता है। SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey. and you can check my playlist full quran and SUBSCRIBE for more Check links about what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,...,.........,..
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , कुरान में एक आयत का महफूम है कि " उसकी शान यह है कि वह जब किसी चीज का इरादा करता है कह देता है के हो जा तो वह हो जाता है " = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो गंदा पानी उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , बुराई को छोड़ते हैं अच्छाई पर चलते हैं या नहीं। 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर यह पैगंबर हमारी निस्बत कोई झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता . = > काफिर बना देता है यह कहना - या रसूल अल्लाह , या अली मदद , या मदद अली , या साबिर , या हुसैन कहना ,काफिर बना देता है। या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे या मां मुझे रोटी दे दो । तो मां तुम रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा या मां मुझे रोटी दे दो। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मुझे रोटी दे दो मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । इसी वजह से , 1.) या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , या अली ,भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो अल्लाह के सिवा किसी से भी ना मांगना यहां तक के इंसानों के सामने भी ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना कुफर की तरफ ले जाता है। SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey. and you can check my playlist full quran and SUBSCRIBE for more Check links about what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,...,.........,..
Subhan Allah!! Masha Allah!! Allah hum sabko nek hidayat de aur Allah ka shukur, Zikar, namaz padhne ki taufiq ata farmaye... Aameen Summa Aameen Ya Rabbul Aalameen 🤲🤲🤲 Jazak Allahu Khair
Allah jo bhi karta hai Vo sahi karta hai Allah sabko nek summat de Inshaallah I'm feel is right 🤲🤲🤲Jab Allah ka naam lena bul jao toh yaad aane par lelo🤲🤲🤲
﷽ الله ﷻ مُحَمَّد ﷺ الله أكبر الله أكبر الله أكبر أَسْتَغْفِرُ اللّٰه أَسْتَغْفِرُ اللّٰه أَسْتَغْفِرُ اللّٰه اللہ کا شکر ہے کہ مجھے مسلم گھرانے میں پیدا کیا ھے الحَمْدُ ِلله ھم مسلم ھیں جو دین اسلام اللہ کا پسنددیدہ مہذب ھے قرآن ھدایت کی کتاب ھے اللہ ھمیں قرآن کیمطابق زندگی بسر کرنے کی ھدایت ٶ توفیق عطا فرماٸے ۔۔۔۔ آمین آمین آمین
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , कुरान में एक आयत का महफूम है कि " उसकी शान यह है कि वह जब किसी चीज का इरादा करता है कह देता है के हो जा तो वह हो जाता है " = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो गंदा पानी उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , बुराई को छोड़ते हैं अच्छाई पर चलते हैं या नहीं। 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर यह पैगंबर हमारी निस्बत कोई झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता . = > काफिर बना देता है यह कहना - या रसूल अल्लाह , या अली मदद , या मदद अली , या साबिर , या हुसैन कहना ,काफिर बना देता है। या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे या मां मुझे रोटी दे दो । तो मां तुम रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा या मां मुझे रोटी दे दो। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मुझे रोटी दे दो मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । इसी वजह से , 1.) या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , या अली ,भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो अल्लाह के सिवा किसी से भी ना मांगना यहां तक के इंसानों के सामने भी ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना कुफर की तरफ ले जाता है। SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey. and you can check my playlist full quran and SUBSCRIBE for more Check links about what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,....,.....,
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , कुरान में एक आयत का महफूम है कि " उसकी शान यह है कि वह जब किसी चीज का इरादा करता है कह देता है के हो जा तो वह हो जाता है " = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो गंदा पानी उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , बुराई को छोड़ते हैं अच्छाई पर चलते हैं या नहीं। 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर यह पैगंबर हमारी निस्बत कोई झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता . = > काफिर बना देता है यह कहना - या रसूल अल्लाह , या अली मदद , या मदद अली , या साबिर , या हुसैन कहना ,काफिर बना देता है। या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे या मां मुझे रोटी दे दो । तो मां तुम रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा या मां मुझे रोटी दे दो। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मुझे रोटी दे दो मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । इसी वजह से , 1.) या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , या अली ,भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो अल्लाह के सिवा किसी से भी ना मांगना यहां तक के इंसानों के सामने भी ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना कुफर की तरफ ले जाता है। SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey. and you can check my playlist full quran and SUBSCRIBE for more Check links about what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,....,..,.
