So Many Gods... Why Only "𝐊𝐑𝐈𝐒𝐇𝐍𝐀" ?

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  • Опубликовано: 24 ноя 2024

Комментарии • 489

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +3

    भगवद गीता
    अध्याय 18, श्लोक 65
    मन्मना भव मद्भक्तो मद्याजी मां नमस्कुरु।
    मामेवैष्यसि सत्यं ते प्रतिजाने प्रियोऽसि मे ॥65।
    सदा मेरा चिंतन करो, मेरे भक्त बनो, मेरी अराधना करो, मुझे प्रणाम करो, ऐसा करके तुम निश्चित रूप से मेरे पास आओगे। मैं तुम्हें ऐसा वचन देता हूँ क्योंकि तुम मेरे प्रिय हो।

  • @priyansh159
    @priyansh159 День назад +26

    Krishna is supreme source of all things .

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    भागवत गीता
    अध्याय , 15 श्लोक 18
    यस्मात्क्षरतमतीतोऽहमक्षरादपि चोत्तमः ।
    अतोऽस्मि लोके वेदे च प्रथितः पुरुषोत्तमः
    मैं नश्वर सांसारिक पदार्थों और यहाँ तक कि अविनाशी आत्मा से भी परे हूँ इसलिए मैं वेदों और स्मृतियों दोनों में ही दिव्य परम पुरूष के रूप में विख्यात हूँ।

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    श्रीमद्भागवतम् (10.85.31)
    यस्यांशांशांशांशाभागेन
    विश्वोत्पत्तिलयोदयः भवन्ति
    किला विश्वात्मान्स तं
    त्वद्याहं गतिं गता
    हिंदी अनुवाद:
    हे सर्वात्मा! ब्रह्माण्ड की रचना, पालन और संहार सब आपके विस्तार के एक अंश मात्र से ही होते हैं। आज मैं आपकी शरण में आया हूँ, हे परमेश्वर!

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    ब्रह्मसंहिता-5.48
    यस्यैकनिश्वासितकालमथावलम्बय जीवन्ति लोमविलजा जगदण्डनाथाः।।
    विष्णुर्महान् सैहयस्य कलाविशेषो।
    गोविन्दमादि पुरुषं तमहं भजामि ।।
    हिंदी अनुवाद:
    "अनन्त ब्रह्माण्डों में से प्रत्येक ब्रह्माण्ड के शंकर, ब्रह्मा और विष्णु, महाविष्णु के श्वास भीतर लेने पर उनके शरीर के रोमों से प्रकट होते हैं और श्वास बाहर छोड़ने पर पुनः उनमें विलीन हो जाते हैं। मैं, उन श्रीकृष्ण की वन्दना करता हूँ जिनके महाविष्णु विस्तार हैं।"

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +2

    भागवत गीता
    अध्याय ,10 श्लोक25
    महर्षीणां भृगुरहं गिरामरम्येकमक्षरम् ।
    यज्ञानां जपयज्ञोऽस्मि स्थावराणां हिमालयः
    हिंदी अनुवाद:
    मैं महर्षियों में भृगु हूँ, ध्वनियों में दिव्य ॐ हूँ। मुझे यज्ञों में जपने वाला पवित्र नाम समझो। अचल पदार्थों में मैं हिमालय हूँ।

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    भागवत गीता
    अध्याय ,10 श्लोक 23
    रुद्राणां शङ्करश्चास्मि वित्तेशो यक्षरक्षसाम्।
    वसूनां पावकश्चास्मि मेरुः शिखरिणामहम् ॥
    हिंदी अनुवाद:
    रुद्रों में शंकर हूँ, यक्षों में मैं कुबेर हूँ, वसुओं में मैं अग्नि हूँ और पर्वतों में मेरु हूँ।

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    श्रीमद्भागवतम् (10.85.9)
    दिशां त्वम् अवकाशो 'सि दिशाः
    खम् स्फोट आश्रयः
    नादो वर्ण त्वम् ओंकार आकृतिनाम्
    पृथक-कृतिः
    हिंदी अनुवाद:
    हे भगवान कृष्ण आप दिशाएँ और उनकी समायोजन क्षमता, सर्वव्यापी आकाश और उसके भीतर रहने वाली मौलिक ध्वनि हैं। आप ध्वनि के आदिम, अव्यक्त रूप हैं; पहला अक्षर, ॐ; और श्रव्य वाणी, जिसके द्वारा ध्वनि, शब्दों के रूप में, विशेष संदर्भ प्राप्त करती है।

  • @AbhijeetAnand-fr6dx
    @AbhijeetAnand-fr6dx День назад +51

    1. Golok Dham - Lord Radha Krishna
    2. Saaket Dham - Lord Ram Sita
    3.Vaikuntha Dham - Lord Vishnu Laxmi
    4. Kailash Dham - Lord Shiva Durga
    5. Brahma Dham - Lord Brahma
    It is already written in Srimad Bhagavatam! The top most is Golok Dham! Hare Krishna 🙏❤️

    • @satyamindnectar7052
      @satyamindnectar7052 День назад +3

      Durga Devi is wife of Lord Shiva ?

    • @Backtokrsna-lg2dx
      @Backtokrsna-lg2dx День назад +4

      Correction Kailash dham shiva lives with Parvati

    • @chaitanyak.c6277
      @chaitanyak.c6277 День назад +5

      ​@@satyamindnectar7052yes , lord shiva wife name Durga, Parvati, Uma etc. but these are one person name.
      Do you know about navaratri. In Navaratri we worship goddess Durga and hers forms
      Hare Krishna 🙏

    • @chaitanyak.c6277
      @chaitanyak.c6277 День назад +1

      @@Backtokrsna-lg2dx Prabhu 🙏 Mata Durga and mata Parvati are same person.

