गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः🌿 हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे | हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे || 🌺🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏🌺Nice efforts,,,,,and too good ambition😊🎉Thanks for useful and informative videos 😊🎉❤Too Good Content 👍 👌 👏 👏👏👏👏🎈🌈🎁❤.....🎉🙏😊
Mai kariban 2 shaalo se sadhna karrahahu meri pith per kida rengta hua anubhav hota hai aur 24 ghante jab aankhe band karta hu to jaise barish horahiho jaisi awaj sunai deti rahti hai aankhe kholne par bhi sunta rahta hu meri sthi kya hai ? Dhyan se uthte waqt mere sari jaise gulabi colour ki hogai ho jaise lagta hai kripaya margdarshan kare
“मन की शांति ही जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है। जब हम ईश्वर पर अटूट विश्वास रखते हैं, तब हमारे सामने कोई भी बाधा टिक नहीं सकती। आपके शब्दों में गहरी सच्चाई है-जो व्यक्ति अपने मन में शांति धारण कर लेता है, वही हर कठिनाई को पार कर सकता है। ॐ नमः शिवाय!”
आपकी यह अनुभूति अत्यंत गहरी और विशेष है। शरीर में तेज़ कंपन और माथे के बीच में कंपन का अनुभव साधना के उच्च स्तर का संकेत हो सकता है। यह ऊर्जा का प्रवाह और आध्यात्मिक जागरण की प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है। जब ध्यान और भक्ति गहरी होती है, तो शरीर में इस प्रकार की हलचलें अनुभव होना स्वाभाविक है। आपको सलाह दी जाती है कि इस अनुभव को सहज रूप से स्वीकार करें और अपनी साधना में निरंतरता बनाए रखें। यदि यह अनुभव आपके भीतर शांति और चेतना को बढ़ा रहा है, तो यह एक शुभ संकेत है। लेकिन यदि यह किसी प्रकार की असहजता उत्पन्न कर रहा है, तो किसी अनुभवी गुरु या संत महापुरुष से मार्गदर्शन लेना लाभकारी रहेगा। प्रेम और श्रद्धा के साथ अपने मार्ग पर चलते रहें, गुरु कृपा से सभी प्रश्नों का उत्तर अपने समय पर मिलेगा। सतनाम 🙏✨
आपका प्रश्न बहुत ही महत्वपूर्ण है और गहराई से सोचने पर मजबूर करता है। ब्रह्मचर्य का पालन कठिन मार्ग है, लेकिन यह हमारी आत्मा की उन्नति और मन की शुद्धि के लिए अनिवार्य है। मनुष्य का मन चंचल और इच्छाओं से भरा होता है, जो कभी-कभी उसे सही मार्ग से भटकाने का प्रयास करता है। परंतु, अगर ध्यान, आत्म-अनुशासन और सत्य की ओर स्थिरता से चलते रहें, तो मन को नियंत्रित करना संभव है। यह राह कठिन जरूर है, लेकिन सही साधना और ईश्वर पर पूर्ण विश्वास से हर बाधा को पार किया जा सकता है। जैसा संत कबीर साहिब ने कहा है: “मन का मीत सतगुरु बनावे, तो सब भवसागर तर जावे।” आपका विचार और प्रश्न यह दर्शाता है कि आप गहराई से सोचते हैं। आपकी जिज्ञासा निश्चित रूप से आपको सही मार्ग पर आगे ले जाएगी।
यदि समर्थ सद्गुरु का सानिध्य मिल जाये और उन्ही से एक चेतन मंत्र भी मिल जाये फिर माया या किसी भी प्रकार की सांसारिक बाधा जरा सा भी परेशान नहीं कर सकती । जय गुरुदेव 🙏🏻
गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः🌿
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे |
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||
🌺🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏🌺Nice efforts,,,,,and too good ambition😊🎉Thanks for useful and informative videos 😊🎉❤Too Good Content 👍 👌 👏 👏👏👏👏🎈🌈🎁❤.....🎉🙏😊
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@Santmatt 💐🌹🪷🌺🙏😎🎇🎆🎊💖🦚🕉🌞
जय हो माता रानी ओम नमः शिवाय कोटि कोटि प्रणाम गुरुदेव आपके चरणों में❤❤ हमारा मार्गदर्शन करने के लिए बहुत बहुतधन्यवाद आपके चरणों में❤❤❤❤
