आपको सादर नमन. आपने बहुत सुन्दर तरीके से स्वयं के बारे में समझाया, बहुत अच्छा लगा.अब मैं आपके कहे वचन को क्या दोहराऊँ. आजकल तमाम गुरु हैँ, जो भटकाव पैदा करते हैँ. सत्य क्या है, ईश्वर क्या है?मुक्ति क्या है? जिस पर आपने प्रकाश डाला. जो हमारी चेतना है, वह हमारे शरीर में और शरीर से बाहर भी मौजूद है. हम सभी ने सुना है या पढ़ा है आत्मा और परमात्मा के बारे में परन्तु अनुभव में वह तत्व नहीं है. हम यदि आँख बन्द करके ध्यान में बैठते हैँ तो तुरन्त ही हमारा मन बाहर की ओर चला जाता है. या किसी ऐसे भगवान की तस्वीर सामने आती है, जैसे भगवान राम, शिव व कृष्ण आदि. यदि मैंने कोई ऎसी तस्वीर न देखी हो तो वह ध्यान में नहीं आयेंगे. मन का मूल तत्व में ठहर जाना ही ध्यान हो सकता है एक ऎसी सत्ता जिसका नाम, रूप न हो, नाम, रूप वाली वस्तुएँ बनती है, मिट जाती हैँ, उसमें परिवर्तन भी जो शुद्ध चेतना है वह तो अपरिवर्तनीय है. ऎसी सत्ता से मेरे मन का सम्बन्ध हो जाये.मैं इसी में अपने सभी कार्य करते हुए स्थिर रहूँ. रही मुक्ति की बात, तो मुक्ति तो जीते जी ही सम्भव है और यदि मरने के बाद मुक्ति होगी तो इसके लिए सबसे पहले हमें मरना होगा. जब मर जायेंगे तो मुक्ति का अनुभव कैसे होगा?तोता पिंजरे में कैद है, वह पिंजरे से बाहर जीते जी उड़ जाये तो उसे अपनी मुक्ति का अनुभव हो जाये. यदि पिंजरे में ही मर जाये, फिर पिंजरे से बाहर निकालें तो उसे क्या अनुभव होगा? मैं न शरीर हूँ, न मेरा कोई नाम रूप है. मैं ही पूरे ब्रम्हाण्ड में सूच्म रूप से व्याप्त हूँ.मैं लोगों के शरीर और रूप को अलग अलग देखता हूँ, परन्तु मैं अलग नहीं हूँ एक व अखण्ड हूँ. बहुत सी बातें है, क्रिया, कर्म काण्ड हैँ, जिसमें बार बार फंसता हूँ. केवल हम अपनी पकड़ को छोड़ दें. यही पकड़ मुक्ति में बाधक है. जैसे दूध में मक्खन है, दूध में व्याप्त है. परन्तु जब मंथन के बाद वही मक्ख़न दूध में डालने पर साथ रहते हुए अलिप्त रहता है आपका सन्देश मुझे अच्छा लगा धन्यवाद.
जो बाहर के और ले जाता है वो धार्मिकता है जो अंदर के और ले चलता है वो अध्यात्मिकता है। धर्म भटकाता है और अध्यात्म एकाग्र होना सिखाता है। अध्यात्म की बाते दिल को सुकून से भर देता है। When I realize that I'm a soul then I no more remain a seeker.🙏
Muje jite ji marana hai yeh sabhi is pravachan se jana bahut baghiya samajata ko abhi tak kisine samajata nahi koti koti vandan Aum chaitanya Yogeshji apako koti koti pranam
प्रभु श्री चैतन्य योगेश जी प्रणाम, बहुत दिनों से प्रतीक्षा थी, संभवत: अध्यात्म अनुष्ठान में ही रहे हैं, आज सदाशिव का प्रसाद -प्रवचन मिलेगा।।prem swaroop sharma Ajmer
जी हां, सही कहा आपने, ज्ञान बन्धन होता है, ये मेरा अनुभव है - जब मुझे ज्ञान नहीं था, तब मैं सत्य ज्ञान की खोज में थी, और अब जब मुझे ज्ञान मिल रहा है, तो मैं कन्फ्यूज़ हो रही हूं, किस मार्ग पर पर चलूं।
After I realize my true SELF. Only one question I had was. Should I share this knowledge with people. But when I see so many people like you who share this true knowledge. I just sit back and relax in Real or ultimate SELF..