    • @AdityaSisode-t6q
      @AdityaSisode-t6q День назад +4

      @@chaitanyak.c6277 नहीं दुर्गा माता की अवतार हैं पार्वती और दुर्गा माता भगवान सदाशिव की पत्नी हैं शिव(रूद्र) पार्वती भौतिक जगत में हैं और सदाशिव दुर्गा अध्यात्मिक जगत में हैं
      प्रमाण-शिव पुराण,ब्रह्म वैवर्त पुराण,देवी भागवत

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    ब्रह्म वैवर्त पुराण
    अध्याय ,1श्लोक 2
    स्थूलास्तनूर्विदधतं त्रिगुणं विराजं
    विश्वानि लोमविवरेषु महान्तमाद्यम् ।
    सृष्ट्युन्मुखः स्वकलयापि ससर्ज सूक्ष्मं
    नित्यं समेत्य हृदि यस्तमजं भजामि ।।2।।
    हिंदी अनुवाद:
    जो सृष्टि के लिए उन्मुख हो, तीन गुणों को स्वीकार करके ब्रह्मा, विष्णु और शिव नाम वाले तीन दिव्य स्थूल शरीरों को ग्रहण करते तथा विराट पुरुष रूप हो अपने रोमकूपों में सम्पूर्ण विश्व को धारण करते हैं, जिन्होंने अपनी कला द्वारा भी सृष्टि-रचना की है तथा जो सूक्ष्म तथा अन्तर्यामी आत्मा रूप से सदा सबके हृदय में विराजमान हैं, उन महान आदिपुरुष अजन्मा परमेश्वर का मैं भजन करता हूँ।

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    भागवत गीता
    अध्याय , 11 श्लोक 32
    श्रीभगवानुवाच।
    कालोऽस्मि लोकक्षयकृत्प्रवृद्धो लोकान्समाहर्तुमिह प्रवृत्तः ।
    ऋतेऽपि त्वां न भविष्यन्ति सर्वे येऽवस्थिताः प्रत्यनीकेषु योधाः
    परम प्रभु ने कहा-“मैं प्रलय का मूलकारण और महाकाल हूँ जो जगत का संहार करने के लिए आता है। तुम्हारे युद्ध में भाग लेने के बिना भी युद्ध की व्यूह रचना में खड़े विरोधी पक्ष के योद्धा मारे जाएंगे।"

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    यन्नखंदुरुचिरब्रह्म धेयं ब्रह्मादीभिः सुरेः
    गुणत्रयत्तिम् तम वन्दे वृन्दावनेश्वरम्
    (पद्मपुराण, पाताल खण्ड-77.60)
    वृंदावन के भगवान श्रीकृष्ण के चरणों के पंजों के नखों से प्रकट ज्योति परब्रह्म है जिसका ध्यान ज्ञानी और स्वर्ग के देवता करते हैं।

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    स्कंद पुराण वैष्णव खंड वासुदेव-महात्म्य अध्याय 16.46
    वह स्थान भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए आये हुए अनेक ब्रह्माण्ड के देवताओं से भरा हुआ था, तथा ब्रह्मा और शंकर जैसे महान देवता भी अपने हाथों में पूजा की सामग्री लिये हुए थे।

  • @smitanjalinayak1813
    @smitanjalinayak1813 21 час назад +3

    It’s such an impressive talk prabhuji. Really it touched my heart.. Harekrishna 🙏

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    भागवत गीता
    अध्याय , 14 श्लोक 27
    ब्रह्मणो हि प्रतिष्ठाहममृतस्याव्ययस्य च ।
    शाश्वतस्य च धर्मस्य सुखस्यैकान्तिकस्य च
    मैं ही उस निराकार ब्रह्म का आधार हूँ जो अमर, अविनाशी, शाश्वत धर्म और असीम दिव्य आनन्द है।

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    ब्रह्म वैवर्त पुराण
    अध्याय ,1श्लोक 1
    गणेशब्रह्मेशसुरेशशेषाः
    सुराश्च सर्वे मनवो मुनीन्द्राः ।
    सरस्वती श्रीगिरिजादिकाश्च
    नमन्ति देव्यः प्रणमामि तं विभुम्
    हिंदी अनुवाद:
    गणेश, ब्रह्मा, महादेवजी, देवराज इन्द्र, शेषनाग आदि सब देवता, मनु, मुनीन्द्र, सरस्वती, लक्ष्मी तथा पार्वती आदि देवियाँ भी जिन्हें मस्तक झुकाती हैं, उन सर्वव्यापी परमात्मा को मैं प्रणाम करता हूँ।

  • @Ranjanarajput2020
    @Ranjanarajput2020 2 часа назад +1

    Hari bol

  • @SebikaBoro-cy1uk
    @SebikaBoro-cy1uk 8 часов назад +1

    Yes prabhu ji next video k liye wait karunga Hare krishna 🙏

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    श्रीमद्भागवतम् (1.3.28)
    “एते चांशकलाः पुंसः कृष्णस्तु भगवान् स्वयम्।
    इन्द्रारिव्याकुलं लोकं मृडयन्ति युगे युगे।।”
    हिंदी अनुवाद:
    श्रीकृष्णद्वैपायन वेदव्यास जी मत्स्य, कूर्म, राम, नृसिंहादि अवतारों के विषय में बोलने के पश्चात् कह रहे हैं कि ये कोई पुरुषोत्तम भगवान् श्रीहरि में अंशावतार, कोई कलावतार और कोई शक्त्यावेश अवतार हैं। प्रत्येक युग में जब भी जगत् असुरों से पीड़ित होता है, तब असुरों के उपद्रव से जगत् की रक्षा करने के लिए ये अवतार हुआ करते हैं। किन्तु, व्रजेन्द्रनन्दन श्रीकृष्ण तो साक्षात् स्वयं-भगवान् (अवतारी) हैं।
    श्री कृष्ण समस्त अवतारों के कारण--अवतारीं हैं, स्वयं भगवान् हैं।

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    ब्रह्म वैवर्त पुराण
    ब्रह्मखण्ड (अध्याय १७)
    ब्रह्मा, विष्णु और शिव आदि देवेश्वर, देवसमूह और चराचर प्राणी- ये सब आप भिन्न-भिन्न ब्रह्माण्डोंमें अनेक हैं। उन ब्रह्माण्डों हैं और देवताओंकी गणना करनेमें कौन समर्थ है? उन सबके एकमात्र स्वामी भगवान् श्रीकृष्ण हैं,