Mashallah... Quran ki aayat sunnay kay bad dil ko bahoot sukun milta hai...Quran kay mainay b sunna Allah ki taraf say ek badi hidayat hai..shukar hai Allah ka hamay ye hidayat daynay kay liye...
Asalamualakum MashaAllah very good effort. I want to say thank you so much for uploading just translation. It helps to understand what’s written in Quran. May Allah be please with you Ameen
Beshaq Allah ke siva koi Maabud Nahin Hai.
أشهدُ أنْ لا إلهَ إلاَّ اللهُ وأشهدُ أنَّ محمّداً رسولُ الله
لَا إِلٰهَ إِلَّا اللّٰهُ مُحَمَّدٌ رَسُولُ اللّٰهِ
Allah ke siwa koi mabood nahi
ALLAHPAK ka Wada saccha hai🤲🕋💚🕋🤲🇸🇦♥️🇵🇰🤲
Allah Hu Akbar......
Allah ke sewaa koi mabud nahi....
Beshak Har ek lafaz Sach aur Haq hai Allah o Akbar
Allah O Akbar !Tamam Muslimo ko Quran Shareef padhne ke Hedayat Ata farma. Or Har jumma Surah kahaf padhne Hedayat de. Ameen! 🤲🤲
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , कुरान में एक आयत का महफूम है कि " उसकी शान यह है कि वह जब किसी चीज का इरादा करता है कह देता है के हो जा तो वह हो जाता है "
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो गंदा पानी उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , बुराई को छोड़ते हैं अच्छाई पर चलते हैं या नहीं।
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर यह पैगंबर हमारी निस्बत कोई झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता .
= > काफिर बना देता है यह कहना -
या रसूल अल्लाह , या अली मदद , या मदद अली , या साबिर , या हुसैन कहना ,काफिर बना देता है।
या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे या मां मुझे रोटी दे दो । तो मां तुम रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा या मां मुझे रोटी दे दो।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मुझे रोटी दे दो मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
इसी वजह से ,
1.) या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , या अली ,भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो अल्लाह के सिवा किसी से भी ना मांगना यहां तक के इंसानों के सामने भी ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना कुफर की तरफ ले जाता है।
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h .
what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey.
and you can check my playlist full quran and SUBSCRIBE for more
Check links about what is islam and who is ALLAH
so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,........,.......
Ameen summa ameen
Ameen
Ameen
Inshallaha Ameeen
Allahu Akbar
aaiye aaj hum sab aakhirat ke din ek dusre se madad na mangkar aaj hi apne rab se magfirat ki dua talab kare
allah rabbul izzat hum tamam musalmano ki magfirat ata farmaye
aameeen...,.
بے شک اللہ کے سوا کوئی معبود نہیں
I also recite this every Friday Allah kareem
Better u also recites surah Toubah cause our prophet Muhammad saw also recites surah Toubah in namaz e fajr.
Ahiwuiouihh9
Assalamualaikum good morning
Mashallah bht acha tarjama hai asan aur samajh any wala
Tears in my eyes.. I really wanted to listen to Quran when I woke up today.. My heart was heavy before. Feeling better now. 😔
✨♥️
A Allah hum teri hi ebadat krte hain aur tujhi se madad mangte hain ❤ tere Siwa Koi mabood nahi 🤲
Allahumma Ajirni Minan Naar | اللَّهُمَّ أَجِرْنِي مِنَ النَّارِ
Ameen
سبحان اللہ Allah is the best guide . May Allah keep us on the right path 🙏
Aameen
Mashallah allah Pak mujhy or Apko Neki ki Rah pe Chalny ki Tofeeq Ata Farmay
Aameen
Alhamdulillah. No advertising. Ma Sha Allah
Aye Allah mujhe aur sabhi ummate rasool ko hidayat ata farma ameen
Subhanallah Alhamdulillah beshak Allah taala sabo ko hidayat ke kareeb kare
Ameen
Quran is the only solution
Assalamu Alaikum
Aur sab khairiyat Se Hain
Shukriya for this translation. Quran padhy smjh kr aur her Friday surah kahf ki tilawat kry... Allah hmy smjh aata kry
Subhanallah..Allahuakbar ...la ilahailallah Muhammadur rasulallah❤❤❤❤❤
Allah pak hm sab ke walidain ko hmaesha salamat rkhen
Ameen summa ameen
Summaameen
*مُحَمَّدٍ وَعَلٰى آلِ مُحَمَّدٍ كَمَا صَلَّيْتَ عَلٰى إِبْرَاهِيْمَ وَعَلىٰ آلِ إِبْرَاهِيْمَ إنَّكَ حَمِيْدٌ مَجِيْدٌ