Jaisrikrashn ji 🙏 gyan hi prakash anubhavswarup ek hi he vo aatm swarup aatma hi he jo swayam gyanprkash ...hota...me aatamswarupaatma hi hu ...ye gyanprkash anubhav swayam ishwarbhav drshan bhav prapt ho ta he ...jaisrikrashn..
Gradually transformation is taking place with the alive pointer...such a helpful video for inner journey...आराम से अज्ञान की परतें खुलती रहे...ज्ञान का उदय हो...और हम स्वस्थ और आत्मस्थ होतें रहे... वास्तविक स्वरूप के पास रहें...शिवोहंम..शिवम परम चैतन्यम...🙏😌
@Shiv Shanker अध्यात्मिक प्रगती के लिये प्रथम पात्रता...है, शांत और स्थिर मन... निरंतर सत्संग से मन मान जाता है..आध्यत्मिक पथ पे गति करने के लिये... आदी शंकरचार्यजी रचित भजगोविंदम में इस प्रश्न का ऊत्तर मिलेगा..सत्संगतवे निःसंग त्वम..निःसंगत्वे, निश्चलतत्वे..मन का निश्चल होना जरुरी है..फिर जीवन्मुक्त अवस्था मिल सकती है,🙏🕉️ im not सर्वज्ञानी, फिर भी आपके प्रश्न के लिये धन्यवाद , शिवशंकर जी😌🙏
आदरणीय मित्र🙏आपने बहुत बडा काम किया है आज जो हमने खुद से अपने मन को घड़ लिया था,आपने उसमें दस्तक दी,स्वागत है आपका,कोई आण मिलावै मेरा प्रीतम पिआरा,होउ तुझपै आप वेचाई,शुक्रि है आप आए, बहार आई,मन को मिलीं बधाई,आगे कोई लफ़ज नहीं आ रहा,इतनी खुशी मिलीं है आज मन पावन लग रहा है
Hi Dr to raddffsssu yhfufss day supply Rdreally der Waals do that but do reuse and a andsmsssnnd a friend and rush therest from d X rush fyi drusy d ii really good deal for my schedule a meet a different and returnfrom red flag dear all Dr Muaam
Pranam Sir... Impressive whatever u talk....sir agar dhyan ka upyog rogo ke ilaaz ya mehnge ilaaz ke liye kiya jaaye to manavata ki bahut badi seva hogi aur sarv sulabh hogi bina kisi ki dependency ke...aise hi vichar aaya aapko sunte hue.....kabhi kuch aapko lage to jarur ek vedio us par bhi banaye!!
Pranam Guruji. Today I watched your video. I really liked and could understand. I live in Delhi but now I am in Singapore. I lost my husband due to covid Is been 8 months but I still am grieve.