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    पद्म पुराण खण्ड ३ (स्वर्गखण्ड) अध्याय ५०
    पद्म पुराण पाताल खंड अध्याय 81
    देवर्षि नारद जी से भगवान शिव कहते हैं-
    अन्तरंगैस्तथा नित्यविभूतैस्तैश्चिदादिभिः। गोपनादुच्यते गोपी राधिका कृष्णवल्लभा।।
    देवी कृष्णमयी प्रोक्ता राधिका परदेवता। सर्वलक्ष्मीस्वरूपा सा कृष्णाह्लादस्वरूपिणी।।
    ततः सा प्रोच्यते विप्र ह्लादिनीति मनीषिभिः। तत्कलाकोटिकोटयंशा दुर्गाद्यास्त्रिगुणात्मिकाः।।
    सा तु साक्षान्महालक्ष्मीः कृष्णो नारायणः प्रभुः। नैतयोर्विद्यते भेदः स्वल्पोऽपि मुनिसत्तम।।
    इयं दुर्गा हरी रुद्रः कृष्णः शक्र इयं शची। सावित्रीयं हरिब्रह्मा धूमोर्णासौ यमो हरिः।।
    बहुना किं मुनिश्रेष्ठ विना ताभ्यां न किंचन। चिदचिल्लक्षणं सर्वं राधाकृष्णमयं जगत्।।
    इत्थं सर्वं तयोरेव विभूतिं विद्धि नारद। न शक्यते मया वक्तुं वर्षकोटिशतैरपि।।
    “नारद जी! श्रीकृष्ण प्रिया राधा अपनी चैतन्य आदि नित्य रहने वाली अन्तरंग विभूतियों से इस प्रपंच का गोपन-संरक्षण करती हैं, इसलिये उन्हें ‘गोपी’ कहते हैं। वे श्रीकृष्ण की अराधना में तन्मय होने के कारण ‘राधिका’ कहलाती हैं। श्रीकृष्णमयी होने से ही वे ‘परा देवता’ हैं। सम्पूर्ण-लक्ष्मीस्वरूपा हैं। श्रीकृष्ण के आह्लाद का मूर्तिमान स्वरूप होने के कारण मनीषीजन उन्हें ‘ह्लादिनी’ शक्ति कहते हैं। दुर्गादि त्रिगुणात्मि का शक्तियाँ उनकी कला के करोड़वें का भी करोड़वाँ अंश हैं। श्रीराधा साक्षात महालक्ष्मी हैं और भगवान श्रीकृष्ण साक्षात नारायण हैं। मुनिश्रेष्ठ! इनमें थोड़ा-सा भी भेद नहीं है। श्री राधा दुर्गा हैं और श्रीकृष्ण रुद्र। श्रीकृष्ण इन्द्र हैं तो ये शची (इन्द्राणी) हैं। वे सावित्री हैं तो ये साक्षात ब्रह्मा हैं। श्रीकृष्ण यमराज हैं तो ये उनकी पत्नी धूमोर्णा हैं। अधिक क्या कहा जाय, उन दोनों के बिना किसी भी वस्तु की सत्ता नहीं है। जड-चेतनमय सारा संसार श्रीराधा कृष्ण का ही स्वरूप है।
    नारद जी !इस प्रकार सबको उन्हीं दोनों की विभूति समझो। मैं नाम ले-लेकर गिनाने लगूँ तो सौ करोड़ वर्षों में भी उस विभूति का वर्णन नहीं कर सकता।”

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    श्रीमद्भागवतम् (10.14.19)
    अजन्तां त्वत्पद्वीमनात्म-
    न्यात्मात्मना भासि वित्त्य मायाम् ।
    सृष्टाविवाहं जगतो विधान
    इव त्वमेषोऽन्त इव त्रिनेत्र: ॥ १९॥
    हिंदी अनुवाद:
    हे भगवान कृष्ण, जो लोग आपकी अकल्पनीय शक्ति से अनभिज्ञ हैं, वे यह नहीं समझ सकते कि आप ही स्वयं को सृष्टिकर्ता ब्रह्मा, पालनकर्ता विष्णु और संहारकर्ता शिव के रूप में विस्तारित करते हैं। जो लोग चीज़ों के बारे में जागरूक नहीं हैं, वे यह सोचते हैं कि मैं ब्रह्मा ही सृष्टिकर्ता हूँ, विष्णु पालनकर्ता हैं और भगवान शिव संहारकर्ता हैं। वास्तव में, आप ही सब कुछ हैं: सृष्टिकर्ता, पालनकर्ता और संहारकर्ता।

  • @JP-HOON
    @JP-HOON 19 часов назад +2

    Sab Shri Krishna Hai ❤
    Sab Shri Krishna Se Hai❤
    Sab Shri Krisna mai Hai😊❤

  • @adityapatil5510
    @adityapatil5510 День назад +7

    Krishna ka ansh har manush me hai vo har jagah hai,vo Indra hai vo shiv hai ,vo parmatma hai ,vo anadi hai,anant hai ajanma hai,vahi yumraj hai,vahi varundev,agnidev hai ,vo bramha ke adhipati hai unka koi vistar nahi koi sima nahi vo shrishti se pehele bhi the aur aage bhi rahenge ❤shri paramatmane namah 🔥💯✨

  • @the_unfiltered_truth7181
    @the_unfiltered_truth7181 День назад +4

    The Nirgun Niraakaar Brahman is Lord Krishna himself.