اللَّهُمَّ بَارِكْ عَلَىٰ مُحَمَّدٍ وَّعَلٰى آلِ مُحَمَّدٍ كَمَا بَارَكْتَ عَلَىٰ إِبْرَاهِيْمَ وَعَلَىٰ آلِ إِبْرَاهِيْمَ إنَّكَ حَمِيْدٌ مَجِيْدٌ
Ya Rabbul Aalameen forgive us... ameen
Aameen summa aameen 🤲🏻
huh mashallah this is the surah that everyone must listen in his/her life and every muslim or non-muslim should listen this surah .☺☺
LA ILAHA ILLALLAH MUHAMMADUR RASULULLAH🌺
SUBHANALLAHI WA BIHAMDIHI SUBHANALLAHIL~AZEEM ALHAMDULILLAH ALLAHU AKBAR Astaghfirullah Al Azeem🌺 ALLAHUMMA SALLI 'ALA SAYYIDINA MUHAMMADIN WA' ALA ALI SAYYIDINA MUHAMMADIN WA BAARIK WA SALLIM🌺
Allah 🥰♥️♥️♥️ Allah ❤️♥️ Allah 🥰♥️ Allah ❤️ Allah ❤️♥️ Allah 🥰♥️ Allah ❤️♥️🕋🇸🇦🕋🇸🇦🇵🇰🇵🇰🇸🇦🕋🤲🤲🤲🤲
ALLHUMDULILLA WHEN EVER I LISTEN QURAN I FEEL RELIEF SUBHANALLAH ....💚
JazakAllahukhair
Allah Ho Akbar
None has the right to be worshipped but Allah
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , कुरान में एक आयत का महफूम है कि " उसकी शान यह है कि वह जब किसी चीज का इरादा करता है कह देता है के हो जा तो वह हो जाता है "
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो गंदा पानी उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , बुराई को छोड़ते हैं अच्छाई पर चलते हैं या नहीं।
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर यह पैगंबर हमारी निस्बत कोई झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता .
= > काफिर बना देता है यह कहना -
या रसूल अल्लाह , या अली मदद , या मदद अली , या साबिर , या हुसैन कहना ,काफिर बना देता है।
या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे या मां मुझे रोटी दे दो । तो मां तुम रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा या मां मुझे रोटी दे दो।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मुझे रोटी दे दो मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
इसी वजह से ,
1.) या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , या अली ,भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो अल्लाह के सिवा किसी से भी ना मांगना यहां तक के इंसानों के सामने भी ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना कुफर की तरफ ले जाता है।
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h .
what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey.
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so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,...,.........,..
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , कुरान में एक आयत का महफूम है कि " उसकी शान यह है कि वह जब किसी चीज का इरादा करता है कह देता है के हो जा तो वह हो जाता है "
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो गंदा पानी उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , बुराई को छोड़ते हैं अच्छाई पर चलते हैं या नहीं।
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर यह पैगंबर हमारी निस्बत कोई झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता .
= > काफिर बना देता है यह कहना -
या रसूल अल्लाह , या अली मदद , या मदद अली , या साबिर , या हुसैन कहना ,काफिर बना देता है।
या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे या मां मुझे रोटी दे दो । तो मां तुम रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा या मां मुझे रोटी दे दो।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मुझे रोटी दे दो मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
इसी वजह से ,
1.) या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , या अली ,भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो अल्लाह के सिवा किसी से भी ना मांगना यहां तक के इंसानों के सामने भी ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना कुफर की तरफ ले जाता है।
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h .
what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey.
and you can check my playlist full quran and SUBSCRIBE for more
Check links about what is islam and who is ALLAH
so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,...,.........,..
Mash Allah.... I love you my sweet Allah and Muhammad peace be upon him..
Innallah ala kulle shain kadeer alhumdulillah alhumdulillah alhumdulillah
سبحان الله الحمداللہ الله ہواکبر
SUBHAN ALLAH AL HAMDU LILAH ALLAH HU AKBER
Subhan Allah!! Masha Allah!!