@@chaitanyadarshan nyc message guru g can u give me sidd your students number I want to join her because I m also single I have also lost my single so I want to join her
Sader parnam sir 🙏🙏 us ak paramshaki ke baare mein itni sunder tarke se samajya. Beech beech mein mujhe sarir ke shithil hone Or vibration ka aabas ho raha tha. 👌👌🙏🙏🙏🙏
शारीरिक स्तर पर मानसिक स्तर पर अनुभूति के स्तर पर जीव एक आयाम पर रहता है साथ ही इन सबसे परे होकर एक अलग आयाम मे रहता है।ध्यान समाधि और भावातीत होकर जो चैतन्य प्राप्त होता है वही अजन्मा अमर अविनाशी शिव तत्व परम तत्व है जिसे किसी भी माध्यम से संप्रेषित नही किया जा सकता।
@@ramrawat1999 आध्यात्मिकता किसी सूत्र सिद्धांत चमत्कार सिद्धि अलौकिक क्रिया से परिभाषित नही होती।कुछ लोग प्रकृतिगत आध्यात्मिक होते है कुछ लोग आध्यात्मिकता हासिल करते है और कुछ लोगो पर आध्यात्मिकता थोप दी जाती है।हर व्यक्ति के गुणसूत्र अलग है अतः उसका आध्यात्मिक रूपांतरण भी उसी की चेतना का परिष्कृत वर्जन होगा।किसी दूसरे का नहीं।धन्यवाद।
आपको सादर नमन. आपने बहुत सुन्दर तरीके से स्वयं के बारे में समझाया, बहुत अच्छा लगा.अब मैं आपके कहे वचन को क्या दोहराऊँ. आजकल तमाम गुरु हैँ, जो भटकाव पैदा करते हैँ. सत्य क्या है, ईश्वर क्या है?मुक्ति क्या है? जिस पर आपने प्रकाश डाला. जो हमारी चेतना है, वह हमारे शरीर में और शरीर से बाहर भी मौजूद है. हम सभी ने सुना है या पढ़ा है आत्मा और परमात्मा के बारे में परन्तु अनुभव में वह तत्व नहीं है. हम यदि आँख बन्द करके ध्यान में बैठते हैँ तो तुरन्त ही हमारा मन बाहर की ओर चला जाता है. या किसी ऐसे भगवान की तस्वीर सामने आती है, जैसे भगवान राम, शिव व कृष्ण आदि. यदि मैंने कोई ऎसी तस्वीर न देखी हो तो वह ध्यान में नहीं आयेंगे. मन का मूल तत्व में ठहर जाना ही ध्यान हो सकता है एक ऎसी सत्ता जिसका नाम, रूप न हो, नाम, रूप वाली वस्तुएँ बनती है, मिट जाती हैँ, उसमें परिवर्तन भी जो शुद्ध चेतना है वह तो अपरिवर्तनीय है. ऎसी सत्ता से मेरे मन का सम्बन्ध हो जाये.मैं इसी में अपने सभी कार्य करते हुए स्थिर रहूँ. रही मुक्ति की बात, तो मुक्ति तो जीते जी ही सम्भव है और यदि मरने के बाद मुक्ति होगी तो इसके लिए सबसे पहले हमें मरना होगा. जब मर जायेंगे तो मुक्ति का अनुभव कैसे होगा?तोता पिंजरे में कैद है, वह पिंजरे से बाहर जीते जी उड़ जाये तो उसे अपनी मुक्ति का अनुभव हो जाये. यदि पिंजरे में ही मर जाये, फिर पिंजरे से बाहर निकालें तो उसे क्या अनुभव होगा? मैं न शरीर हूँ, न मेरा कोई नाम रूप है. मैं ही पूरे ब्रम्हाण्ड में सूच्म रूप से व्याप्त हूँ.मैं लोगों के शरीर और रूप को अलग अलग देखता हूँ, परन्तु मैं अलग नहीं हूँ एक व अखण्ड हूँ. बहुत सी बातें है, क्रिया, कर्म काण्ड हैँ, जिसमें बार बार फंसता हूँ. केवल हम अपनी पकड़ को छोड़ दें. यही पकड़ मुक्ति में बाधक है. जैसे दूध में मक्खन है, दूध में व्याप्त है. परन्तु जब मंथन के बाद वही मक्ख़न दूध में डालने पर साथ रहते हुए अलिप्त रहता है आपका सन्देश मुझे अच्छा लगा धन्यवाद.