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    ब्रह्म वैवर्त पुराण
    अध्याय ,1श्लोक 4
    वन्दे कृष्णं गुणातीतं परं ब्रह्माच्युतं यतः ।
    आविर्बभूवुः प्रकृतिब्रह्मविष्णुशिवादयः
    हिंदी अनुवाद:
    जिनसे प्रकृति, ब्रह्मा, विष्णु तथा शिव आदि का आविर्भाव हुआ है, उन त्रिगुणातीत परब्रह्म परमात्मा अच्युत श्रीकृष्ण की मैं वन्दना करता हूँ।
    हे भोले-भाले मनुष्यों! व्यासदेव ने श्रुतिगणों को बछड़ा बनाकर भारती रूपिणी कामधेनु से जो अपूर्व, अमृत से भी उत्तम, अक्षय, प्रिय एवं मधुर दूध दुहा था, वही यह अत्यन्त सुन्दर ब्रह्म वैवर्त पुराण है। तुम अपने श्रवणपुटों द्वारा इसका पान करो, पान करो।

  • @harekrishna_2011
    @harekrishna_2011 День назад +8

    Hare Krishna Prabhuji Dandavat Pranam

  • @Anonymous-hf9br
    @Anonymous-hf9br День назад +4

    Well everything is cleared in my mind, but i guess we all have still one doubt which related to Lord Shiv, Shiv puran. Will be really greatfull to know about that🙏🏻

    • @offcialsundaygamer4338
      @offcialsundaygamer4338 День назад +1

      Bro don't worry shri mad bagwatam come in shrsti chakr. Acc. To this bhagwan vishnu is supprem that is definitely true keep in mind only in shristi chakr me okay.
      Jai sita ram
      Shiv mahapuran reference

  • @shrutiguptaCMA
    @shrutiguptaCMA День назад +3

    Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare Ram Hare Ram Ram Ram Hare Hare ❤️🦚🪈🪷

  • @divinekrishna8124
    @divinekrishna8124 День назад +11

    Hare Krishna RadheRadhe RadheRadhe RadheRadhe RadheRadhe RadheRadhe RadheRadhe RadheRadhe RadheRadhe RadheRadhe RadheRadhe Lalita visaka chitra indulekha champlatta rangdevi sudevi tungvidya tungvidya Radhavallbhashriharivansh HareKrishna

  • @BrarSaab-u6m
    @BrarSaab-u6m День назад +35

    Krishan sab dharmo ke bagwan hai

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    भागवत गीता
    अध्याय ,7 श्लोक 7
    मत्तः परतरं नान्यत् किंचिद् अस्ति धनंजय
    मयि सर्वं इदं प्रोतं सूत्रे मणिगण इव
    हिंदी अनुवाद:
    हे अर्जुन!
    मुझसे बढ़कर कुछ भी नहीं है। सब कुछ मुझमें ही स्थित है, जैसे धागे में पिरोये हुए मोती।
    यहाँ भगवान श्री कृष्ण इस ब्रह्मांड में अपने प्रभुत्व और अपनी सर्वोच्च स्थिति के बारे में बताते हैं। वे ही वह आधार हैं जिस पर यह पूरी सृष्टि विद्यमान है; वे ही रचयिता, पालनहार और संहारक हैं। धागे में पिरोए गए मोतियों की तरह, जो अपनी जगह पर हिल सकते हैं, भगवान ने प्रत्येक आत्मा को अपनी इच्छानुसार कार्य करने की स्वतंत्र इच्छा दी है, फिर भी उनका अस्तित्व उनसे बंधा हुआ है। श्वेताश्वतर उपनिषद में कहा गया है:

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    (ब्रह्मवैवर्तपुराण-उत्तरभाग श्रीकृष्णजन्मखण्ड अध्याय - ४- श्लोक-१९४-१९५- नारायण-नारदमुनि का संवाद)
    गोलोक ब्रह्माण्ड से बाहर और उपर है। उससे उपर दूसरा कोई लोक नहीं है। उपर सब कुछ शून्य ही है। वही तक सृष्टि की अन्तिम सीमा है। सात रसातलों से नीचे सृष्टि नहीं है। रसातलों से नीचे जल और अन्धकार है, जो अगम्य और अदृश्य है।

  • @KshitijBawaskar-f4g
    @KshitijBawaskar-f4g День назад +4

    bhagvat gita chapter 9, verse 23
    येऽप्यन्यदेवता भक्ता यजन्ते श्रद्धयान्विता: ।
    तेऽपि मामेव कौन्तेय यजन्त्यविधिपूर्वकम् ।।23।।
    हे अर्जुन[1] ! यद्यपि श्रद्धा से युक्त जो सकाम भक्त दूसरे देवताओं को पूजते हैं, वे भी मुझको ही पूजते हैं, किंतु उनका वह पूजन अविधिपूर्वक अर्थात् अज्ञानपूर्वक है ।।23।।

