India's Revised No Detention Policy - 21

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  • Опубликовано: 25 дек 2024

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  • @KnowledgeisKeytoSuccess
    @KnowledgeisKeytoSuccess  23 часа назад

    Frequently Asked Questions: No-Detention Policy in India:
    1. What is the No-Detention Policy and why was it scrapped in India?
    The No-Detention Policy, part of the Right to Education Act of 2009, prohibited the detention of students in any class until the completion of elementary education (up to Class 8). This policy was recently scrapped for Classes 5 and 8 in schools under the Indian government's jurisdiction due to concerns about declining academic standards and student accountability. It was argued that the policy led to a lack of seriousness in studies and transformed schools into mere providers of mid-day meals.
    2. How will the new policy affect students in Classes 5 and 8?
    Under the new policy, students who fail the annual exams in Classes 5 and 8 will be given remedial instruction and a chance to reappear for a re-examination within two months. Failure in the re-examination may result in detention. The policy emphasizes competency-based assessments focusing on holistic development rather than rote memorization.
    3. What measures are being taken to support struggling students?
    The new policy mandates teachers and school heads to identify learning gaps and provide targeted support to students who are struggling. They are required to closely monitor the progress of these students and ensure they receive adequate assistance to improve their performance.
    4. Are there any safeguards in place to protect the rights of students?
    Yes, the policy includes safeguards to protect student rights. No child can be expelled from school before completing Class 8. Detailed records of detained students and their academic progress must be maintained by schools.
    5. What are the differing viewpoints on the policy change?
    The policy change has sparked debate. Supporters, including many educators and parents, believe it will restore academic rigor and encourage better learning outcomes. Critics, however, argue that detentions may increase dropout rates and contradict the Right to Education Act's goal of inclusive education.
    6. What is Continuous and Comprehensive Evaluation (CCE), and how does it relate to the new policy?
    CCE is a process of assessment that focuses on evaluating a student's progress throughout the academic year, rather than solely relying on end-of-year exams. Critics of the policy change advocate for integrating CCE to track student progress more effectively and avoid the stigma associated with failure and detention.
    7. What recommendations are being made for the successful implementation of the new policy?
    Recommendations include early identification of at-risk students to prevent failure, focusing on addressing learning gaps throughout the year, and vigilant oversight by school heads to ensure adequate support for struggling students.
    8. What is the overall aim of the policy change?
    The abolition of the No-Detention Policy represents a shift in India's educational approach, aimed at striking a balance between accountability and inclusivity. The goal is to improve learning outcomes while ensuring that students who require additional support receive it. The success of the policy will hinge on its careful implementation and the provision of continuous support for underperforming students.

    • @KnowledgeisKeytoSuccess
      @KnowledgeisKeytoSuccess  23 часа назад

      बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न: भारत में नो-डिटेंशन नीति
      प्र1. नो-डिटेंशन नीति क्या है, और इसे भारत में क्यों समाप्त कर दिया गया?
      नो-डिटेंशन नीति, 2009 के शिक्षा का अधिकार अधिनियम का हिस्सा थी, जो प्राथमिक शिक्षा (कक्षा 8 तक) की समाप्ति तक किसी भी कक्षा में छात्रों को रोकने पर प्रतिबंध लगाती थी। हाल ही में इसे कक्षा 5 और 8 के लिए समाप्त कर दिया गया है, क्योंकि यह पाया गया कि इस नीति से शैक्षिक मानकों में गिरावट आई और छात्रों में पढ़ाई के प्रति गंभीरता कम हो गई। आलोचना यह भी थी कि इस नीति के कारण स्कूल केवल मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने वाले संस्थान बनकर रह गए।
      प्र2. नई नीति का कक्षा 5 और 8 के छात्रों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
      नई नीति के तहत, जो छात्र कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में असफल होंगे, उन्हें सुधारात्मक शिक्षा दी जाएगी और दो महीने के भीतर फिर से परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। पुन: परीक्षा में असफल होने पर उन्हें रोक दिया जा सकता है। यह नीति रटने के बजाय समग्र विकास पर आधारित कौशल-आधारित मूल्यांकन को प्रोत्साहित करती है।
      प्र3. कमजोर छात्रों को समर्थन देने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
      नई नीति के अनुसार, शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों को छात्रों की सीखने की खामियों की पहचान करनी होगी और कमजोर छात्रों को लक्षित सहायता प्रदान करनी होगी। उनके प्रदर्शन में सुधार सुनिश्चित करने के लिए इन छात्रों की प्रगति की निगरानी अनिवार्य है।
      प्र4. छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए क्या प्रावधान हैं?
      हां, नीति में छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रावधान हैं। किसी भी छात्र को कक्षा 8 पूरी करने से पहले स्कूल से निष्कासित नहीं किया जा सकता। स्कूलों को रोके गए छात्रों और उनकी शैक्षणिक प्रगति का विस्तृत रिकॉर्ड रखना होगा।
      प्र5. नीति परिवर्तन पर अलग-अलग दृष्टिकोण क्या हैं?
      नीति परिवर्तन पर बहस हो रही है। समर्थकों, जिनमें कई शिक्षकों और माता-पिता शामिल हैं, का मानना है कि यह शैक्षणिक कठोरता को बहाल करेगा और बेहतर सीखने के परिणामों को प्रोत्साहित करेगा। आलोचक तर्क देते हैं कि रुकावट से ड्रॉपआउट दर बढ़ सकती है और यह शिक्षा का अधिकार अधिनियम के समावेशी शिक्षा के लक्ष्य के विपरीत है।
      प्र6. सतत और व्यापक मूल्यांकन (CCE) क्या है, और इसका नई नीति से क्या संबंध है?
      CCE मूल्यांकन की एक प्रक्रिया है जो वर्ष भर में छात्र की प्रगति का मूल्यांकन करने पर केंद्रित है, केवल वर्षांत परीक्षाओं पर निर्भर रहने के बजाय। नीति परिवर्तन के आलोचक CCE को शामिल करने की वकालत करते हैं ताकि छात्रों की प्रगति को अधिक प्रभावी ढंग से ट्रैक किया जा सके और असफलता व रोकने से जुड़े कलंक से बचा जा सके।
      प्र7. नई नीति के सफल कार्यान्वयन के लिए क्या सिफारिशें की जा रही हैं?
      सिफारिशों में असफलता को रोकने के लिए जोखिमग्रस्त छात्रों की प्रारंभिक पहचान, वर्ष भर सीखने की खामियों को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करना, और कमजोर छात्रों को पर्याप्त सहायता सुनिश्चित करने के लिए स्कूल प्रमुखों द्वारा सतर्क निगरानी शामिल है।
      प्र8. नीति परिवर्तन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
      नो-डिटेंशन नीति का उन्मूलन भारत के शैक्षिक दृष्टिकोण में एक बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है, जिसका उद्देश्य जवाबदेही और समावेशिता के बीच संतुलन बनाना है। लक्ष्य बेहतर सीखने के परिणाम प्राप्त करना है, जबकि यह सुनिश्चित करना है कि अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता वाले छात्रों को इसे प्राप्त हो। इस नीति की सफलता इसके सावधानीपूर्वक कार्यान्वयन और कमजोर छात्रों को निरंतर समर्थन प्रदान करने पर निर्भर करेगी।