Bhut sundar kya wo taranghi h
Nice sir
Verry good
@@RamKumar-vh3qr
Jaybabaswsmi
Mylov
धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद ******
आप व्यवहारिक ज्ञान देते हैं जो ह्रदय को भाता है
मेरा होना ही, आपको सुन रहा हूं। धन्यवाद धन्यवाद ********
Bhot sundar guruji 🙏🙏
🙏🇳🇵बहुत बहुत आभरी🙏
Apney ney bahut hi beautifullly explain keeya thanks
Thanks in vachanon se sahmat hun 🎉 ye shabd vakya ak dusre ke purak han 🎉 man lena or khud par bitne me bahut fark padta hai
जो बाहर के और ले जाता है वो धार्मिकता है जो अंदर के और ले चलता है वो अध्यात्मिकता है। धर्म भटकाता है और अध्यात्म एकाग्र होना सिखाता है। अध्यात्म की बाते दिल को सुकून से भर देता है। When I realize that I'm a soul then I no more remain a seeker.🙏
Adbhut jaankari...thank you
राधे राधे
Mein swa mein stith hu swa ka matlob hey aatma, Mein sorbotro hu. Mujhse koi aalog nehi hey. Mujhse koi chota nehi hey aur mujhse koi bora nehi hey.Mein hi itna rupo mein hu. Mein trigunatit hu. Bandhan aur mukti se upor hu. Mujhko koi bandha nehi hey Jo mukt hunga. Maan opman ninda stuti se bhi upor hu. Thank you Bahut bariya satsang.
God blessed
Right vachan
ਪਿਆਰੇ ਦੇ ਪਿਆਰੇ ਜੀਓ ਜੀ,ਬਹੁਤ ਬਹੁਤ ਧੰਨਵਾਦ ਜੀ🙏🙏🌷🌷💖💖
Aanubhav milne par hi samaj sakte hai 👍🙂 bandhan or mukti me ye hi fark hai bahut khoob dhanyawad 🤗👍🎉
You are the one of the best spiritual guider in a World
Bahut bahut dhanyvad Swami ji
Guru ji pranam
Muje jite ji marana hai yeh sabhi is pravachan se jana bahut baghiya samajata ko abhi tak kisine samajata nahi koti koti vandan Aum chaitanya Yogeshji apako koti koti pranam
प्रभु श्री चैतन्य योगेश जी प्रणाम,
बहुत दिनों से प्रतीक्षा थी, संभवत: अध्यात्म अनुष्ठान में ही रहे हैं, आज सदाशिव का प्रसाद -प्रवचन मिलेगा।।prem swaroop sharma Ajmer
bahut hi sundar tareeka h aapka samjhane ka thanks 🙏
सादर प्रणाम sir
Journey life souls honours wise wisdoms gods gifts thankyou thankyou thankyou breath myself silence myself human journey silence breath Thanksgiving
Very well explained. So nicely. Thank you bhai
Yeah hei mara experience ho ya hei . Mai anubhav kartie rahu . Aap ke true education hai.
Dhanyawad guru ji parnam guru ji
🙏💛
अनुभव का अनुभव करते करते अनुभव बन जाना
बहुत गहराई का मार्गदर्शन धन्यवाद गुरुजी
Be like melting snow. Wash yourself of yourself.
Meine apka ye session 1st time sune aapse live session mein attend kerna chahungi shivoham
यथार्थ सत्य ज्ञान है प्रभु जी
आपने अच्छा बताया
जी हां, सही कहा आपने, ज्ञान बन्धन होता है, ये मेरा अनुभव है - जब मुझे ज्ञान नहीं था, तब मैं सत्य ज्ञान की खोज में थी, और अब जब मुझे ज्ञान मिल रहा है, तो मैं कन्फ्यूज़ हो रही हूं, किस मार्ग पर पर चलूं।
आप का अनुभव 100% सही है।
ज्ञानेश्वर माऊली...🙏बोधोपाय😇🙏
After I realize my true SELF. Only one question I had was. Should I share this knowledge with people. But when I see so many people like you who share this true knowledge. I just sit back and relax in Real or ultimate SELF..