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    ब्रह्म वैवर्त पुराण
    ब्रह्मखण्ड : अध्याय 3
    श्रीकृष्ण से सृष्टि का आरम्भ, नारायण, महादेव, ब्रह्मा, धर्म, सरस्वती, महालक्ष्मी और प्रकृति[1]-का प्रादुर्भाव तथा इन सबके द्वारा पृथक-पृथक श्रीकृष्ण का स्तवन
    सौति कहते हैं - भगवान ने देखा कि सम्पूर्ण विश्व शून्यमय है। कहीं कोई जीव-जन्तु नहीं है। जल का भी कहीं पता नहीं है। सारा आकाश वायु से रहित और अन्धकार से आवृत हो घोर प्रतीत होता है। वृक्ष, पर्वत और समुद्र आदि से शून्य होने के कारण विकृताकार जान पड़ता है। मूर्ति, धातु, शस्य और तृण का सर्वथा अभाव हो गया है।
    ब्रह्मन! जगत को इस शून्यावस्था में देख मन-ही-मन सब बातों की आलोचना करके दूसरे किसी सहायक से रहित एकमात्र स्वेच्छामय प्रभु ने स्वेच्छा से ही सृष्टि-रचना आरम्भ की। सबसे पहले उन परम पुरुष श्रीकृष्ण के दक्षिणापार्श्व से जगत के कारण रूप तीन मूर्तिमान गुण प्रकट हुए। उन गुणों से महत्तत्त्व, अहंकार, पाँच तन्मात्राएँ तथा रूप, रस, गन्ध, स्पर्श और शब्द-ये पाँच विषय क्रमशः प्रकट हुए।
    तदनन्तर श्रीकृष्ण से साक्षात भगवान नारायण का प्रादुर्भाव हुआ, जिनकी अंगकान्ति श्याम थी, वे नित्य-तरुण, पीताम्बरधारी तथा वनमाला से विभूषित थे। उनके चार भुजाएँ थीं। उन्होंने अपने चार हाथों में क्रमशः - शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण कर रखे थे। उनके मुखारविन्द पर मन्द मुस्कान की छटा छा रही थी। वे रत्नमय आभूषणों से विभूषित थे, शांर्गधनुष धारण किये हुए थे। कौस्तुभमणि उनके वक्षःस्थल की शोभा बढ़ाती थी। श्रीवत्सभूषित वक्ष में साक्षात लक्ष्मी का निवास था। वे श्रीनिधि अपूर्व शोभा को प्रकट कर रहे थे; शरत्काल की पूर्णिमा के चन्द्रमा की प्रभा से सेवित मुख-चन्द्र के कारण वे बड़े मनोहर जान पड़ते थे। कामदेव की कान्ति से युक्त रूप-लावण्य उनका सौन्दर्य बढ़ा रहा था। वे श्रीकृष्ण के सामने खड़े हो दोनों हाथ जोड़कर उनकी स्तुति करने लगे।
    नारायण बोले- जो वर (श्रेष्ठ), वरेण्य (सत्पुरुषों द्वारा पूज्य), वरदायक (वर देने वाले) और वर की प्राप्ति के कारण हैं; जो कारणों के भी कारण, कर्मस्वरूप और उस कर्म के भी कारण हैं; तप जिनका स्वरूप है, जो नित्य-निरन्तर तपस्या का फल प्रदान करते हैं, तपस्वीजनों में सर्वोत्तम तपस्वी हैं, नूतन जलधर के समान श्याम, स्वात्माराम और मनोहर हैं, उन भगवान श्रीकृष्ण मैं वन्दना करता हूँ। जो निष्काम और कामरूप हैं, कामना के नाशक तथा कामदेव की उत्पत्ति के कारण हैं, जो सर्वरूप, सर्वबीज स्वरूप, सर्वोत्तम एवं सर्वेश्वर हैं, वेद जिनका स्वरूप है, जो वेदों के बीज, वेदोक्त फल के दाता और फलरूप हैं, वेदों के ज्ञाता, उसे विधान को जानने वाले तथा सम्पूर्ण वेदवेत्ताओं के शिरोमणि हैं, उन भगवान श्रीकृष्ण को मैं प्रणाम करता हूँ।[2]
    ऐसा कहकर वे नारायणदेव भक्तिभाव से युक्त हो उनकी आज्ञा से उन परमात्मा के सामने रमणीय रत्नमय सिंहासन पर विराज गये। जो पुरुष प्रतिदिन एकाग्रचित्त हो तीनों संध्याओं के समय नारायण द्वारा किये गये इस स्तोत्र को सुनता और पढ़ता है, वह निष्पाप हो जाता है। उसे यदि पुत्र की इच्छा हो तो पुत्र मिलता है और भार्या की इच्छा हो तो प्यारी भार्या प्राप्त होती है। जो अपने राज्य से भ्रष्ट हो गया है, वह इस स्तोत्र के पाठ से पुनः राज्य प्राप्त कर लेता है तथा धन से वंचित हुए पुरुष को धन की प्राप्ति हो जाती है। कारागार के भीतर विपत्ति में पड़ा हुआ मनुष्य यदि इस स्तोत्र का पाठ करे तो निश्चय ही संकट से मुक्त हो जाता है। एक वर्ष तक इसका संयमपूर्वक श्रवण करने से रोगी अपने रोग से छुटकारा पा जाता है।

  • @Mahipandey-e3s
    @Mahipandey-e3s День назад +4

    यह कृष्ण चेतना बस आनंद से भरी हुई है। किसी को भी उदास नहीं होना चाहिए। अगर वह उदास महसूस कर रहा है, तो यह कृष्ण चेतना की कमी है। यह संकेत है। कृष्ण चेतना मुक्ति के बाद की अवस्था है।
    *श्रील प्रभुपाद पत्र,*
    *15 नवंबर 1968, लॉस एंजिल्स*

  • @jagdishpatel551
    @jagdishpatel551 10 часов назад +1

    Jai Ho Here Krishna prabhuji 🙏🌹🐄🌹🙏

  • @Sanatan_Dharm435
    @Sanatan_Dharm435 День назад +4

    Hare Krishna Prabhu ji ap ka mind bohut clear hai Lord Krishna ki bhakti korke ap pure hochuke ho . Dandavat Pranam Hare krishna

  • @shrikantk6828
    @shrikantk6828 20 часов назад

    राघवस्य गुणो दिव्यो महाविष्णुः स्वरुपवान् । वासुदेवो घनीभूतस्तनुतेजः सदाशिवः ॥ मत्स्यश्च रामहृदयं योगरुपी जनार्दनः । कुर्मश्चाधारशक्तिश्च वाराहो भुजयोर्बलं ॥ नारसिंहो महाकोपो वामनः कटिमेखला। भार्गवो जंङ्ङ्घयोर्जातो बलरामश्च पृष्ठतः ॥ बौद्धस्तु करुणा साक्षात् कल्किश्चित्तस्य हर्षतः । कृष्णः शृङ्गाररुपश्च वृन्दावनविभूषणः ॥ ऐते चांशकलाः सर्वे रामो ब्रह्म सनातनः ।

  • @shrikantk6828
    @shrikantk6828 20 часов назад

    रमन्ते योगिनोऽनन्ते नित्यानन्दे चिदात्मनि । इति रामपदेनासौ परंब्रह्माभिधियते ॥ (श्रीरामपूर्वतापनीय उपनिषद् १.६)