Allah hum sabko nek hidayat de aur Allah ka shukur, Zikar, namaz padhne ki taufiq ata farmaye... Aameen Summa Aameen Ya Rabbul Aalameen 🤲🤲🤲 Jazak Allahu Khair
bohat achy sy samaj a jati hai urdu translation sy 🌸
✨ربنا آتنا في الدنيا حسنة وفي الآخرة حسنة وقنا عذاب النار 💫
Hamare ALLAH hamein dozakh se bacha or dunya or aakhrat mein hamain kamiyab kar,aaameeeen
Ameen
Aameen summa aameen ya rabbul aalameen
Aameen summa aameen ya rabbul aalameen
Ameen
@@laiqashaheen1285 is l
Npth8l
7k.@' /
My hear is melt after listen surah Kahf..🥺
I recite this Surat on every Friday and listen Urdu translation uninterrupted.
Ma sha Allah
FATABARAKALLAH
ALHAMDULILAH
.
Jazak Allah Khaira Kaseera.
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
SubhanAllah jumma mubarak
Subhan allah mishari Rashid alafasay
SubhanAllah it helps to be close to Allah Tala. Alhamdolillah jazakillah khairan
La illaha illallah subhaan Allah
Alhamdulillah Allah u Akbar ... La illaha illa anta subhaanaka inni kuntu minnaz zaalimeen
Masha Allah ❤️
Yah allah hamre dua qabul kree
Mashaallah Allah salamat rakhe (Ameen summa Ameen)
Salaam ya Rasool Allah (SAW) ya khatam un Nabiyeen.
Mashallah Allah hidayat de hum sabko nek aamal krne ki ameen Allah humma ameen 🤲🤲
Masha Allah beautiful translation🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
Allah jo bhi karta hai
Vo sahi karta hai
Allah sabko nek summat de
Inshaallah
I'm feel is right
🤲🤲🤲Jab Allah ka naam lena bul jao toh yaad aane par lelo🤲🤲🤲
Beshak Qur'an lohe mehfuz hai Qur'an Sharif main shifa h sukoon h har masle ka hal hai mominon k liye uske rab ki taraf se tohfa hai
صادق اللّٰہ العظیم وبحمدہ سبحان اللّٰہ
MashaAllah. SubhanAllah. Surah kahf
Ya Allah mujhe aur tamam musalmano kosahi Deen seekhne ki taufeek ata ker ammen summa ameen
Alhadullulah.ALLAH ne humko kufr se mahfoz rakhA .
Allah hu Akbar . Subhan Allah . Jazzak Allah to translator 🥰
If you are grateful, I would certainly give you more; and if you are ungrateful, My chastisement is truly severe.” (14:7)
❤
﷽ الله ﷻ مُحَمَّد ﷺ
الله أكبر الله أكبر الله أكبر
أَسْتَغْفِرُ اللّٰه أَسْتَغْفِرُ اللّٰه أَسْتَغْفِرُ اللّٰه
اللہ کا شکر ہے کہ مجھے مسلم گھرانے میں پیدا کیا ھے الحَمْدُ ِلله ھم مسلم ھیں
جو دین اسلام اللہ کا پسنددیدہ مہذب ھے
قرآن ھدایت کی کتاب ھے اللہ ھمیں قرآن کیمطابق زندگی بسر کرنے کی ھدایت ٶ توفیق عطا فرماٸے ۔۔۔۔ آمین آمین آمین
جزاک اللہ خیرا و احسن الجزاء فی الدنیا والآخرۃ
Allah is one and I agree with that Allah is the only lord of our whole life . May Allah me and us hidayat
ماشاء الله . الله هو أكبر. بحق
MashaAllah. SubhanAllah. Surah kahf.