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
Grace Vani 🙏🙏
❤️🙏
आप्का बात सहि है गुरू देब यो सब देख्नेवीला मै हि हु ऊसिमे अड्नेकि कोसिस करना मुस्किल होरहाहै
Koti koti naman Gurudev aapne bahut sundar ढंग से समझाया अष्टावक्र गीता में भी इसे व्याख्या की गई हैं आत्मा की 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
परम सत्य सत्संग, शाश्वत चर्चा 🙏🙏🙏🌹
Mene Osho ko kafi suna hai.un ki tarah aap ne bhi bahut badiya explain kiya hai.many many thanks for this valuable information 👍🙏
Ye guruji communal bhi Hain😅
Jaisrikrashn ji 🙏 gyan hi prakash anubhavswarup ek hi he vo aatm swarup aatma hi he jo swayam gyanprkash ...hota...me aatamswarupaatma hi hu ...ye gyanprkash anubhav swayam ishwarbhav drshan bhav prapt ho ta he ...jaisrikrashn..
Jaisriram jaihanuman namaste 🙏
Gradually transformation is taking place with the alive pointer...such a helpful video for inner journey...आराम से अज्ञान की परतें खुलती रहे...ज्ञान का उदय हो...और हम स्वस्थ और आत्मस्थ होतें रहे... वास्तविक स्वरूप के पास रहें...शिवोहंम..शिवम परम चैतन्यम...🙏😌
🙏
@Shiv Shanker अध्यात्मिक प्रगती के लिये प्रथम पात्रता...है, शांत और स्थिर मन... निरंतर सत्संग से मन मान जाता है..आध्यत्मिक पथ पे गति करने के लिये... आदी शंकरचार्यजी रचित भजगोविंदम में इस प्रश्न का ऊत्तर मिलेगा..सत्संगतवे निःसंग त्वम..निःसंगत्वे, निश्चलतत्वे..मन का निश्चल होना जरुरी है..फिर जीवन्मुक्त अवस्था मिल सकती है,🙏🕉️ im not सर्वज्ञानी, फिर भी आपके प्रश्न के लिये धन्यवाद , शिवशंकर जी😌🙏
@Shiv Shanker अध्यात्मिक संगती की खोज करो..निरपेक्ष ,निर्मोह होकर.
@@chaitanyadarshan shivoham shivoham shivoham 👋👋🙏🙏🙏
@@chaitanyadarshan 👋👋👋🙏🙏🙏
Yes parivartan hoa 🎉 kyoki us watavaran ke aanuroop me hokar
गुरूदेव अदभुत🙏🙏
आदरणीय मित्र🙏आपने बहुत बडा काम किया है आज जो हमने खुद से अपने मन को घड़ लिया था,आपने उसमें दस्तक दी,स्वागत है आपका,कोई आण मिलावै मेरा प्रीतम पिआरा,होउ तुझपै आप वेचाई,शुक्रि है आप आए, बहार आई,मन को मिलीं बधाई,आगे कोई लफ़ज नहीं आ रहा,इतनी खुशी मिलीं है आज मन पावन लग रहा है
Hi Dr to raddffsssu yhfufss day supply Rdreally der Waals do that but do reuse and a andsmsssnnd a friend and rush therest from d X rush fyi drusy d ii really good deal for my schedule a meet a different and returnfrom red flag dear all Dr Muaam
It
I
Apaka centre kaha hai
Aap badhai ke patr hain 🙏
So kindly n lovely ❤️ 🌹 master di 🙏.
😂 1:25:34 🙏🏼🙏🏼Very nicely answered.
Cote Cote naman Guru ji
Very Nice 🙏🌹 Thank You Very Much 🙏🌹🌹🤗
Only a realized teacher can take one on an inner journey to the Self with so much ease.🙏
अतिसुंदर अंतिम सत्य 🙏🙏
🙏😌
Very nice mujhe bahut aacha laga ❤️🙏
प्रणाम brother आपके प्रवचन अच्छे लगे
Thanks sadgurudev for excellent vdo nd pranam.
🙏
🙏 प्रणाम गुरुजी अब मेरी आध्यात्मीक खोज खत्म हो गई धन्यवाद धन्यवाद
Pranam Sir... Impressive whatever u talk....sir agar dhyan ka upyog rogo ke ilaaz ya mehnge ilaaz ke liye kiya jaaye to manavata ki bahut badi seva hogi aur sarv sulabh hogi bina kisi ki dependency ke...aise hi vichar aaya aapko sunte hue.....kabhi kuch aapko lage to jarur ek vedio us par bhi banaye!!