  • @shrikantk6828
    @shrikantk6828 20 часов назад

    वेदवेद्ये परेपुंसि जाते दशरथात्मजे । वेदः प्राचेतसादासीत् साक्षाद् रामायणात्मना ॥ तस्माद्रामायणं देवि! वेद एव न संशयः ॥ (अगस्त्य संहिता; मङ्गलाचरण, श्रीमद्वाल्मीकि रामायण)

  • @shrikantk6828
    @shrikantk6828 20 часов назад

    यथा घटश्च कलश एकार्थस्याभिधयाकः । तथा ब्रह्म च रामश्च नूनमेकार्थतत्परः ॥ (अगस्त्य-संहिता १९.२९)

  • @Eshorts774
    @Eshorts774 3 часа назад +1

    Lord narayan is supreme god parabrahma

  • @AmanKumar-hh7nk
    @AmanKumar-hh7nk День назад +1

    The only truth is Bramh ❤️✨
    ब्रम्ह राम परमार्थ रूपा। अविगत अख़ल अनादि अनूपा।।

  • @shrikantk6828
    @shrikantk6828 20 часов назад

    रामं विद्धि परं ब्रह्म सच्चिदानन्दमद्वयम् । सर्वोपाधिविनिर्मुक्तं सत्तामात्रमगोचरम् ।।

  • @SwagatBasu
    @SwagatBasu Час назад

    Hare Krishna Radhe Radhe

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    श्री ब्रह्मसंहिता ५.४३
    गोलोक-नाम्नि निज-धाम्नि तले च तस्य
    देवी महेश-हरि-धामसु तेषु तेषु तेषु
    ते ते प्रभाव-निकाय विहिताश् च येन
    गोविंदं आदि-पुरुषं तं अहम् भजामि
    हिंदी अनुवाद:
    सबसे नीचे देवी-धाम [सांसारिक दुनिया] स्थित है, उसके ऊपर महेश-धाम [महेश का निवास] है; महेश-धाम से ऊपर हरि-धाम [हरि का निवास] है और इन सबके ऊपर कृष्ण का अपना लोक गोलोक स्थित है। मैं आदि भगवान गोविंदा की पूजा करता हूँ, जिन्होंने उन क्रमिक क्षेत्रों के शासकों को उनके संबंधित अधिकार आवंटित किए हैं।

  • @AbhishekSingh-t5w
    @AbhishekSingh-t5w День назад +5

    Hare Krishna Prabhu ji Lord Shri Krishna is the supreme supreme supreme personality of Godhead He is the supreme friend supreme court supreme father supreme supreme teacher supreme controller Hare Krishna🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण 5 часов назад +1

    भागवत गीता
    अध्याय , 11श्लोक 15
    अर्जुन उवाच
    पश्यामि देवों तव देवा
    देहे सर्वांस तथा भूतविशेषसंघान
    ब्राह्मणम ईशं कमलासनस्थं
    ऋषिंश च सर्वान् उरगंश च दिव्यन्
    हिंदी अनुवाद:
    अर्जुन ने कहा: हे श्री कृष्ण! मैं आपके शरीर के भीतर सभी देवताओं और विभिन्न प्राणियों के समूहों को देखता हूँ। मैं कमल के फूल पर बैठे ब्रह्मा को देखता हूँ; मैं शिव, सभी ऋषियों और दिव्य नागों को देखता हूँ।
    अर्जुन ने कहा कि वह तीनों लोकों से आए असंख्य प्राणियों को देख रहा था, जिनमें स्वर्ग के देवता भी शामिल थे। कमलासनास्थम शब्द भगवान ब्रह्मा को संदर्भित करता है, जो ब्रह्मांड के कमल चक्र पर विराजमान हैं। भगवान शिव, विश्वामित्र जैसे ऋषि और वासुकी जैसे नाग सभी ब्रह्मांडीय रूप में दिखाई दे रहे थे।

  • @rahulrahul-lj8xz
    @rahulrahul-lj8xz День назад +7

    Sadaa Shiva = Maha Vishnu = Krishna
    Hara Hara Mahadev
    Hare Krishna

    • @dasoham5
      @dasoham5 День назад +2

      Nope

    • @AdityaSisode-t6q
      @AdityaSisode-t6q День назад +1

      @@rahulrahul-lj8xz बराबर पर महाविष्णु और सदाशिव का प्राकट्य आदिनारायण श्रीकृष्ण प्रभु से हुआ हैं

    • @Ganesh-saud
      @Ganesh-saud День назад +4

      ​@@AdityaSisode-t6q ye sab kaha likha hai batao jara

    • @Neeraj-go2pv
      @Neeraj-go2pv 23 часа назад

      @@AdityaSisode-t6q wrong knowledge

    • @usar457
      @usar457 23 часа назад +1

      ​@@AdityaSisode-t6qkus vi

  • @the_unfiltered_truth7181
    @the_unfiltered_truth7181 День назад +4

    I am a Shaivaite and I find this video just good.
    Just one thing... the Shrimad Bhagwat itself mentions that the Supreme Lord NARAYAN is without name, form, gunas, characteristics.
    The Rigveda and Yajurveda to attest the same.
    Yajurveda
    *Ekam Sarvam Parambrahman Pavitram Paramam Param*
    *Narayana Parabrahman Tatvam Narayana Param*

    • @satyamindnectar7052
      @satyamindnectar7052 День назад

      Do Shaivite reject vedas ?

    • @the_unfiltered_truth7181
      @the_unfiltered_truth7181 День назад

      @satyamindnectar7052 Not at all. Only neo-gen whatsapp university leftist pseudo-shaivaites do.

    • @the_unfiltered_truth7181
      @the_unfiltered_truth7181 День назад +1

      @satyamindnectar7052 Not at all. Only neo-gen whatsapp university leftist pseudo-shaivaites do.

    • @SOTSupremenchanter
      @SOTSupremenchanter День назад +1

      Yes. Yajurveda confirms ekam sarvam parabrahman- Supreme narayana is one and only parabrahman and purest-pavitram. Which verse in Srimad Bhagavatam says Narayan is nirguna?