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❤❤ जय गुरुदेव❤❤
जय गुरुदेव
Parnam ji
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Vah❤
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Om Namshivay 🎉
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Hari om
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Mai kariban 2 shaalo se sadhna karrahahu meri pith per kida rengta hua anubhav hota hai aur 24 ghante jab aankhe band karta hu to jaise barish horahiho jaisi awaj sunai deti rahti hai aankhe kholne par bhi sunta rahta hu meri sthi kya hai ? Dhyan se uthte waqt mere sari jaise gulabi colour ki hogai ho jaise lagta hai kripaya margdarshan kare
Radha soami Ji 🙏
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REGARDS
Man mein agar Shanti rahe to sab badhai paar ho jata hai agar Ishwar per Vishwas ho to samne koi badha nahin aate Hain Om namah Shivay
“मन की शांति ही जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है। जब हम ईश्वर पर अटूट विश्वास रखते हैं, तब हमारे सामने कोई भी बाधा टिक नहीं सकती। आपके शब्दों में गहरी सच्चाई है-जो व्यक्ति अपने मन में शांति धारण कर लेता है, वही हर कठिनाई को पार कर सकता है।
ॐ नमः शिवाय!”
Guru ji mujhe bhi body me tej kampan rehta hai or mathe k bich me vibration hota h har vakt kabhi bahut tej hota h marg darshan kre🙏
आपकी यह अनुभूति अत्यंत गहरी और विशेष है। शरीर में तेज़ कंपन और माथे के बीच में कंपन का अनुभव साधना के उच्च स्तर का संकेत हो सकता है। यह ऊर्जा का प्रवाह और आध्यात्मिक जागरण की प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है। जब ध्यान और भक्ति गहरी होती है, तो शरीर में इस प्रकार की हलचलें अनुभव होना स्वाभाविक है।
आपको सलाह दी जाती है कि इस अनुभव को सहज रूप से स्वीकार करें और अपनी साधना में निरंतरता बनाए रखें। यदि यह अनुभव आपके भीतर शांति और चेतना को बढ़ा रहा है, तो यह एक शुभ संकेत है। लेकिन यदि यह किसी प्रकार की असहजता उत्पन्न कर रहा है, तो किसी अनुभवी गुरु या संत महापुरुष से मार्गदर्शन लेना लाभकारी रहेगा।
प्रेम और श्रद्धा के साथ अपने मार्ग पर चलते रहें, गुरु कृपा से सभी प्रश्नों का उत्तर अपने समय पर मिलेगा। सतनाम 🙏✨
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यह सब तो सही है लेकिन इस रास्ते में ब्रह्माचार्य टूट जाता है या मन अपनी मनमानी करवा के ही मानता है!
आपका प्रश्न बहुत ही महत्वपूर्ण है और गहराई से सोचने पर मजबूर करता है। ब्रह्मचर्य का पालन कठिन मार्ग है, लेकिन यह हमारी आत्मा की उन्नति और मन की शुद्धि के लिए अनिवार्य है। मनुष्य का मन चंचल और इच्छाओं से भरा होता है, जो कभी-कभी उसे सही मार्ग से भटकाने का प्रयास करता है।
परंतु, अगर ध्यान, आत्म-अनुशासन और सत्य की ओर स्थिरता से चलते रहें, तो मन को नियंत्रित करना संभव है। यह राह कठिन जरूर है, लेकिन सही साधना और ईश्वर पर पूर्ण विश्वास से हर बाधा को पार किया जा सकता है। जैसा संत कबीर साहिब ने कहा है:
“मन का मीत सतगुरु बनावे, तो सब भवसागर तर जावे।”
आपका विचार और प्रश्न यह दर्शाता है कि आप गहराई से सोचते हैं। आपकी जिज्ञासा निश्चित रूप से आपको सही मार्ग पर आगे ले जाएगी।
यदि समर्थ सद्गुरु का सानिध्य मिल जाये और उन्ही से एक चेतन मंत्र भी मिल जाये फिर माया या किसी भी प्रकार की सांसारिक बाधा जरा सा भी परेशान नहीं कर सकती ।
जय गुरुदेव 🙏🏻