Very true
Om namah Shivay Om Chaitanya namah 🌹❤️🙏
मन नहीं बदलतati
Very insightful and instructive
Om tat sat prm prm prm prkash om prm prm prm santi
Ati uttam pranam
🕉🌹शत शत नमन धन्यवाद 🌹🙏🙏
Sat sat namn
Knowledge reach global thanks myself
Pranam Guruji. Today I watched your video. I really liked and could understand. I live in Delhi but now I am in Singapore. I lost my husband due to covid
Is been 8 months but I still am grieve.
🙏I live in Dubai. You can write to chaitanya.darshan01@gmail.com.
@@chaitanyadarshan nyc message guru g can u give me sidd your students number I want to join her because I m also single I have also lost my single so I want to join her
Sadar Naman imagi nations are play of mind
🙏
Life is a gifts Sunshine's
Thank Thank ji
प्रतिकूल परिस्थिति (असफलता) के पिछे कारण क्या है? कर्म फल, प्रारब्ध, ग्रह नक्षत्रों की स्थिति , कोन प्रभावित करता है ?
Sader parnam sir 🙏🙏 us ak paramshaki ke baare mein itni sunder tarke se samajya. Beech beech mein mujhe sarir ke shithil hone Or vibration ka aabas ho raha tha. 👌👌🙏🙏🙏🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻pranam
देखने के तरीके में दिक्कत है, यह कथन उचित लगता है, दृष्टिकोण का महत्व बहुत अधिक है,
Hariom G 🙏🌹🌹🌹
Chaitanya or chitta me kya antar hai?
15:30 🙏 aapko aur aapki yatra me sabhi sahbhagi ko Prem Naman
❤❤❤
नबदल्ने वाला द्रॅष्ट्रा म नबदल्नेवाला आत्मा चैतन्य होगा ना गुरूदेब
मुझे आपसे ध्यान सिखना हे
Sir may upse ekbar bat karna chahata hu please sir
Everyday humans are changing
I want to join live
Yogesh ji aap ke chehre par etni gajab ki smile ka raj kya hai.main to aap ka chehra hi dekhti rahti hu.🙏
🌷 बहुत सुन्दर व्याख्या 🌷
🙏
प्रणाम गुरु जी 🙏🙏🙏
🙏
शारीरिक स्तर पर मानसिक स्तर पर अनुभूति के स्तर पर जीव एक आयाम पर रहता है साथ ही इन सबसे परे होकर एक अलग आयाम मे रहता है।ध्यान समाधि और भावातीत होकर जो चैतन्य प्राप्त होता है वही अजन्मा अमर अविनाशी शिव तत्व परम तत्व है जिसे किसी भी माध्यम से संप्रेषित नही किया जा सकता।
@@ramrawat1999 आध्यात्मिकता किसी सूत्र सिद्धांत चमत्कार सिद्धि अलौकिक क्रिया से परिभाषित नही होती।कुछ लोग प्रकृतिगत आध्यात्मिक होते है कुछ लोग आध्यात्मिकता हासिल करते है और कुछ लोगो पर आध्यात्मिकता थोप दी जाती है।हर व्यक्ति के गुणसूत्र अलग है अतः उसका आध्यात्मिक रूपांतरण भी उसी की चेतना का परिष्कृत वर्जन होगा।किसी दूसरे का नहीं।धन्यवाद।
Very nice video...
thank u so much sir
॥ॐ नमःशिवाय॥
🌷🙏🌷
🌷
Wah kya baat h...mja aa gya Guruji 🙏
आनंद का अनुभव हुआ
Om namah shivay
अति उत्तम
सर्वव्यापक का कोई मार्ग नहीं होता
Thankyou thankyou so much sir 🙏🙏🙏🙏
So nice information
शत शत नमन
Thanks
Pranam Guru dev
Thanks sir 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Maine 12. Vipassana shibir kiya hai lekin apane to life change kar di