    • @the_unfiltered_truth7181
      @the_unfiltered_truth7181 23 часа назад +1

      @SOTSupremenchanter Multiple.
      *Aroopaayoruroopaaya Namah Aashcharya karmane*
      *Na Vidhyate yasyacha Janma Karma vaa Na Naama Roope Guna Dosha eva va*

  • @funnymemes9748
    @funnymemes9748 День назад +3

    Hare krishna hare Krishna krishna krishna hare hare
    Hare ram hare ram ram ram hare hare

  • @LakshmanRam105
    @LakshmanRam105 День назад

    Hare Krishna Prabhuji ♥️🙏🌿 Dandvat Pranam 🙏

  • @THEHARIBHAKT
    @THEHARIBHAKT День назад +2

    Hare Krishna prabhuji 🙏
    DANDAVAT PRANAM 🙏
    ❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @titli-bo8iw
    @titli-bo8iw День назад +2

    Hariii bolll 🙏thank you Prabhu for this wonderful video 🙇‍♀️🙏

  • @SrabaniNayak-b3g
    @SrabaniNayak-b3g День назад +2

    Thank you prabhuji hare Krishna ❤

  • @Harii55
    @Harii55 День назад +1

    Hare Krishna 🙏 Dandvat Pranam Prabhuji thank you so so much 🙂🙇🙇🙏🙏

  • @Aadhyatmik_Gyan_098
    @Aadhyatmik_Gyan_098 День назад +2

    Hare Krishna prabhuji 😍📿

  • @raveendranc6893
    @raveendranc6893 22 часа назад

    Hare Krishna..
    Suklam bharatharam vishnum sasivarnam chadhurbhujam prasanna vadhanam dhyayel sarva-vignobha saandhaye

  • @abhinavd369
    @abhinavd369 День назад

    Beautifully explained prabhuji

  • @anupamamishra657
    @anupamamishra657 День назад

    Radhe Krishna

  • @usar457
    @usar457 23 часа назад

    Har Har Mahadev..Jai Maa AdiSakti Maa Ki Jai...Jai Maa Kali Maa Ki Jai....Devo Ka Dev Mahadev Apko Kouti Kouti Pranam...

  • @damayantisanpal8666
    @damayantisanpal8666 День назад +1

    Om Namo Bagvathe Vasudevaya Namah Hare Krishna 🙏🙏🙏

  • @hrithikoberoi8149
    @hrithikoberoi8149 День назад +2

    I know what you are talking about but listen this carefully all are ang of lord himself if you worship any other god it will lead to ultimate goal.No other avtar god and goddess are(like durga,surya,ganesh etc. even navgrah)are less equal they are ang of krishna itself.You can check shani names it also call him krishna.

  • @kashishhhh01
    @kashishhhh01 День назад +3

    Hare Krishna ❤️🦚🧿

  • @s.ks.k3100
    @s.ks.k3100 День назад +1

    Radhe Radhe 🙏

  • @hasinivempati8285
    @hasinivempati8285 21 час назад

    Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare Hare Rama Hare Rana Rama Rama Hare Hare RadheRadhe

  • @priyankavashishtha3191
    @priyankavashishtha3191 День назад

    Hare Krishna 🙏 Prabhu ji infinity Dandwat pranam unto your lotus feet

  • @jasvinderkaur1420
    @jasvinderkaur1420 День назад +3

    Jay Shri Radhe Krishna 🙏🏻

  • @prithvirajsharma9107
    @prithvirajsharma9107 День назад +1

    Krishna sab dharmon ke Bhagwan Hain. गीता में भगवान स्वयं कह रहे हैं कि मैं सब जीवों का पिता हूं l

  • @chetnagupta9775
    @chetnagupta9775 День назад +2

    Jai jai shree RadhaRaman❤

  • @BibekPaudel-yb5hp
    @BibekPaudel-yb5hp 21 час назад

    Hare Krishna Prabhu ji ✨️ 🪷 💐 🙏

  • @AdityaSisode-t6q
    @AdityaSisode-t6q День назад +7

    कृष्णस्तु भगवान स्वयं कृष्ण स्वतः परमभगवान हैं और गणपती, देवी, सूर्य, विष्णु, शिव ये पांच देवता श्रीकृष्ण के ही रूप हैं विष्णुभगवान परमप्रभूूश्रीकृष्ण के परमावतार हैं पांचों देवता मोक्ष दे सकते हैं
    इंद्रादी देवता भगवान नहीं देवता हैं वह पद हैं उनके पद को मनुष्य भी प्राप्त कर सकते हैं देवताओं को शक्ति भगवान से प्राप्त होती हैं
    परंतु आद्यनारायण श्रीकृष्ण की भक्ती सर्वोच्च स्तर की भक्ती हैं
    ।।राम कृष्ण हरी।।
    परमभगवान आद्यनारायण श्रीकृष्ण की जय!रुक्मिणीरमन विजयते!

    • @shrikantk6828
      @shrikantk6828 День назад +1

      Are Bhai ,,,,, Ramastu bhagawan swyam,,,yeh sloke sabse pehle aaya thaa,,,,,,,Krishna se bhi pehle,,,,,,

    • @bandanamahantamusical3919
      @bandanamahantamusical3919 День назад +2

      ​@@shrikantk6828 Bhai Ram aur Krishna alag hai kya? Jo Ram bhakt hai wo usi Param Tattva ko Ram ke roop me dekhte hai aur jo Krishna bhakt hai wo usi Param Tattva ko Krishna ke roop me dekhte hai aur jo Narayan ke bhakt hai wo usi Param Tattva ko Narayan ke roop me dekhte hai.