سبحان اللہ سبحان اللہ سبحان اللہ سبحان اللہ سبحان اللہ سبحان اللہ سبحان اللہ سبحان اللہ سبحان اللہ سبحان اللہ سبحان اللہ سبحان اللہ
This video is very useful in life for all humankind
Jazakallah ❤️
jazak Allah for this beautiful translation ❤
ماشاء اللہ۔ سبحان اللہ۔ اللہ و اکبر
Allah humy apni baty kesay khol khol kar btaty hain subhanallah❤❤❤😊
اللہ اکبر کبیرا۔
تلاوت سورہ کہف جمعہ کے روز کی فضیلت بیان کی گئی ہے۔
رب کریم سب کو صراط مستقیم پر چلنے کی توفیق عطاء فرمائے آمین آمین یارب العالمین۔
اللہ اکبر
اللہ کے سوا کوئی معبود نہیں
Subhan Allah Allah ek hai wo bht brda hai os ka koi shreek nhi
Qur'an ♥️💕
P
P
Masha Allah beautiful translation
Beshaq ALLAH k siwa koi mabud nahiii
جــــــــــزاك الله خــيرا
अल्हम्दुलिल्लाह... सुब्हान अल्लाह... अल्लाहु अकबर...
Allah paak hum sab ko kehne sunne se zayada amal ki Taufik ata farmaye
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , कुरान में एक आयत का महफूम है कि " उसकी शान यह है कि वह जब किसी चीज का इरादा करता है कह देता है के हो जा तो वह हो जाता है "
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो गंदा पानी उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , बुराई को छोड़ते हैं अच्छाई पर चलते हैं या नहीं।
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर यह पैगंबर हमारी निस्बत कोई झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता .
= > काफिर बना देता है यह कहना -
या रसूल अल्लाह , या अली मदद , या मदद अली , या साबिर , या हुसैन कहना ,काफिर बना देता है।
या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे या मां मुझे रोटी दे दो । तो मां तुम रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा या मां मुझे रोटी दे दो।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मुझे रोटी दे दो मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
इसी वजह से ,
1.) या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , या अली ,भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो अल्लाह के सिवा किसी से भी ना मांगना यहां तक के इंसानों के सामने भी ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना कुफर की तरफ ले जाता है।
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h .
what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey.
and you can check my playlist full quran and SUBSCRIBE for more
Check links about what is islam and who is ALLAH
so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,....,.....,
Allah ke Siva koi mabood nahi
Subhan Allah
Jazakalla khair
Jazak Allah khair. Mashallah
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , कुरान में एक आयत का महफूम है कि " उसकी शान यह है कि वह जब किसी चीज का इरादा करता है कह देता है के हो जा तो वह हो जाता है "
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो गंदा पानी उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , बुराई को छोड़ते हैं अच्छाई पर चलते हैं या नहीं।
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर यह पैगंबर हमारी निस्बत कोई झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता .
= > काफिर बना देता है यह कहना -
या रसूल अल्लाह , या अली मदद , या मदद अली , या साबिर , या हुसैन कहना ,काफिर बना देता है।
या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे या मां मुझे रोटी दे दो । तो मां तुम रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा या मां मुझे रोटी दे दो।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मुझे रोटी दे दो मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
इसी वजह से ,
1.) या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , या अली ,भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो अल्लाह के सिवा किसी से भी ना मांगना यहां तक के इंसानों के सामने भी ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना कुफर की तरफ ले जाता है।
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h .
what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey.
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so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,....,..,.
MASA ALLAH SUBHAN ALLAHA
Mashallah... Quran ki aayat sunnay kay bad dil ko bahoot sukun milta hai...Quran kay mainay b sunna Allah ki taraf say ek badi hidayat hai..shukar hai Allah ka hamay ye hidayat daynay kay liye...
Bahot Khubsurat Tarjuma Mashallah
SubhanAllah very well read!
Aamin
Amin
MASAALLAH
Subhan Allah Allah pak hum sub ko naik Amal Karne ki toufiq atta Karen ameen
SUBHAN ALLAH.
JAZAK ALLAH KHAIR
Asalamualakum MashaAllah very good effort. I want to say thank you so much for uploading just translation. It helps to understand what’s written in Quran. May Allah be please with you Ameen
AMEEN. ❤️
🎉
G MVP
P
P
Subhan Allah 👍 Jazakallah khair 🤲
اللّٰہ ءُ اکبر
Great translation
Subhanallah Alhamdulillah ❤
Beshak Mera Allah bahut bada hai wala hai
Subhan Allah
SUBHAN ALLAH 🌼🌼
تَبَـٰرَكَ ٱلَّذِى بِيَدِهِ ٱلْمُلْكُ وَهُوَ عَلَىٰ كُلِّ شَىْءٍۢ قَدِيرٌ ١❤
MA SHA ALLAH