    • @AdityaSisode-t6q
      @AdityaSisode-t6q День назад

      @@shrikantk6828 राम कृष्ण और हरी एक ही हैं

    • @shrikantk6828
      @shrikantk6828 День назад

      @bandanamahantamusical3919 uchit kaha aapne parantu log isse anbhigya hai,,,,,,,Ram Krishna hi purn parmeshwar hai,,,,,mere bhakti to is prakar se hai ki mein yeh bhi bolta hun ki bhagwat Geeta gyaan Hanuman ji ne hi diye the,,, iska matlab mere man mein kisi ke liye bhi koi bhed bhav nahin hai sister,,,,,,,,,kyaa aap ese bol sakte ho ki Hanuman ji ne hi Geeta kaa gyaan diye the? Nhain bol paoge kyunki aap sree Krish se sree Hanuman ji ko bhinna mante ho agar nahin mante to tum dilse bol sakte ho ki Geeta Gyan swyam Hanuman mahaprabhu ne Diye the,,,,,,,,,ajkal ke kuchh Krishna premi log sirf Krishna ko hi parmeshwar mante hai or waki ko alag mante hai,,,,,,aap ,,,,,,,,or jab Manu or Mata satrupa ne ghor tapasya ki thi swyam parmatma ko dekhne k liye or unko Putra ke rup mein paane k liye to wahan par Krishna nahin,,,ki Mahadev nahin ,,,ki sree bishnu nahin,,,ki bramhaa nahi,,,,or Naa hi Devi ,,,balki wahan par jab swyam Sree Ram apni ardhngini Mata Sita ke sath prakat hue tabhi unho ne apne netra khole the,,,,,,iska matla,,,ki samajh Gaye honge,,,,,,,,or aapko pata hai bhagwan Hanan ji ki ek per ki bhaar ko swyam Sree Krishna bhagwan bhi nahin seh paye the,,,,,,,,kehne ka matlab hai ki ,,,,,,,sab ek hi parmatma hai,,,,,,parantu ram Krishna purn parmatma hai,,,,,,,,,,

    • @AdityaSisode-t6q
      @AdityaSisode-t6q День назад

      @@shrikantk6828 श्रीराम भगवान हैं ना फिर हम तो मानते हैं

  • @The_arts_center
    @The_arts_center День назад +2

    Hare krishna ❤

  • @Radharaman143
    @Radharaman143 10 часов назад

    Harekrishna ❤

  • @heenabajaj2989
    @heenabajaj2989 16 часов назад

    Very well explained ❤

  • @KrishnaKumar-v4q9y
    @KrishnaKumar-v4q9y День назад +1

    हरे कृष्णा प्रभु जी

  • @SpiritGlimpse03
    @SpiritGlimpse03 23 минуты назад

    Hare krishna🙌❤

  • @nehlatapinki8954
    @nehlatapinki8954 День назад +1

    Kripya mere vaishnav apradho ko chhama kare Prabhu Ji 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @sharmila.s5543
    @sharmila.s5543 День назад +1

    Hare krsna prabhuji 🙏🏻

  • @Aman_Kumar_Sharma.......909
    @Aman_Kumar_Sharma.......909 День назад

    Hare krishna prabhuji apne bahut achchhe se explain Kiya hai thank u prabhuji

  • @vaibhavkumar5582
    @vaibhavkumar5582 День назад +2

    00:06 Discussion on the importance of Krishna in comparison to other deities.
    01:03 Krishna is the supreme controller among all deities.
    03:13 Krishna is the supreme deity, confirmed by Brahma and revered above all.
    04:17 Krishna embodies the supreme eternal spirit beyond time and control.
    06:50 Krishna embodies the essence of all Vedas and divine knowledge.
    08:00 Krishna is regarded as the supreme being in Hindu scriptures.
    10:18 Vishnu's divine presence and protection are central to understanding divine worship.
    11:24 Krishna is acknowledged as the supreme God among all deities.
    13:21 Exploring the diverse roles of deities in scriptures.
    Crafted by Merlin AI.

  • @Neeraj-go2pv
    @Neeraj-go2pv 22 часа назад

    Jai Shree Ram. Parbrahm

  • @Sawankankhare
    @Sawankankhare День назад +1

    Hare Krishna Prabhuji

  • @SouvikNandiFilms
    @SouvikNandiFilms День назад +1

    Hare Krishna 🙏🙏🙏🙏

  • @technicalgaming2323
    @technicalgaming2323 День назад

    RadheRadhe ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️💕💖💖💕💕💖💕

  • @wonderworld2017
    @wonderworld2017 День назад +1

    Prabhu ji whatever you are quoting , all are Vaishnav sastra

    • @EternallyHareKrsna
      @EternallyHareKrsna День назад +1

      Bhagvatam, brahma samhita and other scriptures are for everyone. Simply because vaishnavas know its importance does not make it theirs.

  • @imatulprajapati_
    @imatulprajapati_ 22 часа назад

    great explanation

  • @jbshrestha2130
    @jbshrestha2130 23 часа назад

    Hare krishna🙏🙏🙏🌹🌹🌹

  • @RamakantaSahoo-b7g
    @RamakantaSahoo-b7g День назад +1

    Harekrishna prabhuji dandabat pranam 🌹🙌🙏

  • @amit.sahani8910
    @amit.sahani8910 День назад +1

    Hare Krishna prabhuji

  • @mohitkumarbhorani7660
    @mohitkumarbhorani7660 15 часов назад

    HARI HARI BOL PYAARE ♥️♥️

  • @djhall1551
    @djhall1551 День назад +1

    Hare krishna ❤😮😊

  • @PritiSinha-f3o
    @PritiSinha-f3o День назад

    Hare Krishna 🙏💖

  • @smutiranimamaly8285
    @smutiranimamaly8285 День назад

    Thank you 🙏 prabhuji

  • @Krishnakumar18700
    @Krishnakumar18700 День назад

    Bahut sundar Prabhu ji dandwat Pranam hare Krishna 🙏🏻🙏🏻

  • @radhikamahajan3019
    @radhikamahajan3019 20 часов назад

    Hare Krishna

  • @vidhyaladiestrends4034
    @vidhyaladiestrends4034 День назад

    Om hari haray namah:: ... hari aur har ek hi hai... vishnu aur shiva dono ek hi hai❤❤❤❤❤... om namah shivay...🎉🎉🎉

  • @mintupal2353
    @mintupal2353 3 часа назад

    Hare krishno 💮🙏

  • @robertheroni9308
    @robertheroni9308 День назад +2

    Shivpuran ka kya ?